कुमार सानू और उदित नारायण दोनों के साथ सही नहीं हुआ। बेहद दुख की बात है कि मैं यहाँ हूँ यहाँ और तेरे नाम टाइटल सॉन्ग जैसे बेहतरीन ब्लॉकबस्टर songs के लिए उदित जी को फिल्म फेयर अवार्ड नहीं मिला। इसी तरह इनके कई बेहतरीन गाने हैं जिनके लिए इनको नॉमिनेट तो किया लेकिन फिल्म फेयर नही मिला। उदित जी के साथ कभी इंसाफ नहीं हुआ। मैं यहां हूं यहां (वीर जारा), कहो ना प्यार है टाइटल सॉन्ग, दिल तो पागल है टाइटल सॉन्ग, एक दिलरूबा है (बेवफा), जादू तेरी नजर, पहला नशा पहला खुमार, फूलों सा चेहरा तेरा, हो नहीं सकता (दिलजले ), कुछ कुछ होता है टाइटल सॉन्ग, तेरे नाम टाइटल सॉन्ग, दिल ने ये कहा है दिल से, आंखें खुली हो या हो बंद ( मोहब्बतें ), पंछी सुरु में गाते हैं (सिर्फ तुम), मेरी सांसों में बसा है तेरा ही एक नाम , दुनिया हसीनो का मेला, इत्यादि। ये सारे गाने नॉमिनेट हुए थे। उदित जी को टोटल 20 बार फिल्मफेयर के लिए नॉमिनेट किया गया, इतनी बार अभी तक भारत के इतिहास में सिर्फ किशोर कुमार को नॉमिनेट किया गया है। अगर इमानदारी से फिल्मफेयर दिया जाता तो उदित जी को कम से कम 20 में से 10 बार फ़िल्म फेयर मिलना चाहिए था। वर्ष 1995 में तुझे देखा तो जाना सनम(कुमार सानू )को अवार्ड मिलना चाहिए था, और वर्ष 1994 में ये काली काली आंखें की जगह पर जादू तेरी नजर को अवार्ड मिलना चाहिए था। साल 1992 में पहला नशा को फिल्मेफेयर मिलना चाहिए था, लेकिन इसके कम्पटीशन में 'सोचेंगे तुम्हे प्यार' भी एक बेहतरीन गाना था। पहला नशा को जब अवार्ड नहीं मिला था तो लता मंगेशकर ने इसपर बहुत आपत्ति और हैरानी जताया था। ऐसा ही वाकया नेशनल अवार्ड में भी हुआ है। घूंघट की आड़ से दिलबर का यह गाना कुमार सानू और अलका जी दोनों ने गाया था, लेकिन नेशनल अवॉर्ड सिर्फ अलका जी को मिला। कुछ कुछ होता है के टाइटल सॉन्ग के लिए अलका जी को नेशनल अवार्ड मिल गया, लेकिन उदित नारायण को नहीं मिला। स्वदेश फ़िल्म का एक गाना 'ये तारा वो तारा ' के लिए उदित नारायण को नेशनल अवार्ड नहीं देना चाहिए था क्यूंकि यह एक average song था. फिल्मफेयर टीम के judges के फैसले पर मुझे बहुत आपत्ति है. साल 2004 में मर्डर फिल्म का एक गाना ' प्यासा दिल मेरा एक रात बिताओ मेरे साथ ' जैसे बेहूदा और वाहयात गाने के लिए कुणाल गांजा वाला को फिल्म फेयर दे दिया गया , जबकि उस साल का सर्वश्रेष्ठ गाना था मैं यहां हूं यहां (वीर जारा ). पता नहीं क्या सोचकर यह लोग फिल्म फेयर देते हैं ? इन्हें म्यूजिक के टेस्ट का कुछ पता ही नहीं है और चले आते हैं जज बनने. इन्हें जज कौन बना देते हैं यार? जज बनने की क्राइटेरिया को क्या यह लोग पूरा करते हैं? खासकर तेरे नाम के साथ बहुत बड़ी नाइन्साफी हुई, एक पब्लिक सर्वे के मुताबिक तेरे नाम के गाने को बॉलीवुड के इतिहास में अभी तक लोगों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया गया है। तेरे नाम का म्यूजिक जब 2003 में रिलीज हुआ था तो बहुत सारे रेडियो चैनलों ने तेरे नाम के songs को बैन कर दिया था, क्यूंकि लोगों की हर दस में से 9 फरमाइशें तेरे नाम की होती थी। रेडियो वाले तेरे नाम के गाने बजा बजा कर थक जाते थे। अवार्ड judgement में सबसे बड़ा अन्याय तेरे नाम के साथ हुआ है. तेरे नाम के गाने आज भी लोगों के बीच बेहद ही ज्यादा लोकप्रिय हैं और सदा रहेंगे. इतने सारे अन्याय उदित नारायण के साथ हुए हैं, लेकिन उदित नारायण ने सब कुछ बर्दाश्त कर लिया। आजतक कभी अपने इंटरव्यू में किसी से इसकी कोई शिकायत नहीं की, और ना कभी अपने दर्द को बताया. नतमस्तक करता हूं मैं इस महान सिंगर को🙏
