किस्सा धु्रव भगत 1 दोचस्मी, Dhru Bhagat Duet 1 KPS MS

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  • Опубликовано: 28 авг 2024
  • किस्सा धु्रव भगत 1 दोचस्मी, Dhru Bhagat Duet 1 KPS MS
    🔹Tittle :- किस्सा धु्रव भगत 1
    🔹Singer :- Dhru Bhagat
    🔹Music :-
    🔹Editor :-
    🔹writer :-
    #गाथा
    #भजन
    #रागनी
    #गाना
    #कहानी
    #इतिहास
    किस्सा-धु्रव भगत-1-दोचस्मी,
    गायक-कर्मपाल शर्मा व मंजु शर्मा,
    रचयिता-लखमीचन्द, श्री कर्मपाल शर्मा और मंजु शर्मा
    1. मैं आई कुछ कहण तेरे तै मुंह राखे जे आई का।
    तेरे दिल तै दूर नहीं तेरी नणद के भाई का।।
    2. दूजा ब्याह करवा ले साजन म्हारी अगत बेल चलै।
    बल और रूप लक्ष्मी बेटे बिना भाग के नहीं मिलै।।
    3. सजना मैं जांगी पीहर मैं, बलमा मैं जांगी मैं पीहर मैं।
    तेरे ब्याह का कटवा दूं रोग, मिटै सब रोग हो पिया जाण दे।
    गौरी तू मतजा पीहर मैं, राणी तू मतज्या पीहर मैं।
    म्हारा दुनियां करै मखौल ढके सैं ढोल रै गौरी राहण दे।।
    4. आई मां तेरे दर पै, विपदा सै मेरे सिर पै, दुख मैं भरा सै गाात,
    बिगड़ी बणा दे मेरी मात।।
    तर्ज-कजरा मोहब्बत वाला अंखियों में ऐसा डाला...
    5. मांगन हाथ सुरूचि का पिया आई सै तेरी जाई।
    आंख मीच मत हां भरिए कदे पल्ले बंधे बुराई।।
    तर्ज-नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे ढूंढू रे सांवरिया
    6. बान बैठ जा मटणा ला ले बांध लिए सर सेहरा।
    मेरी उम्र पुरानी धोले आले कित रह रहया ब्याह का ब्योंत मेरा।।
    7. अग्नि करके आज साक्षी मेरे वचन भूप भरिए।
    जो मांगेगी सो दे दंयूगा दिल में परी धीर धरिए।।
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