After working for decades in science, I am exhausted. Every problem we solve with science creates another 12 problems for the next generation. While I find science amazing, I am looking for alternatives that don't pit man versus nature. Thank you for giving me a glimmer of hope, a glimpse of what might be. I am grateful and bow before you.
बहुत ही सटीक जानकारी, इनका ज्ञान हर किसान भाइयों तक पहुचना चाहिये और अनेक खेतिधारक जो किसानी नही कर रहे है उन्हें जरूर प्रेरणा मिली होगी । Each one,plant some
I am blessed to have him as my mentor. There are few people in world who has vision such as him. I wish him long life and keep inspiring us for decades.
I wish more people find your speech prem sir... The world needs to listen ... All the elite leaders may have huge wealth and followers.. but they are nothing if farmers abolish... Why farmers especially in India are treated so low... I am a student of msc agriculture.. still this question lingers the most... Unless all the farmers unite together and form a huge mass ... In coming world they will be the leaders...
प्रेम सिंह जी टिकाऊ खेती के लिए आपके सुझाव काबिले तारीफ है। कृषि और पशुपालन की जोड़ी ही टिकाऊ खेती के लिए बहुत आवश्यक है। अंधाधुंध फर्टिलाइजर में या तो हम डी ऐ पी डालते हैं जिसमें नत्रजन और स्फुर फोसफोरस होता है 16:48 या 18:46 लेकिन जब हम यूरिया डालते हैं तो सिर्फ नत्रजन 46 प्रतिशत । बेचने वाले को तो ज़्यादा से ज़्यादा बेचने पर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना है। किसान अपने पुरखों की खेती को भूल गया है । गोबर और मनुष्य के मल मूत्र में वही नत्रजन हैं जो यूरिया में होता है और केंचुआ जो पहले खेतों में रहता था क्योंकि उसका भोजन ही गाय बैल और भैंसों का गोबर था । सबसे बड़ी बात कि सभी मैक्रोन्युट्रीन्ट माईक्रोन्युट्रीन्ट फसलों के फलों और सब्जियों में आते हैं। जब डी ऐ पी किसान उपयोग करता है तो उसे अगर फसलों को ज्यादा नत्रजन देना है तो बहुत ज्यादा मात्रा लगेगी। हम जो भी खाना खाते हैं उसी को पौट्टी में निकालते हैं इन्सान के पीशाब में यूरीया ईन्डोल ऐसीटीक ईन्डोल ब्युटारिक साईटोकाईनीन अच्छी मात्रा में मौजूद हैं जो खेती किसानी के लिए मुफ्त ईश्वर ने दिया हैं। हर मनुष्य के भीतर यूरिया उत्पादन की ओरनिथिन साइकल फैक्ट्री हैं। मैंने कृषि महाविद्यालय में पढ़ा तो था कि फास्फोरस और पोटाश खेत की तैयारी के समय नत्रजन के साथ डालते हैं पर नत्रजन का उपयोग हम टोप ड्रेसिंग में बाद में भी समय समय पर करते हैं। प्रोटीन जो कि सोयाबीन और दालों में प्रचुर होता हैं जबकि धान और गेहूं, बाजरा, ज्वार,रागी, कोदो, मड़वा,कौन्नी, में कम (आयरन अच्छा होता है) हां मक्का में ट्रीपटोफेन, लाईसिन एमीनो अम्ल होते हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने क्वालिटी मेज प्रोटीन में ट्रीपटोफैन बढ़ाने के लिए ओपेक 2 जीन में म्युटेशन कराया। कारण था मानव में ट्रीपटोफेन सेरोटोनिन और मेलोटोनिन हार्मोन उत्सज्रन के लिए जरूरी है । हम देखते हैं कि ओयलसीड क्रोप में सल्फर और नत्रजन मिलकर सीस्टीन और मीथींओनीन एमीनो अम्ल तेल के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है ऐसा ही प्याज और लहसुन की खेती में भी सहायक हैं। हमारे पूर्वज भले ही न जानते हों पर जो मक्का , प्याज, दालें, अनाज हम खाते वहीं परिष्कृत होकर हमारी पोट्टी में निकल आता और खेतों में दुबारा पहुंच जाता। गाय जंगल में जड़ी बूटियां चरेगी तो वहीं तो परिष्कृत होकर गाय के दुध में हमें मिलेगा गोबर में मिलेगा। गाय का गोसा जलाने से मच्छर क्यों भाग जाते हैं। कृषि महाविद्यालय की खेती केवल ज़्यादातर NPK की चर्चा करती हैं मगर मेगनीशयम को भूल जाती हैं जो क्लोरोफिल का मुख्य घटक है। वह कहां से आया