Lalit Jee aap Jatin ke bina kuch nahi hai aur na Jatin aapke bina. Ye proof ho chuka hai. Aur aam log bhi aplogo ke alag hone ki wajah jante hain . Publicly likhana nahi chahta han lekin ek interview dekha tha jisme kisis ne kaha tha ki Munni Badnam hui not composed by Jatin Lalit only Lalit. This statement clarified everything. We are fan and very sad about your separation. It has not lost for your fans but your entre name and fame. Jo iska reason hai na wo hum sab jante hain but us reason ko hatao at any cost nahi to bus purani hits ko yaad karne ke alawa kuch nahi bachega . Saath aa jao ab bhi bahut kuch kar sakte ho. Baki ek kavi ne kaha hai. " Jab Naash manuj pe chata hai pehle vivek mar jata hai" . Tc
Kkhh is better than ddlj. Ddlj female singer selection is a blunder.. Lata’s voice is sound like very aged… wrong choice. Where wetmre Alka Yagnik? Without Alka 90s is incomplete. In ddlj jatin lalit forced to take Lata ji.. Alka Yagnik is been always there first choice infact
@@hello.667 "Tuje Dekha to Ye jana Sanam " Aur "Ankhon se ye ' ye Dono songs pehly se try Karwaye gaye thy ....But...he could not sing ....warna DDLJ ka aik bhi Gaana kumar Sanu ko na milta ...
@@hello.667 itny Easy songs thy to Udit q ni gaa paya....Tuje Dekha to Ye Jana Sanam aur aankho se Ye .....Baat ka Jawab na dena bas Nasal Nasal totoy ki tarha parhty rehna ....
@@hello.667 ""Shab k Jaage huwe Taaro ko '' " Kash Tum Mujh Se ek baar Kaho " ....jesy Easy songs Arijit se Gawa kar dikhana ....Sirf cow ki tarha Baaaan Baaaaan karna singing nahi hota
I now have ZERO respect for this guy. In all the interviews, he is talking as if it was just him alone composing every song, without even a mention of Jatinji. It's only me, me and me. Shame on you Lalit Now I am convinced that there is no way you would have composed those songs, because to compose such beautiful songs you first need to have a beautiful heart. So it was not you but Jatinji who has composed all these. At best you would have done some rhythm
very true, it seems for everything he was only the part of making ... he always does this in recent interviews... always talking about only 'me'...... this is not done, loosing his respect day by day..Lalit Pandit should justify how could he claim all of these songs as mine....!!!
