#mohammad_ebad #तीजे_का_खाना #रीति_रिवाज_के_खिलाफ़ #teeje_ka_khana #riti_rawaj_ke khilaf #grafh_agency #lucknow_india #abuzer_kintoori Teeje Ka Khana | Riti Rawaj Ke Khilaf | Mohammad Ebad Ka Elan तीजे का खाना | रीति रिवाज के खिलाफ़ Guest : Mohammad Ebad Host : Abuzer Kintoori Global Released : GRAFH AGENCY Lucknow
पूरा ज़रूर पढ़ें *आज कल एक मुहिम बहुत ज़ोरो से चल रही है फातेहा चालीसवाँ में खाना बंद हो* *क्यों बन्द हो* *पहली बात मुहिम चलाने वालों से कहना है कि *नज़रे मौला को खाना कहना बन्द करें नज़र ए मौला है वो* *बेटे बेटी भाई बहन की शादी में, बच्चे के ख़तना अक़ीक़ा में लाखों रुपया खर्च करने वाले एक मुहिम चला रहे है,मजलिस में नज़रे मौला बन्द होना चाहिए अपने घर की खुशी में लाखों रुपया खर्च कर रहे हो जिसका कोई सवाब नही है न ही उसका खाना सवाब के दायरे में है, लेकिन नज़रे मौला करना सवाब है मुहिम चलाने वालों को इतना ही एहसास है ग़रीबी का तो आज तक कितने ग़रीब के यहाँ पुरसा देने गये, अगर आप लोग ग़रीबों के यहाँ पुरसा सलाम दुआ रखें तो वो अपने को ग़रीब नही समझेगा* *अगर आपको ग़रीबों का बहुत एहसास है, अपने घर की खुशियों को गरीबों की खुशियों के बराबर करिये, शादी जैसे ग़रीब करता है वैसे करिये इस्लाम मे शादी के शरई मसले है उसको फॉलो करिये ये नही की सवाब के काम मे ख़लल डालिये* *मैंने मुहिम चलाने वाले नेता के बारे में अकबरपुर के आसपास गांव में पूछा वहाँ के लोगो ने भी बताया कुछ तथाकथित राजनीतिक पार्टियों में फ़र्ज़ी पकड़ रखने वाले कितने ग़रीबों को नौकरी दिलाया, सिवाये अपने परिवार और रिश्तेदार नज़र आये, ग़रीबों को छोटी नौकरी दिलाया होता तो आपके गांव के लोग सऊदी दुबई में नौकरी न करते.* *मजलिस को राजनीतिक अड्डा न बनाइये अभी हाल में किसी बड़े नेता के गांव में मजलिस थी, मजलिस क्या राजनीतिक प्रोग्राम था हर इंसान के ताल्लुक़ात गैर मज़हब से है जो भी करना हो एक दिन पहले करिये मजलिस वाले दिन मजलिस हो लेकिन कैसे अपनी ताकत बिरादरी को दिखायेंगे आये हुए उलेमाओं को दिखायेंगे कि देखिये हमने फ़र्ज़ीवाड़ा करके ये सब हैसियत हासिल की है* *जो भी उलमा ऐसे लोगों को सपोर्ट कर रहे है पहले खुद को सही करें अगर मजलिस का वादा किसी गांव शहर से होता है तो पहले मौलाना साहब उसकी हैसियत रुतबा चेक करते है, लिफाफा मोटा रहेगा या हल्का ये पहले ही पूछ लिया जाता है, जनाब बहुत एहसास है गरीबो का आप फ़्री में मत पढ़िये आईये किराये पर ही मजलिस पढ़ कर जाईये लेकिन मामला मौलाना साहब का है कैसे लिफाफा कम हो जाये* *कुछ शोरा भी है जो इस मुहिम को सही कह रहे है ये वही शोरा है जो महफ़िल आने से पहले रेट फिक्स करते है कितने गरीब के फातेहा में पेशख़्वानी की हज़ार दो हज़ार कम हुआ तो एक महफ़िल छोड़ दूसरी महफ़िल पकड़ लेते है हैसियत देख कर महफ़िल पढ़ने वाले शायर किसी ग़रीब के घर भी चले जाईए* *बहुत कुछ है लिखने को है लेकिन इतना ही कहूंगा जिस गांव से मुहिम उठ रही है पहले वो एक साल तक इस मुहिम को फॉलो कर के दिखाये तब आगे की बातें हो* *गुज़ारिश है कुछ अलग करने के चक्कर मे हुसैन की अज़ा और नज़रे मौला को टारगेट न करें* *आखिर में यही कहूँगा जिस के है वो करेगा जिसके नही है वो नही करेगा ज़बरदस्ती अवाम पर थोपने की कोशिश न करें* *गलत बस इतना है कि कर्ज़ा लेकर चालीसवाँ फातेहा नही होना चाहिए*
