हर प्रकार की जानकारी को इतनी सटीकता से समझाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार प्रकट किया।। साथ में स्वागत करते हैं आपके हर विचार का और नमन करते हैं आपके ज्ञान को।।।।।
सादर प्रणाम गुरुदेव ।गजकेशरी योग से संबंधित आपके द्वारा दी गई यह महत्वपूर्ण जानकारी अत्यंत ही महत्वपूर्ण है ।निश्चित रूप से एक श्रेष्ठ योग है ।बहुत - बहुत धन्यवाद आपका गुरुदेव ।
नकुल जी नमस्कार 🙏🙇♂️🌸 मैं सभी मित्रों से कहना चाहूंगा कि तुम इतने सक्षम बन जाओ कि तुम बाजार में रहो और फिर भी ध्यानपूर्ण बने रहो। मैं चाहूंगा कि तुम लोगों के साथ संबंध बनाओ, प्रेम करो, लाखों तरह के रिश्तों में बंधो- क्योंकि वे रिश्ते तुम्हें समृद्ध बनाते हैं-और फिर भी इतने सक्षम रहो कि *कभी-कभी अपने दरवाजे बंद करके सब रिश्तों से अवकाश ले सको… ताकि तुम अपनी अंतरात्मा से भी संबंध बना सको।* ‘दूसरों से संबंध रखो, लेकिन अपने आप से भी संबंध रखो। दूसरों से प्रेम करो, लेकिन अपने आप से भी प्रेम करो। बाहर जाओ!- दुनिया सुंदर है, जोखिम भरी है; यह एक चुनौती है, यह समृद्ध बनाती है। उस मौके को खोओ मत! जब भी दुनिया तुम्हारे दरवाजे पर दस्तक दे और तुम्हें पुकारे, बाहर जाओ! निर्भय होकर बाहर निकलो- वहां कुछ भी खोने को नहीं है; वहां सब पाने को है। लेकिन तुम स्वयं खो मत जाना। बाहर ही बाहर मत चलते जाओ और खो जाओ। कभी-कभी घर वापस आओ। कभी-कभी दुनिया को भूल जाओ - वही क्षण ध्यान के लिए हैं।’ ‘हर दिन, अगर तुम संतुलित होना चाहते हो, तो तुम बाहरी और आंतरिक संतुलन को बनाए रखो। दोनों का वजन बराबर होना चाहिए, ताकि भीतर तुम कभी भी असंतुलित न होने पाओ।’ ‘यही अर्थ है ज्ञानी लोग कहते हैं: “नदी में उतरो, लेकिन तुम्हारे पैर पानी को न छू पाए।” संसार में रहो, लेकिन संसार के ही मत हो जाओ। संसार में रहो, लेकिन संसार को अपने भीतर मत आने दो। जब तुम घर आओ, तो घर ऐसे आओ जैसे कि सारा संसार तिरोहित हो गया है।’
नमस्कार उम्मेद जी🙏 बहुत बढ़िया बात बात कही आपने।स्वयं को जानिए। इस सृष्टि में रहते हुए उसमे विलीन नहीं होना चाहिए।अपना अस्तित्व बनाए हुए सृष्टि को अपना मानते हुए इसके आंनद ले।कियू की हम अपनी दृष्टि से इस प्रकृति को देखते है तो तो हम अनु मात्र ही होते है।हमारा अस्तित्व हमको स्वयं बनाकर रखना होगा।अपने आप को प्रकृति से जोड़ कर रखना होगा।अपने अंदर ही समस्त ब्रह्माण्ड के दर्शन करने होंगे।स्वयं को जागृत करना होगा।यह स्थिति पर पहुंचने के लिए कोई योग नहीं वियोग चाहिए।माया मोह का त्याग चाहिए।एक नाम प्रभु का चाहिए। उन पर विश्वास और भक्ति चाहिए।आपका अभ्यास और विछोह चाहिए।ध्यान चाहिए।प्रेम चाहिए। आपका धन्यवाद 🙏
nitu jha । नमस्कार नीतू जी। बहुत ही अच्छा विश्लेषण किया है। ये बातें दिखती जितनी आसान है उतनी होती नहीं। किसी से प्रेम करें, या कोई रिश्ता बनाएं तो अशक्ती आ ही जाती है। इससे बचना आसान नहीं होता। हम उसका समिप्य चाहते हैं, उसके आस पास मंडराते हैं। उसका ध्यान आकर्षित करने की चेष्टा करना, उससे अपेक्षा रखने लगते हैं। यानी हम प्रेम और रिश्ते को उलझाने लगते हैं। यानी हम प्रकृति के मध्य जाते तो हैं, जो अती विशाल है। परन्तु उसको अपनी मुट्ठी में नहीं किया जा सकता है। जैसे नदी का तट और सुंदर वृक्ष हो, कल कल बहती नदी और साथ में जंगल। यह दृश्य कवि की कल्पना कि तरह है परन्तु क्या इस दृश्य को हम अपने साथ घर में ला सकते हैं, नहीं न। हम सिर्फ आनंद ले सकते हैं और अच्छी यादें बना सकते हैं। उसी प्रकार हम हर विचार, व्यक्ति, रिश्तों, संबंधों का आनंद ले कर उससे अशक्त हुए बिना। इस अखिल विश्व में ऐसी अनंत घटनाएं हो रही है जो समान तो हैं लेकिन एक दूसरे से आश्रित नहीं है। उसी प्रकार हम भी अभ्यास, योग, ध्यान, अनुशासन इत्यादि द्वारा जीवन में होने वाली अनंत घटनाओं को एक दूसरे से जोर बिना आनंदमय अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। आसान नहीं है परन्तु इतना मुश्किल भी नहीं है। धन्यवाद। 🙏🙏🌹🥀♥️