He thinks that people are foolish. We all know that most of the melodious songs were composed by Jatin ji. He had much more depth in music. Sirf orchestration jan ne se hi music director nahin ban jate aap lalit ji. Agar jatin ji woh sab melodious songs compose nahin karte to aap kismein orchestration karte... Manta hun ke kuch composition aap bhi acche ki hai but it was the team of Jatin Lalit. Jatin ji to singera ko gawa ne pe bhi master the. Most romantic, melodious songs were composed by jatin ji. Wada raha sanam, main koi aisa geet gaun, bahon ke darmiyan, ye dil sun raha hai, aye kaash ke hum, wo to hai albela,ekdin aap yun, tujhe dekha to ye jana sanam, zara sa jhum loon main, kuch kuch hota hai, ladki badi anjani hai, humko humise churalo, tujhe yaad na meri aayi, saajanji ghar aye, tauba tumhare ye ishare, hum tum title track , dekha teri mast nigahon mein, pairon mein bandhan hai, ke jaise gaane jatin ji ne compose kiye the. Most difficult situations mein jatin ji triggers the appropiate tune. Every directors know that. Even my maternal uncle was a musician on mumbai. He told me this that jatin ji was far more effective. Lekhin unhone kabhi main main nahin kiya. Unhone barabar ye bola hai ke mera composition ho ya lalit ka composition ho. Woh hamara team ka hai. Kisika personal nahin hai.
@@agnibharoy.7995 Very true, Jatiniji is a complete and trained musician, and a good vocalist too. Listen to his interviews, you will never hear him saying 'Main', it's always hum dono. Yeah Lalit to chillar aadmi hai sucking up to all Bollywood biggies and full on promoting his son's
Jatin pandit sir is a nice soul....but this lalit pandit is just hate monger...I am happy that I lives in a world where people like jatin sir exist...lalit pandit used to hate Nadeem Shravan a lot
we need more such interviews. I loved the way she interacts; it doesn't look like an interview
"Aur Alka ki to voice hi itni acchi hai ki vo gaa hi deti hai "Correct line
Khamoshi is definitely one of their best works. The music is timeless and was way ahead of its times. What an album!!
This Podcast is a masterpiece in itself. This happens only when both the host and guest are soooo talented and devoted too
Aisa laga ki host mein hoon.......bas rd dada ko dekhney ki chah baaki hai.....lov u rd and jatin lalit ji
I love Lalit’s singing voice.
He is brilliant
Without Alka Yagnik i cant even imagine kkhh to b successful
Bahon ke darmiyan is a Jatin's composition.
कुमार सानू और उदित नारायण दोनों के साथ सही नहीं हुआ। बेहद दुख की बात है कि मैं यहाँ हूँ यहाँ और तेरे नाम टाइटल सॉन्ग जैसे बेहतरीन ब्लॉकबस्टर songs के लिए उदित जी को फिल्म फेयर अवार्ड नहीं मिला। इसी तरह इनके कई बेहतरीन गाने हैं जिनके लिए इनको नॉमिनेट तो किया लेकिन फिल्म फेयर नही मिला। उदित जी के साथ कभी इंसाफ नहीं हुआ। मैं यहां हूं यहां (वीर जारा), कहो ना प्यार है टाइटल सॉन्ग, दिल तो पागल है टाइटल सॉन्ग, एक दिलरूबा है (बेवफा), जादू तेरी नजर, पहला नशा पहला खुमार, फूलों सा चेहरा तेरा, हो नहीं सकता (दिलजले ), कुछ कुछ होता है टाइटल सॉन्ग, तेरे नाम टाइटल सॉन्ग, दिल ने ये कहा है दिल से, आंखें खुली हो या हो बंद ( मोहब्बतें ), पंछी सुरु में गाते हैं (सिर्फ तुम), मेरी सांसों में बसा है तेरा ही एक नाम , दुनिया हसीनो का मेला, इत्यादि। ये