Ananda marga *गुरु सकास.....*

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  • Опубликовано: 29 сен 2024
  • गुरु सकास.....
    प्रातः शिरसी शुक्लअब्जे, द्विनेत्रं, द्विभुजम,
    गुरुम वराभयकृत हस्तं, स्मेरतंम नाम पूर्वकम
    प्रातः- सुबह जब सो कर उठते ही। सिरसे- सबसे ऊपर (शरीर के सबसे ऊपरी भाग पर )। शुक्ल- सफ़ेद रंग। अब्जे- कमल का फुल। द्विहस्तं- दोनों हाथ। द्विनेत्रं- दोनों आंख। गुरुम- गुरु का। बराभय- भय रहित आशिर्बाद। कृत- किया हुआ। स्मरेत- ध्यान से देखो। नामपूर्वकम- नाम लेते हुए।
    सूबह नींद खुलने के बाद और आंख खोलने के पहले बिस्तर पर बैठ कर मन को सहस्रार चक्र पर ले जाओ और सफ़ेद कमल का फूल देखो । कमल पर बैठे गुरु का दो हाथ दो आंख देखो । गुरु के हाथो को बराभय मुद्रा में ध्यान से देखते हुए उनका नाम लेते रहो।
    (गुरु का नाम बाबा है। मतलब बाबा, बाबा, बाबा करते रहो)
    🙏🌹🙏

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