नीतू जी नमस्कार रितेश जी नमस्कार आप दोनों ने बेहतरीन विश्लेषण किया रितेश जी ने बहुत ही अच्छी बात कही कि उस दर से को सिर्फ जिया जा सकता है घर नहीं ले जाया जा सकता बस हर क्षण में जीना ही जीवन का असली स्वरूप है मैं तो यहां तक कहना चाहूंगा कि यदि कहीं स्वर्ग है तो इसी पृथ्वी पर है ना कि कहीं और आप दोनों का हृदय से धन्यवाद और नीतू जी आप तो स्वर्ग में ही रहते हैं
कर्क लग्न की कुंडली में एकादश भाव में वृष राशि में गुरु और चंद्र विधमान हैं तो गज केसरी योग तो बन गया पर सुख भाव में तुला राशि में राहू मंगल युति कर अंगारक योग भी बना रहे हैं और शुक्र जो कि लाभेश भी हैं सुख भाव में बैठे हैं राहु मंगल के साथ तो क्या गज केसरी फल देगा?
जी नमस्कार ।। सूर्य नारायण कि कृपा से आपका जीवन प्रकाशमय एवं उर्जावान बना रहे ।। बहुत बहुत स्वागत है जी आपका ।। जय जय जय श्री कृष्ण जी ।। कार्यक्रम रोज देखा करिये जी ।।
Pandit ji pranam mera vrushik lagna may guru ketu ki yuti aur saptam may chandra rahu ka yuti hey isko gaja Kesari yog manthey hey ya nahi KRUPIYA iska pal batha a
Accurate bola apny...nakul ji👍. Mera guru singh lagan me 4 baithy hai moon se ( varsbh) rasi me 10 house se. Aisa hee h mera ora 🔥. Meray ass pass bot frnz rehti h.jabki main sabky pichy nhi bhagti . automatically sab apnyapp khichi chali aati h.🤗
Sir meri makar lagan k 4th house kundli m bhi gaj keshri yog h chandrma guru ki yukti h ....pr uske sath neech ka shani bhi h to kya y yog mana jayega??🙏🙏🙏
Meri mesh lagan me chandarma 22 ansh aur guru 0 ansh par second bhav me hai.in par kisi ki drishti nahi hai.lagan khali hai,2and me rahu uch ka hai2 ansh ka uch ka.kiya kemdrubh dosh hai.
Pandit ji meri dhanu lagan ko kundali h chandrma guru ek saath 9house may h digri v thik h do no garh ko lekin lagan may rahu h ...mari vivahik giwan bahut khrb h kya upye kare pandit ji plz.....kya marrige kundali may 2marriage me yog h
Pranam Pandit Ji. Mere bete ki lagan kundali mein 8th house mein Guru aur Chandrama ki yuti hai kya ye Gaj Kesari Yog hai aur kya 8th house mein hone par ye kharab phal deta hai. Kripya bataye.
हर ग्रह की शांति करता है : नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र (अर्थ सहित) ग्रहों से होने वाली पीड़ा का निवारण करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ अत्यंत लाभदायक है। इसमें सूर्य से लेकर हर ग्रहों से क्रमश: एक-एक श्लोक के द्वारा पीड़ा दूर करने की प्रार्थना की गई है- ग्रहाणामादिरात्यो लोकरक्षणकारक:। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे रवि: ।।1।। रोहिणीश: सुधामूर्ति: सुधागात्र: सुधाशन:। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे विधु: ।।2।। भूमिपुत्रो महातेजा जगतां भयकृत् सदा। वृष्टिकृद् वृष्टिहर्ता च पीड़ां हरतु में कुज: ।।3।। उत्पातरूपो जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति:। सूर्यप्रियकरो विद्वान् पीड़ां हरतु मे बुध: ।।4।। देवमन्त्री विशालाक्ष: सदा लोकहिते रत:। अनेकशिष्यसम्पूर्ण:पीड़ां हरतु मे गुरु: ।।5।। दैत्यमन्त्री गुरुस्तेषां प्राणदश्च महामति:। प्रभु: ताराग्रहाणां च पीड़ां हरतु मे भृगु: ।।6।। सूर्यपुत्रो दीर्घदेहा विशालाक्ष: शिवप्रिय:। मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु मे शनि: ।।7।। अनेकरूपवर्णेश्च शतशोऽथ सहस्त्रदृक्। उत्पातरूपो जगतां पीडां पीड़ां मे तम: ।।8।। महाशिरा महावक्त्रो दीर्घदंष्ट्रो महाबल:। अतनुश्चोर्ध्वकेशश्च पीड़ां हरतु मे शिखी: ।।