रमाशंकर साहेब विज्ञान और प्रत्यक्ष प्रमाण पर आधारित ज्ञान दे रहे हैं। रामपाल जी धर्म शास्त्र की पुस्तकों का सहारा लेते हैं। धर्म शास्त्र स्वयं में प्रमाण नहीं कहे जा सकते।
इस समय भारत के सबसे बडे़ सऺत महात्मा है श्री रमाशंकर साहेब जी चारो तरफ इनकी आवाज सुनी जा रही है इनके प्रवचन की हर जगह चर्चा हो रही है लाखों लोग इनके प्रवचन का लाभ उठा रहे हैं
प्रवक्ता महोदय आप बहुत ठीक कह रहे हैं । और आपको भी इसमें बहुत कुछ समझाना पड़ेगा।। एक होता है बनाने वाला एक होता है उसको परोसने वाला।। किसी भी रचना को रचने में व्यापारी वर्ग से जो लोग आते हैं वह सबसे पहले जाति के लोगों काहाथ होता है । ब्राह्मण का तो इतना भर काम है उसको परोस देता है बड़ी चतुराई से।। क्योंकि परोसने वाला दिखता है मगर बनाने वाला दिखता नहीं है इसलिए परोसने वाले को ज्यादातर दोष देते आ रहे हैं।। न जाने कितनी तीज त्यौहार बना दिए अपने आर्थिक फायदे के लिए।। लेकिन जितने भी तीज त्यौहार है उनके महत्व को बताता पंडित है।। बस मिल गई पंडित जी को बुराई।।
इस दुनिया ऐसा कौनसा समाज है जिसका कोई धर्म नही है मुस्लिम समुदाय में भी मोलवी उलेमा काजिम क़ुरान/हदीस आदि होते हैं ईसाईयों के लिए बाईबल चर्च फादर ईसा मसीह बोद्ध/जैन के भी धर्म गुरु मन्दिर पुजा सब है सिखों के गुरुग्रंथ साहिब धर्म गुरु गोविंद सिंह गुरु नानक देव गुरु तेग बहादुर जी ऐसे और भी बहुत धर्म व्यवस्था को लेकर चले आए है पर बुराई सिर्फ हिन्दू धर्म में ही है क्योंकि हिंदी धर्म में हमेशा दया भाव रहा धर्म में कट्टरता नही सिखाया संत रमाशंकर साहब आप में हिम्मत है तो मोहम्मद साहब के धर्म की विवेचना करते बताओ भारत गरीब मुस्लिम भी आदिवासी समाज समुदाय से आता है दलित और आदिवासी मुस्लिम समाज भाई भाई है मुस्लिम समुदाय के मोहम्मद साहब परिवार के बारे मे भी उपदेश देना चाहिए था नही दिया तो अब आगे दे देना
गुरु नानक देवजी महाराज जी की चरणो मे, गुरु कबिर दास महाराज जी के चरणोमे , गुरु रविदास महाराज जी के चरणोमे, और बुद्ध भगवान के चरणोमे हामारी कोटी कोटी वंदना. सप्रेम जयभीम नमोबुद्धाय सबका मंगल हो
यह बाबा जी तो असली पोल खोल रहा है क्योंकि वह तो लिखने वाले के हित में ही लिखा गया है इसीलिए सब वेदों को पढ़ो लेकिन उसमें सच्चाई को ढूंढो और सच्चाई नहीं है उसे वेद को मानने से क्या फायदा इंसान को मानो इंसान के धर्म को मानो
*करुणा और मैत्री विहींन,धर्म कैसे हो सकते ?* --------------------------------- कोई भी धर्म जितना मजबूत होगा उतना ही अन्याय, अराजकता होगी और सबसे बड़ी बात असमानता और भेदभाव भी बढ़ेगा . *किसी भी धर्म का मूल्यांकन आप उससे जुड़ी किताबों और उसमे लिखी बातों से नहीं करना चाहिए बल्कि उससे जुड़े लोगों, उनके मानवीय व्यवहार और सामाजिक व्यवस्थाओं के वास्तविक मूल्यांकन के आधार पर कर सकते है.* किताबें पढ़ लेंगें तो आप मन्त्र मुग्ध हो जायेंगे और भ्रम से ग्रसित हो जायेंगे ! ऐसा लगेगा कि ये भ्रम कभी ख़त्म न हो ? *धर्म तो स्वप्न लोक पर आधा- रित हैं जिसमें वास्तविकता और आदर्श न्यूनतम होते हैं* . *अब उस धर्म से जुड़े लोगों का मूल्यांकन भी करिये !* *क्या वो न्यायिक हैं ? क्या उनमें करुणा और मैत्री में रुचि और चाहत दिखाई देती है ?* *क्या उन इंसानों में समानता का भाव दिखता है ?* *क्या वे एक-दूसरे पर वैवाहिक सामाजिक प्रतिबंध थोपते हैं ?* क्या वो सत्ता से जुड़े हैं ? क्या वो सत्ता को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं ? उस धर्म का वास्तविक स्वरुप आपको उन लोगों में मिलेगा, दिखाई देगा. *पूंछतांछ और शोध उप- रांत आप पाएंगे उनमें से अधिकतर क्रूर,अन्यायी हिंसक, श्रेष्ठता के दम्भ से भरे होंगे !* *साभार हिमांशु कुमार फेसबुक पेज*
