मुझे यह कहने मे जरा भी संकोच नहीं है की इतनी बारीक बात और विचार को समझने के लिए कितना फोकस्ड माइंड चाहिए, मेरी समझ से बाहर है। इतना ज्ञान। आपको भगवान तथागत सभी आशीर्वाद दें। अचानक ये चैनल लग गया। मैं तो जैसे धन्य हो गया। मेरे पास शब्दों का अकाल सा है,आपका शुक्रिया अदा करने के लिए। Budhha bless you.🙏🙏🙏🙏
@@shravakyan8540 ruclips.net/video/-z5ktve0zQY/видео.htmlइन सारे संस्थाओं के पीछे जो भी लोग हैं, वे लोग कर्जे में सिर्फ कागज के रद्दी टुकड़े देते हैं चाहे उसे लोग डॉलर कहें, पाउंड कहें, रुपया कहें, यूरो, येन, इत्यादि कुछ भी नाम हो, जिनका असली में कोई मूल्य नहीं है। बस लोगों ने मान रखा है (Belief: Be leaf) कि उन कागज के टुकड़ों का कुछ महत्व है। और बदले में विश्व के सारे संसाधन, जमीन, जंगल, संपदा, इत्यादि पर वे कुछ लोग कब्जा कर चुके हैं/ कर रहे हैं। आए दिन हम लोग सुनते रहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर Western Ghats, तो ओडिशा, मध्य प्रदेश, आदि के जंगलों से आदिवासियों को भगाया जा रहा है, ...... मतलब वे सब बिक चुके हैं अब। बैंक भी आपको home loan के रूप में अपना कुछ भी नहीं देता मगर 3 महीने का emi नहीं चुकाने पर अब उसके पास किसी का घर (असली जमीन) आ चुका रहता है। कब समझेंगे लोग? दिन पर दिन इन सबके वजह से महंगाई आसमान छूते जा रही है, गरीबी, भुखमरी बढ़ते जा रही। मगर लोग उसमें adjust होते जा रहे। ULCT सबसे बड़े समाधान के रूप में आ चुका है, अब किसका इंतजार हो रहा है? सबसे मजे की बात है कि सरकार में बैठे लोग देश के नाम पर अरबों में loan लेते हैं मगर उन्हें कुछ नहीं चुकाना रहता। नागरिकों पर टैक्स बढ़ा दिया जाता, बिजली बिल बढ़ा दिया जाता, आदि। Loan लेने वाले नेता, मंत्री अपने लिए आलिशान घर बंगला, factory, कंपनी, इत्यादि अथाह संपत्ति 5 साल में बना लेते हैं। उनकी कोई जवाबदेही नहीं होती। कुछ भी हो, चाहे सरकार के पास जमीनें हों या WEF के पास, सब हमारा ही collateral है।ruclips.net/video/-z5ktve0zQY/видео.html
इन सारे संस्थाओं के पीछे जो भी लोग हैं, वे लोग कर्जे में सिर्फ कागज के रद्दी टुकड़े देते हैं चाहे उसे लोग डॉलर कहें, पाउंड कहें, रुपया कहें, यूरो, येन, इत्यादि कुछ भी नाम हो, जिनका असली में कोई मूल्य नहीं है। बस लोगों ने मान रखा है (Belief: Be leaf) कि उन कागज के टुकड़ों का कुछ महत्व है। और बदले में विश्व के सारे संसाधन, जमीन, जंगल, संपदा, इत्यादि पर वे कुछ लोग कब्जा कर चुके हैं/ कर रहे हैं। आए दिन हम लोग सुनते रहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर Western Ghats, तो ओडिशा, मध्य प्रदेश, आदि के जंगलों से आदिवासियों को भगाया जा रहा है, ...... मतलब वे सब बिक चुके हैं अब। बैंक भी आपको home loan के रूप में अपना कुछ भी नहीं देता मगर 3 महीने का emi नहीं चुकाने पर अब उसके पास किसी का घर (असली जमीन) आ चुका रहता है। कब समझेंगे लोग? दिन पर दिन