9।। हिन्दी भावार्थ - सूर्य : ग्रहों में प्रथम परिगणित, अदिति के पुत्र तथा विश्व की रक्षा करने वाले भगवान सूर्य विषम स्थानजनित मेरी पीड़ा का हरण करें ।।1।। चंद्र : दक्षकन्या नक्षत्र रूपा देवी रोहिणी के स्वामी, अमृतमय स्वरूप वाले, अमतरूपी शरीर वाले तथा अमृत का पान कराने वाले चंद्रदेव विषम स्थानजनित मेरी पीड़ा को दूर करें ।।2।। मंगल : भूमि के पुत्र, महान् तेजस्वी, जगत् को भय प्रदान करने वाले, वृष्टि करने वाले तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल (ग्रहजन्य) मेरी पीड़ा का हरण करें ।।3।। बुध : जगत् में उत्पात करने वाले, महान द्युति से संपन्न, सूर्य का प्रिय करने वाले, विद्वान तथा चन्द्रमा के पुत्र बुध मेरी पीड़ा का निवारण करें ।।4।। गुरु : सर्वदा लोक कल्याण में निरत रहने वाले, देवताओं के मंत्री, विशाल नेत्रों वाले तथा अनेक शिष्यों से युक्त बृहस्पति मेरी पीड़ा को दूर करें ।।5।। शुक्र : दैत्यों के मंत्री और गुरु तथा उन्हें जीवनदान देने वाले, तारा ग्रहों के स्वामी, महान् बुद्धिसंपन्न शुक्र मेरी पीड़ा को दूर करें ।।6।। शनि : सूर्य के पुत्र, दीर्घ देह वाले, विशाल नेत्रों वाले, मंद गति से चलने वाले, भगवान् शिव के प्रिय तथा प्रसन्नात्मा शनि मेरी पीड़ा को दूर करें ।।7।। राहु : विविध रूप तथा वर्ण वाले, सैकड़ों तथा हजारों आंखों वाले, जगत के लिए उत्पातस्वरूप, तमोमय राहु मेरी पीड़ा का हरण करें ।।8।। केतु : महान शिरा (नाड़ी)- से संपन्न, विशाल मुख वाले, बड़े दांतों वाले, महान् बली, बिना शरीर वाले तथा ऊपर की ओर केश वाले शिखास्वरूप केतु मेरी पीड़ा का हरण करें।।9।।
Pandit ji... Meri kundali me guru aur chandrama 6th sthan me he...To kya ye bhi gaj keshri yog hai ??? Sath me surya Pluto and shani bhi hai..6th place me...
Nakulji namaskar aapne gajkeshari yog ke bare me bahut badhiya bataya . Dhanyawad. Mai apna beta ka Janam kundli ke bare me janana chahta hoo. D. O.B. 13/08/1989. Time 4:30 pm place Bokaro ( Jharkhand). Career kaisa hoga. Dhan ki sthiti kaisi hogi.
चन्द्र मेष राशि में षष्टम भाव में है चन्द्र पर राहु की पाचवी दृष्टि है गुरू भाग्य भाव में कर्क राशि में है गुरू पर शनि की सातवीं दृष्टि हैं कया यह योग लाभ देगा
गुरु जी प्रणाम मेरा जन्म तिथि- 3 अप्रैल 1982. समय- 7-50 शाम. स्थान- राची झारखंड है. मेरे कुण्डली मे गज केसरी योग है. मेरा काम और भविष्य कैसा होगा. कृपया बताएं🙏
Guruji meri logna vrshik hei, aur meri logna pe guru aur shani hei, aur satwe vab mein vrishav rashi mein chandrama hei, kia meri kundali mein gazkeshri yog lovdayik hei, kquki guru ke sath shani vi hei, kia ye yog muje professor banyegi,
नव वर्ष की बहुत बधाई Namaste sir 🙏 Name : Simran Birth. : 27-5-2000 Time. : 11 : 50pm Place. : KOTA (Rajsthan) Ques : is kundli ka pura vishleshan kariyega plz 1 : yah kaun sa career chune jismein isko success mile ? 2 : isko government job milegi ki nahin ? Agar milegi to kis field mein ? 3 : kis ka Bhagya uday kab hoga ?
नमस्कार गुरु जी गुरू जी मेरी सिहं लग्न की कुण्डली मे बृहस्पति6डिग्री 4भाव मे वृश्चिक राशि मे चंद्र3डिग्री 10भाव मे वृष राशि मे है इन पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि नेही है जन्म शुकल पक्ष की द्धादशी का है मुझे एक माह पहले बृहस्पति की महादशा शुरु हुई है कैसा फल मिलेगा कृपया मार्गदर्शन करें "गुरू जी "
गजकेशरी राजयोग को लेकर उपस्थित हूँ आपको जरूर अच्छा लगेगा ,,,निश्चित रूप से। ..धन्यवाद
बहुत सुंदर विश्लेषण गुरुजी
शायद मेरी कुंडली मे यह योग हे, मिन लग्न मे गुरू है, और सप्तम भाव मे कन्या राशि मे चंद्रमा है
जी
बहुत सुंदर विश्लेषणकर्ता है आप जय हो
Thank you nice description !