ब्राह्मणों ने नहीं तुम्हारे जैसे ढोंगी संतों ने देश का सत्यानाश कर दिया है। जाति भेद छुवाछूत ऊंच नीच ईश्वर के प्रति नफ़रत व झूठ से भरी बातें समाज में फैलाना वह बात अलग है कि आपकी ये नफरती झूठी बातो को आधा प्रतिशत लोग भी सच नहीं मानते हैं।बनते हो संत काम सब असंतो के कर रहे हो आए तक कोई सौत ऐसी बातें समाज में की है क्या महान समाज सुधारक संत महात्मा कबीर का नाम खामखां बदनाम कर रहे हो
Very true statement and this is experienced in the daily life if you follow sanatan dhram which is even cursed before any festival, pooja or special occasions.the God's even curse trees, animals for what
Kranti Kari param pujya krantikari adarneey Rama shankar sahab ke charno me sat sat Koti Koti naman vandan karta hoon sa Prem sahab bandagi buddham sharnan gachchhami
नाम से रूप का बोध होता है ।अगुन ही सगुन ही नहीं कछु भेदा। वेद-पुराण संतमथ एहि।साहेब रामचरितमानस के उद्धरण बिना आपका प्रवचन निष्फल हो जाता गलती से आलोचना ही सही आपका मानव-जन्म धन्य हो गयाहै । रावण भी रामनाम से भवपार उतर गया है,आप क्यों न होंगे।भाव-कुभाव अनघ आलसहूॅ ,नाम जपत मंगल दिसी दसहुॅ।
रामायण मे लिखा है कर्म प्रधान विश्व रच राखया जो जस कर सो तस फल पासा। कबीर दास का गुरू भी ब्राह्मण था। ब्राह्मण न होता तो ये देश मुस्लिम होता । जय जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण हर हर महादेव
देश 700वर्ष गुलाम रहा। यदि वास्तव में एक भी व्यक्ति को स्पष्ट मालूम होता कि आत्म अमर है तो दस दिनों तक भी गुलाम नहीं बनाया जा सकता था। शब्दों के जाल में व्यक्ति की चेतना फंस चुकी थी। बड़ी बड़ी बातें करने वाले पाखंडी कुलीन तंत्र सिर्फ पवित्र पुस्तकों के शब्दों के तोते की तरह से रट्टू थे। शब्दों की भरमार प्रयोग या अभ्यास से खाली लोगों देश का बंटाधार कर दिया। इस देश के भोले भाले अशिक्षित रखे गए लोगों को झूठे चमत्कारों के चक्कर में फंसाकर रखा गया। वेद से विज्ञान पैदा हुआ मूर्खता पूर्ण बात है। ध्यान योग और कर्मयोग में दर्शन खुद पैदा होता है। जब व्यक्ति के व्यक्तित्व में दर्शन पैदा होता है तो विज्ञान पैदा होता है। अनावश्यक घमंड मत पालिए
Ye bath सत्य है bramadh ne ही हिंदू धर्म का sarvnash kr दिया, शिर्फ जातिवाद करके आज कल हिंदू mushlman करते है, sabse पहले सभी हरिजन भाई लोगो को braman बनाये
दुनिया को ब्राह्मण ने आध्यात्मिक उच्चारण करके स्वयं लिखे हैं दुनिया को भ्रमित कर रहे हैं आंखों देखा हाल देवी देवता जैसे पृथ्वी भारत का जगत जननी मां है सूर्य देव पवन देव अग्नि देव महाराज यह सब आंखों देखा देवी देवता है इनका कहीं मंदिर कहीं नहीं मिलेगा सतयुग त्रेता युग द्वापर युग 2000000 वर्षों से कोई नहीं देखा है मानगढ़ कहानी बनकर मंदिर बनवा कर व्यवसाय कर रहे हैं जानू टीका लगाकर फोकट राम गिरधारी बना रहे हैं
@@kunjbharisahu4507 aap sab kuchh chhor digiye aapko kon bolta hai bhagwan ko mano , aap Gad boliye, allahu akbar boliye , mandir mat jayega, masjid jayega...kiya problem hai.. Tumhe maloom hai ki bed se science bani hai....pata kuchh hai nahi brahman likha hai...tulsi das kiya hai tiwari ki pandey, ki sukla batawo...bed kon likha brahman nahi likha pata karo...
