क्या पाप भी भगवान ही करवाता है ? सत्यार्थ प्रकाश, सातवाँ समुल्लास। आचार्य अंकित प्रभाकर
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- Опубликовано: 20 мар 2023
- प्रश्न- जीव स्वतन्त्र है, वा परतन्त्र ?
उत्तर- अपने कर्त्तव्य कर्मों में स्वतन्त्र और ईश्वर की व्यवस्था में परतन्त्र है।
'स्वतन्त्रः कर्त्ता' - यह पाणिनीय व्याकरण [ अष्टा० १।४।५४] का सूत्र है ॥
जो स्वतन्त्र अर्थात् स्वाधीन है, वही कर्त्ता है।
प्रश्न - स्वतन्त्र किसको कहते हैं ?
उत्तर- जिसके आधीन शरीर, प्राण, इन्द्रिय और अन्तःकरणादि हों, वह स्वतन्त्र है जो स्वतन्त्र न हो तो उसको पाप-पुण्य का फल प्राप्त कभी नहीं हो सकता। क्योंकि जैसे भृत्य स्वामी; और सेना, सेनाध्यक्ष की आज्ञा से अथवा प्रेरणा से युद्ध में अनेक पुरुषों को मारके अपराधी नहीं होते, वैसे परमेश्वर की प्रेरणा और आधीनता से काम सिद्ध हों, तो जीव को पाप वा पुण्य न लगे। उस फल का भागी प्रेरक परमेश्वर होवे स्वर्ग- नरक अर्थात् सुख-दुःख की प्राप्ति भी परमेश्वर को होवे। जैसे किसी मनुष्य ने शस्त्रविशेष से किसी को मार डाला, तो वही मारनेवाला पकड़ा जाता है, दण्ड पाता है, शस्त्र नहीं। वैसे ही पराधीन जीव पाप-पुण्य का भागी नहीं हो सकता। इसलिये अपने सामर्थ्यानुकूल कर्म करने में जीव स्वतन्त्र, परन्तु जब वह पाप कर चुकता है, तब ईश्वर की व्यवस्था में पराधीन होकर पाप भोगता है। इसलिये कर्म करने में जीव स्वतन्��्र और पाप के दुःख रूप फल भोगने में परतन्त्र होता है।
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सबकुछ पहले से ही लिखा होता है, हजारों लोग श्रम करतें है पर कुछ को ही लाभ मिलता है इसे भाग्य कहतें हैं
सादर नमस्ते आचार्य जी। धन्यवाद आचार्य जी सत्यार्थ प्रकाश के इस सम्मुलास के स्वतत्र कर्ता प्रसंग को बहुत तार्किक एवं युक्ति पूर्ण उदाहरणों द्वारा समझाया है। बहुत बहुत शुभकामनाएं
आप किसी से डरना मत ,पारदर्शिता रखना,तथा अपने विवेक,विनम्रता और धैर्य रुपी मित्रों को सदैव साथ रखना ईश्वर आपका कल्याण करेंगे 🙏 राधेकृष्ण, प्रणाम, 🙏
Radha kaun thi be
ओ३म् नमस्ते आचार्य जी
Jey ho Aacharya g
Aapki vyakha janardast hai
सादर नमस्ते आचार्य जी
अति सुन्दर तर्क से समाधान देना सत्य के साधक की विशेषता है।
महर्षि दयानंद जी के विचार सत्य हैं जिन्हें तर्क और प्रमाण से सिद्ध किया जा सकता है।
Sir aap ki buddie itni power full ihappy
Wow nice good subject sir ji thank you
बहुत अच्छा लगा ❤
Sat sat pranam apko ..asa lga jasa apne mere man ki baat bol di prbhu ...bs apne ye kaha ki bahwaan ko bhavishya nhi pta to ye mera man nhi mantaaaa
ईश्वर कुछ भी नहीं करता है वह परम सत्य व सत्ता पूर्ण उदासीन व साक्षी तथा दृष्टा मात्र है ,शेष जीव गुण ही गुण में वर्त रहे हैं ,सभी माया के वशीभूत कार्य कर रहे है और कर्मफल भोग रहे हैं 🕉️🚩🌹🇮🇳
सावधान नदयानंद मत बनो दया नंद केकमकारो के काम करो जय श्रीराम।
@@rameshshrivastava7225 गीता जी में योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने क्या कहा है ?? यही कहा है
नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी सादर प्रणाम 🙏🙏 नववर्ष पर आप सभी को कोटि कोटि प्रणाम करते हुए नमस्कार दोस्तों परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं सुभाशीष 🚩🕉️🌞🕉️🚩🙏🙏
Aapki buddies Jabar dastardly hai
भगवान श्री कृष्ण के वचन हैं
*कर्मों का परिणाम परिस्थिति और उद्देश्यों पर निर्भर करता है*
प्रतिज्ञाबद्ध होकर किया गया कोई भी कर्म किसी भी धर्म की मर्यादा का अतिक्रमण नहीं होता
ओम् परिणाम अचार्य ज़ी जय आर्यावर्त
।।ओ३म् ।।
ॐ ॐ ॐॐॐॐ नमस्ते जी ।
आचार्य नमस्ते
Bahut khoob,,,,,,,,,, 🙏
💐નમસ્તે દુનિયા માં સનાતન ધમૅ ના સિધ્ધાંત ની બહુમતી કયા સંપ્રદાય મા છે તે જરૂર થી જણાવશો💐💐💐💐💐
बहुत ही सुन्दर विचार धन्यवाद नमस्ते आचार्य ी राजेंद्र आर्य बेरीमथुराउप सादर नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी, सादर नमस्ते 🌹🌹☂️
धन्यवाद आचार्य जी शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩
50:15 परमात्मा नाम किसके आधार पर पड़ा किसने जाना कि परमात्मा को इस नाम पुकरो एसा किस ब्यक्ति ने जाना ज्ञान, बिबेक,सोच यह प्रकृति से मिली
