BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,.....,......
This is not costly and you have good rates. Also the design are good and if as you said if wood is sagaun then its economical. Since i dont know about the quality of clothes etc but even then the cost is economical. Costly kahne wale bhikari hai ya fir unhone acha maal kabhi dekha nahi
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Video aapne accha banaya hai lekin ye bhai bohot mehenga bech rahe hai inki keemat me sab upar he hai niche kuch nahi hai inse saste aur acche sofe aur bhi jagah mil rahe hai sirji RUclips pe to khazana hai yaha sab pata chal jata hai
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Bhot mhenga hai itna tho amazon me bhi mil rha hai jab ki koi seller apna margin aur manufacturer ka margin + 15% amazon ka margin jodhne ke baad hota hai. Ye tho direct manufacturer hai uske haad bhi wahi rate. Bhot mhenga
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,.,...,...,,.,.,
Bahut aacha sir
Thanks
jankari ke liye dhannyawad sar
Thanks so much for your comments
Bahut mehanga hai..isse better to pados k showroom me mil jata hai isse better
bohot mehanga hai bhai sahab
I like very much .
pichle video me apse sofa pe video banane ki request ki thi. aapne request ko mana. aapka bahut bahut dhnywad. u such a gud person
Thanks
Very good yaar.....MashaAllah 👍👍
Thanks so much for your comments 👍
Welcome sir...
Wow L shape sofa..good quality and reasonable price
Thanks
Good Job
Mane tumhari vedio dekhi h jitni bhi sbhi m SB costly h chije....
Good ideasss,shukriya
Thanks
Nice sofa set ❤️❤️
Super sir
Very nice
Nice Video
Thanks
Sir aap ka sofa bahut mehnge hai
Ok
Table sath meilega kya😊
Bahut mahnga h sir
Aapko sif rate compare karene k liye video banana ha
Nhi normal rate hai
Lol 32 ka sofa discount krke 34 ka....isko bolte h binnes😎
Lekin jankari achi lagi sahab..👍
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
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so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,.....,......
Nice sofa
This is not costly and you have good rates. Also the design are good and if as you said if wood is sagaun then its economical. Since i dont know about the quality of clothes etc but even then the cost is economical. Costly kahne wale bhikari hai ya fir unhone acha maal kabhi dekha nahi
Cay you deliver to kathmandu
Contact description number More information
Bhai aise video nat dikha bahot mehenga hai ye. Mumbai me Ulhasnagar aa tuze isase bahot kam me milega
Very costly bro.. Come to Nampally exhibition hyderabad in January.. U will get excellent products than this in half the price what you says
Mohan Gandhi CH nampally..which shop
very nice thank you
K
Nice 👌👌👌👌
Hi konsi gav me
Sir good video san nama
Sir aap ka dukan kaha hai hom dilevri ho sakta hai ya nhi hom dilevri Free hai ya nhi
Nice video👌👍
Thanks
@@marbleflooringjitendrasharma 2😀🙂
Kashmir delivery possible hai kya
NICE SOFAS
Hello sofa kharidna hai iskeliye humko Kya karna hai.... Please batayiye...
30 or 40 or 38 best hai muje b chahiye 30 thousand golden nd brown
Aawaz to aa rahi h....
Good bhai
Thanks so much for your comments
bahut mahnga h
Sar me bhi ye kaam karta hu
I want some sofa makers for dubai
For our sofa factory....
Do you have any contact of friends etc.
pls send on my what's app
Thank you
0097150 9528 786
It's quite cheap ,what kind of quality's.
Thanks again
super
Thanks
Pehle video banana seekhe download karne se pehle check karna chahiya
3+11
👍
Isko banane ke liye kariger chahiye
GOOD JOB
Thanks
Isski price kia hi bhai g
Bahoot aacha
So coastly in compare of shop
Bhot mahnga h
👍👍👍
ap
apka sorom kaha hai bhi
Which place
sofa set acha low price udaipur m btao midium range
Location kaha hai
Ye koun si jagha hai
Hii kaha pr he shop apki me khadwa se hu muje lena he
Rajasthan
Konse sahr me
Kya ye online manga skte hai
Yes
@@marbleflooringjitendrasharma kaha se mangana hai kuch number hai
Tooo old designs ..ye new pattern nhi hai jo aajkl chlta hai ...new latest designs show kre
Bhaiya cutter ka awaj to bandh karao.
Nice
Thanks
Meri fectry ka bhi add kr do
Pta nhi sir ap kaha rehte hai
Description
Ohh itna door I am from Moradabad city up
Sir ji ham agar apne hisab se naap ke banaye to ky wo hamko mil sakta hai
Online dili vary milega kya
Prices are too high...!!
bohot mehnga bohot mehnga
Nhi bhai kabhi shop oe jakar puchoo
All prices are too much exeed in comparison of other genuine outlets.
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey
Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH
so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,...,,.,,,,.,
Kuch girjaye jese chai, coffee ya ras to daag kese hatate h fabric furniture p s
nice
Thanks
डिलवरी काउंटर कंहा कहा उपलब्ध है
घणेई मंहगा है भाई शा
नेपालीको लाई केसुबिधा छ सर
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Kya aap foreign country me v bhj te ho furniture
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क्या उत्तराखंड में भिजवा सकते है।
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Akshay kumar
25 wala thik h
Sofa too sunder h per price costly h
Sahi prize hai bhai
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Thank you
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Murkh kha hai or kansa gaon ka hai ye btao vidio nikalta hai.
नो उल्लू बनाइंग
It's old models bro not good
Aisa kya LGa hota h inme
Bhot mhenga hai itna tho amazon me bhi mil rha hai jab ki koi seller apna margin aur manufacturer ka margin + 15% amazon ka margin jodhne ke baad hota hai.
Ye tho direct manufacturer hai uske haad bhi wahi rate. Bhot mhenga
If you are manufacturer then its prizes are very high.
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
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so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,.,...,...,,.,.,
Quality ka batao kaise pata chale ki lamba chalega aur aacha hai
Kya aap installment pe bhi dete Hain Kya?
Contact description nomber more details
Thanks
Corner 3 or 4 seater plus 2..
Bahut mahga h
Kiss sai ladkar aya hai bhai
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