Vikramaditya Dance with his wife in his Reception in Rampur Bushahar

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  • Опубликовано: 25 окт 2024

Комментарии • 17

  • @DigvijaySingh-kw5tr
    @DigvijaySingh-kw5tr Год назад

    ❤🎉 JA Ho 🎉Shakti peet naraynban KHANDHA Bali Choki

  • @Rajnews1234
    @Rajnews1234 5 лет назад +3

    कहा जाता है कि अगर भारत का इतिहास लिखना है तो इसकी शुरुआत राजस्थान की धरा से करनी चाहिए ! वीरों की अमर गाथा से भरे इस प्रदेश की हर दरो-दीवार पर यहां के शूरवीरों के शौर्य की कहानियां मिल जायेंगी ! राजस्थान का अपना गौरवमयी इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है !आज आपके सामने प्रस्तुत है एक वीर योद्धा की कहानी जिसने राजा की सेना में आगे रहने के लिए अपना सिर काटकर किले में फेंक दिया था !
    ऐसा प्रतीत होता है कि आत्मा की अमरता का गीता सन्देश राजस्थान ने पूरी तरह आत्मसात किया | यही कारण है कि पद्मिनी का जौहर हो चाहे राजपूतों के हजारों बलिदानों की शौर्य गाथा, यहाँ के चप्पे चप्पे पर मिल जाती हैं ! ऎसी ही गाथाओं मे से एक है चूडावतों के सरदार जैतसिंह चूडावत की कहानी ! मेवाड़ के महाराणा अमरसिंह की सेना की दो राजपूत रेजिमेंट चूडावत और शक्तावत में अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए एक प्रतियोगिता हुई थी ! इस प्रतियोगिता को राजपूतों की अपनी आन, बान और शान के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर देने का अद्भुत उदाहरण माना जाता है !
    मेवाड़ के महाराणा अमरसिंह की सेना में ,विशेष पराक्रमी होने के कारण "चूडावत" खाप के वीरों को ही "हरावल" यानी युद्ध भूमि में अग्रिम पंक्ति में रहने का गौरव प्राप्त था व वे उसे अपना अधिकार समझते थे ! किन्तु "शक्तावत" खाप के वीर राजपूत भी कम पराक्रमी नहीं थे ! उनके हृदय में भी यह इच्छा जागृत हुई कि युद्ध क्षेत्र में मृत्यु से पहला मुकाबला हमारा होना चाहिए ! अपनी इस महत्वाकांक्षा को महाराणा अमरसिंह के समक्ष रखते हुए शक्तावत वीरों ने कहा कि हम चूडावतों से त्याग,बलिदान व शौर्य में किसी भी प्रकार कम नहीं है ! कृपया हरावल में रहने का अधिकार हमें दीजिये ! सभी जानते थे कि युद्ध भूमि में सबसे आगे रहना अर्थात मृत्यु को सबसे पहले गले लगाना है ! मौत की इस तरह पहले गले लगाने की चाहत को देख महाराणा धर्म-संकट में पड़ गए कि किस पक्ष को अधिक पराक्रमी मानकर युद्ध भूमि में आगे रहने का अधिकार दिया जाए ?
    हरावल में आगे रहने का निर्णय करने के लिए उन्होंने एक कसौटी तय की, इस कसौटी के अनुसार यह तय किया गया कि दोनों दल उन्टाला दुर्ग पर अलग-अलग दिशा से एक साथ आक्रमण करेंगे व जिस दल का व्यक्ति पहले दुर्ग में प्रवेश करेगा उसे ही युद्ध भूमि में रहने का अधिकार दिया जाएगा !
    प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए दोनों दलों के रण-बांकुरों ने उन्टाला दुर्ग (किले) पर आक्रमण कर दिया ! शक्तावत वीर दुर्ग के फाटक के पास पहुंच कर उसे तोड़ने का प्रयास करने लगे तो चूडावत वीरों ने पास ही दुर्ग की दीवार पर रस्से डालकर चढ़ने का प्रयास शुरू कर दिया ! इधर शक्तावतों ने जब दुर्ग के फाटक को तोड़ने के लिए फाटक पर हाथी को टक्कर देने के लिए आगे बढाया तो फाटक में लगे हुए लोहे के नुकीले शूलों से सहम कर हाथी पीछे हट गया !
    हाथी को पीछे हटते देख शक्तावतों का सरदार बल्लू शक्तावत, अद्भुत बलिदान का उदाहरण देते हुए फाटक के शूलों पर सीना अड़ाकर खड़ा हो गया व महावत को हाथी से अपने शरीर पर टक्कर दिलाने को कहा जिससे कि हाथी शूलों के भय से पीछे न हटे ! एक बार तो महावत सहम गया, किन्तु फिर वीर बल्लू को साक्षात यमराज जैसा क्रोधावेश में देखकर उसे विवश होना पड़ा | अंकुश खाकर हाथी ने शक्तावत सरदार बल्लू को टक्कर मारी, फाटक में लगे हुए शूल वीर बल्लू शक्तावत के सीने में घुस गए और वे वीर-गति को प्राप्त हो गये ! उसके साथ ही दुर्ग का फाटक भी टूट गया !
    शक्तावत के दल ने दुर्ग का फाटक तोड़ दिया ! दूसरी ओर चूडावतों के सरदार जैतसिंह चूडावत ने जब यह देखा कि फाटक टूटने ही वाला है तो उसने पहले दुर्ग में पहुंचने की शर्त जीतने के उद्देश्य से अपने साथी को कहा कि मेरा सिर काटकर दुर्ग की दीवार के ऊपर से दुर्ग के अन्दर फेंक दो ! साथी जब ऐसा करने में असमर्थ दिखा तो उसने स्वयं अपना मस्तक काटकर दुर्ग में फेंक दिया ! फाटक तोड़कर जैसे ही शक्तावत वीरों के दल ने दुर्ग में प्रवेश किया, तो उससे पहले ही चूडावत सरदार का कटा मस्तक दुर्ग के अन्दर मौजूद था !
    चूडावत राजपूतो की राजस्थान के अन्दर चार रियासते है देवगड आमेट सलूमबर बैगू
    पूर्व प्रधानमंत्री विश्व नाथ प्रताप सिंह जी भी chundawat ओ की देवगढ रियासत मे शादी की थी
    बाई जी राजकुमारी सुदर्शना सिह chundawat जी भी
    Chundawat रियासत आमेट राजसमंद के रियासत से है
    वर्तमान मे भारतीय सेना मे भी chundawat राजपूत भारी मात्रा मे सक्रिय है

