धर्म परिवर्तन हुए आदिवासियों को हमारा रीति रिवाज कल्चर ठीक नहीं लगा इसलिए वो लोग हमारा धर्म हमारा संस्कृति छोड़ चुके हैं तो वो हमारे लो में हस्तक्षेप क्यों करना चाहते हैं लोगों को हमारे रीति रिवाज हमारे लो में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और अपना क्रिश्चियन धर्म मानना चाहिए।
ईसाई समुदाय को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से लाभ दिया जाता है इसमें सरना आदिवासी कुछ आपत्तियां नहीं किया तो फिर ये ईसाई धर्म मानने वाले इस में टांग क्यों अड़चन कर रहा है
यह सब विदेश के लोगों के podcast से कुछ समजा है। ●पुरानी सभ्यता रोमन, भारतीय, मिश्र, यूनान . सभी प्रकृति पूजक स्वतंत्र थे, सब एक ही अज्ञात की रचना है, तो आप उनकी किसी भी रूप, रंग या object की आराधना करो तो उस तक पंहुच ही जाओ गे। सब वही एक शून्य से विस्तार हुआ जगत है, तो कण कण में वही विराजमान है। ● लेकिन उनका स्वार्थी भगवान दूसरे रूप से डरता है, एक नाम से सुनता है, दूसरे की आराधना करे तो नर्क मे रख देगा। जिसका एक भी इतिहास मे प्रमाण नहीं है। वह मसीहा खुद पूरा जीवन वेश्यावृत्ति वाली स्त्रियां के आसपास पाया जाता है, एक वेश्यासे दो बच्चे पैदा करके छोड़ देने का इल्ज़ाम है, लोग कहते कॉन्से उधार के लिए वेश्यावृत्ति के आसपास ही मिलता था। सायद यही कारण सादी नहीं की, उससे तो उसके पिता का पात्र अच्छा जो किसी और के बेटे को पिता और माता को पति बनके स्वीकार किया, बाकी वर्जिन से कभी कोई संतान नहीं उत्पन्न होता उसका विज्ञान, इतिहास गवाह हैं। ● आज Morden बिगबैग की theory यही कहती है कि ब्रहमांड एक बिन्दु से उत्पन्न हुआ है। ● लेकिन 4th centuries में सभी लोगों political एक नियम, एक सत्र छाया के अधीन लाने के लिए एक मसीहा की कल्पना रची गयी, मनुष्य को भगवान के नाम डरा के गुलाम बनाने से कोई अच्छा तरीका कौनसा होगा? जिसकी story रोमन से कुंवारी माता , भेड़ की कहानी, son of God रोमन राजा खुद को कहलवाते थे प्रजा से, सब का उद्धार कर्त्ता copy किया । ● सब पुरानी सभ्यता में ट्रिनिटी concept था तो वह भी ● बौद्ध धर्म से वीरान रेगिस्तान में खाना खिलाने वाला चमत्कार. ● यहूदियों से मसीहा की अवतार की अवधारणा, करके सभी को एक पंथ की गुलामी नीचे लाने राजधर्म घोषित किया, ताकि मनुष्य मृत्यु से डरता है तो भगवान मान्यता के नाम, दान, स्वर्ग, नर्क के नाम, विश्वास की गुलामी से राज़ किया जा सके। • लेकिन कुछ यहूदी तैयार नहीं थे तो मसीहा को मारने का इल्ज़ाम लगा कर उन्हें षड्यंत्र से लाने का प्रयास किया, लोगों की माता बहने उठा उठा कर, व्याभिचार से डराया गया, स्त्रियां गिफ्ट में दी जाती सैनिक को सामने वाले विचारधाराओं के लोगों अगर उन्हें अपने नियत्रण में लादे, फिर वह युद्द हो या षड्यंत्र तहत, पर कुछ विश्वास नहीं माने। जिसमें क्रिश्चियन का सामना करने एक और कट्टरपंथी इस्लाम उत्पन हुवा, यही कारण उनमे गुरखा प्रथा है ताकि स्त्री को उनसे बचा सके। कुछ यहूदी इधर उधर भागते रहे, जो खूनी खेल हिटलर 60lac यहूदी संहार, पूरा विश्व गुलाम, विश्वयुद्ध तक चला, । सारे इतिहास गवाही दे रहा कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ, सारी परंपरा अन्य सभ्यता से copies किया है, ● लेकिन आज लोगों को मनोवैज्ञानिक तरीके का इस्तेमाल कर के गुलाम बनाया जाता है, पूरा मनो विज्ञान कहता है कि सारी बीमारी, समस्या आत्मबल से खत्म होती है पर ये लोग भगवान के नाम से विश्वास उत्पन करते हैं, जो वास्तविक मनुष्य का confidence लेवल बढ़ता है और आत्मबल ही होता है, लोग समस्या से छुटकारा पाते हैं। लेकिन लोग उनके काल्पनिक पात्र के गुलाम है उन्हें य़ह विज्ञान नहीं समज में आता। उन गुलामों को स्वर्ग नर्क की लालच में भरपूर लुटा जाता है, शातिर हॉस्पिटल, चर्च, स्कूल, charities, सेवा, दया के नाम दान के नाम सम्पति, जमीन दोलत जमा कर पूरे विश्व पर राज करना चाहते हैं। ● गुलाम प्रचार के लिए घूमते रहते ताकि उनका विस्तार हो सम्पति का, नियम कानून ऐसे हैं कि एक गाल पर थप्पड़ मारे दूसरा सामने करदे, फिर सूली पर क्यू ना टांग दे उनका मसीहा उनका उद्धार करेगा। ● लोग ये simple बात नहीं समज पाते कि लोग शांत रहे पीटते रहे पर उन धार्मिक गुरु के लिए कोई खतरा ना बने, यहीं कारण य़ह उद्देश्य है ताकि धर्म गुरु जलसा करे! फिर ये प्रचार-प्रसार वाले क्यूँ ना मार दिए जाए, मसीहा ही ऐसा बना दिया कि लटक जाओ पर विरोध नहीं। ●फिर गुलाम क्या कर सकता है, स्वर्ग चला जाएगा, अनन्त जीवन की लालच उनकी मजबूरी है। • कभी समय मिले तो वेदांत, उपनिषद पढ़े, सत्य क्या है, गुलामी क्या है aazad हो जाओगे सारे पंथ की गुलामी से। फिर वह हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई पंथ। बुद्ध , महावीर की तरह स्वतंत्र हो जाओगे। जिसमें कोई नियम, कोई कानून नहीं केवल बोध है जो सारे बंधन से मुक्त कर देता है, समझ और चेतना का सही इस्तेमाल करे। जिसे पढ़ने के बाद पूरा पश्चिम उनके चंगुल से aazad हो रहा है, ऑक्सफोर्ड जेसे टॉप यूनिवर्सिटी में वेदांत और उपनिषद पढ़ाई जाते हैं।
@शैतान-प9द PESA kya hai samjhte ho Sarna tribal code kya hai samjhte ho 5th schedule kinu bana malum hai Coustomery law kya hota hai ye malum hai isko kon follow karega tumhare curch ka father ya koi mandir ka pandit ya koi pahan!