Subhanallah Allah aap ko jazae khair de aur salamat rakhe aameen This is a very good & constructive movement against odds among our community, thanks much
Assalamualaikum. Jazakallah Abuzar bhai aur Mohammad Ebad bhai. Bahut hi achchhi guftugu ki aap dono ne. Hum bhi kuchh aisa hi tassuraat rakhte hai. Samaj se inn kuritiyon ko khatam hona chahiye aisi hi soch aur fikr ke sath jab qoum ko mutawajjeh karaya jayega tabhi dheere dheere log apne aapko sudhaar payenge inshaallah. Hum samajhte hai ki zindagi guzarne ke jo tariqa e kaar hai woh aise hona chahiye..... Wajib kaam Mustahab kaam Haram kaamo se bachna Makruhaat se bachna Mubah kaam Ritee riwaz se bachna Wassalam......
Abuzar bhai zara kabristan or Qabar ke topics pr bhe bat kren aalim e din se is pr bhe rooshni dalen mehrbani hogi jo itni zayda mahngi ho chuki hain qabar e lucknow mai
Maulana logo par bhi baat karna chahiye jo aaj kal sabko flight ka ticket fir airport se pick and drop ke kiye car uske baad mota lifafa chahiye yeh bhi to galat hai agr train se aa sakte hai to flight se kyu
Haq bayani hai but yeh rewajh Gao dehat se hi aya hai lucknow mai to waise bhe yeh sb glt hai hona nhi chiye kis ki kya condition ho or logo ko Marne ka khana 40we ka khana sb bakwas hai krna hi hai to quran padhwa ke baqsh Dena chiye ya maa baap ke naam se gareeb bachho ki taalim ke liye paisa den majlis e bhe krni chiye fatiha bhe krna chiye but yeh sb khtm ho I agree with Mr ibaad
Bhai majlis ke baad logon ka majlis karne wale ke ghar ke samneen intizaar khatm nahi milega fathiha ke baad khana majlis me jane se pehle ghar per khana banwa kar Jain
यह तो बहुत अच्छा है क्या यह कुर्तियां नहीं है मौलाना भी लिफाफा लेना बंद कर दे जो मिल जाए खुदा का शुक्र करे और जो भी नज़रे मौला है मोमिनों के साथ बैठ कर खाएं। इमाम का फरमान है जो मेरे जिक्र का जरिए माश बनाना कुफ्र है ( तालीमुल इमाम पेज no 197)
मरने पर फातिहा चालीसवीं में एक घंटा मजलिस की जगह आधे घंटे मजलिस जिक्र मौला करें आधे घंटे कुरान खानी करें क्या यह बुरा अमल है खुद भी पढ़े और मोमिनों को भी पढ़ने के लिए कहे। आबाद sb kya yah kahne ke himmat hai बच्चों को कुरान की तालीम नहीं फिर कैसे मोमिन
Bahut achhi bat hai ❤❤❤ Lekin bahut mushkil hai ye chiz Ek hi tariqa hai mere hisaab se jisse ye hamari qaum me rayej ho skta hai aur wo ye hai ki. Hamare area ke jo bade bade log hai qaum ke finencialy thik thak log hai unko aage anaa chahiye aur unke yaha jab mitti ho to wo yahi kaam kare. Gareeb admi ko asani hogi isse. Aur wo automatic line pe aa jayega bina sharmaye Kyuki garib admi kabhi bhi shuru nahi krega ye. Agar wo karega shuru to uski izzat jayegi samaj me aur bade log start krenge to unki izzat badhegi.