आचार्य जी प्रणाम वेद को स्वयं परमात्मा की वाणी है इसका कोई लिपिबद्ध नहीं है नंबर दो वेद में कोई बात झूठ नहीं है नंबर 3 खीर खाने से बच्चा पैदा नहीं हुआ खीर के अंदर कई प्रकार की औषधियां खिलाई गई थी बिना दशरथ के बच्चे पैदा हो गए ऐसा नहीं है और आप अपने ज्ञान की चर्चा करो तो अच्छा रहेगा निंदा नहीं करनी चाहिए
Mandodari mendak se peda Hui sitaji matki se peda Hui magardhwaj machhli se peda hua sarng Rishi hirni se peda hua Ganesh Mel se peda huaa brhma ke mukh se brahman peda hua bhuja se chhaktriya pet se veshy per se shudra ye sab teknologi ab kyo band ho gai
वेदों में सच या झूठ कुछ भी नहीं लिखा हुआ। सच या झूठ दोनों को लिखा नहीं जा सकता। क्योंकि शब्दों की अपनी सीमाएं हैं और सच या झूठ सीमाओं में नहीं बांधे जा सकते। वेद उपनिषद सब शब्द संकेत हैं सत्य की ओर इशारे भर हैं। इशारों को ही लोग सत्य मानकर बैठ गए। इसलिए भारत सिर्फ़ मान्यताओं पर चलने वाला देश रह गया। लकीर का फ़कीर बनकर रह गया। भारत खोजियों का देश रहा है लेकिन आज सिर्फ़ परंपराओं और मान्यताओं का देश बनकर रह गया है। मान्यताएं और परम्पराओं पर चलते चलते भारत पखंडियों का देश बन गया। पाखंड और चेतना शक्ति दोनों अलग अलग तथ्य हैं। सत्य लिखा या पकड़ा नहीं जा सका आज तक। क्योंकि सत्य दर्शन है जिसे खुद में खुद से ध्यान होकर ही देखा जा सकता है लेकिन दिखाया नहीं जा सकता। सत्य निजत्व के चैतन्य अस्तित्व में ही उतरता है। कृष्ण कबीर निरंतर प्रकाशित और प्रसारित होने वाली चेतना की परम घटना हैं। इसलिए किताबें पढ़ो समझो किंतु बिना ध्यान में उतरे किसी को कोई ज्ञान नहीं होता है। बस शब्दों का लोड ही दिमाग में भूत की तरह समा जाता है। गीता कुरान वेद किसी और के ध्यान से पैदा हुए तात्कालिक कारण से अवतरित शब्द हैं। अंतिम सत्य नहीं हैं। क्योंकि सत्य और झूठ दोनों अनंत हैं। Nothing is truth and nothing is false, time to time everything is truth and everything is false
Sahi baat SC St OBC sabhi logo ke dimag ko gulam bna rakha hai jab Tak brahman vad ko nahi chhodoge tab Tak desh tarki karhi nahi sakta kyoki Ye ghanta bajane ke siva kuchh batate hi nahi hai namo buddhay jay bheemmji
जो हो रहा है सब अच्छा होगा और आगे भी अच्छा होगा देखते रहो हम इतना समझ कि पहले से अभी चल रहा ठीक है सबसे बड़ी चीज जीने के लिए रोटी कपड़ा और मकान और अग्नि दाह संस्कार सबसे बड़ा संस्कार है
रमाशंकर साहेब विज्ञान और प्रत्यक्ष प्रमाण पर आधारित ज्ञान दे रहे हैं। रामपाल जी धर्म शास्त्र की पुस्तकों का सहारा लेते हैं। धर्म शास्त्र स्वयं में प्रमाण नहीं कहे जा सकते।
बहुत सुपर पावर सत्संग कबीर सब ने किसी को भी नहीं छोड़ा सत्य का दर्शन कराया इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों तकपहुंचाओ 🙏
बहुत ही क्रांतिकारी सदगुरू संत श्री रमांशंकर साहेब जी को हम सादर प्रणाम त्रयबार साहेब बंदगी करते हैं ,जय कबीर पारख ,❤❤🎉🎉रमेश जियाणी जैतसर
सन्त आप के जैसे होना चाहिए tavi समाज का निर्माण होगा
बहूत सच्ची बात और अच्छा विचार कहे बाबाजी अपने, 👌धन्यवाद
रमाशंकर साहेब आपको क्रान्तिकारी साहेब बंदगी बुद्धाय नमः।
इस समय भारत के सबसे बडे़ सऺत महात्मा है
श्री रमाशंकर साहेब जी
चारो तरफ इनकी आवाज सुनी जा रही है
इनके प्रवचन की हर जगह चर्चा हो रही है
लाखों लोग इनके प्रवचन का लाभ उठा रहे हैं
सऺत महात्मा श्री रमाशंकर साहेब जी के प्रवचन
का लाभ उठाते हुए लोग पाखंड से बाहर आ रहे हैं
मेरे पूरे परिवार ने किसी भी मऺदिर में जाना बऺद कर दिया है।
ਇਸ ਤਰਾਂ ਪ੍ਰਚਾਰਕ ਨੂੰ ਦਿਲੋਂ ਧੰਨਵਾਦ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
100% સાચી વાત પ્રભુ🎉
साहेब बंदगी महाराज जी, बहुत ही अच्छा और सच्चा विश्लेषण।
जय जय सतनाम सत साहेब।
❤❤❤❤ Both the shut goodbye
साहेब जी आपको मैं कोटि कोटि नमन करता हूं आप जैसा ज्ञानवान महान पुरुष ही भारत का उद्धार कर सकता है इस समय
कबीर साहेब कहते हैं (बुरा जो खोजन मै चला बुरा ना मिलया कोय!!जो दिल खोजा आपना मुझसा बुरा नहीं कोय!!