@S.Raj_Toppo आपको क्या तकलीफ है महाराज जो कानून में वे ही कहे रहे हैं । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कारण हमारी मानकी मुण्डा स्वशासन व्यवस्था कमजोर हुई है । लगता है आप पंचायत चुनाव के चमचे हो । बाहरियों के दलाल हो जो अनुसूचित क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सर्मथन कर रहे हो । हमलोग तो पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था समर्थन करने वाले आम किसान हैं ।
@Bikas_oraon सरना एक विदेशी धर्म है जो कल परसो आया है और अभी तक लागू नहीं है आगे भी लागू नहीं हो सकता है केवल गुमराह किया गयाह है कि पास किया है और आदिवासी कोई भी धर्म मन सकता है जैसे बहुत से आदिवासी हिन्दू धर्म मानते हैं, सरना धर्म मनते हैं, ईसाई धर्म मानते हैं, बहुत से ऐसे भी हैं जो अभी तक सरना धर्म को स्वीकार नहीं किये हैं और करना भी नहीं चाहतें हैं, जहाँ तक मेरा जानकारी हैं कि एक घर में ही, हिन्दू धर्म के भगवान को मनते हैं राम को और हनुमान को भी मनते हैं, और गाय को भी मनते हैं, और सरना धर्म में सरना माता को मनते हैं पर भी इस धर्म में हिन्दू धर्म के भगवान समिलित है गाय, सरस्वती कृष्णा, तुलसी भगवान,और अन्य हिन्दू भगवान समिलित है, और कुछ आदिवासी है जो सरना धर्म, ईसाई धर्म को, और हिन्दू धर्म को नहीं मानते है वे पहले वाले धर्म मनते है जो बोंगा बुरु, गाँव देवती भगवान के अलावा अन्य भागुट देवता भी समिलित है इसका मतलब है सभी आदिवासी असली आदिवासी नहीं है, तो मेरा कहना है कि जो धर्म कल परसो आया है सरना धर्म को मनने वाले का भी जाती खत्म कर देना चहिये उसके साथ डीलिस्टिंग भी और जो आदिवासी हिन्दू धर्म मनता है यानि हिन्दू भगवान को मनता है उसका भी आदिवासी जाती हटना चहिये और डीलिस्टिंग भी होना चहिये और जो आदिवासी ईसाई धर्म को उसका भी होना चहिये इस तरह होगा तभी आदिवासी में एकता नहीं होगा आपस में लड़ेंगे और वोट बटेगा और b j p बहुमत से बिजय होगा और पुरे भारत में b j p का सरकार होगा उसके बाद कटर हिन्दू राष्ट्र होगा तभी मनुस्मिर्ति सविधान पूरी तरह से लागू किया जायेगा और भारत देश मनुस्मिर्ति से चलेगा इसे कोई भी सरना धर्म के आदिवासी भी नहीं रोक सकता है न ईसाई, न हिन्दू आदिवासी, न अन्य आदिवासी, एक नरा है फुट डालो शासन करो, बस इसी काम बाकी है, पिक्चर अभी बाकी है दोस्त, सरना आदिवासी, ईसाई आदिवासी, हिन्दू आदिवासी एक मूली का सब्जी है दोस्त, बस इसे उखाड़ना बाकी है दोस्त आगे भी धीरे धीरे काम करना बहुत बाकी है दोस्त आगे तक पूरा नहीं बताऊंगा देकते जाओ,
@@Bikas_oraon आदिवासी, सरना हो या ईसाई हो या हिन्दू धर्म के भगवान को मनने वाले आदिवासी हो, जाती के नाम पर, और धर्म के नाम पर और सरकारी लाभ के नाम पर मत भेद उत्पन्न होगा तभी वोट टूटेगा और b j p बहुमत से पुरे भारत में जीत पायेगा और तभी कटर हिन्दू राष्ट्र बनेगा उसके साथ में, मनुस्मृति सविधान आसानी से लागू हो सकता है तभी सविधान बदल सकता है एक नरा है फुट डालो शासन करो, बस पिक्चर अभी बाकी है दोस्त
@@Bikas_oraon जहाँ जहाँ हिन्दू आदिवासी, सरना आदिवासी ईसाई आदिवासी में मत भेद हो रहा है वहां वहां आदिवासी को मुंहरा बनाके आगे किया जाता है यानि आदिवासी को धर्म के नाम से,जाती के नाम से लड़ने के लिए आगे करते है जहाँ भी ऐसे मत भेद हुआ है उसके पीछे बाहरी लोग देखने को मिलते है जिसको आप पहचन नहीं सकते है, भारत में फुट डलो शासन करो,भारत में एक ही नरा जय श्री राम, भारत में एक ही सविधान, मनुस्मिर्ति सविधान और
@ShishuOraon-gq8yv तो कन्वर्ट होके आदिवासियों का हक छीन रहे हैं उसको क्या कहोगे? राजनीति अपनी जगह भाई डीलिस्टिंग होना चाहिए तब हमे अपना हक सही से मिलेगा नहीं तो ये कन्वर्ट वाले हमारा हक छिनते रहेंगे।
भारत की संसद ने 1996 में पेसा कानून पारित किया है,इसे हुबहू लागू किया जा सकता है,लेकिन converted Christian इसे लागू करने देना नहीं चाहते,कारण पेसा कानून रूढ़िवादी परम्परा पर आधारित है, दूसरी बात रूढ़िवादी परम्परा में पहले से बने व्यवस्था पर हीपेसा कानून को लागू करना होगा, जबकि Christian Society इसे चुनाव कर पेसा कानून बनाना चाहती है,जो संभव नहीं है।
Tribal identity is defined by ethnicity, culture, language, and traditions, not by religion, and conversion to Christianity does not erase one's tribal roots. Christian tribals continue to preserve their customs, language, and way of life, maintaining their tribal heritage despite their religious conversion. The Indian Constitution recognizes tribal status based on social and cultural factors, not religion, and the Supreme Court has affirmed that religious conversion does not affect tribal status. Excluding Christian tribals from the Scheduled Tribe (ST) category would be unconstitutional and discriminatory, denying them their rightful entitlements and protections. The focus should be on ensuring equal rights for all tribals, regardless of their faith, to ensure they have access to education, healthcare, and resources. Raising divisive issues based on religion only fosters conflict, while the real concern should be addressing the challenges faced by tribal communities, such as land rights, development, and welfare, in a unified and inclusive manner.
यह सब RRS के जनजातिय सुरक्षा मंच का फैलाया हुआ दुस प्रचार है जिस मे आप भी शामिल है । इसाई बनाम सरना का पेसा मे कोई बात नही है। आदिवासी PESA ले कर ही रहेंगे । PESA कानून आदिवासी बनाय बाहरी है।
झारखंड shikshit लोगों से आगे बढ़ेगा नाक की धर्म से और यदि लोगों को ईसाई धर्म से नफरत है तो, वह अपने बच्चों को मिशनरी स्कूल में क्यों पड़ते हैं यह भी सवाल पूछता है झारखंड? झारखंड में आधार से अधिक लोग जेवियर कॉलेज, गोस्सनर कॉलेज, Saint Paul, Saint John, आदि विभिन्न स्कूलों में घर मिशनरी लोग अपने बच्चों को क्यों पढ़ाते है?
पेसा कानून उन्ही लोगों के लिये लागू होगा जो छोटानागपुर भूमि का खाना खाता है और छोटानागपुर का गुण गाते है । ऐसे लोगों के लिये पेसा एक्ट लागू नही होगा जो छोटानागपुर भूमि का खाना खा के जर्मन रोमन युरूसेलेम का गुण गाते है ।
ये अगर ईसाई बन गए है तो आदिवासी को मिलने वाले लाभ st कोटा से क्यों मिल रहा है ? मैं खुद उसी आदिवासी समाज से हूं। मैं अपने आपको सनातनी ही कहता हूं और कहता रहूंगा ,, जो लोग ईसाई बन रहे हैं उन्हें आदिवासी लाभ नहीं मिल सकता , कतई नहीं
@@SanjayKumar-of7zc भाई मै तुमसे पूछता हूं ये सरना धर्म क्या होता ?¿ ये कोई अल्लू पल्लू चीज है क्या धर्म जो कोई भी नींद से उठ गया और बोल दिया कि ये मेरा धर्म हैं , और हो गया धर्म प्राकृतिक होता है नाकी कोई अंडू झंडू चीज जो कोई भी बना दे , ये सरना धर्म कुछ नहीं है अगर धर्म है तो सनातन है ,और कोई कुछ नहीं मुझे तुमसे एक सवाल पूछना है कि सरना धर्म क्या हैं ?¿ धर्म आखिर कुछ कैसे हो जाता है , क्या किसी समाज के द्वारा किसी चीज जो को पूजने से धर्म हो जाता है क्या ?
