पूज्य श्री गुरुमहाराज । सर्वप्रथम मेरा सादर प्रणाम🙏🙏 अती अद्भुत धार्मिक भक्तिमय् महामृत्युंजय मंत्र का विस्तृत ज्ञान प्रदान हेतु आपका शुक्रिया बहुत बहुत धन्यवाद जी🙏🙏
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* *श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* *श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* *श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* *श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* *श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* *श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* *श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं* *श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
हर हर महादेव 🙏🙏पूज्य गुरूदेव जी. आपका श्री चरणों में कोटिशः प्रणाम 🙏🙏इस पावन पवित्र सावन की शुभ अबसर पर भगवान श्री शिवजी का महामृत्युंजय मंत्र का विस्तृत जानकारी ओर इस अद्भुत मंत्र एक एक अख्योर को अती सहज़ तरीके से समझाया है. आपका अजोस्वी तेजोस्वी अलौकिक दिवज्ञान को बारम्बार नमन 🙏🙏
मान्यवर गुरु देव जी मेरे पास शब्द ही नहीं है, आपने प्रत्येक शब्दों को बहुत ही बारीकी से समझाया है। मन को इतनी शान्ति मिली है , मैं आपको बता नहीं सकता।🙏🙏🙏🙏🙏 मेरा आपसे नम्र निवेदन है इसी तरह से आगे का भी मार्ग दर्शन करे। बहुत-बहुत धन्यवाद आपको जी।
Thank you very much sir 🙏 👍 🙏🙏🙏🙏JAI HO UJJAIN KE RAJA BABA MAHAKAALASWAR KI, HAR HAR MAHADEV, OM NAMAH SHIVAYA, SHREE SHIVAYA NAMASTUBHYAM 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🔱🔱🔱🔱🔱🔱🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🚩🚩🚩🚩🚩🚩🌿🌷⚘🌿🌷⚘🌿🌷⚘🌿🌷⚘🙌🙌🙌🙌🙌🙌
Bahut hi sarl tarike se samjhane ka prayas nahi balki ati sunder tarike se samjhaya hai aapko Ishwar aur shakti de aap dhany hain Bhole nath ne aapko kitna suawsar diya hai aap bahut mahan hain salute
त्र्यम्बकं यजामहे---- इस मंत्र का सही अर्थ ऋषि - महर्षि वशिष्ठ इस मंत्र के साक्षात करने वाले रचयिता है। इस मंत्र के देवता रुद्र हैं। छंद -अनुष्टुप है। स्वर - धैवतः है। अर्थ-- हम सुगंधित युक्त तथा शरीर को पुष्टि युक्त बढ़ाने वाले तीनों लोकों के निर्माता परमेश्वर की स्तुति करते हैं। जैसे खरबूजा पककर स्वयं बेल लता से छूट जाता है। वैसे ही परमात्मा की कृपा से हम मृत्यु (दुख) के बंधन से छूट जावें। किंतु अमृत (आनंद) स्वरूप (मुक्ति) परमात्मा से विमुख न होवें। शब्दार्थ- त्रयंबकं त्रि+ अम्बकं= (अम्मा, माता को) तीनों लोकों को निर्माण करने वाली माता को । ईश्वर के अनेक नाम गुणवाचक होते हैं वेदों में ईश्वर को माता भी कहा गया है क्योंकि वह समस्त ब्रह्मांड का निर्माण करता है। शिव का अर्थ कल्याण है जो ईश्वर अपने भक्तों का कल्याण करता है इसलिए उसको शिव कहते हैं। जो दुष्ट पापियों को रुलाता है इसलिए उस ईश्वर का नाम रूद्र भी है। मृत्योर्मुक्षीय "= मृत्यु के बंधन से छूट जाना मामृतात्= अमृत स्वरूप मुक्ति से अलग मत हों। इस मंत्र का संबंध पौराणिक कथाओं से नहीं है क्योंकि 18 पुराणों की रचना महाभारत के बाद हुई थी वेदों की रचना सृष्टि काल से अरबों वर्ष पहले हो चुकी थी। ऐतिहासिक शिव ईश्वर नहीं थे वे कैलाश (हिमालय) के अधिपति (राजा) थे। भगवान शिव वेद वेदांग व्याकरण के धुरंधर विद्वान महायोगी थे। इसी मंत्र का जाप करके भगवान शिव ने अमरत्व प्राप्त किया था, और अन्य अपने भक्तों को भी प्रेरित किया था । शिव एक निराकार ईश्वर के उपासक थे, वे नित्य समाधित रहते थे। 