ये किसी ने जानने की कोशिश नहीं की ना ही मेग्नीशीयम सल्फेट पौधे में डालने को बोला । वह जब किसान ने खेतों में डाला नहीं तो कहां से आया। भाई क्या पौधे बिना प्रकाश संश्लेषण के उत्पादन कर सकते हैं नहीं संभव है । केंचुआ किसानों के खेतों से कहां गायब हो गया। क्लोरोफिल ए में मिथाइल और क्लोरोफिल भी मे ऐलडीहाईड है ये पता लगा लिया पर मेग्नीशीयम कहां से आया किसी को नहीं पता । जीन क्लोरोपलास्ट बना रहा है ग्रेना में लाईट रियक्शन हो रही हैं। डालो जम कर पेस्टिसाइड और सारे मोथ, तितलियों और मधुमक्खीयों को मार डालो फिर अपने हाथों से परागण करते रहना। कमर टूट जायेंगी परागण करते करते। भाई जब ट्रेक्टर से गहरी जुताई कर रहे हो तो बैलों की तो जरूरत नहीं है डालो फर्टीलाइजर । गहरी जुताई किसलिए करी ताकि पोषक तत्व जो गहराई में छुपा है वो पौधों को मिल जाए तो फिर फर्टीलाइजर क्यों डालकर लागत बढ़ा रहे हो। तुम तो कहते थे कि केवल जायद में मूंग, उड़द, लोबिया की तीन महीने की फसल खेतों की साल भर की उवर्रकों की जरूरत को पूरा कर देगी। पराली जलाओ और बाहर से उवर्रकों को डालो । ढैचा का उपयोग कोई नहीं जानता। लागत चौगुनी हो और उत्पादन दुगना चलेगा। टिकाऊ खेती कैसे करें।
Thank You Singh sir we really need Farmers like you to save our Pure Life and Safe Habitat in this Mentally as well as Physically pollute Society and World!!!
2 साल में मात्र 26 हज़ार व्यूज 😔 बहुत ही गलत बात है....मैं भी बुंदेलखंड से आता हूं ।किसानों के जहन में ये बात डाल दी गई है की खेती घाटे का सौदा है। अब आप जैसे किसानों को कृषि के हालात सुधारने का ज़िम्मा लेना होगा।
Why don't we teach farming in schools? Excellent talk someone talking about Darwinism and GMO in hindi. I ve a point to make, everything we eat today is GMO. eg wild banana and the banana we eat today. I agree to agree with his point on pesticides and fertilizers.
kavitha gurappaji his point is, humans have always modified plants. The banana you eat today is not how nature designed it. This is true for almost all foods. Farmers eons ago figured out how to extract the best from plants and enhance those features. Watermelon of today is not how it looked generations ago. Not so fleshy and red. But that doesn’t meant we GMO everything to a point where 5 companies control seeds for the rest of the world. That can’t be sustained and puts too much power in the hands of too few.
I m an agriculture student and trust me our fertilizer syllabus is bigger bigger then manure syllabus....there are many books based on fertilizer and its uses but not on manures
sir Its amazing to see the vision which you hold. Not many people understand this which has been explained by you in such simple terms. Though I am landless but passionate about agriculture and planning to switch to farming in near future. The beautifully articulated talk delivered by you has pumped my confidence levels. Thank you
Ati sunder vaktabya ...... Gyan aur Anubhav ka apratim vishleshan.👏👏👏 If only 50% of what you have delivered (technically, ecosystematically, agriculturally, historically, and most important passionately) were delivered by a person just in english ......he would have become a most watched and talked personality.😈😈
This is basic of permaculture farming, where whole ecosystem get benefits from it. I’m going to swing of my current lifestyle and planning to be organic farmer. I’m planing to a sustainable life where you don’t need to single panny to survive. You can eat, live and get healthy environment for you and your family.