@SanjayKumar-of7zc पहले बात तो मुझे हिन्दू से कोई लेना नहीं है क्योंकि हिंदू धर्म नहीं होता है , हिंदू एक ज्योग्राफिकल नाम है , वो सनातन धर्म होता हैं हिन्दू धर्म नहीं ,, और सनातन धर्म में अपने को शूद्र में आते हैं
Adivasi Sarna Code laooo,.., Main SC,..... Hu .... Jharkhandi hu.... Sarna code laoo... Advasio ka Culture bachao,...bjp Game khel rahi hai.... Pura .. Hinduwadi bann kr... Tmhe christan se dikkt hai,.. Per sarna nahi laana per lao.... Hindu nahi hai... SC ST,..,....Johar Jharkhand...🙏🙌🏾💙
मुफत मे शिक्षा दे रहे हो क्या । ये एक मिशनरी व्यावसाय आदिवासी को धर्मांतरित करों उनकी जमीन छीनों उस जमीन पर चर्च बनाओ स्कूल बनाओ अस्पाताल बनाओ उलटा पैसा लुटो और सेवा के नाम पर बाकी का धर्म परिवर्तन कराओ जाके अफ्रीका में सेवा दो वहाँ सबसे ज्यादा ईसाई है
क्या मायने रखती है बुद्धिजीवी। पहली बात तो इसी के बदौलत ईसाई लोग कन्वर्जन कर रहे है । दूसरी बात क्या सरकार सो रही है क्या ये सरकार का काम नहीं की बेहतर शिक्षा दे स्वास्थ दे।
जाके बुरूंडी और योगंडा में जाके सेवा देवे वहाँ 90% ईसाई है जाके देख वहाँ भुखे नंगे दर्द से मर रहे है । इनको र्सिफ एशिया स्पेशल चीन और भारत जैसे घनी आबादी वाले देश को ही टरगेट करना है ताकि ईसाई की जनसंख्या बढा से 😂😂😂😂😂
मुफत मे शिक्षा दे रहे हो क्या । ये एक मिशनरी व्यावसाय आदिवासी को धर्मांतरित करों उनकी जमीन छीनों उस जमीन पर चर्च बनाओ स्कूल बनाओ अस्पाताल बनाओ उलटा पैसा लुटो और सेवा के नाम पर बाकी का धर्म परिवर्तन कराओ जाके अफ्रीका में सेवा दो वहाँ सबसे ज्यादा ईसाई है
Congress sarna code ko kyu hataya pahle to sarna code tha , aadivasi ko har traf se noch ke kha rha hai ,unka culture unka dharm unka nature unka jine sayli unka jamin unka aajadi unka galt chijo ko rubaru unka pahchan kyu kr rhe ho please mat kro aadivasi bhut mehnt se bnaya hai
Jharkhand k logon ko Grib yahan k Adhikari loge.. Aur yahan k neta loge hi bana raha hai.,, (Apno ne lutta gairon mein kahan daam tha.।। meri kasti wahan dubi jahan paani kaam tha .)) 😅😅😅😅
Mam yeh bhi bataye desh me ekela toh 5th schedule area nahin hai .Aplog bolte hai ki jharkhand me PESA lagu hua nahin toh batain desh me kahan kahan pesa lagu hain.
Mai aadivasi nahi hoon par Khatiyani Jharkhandi hoon, mera bhi ye manna hai ki jisne Sarna dharm hi chor diya, jisne Western religion apna liya wo kis baat ka aadivasi? Jo aadivasi riti riwaj ko maanta hi nahi hai uska toh ST status bhi cheen lena chahiye aur general category mei daalna chahie.
जो भी घर्म शिक्षा की बात करे उसे नेस्तनाबूद कर दो। जो घर्म अपने अधिकार के लिए बोलना सिखाता है वह देश के लिए खतरा हो सकता है। नहीं चाहिए ऐसा घर्म जो भेद भाव ऊँच नीच को मानता है। छोटे लोग गरीब लोग कमजोर लोगों को पढ़ाने लिखने का अधिकार दिलाने वाला घर्म देश के लिए खतरा है।
बाइबल में कहां गया है परमेश्वर के अलावा कोई दूसरा ईश्वर नहीं है और ना ही कोई दूसरी जाति या धर्म है। तो जो आदिवासी क्रिश्चियन बन चुके हैं वह क्यों अपने पुरखों की जाती को पकड़े हुए उसे छोड़ देना चाहिए ।
चूंकि निशा उरांव, निर्देशक पंचायत राज झारखंड एक उरांव समाज की लड़की है,भले ही उसने किसी दूसरे समाज के लड़के से शादी करली है। किसी के निजी जीवन से कानून की लड़ाई को नहीं जोड़ा जा सकता है। कितने ईसाई दूसरे समाज के लड़कों से शादी कर ली है। इससे PESA क़ानून से नहीं जोड़ा जा सकता है। निशा उरांव Madam जो कर रही है, बिल्कुल ठीक कर रही है।
आदिम जाति अदीबासी को पेशा और पी पेशा क़ानून नहीं चाहिए क्योकि अदीबासी क़ानून नॉन जुड़िशल क़ानून है जो अनुच्छेद 13(3)क और 13(1)के तहत उपबंध है अदीबासी के आचरण वयेहार मे पेशा सब्दिक अर्थ अदीबासी काम खेतिबारी जिसे सरकार पंचायत विस्तार अधिनियम कहती है रूढ़ि प्रथा छेत्र मे सरकार कोई क़ानून लागू नहीं होती है अदीबासी स्वयं का अपना बिधान अलिखित क़ानून अलिखित नियम दस्तूर है जो संबिधान बनने के पहले से प्रब्रित है जो पड़हा बैवस्था से चलता है अत सरकार क़ानून को उदय पुर सीरी परगना 52पड़हा मुंडा पहन ख़ारिज करती है
जनजातीय पहचान जाति, संस्कृति, भाषा और परंपराओं से परिभाषित होती है, न कि धर्म से। ईसाई धर्म अपनाने से किसी की जनजातीय जड़ें नहीं मिटतीं। ईसाई जनजातीय लोग अपनी परंपराओं, भाषा और जीवनशैली को बनाए रखते हुए अपनी जनजातीय धरोहर को जीवित रखते हैं। भारतीय संविधान जनजातीय स्थिति को सामाजिक और सांस्कृतिक आधार पर मान्यता देता है, न कि धर्म के आधार पर, और सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि धार्मिक परिवर्तन से जनजातीय स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ता। ईसाई जनजातीयों को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी से बाहर करना असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण होगा, जो उन्हें उनके अधिकारों और संरक्षण से वंचित कर देगा। इसका ध्यान रखना चाहिए कि सभी जनजातियों के अधिकार समान होने चाहिए, चाहे उनका धर्म कोई भी हो, ताकि वे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और संसाधनों तक समान पहुंच प्राप्त कर सकें। धर्म के आधार पर विभाजनकारी मुद्दों को उठाना केवल संघर्ष को बढ़ाता है, जबकि असली चिंता जनजातीय समुदायों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं, जैसे भूमि अधिकार, विकास और कल्याण, को एकजुट और समावेशी तरीके से सुलझाना होना चाहिए।
सभी आदिवासी शिक्षित है पेशा कानून मिल बैठ कर लागू होना चाहिए। और राज्य को आगे बढ़ाने काम करें जाति धर्म बातें करते हैं वो बिकास विरोधी है नहीं तो कार्या और धोती खाटनाही पहनावा पहने चालू हो
Di listings karna chahiye kyunki crischan yahaan ka nahi hai bhale bol de.ham adivasi hu lekin.adivasi nahi mante hai.sirf JMM ka rajniti hatiyar hai.keyo ki lagta hai JMM ko har jayege.is liye pesa kanun nahi deta hai. lekin mera sarkar koi rahe hame sirf rojgar chahiye. Hemant Soren rah ke v kuch nahi kiya santhali logo ke liye.sirf muslim parti hai JMM .ab bhul jayenge JMM.
