हरिवंश राय बच्चन जी की कविता। "दोस्ती" ।

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  • Опубликовано: 15 окт 2024
  • हरिवंश राय बच्चन जी की कविता
    दोस्ती
    दोस्ती !
    ना कभी इम्तिहान लेती है,
    ना कभी इम्तिहान देती है।
    दोस्ती तो वो है
    जो बारिश में भीगे चेहरे पर भी,
    आंसुओं को पहचान लेती है।
    आज रब से मुलाकात की;
    थोड़ी सी आपके बारे में बात की;
    मैंने कहा क्या दोस्त है;
    क्या किस्मत पाई है;
    रब ने कहा संभाल के रखना;
    मेरी पसंद है, जो तेरे हिस्से में आई है,
    दिन बीत जाते है सुहानी यादें बनकर,
    बातें रह जाती है कहानी बनकर,
    पर दोस्त तो हमेशा दिल के करीब रहेंगे,
    कभी मुस्कान तो
    कभी आंखों का पानी बनकर...!
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