99% हिंदू लोग वेदों का अध्ययन नहीं करते हैं। इसलिए पौराणिक कथाओं से भ्रमित रहते हैं पौराणिक विद्वान लोग वेदों का अर्थ कभी सही नहीं कर सकते हैं। सत्य और असत्य को जानने के लिए महर्षि दयानंद कृत सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ें तभी सनातन वैदिक धर्म को जान सकते हैं।
Om trayambakam yazaa mahe sugandhim pustiwardhanam oorwarookamiv bandhanan mriktyormukshiya mamritaat om swah bhuwah bhu om sah joom hongra om idam mriktyoonjay idam naman, om namah shivay. Manoj m.k.m
अद्भुत अति सुंदर जय श्री राम
पूज्य श्री गुरुमहाराज । सर्वप्रथम मेरा सादर प्रणाम🙏🙏 अती अद्भुत धार्मिक भक्तिमय् महामृत्युंजय मंत्र का विस्तृत ज्ञान प्रदान हेतु आपका शुक्रिया बहुत बहुत धन्यवाद जी🙏🙏
जयगुरूदेव ओम् ह्रि भुर् भुव संः त्रम्ब नमस्कार 🙏🌼
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
*श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं*
हर हर महादेव 🙏🙏पूज्य गुरूदेव जी. आपका श्री चरणों में कोटिशः प्रणाम 🙏🙏इस पावन पवित्र सावन की शुभ अबसर पर भगवान श्री शिवजी का महामृत्युंजय मंत्र का विस्तृत जानकारी ओर इस अद्भुत मंत्र एक एक अख्योर को अती सहज़ तरीके से समझाया है. आपका अजोस्वी तेजोस्वी अलौकिक दिवज्ञान को बारम्बार नमन 🙏🙏
बहुत ही सुन्दर ढंग से पेश किया गया हरहर महादेव की जय भोलेनाथ जय उमानाथ जय गौरानाथ जय गणेश जय कार्तिक पिता की
Om namah shivaya 🙏🙏 Har har Mahadev 🙏🙏
नमामि शम्भु , परम् प्रणाम बाबा
त्रिनेत्र भगवान शिव को समर्पित जय हो ।
मान्यवर गुरु देव जी मेरे पास शब्द ही नहीं है, आपने प्रत्येक शब्दों को बहुत ही बारीकी से समझाया है। मन को इतनी शान्ति मिली है , मैं आपको बता नहीं सकता।🙏🙏🙏🙏🙏 मेरा आपसे नम्र निवेदन है इसी तरह से आगे का भी मार्ग दर्शन करे। बहुत-बहुत धन्यवाद आपको जी।
हर हर महादेव जय श्री संकर
हर- हर महादेव ।इतनी अच्छी विवेचना करने के लिए बहुत बहुत आभार ।
Apke is byakhya se saf ho goya, jo monme jigyasu tha .Bahut bahut danyabad
Dhanyavaad Guruji aapne Mahamrityunjay mantra ke bareme jo jankari di behad satik batai aur es mnra arth aour mahatvapurn smza koti koti pranam 🌹🙏हर हर महादेव🙏 🌹🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति वाह धन्यवाद आदरणीय श्री
Har Har Mahadev ❤️🙏
आप बहुत अच्छी जानकारी देते है.
धन्यवाद.
बहुत ही सुंदर ढंग से व्याख्या की है
हर हर महादेव। अप का बिस्लेचन बहुत ही अच्छा लगा । अप को मेरी तरफ से प्रणाम ।🙏🙏🙏
ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय
आपकी हर व्याख्या को सादर प्रणाम ।आपको शुभ आशीर्वाद ।
Bahut Bahut dhannybad apke lie.hara hara mahadeb
हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महामहादेव
मुझे एक ऐसे जीवित संत की तलाश है जो मेरे साधना स्थल पर आकर स्थूल रूप में मुझे दर्शन दे सके
🙏🙏HAR HAR MAHADEV🙏🙏
धन्य वाद।। आपने बहुत अच्छे ढ ग से ब्याख्या की।।
ऐसा नहीं है महामृत्युंजय मंत्र एक माला का रोज जाप करना चाहिए ऐसा करने से हर आदमी बीमारी से बच जाए गा और सभी निरोग हो जाएंगे यह सत्य हैं
Bahut bahut dhanyawad guru ji.jay bholenath.