Na hindu hai na muslim hai na Cristian hai indian aadiwasi ke apne alag alag samajik aur sanskriti mulya hai lekin unme bividhata ke vabjud samantayen hai
Article 25 k according reservation religion based hai na ki cast based jab tak conversation karne walo religion k sath cast change nhi hoga tab tak converted logo ka cast v change nhi hoga fir article 18-21 v aata hai
Ja ke dekh.jharkhand me kitna long Pradesh kaam karne ja raha hai.ladki ho ya ladka.aap lag apna pet bhro.aur kuch. Nahi kitna anyay hota hai aap log ko.kya hai Jharkhand me itna kaam hai. To kiu kaam nai mailta hai. Aap bool the hai. 75 Jharkhandi hona chiye kavi sarve kiye hai. HR ko sawaal karye tab pata chalega. Gamvir bisaey hai cm sar
What do you mean by General /BJP agent ? यहाँ भाजपा कहाँ से आया । भारत लोकतंत्रिक देश कोई भी पार्टी को कोई भी वोटिग कर सकता तूम्हारा बाप दादा माथे पर कोल नाम का कंलंक पोत दिया कभी मिटने वाला नहीं चमचा तुम कोल हमेशा कोल ही रहेगा क्या रे । 70 साल कांग्रेज राज आदिवासी का कौन सा मेहरबान दिया ।
Sab milke rahen akele aap nhi lad sakte aap sarkaar adiwasi loganko ladakr adiwasi barwad kr rhi adiwasi mil kr rahen nhi to jamin chhin jayegi adiwasi sarna ho ya christan milke rahen dayamni ki bat mt mane pti ki jati hi mahila ki jati hai ekta me bal hai adiwasi sarkaar jamin chhin legi
धर्म परिवर्तन हुए आदिवासियों को हमारा रीति रिवाज कल्चर ठीक नहीं लगा इसलिए वो लोग हमारा धर्म हमारा संस्कृति छोड़ चुके हैं तो वो हमारे लो में हस्तक्षेप क्यों करना चाहते हैं लोगों को हमारे रीति रिवाज हमारे लो में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और अपना क्रिश्चियन धर्म मानना चाहिए।
Bhaiya jee pahle pesa act ko thik se study kijye pahle toh gram sabha ko majbut karna hai Panchayat ko nahi
तो तुम कौन सा पकड़ कर रखे हो 😂 इंग्लिश से अपना नाम क्योंग लिखे हो, अपना जाती के भाषा से लिखो न तो मानेंगे, इंग्लिश तो बिल्कुल बिदेशी भाषा है
Dhram pariwartan karne wale ya gair adiwasi purush se sadi karne wali mahila ko hamare culture ruri pratha me interfere karne ka adhikar nahi hai 😊
@@jyotibhengra91jaha tum baithi ho ya khari ho wo jamin adiwasiyo ka hai pahle wo choro phir angrezi me bolna ya likhna sobha dega 😅
कानून छोड़ो पहले अपना घर्म तो जान लो
ईसाई समुदाय को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से लाभ दिया जाता है इसमें सरना आदिवासी कुछ आपत्तियां नहीं किया तो फिर ये ईसाई धर्म मानने वाले इस में टांग क्यों अड़चन कर रहा है
अल्पसंख्यक का फायदा लेकर ही ईसाई आगे हो रहा है
पारंपरिक व्यवस्था का रूप से पेशा कानून लागू होना चाहिए
झारखंड की खनन सम्पति जमीन संसाधन लूटने के लिए pesa कानून नहीं लागू किया गया
रजनी मुर्मू से मैं कहना चाहता हूं कि जब सीता सोरेन का अपमान हुआ था तब महिला अपमान दिखाई नही दिया 12:
Thankyou mam god bless you 🙏👍❤️
Power of education, जो शिक्षित नहीं है, वैसे लोग अनाप शनाप बक रहे है, झारखंड धर्म से नहीं शिक्षित लोगों से चलता है ।✍️
😂😂😂😂 Joke of the year.🤣☝🍌🍌
@@S.Raj_Toppoअसमान से टपका तो खजुराहो में अटका
Jaise pastors isai jo Satan paap ka baath karthe hai 😊
@@S.Raj_Toppo गवार हंसते है, बुद्धिमान लोग इतिहास शास्त्र और संविधान पर बात करता है ।
यह सब विदेश के लोगों के podcast से कुछ समजा है।
●पुरानी सभ्यता रोमन, भारतीय, मिश्र, यूनान . सभी प्रकृति पूजक स्वतंत्र थे, सब एक ही अज्ञात की रचना है, तो आप उनकी किसी भी रूप, रंग या object की आराधना करो तो उस तक पंहुच ही जाओ गे। सब वही एक शून्य से विस्तार हुआ जगत है, तो कण कण में वही विराजमान है।
● लेकिन उनका स्वार्थी भगवान दूसरे रूप से डरता है, एक नाम से सुनता है, दूसरे की आराधना करे तो नर्क मे रख देगा। जिसका एक भी इतिहास मे प्रमाण नहीं है। वह मसीहा खुद पूरा जीवन वेश्यावृत्ति वाली स्त्रियां के आसपास पाया जाता है, एक वेश्यासे दो बच्चे पैदा करके छोड़ देने का इल्ज़ाम है, लोग कहते कॉन्से उधार के लिए वेश्यावृत्ति के आसपास ही मिलता था। सायद यही कारण सादी नहीं की, उससे तो उसके पिता का पात्र अच्छा जो किसी और के बेटे को पिता और माता को पति बनके स्वीकार किया, बाकी वर्जिन से कभी कोई संतान नहीं उत्पन्न होता उसका विज्ञान, इतिहास गवाह हैं।
● आज Morden बिगबैग की theory यही कहती है कि ब्रहमांड एक बिन्दु से उत्पन्न हुआ है।
● लेकिन 4th centuries में सभी लोगों political एक नियम, एक सत्र छाया के अधीन लाने के लिए एक मसीहा की कल्पना रची गयी, मनुष्य को भगवान के नाम डरा के गुलाम बनाने से कोई अच्छा तरीका कौनसा होगा?
जिसकी story रोमन से कुंवारी माता , भेड़ की कहानी, son of God रोमन राजा खुद को कहलवाते थे प्रजा से, सब का उद्धार कर्त्ता copy किया ।
● सब पुरानी सभ्यता में ट्रिनिटी concept था तो वह भी
● बौद्ध धर्म से वीरान रेगिस्तान में खाना खिलाने वाला चमत्कार.
