अमरोल की ये आपकी भाव यात्रा बहुत अच्छी रही, हमें गुर्जर प्रतिहार वंशजों के द्वारा बनवाये गए अतिप्राचीन मंदिर और शिवलिंगम दिखाने और परिचय कराने के लिए आपका बहुत धन्यवाद सर🙏🙏और साथ में आपको स्वतंत्रता दिवस की बहुत शुभकामनाएं🚩🇮🇳❤
जो हमारे राजा हुआ करते थे मिहिर कल जो एक कट्टर शिव भक्त भगवान शिव जी के सबसे ज्यादा बड़े मंदिर बनाने वाले मर कल थे और उनके इतिहास में कई जिक्र नहीं होता जिगर होता तो उन्हें विदेशी बता दिया जाता है मिहिर कल कोई विदेशी नहीं था वह हिंदुस्तान का रहने वाला ही था हिंदुस्तानी था और सच्चा शिव भक्त था उत्तर भारत में जितने भी बौद्ध धर्म को खत्म करने का हाथ था सनातन धर्म को बचाने का हाथ था मीरकुल को जाता है
ग्वालियर में उपलब्ध प्रतिहार राज मिहिरभोज द्वारा स्वयं का उत्कीर्ण किया हुआ शिलालेख है जिसमें वह अपने वंश को क्षत्रिय बताते हुए अपने कुल का आदिपुरुष लक्ष्मण को बताते है। जैसे लक्ष्मण राम के "प्रतिहार" (द्वार रक्षक) हुए, वैसे ही उत्तर-पश्चिम से हो रहे तत्कालीन मलेच्छ आक्रमण के सम्मुख उन्होंने स्वयं को "प्रतिहार" बताया है। अगर किसी को मिहिरभोज का वह शिलालेख पढ़ना हो तो एपिग्राफी इंडिका का १८ वाँ भाग, पृष्ठ १०७ देख सकते है।
उसे टाइम के शिलालेख और तांबे पत्थरों में जितने भी राजा है उनके आगे पीछे गुर्जर जाति के गुर्जर नाम से उपाधियां मिलती है और गुर्जर वंश के कई सारे राजा भी मिलते हैं उसे समय के लेकिन यह लोग मानते नहीं है भले माने ना माने इतिहास में हकीकत ऐसी है कि गुर्जर जाति का इतिहास बहुत बड़ा सामान्य और गौरवशाली रहा
गुर्जर प्रतिहार सम्राट मीर भोज गुर्जर जाति से थे और उसे टाइम पर आसपास के क्षेत्र में गुर्जर राज कर रहे थे उसे टाइम के सारे क्षत्रिय गुजरी थे उसके जिंदा सबूत राजस्थान का बगड़ावत गुर्जर वंश जिनमें आज भी भगवान देवनारायण को गुर्जर सबसे ज्यादा मानते हो उनका विवाह धार के राजा परमार की बेटी से हुआ था यह बात आठवीं शताब्दी के जिस टाइम पर गुर्जर सम्राट मीर भोज का रास्ता 968 में भगवान देवनारायण का जन्म
भाई साहब आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करता कि आप अपने चैनल को बढ़ाने के लिए चीज मत डाला करो हकीकत जो हकीकत है दुनिया के सामने लो चाहे वह राजपूत की बात हो चाहे गुर्जरों की बात हो मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि यह विवाद आपस में छेद हुआ है कि गुर्जर प्रतिहार वंश किस संबंध था राजपूत से या गुर्जरों से यह आपके सामने आप जो भी सबूत आते हैं वह हकीकत लाई जाए उसके लिए कुछ भी करना पड़े
पिछले सवा वर्ष से अपनी जेब से खर्च कर घूम घूमकर इन मंदिरों को देख रहा। कभी किसी अन्य यूट्यूबर की तरह चंदा नहीं मांगा। मैंने कभी दावा नहीं किया कि गुर्जर प्रतिहार यानी गूजर या राजपूत। आपको थोड़ा इतिहास पढ़ना चाहिए। अगर कोई इतिहास का विद्वान यह लिखकर गया हो कि गुर्जर प्रतिहार यानी आज के गुर्जर तो मैं आपके चरण पकड़ लूंगा। प्रतिहार, परमार, परिहार सभी क्षत्रिय हैं। मैं कभी सनसनीखेज बातें नहीं करता। वह गुर्जर थे, शूद्र थे, क्षत्रिय थे इन बातों से मेरा कोई लेना-देना नहीं। मैं तो केवल यही मानता हूं कि वे हिन्दू थे।आधुनिक इतिहासकारों ने विश्व की सबसे वीर जाति क्षत्रिय के साथ आपराधिक अन्याय किया है। आप इस कुंठा से बाहर निकलिए। आप जिन शिलालेखों की बात कर रहे, उनमें से कोई एक शिलालेख मुझे दिखला दीजिए जिसमें प्रतिहारों को गुर्जर जाति का सिद्ध किया गया हो। बहुत धन्यवाद।
ओम् नमः शिवाय, हर हर महादेव
ॐ नम: शिवाय
आप हम हिंदुओ के लिए आदर्श है भैया
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति🙏🚩🙏
हर मंदिर अपने आप मे एक इतिहास समेटे हुए है आप की कृपा से हमें भी जानने का सौभाग्य मिलता है 🙏
वाह देवांशु भैया.. आपका प्रत्येक वीडिओ ज्ञान वर्धक व संग्रहणीय होता है। ❤️💐🙏🏻
बहुत सुंदर भाव यात्रा,सफर निरंतर जारी रहे