हर प्रकार की जानकारी को इतनी सटीकता से समझाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार प्रकट किया।।
साथ में स्वागत करते हैं आपके हर विचार का और नमन करते हैं आपके ज्ञान को।।।।।
जी जरूर
Pranaam Daivagya ji,🙏
Aap ke jaisa varnan koi nhi karta.
Bahut bahut dhanyawad 🙏🙏🙏
नमस्कार जी ।। सूर्य नारायण की कृपा से आपका जीवन प्रकाशमय एवं ऊर्जावान बना रहे।। बहुत बहुत स्वागत है जी आपका ।। जय जय जय श्री कृष्ण जी ।।
😮😮wow amazing explanation guru ji ...mere pass hai ye yog h... bhagwan ki kripa se apne jo bola jyadatar gunn h mere andr ....
मेरे कुंडली में है शुक्र गुजार हु भगवान और आप जैसे गुरु मिले है🙏
🙏🙏🙏 nice explanation🙏🙏🙏
बिल्कुल सही कहा योग के साथ कर्म भी जरूरी है -दिया है बात्ती है घी है माचिस भी है पर जलाना तो स्वयं ही पड़ेगा।👌👌👌
जी अवश्य कैसे हो आप
सादर प्रणाम गुरुदेव ।गजकेशरी योग से संबंधित आपके द्वारा दी गई यह महत्वपूर्ण जानकारी अत्यंत ही महत्वपूर्ण है ।निश्चित रूप से एक श्रेष्ठ योग है ।बहुत - बहुत धन्यवाद आपका गुरुदेव ।
स्वागत है जी
आचार्य नमस्कार 🙏
गज् केसरी योग पर बहुत उत्तम व्याख्यान दिया आपने☺
बहुत बहुत धन्यवाद जी
नमस्कार गुरुजी
कितना अच्छी तरह समझाया प्रणाम बारंबार प्रणाम🙏🙏🌹🌹🙏🙏
नमस्कार जी
@@nakulParasharajyotishhilakshy 🙏🙏
गुरु जी आप बहुत महीन बाते भी विस्तार से बताते है धन्यवाद आपका
Bahut sunder tarike se bataya.
बहोत अच्छा कार्यक्रम रहा गुरु जी आज का
बहुत बहुत धन्यवाद जी
Namaskaar guruji..🙏🙏
Gaj kesri yog ki jaankari bahut achi h...
बहुत बहुत धन्यवाद जी
नमस्कार गुरुजी
बहुत उम्दा जानकारी दी गजकेसरी योग के बारे में
आभार जताया जी
कोटि-कोटि नमन गुरुजी जय श्री कृष्णा राधे राधे आप खुश रहें स्वस्थ रहें🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤💕💕💕💕💕💕👌👌👌👌👌👌
Namaskaar Pandit ji.🙏 bahut badhia jaankaari di aaj aapne..👌👌👏👏🌺🌺🌺🌺
बहुत बहुत धन्यवाद जी नमस्कार है
Gajkesari yog bahot badhiya bataya mai har ak yog ko sunati hu nakulji
Sahi Kaha Guruji Aapne❤
नमस्कार जी ।। सूर्य नारायण की कृपा से आपका जीवन प्रकाशमय एवं ऊर्जावान बना रहे।। बहुत बहुत स्वागत है जी आपका ।। जय जय जय श्री कृष्ण जी ।।
नकुल जी नमस्कार 🙏🙇♂️🌸
मैं सभी मित्रों से कहना चाहूंगा कि तुम इतने सक्षम बन जाओ कि तुम बाजार में रहो और फिर भी ध्यानपूर्ण बने रहो। मैं चाहूंगा कि तुम लोगों के साथ संबंध बनाओ, प्रेम करो, लाखों तरह के रिश्तों में बंधो- क्योंकि वे रिश्ते तुम्हें समृद्ध बनाते हैं-और फिर भी इतने सक्षम रहो कि *कभी-कभी अपने दरवाजे बंद करके सब रिश्तों से अवकाश ले सको… ताकि तुम अपनी अंतरात्मा से भी संबंध बना सको।*
‘दूसरों से संबंध रखो, लेकिन अपने आप से भी संबंध रखो। दूसरों से प्रेम करो, लेकिन अपने आप से भी प्रेम करो। बाहर जाओ!- दुनिया सुंदर है, जोखिम भरी है; यह एक चुनौती है, यह समृद्ध बनाती है। उस मौके को खोओ मत! जब भी दुनिया तुम्हारे दरवाजे पर दस्तक दे और तुम्हें पुकारे, बाहर जाओ! निर्भय होकर बाहर निकलो- वहां कुछ भी खोने को नहीं है; वहां सब पाने को है। लेकिन तुम स्वयं खो मत जाना। बाहर ही बाहर मत चलते जाओ और खो जाओ। कभी-कभी घर वापस आओ। कभी-कभी दुनिया को भूल जाओ - वही क्षण ध्यान के लिए हैं।’
‘हर दिन, अगर तुम संतुलित होना चाहते हो, तो तुम बाहरी और आंतरिक संतुलन को बनाए रखो। दोनों का वजन बराबर होना चाहिए, ताकि भीतर तुम कभी भी असंतुलित न होने पाओ।’
