"sunahre niyam ki khoj " enjoy kids story with stary story night...

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  • Опубликовано: 19 янв 2025
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    शीर्षक: "सुनहरे नियम की खोज"
    एक छोटे से खूबसूरत गाँव में स्नेहा नाम की एक प्यारी और जिज्ञासु लड़की रहती थी। स्नेहा को नई चीजें सीखना और प्रकृति को खोजना बहुत पसंद था। उसके दो सबसे अच्छे दोस्त थे - राज और रोहन। राज बहादुर और साहसी था, जबकि रोहन बहुत होशियार और पहेलियां सुलझाने में माहिर था। तीनों साथ मिलकर एक अद्भुत टीम बनाते थे।
    एक दिन, उन्होंने पुराने विलो पेड़ की खोज करने का फैसला किया, जिसके बारे में कहा जाता था कि वहाँ कोई खास खजाना छिपा हुआ है।
    जंगल में चलते हुए, उन्हें एक छोटा पक्षी मिला जो जाल में फंसा हुआ था।
    "अरे! हमें इसे बचाना होगा," स्नेहा ने कहा।
    राज ने झिझकते हुए कहा, "लेकिन अगर हम समय बर्बाद कर देंगे, तो खजाना नहीं मिल पाएगा।"
    रोहन ने जोड़ा, "हमें हमेशा सही काम करना चाहिए, चाहे कुछ भी हो।"
    तीनों ने मिलकर पक्षी को जाल से आज़ाद किया, और वह खुशी-खुशी उड़
    थोड़ी दूर चलने पर, उन्होंने एक पुराना नक्शा देखा जो पत्थर के नीचे छुपा हुआ था।
    "देखो! यह खजाने तक ले जाएगा," राज ने उत्साहित होकर कहा।
    नक्शा उन्हें एक गुफा की ओर ले जा रहा था, लेकिन उस पर एक पहेली लिखी थी:
    "सच्चे दिल मिलकर बनाएं राह,
    मदद करो सबकी, और चमकेगा रास्ता।"
    तीनों समझ गए कि दयालुता और मदद करना ही खजाने की कुंजी है।
    गुफा की ओर जाते समय, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा:
    एक गिलहरी जो पेड़ पर चढ़ने से डर रही थी। स्नेहा ने उसे धीरे से ऊपर चढ़ा दिया।
    एक बत्तख का परिवार जो चौड़े नाले को पार नहीं कर पा रहा था। रोहन ने गिरे हुए लकड़ी से उनके लिए एक पुल बना दिया।
    एक बूढ़ा आदमी जिसने अपनी छड़ी खो दी थी। राज ने छड़ी ढूंढकर उन्हें वापस दी।
    हर दयालुता के काम के साथ, नक्शे का रास्ता और साफ़ होता गया।
    आखिरकार, जब वे गुफा में पहुँचे, तो उन्हें एक सुंदर सुनहरा बक्सा मिला। लेकिन बक्से में सोना-चांदी नहीं था। उसमें एक चमकदार आईना और एक पर्ची थी, जिसमें लिखा था:
    "सच्चा खजाना तुम्हारे भीतर है। तुम्हारी दयालुता और टीमवर्क ने राह दिखाई। हमेशा दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करो जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें।"
    स्नेहा, राज, और रोहन ने आईने में अपनी चमकती हुई मुस्कान देखी और समझ गए कि उनकी यात्रा और उनके अच्छे काम ही असली खजाना थे।
    घर लौटते समय स्नेहा ने कहा, "हमने सिर्फ खजाना ही नहीं, सुनहरे नियम को भी खोजा: हमेशा दयालु बनो और दूसरों की मदद करो।"
    राज ने कहा, "और इससे रोमांचक सफर और भी मजेदार हो जाता है।"
    रोहन मुस्कुराया, "हम इस दिन को हमेशा याद रखेंगे।"
    उस दिन के बाद, स्नेहा, राज, और रोहन अपने गाँव में सबसे दयालु और मददगार दोस्तों के रूप में मशहूर हो गए और उन्होंने सबको सुनहरे नियम का पालन करना सिखाया।

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