इन्हें ज्ञान नहीं ये नया कहां से आया
Ishko koi Gyan nahi hai ye sadhu hai hi nahin ishka maa pachhata rahi hogi bahar kyon yane dia ander ishko thel kyon nahi dia
Dhongi
बहुत सुन्दर प्रवचन.
रमाशंकर साहेब का दिया हुआ ज्ञान कबीर साहेब के प्रमाणिक ग्रन्थ बीजक के अनुसार है।बीजक कबीर पन्थ का सत्य ग्रन्थ है।
सत्य बात कहना और सुनना आसान नही, इसलिए कबीर जी ने कहा,सांच कहे सो मारन धाये।सत कबीर,जय हो।सही कहा संत जी।
स्वर्ग और नरक का कॉन्सेप्ट पूरी दुनिया के जितने भी शास्त्र हैं और धर्म हैं सब में हैं, उसे किसने लिखाया
धन्यवाद गुरुजी मैं आपके चैनल से बहुत प्रभावित हूं बहुत आनंद मिलता है धन्यवाद इसी तरह आप काम करते रहे लोगों को जागरुक करते रहें आपकी जिंदगी बहुत खूब
प्रवक्ता महोदय आप बहुत ठीक कह रहे हैं ।
और आपको भी इसमें बहुत कुछ समझाना पड़ेगा।।
एक होता है बनाने वाला एक होता है उसको परोसने वाला।।
किसी भी रचना को रचने में व्यापारी वर्ग से जो लोग आते हैं वह सबसे पहले जाति के लोगों काहाथ होता है
।
ब्राह्मण का तो इतना भर काम है उसको परोस देता है बड़ी चतुराई से।।
क्योंकि परोसने वाला दिखता है मगर बनाने वाला दिखता नहीं है इसलिए परोसने वाले को ज्यादातर दोष देते आ रहे हैं।।
न जाने कितनी तीज त्यौहार बना दिए अपने आर्थिक फायदे के लिए।।
लेकिन जितने भी तीज त्यौहार है उनके महत्व को बताता पंडित है।।
बस मिल गई पंडित जी को बुराई।।
ज्ञानोर्जन हेतु महत्त्वपूर्ण प्रवचन ।
बहुत बहुत सुन्दर explaination🎉
Sant ramashankar sahi
Bol rha hai Hamara full support ❤❤
सही बात स्वामी जी ढोगियों को अपना आदर्श मानने वालों की आज भी संख्या ज्यादा है । अतः आपकी बातों से उनको वा उनके अनुयायियों को बरनाल की जरूरत पड़ेगी।
Gud.veri.gud.sant.sri.rmakant.ji.mahraj.ji.ki.jay.jay.bhim.nmobudhay.jay.shambidhan.100%.saty.bachan.he.
Very very nice guru ji me aap jese guru ko parnam karta hu
तर्कसंगत और वैज्ञानिक सोच के आधार सन्त सम्राट ने आइना दिखाने का कार्य किया है।
सत्य ही सत्य, सत्य के अलावा कुछ नहीं कहा.
