ज्ञानी और अज्ञानी की पहचान क्या है||दुख आत्मा को होता है या शरीर को ||बीजक साखी 272||Abhilash saheb

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  • Опубликовано: 25 ноя 2024

Комментарии • 12

  • @girishsharma4910
    @girishsharma4910 4 месяца назад +3

    सतगुरु देव जी की जय हो सतगुरु जी के चरणों में सादर नमन करते हुए साहेब बन्दगी साहैब जी

  • @ishwarsahu12
    @ishwarsahu12 18 дней назад +1

    Saprem saheb bandgi saheb 3🎉🎉🎉

  • @SatyendraLalasi-s9f
    @SatyendraLalasi-s9f 5 месяцев назад +3

    Saheb bandgi sahebji

  • @lekhramsahulekhramsahu356
    @lekhramsahulekhramsahu356 5 месяцев назад +3

    सतगुरु देव कि जय साहेब बंदगी साहेब जी को

  • @SatyendraLalasi-s9f
    @SatyendraLalasi-s9f 5 месяцев назад +3

    Birdichand chirania
    Saheb bandgi ttryebar sahebjiko

  • @rameshram6313
    @rameshram6313 5 месяцев назад +2

    Saheb bandgi sarkarke

  • @JiyaKumari-ff9gw
    @JiyaKumari-ff9gw 5 месяцев назад +1

    20:26

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb 5 месяцев назад +1

    सतलोक में अखंड मुक्ति नहीं है। लेकिन कलयुग में अखंड मुक्ति का ज्ञान आया है। जो सतलोक से न्यारा है। इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।

    • @dharamdas356
      @dharamdas356 5 месяцев назад

      आप गुरुदेव जी के प्रवचन ध्यान से सुने।। अधजल गगरी छलकत जाए, ऐसा न करें।।।

    • @munnalal-ui6lb
      @munnalal-ui6lb 5 месяцев назад

      @@dharamdas356 आपके गुरु देव सतलोक का टिकट काटते हैं और सतलोक भागवत प्रमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा। ऐसी यात्रा का कोई फायदा नहीं है।

  • @NavinbhaiDarji-xw6rr
    @NavinbhaiDarji-xw6rr 4 месяца назад +1

    गायानी को पागल दुनीया समजती हय ओर गयानी दुनीया को पागल समजता हय यही अंतर हय मेर घरवाले मेरा समाज मुजे पागल समजते हय कयु के वो अंजान हय सत को नही जानते ओर भी गहेरे सत रहस्य गुप्त हम जानते हय सत जानता हय वो करम बंधन से मुक्त हय नही जानता वो बंधन मे हय सत तो सत ही हय

  • @SatyendraLalasi-s9f
    @SatyendraLalasi-s9f 5 месяцев назад +1

    Saheb bandgi sahebji