इन सबके वजह से महंगाई आसमान छूते जा रही है, गरीबी, भुखमरी बढ़ते जा रही। मगर लोग उसमें adjust होते जा रहे। ULCT सबसे बड़े समाधान के रूप में आ चुका है, अब किसका इंतजार हो रहा है? सबसे मजे की बात है कि सरकार में बैठे लोग देश के नाम पर अरबों में loan लेते हैं मगर उन्हें कुछ नहीं चुकाना रहता। नागरिकों पर टैक्स बढ़ा दिया जाता, बिजली बिल बढ़ा दिया जाता, आदि। Loan लेने वाले नेता, मंत्री अपने लिए आलिशान घर बंगला, factory, कंपनी, इत्यादि अथाह संपत्ति 5 साल में बना लेते हैं। उनकी कोई जवाबदेही नहीं होती। कुछ भी हो, चाहे सरकार के पास जमीनें हों या WEF के पास, सब हमारा ही collateral है।
मुझे यह कहने मे जरा भी संकोच नहीं है की इतनी बारीक बात और विचार को समझने के लिए कितना फोकस्ड माइंड चाहिए, मेरी समझ से बाहर है। इतना ज्ञान। आपको भगवान तथागत सभी आशीर्वाद दें। अचानक ये चैनल लग गया। मैं तो जैसे धन्य हो गया। मेरे पास शब्दों का अकाल सा है,आपका शुक्रिया अदा करने के लिए। Budhha bless you.🙏🙏🙏🙏
Sadhu sadhu sadhu 🙏🙏🙏Sabbe Satva Sukhita Hontu , TRIRATNAYO Nãmo
Nmo budhy 💐💐💐
Sadhu sadhu sadhu 💐💐💐
Vanda mi bhante ji 💐💐💐
Very helpful and good
Ye sbhi khaniya school me kiv nhi pdhi jati? Jankari ke liye ache vichar hai.
Nice performance,next part bhi daliye
very good,jay bhim ,namo buddhay
साधु साधु साधु
साधु साधु साधु 🌷🌷🌷
Sadhu sadhu sadhu 🌻🌷
धन्यवाद..🙏🙏🙏🙏🙏
Vandami Bhnateji 🙏🙏🙏
🙏🌹नमो बुद्धाय🌹🙏
Sadhu sadhu sadhu.....
Budhjivi ko vipasna karna bahot zariri hai.
नमो बुद्धाय 🙏
बहोत अच्छा 🙏🙏 बौद्ध समाज को जरुर सुनना चाहीए 🙏🙏 बच्चो को संस्कारीत करणे मे लाभदायक है 🙏💐💐
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
@@shravakyan8540 ruclips.net/video/-z5ktve0zQY/видео.htmlइन सारे संस्थाओं के पीछे जो भी लोग हैं, वे लोग कर्जे में सिर्फ कागज के रद्दी टुकड़े देते हैं चाहे उसे लोग डॉलर कहें, पाउंड कहें, रुपया कहें, यूरो, येन, इत्यादि कुछ भी नाम हो, जिनका असली में कोई मूल्य नहीं है। बस लोगों ने मान रखा है (Belief: Be leaf) कि उन कागज के टुकड़ों का कुछ महत्व है।
और बदले में विश्व के सारे संसाधन, जमीन, जंगल, संपदा, इत्यादि पर वे कुछ लोग कब्जा कर चुके हैं/ कर रहे हैं।
आए दिन हम लोग सुनते रहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर Western Ghats, तो ओडिशा, मध्य प्रदेश, आदि के जंगलों से आदिवासियों को भगाया जा रहा है, ...... मतलब वे सब बिक चुके हैं अब।
बैंक भी आपको home loan के रूप में अपना कुछ भी नहीं देता मगर 3 महीने का emi नहीं चुकाने पर अब उसके पास किसी का घर (असली जमीन) आ चुका रहता है।
कब समझेंगे लोग? दिन पर दिन इन सबके वजह से महंगाई आसमान छूते जा रही है, गरीबी, भुखमरी बढ़ते जा रही। मगर लोग उसमें adjust होते जा रहे। ULCT सबसे बड़े समाधान के रूप में आ चुका है, अब किसका इंतजार हो रहा है?