Meri maaaf karnaa sabse badke jab kissi ki mott hoty hai too uske ghurr waloo par pahaad too karbala o ke muttawalll dhaate haii kabarr ki janghaa ke naaam parr
#mohammad_ebad #तीजे_का_खाना #रीति_रिवाज_के_खिलाफ़ #teeje_ka_khana #riti_rawaj_ke khilaf #grafh_agency #lucknow_india #abuzer_kintoori
Teeje Ka Khana | Riti Rawaj Ke Khilaf | Mohammad Ebad Ka Elan
तीजे का खाना | रीति रिवाज के खिलाफ़
Guest : Mohammad Ebad
Host : Abuzer Kintoori
Global Released : GRAFH AGENCY Lucknow
पूरा ज़रूर पढ़ें
*आज कल एक मुहिम बहुत ज़ोरो से चल रही है फातेहा चालीसवाँ में खाना बंद हो* *क्यों बन्द हो*
*पहली बात मुहिम चलाने वालों से कहना है कि *नज़रे मौला को खाना कहना बन्द करें नज़र ए मौला है वो*
*बेटे बेटी भाई बहन की शादी में, बच्चे के ख़तना अक़ीक़ा में लाखों रुपया खर्च करने वाले एक मुहिम चला रहे है,मजलिस में नज़रे मौला बन्द होना चाहिए अपने घर की खुशी में लाखों रुपया खर्च कर रहे हो जिसका कोई सवाब नही है न ही उसका खाना सवाब के दायरे में है, लेकिन नज़रे मौला करना सवाब है मुहिम चलाने वालों को इतना ही एहसास है ग़रीबी का तो आज तक कितने ग़रीब के यहाँ पुरसा देने गये, अगर आप लोग ग़रीबों के यहाँ पुरसा सलाम दुआ रखें तो वो अपने को ग़रीब नही समझेगा*
*अगर आपको ग़रीबों का बहुत एहसास है, अपने घर की खुशियों को गरीबों की खुशियों के बराबर करिये, शादी जैसे ग़रीब करता है वैसे करिये इस्लाम मे शादी के शरई मसले है उसको फॉलो करिये ये नही की सवाब के काम मे ख़लल डालिये*
*मैंने मुहिम चलाने वाले नेता के बारे में अकबरपुर के आसपास गांव में पूछा वहाँ के लोगो ने भी बताया कुछ तथाकथित राजनीतिक पार्टियों में फ़र्ज़ी पकड़ रखने वाले कितने ग़रीबों को नौकरी दिलाया, सिवाये अपने परिवार और रिश्तेदार नज़र आये, ग़रीबों को छोटी नौकरी दिलाया होता तो आपके गांव के लोग सऊदी दुबई में नौकरी न करते.*
*मजलिस को राजनीतिक अड्डा न बनाइये अभी हाल में किसी बड़े नेता के गांव में मजलिस थी, मजलिस क्या राजनीतिक प्रोग्राम था हर इंसान के ताल्लुक़ात गैर मज़हब से है जो भी करना हो एक दिन पहले करिये मजलिस वाले दिन मजलिस हो लेकिन कैसे अपनी ताकत बिरादरी को दिखायेंगे आये हुए उलेमाओं को दिखायेंगे कि देखिये हमने फ़र्ज़ीवाड़ा करके ये सब हैसियत हासिल की है*
*जो भी उलमा ऐसे लोगों को सपोर्ट कर रहे है पहले खुद को सही करें अगर मजलिस का वादा किसी गांव शहर से होता है तो पहले मौलाना साहब उसकी हैसियत रुतबा चेक करते है, लिफाफा मोटा रहेगा या हल्का ये पहले ही पूछ लिया जाता है, जनाब बहुत एहसास है गरीबो का आप फ़्री में मत पढ़िये आईये किराये पर ही मजलिस पढ़ कर जाईये लेकिन मामला मौलाना साहब का है कैसे लिफाफा कम हो जाये*
*कुछ शोरा भी है जो इस मुहिम को सही कह रहे है ये वही शोरा है जो महफ़िल आने से पहले रेट फिक्स करते है कितने गरीब के फातेहा में पेशख़्वानी की हज़ार दो हज़ार कम हुआ तो एक महफ़िल छोड़ दूसरी महफ़िल पकड़ लेते है हैसियत देख कर महफ़िल पढ़ने वाले शायर किसी ग़रीब के घर भी चले जाईए*
*बहुत कुछ है लिखने को है लेकिन इतना ही कहूंगा जिस गांव से मुहिम उठ रही है पहले वो एक साल तक इस मुहिम को फॉलो कर के दिखाये तब आगे की बातें हो*
*गुज़ारिश है कुछ अलग करने के चक्कर मे हुसैन की अज़ा और नज़रे मौला को टारगेट न करें*
*आखिर में यही कहूँगा जिस के है वो करेगा जिसके नही है वो नही करेगा ज़बरदस्ती अवाम पर थोपने की कोशिश न करें*
*गलत बस इतना है कि कर्ज़ा लेकर चालीसवाँ फातेहा नही होना चाहिए*
मोहम्मद इबाद को सपोर्ट करना है
विरोध से नहीं डरना है
इस्लाम के सही पैगाम और डॉक्टर कल्बे सादिक जी के मिशन को आगे बढ़ाना है
Badi dardnaak haqiqat bayan ki hai ebaad bhai ne
Is burai ko door krna bahot zaruri hai
Sach kaha
Mashallah bhut hi acha massage hai janab from jaunpur up
Bahut achi baat kahi ebad bhai ne
Bahot hi pyara paigham..Hamare Qoum ke liye..