‘यही अर्थ है ज्ञानी लोग कहते हैं: “नदी में उतरो, लेकिन तुम्हारे पैर पानी को न छू पाए।” संसार में रहो, लेकिन संसार के ही मत हो जाओ। संसार में रहो, लेकिन संसार को अपने भीतर मत आने दो। जब तुम घर आओ, तो घर ऐसे आओ जैसे कि सारा संसार तिरोहित हो गया है।’
नमस्कार उम्मेद जी🙏
बहुत बढ़िया बात बात कही आपने।स्वयं को जानिए।
इस सृष्टि में रहते हुए उसमे विलीन नहीं होना चाहिए।अपना अस्तित्व बनाए हुए सृष्टि को अपना मानते हुए इसके आंनद ले।कियू की हम अपनी दृष्टि से इस प्रकृति को देखते है तो तो हम अनु मात्र ही होते है।हमारा अस्तित्व हमको स्वयं बनाकर रखना होगा।अपने आप को प्रकृति से जोड़ कर रखना होगा।अपने अंदर ही समस्त ब्रह्माण्ड के दर्शन करने होंगे।स्वयं को जागृत करना होगा।यह स्थिति पर पहुंचने के लिए कोई योग नहीं वियोग चाहिए।माया मोह का त्याग चाहिए।एक नाम प्रभु का चाहिए। उन पर विश्वास और भक्ति चाहिए।आपका अभ्यास और विछोह चाहिए।ध्यान चाहिए।प्रेम चाहिए।
आपका धन्यवाद 🙏
Aapki lekhni mujhe achi lagti hai dhanywad Gyan ki bate batane ke liye
nitu jha । नमस्कार नीतू जी।
बहुत ही अच्छा विश्लेषण किया है।
ये बातें दिखती जितनी आसान है उतनी होती नहीं।
किसी से प्रेम करें, या कोई रिश्ता बनाएं तो अशक्ती आ ही जाती है। इससे बचना आसान नहीं होता। हम उसका समिप्य चाहते हैं, उसके आस पास मंडराते हैं।
उसका ध्यान आकर्षित करने की चेष्टा करना, उससे अपेक्षा रखने लगते हैं।
यानी हम प्रेम और रिश्ते को उलझाने लगते हैं।
यानी हम प्रकृति के मध्य जाते तो हैं, जो अती विशाल है। परन्तु उसको अपनी मुट्ठी में नहीं किया जा सकता है।
जैसे नदी का तट और सुंदर वृक्ष हो, कल कल बहती नदी और साथ में जंगल।
यह दृश्य कवि की कल्पना कि तरह है परन्तु क्या इस दृश्य को हम अपने साथ घर में ला सकते हैं, नहीं न।
हम सिर्फ आनंद ले सकते हैं और अच्छी यादें बना सकते हैं।
उसी प्रकार हम हर विचार, व्यक्ति, रिश्तों, संबंधों का आनंद ले कर उससे अशक्त हुए बिना।
इस अखिल विश्व में ऐसी अनंत घटनाएं हो रही है जो समान तो हैं लेकिन एक दूसरे से आश्रित नहीं है।
उसी प्रकार हम भी अभ्यास, योग, ध्यान, अनुशासन इत्यादि द्वारा जीवन में होने वाली अनंत घटनाओं को एक दूसरे से जोर बिना आनंदमय अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं।
आसान नहीं है परन्तु इतना मुश्किल भी नहीं है।
धन्यवाद।
🙏🙏🌹🥀♥️
नीतू जी नमस्कार रितेश जी नमस्कार आप दोनों ने बेहतरीन विश्लेषण किया रितेश जी ने बहुत ही अच्छी बात कही कि उस दर से को सिर्फ जिया जा सकता है घर नहीं ले जाया जा सकता बस हर क्षण में जीना ही जीवन का असली स्वरूप है मैं तो यहां तक कहना चाहूंगा कि यदि कहीं स्वर्ग है तो इसी पृथ्वी पर है ना कि कहीं और आप दोनों का हृदय से धन्यवाद और नीतू जी आप तो स्वर्ग में ही रहते हैं
@@lavathiwari548 धन्यवाद जी आभार आपका
Bahut hi satik jankari
Kavita :8 September 1975
Time :4:18 pm sham ko
Place: District: Nanded
Maharashtra
Makar lagn aur kanya rashi hai...mera bhavishya kaisa hoga...
Guruwar karykarm bahot सुंदर banaya aapne
बहुत बहुत धन्यवाद जी
कर्क लग्न की कुंडली में एकादश भाव में वृष राशि में गुरु और चंद्र विधमान हैं तो गज केसरी योग तो बन गया पर सुख भाव में तुला राशि में राहू मंगल युति कर अंगारक योग भी बना रहे हैं और शुक्र जो कि लाभेश भी हैं सुख भाव में बैठे हैं राहु मंगल के साथ तो क्या गज केसरी फल देगा?