This is called Sustainable Farming and respecting the Nature,which was there for Generations......instead Farmers opting Fertilizers and one time Germination seeds from 40 years and spoiling the Rich Fertile Land for the Future Generation.
Farming business needs a revolution. we are eating genetically modified food. result diseases, cancer..., polluted environment for the next generations.
Very good and refreshing perspective towards sustainable farming. Due to the ever-increasing population, it has become impossible to have sustainable farming. Genetically modified seeds have become necessary to feed the enormous human population and farm animals. To have sustainable farming we must first curtail the population growth.
Actual farmers are required in majority to draft the sustainable agriculture policies not the one who never done the farming by themselves yet sitting in AC ventilated rooms to decide the fate of agriculture! Just a thought 🤗
Hats off my fellow farmer! Get rid of the western farming principles. There is NOTHING called ORGANIC as we are being geo engineered. (Aluminium and Barium particles are sprayed in the air). So just go natural. HUMUS. Is the magic word.
प्रेम भाई केवल किसान नहीं, खेती के महापुरुष हैं
After working for decades in science, I am exhausted. Every problem we solve with science creates another 12 problems for the next generation. While I find science amazing, I am looking for alternatives that don't pit man versus nature. Thank you for giving me a glimmer of hope, a glimpse of what might be. I am grateful and bow before you.
बहुत ही सटीक जानकारी, इनका ज्ञान हर किसान भाइयों तक पहुचना चाहिये और अनेक खेतिधारक जो किसानी नही कर रहे है उन्हें जरूर प्रेरणा मिली होगी ।
Each one,plant some
I am blessed to have him as my mentor. There are few people in world who has vision such as him. I wish him long life and keep inspiring us for decades.
Where we can meet him ? You have any ideas ? Plz tell me if u know my humble request
Vartman mein Krishi ki samasya ka itna badhiya analysis aur utna hi sunder samadhan. Bahut bahut dhanyavad Prem Singh ji.
Been studying permaculture for years... this is one of the best explanations ive seen yet.
सिर्फ २२ मिनट्स मैं जीवन का सार है..... समझदारी आवश्यक है.....
Don't Appoint family Doctor,Appoint family farmer...so that u don't have to go to Doctor
both health and farmer will be happy...
Well said
What a beautiful thought !!! I will be certainly put this in practice.
Good thinking.
Good thought
Well said
Really a learned man, I'm proud to have such a personality in my hometown 🙏🙇🏻♂️
I wish more people find your speech prem sir... The world needs to listen ... All the elite leaders may have huge wealth and followers.. but they are nothing if farmers abolish... Why farmers especially in India are treated so low... I am a student of msc agriculture.. still this question lingers the most... Unless all the farmers unite together and form a huge mass ... In coming world they will be the leaders...
He is the another definition of humanity. Great job Prem Sir.
