जय माता जी री सा। "मुड़ियो नहीं महेस" ऐसा कोई गीत है क्या हुकम। मेने लक्ष्मी कुमारी जी चुण्डावत की पुस्तक में ये नाम पढ़ा था, अगर ऐसा कोई गीत है तो वो कोनसे महेशदास जी पर है। धरमत के युद्ध में काम आने वाले महेशदाश जी भाटी पर एक दोहा मैने वचनिका राठोड़ रतनसिंघ जी री, में पढा़ हैं जो ईस प्रकार है। पाडंतो पँड़वेस अचलावत अवसाण सिध। जुडियौ जणजण जूजुवौ मुडियो नहीं महेस।। ये भाटी महेसदास जी अचलदास जी के पुत्र और सुरताण जी के पौत्र थे। बीकमकोर इनकी जागीर का गांव था। क्या इन पर ही मुडियो नहीं महेस शीर्षक वाला गीत है, आपको इस पर कोई जानकारी हो तो कृपया जानकारी साझा करावे हुकम।
घणी ठावकी प्रस्तुति कविराज गिरधरदान सा।
वाह वाह सा
उमरदान जैसे कोई नही
वाह वाह बहुतखूब
बहुत ही सुंदर जानकारी प्रस्तुत की इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार
वाह वाह गिरधर सा हुकुम
bahut khub hukum
बहुत सुंदर जानकारी के लिए धन्यवाद
Ati sundar
गजब जानकारी अनुज❤❤❤
Jordar sa
हुकुम बहुत ही अच्छी जानकारी वीडियो के माध्यम से प्रेषित की।
बहुत बहुत साधुवाद,,❤
Nice rachna hukum 🙏
Gajab jaankari
जय माता जी री सा।
"मुड़ियो नहीं महेस" ऐसा कोई गीत है क्या हुकम।
मेने लक्ष्मी कुमारी जी चुण्डावत की पुस्तक में ये नाम पढ़ा था, अगर ऐसा कोई गीत है तो वो कोनसे महेशदास जी पर है। धरमत के युद्ध में काम आने वाले महेशदाश जी भाटी पर एक दोहा मैने वचनिका राठोड़ रतनसिंघ जी री, में पढा़ हैं जो ईस प्रकार है।
पाडंतो पँड़वेस अचलावत अवसाण सिध।
जुडियौ जणजण जूजुवौ मुडियो नहीं महेस।।
ये भाटी महेसदास जी अचलदास जी के पुत्र और सुरताण जी के पौत्र थे। बीकमकोर इनकी जागीर का गांव था।
क्या इन पर ही मुडियो नहीं महेस शीर्षक वाला गीत है, आपको इस पर कोई जानकारी हो तो कृपया जानकारी साझा करावे हुकम।
महेशदासजी कूंपावत आसोप पर कई दोहें हैं।मेड़ता की लड़ाई के।