Wahhhh bhaiya g kya shandar samjhaya aapne....meri bhi kundali me h ye yog mesh rashi me.... par 8 bhav me bna h
बहुत अच्छा कार्यक्रम गुरूजी
🙏🙏🙏🏿🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान
मेरी मीन लग्न की कुंडली में ये योग है🤝🤗 चतुर्थ भाव में गुरु और सप्तम में चंद्रमा है
Very nice information thanks, best description,🙏🤗
जी नमस्कार ।। सूर्य नारायण कि कृपा से आपका जीवन प्रकाशमय एवं उर्जावान बना रहे ।। बहुत बहुत स्वागत है जी आपका ।। जय जय जय श्री कृष्ण जी ।। कार्यक्रम रोज देखा करिये जी ।।
First view
बहुत धन्यवाद जी
Bahut aacha video
बहुत बहुत धन्यवाद जी
Best to best thanks ..
Guruji mera kark lagna me chandra aur guru labh bhav me vrish rashime hai kya ye gajkesri yog hai krittika nakshatra me kripaya bataye
I m so impressed ...aapko shat shat naman 🙏
बहुत बहुत आभार जी नमन आपको भी ।।
Pandit ji pranam mera vrushik lagna may guru ketu ki yuti aur saptam may chandra rahu ka yuti hey isko gaja Kesari yog manthey hey ya nahi KRUPIYA iska pal batha a
प्रणाम गुरूजी, श्री गुरू देव दत्त
Accurate bola apny...nakul ji👍. Mera guru singh lagan me 4 baithy hai moon se ( varsbh) rasi me 10 house se. Aisa hee h mera ora 🔥. Meray ass pass bot frnz rehti h.jabki main sabky pichy nhi bhagti . automatically sab apnyapp khichi chali aati h.🤗
Mesh lagan Khana 2 Shani Chander Garu yuti kaya Gajkesari Yog Banata hai Garuji Batayeji
Paranma 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Namaskar sir 🙏...bhut acchi jankari di aapne sir
बहुत बहुत धन्यवाद हैं
Jai shree Krishna..guruji..moon 🌘 ...4+7+10 ..
जय जय जय श्री कृष्ण जी ।।
Absolutely correct.In my case moon is in brischik rashi and jupiter is in bris rash.
जी धन्यवाद जी
Bahut sundar vishleshan.
Sir meri makar lagan k 4th house kundli m bhi gaj keshri yog h chandrma guru ki yukti h ....pr uske sath neech ka shani bhi h to kya y yog mana jayega??🙏🙏🙏
Guruji meri kundli kark lgn ki h lgn me hi guru sukr or surya ketu h 10 ve bhaov me chandr mangl ki yuti me h gaj kesri yog bn rha h to kya laabh hoga
Meri mesh lagan me chandarma 22 ansh aur guru 0 ansh par second bhav me hai.in par kisi ki drishti nahi hai.lagan khali hai,2and me rahu uch ka hai2 ansh ka uch ka.kiya kemdrubh dosh hai.
🙏 🙏 🙏 गुरु जी बहुत अच्छा 👏👏👏
बहुत बहुत धन्यवाद जी
@@nakulParasharajyotishhilakshy गुरु जी कन्या लग्न दशम भाव मैं गुरु और चंद्रमा की युति और जन्म शुक्ल पक्ष की दशमी क्या योग बनता ह
Pooran Chandra Joshi 21oct.1966 7.15pm berinag Uttarakhand gaj kesri yog??
नकुल जी बहुत सुन्दर बताया आपने आपसे एक निवेदन है कि मेरी कुंडली का भी विश्लेशण करके आपके चेनल पर बताईये आपका अतिकृपा होगी
अवश्य ही
@@nakulParasharajyotishhilakshy नकुल जी मेरी जन्मतिथि 30/9/1995, जन्मसमय 4pm जन्मस्थान गंगापुर राजस्थान है
क्या चतुर्थ भाव में मीन राशि में चन्द्र ,गुरु और बुध हों तो भी यह घटित होता है या निष्फल हो जाता है। कृपया मार्गदर्शन करें ।
Pandit ji meri dhanu lagan ko kundali h chandrma guru ek saath 9house may h digri v thik h do no garh ko lekin lagan may rahu h ...mari vivahik giwan bahut khrb h kya upye kare pandit ji plz.....kya marrige kundali may 2marriage me yog h
गुरु जी मेरी कुंडली में यह योग है नवें भाव में गुरु और चंद्रमा की युति है।
भाई,मजा आ गया।
बहुत बहुत धन्यवाद जी
superb jankari sir
बहुत बहुत धन्यवाद जी नमस्कार
Pranam Pandit Ji. Mere bete ki lagan kundali mein 8th house mein Guru aur Chandrama ki yuti hai kya ye Gaj Kesari Yog hai aur kya 8th house mein hone par ye kharab phal deta hai. Kripya bataye.
Pranam pundit ji.
This gajkesri yoga will be effective if made in, 6&12, 8&2 houses also .pl clarfy
नमस्कार जी ।। जय जय जय श्री कृष्ण
बने रहिएगा ।। जी जरूर देखूंगा
मकर लग्न की कुंडली में छठे भाव में गुरु+चंद्र गजकेसरी योग हैं जो की मिथुन राशि में है क्या यह योग फलित होगा या नहीं!