● यहूदियों से मसीहा की अवतार की अवधारणा, करके सभी को एक पंथ की गुलामी नीचे लाने राजधर्म
घोषित किया, ताकि मनुष्य मृत्यु से डरता है तो भगवान मान्यता के नाम, दान, स्वर्ग, नर्क के नाम, विश्वास की गुलामी से राज़ किया जा सके।
• लेकिन कुछ यहूदी तैयार नहीं थे तो मसीहा को मारने का इल्ज़ाम लगा कर उन्हें षड्यंत्र से लाने का प्रयास किया, लोगों की माता बहने उठा उठा कर, व्याभिचार से डराया गया, स्त्रियां गिफ्ट में दी जाती सैनिक को सामने वाले विचारधाराओं के लोगों अगर उन्हें अपने नियत्रण में लादे, फिर वह युद्द हो या षड्यंत्र तहत, पर कुछ विश्वास नहीं माने। जिसमें क्रिश्चियन का सामना करने एक और कट्टरपंथी इस्लाम उत्पन हुवा, यही कारण उनमे गुरखा प्रथा है ताकि स्त्री को उनसे बचा सके। कुछ यहूदी इधर उधर भागते रहे, जो खूनी खेल हिटलर 60lac यहूदी संहार, पूरा विश्व गुलाम, विश्वयुद्ध तक चला, । सारे इतिहास गवाही दे रहा कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ, सारी परंपरा अन्य सभ्यता से copies किया है,
● लेकिन आज लोगों को मनोवैज्ञानिक तरीके का इस्तेमाल कर के गुलाम बनाया जाता है, पूरा मनो विज्ञान कहता है कि सारी बीमारी, समस्या आत्मबल से खत्म होती है पर ये लोग भगवान के नाम से विश्वास उत्पन करते हैं, जो वास्तविक मनुष्य का confidence लेवल बढ़ता है और आत्मबल ही होता है, लोग समस्या से छुटकारा पाते हैं। लेकिन लोग उनके काल्पनिक पात्र के गुलाम है उन्हें य़ह विज्ञान नहीं समज में आता। उन गुलामों को स्वर्ग नर्क की लालच में भरपूर लुटा जाता है, शातिर हॉस्पिटल, चर्च, स्कूल, charities, सेवा, दया के नाम दान के नाम सम्पति, जमीन दोलत जमा कर पूरे विश्व पर राज करना चाहते हैं।
● गुलाम प्रचार के लिए घूमते रहते ताकि उनका विस्तार हो सम्पति का, नियम कानून ऐसे हैं कि एक गाल पर थप्पड़ मारे दूसरा सामने करदे, फिर सूली पर क्यू ना टांग दे उनका मसीहा उनका उद्धार करेगा।
● लोग ये simple बात नहीं समज पाते कि लोग शांत रहे पीटते रहे पर उन धार्मिक गुरु के लिए कोई खतरा ना बने, यहीं कारण य़ह उद्देश्य है ताकि धर्म गुरु जलसा करे! फिर ये प्रचार-प्रसार वाले क्यूँ ना मार दिए जाए, मसीहा ही ऐसा बना दिया कि लटक जाओ पर विरोध नहीं।
●फिर गुलाम क्या कर सकता है, स्वर्ग चला जाएगा, अनन्त जीवन की लालच उनकी मजबूरी है।
• कभी समय मिले तो वेदांत, उपनिषद पढ़े, सत्य क्या है, गुलामी क्या है aazad हो जाओगे सारे पंथ की गुलामी से। फिर वह हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई पंथ। बुद्ध , महावीर की तरह स्वतंत्र हो जाओगे। जिसमें कोई नियम, कोई कानून नहीं केवल बोध है जो सारे बंधन से मुक्त कर देता है, समझ और चेतना का सही इस्तेमाल करे।
जिसे पढ़ने के बाद पूरा पश्चिम उनके चंगुल से aazad हो रहा है, ऑक्सफोर्ड जेसे टॉप यूनिवर्सिटी में वेदांत और उपनिषद पढ़ाई जाते हैं।
आदिवासी जन्म से होता है, धर्म से नहीं होता है।
Lekin ruriwadi parampara toh sabko manana hoga aur jo nahi manega wo adiwasi nahi kahlayega 😅
😂😂😂
@@rajnishlindabaap Dada kya kapda pahnata tha kaise rahata tha vaise rahana hoga kya
@शैतान-प9द PESA kya hai samjhte ho
Sarna tribal code kya hai samjhte ho
5th schedule kinu bana malum hai
Coustomery law kya hota hai ye malum hai isko kon follow karega tumhare curch ka father ya koi mandir ka pandit ya koi pahan!
धर्म और जाति की बात करोगे तो कोई भी आदिवासी नहीं है, क्योंकि सबका धर्म अलग है ।
Very good explain about PESA 1996
निशा उराँव ने PESA दिवस अभी ही क्यों मनाया। सवाल तो यहीं पर उठता है। PESA कानून को 1996 के प्रारूप के अनुसार हू ब हू लागू किया जाना चाहिए।
अनुसूचित क्षेत्रों में JPRA 2001 को रद्द किया जाए क्योंकि यह असंवैधानिक है।
तू तो Supreme Court के मुख्यन्यायधीश के नौकर लगते हो 😂😂
@S.Raj_Toppo आपको क्या तकलीफ है महाराज जो कानून में वे ही कहे रहे हैं । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कारण हमारी मानकी मुण्डा स्वशासन व्यवस्था कमजोर हुई है । लगता है आप पंचायत चुनाव के चमचे हो । बाहरियों के दलाल हो जो अनुसूचित क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सर्मथन कर रहे हो ।
हमलोग तो पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था समर्थन करने वाले आम किसान हैं ।
Very good explain bahot PESA 1996
ईसाई आदिवासी और सरना आदिवासी के बिच में मत भेद उतपन्न होगा तभी वोट अलग होगा, तभी b j p जीतेगा नहीं तो b j p सता में नहीं आ सकता है
ईसाई लोग कब से आदिवासी हो गए?
@Bikas_oraon सरना एक विदेशी धर्म है जो कल परसो आया है और अभी तक लागू नहीं है आगे भी लागू नहीं हो सकता है केवल गुमराह किया गयाह है कि पास किया है और आदिवासी कोई भी धर्म मन सकता है जैसे बहुत से आदिवासी हिन्दू धर्म मानते हैं, सरना धर्म मनते हैं, ईसाई धर्म मानते हैं, बहुत से ऐसे भी हैं जो अभी तक सरना धर्म को स्वीकार नहीं किये हैं और करना भी नहीं चाहतें हैं, जहाँ तक मेरा जानकारी हैं कि एक घर में ही, हिन्दू धर्म के भगवान को मनते हैं राम को और हनुमान को भी मनते हैं, और गाय को भी मनते हैं, और सरना धर्म में सरना माता को मनते हैं पर भी इस धर्म में हिन्दू धर्म के भगवान समिलित है गाय, सरस्वती कृष्णा, तुलसी भगवान,और अन्य हिन्दू भगवान समिलित है, और कुछ आदिवासी है जो सरना धर्म, ईसाई धर्म को, और हिन्दू धर्म को नहीं मानते है वे पहले वाले धर्म मनते है जो बोंगा बुरु, गाँव देवती भगवान के अलावा अन्य भागुट देवता भी समिलित है इसका मतलब है सभी आदिवासी असली आदिवासी नहीं है, तो मेरा कहना है कि जो धर्म कल परसो आया है सरना धर्म को मनने वाले का भी जाती खत्म कर देना चहिये उसके साथ डीलिस्टिंग भी और जो आदिवासी हिन्दू धर्म मनता है यानि हिन्दू भगवान को मनता है उसका भी आदिवासी जाती हटना चहिये और डीलिस्टिंग भी होना चहिये और जो आदिवासी ईसाई धर्म को उसका भी होना चहिये इस तरह होगा तभी आदिवासी में एकता नहीं होगा आपस में लड़ेंगे और वोट बटेगा और b j p बहुमत से बिजय होगा और पुरे भारत में b j p का सरकार होगा उसके बाद कटर हिन्दू राष्ट्र होगा तभी मनुस्मिर्ति सविधान पूरी तरह से लागू किया जायेगा और भारत देश मनुस्मिर्ति से चलेगा इसे कोई भी सरना धर्म के आदिवासी भी नहीं रोक सकता है न ईसाई, न हिन्दू आदिवासी, न अन्य आदिवासी, एक नरा है फुट डालो शासन करो, बस इसी काम बाकी है, पिक्चर अभी बाकी है दोस्त, सरना आदिवासी, ईसाई आदिवासी, हिन्दू आदिवासी एक मूली का सब्जी है दोस्त, बस इसे उखाड़ना बाकी है दोस्त आगे भी धीरे धीरे काम करना बहुत बाकी है दोस्त आगे तक पूरा नहीं बताऊंगा देकते जाओ,
@@Bikas_oraon आदिवासी, सरना हो या ईसाई हो या हिन्दू धर्म के भगवान को मनने वाले आदिवासी हो, जाती के नाम पर, और धर्म के नाम पर और सरकारी लाभ के नाम पर मत भेद उत्पन्न होगा तभी वोट टूटेगा और b j p बहुमत से पुरे भारत में जीत पायेगा और तभी कटर हिन्दू राष्ट्र बनेगा उसके साथ में, मनुस्मृति सविधान आसानी से लागू हो सकता है तभी सविधान बदल सकता है एक नरा है फुट डालो शासन करो, बस पिक्चर अभी बाकी है दोस्त
@@Bikas_oraon जहाँ जहाँ हिन्दू आदिवासी, सरना आदिवासी ईसाई आदिवासी में मत भेद हो रहा है वहां वहां आदिवासी को मुंहरा बनाके आगे किया जाता है यानि आदिवासी को धर्म के नाम से,जाती के नाम से लड़ने के लिए आगे करते है जहाँ भी ऐसे मत भेद हुआ है उसके पीछे बाहरी लोग देखने को मिलते है जिसको आप पहचन नहीं सकते है, भारत में फुट डलो शासन करो,भारत में एक ही नरा जय श्री राम, भारत में एक ही सविधान, मनुस्मिर्ति सविधान और
@ShishuOraon-gq8yv तो कन्वर्ट होके आदिवासियों का हक छीन रहे हैं उसको क्या कहोगे? राजनीति अपनी जगह भाई डीलिस्टिंग होना चाहिए तब हमे अपना हक सही से मिलेगा नहीं तो ये कन्वर्ट वाले हमारा हक छिनते रहेंगे।
इडिया में सबसे ज्यादा जमीन ईसाई मिशनरी के पास कैसे गया ? ये सवाल पुछता है भारत ।
जितना जमीन भारतीय सरकार के पास नहीं वो विदेशी लोगों के हाथ कैसे गया ?