संत सम्राट कबीर साहेब जी को शत-शत नमन
रविशन्करजी आपने कहा है बहुत बहुत साधुवाद देता हूँ
सौ प़तिसत सही कहा आपने श्री मान जी को बहुत बहुत नमन एवं नमस्कार करता हूँ धन्यवाद🙏🙏 हरीदास पारखी धन्यवाद🙏🙏
आज कल जितने समाज पिछड़े, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति बनने के लिए आन्दोलन कर रहे हैं उन्हें कौन सा वेद पारित कर रहा है या सिर्फ लालच
Ha tum logo ne ye bhi Kiya hai
हरि ओम तत्सत गुरु श्री ,
ऐक नंबर साहेब जी साहेब बंदगी 🙏🙏👌👌
इस दुनिया ऐसा कौनसा समाज है जिसका कोई धर्म नही है मुस्लिम समुदाय में भी मोलवी उलेमा काजिम क़ुरान/हदीस आदि होते हैं ईसाईयों के लिए बाईबल चर्च फादर ईसा मसीह बोद्ध/जैन के भी धर्म गुरु मन्दिर पुजा सब है सिखों के गुरुग्रंथ साहिब धर्म गुरु गोविंद सिंह गुरु नानक देव गुरु तेग बहादुर जी ऐसे और भी बहुत धर्म व्यवस्था को लेकर चले आए है
पर बुराई सिर्फ हिन्दू धर्म में ही है क्योंकि हिंदी धर्म में हमेशा दया भाव रहा धर्म में कट्टरता नही सिखाया
संत रमाशंकर साहब आप में हिम्मत है तो मोहम्मद साहब के धर्म की विवेचना करते बताओ भारत गरीब मुस्लिम भी आदिवासी समाज समुदाय से आता है दलित और आदिवासी मुस्लिम समाज भाई भाई है मुस्लिम समुदाय के मोहम्मद साहब परिवार के बारे मे भी उपदेश देना चाहिए था नही दिया तो अब आगे दे देना
Dhanyabad.sahab.aap.ka.prabachan
संत राम शंकरजी मैं आपके दर्शन करता करना चाहता हूं लेकिन मैं असमर्थ हूं कृपा करो संत महात्मा
गुरु नानक देवजी महाराज जी की चरणो मे, गुरु कबिर दास महाराज जी के चरणोमे , गुरु रविदास महाराज जी के चरणोमे, और बुद्ध भगवान के चरणोमे हामारी कोटी कोटी वंदना.
सप्रेम जयभीम नमोबुद्धाय सबका मंगल हो
पारखी संत की जय
बहुत बहुत धन्यवाद और बधाई हो संत जी को राम बिनोद पासवान
चारों वर्ण बनाने वाले चतुर चालाक ढोंग पाखंड अन्धविश्वास अज्ञानता केलिये पठकथा भी लिखा जिसे अनादि काल से जोड़ा जिसे आजभी मूलनिवासी कांधे पे ढो रहा है
स्वर्ग और नरक का कॉन्सेप्ट पूरी दुनिया के जितने भी शास्त्र हैं और धर्म हैं सब में हैं, उसे किसने लिखाया
Jai guru ji
जयहोआपकीसाहेब, गुरु देव जी, साहेब बंदगी अशोक भाई चांदनी उत्तर प्रदेश
साहेब बंदगी साहेब।
सतगुरु कबीर के भजन को सुनने के लिए यहां भी जुड़े#santoshsahebbihar
Guru ji spl thanks...❤❤
संत कबीर दास जी
यह बाबा जी तो असली पोल खोल रहा है क्योंकि वह तो लिखने वाले के हित में ही लिखा गया है इसीलिए सब वेदों को पढ़ो लेकिन उसमें सच्चाई को ढूंढो और सच्चाई नहीं है उसे वेद को मानने से क्या फायदा इंसान को मानो इंसान के धर्म को मानो
*करुणा और मैत्री विहींन,धर्म कैसे हो सकते ?*
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कोई भी धर्म जितना मजबूत होगा उतना ही अन्याय, अराजकता होगी और सबसे बड़ी बात असमानता और भेदभाव भी बढ़ेगा .
*किसी भी धर्म का मूल्यांकन आप उससे जुड़ी किताबों और उसमे लिखी बातों से नहीं करना चाहिए बल्कि उससे जुड़े लोगों, उनके मानवीय व्यवहार और सामाजिक व्यवस्थाओं के वास्तविक मूल्यांकन के आधार पर कर सकते है.*
किताबें पढ़ लेंगें तो आप मन्त्र मुग्ध हो जायेंगे और भ्रम से ग्रसित हो जायेंगे ! ऐसा लगेगा कि ये भ्रम कभी ख़त्म न हो ? *धर्म तो स्वप्न लोक पर आधा- रित हैं जिसमें वास्तविकता और आदर्श न्यूनतम होते हैं* .
*अब उस धर्म से जुड़े लोगों का मूल्यांकन भी करिये !*
*क्या वो न्यायिक हैं ? क्या उनमें करुणा और मैत्री में रुचि और चाहत दिखाई देती है ?*
*क्या उन इंसानों में समानता का भाव दिखता है ?*
*क्या वे एक-दूसरे पर वैवाहिक सामाजिक प्रतिबंध थोपते हैं ?*
क्या वो सत्ता से जुड़े हैं ?
क्या वो सत्ता को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं ?
उस धर्म का वास्तविक स्वरुप आपको उन लोगों में मिलेगा, दिखाई देगा.
