Lateral Entry Recruitment is withdrawn. Why Modi has backtracked? Has he became weak? | ASHUTOSH

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  • Опубликовано: 26 окт 2024

Комментарии • 529

  • @VinodKumar-jc5uo
    @VinodKumar-jc5uo 2 месяца назад +88

    करण वर्मा को भाजपा को खुश करने में लगा रहता हैं । कितना भी नाग रगड़ ले भाजपा कुछ भी नहीं देने वाली । लक्ष्मण यादव और रवि कांत जी को भारतीय समाज और संविधान की गहरी समझ है ।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @sandeeppunia3853
    @sandeeppunia3853 2 месяца назад +72

    प्रोफेसर रविकांत, सबा जी और लक्ष्मण जी ने शानदार पॉइंट दिए, मजा आ गया
    जय भारत जय संविधान

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @pramilachaurasiya3641
    @pramilachaurasiya3641 2 месяца назад +17

    डॉ लक्ष्मण यादव आपका विश्लेषण शानदार है और आपके तारक अकाट्य है । यह यह आपकी गहन समझ बूझ व्यापक अध्ययन और विवेक को प्रदर्शित करता है

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @RajaneeshRajaneesh-dp6tt
    @RajaneeshRajaneesh-dp6tt 2 месяца назад +17

    डॉ. लक्ष्मण यादव जी ने वर्मा जी का सटीक जबाब दीये है l

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @BadriMeena-ln7yg
    @BadriMeena-ln7yg 2 месяца назад +2

    श्रीमान आशुतोष जी आपकी स्पष्टवादिता निडरता बुद्धिमत्तापूर्ण पत्रकारिता को शत् शत् नमन।

  • @arpitgupta808
    @arpitgupta808 2 месяца назад +12

    Second answer about lateral entry by Dr Laxman yadav was so apt, Perfect explanation and questions raised.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @ranakhalil1212
    @ranakhalil1212 2 месяца назад +6

    Dr Laxman kamaal ki baat ki h aap ne👍👍👏👏👏

  • @vedpal8683
    @vedpal8683 2 месяца назад +5

    Very good discussion

  • @asharam1583
    @asharam1583 2 месяца назад +8

    कार्तिकेय भी प्रच्छन्न भाजपाई है। ये क्यों लैटरल ऐंट्री के विरोधी होंगे। ऐसे लोगों से होशियार रहना चाहिए।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @rafat_masood_official
    @rafat_masood_official 2 месяца назад +27

    दलित पिछड़े ओ बी सी मूलनिवासियों और आदिवासियों को अपने समाज के मनुवादियों को पहचानने की बुहत ज़रूरत है जैसे चिराग़ पासवान रामदास आठवले गुरु प्रकाश ओमप्रकाश राजभर जीतनराम मांझी नीतीश कुमार के सी त्यागी मायावती आदि 👈

    • @poonamchandsikligar6729
      @poonamchandsikligar6729 2 месяца назад

      सारे के सारे नेता या कहु पार्टियां अवसरवादी हे l परिस्थिति देख कर राजनीति करती हे l सत्ता लोभ, पुत्र मोह, एक दुसरे पर लांछन, चोरों, माफियाओं को पनाह देना, मुफ्त का खाना खिलाना, बेरोजगारी को नजरअंदाज करना, पीड़ितों का पैसा हड़प लेना, आदि आदि अराजकता के कारण हे l सभी के लिए धर्म छडी हे l येन केन भावनायें भड़काना, देश के संसाधनो से खेलना इनकी आदत बन गई हे l देश के उत्थान के लिए प्रबल इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती हे न कि स्वार्थ से परे कदम उठाकर सत्ता सुख भोगना l

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @matrooram7538
    @matrooram7538 2 месяца назад +13

    जो लोग ऐसे सिस्टम के लाभार्थी हैं, उनको इसमें कोई बुराई नजर नहीं आयेगी

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @shubhambansal4706
    @shubhambansal4706 2 месяца назад +5

    करण गोदी वर्मा अपने बारे मे कांमेनंट पढ़ें लोगों की आपके बारे में क्या राय है कुतर्क देने से बचिए इसी में देश की भलाई है।

  • @Abhinandan1520
    @Abhinandan1520 2 месяца назад +9

    Jabardast analysis by prof ravi and luxmi

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @czpatel5300
    @czpatel5300 2 месяца назад +5

    માનનીય પ્રો.રવિકાન્ત સર, ડો. લક્ષમણ યાદવ સર, સબા જી એ ખૂબ જ સરસ વિશ્લેષણ કરીયું આશુતોષ સર જી ને પ્રણામ.