Rss bjp nahi chalta w
Aap phle english me name likhna choriye
Dan dete hain log apni jameen ko samjhe kisi se jor jabardasti karke liya nahi jata hai
अपनी अम्मी को कहो साडी़ खोलकर फेक दे और लंगटे घुमें ये आदिवासी और भारतीय पोशाक है ।
तुमको समझ नहीं आयेगा, क्योंगकी तुमलोग जैसे लोग ही बिरसा अब्बा को अंग्रेजोंग के हाथ पकड़वाया था,
भारत की संसद ने 1996 में पेसा कानून पारित किया है,इसे हुबहू लागू किया जा सकता है,लेकिन converted Christian इसे लागू करने देना नहीं चाहते,कारण पेसा कानून रूढ़िवादी परम्परा पर आधारित है, दूसरी बात रूढ़िवादी परम्परा में पहले से बने व्यवस्था पर हीपेसा कानून को लागू करना होगा, जबकि Christian Society इसे चुनाव कर पेसा कानून बनाना चाहती है,जो संभव नहीं है।
यदि धर्मांतरण करने वाले को आदिवासी का फायदे जब तक मिले तब तक झारखण्ड के मूलवासी राजपूत और ब्राह्मणों को भी आदिवासी मान कर उन्हें फी फायदा दी जाय।
सबसे पहले संविधान को पढ़ना चाहिए। तब कोई भी बात को सोशल मीडिया में रखना चाहिए।
Tribal identity is defined by ethnicity, culture, language, and traditions, not by religion, and conversion to Christianity does not erase one's tribal roots. Christian tribals continue to preserve their customs, language, and way of life, maintaining their tribal heritage despite their religious conversion. The Indian Constitution recognizes tribal status based on social and cultural factors, not religion, and the Supreme Court has affirmed that religious conversion does not affect tribal status. Excluding Christian tribals from the Scheduled Tribe (ST) category would be unconstitutional and discriminatory, denying them their rightful entitlements and protections. The focus should be on ensuring equal rights for all tribals, regardless of their faith, to ensure they have access to education, healthcare, and resources. Raising divisive issues based on religion only fosters conflict, while the real concern should be addressing the challenges faced by tribal communities, such as land rights, development, and welfare, in a unified and inclusive manner.
Gladson dungdung and dhamani jee right hai.......
Cast is Adibasi, religion is Christian.
यह सब RRS के जनजातिय सुरक्षा मंच का फैलाया हुआ दुस प्रचार है जिस मे आप भी शामिल है । इसाई बनाम सरना का पेसा मे कोई बात नही है। आदिवासी PESA ले कर ही रहेंगे । PESA कानून आदिवासी बनाय बाहरी है।
झारखंड shikshit लोगों से आगे बढ़ेगा नाक की धर्म से और यदि लोगों को ईसाई धर्म से नफरत है तो, वह अपने बच्चों को मिशनरी स्कूल में क्यों पड़ते हैं यह भी सवाल पूछता है झारखंड? झारखंड में आधार से अधिक लोग जेवियर कॉलेज, गोस्सनर कॉलेज, Saint Paul, Saint John, आदि विभिन्न स्कूलों में घर मिशनरी लोग अपने बच्चों को क्यों पढ़ाते है?
Nisha oraan ko patta hi nahin hai.।। o gair Adjvasi ho chuki hai.।😅😅😅😅
पेसा कानून उन्ही लोगों के लिये लागू होगा जो छोटानागपुर भूमि का खाना खाता है और छोटानागपुर का गुण गाते है । ऐसे लोगों के लिये पेसा एक्ट लागू नही होगा जो छोटानागपुर भूमि का खाना खा के जर्मन रोमन युरूसेलेम का गुण गाते है ।
बिलकुल सही
Ha sahi baat h 😅😅😅😅
भगत जी आप कौन से पीने और खाने के लिए मना कर रहा है ।
Pesa कानून अवश्य लागू होना चाहिए 👍👍👍👍👍
पहले जाति जनगणना किया जाय। इसके बाद ही पेसा कानू लागू किया जाय।
Haas
Kis jati fayda milaga
❤❤❤
ये अगर ईसाई बन गए है तो आदिवासी को मिलने वाले लाभ st कोटा से क्यों मिल रहा है ?
मैं खुद उसी आदिवासी समाज से हूं। मैं अपने आपको सनातनी ही कहता हूं और कहता रहूंगा ,,
जो लोग ईसाई बन रहे हैं उन्हें आदिवासी लाभ नहीं मिल सकता , कतई नहीं
Article.342 में ईसाई मिशनरी के कारण संशोधन नहीं हो पाया था । इसालिए 😅😅
Isai dharmaantarit aur hindu dharmaamtarit dono ko st se bahar karo. Jo sarna dharm ko maanta hai wohi aadiwaasi hai
@@SanjayKumar-of7zc भाई मै तुमसे पूछता हूं ये सरना धर्म क्या होता ?¿
ये कोई अल्लू पल्लू चीज है क्या धर्म जो कोई भी नींद से उठ गया और बोल दिया कि ये मेरा धर्म हैं , और हो गया
धर्म प्राकृतिक होता है नाकी कोई अंडू झंडू चीज जो कोई भी बना दे ,
ये सरना धर्म कुछ नहीं है अगर धर्म है तो सनातन है ,और कोई कुछ नहीं
मुझे तुमसे एक सवाल पूछना है कि सरना धर्म क्या हैं ?¿ धर्म आखिर कुछ कैसे हो जाता है ,
क्या किसी समाज के द्वारा किसी चीज जो को पूजने से धर्म हो जाता है क्या ?