सारे गाने नॉमिनेट हुए थे। उदित जी को टोटल 20 बार फिल्मफेयर के लिए नॉमिनेट किया गया, इतनी बार अभी तक भारत के इतिहास में सिर्फ किशोर कुमार को नॉमिनेट किया गया है। अगर इमानदारी से फिल्मफेयर दिया जाता तो उदित जी को कम से कम 20 में से 10 बार फ़िल्म फेयर मिलना चाहिए था। वर्ष 1995 में तुझे देखा तो जाना सनम(कुमार सानू )को अवार्ड मिलना चाहिए था, और वर्ष 1994 में ये काली काली आंखें की जगह पर जादू तेरी नजर को अवार्ड मिलना चाहिए था। साल 1992 में पहला नशा को फिल्मेफेयर मिलना चाहिए था, लेकिन इसके कम्पटीशन में 'सोचेंगे तुम्हे प्यार' भी एक बेहतरीन गाना था। पहला नशा को जब अवार्ड नहीं मिला था तो लता मंगेशकर ने इसपर बहुत आपत्ति और हैरानी जताया था। ऐसा ही वाकया नेशनल अवार्ड में भी हुआ है। घूंघट की आड़ से दिलबर का यह गाना कुमार सानू और अलका जी दोनों ने गाया था, लेकिन नेशनल अवॉर्ड सिर्फ अलका जी को मिला। कुछ कुछ होता है के टाइटल सॉन्ग के लिए अलका जी को नेशनल अवार्ड मिल गया, लेकिन उदित नारायण को नहीं मिला। स्वदेश फ़िल्म का एक गाना 'ये तारा वो तारा ' के लिए उदित नारायण को नेशनल अवार्ड नहीं देना चाहिए था क्यूंकि यह एक average song था. फिल्मफेयर टीम के judges के फैसले पर मुझे बहुत आपत्ति है. साल 2004 में मर्डर फिल्म का एक गाना ' प्यासा दिल मेरा एक रात बिताओ मेरे साथ ' जैसे बेहूदा और वाहयात गाने के लिए कुणाल गांजा वाला को फिल्म फेयर दे दिया गया , जबकि उस साल का सर्वश्रेष्ठ गाना था मैं यहां हूं यहां (वीर जारा ). पता नहीं क्या सोचकर यह लोग फिल्म फेयर देते हैं ? इन्हें म्यूजिक के टेस्ट का कुछ पता ही नहीं है और चले आते हैं जज बनने. इन्हें जज कौन बना देते हैं यार? जज बनने की क्राइटेरिया को क्या यह लोग पूरा करते हैं? खासकर तेरे नाम के साथ बहुत बड़ी नाइन्साफी हुई, एक पब्लिक सर्वे के मुताबिक तेरे नाम के गाने को बॉलीवुड के इतिहास में अभी तक लोगों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया गया है। तेरे नाम का म्यूजिक जब 2003 में रिलीज हुआ था तो बहुत सारे रेडियो चैनलों ने तेरे नाम के songs को बैन कर दिया था, क्यूंकि लोगों की हर दस में से 9 फरमाइशें तेरे नाम की होती थी। रेडियो वाले तेरे नाम के गाने बजा बजा कर थक जाते थे। अवार्ड judgement में सबसे बड़ा अन्याय तेरे नाम के साथ हुआ है. तेरे नाम के गाने आज भी लोगों के बीच बेहद ही ज्यादा लोकप्रिय हैं और सदा रहेंगे. इतने सारे अन्याय उदित नारायण के साथ हुए हैं, लेकिन उदित नारायण ने सब कुछ बर्दाश्त कर लिया। आजतक कभी अपने इंटरव्यू में किसी से इसकी कोई शिकायत नहीं की, और ना कभी अपने दर्द को बताया. नतमस्तक करता हूं मैं इस महान सिंगर को🙏
Koi mil gaya song , written by javed akhtar saheb...
Lalit Jee aap Jatin ke bina kuch nahi hai aur na Jatin aapke bina. Ye proof ho chuka hai. Aur aam log bhi aplogo ke alag hone ki wajah jante hain . Publicly likhana nahi chahta han lekin ek interview dekha tha jisme kisis ne kaha tha ki Munni Badnam hui not composed by Jatin Lalit only Lalit. This statement clarified everything. We are fan and very sad about your separation. It has not lost for your fans but your entre name and fame. Jo iska reason hai na wo hum sab jante hain but us reason ko hatao at any cost nahi to bus purani hits ko yaad karne ke alawa kuch nahi bachega . Saath aa jao ab bhi bahut kuch kar sakte ho. Baki ek kavi ne kaha hai. " Jab Naash manuj pe chata hai pehle vivek mar jata hai" . Tc
0:00 - Lalit is a better singer than Kumar Sandu. His voice is not nasal like Kumar Sandu.
Waise is song ka naam kya hai jo Lalit ne gaaya?
