#गंगा_दशहरा_स्पेशल_गीत
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- Опубликовано: 5 фев 2025
- जबाबी कीर्तन के नए नए प्रोग्राम सुनने के लिए जेपी मनचला स्टूडियों से जुडे रहे!!
जवाबी कीर्तन महमूदाबाद सीतापुर
रंजीत राज & जे पी मनचला जी
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पूजनीय मनचला जी आपने बहुत अच्छा गीत गया है
Bahut khoob adarniy ranjitraj i
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है। आपके चरणों में नमन है।
वह मनचला जी बेजोड़ गीत मजा आ गया
बहुत सुंदर
Very nice Song Manachala ji Sadar pranam
Bahut. Sundar. J. P. Bhaiya
अति सुंदर और हृदय स्पर्शी गायन भैया जी सादर प्रणाम शुभ रात्रि जय श्री राम ❤❤
Gurudev ji ko Sadar pranam bahut Sundar
Prasang. Bahut. Achcha. Gaya. Hai. Dhun. Bhi
🌹🌹🌹🌹Aap ka. geet bahut sunder hai❤️❤️🙏👌👌
आदरणीय मनचला जी आपकी गाने की धुन और समझाने का तौर तरीका वास्तव में मेरा व्यक्तिगत विचार है कि किसी अन्य कलाकार में नहीं है। आपके चरणों में नमन है।
🙏🙏🙏🙏
जब गंगा किनारे केवट ने चरण पखारे तो -
पद नख निरखि देव सरि हरषी |
अर्थात अपने घर (मायका) को देखकर प्रफुल्लित हो गईं |
बहुत सुन्दर जयहो गुरु जी🙏💕🙏💕
मनचला जी! जब आप गीत के बीच में गलगलाते हैं तो भगवान् शिव की याद आती है कि विष पीकर गलगलाने से साबर मंत्र की उत्पत्ति हुई है |
Prayass
acchahai
Jababka
Jahnu rishi ki bhi bat ho nhi chahiye thi
बन के शिकारी बन बन भटके तबीयत हे अकुलानी
मुख प्यास से भयाकुल दशरथ तो मैं ने पिलाया पानी
मागले बर तो बोले दशरथ
निकली बड़ी सयानी निकली बड़ी
सयानी
तो मैं शाशन करूं रे चोदा बरस साकेत पे
बात ये सही। या आप की सही
निबेदन जबाब प्रमाण से दे
आभारी रहुगा आप का