@@Kaliyugasuffererएक चीज बताओ हिन्दू वर्ण व्यवस्था में आदिवासी कहाँ पर है? 🤔🤔
@SanjayKumar-of7zc पहले बात तो मुझे हिन्दू से कोई लेना नहीं है क्योंकि हिंदू धर्म नहीं होता है , हिंदू एक ज्योग्राफिकल नाम है , वो सनातन धर्म होता हैं हिन्दू धर्म नहीं ,, और सनातन धर्म में अपने को शूद्र में आते हैं
Jai sarna
ईसाई समज में हो गय है तो ठीक पर रुढीवादी प्रारिकपरिक ग्र सभा मान होना चाही (अजज क्षे )में 1996 अनुसार
Adivasi Sarna Code laooo,.., Main SC,..... Hu .... Jharkhandi hu.... Sarna code laoo... Advasio ka Culture bachao,...bjp Game khel rahi hai.... Pura .. Hinduwadi bann kr... Tmhe christan se dikkt hai,.. Per sarna nahi laana per lao.... Hindu nahi hai... SC ST,..,....Johar Jharkhand...🙏🙌🏾💙
दो दशक से ज्यादा लागू होने में क्यों लगा, PESA कानून यथाशीघ्र लागू होना चाहिए।
मैंने देखा है कि ईसाई धर्म ने आदिवासी लोगों को शिक्षा, बेहतर जीवन स्तर आदि प्रदान किया है और यही बात मायने रखती है। आखिरकार सभी धर्म मानव निर्मित हैं।
मुफत मे शिक्षा दे रहे हो क्या ।
ये एक मिशनरी व्यावसाय आदिवासी को धर्मांतरित करों उनकी जमीन छीनों उस जमीन पर चर्च बनाओ स्कूल बनाओ अस्पाताल बनाओ उलटा पैसा लुटो और सेवा के नाम पर बाकी का धर्म परिवर्तन कराओ
जाके अफ्रीका में सेवा दो वहाँ सबसे ज्यादा ईसाई है
क्या मायने रखती है बुद्धिजीवी। पहली बात तो इसी के बदौलत ईसाई लोग कन्वर्जन कर रहे है । दूसरी बात क्या सरकार सो रही है क्या ये सरकार का काम नहीं की बेहतर शिक्षा दे स्वास्थ दे।
जाके बुरूंडी और योगंडा में जाके सेवा देवे वहाँ 90% ईसाई है जाके देख वहाँ भुखे नंगे दर्द से मर रहे है ।
इनको र्सिफ एशिया स्पेशल चीन और भारत जैसे घनी आबादी वाले देश को ही टरगेट करना है ताकि ईसाई की जनसंख्या बढा से 😂😂😂😂😂
@@S.Raj_Toppoबिल्कुल भाई जमीन घोटाला करके आदिवासियों को ओर बेवकूफ बना रहे है भाई बहुत मुद्दे है लोग समझना ही नहीं चाहते है।
मुफत मे शिक्षा दे रहे हो क्या ।
ये एक मिशनरी व्यावसाय आदिवासी को धर्मांतरित करों उनकी जमीन छीनों उस जमीन पर चर्च बनाओ स्कूल बनाओ अस्पाताल बनाओ उलटा पैसा लुटो और सेवा के नाम पर बाकी का धर्म परिवर्तन कराओ
जाके अफ्रीका में सेवा दो वहाँ सबसे ज्यादा ईसाई है
Me sarna santhal adiwasi hu...johar sab santhal sarna bhaiyon ko 🙏🙏🙏🙏
Congress sarna code ko kyu hataya pahle to sarna code tha , aadivasi ko har traf se noch ke kha rha hai ,unka culture unka dharm unka nature unka jine sayli unka jamin unka aajadi unka galt chijo ko rubaru unka pahchan kyu kr rhe ho please mat kro aadivasi bhut mehnt se bnaya hai
गांव के लोगों के पास पेसा कानून को लेकर जाना चाहिए, गांव के लोगों के मन्जूर के बगैर नहीं होना चाहिए।
😂😂😂 वैसे संविधान को गाँव गाँव गली गली मोहले सबसे पूछना था ना ऐसे कैसे लिख दिया 😂😂😂
Rajni murmu to jmm ke karyakarta hai,isliye wo to sarkar ka hi support karegi
Sahi bat hai
Adivasi fass Jayenge.... Christan bann kar... Arakshan per... Is liye Sb Adivasi adivasi bano.... Aur Sarna dharm ki ladai lado... Hum sb Jharkhandi sath hai... Uske baad jo krna hai kro kyuki tm sbse pehle adivasi hu .. Johar jharkhand ..🙏🙌🏾
गुलशन डुंगडुंग सही है
Joshua Project का Agent है Munda Tribe से 😭😭😭😭
Naam toh sahi likho.... gladson dungdung...na ki gulshan dungdung
Jharkhand k logon ko Grib yahan k Adhikari loge.. Aur yahan k neta loge hi bana raha hai.,, (Apno ne lutta gairon mein kahan daam tha.।। meri kasti wahan dubi jahan paani kaam tha .))
😅😅😅😅
Mam yeh bhi bataye desh me ekela toh 5th schedule area nahin hai .Aplog bolte hai ki jharkhand me PESA lagu hua nahin toh batain desh me kahan kahan pesa lagu hain.
रजनी मुर्मू की एजुकेशन पे शक है धर्म और जाति को क्यों एक साथ मिला रही दोनों अलग चीज़ है l
Parisiman hone chahiye 😊
I'm full sports 🎉
Mai aadivasi nahi hoon par Khatiyani Jharkhandi hoon, mera bhi ye manna hai ki jisne Sarna dharm hi chor diya, jisne Western religion apna liya wo kis baat ka aadivasi? Jo aadivasi riti riwaj ko maanta hi nahi hai uska toh ST status bhi cheen lena chahiye aur general category mei daalna chahie.
पहले जातिगत जनगणना होना चाहिए और उसके आधार पर लागू होना चाहिए। नहीं तो बाकि समुदाय के अधिकारों का हनन होगा।
Rajni murmu apne name title change kar rajni sharma ya phir rajni begum rakh dena chahiye
जो भी घर्म शिक्षा की बात करे उसे नेस्तनाबूद कर दो। जो घर्म अपने अधिकार के लिए बोलना सिखाता है वह देश के लिए खतरा हो सकता है। नहीं चाहिए ऐसा घर्म जो भेद भाव ऊँच नीच को मानता है। छोटे लोग गरीब लोग कमजोर लोगों को पढ़ाने लिखने का अधिकार दिलाने वाला घर्म देश के लिए खतरा है।
Rajni murmu ka bayan thik nhi h dundung to tark sangat apne vichar ko rak rahen haen
Jharkhand ka nagrik aisa hi Garib bana rahega.।.।। aisa jharkhandi Adhikari loge rahega toh.।। 😢😢😮😮
बाइबल में कहां गया है परमेश्वर के अलावा कोई दूसरा ईश्वर नहीं है और ना ही कोई दूसरी जाति या धर्म है। तो जो आदिवासी क्रिश्चियन बन चुके हैं वह क्यों अपने पुरखों की जाती को पकड़े हुए उसे छोड़ देना चाहिए ।
Good
पहले जनगनना हो जहा 70% एस टी हो वहा पेसा कानुन लागु हो कोई दिक्कत नही है
Please go through The Constitutions. PESA is an unconstitution..
चूंकि निशा उरांव, निर्देशक पंचायत राज झारखंड एक उरांव समाज की लड़की है,भले ही उसने किसी दूसरे समाज के लड़के से शादी करली है। किसी के निजी जीवन से कानून की लड़ाई को नहीं जोड़ा जा सकता है। कितने ईसाई दूसरे समाज के लड़कों से शादी कर ली है। इससे PESA क़ानून से नहीं जोड़ा जा सकता है। निशा उरांव Madam जो कर रही है, बिल्कुल ठीक कर रही है।
लागू जल्दी करो
We all are one in Jesus.