सबसे मजे की बात है कि सरकार में बैठे लोग देश के नाम पर अरबों में loan लेते हैं मगर उन्हें कुछ नहीं चुकाना रहता। नागरिकों पर टैक्स बढ़ा दिया जाता, बिजली बिल बढ़ा दिया जाता, आदि। Loan लेने वाले नेता, मंत्री अपने लिए आलिशान घर बंगला, factory, कंपनी, इत्यादि अथाह संपत्ति 5 साल में बना लेते हैं। उनकी कोई जवाबदेही नहीं होती।
कुछ भी हो, चाहे सरकार के पास जमीनें हों या WEF के पास, सब हमारा ही collateral है।ruclips.net/video/-z5ktve0zQY/видео.html
ruclips.net/video/-z5ktve0zQYh/видео.htmlttps://ruclips.net/video/-z5ktve0zQYh/видео.htmlttps://ruclips.net/video/-z5ktve0zQYh/видео.htmlttps://ruclips.net/video/-z5ktve0zQYh/видео.htmlttps://ruclips.net/video/-z5ktve0zQYh/видео.htmlttps://ruclips.net/video/-z5ktve0zQY/видео.html
इन सारे संस्थाओं के पीछे जो भी लोग हैं, वे लोग कर्जे में सिर्फ कागज के रद्दी टुकड़े देते हैं चाहे उसे लोग डॉलर कहें, पाउंड कहें, रुपया कहें, यूरो, येन, इत्यादि कुछ भी नाम हो, जिनका असली में कोई मूल्य नहीं है। बस लोगों ने मान रखा है (Belief: Be leaf) कि उन कागज के टुकड़ों का कुछ महत्व है।
और बदले में विश्व के सारे संसाधन, जमीन, जंगल, संपदा, इत्यादि पर वे कुछ लोग कब्जा कर चुके हैं/ कर रहे हैं।
आए दिन हम लोग सुनते रहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर Western Ghats, तो ओडिशा, मध्य प्रदेश, आदि के जंगलों से आदिवासियों को भगाया जा रहा है, ...... मतलब वे सब बिक चुके हैं अब।
बैंक भी आपको home loan के रूप में अपना कुछ भी नहीं देता मगर 3 महीने का emi नहीं चुकाने पर अब उसके पास किसी का घर (असली जमीन) आ चुका रहता है।
कब समझेंगे लोग? दिन पर दिन इन सबके वजह से महंगाई आसमान छूते जा रही है, गरीबी, भुखमरी बढ़ते जा रही। मगर लोग उसमें adjust होते जा रहे। ULCT सबसे बड़े समाधान के रूप में आ चुका है, अब किसका इंतजार हो रहा है?
सबसे मजे की बात है कि सरकार में बैठे लोग देश के नाम पर अरबों में loan लेते हैं मगर उन्हें कुछ नहीं चुकाना रहता। नागरिकों पर टैक्स बढ़ा दिया जाता, बिजली बिल बढ़ा दिया जाता, आदि। Loan लेने वाले नेता, मंत्री अपने लिए आलिशान घर बंगला, factory, कंपनी, इत्यादि अथाह संपत्ति 5 साल में बना लेते हैं। उनकी कोई जवाबदेही नहीं होती।
कुछ भी हो, चाहे सरकार के पास जमीनें हों या WEF के पास, सब हमारा ही collateral है।
बौद्ध समाज ही क्यों सबको सुनना चाहिए सबके लिए है।👍
साधु साधु साधु 🎉🎉🎉
Very nice
बहोत बढ़िया 👍
समाज जाग्रृती का आप अपना प्रयास जारी रखे। Buddha blessings with you 🙏🙏🙏
Very nice 👌👍
आपको बहुत बहुत धन्यवाद महोदया
Tabhi nalanda me padhne pure visv se log aate thye agar hamne buddh ke desh me rahakar buddh ko nahi Jana to hamara janm vyrth hai
धन्यवाद ..🙏🙏🙏
Nmo budhay jai bhim 🙏
Namo Buddhay
Sadhu sadhu sadhu
Jay bhim
Bahut achha
Naman
🙏🙏🙏
साधू साधू साधू
जीवन की ६ six अवस्था के बारे में बताए 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Next part bhi upload karoo
Thank you 🙏💐
Nice
जय भीम
Good. 2 ,3 आवाजात केले असते तर आणखी उत्तम झाले असते
1.53. Using Jiv Athma or Athma is wrong translation because earlier Bhandey ji saying no Athma / UnAthman. No inside Athma look outside.
Sadhu sadhu sadhu🙏🙏🙏
साधु साधु साधु
Bahut Accha