ADITI RAJ AUR EK ANOKHI SEEKH
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- Опубликовано: 31 янв 2025
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परियों की दुनिया में: अदिति, राज और एक अनोखी सीख
एक बार की बात है, हरे-भरे जंगल के किनारे बसे छोटे से गाँव में अदिति और राज नाम के दो बच्चे रहते थे। अदिति बहुत समझदार और दयालु लड़की थी, जबकि राज शरारती लेकिन दिल से अच्छा लड़का था। दोनों अच्छे दोस्त थे और साथ में खूब मस्ती करते थे।
कहानी शुरू होती है:
एक दिन, अदिति और राज जंगल में खेलने गए। खेलते-खेलते वे जंगल के अंदर बहुत दूर चले गए। वहाँ उन्हें एक चमकती हुई झील दिखाई दी। झील के पास बैठी एक खूबसूरत परी थी, जिसका नाम था "नीलपरी"।
राज ने परी से पूछा, "आप कौन हैं और यहाँ क्या कर रही हैं?"
परी ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं नीलपरी हूँ। मैं इस झील की रक्षक हूँ। लेकिन मैं थोड़ी परेशान हूँ।"
अदिति ने चिंतित होकर पूछा, "क्या हुआ परीजी? हम आपकी मदद कर सकते हैं?"
नीलपरी ने बताया, "इस जंगल के पेड़-पौधे, पक्षी और जानवर सब खतरे में हैं क्योंकि इंसान पेड़ों को काट रहे हैं और कूड़ा-कचरा फैला रहे हैं। अगर ऐसा चलता रहा, तो ये सुंदर झील और जंगल खत्म हो
नीलपरी ने अदिति और राज को एक जादुई पिटारा दिया और कहा, "इस पिटारे में एक जादू है, लेकिन इसे इस्तेमाल करने के लिए तुम्हें एक खास काम करना होगा। तुम्हें लोगों को समझाना होगा कि वे प्रकृति की देखभाल करें। अगर तुम इस काम में सफल हो गए, तो इस पिटारे का जादू जंगल को बचा लेगा।"
अदिति और राज ने नीलपरी से वादा किया कि वे अपनी पूरी कोशिश करेंगे।
अदिति और राज गाँव लौटकर सभी लोगों से मिले। उन्होंने सबको बताया कि कैसे पेड़ों को काटना और झील में कचरा फेंकना जंगल और सभी जीवों के लिए खतरनाक है। उन्होंने बच्चों को समझाया कि वे अपने माता-पिता को सफाई रखने और पौधे लगाने के लिए कहें।
धीरे-धीरे, गाँव के लोग बदलने लगे। उन्होंने कचरा फेंकना बंद कर दिया और पेड़ लगाना शुरू कर दिया।
जब अदिति और राज जंगल लौटे, तो उन्होंने नीलपरी को सारी बात बताई। नीलपरी बहुत खुश हुई। उसने पिटारे को खोला, और उसमें से एक सुनहरी रोशनी निकली। देखते ही देखते जंगल फिर से हरा-भरा हो गया, और झील की चमक पहले से भी ज्यादा बढ़ गई।
नीलपरी ने कहा, "तुम दोनों ने साबित कर दिया कि अगर इंसान चाहे, तो धरती को बचाया जा सकता है। हमेशा याद रखना, प्रकृति हमारी माँ है, और उसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।"
अदिति और राज ने नीलपरी से विदा ली और वादा किया कि वे हमेशा पर्यावरण की देखभाल करेंगे। गाँव के लोग भी अब खुश थे और उन्होंने जंगल और झील को साफ और सुरक्षित रखने का संकल्प लिया।
"प्रकृति की रक्षा करें, धरती को स्वच्छ और हरा-भरा बनाएँ।"