  • @singhprasad8145
    @singhprasad8145 2 месяца назад +3

    रवींकांत साहब ग्रेट डायलॉग सही बात, सबा नकवी जी ने भी बहुत शानदार जवाब दिया।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @anatech_system
    @anatech_system 2 месяца назад +10

    ED CBI और IT का सामना करना बाक़ी है.
    हालात बदलेंगे जज़्बात बदलेंगे जब बदल जायेंगे सत्ता.
    समय बदलता है ये हर किसी को समझना चाहिये. समय कभी भी एक जैसा नहीं रहता.
    🫡🇮🇳 जय हिंद

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @udayabose2357
    @udayabose2357 2 месяца назад +33

    नरेन्द्र मोदी जैसे बात बात पर "बैकफ़ुट" पे जा रहे हैं, खतरा है कि वोह "हिट विकेट" आउट न हो जाएं।

    • @sharatsingh4305
      @sharatsingh4305 2 месяца назад +2

      Very much possible

    • @GSCR02fck-u-e3e
      @GSCR02fck-u-e3e 2 месяца назад +3

      Ab tou Naidu or Nitish say request kar kay time kat raha hai MAHA MANAV 😂😂

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @shakeelahmedquasmi3591
    @shakeelahmedquasmi3591 2 месяца назад +4

    Ashutosh sir, I SALUT YOU ❤🌹 Awesome analysis 👍🏼

  • @FreeThoughtsTrails
    @FreeThoughtsTrails 2 месяца назад +2

    Dr. Lakshman Yadav is very articulate in his arguments ❤

  • @rekhakumar1441
    @rekhakumar1441 2 месяца назад +9

    Madhvi Buch is an example of Lateral entry.

  • @ravindrarai1774
    @ravindrarai1774 2 месяца назад +8

    Thanks

  • @ashokdham-y7x
    @ashokdham-y7x 2 месяца назад +6

    Your community is helpful in protecting democracy. Thanks

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @pankajgarg6272
    @pankajgarg6272 2 месяца назад +3

    भारत मैं धर्म की राजनीति कभी ख़त्म नहीं होगा… 15 साल रही…

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @rekhakumar1441
    @rekhakumar1441 2 месяца назад +4

    Dr.Laxman neh Karan ka achhe Bajaj.
    Karan bjp spokesperson ka muh dekhne laik hai.
    Befitting reply given to Karan spokesperson.

  • @shahalam5386
    @shahalam5386 2 месяца назад +12

    Karan bahoot bada andhbhakt kick him out from debate

  • @simonrobin9416
    @simonrobin9416 2 месяца назад +3

    Extremely relevant and and enlightening conversation Ashu
    It was especially nice listening to ravikant sir and Pro Yadav.
    Karthikeya remains a personal favourite.
    Regards to all.

  • @virranjan9266
    @virranjan9266 2 месяца назад +4

    Congratulations for your dianamic program and analysis
    Rahul simbolises TRUTH
    Highly Educated and kind hearted Jan Nayak Rahul should be the next Prime Minister Congratulations my Blessings 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @surjeetverygoodrana6358
    @surjeetverygoodrana6358 2 месяца назад +1

    रविकांत जी आप सही बात कह रहे हैं

  • @jairajsingh2228
    @jairajsingh2228 2 месяца назад +2

    लेटरल इंट्री का परिणाम था नोटबंदी, कृषिकानून, इलेक्टोरल बांड, पुलवामा , पी एम केयर फंड, सेबी वाली महारानी माधवी बुच

  • @ramsanehigautam7724
    @ramsanehigautam7724 2 месяца назад +1

    True debate pro.Laxaman Yadav, pro. Ravikant ji ko naman.

  • @anilkapoor6035
    @anilkapoor6035 2 месяца назад +9

    Now boldness is being exposed What about vision of Railway Minister who shouts in parliament and declines to share responsibility of frequent.
    Where now has gone justification on lateral recruitment of Rail And law Minister has gone.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @gaveshverma5848
    @gaveshverma5848 2 месяца назад +3

    Bahut sahi debate

  • @r.cpanday3798
    @r.cpanday3798 2 месяца назад

    A very good idea of Dr Layman Yadav ji, jo already lateral entry se appoint kiye gaye, kya mahan yogdan kiya.