जी ।।
Jai jai jai Shri Krishna 🙏
जय जय जय श्री कृष्ण नमस्कार जी ।
हर ग्रह की शांति करता है : नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र (अर्थ सहित)
ग्रहों से होने वाली पीड़ा का निवारण करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ अत्यंत लाभदायक है। इसमें सूर्य से लेकर हर ग्रहों से क्रमश: एक-एक श्लोक के द्वारा पीड़ा दूर करने की प्रार्थना की गई है-
ग्रहाणामादिरात्यो लोकरक्षणकारक:। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे रवि: ।।1।।
रोहिणीश: सुधामूर्ति: सुधागात्र: सुधाशन:। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे विधु: ।।2।।
भूमिपुत्रो महातेजा जगतां भयकृत् सदा। वृष्टिकृद् वृष्टिहर्ता च पीड़ां हरतु में कुज: ।।3।।
उत्पातरूपो जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति:। सूर्यप्रियकरो विद्वान् पीड़ां हरतु मे बुध: ।।4।।
देवमन्त्री विशालाक्ष: सदा लोकहिते रत:। अनेकशिष्यसम्पूर्ण:पीड़ां हरतु मे गुरु: ।।5।।
दैत्यमन्त्री गुरुस्तेषां प्राणदश्च महामति:। प्रभु: ताराग्रहाणां च पीड़ां हरतु मे भृगु: ।।6।।
सूर्यपुत्रो दीर्घदेहा विशालाक्ष: शिवप्रिय:। मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु मे शनि: ।।7।।
अनेकरूपवर्णेश्च शतशोऽथ सहस्त्रदृक्। उत्पातरूपो जगतां पीडां पीड़ां मे तम: ।।8।।
महाशिरा महावक्त्रो दीर्घदंष्ट्रो महाबल:। अतनुश्चोर्ध्वकेशश्च पीड़ां हरतु मे शिखी: ।।9।।
हिन्दी भावार्थ -
सूर्य : ग्रहों में प्रथम परिगणित, अदिति के पुत्र तथा विश्व की रक्षा करने वाले भगवान सूर्य विषम स्थानजनित मेरी पीड़ा का हरण करें ।।1।।
चंद्र : दक्षकन्या नक्षत्र रूपा देवी रोहिणी के स्वामी, अमृतमय स्वरूप वाले, अमतरूपी शरीर वाले तथा अमृत का पान कराने वाले चंद्रदेव विषम स्थानजनित मेरी पीड़ा को दूर करें ।।2।।
मंगल : भूमि के पुत्र, महान् तेजस्वी, जगत् को भय प्रदान करने वाले, वृष्टि करने वाले तथा वृष्टि का हरण करने वाले मंगल (ग्रहजन्य) मेरी पीड़ा का हरण करें ।।3।।
बुध : जगत् में उत्पात करने वाले, महान द्युति से संपन्न, सूर्य का प्रिय करने वाले, विद्वान तथा चन्द्रमा के पुत्र बुध मेरी पीड़ा का निवारण करें ।।4।।
गुरु : सर्वदा लोक कल्याण में निरत रहने वाले, देवताओं के मंत्री, विशाल नेत्रों वाले तथा अनेक शिष्यों से युक्त बृहस्पति मेरी पीड़ा को दूर करें ।।5।।
शुक्र : दैत्यों के मंत्री और गुरु तथा उन्हें जीवनदान देने वाले, तारा ग्रहों के स्वामी, महान् बुद्धिसंपन्न शुक्र मेरी पीड़ा को दूर करें ।।6।।
शनि : सूर्य के पुत्र, दीर्घ देह वाले, विशाल नेत्रों वाले, मंद गति से चलने वाले, भगवान् शिव के प्रिय तथा प्रसन्नात्मा शनि मेरी पीड़ा को दूर करें ।।7।।
राहु : विविध रूप तथा वर्ण वाले, सैकड़ों तथा हजारों आंखों वाले, जगत के लिए उत्पातस्वरूप, तमोमय राहु मेरी पीड़ा का हरण करें ।।8।।
केतु : महान शिरा (नाड़ी)- से संपन्न, विशाल मुख वाले, बड़े दांतों वाले, महान् बली, बिना शरीर वाले तथा ऊपर की ओर केश वाले शिखास्वरूप केतु मेरी पीड़ा का हरण करें।।9।।
बहुत अच्छा
@@ravinderchauhan909 😊😊
Awesome 👍
बहोत अच्छा हर्सिल जी
@@kajalmishra3741 😊😊😊
Guru ji🙏
Guru ji ager 6 bhav m guru chander or shuker k sath ho maker rashi m teb kya fel hoga
❤️❤️🙏🙏 great description
Guru ji parnam...🙏🙏
Guru ji meri kundali ka aadhyan kre...🙏🙏 Live
Pandit ji...
Meri kundali me guru aur chandrama 6th sthan me he...To kya ye bhi gaj keshri yog hai ???
Sath me surya Pluto and shani bhi hai..6th place me...
जी
Jai shree Krishna 🙏
जय जय जय श्री कृष्ण नमस्कार जी आभार ।।
Nakulji namaskar aapne gajkeshari yog ke bare me bahut badhiya bataya . Dhanyawad. Mai apna beta ka Janam kundli ke bare me janana chahta hoo. D. O.B. 13/08/1989. Time 4:30 pm place Bokaro ( Jharkhand). Career kaisa hoga. Dhan ki sthiti kaisi hogi.