*पूंछतांछ और शोध उप- रांत आप पाएंगे उनमें से अधिकतर क्रूर,अन्यायी हिंसक, श्रेष्ठता के दम्भ से भरे होंगे !*
*साभार हिमांशु कुमार फेसबुक पेज*
रमाशंकर जी प्रामाणित ज्ञान दे जैसे संत रामपाल जी महाराज दे रहे हैं।
इसी लिए अंदर है।
ब्राह्मणों ने नहीं तुम्हारे जैसे ढोंगी संतों ने देश का सत्यानाश कर दिया है।
जाति भेद छुवाछूत ऊंच नीच ईश्वर के प्रति
नफ़रत व झूठ से भरी बातें समाज में फैलाना
वह बात अलग है कि आपकी ये नफरती झूठी बातो को आधा प्रतिशत लोग भी सच नहीं मानते हैं।बनते हो संत काम सब असंतो के कर रहे हो
आए तक कोई सौत ऐसी बातें समाज में की है क्या
महान समाज सुधारक संत महात्मा कबीर का नाम खामखां बदनाम कर रहे हो
Every word is the certify of Shri ramashankar Sahab please read literature of Kabir sahab
तेरे गुरु तो वेद को इश्वरीय मन्ता हैं। सत् ना म के धन्दा चलारहाहे,सिधासाधा लोगोको बलगलारहाहे रामपाल पाखण्डी।
Gyan h hi nhi to kya denge
Ek dam sahi kehte h mhraj ji
मनुष्य आहार व्यवहार और विचार से नीच होता है जाति से नहीं !
Very true statement and this is experienced in the daily life if you follow sanatan dhram which is even cursed before any festival, pooja or special occasions.the God's even curse trees, animals for what
Kranti Kari param pujya krantikari adarneey Rama shankar sahab ke charno me sat sat Koti Koti naman vandan karta hoon sa Prem sahab bandagi buddham sharnan gachchhami
मेरे पूरे परिवार ने अचानक मूर्ति पूजा बऺद कर दिया है
और अब हम सब पहले से ज्यादा अच्छा महसूस कर रहे हैं
Kool kudmi..... Bed shastra chhara.
नाम से रूप का बोध होता है ।अगुन ही सगुन ही नहीं कछु भेदा। वेद-पुराण संतमथ एहि।साहेब रामचरितमानस के उद्धरण बिना आपका प्रवचन निष्फल हो जाता गलती से आलोचना ही सही आपका मानव-जन्म धन्य हो गयाहै । रावण भी रामनाम से भवपार उतर गया है,आप क्यों न होंगे।भाव-कुभाव अनघ आलसहूॅ ,नाम जपत मंगल दिसी दसहुॅ।
परम पूज्य संत श्री रमाकांत जी महाराज को लाखों लाख प्रणाम
जय भीम नमो बुद्धाय
रामायण मे लिखा है
कर्म प्रधान विश्व रच राखया जो जस कर सो तस फल पासा।
कबीर दास का गुरू भी ब्राह्मण था। ब्राह्मण न होता तो ये देश मुस्लिम होता ।
जय जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण हर हर महादेव
देश 700वर्ष गुलाम रहा। यदि वास्तव में एक भी व्यक्ति को स्पष्ट मालूम होता कि आत्म अमर है तो दस दिनों तक भी गुलाम नहीं बनाया जा सकता था। शब्दों के जाल में व्यक्ति की चेतना फंस चुकी थी। बड़ी बड़ी बातें करने वाले पाखंडी कुलीन तंत्र सिर्फ पवित्र पुस्तकों के शब्दों के तोते की तरह से रट्टू थे। शब्दों की भरमार प्रयोग या अभ्यास से खाली लोगों देश का बंटाधार कर दिया। इस देश के भोले भाले अशिक्षित रखे गए लोगों को झूठे चमत्कारों के चक्कर में फंसाकर रखा गया। वेद से विज्ञान पैदा हुआ मूर्खता पूर्ण बात है। ध्यान योग और कर्मयोग में दर्शन खुद पैदा होता है।
जब व्यक्ति के व्यक्तित्व में दर्शन पैदा होता है तो विज्ञान पैदा होता है।
अनावश्यक घमंड मत पालिए
बहुत सुंदर विचार 🙏🙏👌👌
ज्ञानी ज्ञान देइ रहा को सुनि करे विचार.सूरदास की स्त्री का पर करे सिंगार ,,।।साहेब बंदगी।। साहेब🙏
Ye bath सत्य है bramadh ne ही हिंदू धर्म का sarvnash kr दिया, शिर्फ जातिवाद करके आज कल हिंदू mushlman करते है, sabse पहले सभी हरिजन भाई लोगो को braman बनाये
।।अहार निद्रा भय मैथुनं च, समानमेतद पशुभिर्नराणां, धर्मोहि तेषां अधिको विशेषो धर्मेण हीना पशुभि समाना।।बालमुकुन्द प्यासी।।
Supar satsang
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Saheb bandagi sadguru ji 🙏🙏🌹🌹
गुरुजी आप बिल्कुल सही कह रहे हैं लेकिन यह जनता कान में तेल डालकर सो गई है यह जागने को तैयार नहीं है।
अमुक प्रवचन ईश्वर तुल्य है निःस्वार्थ
विरोध का विरोध
कवीर
संत
थे l
Sant ji very nice and true opinion west knowledge to blind devotees
Jay satnam guru baba ji ki jay