Thank you guruji kot kot kot this experience of you Ram Ram sa 🥀🥀🥀
Bahut sundar sandesh 🙏🏽🙏🏽🙏🏽
बहुत बढिया सदेश धन्यावाद जी 🌹🙏🌹
Om
नमस्ते जी
🙏
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏
परिवार जन मरणासन्न अवस्था में शरीर छोड़ते व्यक्ति के नाम पर दान करते हैं
आचार्य जी नमस्कार मै आपको बहुत ही पसंद करता हू
प्रणाम आचार्य जी।
धन्यवाद आचार्य जी।
जड़ चेतन की व्यवस्था अनादि है जिससे ये ब्रह्माण्ड संचालित है। जीव कर्म करने में स्वतंत्र है। हर क्रिया के बाद प्रतिक्रिया जरूरी है। इस प्रकार के उदाहरण से निर्णय नही हो सकता। इसके लिए जड़ और चेतन की वव्यस्था का गहन अध्ययन जरूरी है।
जब हम अपनी बात मन ही मन परमात्मा से करे तो क्या भगवान समझ पाते है।
नमस्ते आचार्य जी।
Vikas bhatt
Om
🙏🏻🙏🏻🕉🕉
👌👌👌👌
🌹🌹🙏🙏🙏
Bhagwaan ne hame budhi de hain agar hum koi galti karte hain toh dand bhi hame hi milga...swamiji ko zahar diya gaya tha, swamiji ne toh maaf kar diya tha Lekin iswar toh karmo ka hisab rakhete hain...
Namskar guruji mujhe Asa mantra batay man hi man japte rahe hamesha sab kuch 1 hi mantra se ho jaye Maha mantra marg batay
Th
Acharya ji mera apse sawal hai ki seeta aur ravan mein koun shaktishali tha kripya avgat karane ka kasht Karein.
Shastri ji, Namaste
I want to learn Sanskrit, can you please suggest some book to learn Sanskrit.
Kya jivan or mrityu ishvar ki ichha se hota he
Parmatma ke mata pita hai.ya vah swayam paida hua hai to Kai se es bhav ko spasht karen eske rahane ka Kahan sthan hai
Jo samay vars bataye hain yeh samay Kahan likha hai
Jab bhagwan ka hone ka koi saboot nahi hai to pap aur puny kaise kar sakta hai,
स्वामी amritanand जी आजकल सत्यार्थ प्रकाश और स्वामी दयानन्द जी पर जो आरोप लगा रहे हैं। कृपया उनके प्रश्नों का भी समुचित उत्तर दे दीजिए।
Kya paran aur aatma man antar hai
How it is written in books that in kaliyuga people will behave in this way or that way , in kaliyuga cruelty injustice will be at peak
नमस्ते जी
Aap ka watsap nmbr
Kya hay, krapa kr de
आचार्य जी नमस्कार
जीव और ईश्वर दो नहीं एक ही हे के न्याय से ईश्वर ही नियामक हे जय श्री राम।
ईश्वर में भ्रम नहीं जीव की उर्दगामी अवस्था भी यही हे
भ्रम के संबंध तोड़ तू जग से यही प्रणाली निराली है प्रेम की राह निराली है।प्रेमी हो चैतन्य रहो।जय श्री राम।
किसी की बात में मत आओ जीव को स्व चेतना ही ब्रह्म है ईश्वर हे।वो तू है।जय श्री राम।
जो होना है वह होगा ही और जो नही होना है वह कभी नही होगा चाहे मानव लाख चतुराई करले या लाख बुद्दि लगा ले क्या यह सच नही
Yagya ke bare me bole ik bar Pura sar bole
आचार्य जी मांसाहार और जीव हत्या पर भी व्याख्यान कीजिए।
Acharya ji apne guru shishya ke baare mein vichar rakha yeh bahut hi nindniya hai. Kyonki saare sanasarik vyavastha bhang ho jayegi.
Aaj sansar me sab achet hi to Hain to fir karta kaun hua
क्या कोई किसी के कहने से कुए मे गिर जाएगा
Aap yah maankar chalate hain ki Ishwar hai . Par Ishvar keval maanava man ka creation hai . Usaka koi pramaan nhi hai . Wah inference , speculation or anumaan hai . Ishwar kya karata hai kya nhi , koi kaise kah sakata hai. Isliye aise discussion vyartha hai , satya nhi . AP bhi tark karate hain aur tark akaatya nhi hota hai. Aap k saare tark kaate ja sakate hain .
Aise discussion ka ek hi labh hai ki vedio kriyeta ko UTube se dhan milata hai .
नहीं
अगर किसी अपने का सड़क दुर्रघटना मे फालिज हो गया है तो यह क्या भगवान की मर्जी से हुआ या व्यक्ति के कर्म का फल है ।कृपया बताए।
भगवान की मर्ज़ी नहीं है, कर्म का फल हो सकता है, किसी के द्वारा किया गया अपराध भी हो सकता है। परिस्थिति पर निर्भर करता है
पचीसी करण को समझें स्व चेतना में रहे दृष्टा भाव में रहे सब भ्रम दूर हो जाएंगे।जय श्रीराम।
जीव और ईश्वर दो नहीं एक ही है उपासना करे सब ठीक हो जाएगा जय श्री राम।
🙏🙏
🌷🙏🙏🌷
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏
Om