  • @udayabose2357
    @udayabose2357 2 месяца назад +4

    Karan Verma excels in whataboutery.

    • @villegelifeexplorer
      @villegelifeexplorer 2 месяца назад

      He spoke truths, that hurt you and you named it whataboutery.

    • @qasmibook8710
      @qasmibook8710 2 месяца назад +1

      @@villegelifeexplorer while he doesn't know what the truth is, how could he reveal the truth ? 🤣🤣🤣🤣

  • @satyndersethi
    @satyndersethi 2 месяца назад +2

    Prof. Ravi Kant U have very nicely explained the requirement of reservation, highly appreciable

  • @WhyUneed2no
    @WhyUneed2no 2 месяца назад +1

    @Ashutosh, Today's was a phenomenal debate -
    1. Selection of panel couldn't have been more balanced
    2. Coincidentally Three PhDs very rare
    3. The views expressed by panelists very rooted and strong
    4. Your questions and shepherding the debate world class
    Kudos !!!

  • @RaviJawalers
    @RaviJawalers 2 месяца назад +1

    Ravikant sar bilkul sahi kaha hai

  • @rajeevtiwary915
    @rajeevtiwary915 2 месяца назад +1

    Very right conclusion by Ashutosh

  • @vikasrajput3962
    @vikasrajput3962 2 месяца назад +2

    मेरे सगे बहनोई यादव हैं और महाराजा अग्रसेन स्कूल के प्रिंसिपल हैं
    उन्होंने कभी नहीं बताया कि obc होने के कारण उन्हें डिस्क्रिमिनेशन का शिकार होना पड़ा...जॉब भी उनकी 2015 में लगी...लक्ष्मण जी को पता नहीं ऐसा क्यूँ झेलना पड़ गया...

  • @bhupendergupta956
    @bhupendergupta956 2 месяца назад

    Enlightening debate indeed. A near perfect panel to speak on this sensitive issue. Kudos to the anchor.

  • @jagsach3787
    @jagsach3787 2 месяца назад +2

    Sub contracting is source of corruption. What has happened to Raghuram & talent from abroad. Policy is the key. Talent is leaving country only N. R. I. are left in the country,

  • @ashokkr.choudhary832
    @ashokkr.choudhary832 2 месяца назад +2

    You are agreat journalist Professer Sahab. You are telling true.

  • @ShubhamOjha-t8x
    @ShubhamOjha-t8x 2 месяца назад +4

    आदरणीय आशुतोष जी, सत्य हिन्दी का कार्यक्रम बहुत रूचिकर और ज्ञानिनस्तत्वदर्शिनः होता है। जब आर. एस. एस. के पाखंडियों के पाखंड को खण्ड खण्ड करना हो या किसी भी सार्वजनिक सामरिक सामाजिक समरसतानुकूल विचार विमर्श करना हो तो आदरणीय प्रोफेसर अपूर्वानंद जी को बुलाया करें अपूर्वानंद जी की भाषा एवं भाषाशैली भाषा ज्ञान बहुत विद्वत पूर्ण सरलतम सराहनीय है। हम सब उनका सम्मान करते हैं। शुभकामनाएँ शुभ स्नेह सर्वंशुभम्।।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @balasahebghuge3807
    @balasahebghuge3807 2 месяца назад +1

    In this panal only dr laxman And ravikant are good person good explain

  • @rekhakumar1441
    @rekhakumar1441 2 месяца назад +4

    Dr. LAXMAN JEETA JAGTA EXAMPLE HAI PATARNAKA.
    UNIVERSITY DIDN'T MAKE PERMANENT EVEN THOUGH HE SERVED SI MANY YEARS AS PROFESSOR BECAUSE OF RSS VICE CHANCELLORS.

  • @ranakhalil1212
    @ranakhalil1212 2 месяца назад +1

    Wah wah Ravi kant ji wah,wah

  • @zraruko9683
    @zraruko9683 2 месяца назад

    Thanks!

