| Mehrangarh Fort | इसी दौलतखाने में राजघराने की ज्वेलरी, हीरे-जवाहरात व बेशकीमती सामान रखा जाता था!

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 17 май 2023
  • | Mehrangarh Fort | इसी दौलतखाने में राजघराने की ज्वेलरी, हीरे-जवाहरात व बेशकीमती सामान रखा जाता था! ‪@Gyanvikvlogs‬
    📌You can join us other social media 👇👇👇
    💎INSTAGRAM👉 / gyanvikvlogs
    💎FB Page Link 👉 / gyanvikvlogs
    मेहरानगढ़ दुर्ग का इतिहास:--
    जोधपुर एक ऐसा शहर जो दुनिया भर में नीली नगरी के नाम से प्रसिद्ध है।ऐसी मान्यता है सदियों पहले ब्राह्मणों ने अपने घरों को अलग दिखने के लिए नीला कलर उन पर करवा दिया था! एक वक्त पहले जोधपुर मारवाड़ साम्राज्य की राजधानी था! अंग्रेजों के समय मारवाड़ व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र था! मेहरानगढ़ का अर्थ संस्कृत शब्द के मेहर से लिया गया है, जिसका अर्थ है सूर्य। क्योंकि यहां के राठौड़ राजा सूर्यवंशी थे!
    राठौड़ मारवाड़ के मूलनिवासी नहीं थे। वह मध्य भारत से आए थे। राव सीहाजी इस वंश के संस्थापक माने जाते हैं। वही सबसे पहले अपने पूरे परिवार के साथ यहां पर आए थे। सन 1459 में राव जोधा ने इस किले का निर्माण करवाना शुरू कराया। उन्होंने इस किले का निर्माण भाकर चिड़िया पहाड़ी पर करवाया। इस पहाड़ की ऊंचाई तकरीबन 400 फीट है। खंडवालिया समाज के लोगों ने इस किले का निर्माण करना शुरू किया था। इन लोगों के पास एक ऐसा हुनर थी हथौड़े से चट्टानों पर वार करके उनकी आवाज सुनकर उनके बीच की दरार तक पहचान लेते थे। सवालिया एक ऐसा समाज था, जिसके लोग भारी पत्थरों की धुलाई किया करते थे। वे लोग अपने काम में इतने माहिर थे कि लाखो टन चट्टानों को जंजीरों की मदद से ऊपर तक ढो हो सकते थे।
    मेहरानगढ़ किला 26 एकड़ में फैला हुआ है इसके चारों तरफ कई परकोटे हैं। इसकी लंबाई 500 मीटर और चौड़ाई 400 मीटर के लगभग है इसकी दीवारें लगभग 23 मीटर मोटी है, जहां पर तोप रखी है और इसकी ऊंचाई 325 फीट के आसपास है।
    पांच सदियों में 25 राठौड़ राजाओं के अंतर्गत इस मेहरानगढ़ फोर्ट का कार्यभार संभाला गया।
    जब राजपूतों को लगता था कि हालात उनके खिलाफ है और जीत उनके पक्ष में संभव नहीं है। तो आत्मसमर्पण की जगह वह लोग केसरिया पहनना पसंद करते थे।
    राठौड़ राजाओं को मौत कबूल थी लेकिन अपमान नहीं।
    राठौड़ राजा अपने वीर योद्धाओं को अपने हाथों से नशीली दवाई देते ।
    और कुर्बानी के जज्बे को बढाकर,केसरिया साफा पहन कर, युद्ध में कूद पड़ते थे।
    #Mehrangarhfort #Jodhpur #Gyanvikvlogs #मेहरानगढ़दुर्ग #मेहरानगढ़किला #HerirageofJodhpur #HistoryofMehrangarhfort #राजस्थान_का_सबसे_ऊंचा_किला #राठौड़_राजवंश_के_राजपूतों_का_किला

Комментарии • 52