Jay bhim namo badhay
Jay savidhan of india
🏳️🇮🇳❤💙😂🎉😢😮😅🙏🙏🌹💞🌹
दुनिया को ब्राह्मण ने आध्यात्मिक उच्चारण करके स्वयं लिखे हैं दुनिया को भ्रमित कर रहे हैं आंखों देखा हाल देवी देवता जैसे पृथ्वी भारत का जगत जननी मां है सूर्य देव पवन देव अग्नि देव महाराज यह सब आंखों देखा देवी देवता है इनका कहीं मंदिर कहीं नहीं मिलेगा सतयुग त्रेता युग द्वापर युग 2000000 वर्षों से कोई नहीं देखा है मानगढ़ कहानी बनकर मंदिर बनवा कर व्यवसाय कर रहे हैं जानू टीका लगाकर फोकट राम गिरधारी बना रहे हैं
@@kunjbharisahu4507 aap sab kuchh chhor digiye aapko kon bolta hai bhagwan ko mano , aap Gad boliye, allahu akbar boliye , mandir mat jayega, masjid jayega...kiya problem hai..
Tumhe maloom hai ki bed se science bani hai....pata kuchh hai nahi brahman likha hai...tulsi das kiya hai tiwari ki pandey, ki sukla batawo...bed kon likha brahman nahi likha pata karo...
Bin Bhandwal ka Mandir Business Baman Chalata, logoko Murkh Banata.
Kabir sahib g nay kaha kon kahay ved jhootha voh jhootha jo ved na vichaara.
जिसे आप समझाना चाहते है वो 90% बहुजन बराहमणो के साथ है 'हर जगह
ब्राहामा जी को हम पैदा किऐ है
Thank you Ramashankar sahab apko god he half kare god is sarvatra.
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤१००%सत्य ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Right sir me aapka pura vidio dekhta hun
आचार्य जी प्रणाम वेद को स्वयं परमात्मा की वाणी है इसका कोई लिपिबद्ध नहीं है नंबर दो वेद में कोई बात झूठ नहीं है नंबर 3 खीर खाने से बच्चा पैदा नहीं हुआ खीर के अंदर कई प्रकार की औषधियां खिलाई गई थी बिना दशरथ के बच्चे पैदा हो गए ऐसा नहीं है और आप अपने ज्ञान की चर्चा करो तो अच्छा रहेगा निंदा नहीं करनी चाहिए
Mandodari mendak se peda Hui sitaji matki se peda Hui magardhwaj machhli se peda hua sarng Rishi hirni se peda hua Ganesh Mel se peda huaa brhma ke mukh se brahman peda hua bhuja se chhaktriya pet se veshy per se shudra ye sab teknologi ab kyo band ho gai
वो जड़ी बुटी कहा है जिससे बच्चे पैदा होते थे आदमी की जरूरत नही है क्या
वेदों में सच या झूठ कुछ भी नहीं लिखा हुआ। सच या झूठ दोनों को लिखा नहीं जा सकता। क्योंकि शब्दों की अपनी सीमाएं हैं और सच या झूठ सीमाओं में नहीं बांधे जा सकते। वेद उपनिषद सब शब्द संकेत हैं सत्य की ओर इशारे भर हैं। इशारों को ही लोग सत्य मानकर बैठ गए। इसलिए भारत सिर्फ़ मान्यताओं पर चलने वाला देश रह गया। लकीर का फ़कीर बनकर रह गया। भारत खोजियों का देश रहा है लेकिन आज सिर्फ़ परंपराओं और मान्यताओं का देश बनकर रह गया है। मान्यताएं और परम्पराओं पर चलते चलते भारत पखंडियों का देश बन गया। पाखंड और चेतना शक्ति दोनों अलग अलग तथ्य हैं।
सत्य लिखा या पकड़ा नहीं जा सका आज तक। क्योंकि सत्य दर्शन है जिसे खुद में खुद से ध्यान होकर ही देखा जा सकता है लेकिन दिखाया नहीं जा सकता। सत्य निजत्व के चैतन्य अस्तित्व में ही उतरता है। कृष्ण कबीर निरंतर प्रकाशित और प्रसारित होने वाली चेतना की परम घटना हैं। इसलिए किताबें पढ़ो समझो किंतु बिना ध्यान में उतरे किसी को कोई ज्ञान नहीं होता है। बस शब्दों का लोड ही दिमाग में भूत की तरह समा जाता है। गीता कुरान वेद किसी और के ध्यान से पैदा हुए तात्कालिक कारण से अवतरित शब्द हैं। अंतिम सत्य नहीं हैं।
क्योंकि सत्य और झूठ दोनों अनंत हैं।
Nothing is truth and nothing is false, time to time everything is truth and everything is false
संत महाराज जी बहोत अच्छा परबचन दिया है बेद में लबेद हैं संविधान को पढों और अपना हक अधिकार लो जय भीम जय संविधान
Sat sat naman Santa ji
Jày Bheem jay moolnivasi jay samvidhan jay vigyan jay Bharat namon Buddhay
रामा शंकर जी कृपया आप ध्यान दें कि कबीरपंथी का फॉलोवर क्यों नहीं?? आडंबर और अट्रैक्शन होना जरुरी है??