बहुत ही सुन्दर भइया🙏❤
बढ़िया जानकारी।
🙏
Jai Rajput Samrat Mihar bhoj ji🚩⚔️🕉️
अमरोल की ये आपकी भाव यात्रा बहुत अच्छी रही, हमें गुर्जर प्रतिहार वंशजों के द्वारा बनवाये गए अतिप्राचीन मंदिर और शिवलिंगम दिखाने और परिचय कराने के लिए आपका बहुत धन्यवाद सर🙏🙏और साथ में आपको स्वतंत्रता दिवस की बहुत शुभकामनाएं🚩🇮🇳❤
शुभकामनाएं। बहुत धन्यवाद 🌹
@@devanshu941च 3:07 3:57
महाराज कनिष्क का साम्राज्य कुषाण साम्राज्य महाराज हूं का साम्राज्य मिहिरका साम्राज्य हुआ करता था उसके बाद गुर्जर प्रतिहार राजवान करता था
जो हमारे राजा हुआ करते थे मिहिर कल जो एक कट्टर शिव भक्त भगवान शिव जी के सबसे ज्यादा बड़े मंदिर बनाने वाले मर कल थे और उनके इतिहास में कई जिक्र नहीं होता जिगर होता तो उन्हें विदेशी बता दिया जाता है मिहिर कल कोई विदेशी नहीं था वह हिंदुस्तान का रहने वाला ही था हिंदुस्तानी था और सच्चा शिव भक्त था उत्तर भारत में जितने भी बौद्ध धर्म को खत्म करने का हाथ था सनातन धर्म को बचाने का हाथ था मीरकुल को जाता है
ग्वालियर में उपलब्ध प्रतिहार राज मिहिरभोज द्वारा स्वयं का उत्कीर्ण किया हुआ शिलालेख है जिसमें वह अपने वंश को क्षत्रिय बताते हुए अपने कुल का आदिपुरुष लक्ष्मण को बताते है। जैसे लक्ष्मण राम के "प्रतिहार" (द्वार रक्षक) हुए, वैसे ही उत्तर-पश्चिम से हो रहे तत्कालीन मलेच्छ आक्रमण के सम्मुख उन्होंने स्वयं को "प्रतिहार" बताया है। अगर किसी को मिहिरभोज का वह शिलालेख पढ़ना हो तो एपिग्राफी इंडिका का १८ वाँ भाग, पृष्ठ १०७ देख सकते है।
उसे टाइम के शिलालेख और तांबे पत्थरों में जितने भी राजा है उनके आगे पीछे गुर्जर जाति के गुर्जर नाम से उपाधियां मिलती है और गुर्जर वंश के कई सारे राजा भी मिलते हैं उसे समय के लेकिन यह लोग मानते नहीं है भले माने ना माने इतिहास में हकीकत ऐसी है कि गुर्जर जाति का इतिहास बहुत बड़ा सामान्य और गौरवशाली रहा
गुर्जर प्रतिहार सम्राट मीर भोज गुर्जर जाति से थे और उसे टाइम पर आसपास के क्षेत्र में गुर्जर राज कर रहे थे उसे टाइम के सारे क्षत्रिय गुजरी थे उसके जिंदा सबूत राजस्थान का बगड़ावत गुर्जर वंश जिनमें आज भी भगवान देवनारायण को गुर्जर सबसे ज्यादा मानते हो उनका विवाह धार के राजा परमार की बेटी से हुआ था यह बात आठवीं शताब्दी के जिस टाइम पर गुर्जर सम्राट मीर भोज का रास्ता 968 में भगवान देवनारायण का जन्म
भाई साहब आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करता कि आप अपने चैनल को बढ़ाने के लिए चीज मत डाला करो हकीकत जो हकीकत है दुनिया के सामने लो चाहे वह राजपूत की बात हो चाहे गुर्जरों की बात हो मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि यह विवाद आपस में छेद हुआ है कि गुर्जर प्रतिहार वंश किस संबंध था राजपूत से या गुर्जरों से यह आपके सामने आप जो भी सबूत आते हैं वह हकीकत लाई जाए उसके लिए कुछ भी करना पड़े
पिछले सवा वर्ष से अपनी जेब से खर्च कर घूम घूमकर इन मंदिरों को देख रहा। कभी किसी अन्य यूट्यूबर की तरह चंदा नहीं मांगा। मैंने कभी दावा नहीं किया कि गुर्जर प्रतिहार यानी गूजर या राजपूत। आपको थोड़ा इतिहास पढ़ना चाहिए। अगर कोई इतिहास का विद्वान यह लिखकर गया हो कि गुर्जर प्रतिहार यानी आज के गुर्जर तो मैं आपके चरण पकड़ लूंगा। प्रतिहार, परमार, परिहार सभी क्षत्रिय हैं। मैं कभी सनसनीखेज बातें नहीं करता। वह गुर्जर थे, शूद्र थे, क्षत्रिय थे इन बातों से मेरा कोई लेना-देना नहीं। मैं तो केवल यही मानता हूं कि वे हिन्दू थे।आधुनिक इतिहासकारों ने विश्व की सबसे वीर जाति क्षत्रिय के साथ आपराधिक अन्याय किया है। आप इस कुंठा से बाहर निकलिए। आप जिन शिलालेखों की बात कर रहे, उनमें से कोई एक शिलालेख मुझे दिखला दीजिए जिसमें प्रतिहारों को गुर्जर जाति का सिद्ध किया गया हो। बहुत धन्यवाद।
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