प्रेम सिंह जी टिकाऊ खेती के लिए आपके सुझाव काबिले तारीफ है। कृषि और पशुपालन की जोड़ी ही टिकाऊ खेती के लिए बहुत आवश्यक है। अंधाधुंध फर्टिलाइजर में या तो हम डी ऐ पी डालते हैं जिसमें नत्रजन और स्फुर फोसफोरस होता है 16:48 या 18:46 लेकिन जब हम यूरिया डालते हैं तो सिर्फ नत्रजन 46 प्रतिशत । बेचने वाले को तो ज़्यादा से ज़्यादा बेचने पर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना है। किसान अपने पुरखों की खेती को भूल गया है । गोबर और मनुष्य के मल मूत्र में वही नत्रजन हैं जो यूरिया में होता है और केंचुआ जो पहले खेतों में रहता था क्योंकि उसका भोजन ही गाय बैल और भैंसों का गोबर था । सबसे बड़ी बात कि सभी मैक्रोन्युट्रीन्ट माईक्रोन्युट्रीन्ट फसलों के फलों और सब्जियों में आते हैं। जब डी ऐ पी किसान उपयोग करता है तो उसे अगर फसलों को ज्यादा नत्रजन देना है तो बहुत ज्यादा मात्रा लगेगी। हम जो भी खाना खाते हैं उसी को पौट्टी में निकालते हैं इन्सान के पीशाब में यूरीया ईन्डोल ऐसीटीक ईन्डोल ब्युटारिक साईटोकाईनीन अच्छी मात्रा में मौजूद हैं जो खेती किसानी के लिए मुफ्त ईश्वर ने दिया हैं। हर मनुष्य के भीतर यूरिया उत्पादन की ओरनिथिन साइकल फैक्ट्री हैं। मैंने कृषि महाविद्यालय में पढ़ा तो था कि फास्फोरस और पोटाश खेत की तैयारी के समय नत्रजन के साथ डालते हैं पर नत्रजन का उपयोग हम टोप ड्रेसिंग में बाद में भी समय समय पर करते हैं। प्रोटीन जो कि सोयाबीन और दालों में प्रचुर होता हैं जबकि धान और गेहूं, बाजरा, ज्वार,रागी, कोदो, मड़वा,कौन्नी, में कम (आयरन अच्छा होता है) हां मक्का में ट्रीपटोफेन, लाईसिन एमीनो अम्ल होते हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने क्वालिटी मेज प्रोटीन में ट्रीपटोफैन बढ़ाने के लिए ओपेक 2 जीन में म्युटेशन कराया। कारण था मानव में ट्रीपटोफेन सेरोटोनिन और मेलोटोनिन हार्मोन उत्सज्रन के लिए जरूरी है । हम देखते हैं कि ओयलसीड क्रोप में सल्फर और नत्रजन मिलकर सीस्टीन और मीथींओनीन एमीनो अम्ल तेल के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है ऐसा ही प्याज और लहसुन की खेती में भी सहायक हैं। हमारे पूर्वज भले ही न जानते हों पर जो मक्का , प्याज, दालें, अनाज हम खाते वहीं परिष्कृत होकर हमारी पोट्टी में निकल आता और खेतों में दुबारा पहुंच जाता। गाय जंगल में जड़ी बूटियां चरेगी तो वहीं तो परिष्कृत होकर गाय के दुध में हमें मिलेगा गोबर में मिलेगा। गाय का गोसा जलाने से मच्छर क्यों भाग जाते हैं। कृषि महाविद्यालय की खेती केवल ज़्यादातर NPK की चर्चा करती हैं मगर मेगनीशयम को भूल जाती हैं जो क्लोरोफिल का मुख्य घटक है। वह कहां से आया ये किसी ने जानने की कोशिश नहीं की ना ही मेग्नीशीयम सल्फेट पौधे में डालने को बोला । वह जब किसान ने खेतों में डाला नहीं तो कहां से आया। भाई क्या पौधे बिना प्रकाश संश्लेषण के उत्पादन कर सकते हैं नहीं संभव है । केंचुआ किसानों के खेतों से कहां गायब हो गया। क्लोरोफिल ए में मिथाइल और क्लोरोफिल भी मे ऐलडीहाईड है ये पता लगा लिया पर मेग्नीशीयम कहां से आया किसी को नहीं पता । जीन क्लोरोपलास्ट बना रहा है ग्रेना में लाईट रियक्शन हो रही हैं। डालो जम कर पेस्टिसाइड और सारे मोथ, तितलियों और मधुमक्खीयों को मार डालो फिर अपने हाथों से परागण करते रहना। कमर टूट जायेंगी परागण करते करते। भाई जब ट्रेक्टर से गहरी जुताई कर रहे हो तो बैलों की तो जरूरत नहीं है डालो फर्टीलाइजर । गहरी जुताई किसलिए करी ताकि पोषक तत्व जो गहराई में छुपा है वो पौधों को मिल जाए तो फिर फर्टीलाइजर क्यों डालकर लागत बढ़ा रहे हो। तुम तो कहते थे कि केवल जायद में मूंग, उड़द, लोबिया की तीन महीने की फसल खेतों की साल भर की उवर्रकों की जरूरत को पूरा कर देगी। पराली जलाओ और बाहर से उवर्रकों को डालो । ढैचा का उपयोग कोई नहीं जानता।
लागत चौगुनी हो और उत्पादन दुगना चलेगा। टिकाऊ खेती कैसे करें।
Remember, less is more and more is less, be satisfied with what you have and you’ll have love, joy & peace.