Jay Jay Jay prsuram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ hr hr mhadev
Paisa ho to na koi jaat na koi ऊंच न कोई नीच चाहे कबीर हो चाहे वैस्णव चाहे बौद्ध चाहे सिख चाहे जैन
Baba aap es kalyug me bhagwan hai jay 🙏🙏🙏🙏🙏shree sad Guru dev saheb❤❤❤❤❤
कबीर पंथ संत श्री रमाशंकर साहब जी को नमन ।
*हरि ૐ तत्सत पुज्य सद्गुरु श्री Ramashankar साहेबजी नमः*🙏 *जय श्री परब्रह्म परमात्मा*🙏 *ओम ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप*🌹
Brahmano ne barbad kiya deshko......
ਸਤਿਗੁਰ ਤੇਰਾ ਹੀ ਆਸਰਾ
Bhut acha wislesan
बेद तो ब्राह्मण लोग अपने स्वार्थ के लिये लिखे है l
Sahi baat SC St OBC sabhi logo ke dimag ko gulam bna rakha hai jab Tak brahman vad ko nahi chhodoge tab Tak desh tarki karhi nahi sakta kyoki Ye ghanta bajane ke siva kuchh batate hi nahi hai namo buddhay jay bheemmji
Kuran Tumhare Fufa Ne likhi thi
Tumhare mausa likhe the
Aasmani kitaben sab ko moorkh banane ke liye utari gai hain.
जय भीम जय पासवान जय बाबासाहब डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर
भगवान अपना अपना का गुणगांन्
करने की भक्ति - प्रवचन है l
ब्राह्मण के बिना भारत अधूरा, ये साहब जो प्रवचन कर बोल रहे है सत्य से परे है.
आप एक क्रांतिकारी संत है
ब्राह्मणों ने समय समय पर सनातन की रक्षा की है । सनातनी बन कर ।आप कबीर पंथी और कबीर दास कितने सनातानियो को विधर्मियो से बचाया है ।
Yah sant ke naam per kalank hai jo bhi uthate Hain niche jaate Hain sab brahmanon ke khilaf hi uthati hai inki
Sanatan itna chota hai ki vah khud apni rakcha nhi kar sakta.
Bramhno ko rakcha karna padta h.fir kaha gya bhagwan.😂
Bahut sahi sant h saty vachan
अपना उल्लू सीधा किया है ब्राह्मणों ने
Sahib bandagi Sahib Ji mein Vijay Prasad Yadav Motihari se
Ramashankar. Shaheki. Jai. ha. Rahega
Sant aap Jaise honi chahie samaj ka Kalyan ho jaega
जो हो रहा है सब अच्छा होगा और आगे भी अच्छा होगा देखते रहो हम इतना समझ कि पहले से अभी चल रहा ठीक है सबसे बड़ी चीज जीने के लिए रोटी कपड़ा और मकान और अग्नि दाह संस्कार सबसे बड़ा संस्कार है
रामायण श्री मद बाल मिकी dwarka लिखित उतराखण्ड सर्ग 73 से 78 के बारे में भी बताया करें।
Good Swami ji Mai Apke Sath Hai Mai ak Fauji Hau. amhan Apni Na
Gyani Kabhi Ninda nahin karta buraiyon ko achchaiyan Mein Badalta Hai bure logon ko bhi achcha banata hai
Sachi baat bolna ninda nahi hoti. Ye soye logo ko jagah rahe hai .Vivek istemaal karo or samjho
महाराज सत्यवानी . सुना रहे.
बिल्कुल सही संत जी
It's true....zyada samjhna ho osho ki baat ko sune....Jo 150000 kitabe padh chuka hai
वैज्ञानिक संत साहेब बंदगी तोनहा से सुशील
सीता माता 27/03/2024को अयोध्या पहुंच गए राम बिनोद पासवान
Bahut sunder Babaji
Sant rampal ji maharaj ji ki tarah aap pramanit gyan de tab mai janu aur aap gatat jaa rahe hai❤❤ par aap ko sat sat pranam