काश ऐसी कृपा शिवजी की हमारे ऊपर होती
Very deep and sweet philosophy
Jai shiri ram bahut sunder
हर हर महादेव जी
बहुत सुन्दर अर्थ बताया आपने
ओम नमः शिवाय 🙏🙏
धन्यवाद गुरूजी अर्थ समझाने के लिए
आपका दिल से धन्यावाद ।
ओम नमःशिवाय..हर हर महादेव 🔱⚘🌷💐🚩🚩🙏🙏
WE ARE BLESSED TO HAVE ELDERS LIKE YOU PRANAM GURUJI ☺️
Har Har Madev Shamboo...Thanks for your precious words ❤ 💕 💖
नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय
🔱🔱🔱
🔱🔱
🔱
हर हर महादेव ❤
ऐसी विवेचना के लिए आप को धन्यवाद
बहुत अच्छी व्याख्या की है आपको सादर प्रणाम
शिव जी ही सत्य है सत्य ही शिव जी है
Sirji so many thanks🌹🙏
पिताजी के पिताजी पितामह होते हैं और उनके पिताजी प्रपितामह होते हैं ।
🙏🏾🙏🏾 Har Har Mahadev 🙏🏾🙏🏾
आदरणीय गुप्ता जी, आपने बहुत अच्छे ढंग से समझाया है लेकिन पितामह का अर्थ दादा( पिता का पिता)। दादा के पिता को प्रपितामह कहते हैं।
Dhanebad bhai ji itna sunder se byakha diye or samajh me jaldi agaya thank you so much.
super se bhi upar.... kya baat hai mja aagya aanand aanand wah... aysa sundar arth youtube pr nhi dekha ab tk
Thank you very much sir 🙏 👍 🙏🙏🙏🙏JAI HO UJJAIN KE RAJA BABA MAHAKAALASWAR KI, HAR HAR MAHADEV, OM NAMAH SHIVAYA, SHREE SHIVAYA NAMASTUBHYAM 🕉🕉🕉🕉🕉🕉🔱🔱🔱🔱🔱🔱🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🚩🚩🚩🚩🚩🚩🌿🌷⚘🌿🌷⚘🌿🌷⚘🌿🌷⚘🙌🙌🙌🙌🙌🙌
ओम नम शिवाय🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Har har mahadev🙏
ओम् नमः शिवाय
Thank you sir. आपने बहुत ही सुंदर ढंग से समझाया। बहुत ही अच्छा लगा मुझे।
Bahut hi adhbut Guruji🙏
सर जी ,प्रणाम !!!
मंत्र का अर्थ सुनकर बहुत ही अच्छा लगा।आपको मेरा पुन: प्रणाम !!!
Har har mahadev ❤️🙏🏾🙏🏾thanks sir
ॐ🌹ॐ🌷ॐ🌹नमो:शिवाय:🌹🙏🙏🌹
Adbhut vyakhya sir thanks very very nice.
જય ભોલેનાથ ભગવાન શ્રી શિવ શક્તિ કી જય
Bahut achchi tarah samjhaya guru ji. Dhanyavaad prabhu ji
बहुत बढ़िया, सर❤🙏🌺🌹🌸
Hr hr kashi Shambhu Bholenathjiki Jai
Om Namaha Shivaya 🙏🙏🙏❤️🕉️
अति सुंदर ढंग से आपने समझाया बहुत बहुत धन्यवाद❤
OM MAHA MRUTYNJAY NAMAH
Shiv ji Aapki krapa bani rahe. Aap hi hamare rakshak hai.Aapki jai ho.
Jai mahakaal babs
Beautiful explanation in simple words. Thank you.
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
Sir aap bahat achche se mantra meanings samja the hai guru ji aap ki jai ho jai bholenaath
🔱 ॐ नमः शिवाय 🔱
☘🌺🙏🌺☘
नमामि शम्भो 🌹👏
Mhamtrunjay mantra ❤❤ koote koote namn Shree shivayNmastubhyam
જય શ્રી સોમનાથ મહાદેવ હર હર મહાદેવ
हर हर महादेव 🙏🙏
Bahut hi sarl tarike se samjhane ka prayas nahi balki ati sunder tarike se samjhaya hai aapko Ishwar aur shakti de aap dhany hain Bhole nath ne aapko kitna suawsar diya hai aap bahut mahan hain salute
Bahut sunder samjaya aap ne🙏
😌🙏Hey prabhu hey bholenath aapke charno mein koti koti naman 🙏😌
आपणे बहोत अच्छे तर्हा से अर्थ समझया
यह व्याख्या बिल्कुल सही है जी🚩🙏🌹😀
Mera bhakti purvak pranam sir..