🙏🙏 Namaskar gruji.
Jay Shri Krishna........
Namaskar guruji, mere 2 house dhanu rashi me guru Chandra dono hai par iska phal kese prapt hoga guruji btaiye
Mera vrischik Rashi hain ...aur guru lagna main hain ...to kya phal nahi milega ...???
बहुत सुंदर गुरूजी
बहुत बहुत धन्यवाद जी नमस्कार
जय श्रीराम!
जय जय जय जय श्री कृष्ण
चन्द्र मेष राशि में षष्टम भाव में है
चन्द्र पर राहु की पाचवी दृष्टि है
गुरू भाग्य भाव में कर्क राशि में है
गुरू पर शनि की सातवीं दृष्टि हैं
कया यह योग लाभ देगा
Nick video guruji pranam
नमस्कार है जी आपको भी
Dear sir , meri janm kundli tula lagn ki h or yh yog meri kundli m 6 house m ban rha h , to use falibhut krne ke liye kya krna hoga sir
जय जय श्री कृष्ण 🙏🙏
Nice program
Meri kundali vrishchik lagan ki h....sur guru aur chandrama 3 house mein hai....iske kya effect honge guru ji...jrur btana
Kyaa guru chandra ke rashi parivartan se nahi bntaa gazkesri yogaa
15 feb 1979 3 4o am delhi iska bhagya keb jegega incom nehi hoti upay bhee beta de me aap ki abhari hu god bless you
Nice video......
बहुत आभार
Radhe radhe
अगर चंद्रमा अष्टं मे हो ओर गुरू एकादश हो कर्क लग्न में तो गजकेसरी होगा क्या...??
नही
Sir mere kark lagna ke kundli me moon vrischik Rashi me hai guru vrish Rashi me rohni nakshatra me hai toh Kya ye yog banega
थोड़ा मिलेगा
Kya aap guru,shukra, budha, chandra or rahu ki yuti ke baare m batayege........25/4/1987,9.45am,jaipur
जी
Radhey Radhey guru ji
राधे राधे जी ।।
गुरु जी प्रणाम
मेरा जन्म तिथि- 3 अप्रैल 1982. समय- 7-50 शाम. स्थान- राची झारखंड है.
मेरे कुण्डली मे गज केसरी योग है. मेरा काम और भविष्य कैसा होगा. कृपया बताएं🙏
क्या लग्नेश और भाग्येश गुरु+चंद्र पराक्रम भाव में हो तो गजकेशकरी योग फलित होगा?
जी नही
प्रणाम गुरु जी 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Guruji meri logna vrshik hei, aur meri logna pe guru aur shani hei, aur satwe vab mein vrishav rashi mein chandrama hei, kia meri kundali mein gazkeshri yog lovdayik hei, kquki guru ke sath shani vi hei, kia ye yog muje professor banyegi,
जी
meri kundali me 6th house me guru and 12th house me chandra sthit hai, kya yog bante hai guruji
Pranam guru ji .agar ye yuti 12th house mey ho tou result mey kami ho jaati hai kya. Pl advice.
Bahut Sundar Bhai 🙏🏻
बहुत बहुत धन्यवाद जी
Beautiful ❤️
Nice video sirji
बहुत धन्यवाद श्रीमान
मेरे बेटे की कुंडली कर्क लग्न की है और चंद्रमा और गुरु दोनो दूसरे हाउस में एक साथ ही बैठे है यानी पांच नंबर में तो ये युति गज केसरी का निर्माण करेगी?
Namaste 🙏 ...guru 6th house m uccha ka h aur chandra ki degree 00 h to kya fal milega
नमस्कर गुरुजी
नमस्कार है जी
मेरा नवममें चंद्रमैं मीन राशीके है और गुरू व्यवमैं है तो ये गज केसरी योग होता है क्या 🙏🏼🙏🏼
Guru ji Meri Kundli m guru 5 house m h or Chandrma 9 house h to guru ki 5 drishti h Chandra pr to kya ye yog bnega guru ji 🙏
जय श्री महाकाल
I have Jupiter in lagna in Capricorn and moon in 10th with Mars .gajakeshari yog will work or not
नव वर्ष की बहुत बधाई
Namaste sir 🙏
Name : Simran
Birth. : 27-5-2000
Time. : 11 : 50pm
Place. : KOTA (Rajsthan)
Ques : is kundli ka pura vishleshan kariyega plz
1 : yah kaun sa career chune jismein isko success mile ?
2 : isko government job milegi ki nahin ?
Agar milegi to kis field mein ?
3 : kis ka Bhagya uday kab hoga ?
नमस्कार गुरु जी
गुरू जी मेरी सिहं लग्न की कुण्डली मे बृहस्पति6डिग्री 4भाव मे वृश्चिक राशि मे चंद्र3डिग्री 10भाव मे वृष राशि मे है इन पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि नेही है जन्म शुकल पक्ष की द्धादशी का है मुझे एक माह पहले बृहस्पति की महादशा शुरु हुई है कैसा फल मिलेगा
कृपया मार्गदर्शन करें "गुरू जी "
बहुत सुंदर