    • @anayajasrotia7132
      @anayajasrotia7132 5 лет назад

      अपना भारत Jai Rajputana Jai Dev har har mahadev

    • @CK30585
      @CK30585 5 лет назад

      Sabhi rajput brave and imaandaar nai hain. I have met many who have no morals and ethics.

  • @triloknautiyal9717
    @triloknautiyal9717 5 лет назад +4

    Raja saheb 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @Paharispecial
    @Paharispecial 5 лет назад +1

    Nice

  • @monikathakur2487
    @monikathakur2487 5 лет назад +1

    Wow😀

    • @rohitvlogs4u
      @rohitvlogs4u Год назад

      ruclips.net/video/mhRhIlH1RbA/видео.html

  • @madhupriya4961
    @madhupriya4961 3 года назад +3

    Non sense,grib ke dhn ko loota,yh नजारा बनाया,धिक्कार है ऐसी सोच पर।

    • @rohitvlogs4u
      @rohitvlogs4u Год назад

      ruclips.net/video/mhRhIlH1RbA/видео.html

  • @hellowazirs9832
    @hellowazirs9832 5 лет назад +1

    Mujhe be bula deta shaadi mein

  • @rohitvlogs4u
    @rohitvlogs4u Год назад +1

    Q

  • @wwakay230
    @wwakay230 5 лет назад +1

    Y himachli dance h or log b dress b why u give a wrong information to viewers...

    • @csaurbh274
      @csaurbh274 5 лет назад +1

      virkam aditya himachal k 6 time Chief minister virbhadra ka beta h !!!! or ye uski shaadi ka video h jo last week hui h....jaipur k ek raj ghraane se.....or virbhdra bhi rampur bushahr(upper shimla) m raaj ghraane se h....
      i doubt ki tum himachali ho bhi???

    • @nidhiguptamittal5876
      @nidhiguptamittal5876 5 лет назад

      Kya veerbhadra ji rampur bushar me rehte hai...

    • @rohitvlogs4u
      @rohitvlogs4u Год назад

      ruclips.net/video/mhRhIlH1RbA/видео.html