Yes we did exactly that , stopped video and listen to song, aur wo Lata didi ki chudiyon ki awaj bhi aati hai.
Kkhh is better than ddlj.
Ddlj female singer selection is a blunder.. Lata’s voice is sound like very aged… wrong choice.
Where wetmre Alka Yagnik? Without Alka 90s is incomplete.
In ddlj jatin lalit forced to take Lata ji..
Alka Yagnik is been always there first choice infact
All most copy of rd Burman style
Ye liar ab kehta hai ko kumar Sanu difficult song ni ga skta 😂
@@99abdulbasit sach bolta hai ye sachha insaan
@@hello.667
"Tuje Dekha to Ye jana Sanam " Aur "Ankhon se ye ' ye Dono songs pehly se try Karwaye gaye thy ....But...he could not sing ....warna DDLJ ka aik bhi Gaana kumar Sanu ko na milta ...
@@99abdulbasit Kumar Sandu sirf naak se ek hi type ke simple flat slow romantic songs gaa sakta hai Kishore Kumar ko copy karke. He has no versatility
@@hello.667
itny Easy songs thy to Udit q ni gaa paya....Tuje Dekha to Ye Jana Sanam aur aankho se Ye .....Baat ka Jawab na dena bas Nasal Nasal totoy ki tarha parhty rehna ....
@@hello.667
""Shab k Jaage huwe Taaro ko '' " Kash Tum Mujh Se ek baar Kaho " ....jesy Easy songs Arijit se Gawa kar dikhana ....Sirf cow ki tarha Baaaan Baaaaan karna singing nahi hota
I now have ZERO respect for this guy. In all the interviews, he is talking as if it was just him alone composing every song, without even a mention of Jatinji. It's only me, me and me. Shame on you Lalit
Now I am convinced that there is no way you would have composed those songs, because to compose such beautiful songs you first need to have a beautiful heart. So it was not you but Jatinji who has composed all these. At best you would have done some rhythm
very true, it seems for everything he was only the part of making ... he always does this in recent interviews... always talking about only 'me'...... this is not done, loosing his respect day by day..Lalit Pandit should justify how could he claim all of these songs as mine....!!!
He thinks that people are foolish. We all know that most of the melodious songs were composed by Jatin ji. He had much more depth in music. Sirf orchestration jan ne se hi music director nahin ban jate aap lalit ji. Agar jatin ji woh sab melodious songs compose nahin karte to aap kismein orchestration karte... Manta hun ke kuch composition aap bhi acche ki hai but it was the team of Jatin Lalit. Jatin ji to singera ko gawa ne pe bhi master the. Most romantic, melodious songs were composed by jatin ji. Wada raha sanam, main koi aisa geet gaun, bahon ke darmiyan, ye dil sun raha hai, aye kaash ke hum, wo to hai albela,ekdin aap yun, tujhe dekha to ye jana sanam, zara sa jhum loon main, kuch kuch hota hai, ladki badi anjani hai, humko humise churalo, tujhe yaad na meri aayi, saajanji ghar aye, tauba tumhare ye ishare, hum tum title track , dekha teri mast nigahon mein, pairon mein bandhan hai, ke jaise gaane jatin ji ne compose kiye the. Most difficult situations mein jatin ji triggers the appropiate tune. Every directors know that. Even my maternal uncle was a musician on mumbai. He told me this that jatin ji was far more effective. Lekhin unhone kabhi main main nahin kiya. Unhone barabar ye bola hai ke mera composition ho ya lalit ka composition ho. Woh hamara team ka hai. Kisika personal nahin hai.
@@agnibharoy.7995 Very true, Jatiniji is a complete and trained musician, and a good vocalist too. Listen to his interviews, you will never hear him saying 'Main', it's always hum dono. Yeah Lalit to chillar aadmi hai sucking up to all Bollywood biggies and full on promoting his son's
@@souravbiswas3880 also this guy and his wife were responsible for breaking the partnership
@@aksshiv7843 he was adament .. he single handedly breaked the partnership
Jatin pandit sir is a nice soul....but this lalit pandit is just hate monger...I am happy that I lives in a world where people like jatin sir exist...lalit pandit used to hate Nadeem Shravan a lot