शारना ग्रंथ में विरशा भगवान,दूलू गुरुजी की उपदेश होने चाहिए
ईसाई आदिवासी रिति-रिवाज, परंपरा और संस्कृति को छोड़ चुके हैं
कभी निशा उरांव कभी निशा भगत 😂😂😂😂
आदिम जाति अदीबासी को पेशा और पी पेशा क़ानून नहीं चाहिए क्योकि अदीबासी क़ानून नॉन जुड़िशल क़ानून है जो अनुच्छेद 13(3)क और 13(1)के तहत उपबंध है अदीबासी के आचरण वयेहार मे पेशा सब्दिक अर्थ अदीबासी काम खेतिबारी जिसे सरकार पंचायत विस्तार अधिनियम कहती है रूढ़ि प्रथा छेत्र मे सरकार कोई क़ानून लागू नहीं होती है अदीबासी स्वयं का अपना बिधान अलिखित क़ानून अलिखित नियम दस्तूर है जो संबिधान बनने के पहले से प्रब्रित है जो पड़हा बैवस्था से चलता है अत सरकार क़ानून को उदय पुर सीरी परगना 52पड़हा मुंडा पहन ख़ारिज करती है
जनजातीय पहचान जाति, संस्कृति, भाषा और परंपराओं से परिभाषित होती है, न कि धर्म से। ईसाई धर्म अपनाने से किसी की जनजातीय जड़ें नहीं मिटतीं। ईसाई जनजातीय लोग अपनी परंपराओं, भाषा और जीवनशैली को बनाए रखते हुए अपनी जनजातीय धरोहर को जीवित रखते हैं। भारतीय संविधान जनजातीय स्थिति को सामाजिक और सांस्कृतिक आधार पर मान्यता देता है, न कि धर्म के आधार पर, और सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि धार्मिक परिवर्तन से जनजातीय स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ता। ईसाई जनजातीयों को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी से बाहर करना असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण होगा, जो उन्हें उनके अधिकारों और संरक्षण से वंचित कर देगा। इसका ध्यान रखना चाहिए कि सभी जनजातियों के अधिकार समान होने चाहिए, चाहे उनका धर्म कोई भी हो, ताकि वे शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और संसाधनों तक समान पहुंच प्राप्त कर सकें। धर्म के आधार पर विभाजनकारी मुद्दों को उठाना केवल संघर्ष को बढ़ाता है, जबकि असली चिंता जनजातीय समुदायों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं, जैसे भूमि अधिकार, विकास और कल्याण, को एकजुट और समावेशी तरीके से सुलझाना होना चाहिए।
धर्म परिवर्तित लोगों का डिलीस्टिंग कानून पास होना चाहिए
Jo dharm ko nahin manta nastik aur scientists ka kya hoga 😂
Isaaiyon ka delisting hoga to isai log arakchhan se vanchit ho jayenge, lekin aadivasi bhi arakchhan ka labh nahin le payenge kyonki 5 win, 6 win suchi aur pessa canun lagu nahin hoga aur aaplog aadivasi hath malte rah jaoge, isliye delisting- delisting karna band karo, Rss ka yah ghinauna chal achchhi tarah samajh lo aadivasi bhaiyo aur bahno , johar.
बिलकुल सही बात है
जो हिन्दू लिखते हैं वो भी डिलीस्टिंग हो जाएंगे, जो अपना धर्म ईसाई लिखते हैं वो भी डिलीस्टिंग हो जाएंगे, तो कितने आदिवासी बचेंगे?
Ghum fir kr isai se nafrat
Shivdhari singh kherwar latehar
Bilkul pesa kanun hona chahiye
आदिवासी कोड मिले तो ठीक है
जल्दी लागू हो
घर का भेदी लंका ढाए 🤣😂
Gladson sahi hai...
Rajni murmu mahila ke upar me bol sakti hai paar pesa me nahi
Sarna Dharm ko chhodkar jinhone Isai Dharm swikar kar liya hai unko reservation ka fayda Nahin Milana chahie.
Madam, please correct your self and read as ' The provisions of Panchayats (Extension to schedule area) Act 1996.'
सभी आदिवासी शिक्षित है पेशा कानून मिल बैठ कर लागू होना चाहिए। और राज्य को आगे बढ़ाने काम करें जाति धर्म बातें करते हैं वो बिकास विरोधी है नहीं तो कार्या और धोती खाटनाही पहनावा पहने चालू हो
😅😅😅😅
Shi
ये कंटी बोंगा वाले कभी नहीं समझेंगे😂😂😂+जोड़ चिन्ह वाला भगवान😂😂😂
Sahi baat hai inshan janam se hota hai na hi jaat paat hindu muslim aadhivashi kuch nahi hai inshan inshanniyat ko samajhna hai
Nisha oraon congress vidhayak Rameshwar oraon ki beti jald hi BJP join karegi, 2029 me chunaav ladegi, screenshot le lo
Ham aadiwasi the aadiwasi hai aur rahenge .Hamara dharm naa SARNA hai naa Christian
Ham AADIWASI
Purane aadiwasi ke sahwasi mulwasion ke liye kuch hai ki nhi pesha me
Dharm k name pr log kuchh na kuchh jhol mol bilne k liye sabd dunr hi lete hai
बेकार में धर्म को घुसाया जा रहा है 😂😂😂
Tum log hi kahte ho ki "hindu aadiwasi nhi hai"😅😅😅
@@bombboomblast2859CM बोलता होगा , हम नहीं 😂😂😂
Di listings karna chahiye kyunki crischan yahaan ka nahi hai bhale bol de.ham adivasi hu lekin.adivasi nahi mante hai.sirf JMM ka rajniti hatiyar hai.keyo ki lagta hai JMM ko har jayege.is liye pesa kanun nahi deta hai. lekin mera sarkar koi rahe hame sirf rojgar chahiye. Hemant Soren rah ke v kuch nahi kiya santhali logo ke liye.sirf muslim parti hai JMM .ab bhul jayenge JMM.
Dharmantrit isai adivasi ko kaise roothi wadi ko apnayenge .ve toh adiwasi roothi parampara ko chod chuke hain .
Gladson dungdung 100% sahi hai
Na hindu hai na muslim hai na Cristian hai indian aadiwasi ke apne alag alag samajik aur sanskriti mulya hai lekin unme bividhata ke vabjud samantayen hai
Article 25 k according reservation religion based hai na ki cast based jab tak conversation karne walo religion k sath cast change nhi hoga tab tak converted logo ka cast v change nhi hoga fir article 18-21 v aata hai
Yah kanoon dharm se prabhavit nahi ho sakta
धर्म से कोई लेना देना नहीं यहां जाति से मतलब है।
Ye log ka natanki kabhi khatam nhi hoga ek or vedesi dharm pr garv karte h aur usko kanuni taur pr man nhi rhe h jaha dekho yahi news rat din
Ja ke dekh.jharkhand me kitna long Pradesh kaam karne ja raha hai.ladki ho ya ladka.aap lag apna pet bhro.aur kuch. Nahi kitna anyay hota hai aap log ko.kya hai Jharkhand me itna kaam hai. To kiu kaam nai mailta hai. Aap bool the hai. 75 Jharkhandi hona chiye kavi sarve kiye hai. HR ko sawaal karye tab pata chalega. Gamvir bisaey hai cm sar
Tera jaise na samjh media ke chalte vibad ho rha hai, adiwasi ke hk ko hr ganaral our bjp ajent lagu Karna nhi chahte
What do you mean by General /BJP agent ?
यहाँ भाजपा कहाँ से आया ।
भारत लोकतंत्रिक देश कोई भी पार्टी को कोई भी वोटिग कर सकता तूम्हारा बाप दादा माथे पर कोल नाम का कंलंक पोत दिया कभी मिटने वाला नहीं चमचा
तुम कोल हमेशा कोल ही रहेगा क्या रे ।
70 साल कांग्रेज राज आदिवासी का कौन सा मेहरबान दिया ।
Pesa act 1996 ka hi lagu karna hai
Mines ka adhikar kenkepas hoga. Cnt auor santhal pargana act ka haq ko spast kaarein
Dharm priwartan to dikhawa hai hindu ya sarna dharm priwartan par biswas nahi karte wo to anubhawi ya sachatkar par biswas karte hai
Sab milke rahen akele aap nhi lad sakte aap sarkaar adiwasi loganko ladakr adiwasi barwad kr rhi adiwasi mil kr rahen nhi to jamin chhin jayegi adiwasi sarna ho ya christan milke rahen dayamni ki bat mt mane pti ki jati hi mahila ki jati hai ekta me bal hai adiwasi sarkaar jamin chhin legi
JMM ka hai Rajni Murmur isleye would sarkar ke Pacheco me hi bolegi
Pesa act gram Vikas ke liy hai namaste ki jati Dharamshala ke liy
Panchayat chunav bhi hoga aur gramsabha bhilagu hoga
Isai log ka sarkari chuti 25 disembar or good fraidy hai.