ऐसे ही सोच वाले हजारों प्रेम चाहिए ताकि खेती की तस्वीर बदल सके ✍️
This is not just a talk. Thia is real meditation.
Thank You Singh sir we really need Farmers like you to save our Pure Life and Safe Habitat in this Mentally as well as Physically pollute Society and World!!!
2 साल में मात्र 26 हज़ार व्यूज 😔 बहुत ही गलत बात है....मैं भी बुंदेलखंड से आता हूं ।किसानों के जहन में ये बात डाल दी गई है की खेती घाटे का सौदा है।
अब आप जैसे किसानों को कृषि के हालात सुधारने का ज़िम्मा लेना होगा।
Why don't we teach farming in schools? Excellent talk someone talking about Darwinism and GMO in hindi. I ve a point to make, everything we eat today is GMO. eg wild banana and the banana we eat today. I agree to agree with his point on pesticides and fertilizers.
Not all of us eat GMO dude. That is why we can tell the difference. The only pdts my family bought are oil, clothes and technology.
kavitha gurappaji his point is, humans have always modified plants. The banana you eat today is not how nature designed it. This is true for almost all foods. Farmers eons ago figured out how to extract the best from plants and enhance those features. Watermelon of today is not how it looked generations ago. Not so fleshy and red. But that doesn’t meant we GMO everything to a point where 5 companies control seeds for the rest of the world. That can’t be sustained and puts too much power in the hands of too few.
I m an agriculture student and trust me our fertilizer syllabus is bigger bigger then manure syllabus....there are many books based on fertilizer and its uses but not on manures
sir Its amazing to see the vision which you hold. Not many people understand this which has been explained by you in such simple terms. Though I am landless but passionate about agriculture and planning to switch to farming in near future. The beautifully articulated talk delivered by you has pumped my confidence levels. Thank you
Mask lagakar ghumna ....Sirji ne 2017 main 2020 predict kiya tha .... Farmers are always RIGHT
Right..
ये महापुरुष हैं
बहुत शानदार नजरिया.... कृषि विश्व के लिए
शुक्रिया प्रेम सिंह जी...👌
Ati sunder vaktabya ......
Gyan aur Anubhav ka apratim vishleshan.👏👏👏
If only 50% of what you have delivered (technically, ecosystematically, agriculturally, historically, and most important passionately) were delivered by a person just in english ......he would have become a most watched and talked personality.😈😈
Absolutely right
My salute to u shriman.Aap bhumi putra hein.aapko hardhik v atmic naman 🙏🏼🙏🏼
प्रकृति का चक्र और खेती की प्राकृतिक विधी का सुन्दर वर्णन
Shri Prem Singh ji is a great personality...
I wonder why don't such videos get viral. Will we wait for the doom till we make it viral AND WHY MEMES AND VINES HAVE MORE PRIORITY THAN THESE?
Thabi tho agriculture mey pichhe hey india , jis din ye view millions mey convert honge! tab bharat agriculture mey age badhega.
Jai Hind!
This is basic of permaculture farming, where whole ecosystem get benefits from it. I’m going to swing of my current lifestyle and planning to be organic farmer.
I’m planing to a sustainable life where you don’t need to single panny to survive. You can eat, live and get healthy environment for you and your family.
kudos . keep sharing till Prem Singh's Alternate Farming model is globally implemented.
I spread this video over 20 different RUclips channel and request to other to do the same.
Namaste Prem sing ji!
Very realistic inspiring story!!!
I met you in Aluva Kerala
Thank you
Prem sir, Thank you very for your realy presentation.