Subhanallah Allah aap ko jazae khair de aur salamat rakhe aameen
This is a very good & constructive movement against odds among our community, thanks much
Sacchi Baat ❤
Ji bhut sahi kaha apne
Mashallah bahut achchhi baat kahi👍
बेहतरीन पहल है
Shukrya, sir
JazakAllah 👍
Bilkul sahi bat
मौत को रिवाज ने मंहगा बना दिया
Masha Allah bohat acchi baat hai
Mashallah, zabardast bhai
Mashaallah zabardast 🔥 bayaan
Mashaallah.Allah maula ke sadqe main sehatmand aur salamat rakhe Aameen.
Bahut zaroori tahreekki
Shurooaat ke liye Mubarak bad
Hashim Etawi.
बेहतरीन
Bahot Sahi bat hai......
Bahaut achchi aur bht zaroori koshish hai allah kamyab kare
Baat builkul sahi h❤
Manshallah salamat raho bhai
Mashallah
Masha Allah Ebad bhai salamat rahe bahot Acchi pahel hai bhai maula aap ko kamyabi ata kare
Marne Ko Bhi Awam Ne Dushwar Bana Diya Hai 😢😢
Assalamualaikum. Jazakallah Abuzar bhai aur Mohammad Ebad bhai.
Bahut hi achchhi guftugu ki aap dono ne. Hum bhi kuchh aisa hi tassuraat rakhte hai. Samaj se inn kuritiyon ko khatam hona chahiye aisi hi soch aur fikr ke sath jab qoum ko mutawajjeh karaya jayega tabhi dheere dheere log apne aapko sudhaar payenge inshaallah. Hum samajhte hai ki zindagi guzarne ke jo tariqa e kaar hai woh aise hona chahiye.....
Wajib kaam
Mustahab kaam
Haram kaamo se bachna
Makruhaat se bachna
Mubah kaam
Ritee riwaz se bachna
Wassalam......
Bhai jannat me jane wali mahngi qabron ke bare maen bhi muhim chaliye
Bahot achcha khayal aapne Zahir kiya samaj is baat pe ghaur kare
इबाद भाई का रौद्र रूप
Abuzar bhai zara kabristan or Qabar ke topics pr bhe bat kren aalim e din se is pr bhe rooshni dalen mehrbani hogi jo itni zayda mahngi ho chuki hain qabar e lucknow mai
bilkul sahi khana band hona chahiye
Bhai iske sath nam cheen zakereen awr maulana. Hazrat ko mote lifafe dekar majlis parhwane ke bajaye basti mai mojod molana se majlis parhwayi jaye
Maulana logo par bhi baat karna chahiye jo aaj kal sabko flight ka ticket fir airport se pick and drop ke kiye car uske baad mota lifafa chahiye yeh bhi to galat hai agr train se aa sakte hai to flight se kyu
Sahi BAAT hai education me hm log bahut piche rah gaye
Lucknow urf kufe mein yeh sab hota hai
اتنی کوشش پڑھای و اردو زبان پر کی جاے تو کوی غریب رہے گا ہی نہیں
System me ana hoga sab ko
Sirf bolne se nahi hoga
Sab ko mil ke aml karna padega
तिज्जे के साथ चेहलम का खाना भी बन्द होना चाहिए
Salam hai in sahab ko,Bohat zaroori topic par baat kar rahe hain,Allah inhe kaam karne ki bhi taufeeq ata kre,Aour kamyabi Ata kre.....
