वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है। निराकार साकार मायाहै यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है। तो परमात्मा क्या है उसके लिए वेद कहते हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं देखा। परमात्मा सृष्टि से भिन्न है वही पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड है। उसका नाम धाम लीला क्या है उसका वेदों को पता नहीं।🎉🎉
सत्य सनातन परम धर्म 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर भजन है
वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है। निराकार साकार मायाहै यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
तो परमात्मा क्या है उसके लिए वेद कहते हैं जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं देखा।
परमात्मा सृष्टि से भिन्न है वही पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड है। उसका नाम धाम लीला क्या है उसका वेदों को पता नहीं।🎉🎉