Salute sir definitely I will meet u and learn about farming when I will come Banda.....we proud of you...
This is called Sustainable Farming and respecting the Nature,which was there for Generations......instead Farmers opting Fertilizers and one time Germination seeds from 40 years and spoiling the Rich Fertile Land for the Future Generation.
Farming business needs a revolution. we are eating genetically modified food. result diseases, cancer..., polluted environment for the next generations.
He is Mr Prem Singh, a farmer from Barokha Khurd village (Banda district) in Uttar Pradesh.
What an amazing talk. Salute to you, sir!
Very true and factual!
Farming should be a social responsibility.
बुंदेलखंड की शान
Very ground to the earth experience shared.
Respect !! We need more thinkers and doers like prem singhji
This is the best video on internet and i will make sure it will reach in every group where i am and i will implement it in my farming!!
Can you PLEASE put English subtitles? Then thousands more people can understand
Such an insightful talk. Perfect analogies for great understanding. So inspiring
Bahut shukriya , for sharing you research
Very good and refreshing perspective towards sustainable farming. Due to the ever-increasing population, it has become impossible to have sustainable farming. Genetically modified seeds have become necessary to feed the enormous human population and farm animals. To have sustainable farming we must first curtail the population growth.
Enriching talk.. this message should reach as many farmers as possible. .
Keep playing this on loop and act upon it. The world will get better inshallah 14:49 - 18:41
How clear thought you have sir..... really appreciate
अतिसुंदर गुरु जी 🙏🙏🙏🙏
Big fan of prem sir
Actual farmers are required in majority to draft the sustainable agriculture policies not the one who never done the farming by themselves yet sitting in AC ventilated rooms to decide the fate of agriculture!
Just a thought 🤗
Great thought.. everyone should follow this..
Greatest respect to him
जय स्वामी ब्रह्मानंद जी
Ye hai Desh Asli Neta
bhai Best Example
🐈 Eats 🐀
Lion eats Everything
THUMS UP to my farming brother!
Mind-blowing speech
great sir...it really touched my heart...all should realize the present situation and take step for future....
Excellent sir 👏 👌 👍
Lots of respect for you Sir... Very clear insight. Scientific, holistic and sustainable development plan.
Samartha shori hi r u farmmer
@@govindrawat6780 no
@@samarthashori9410 i thought so I ask its ok .were r u from
@@samarthashori9410 hello
He lived what he is saying.. in Banda distt Bundelakhnd..
Thanks sir for sharing your valuable knowledge.
Sería genial que este video tuviese subtitulos
Hats off my fellow farmer! Get rid of the western farming principles. There is NOTHING called ORGANIC as we are being geo engineered. (Aluminium and Barium particles are sprayed in the air). So just go natural. HUMUS. Is the magic word.
Interesting. More over people also have to switch their food havit to fruit base from existing crop base. Huge water saving.
Nice explanation sir ji, great sir, thanks for such a nice information....
Bhai ne problem ko 90% and solution 2% time me khatm kar diya
Inspiring! Thank you
Great thoughts 🙏🙏🙏
अति उत्तम
Wonderful
awesome video.... Amazing knowledge....thank you for sharing such knowledge and giving a insight about this.
Salute sir
Excellent code
I am agreed with you sir...very good
बहुत बढ़िया साहेब जी
Great speech, but no one cares about these issues until they face bigger consequences.
Disagree about last point: Amrood aur grains ka comparison.
Opened my eyes
Exceptional 🙏
Super video
nice thought less views...worse thought high views...same happens in farming also...this is reality
Excellent sir.!
insightful talk ....👍
Awesome thanks
Good job sir.
Thought provoking
Very inspiring sir!!
Amazing man amazing
And a farmer himself a scientist
awesome sir
Mask laga kar nikal rahe hai, most relevant then ever before.
Sustainable Agriculture have more requirement
Sir you are great. I liked your way of understanding
🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️
It's also my family story
Nice video
Please add english subtitles
👌👌👍👍🙏🙏🙏🙏🙏
Most abundant source of organic compounds is petroleum, I m not sure may be petroleum is used in making pesticides and fertilizers