Haq bayani hai but yeh rewajh Gao dehat se hi aya hai lucknow mai to waise bhe yeh sb glt hai hona nhi chiye kis ki kya condition ho or logo ko Marne ka khana 40we ka khana sb bakwas hai krna hi hai to quran padhwa ke baqsh Dena chiye ya maa baap ke naam se gareeb bachho ki taalim ke liye paisa den majlis e bhe krni chiye fatiha bhe krna chiye but yeh sb khtm ho I agree with Mr ibaad
Muhim rukna nahi chaye
Lal topi utar kar moulana hone par apko bhoot badahai/mubarakbad jo bhee kabool ho😅😅
कड़वा सच
हकीक़त यही है
Salamalkum
Abuzar sahab
Tinja ka khana ho ya Chaliswa ka
Makro h,, gari ko yati mo ko
Mufliso ko Khelawo ,ta ke
Sawab ho,,
Marhum ke ghar walon ke liye bahut acchi baat hai yah
Bhai majlis ke baad logon ka majlis karne wale ke ghar ke samneen intizaar khatm nahi milega fathiha ke baad khana majlis me jane se pehle ghar per khana banwa kar Jain
Rich people come forward to stop this tradition, they can change this. Poors always follow society and remain under pressure and follow the tradition
Kadwa hai lakin koi apnana nhi chye ga yeh bhe jaan len ap hazrat
यह तो बहुत अच्छा है क्या यह कुर्तियां नहीं है मौलाना भी लिफाफा लेना बंद कर दे जो मिल जाए खुदा का शुक्र करे और जो भी नज़रे मौला है मोमिनों के साथ बैठ कर खाएं।
इमाम का फरमान है जो मेरे जिक्र का जरिए माश बनाना कुफ्र है ( तालीमुल इमाम पेज no 197)
Dawat impose kiya gaya hai, lambe waqt se log bhoj kha rahe hain. Ajeeb hai
Bahot se shia scholor ko dekha hai doosron ko tableegh to karte hain lekin apne ghar men sab karte hain
जिस्के पास है वो खिलाए
Isi mein majlis padhwane ka paise bhi shamil hai jaise zakir waisa paisa soyam se chehlam aur kam se kam ek barsi tak
Apne ghar se pahal karen
मरने पर फातिहा चालीसवीं में एक घंटा मजलिस की जगह आधे घंटे मजलिस जिक्र मौला करें आधे घंटे कुरान खानी करें क्या यह बुरा अमल है खुद भी पढ़े और मोमिनों को भी पढ़ने के लिए कहे। आबाद sb kya yah kahne ke himmat hai बच्चों को कुरान की तालीम नहीं फिर कैसे मोमिन
Moulana hum se kahte hai moula k naam par kharch karo aur khud moula k naam par jeb garam kare yah kis ne kaha hai
Molana logo ko majlis padna band Kar Dena chahiye
Bahut achhi bat hai ❤❤❤
Lekin bahut mushkil hai ye chiz
Ek hi tariqa hai mere hisaab se jisse ye hamari qaum me rayej ho skta hai aur wo ye hai ki.
Hamare area ke jo bade bade log hai qaum ke finencialy thik thak log hai unko aage anaa chahiye aur unke yaha jab mitti ho to wo yahi kaam kare. Gareeb admi ko asani hogi isse. Aur wo automatic line pe aa jayega bina sharmaye
Kyuki garib admi kabhi bhi shuru nahi krega ye. Agar wo karega shuru to uski izzat jayegi samaj me aur bade log start krenge to unki izzat badhegi.
bhai Ye khana khilana se better h ki Ghareeb ko madad karde Sirf Niyaz k liye thoda banana chahiye bas 😢😢😢😢
Lekin ebaad bhai mahengi shaadi pe bhi kuchh boliye
Logon Ko logon ki aankhen kholna bahut jaruri hai
Meri maaaf karnaa sabse badke jab kissi ki mott hoty hai too uske ghurr waloo par pahaad too karbala o ke muttawalll dhaate haii kabarr ki janghaa ke naaam parr