❤jay shri mahakal jay shri ram ❤
सर जी आप ग्रेट हो 🙏👍
त्र्यम्बकं यजामहे---- इस मंत्र का सही अर्थ
ऋषि - महर्षि वशिष्ठ इस मंत्र के साक्षात करने वाले रचयिता है।
इस मंत्र के देवता रुद्र हैं।
छंद -अनुष्टुप है।
स्वर - धैवतः है।
अर्थ-- हम सुगंधित युक्त तथा शरीर को पुष्टि युक्त बढ़ाने वाले तीनों लोकों के निर्माता परमेश्वर की स्तुति करते हैं। जैसे खरबूजा पककर स्वयं बेल लता से छूट जाता है। वैसे ही परमात्मा की कृपा से हम मृत्यु (दुख) के बंधन से छूट जावें। किंतु अमृत (आनंद) स्वरूप (मुक्ति) परमात्मा से विमुख न होवें।
शब्दार्थ-
त्रयंबकं त्रि+ अम्बकं= (अम्मा, माता को) तीनों लोकों को निर्माण करने वाली माता को । ईश्वर के अनेक नाम गुणवाचक होते हैं वेदों में ईश्वर को माता भी कहा गया है क्योंकि वह समस्त ब्रह्मांड का निर्माण करता है। शिव का अर्थ कल्याण है जो ईश्वर अपने भक्तों का कल्याण करता है इसलिए उसको शिव कहते हैं। जो दुष्ट पापियों को रुलाता है इसलिए उस ईश्वर का नाम रूद्र भी है।
मृत्योर्मुक्षीय "= मृत्यु के बंधन से छूट जाना
मामृतात्= अमृत स्वरूप मुक्ति से अलग मत हों।
इस मंत्र का संबंध पौराणिक कथाओं से नहीं है क्योंकि 18 पुराणों की रचना महाभारत के बाद हुई थी वेदों की रचना सृष्टि काल से अरबों वर्ष पहले हो चुकी थी।
ऐतिहासिक शिव ईश्वर नहीं थे वे कैलाश (हिमालय) के अधिपति (राजा) थे। भगवान शिव वेद वेदांग व्याकरण के धुरंधर विद्वान महायोगी थे।
इसी मंत्र का जाप करके भगवान शिव ने अमरत्व प्राप्त किया था, और अन्य अपने भक्तों को भी प्रेरित किया था । शिव एक निराकार ईश्वर के उपासक थे, वे नित्य समाधित रहते थे।
99% हिंदू लोग वेदों का अध्ययन नहीं करते हैं। इसलिए पौराणिक कथाओं से भ्रमित रहते हैं पौराणिक विद्वान लोग वेदों का अर्थ कभी सही नहीं कर सकते हैं।
सत्य और असत्य को जानने के लिए महर्षि दयानंद कृत सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ें तभी सनातन वैदिक धर्म को जान सकते हैं।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut achcha samjhaya sadar pranam❤
Ram Ram ji
Bahut sundar.. very nice 👍👍
Kan kan me Shiv Shivoham ❤️🙏🏼
Dhanyawad ji
Jay shree Ram
Har har Mahadev ji
Bahut bahut dhanyavad aapke liye Om namah shivaya Om
Thanku guruji ji 🙏🙏
Thanku somuch
Bahut sunder arth bataya
Thanks a lot for explanation in detail of Maha Mrityunjay Mantra
Om trayambakam yazaa mahe sugandhim pustiwardhanam oorwarookamiv bandhanan mriktyormukshiya mamritaat om swah bhuwah bhu om sah joom hongra om idam mriktyoonjay idam naman, om namah shivay. Manoj m.k.m
अच्छी व्याख्या की आपने। आभार।
Shiv hi sach hai om namah shivay
Om namah shivay shree somnath
Pranam
Har Har mhadev🙏🙏🙏🙏🙏