  • @AshishSharma-zi1xs
    @AshishSharma-zi1xs 2 месяца назад

    Salute to Satya Hindi

  • @drsureshkumar8223
    @drsureshkumar8223 2 месяца назад

    इस परिचर्चा के लिए बधाई!

  • @munafpasha7153
    @munafpasha7153 2 месяца назад +3

    Holly Gotam Buddha was from royal family later he change himself and the public. Rahul ji may be change himself from the past.
    We should accept not question his past.

  • @sanjay2010srivastava
    @sanjay2010srivastava 2 месяца назад +2

    Prof. Ravikant should have been given a chance to clear his point at the end. Don’t close the debate unresolved.

  • @drshkshoebali8509
    @drshkshoebali8509 2 месяца назад +1

    Karan ji is absolutely right, give a thought.

  • @swatin2227
    @swatin2227 2 месяца назад +2

    Prof. Ravikant. 👍🏽💖

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @qasmibook8710
    @qasmibook8710 2 месяца назад +4

    Saba is wrong.
    Unhone Rahul ko dalit nhi banaya balki savarno ne unko dalit ki tarah bana diya tha, ye kaha hai unhone.

  • @raphaelpo2482
    @raphaelpo2482 2 месяца назад +1

    Good morning sir! 🕊

  • @manishtube9375
    @manishtube9375 Месяц назад

    Just listening for dr. Laxman saab

  • @0674jaya
    @0674jaya 2 месяца назад +1

    Thankfully, Ashutosh, mentioned what was boiling in my mind since I heard Karan Verma's opinion. Yes, we are still a country, which gives priority & preference to what lineage we are we are born into.

  • @pks5188
    @pks5188 2 месяца назад +1

    Excellent journalists. Rahul Gandhi sir educated great truth

  • @sarojsaxena6096
    @sarojsaxena6096 2 месяца назад

    शानदार जानकारी

  • @achutagoteti2209
    @achutagoteti2209 2 месяца назад +1

    A very good discussion and india needs more reforms for participation of all in all fields there is nothing wrong in rahul gandhi changing his stand and if that is hypocrisy tgen what can we call Narendra Modi. Politics will always be played but when we have a dependable govt we will have scope for churning

  • @SunilpandeySunilpandey-b2j
    @SunilpandeySunilpandey-b2j 2 месяца назад

    Aap ka program bilkul satya hota hai than you sir lage raho

  • @shaheerahmad5641
    @shaheerahmad5641 2 месяца назад

    Very fruitful & informative debate

  • @Timepass52100
    @Timepass52100 2 месяца назад +2

    Why TDP think UPSC selected candidates are not talented ?
    Who should ask this question ?

  • @balareddy1625
    @balareddy1625 2 месяца назад +1

    Incompetence cannot be made competent by giving booster of political support , wealth and money .

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @tssandhu111
    @tssandhu111 2 месяца назад +2

    Dear Verma , I don’t agree with you on your example of Mr Gandhi supporting lateral entry of army officers / personnel to para military / Capf is out of malice as I don’t believe that Mr Verma unaware is that army officer are UPSC qualified . Point is , will Govt take official from Adani /Ambani .? Will you declare how many laterally entry are from backward class and how many are swarns . How many came from interest groups of corporates and how many returned to parent corporate after fulfilling their mandate? How many served Govt services till age if retirement?

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @pgkachru
    @pgkachru 2 месяца назад +1

    Ashutosh ji, the discussions you host are very engaging & I thank you for that. I would like to suggest by bringing to your attention that the pitch at which your guests speak and the pitch at which your voice is broadcast is much louder. Most of us listen to your show on our mobiles using headphones & the change of pitch is not only discomforting but possibly can damage the ear drums.

  • @bimalkr957
    @bimalkr957 2 месяца назад +1

    I solute u prof Ravi kant

  • @Nirmalakumari-j5v
    @Nirmalakumari-j5v 2 месяца назад +1

    बहुत ही सटीक और ज्ञानदायक चर्चा आसुतोशजी 🙏🙏🙏

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @ankh2695
    @ankh2695 2 месяца назад +2

    Lateral entry is directly giving policy favors to big corporations and sell govt assets to cronies. They are not of calibre of Manmohan Singh, Montek Singh, Dr Kalam or Kurien. This is big scandal

    • @anmolkabir1776
      @anmolkabir1776 2 месяца назад

      Never know Adani's PA is made Mining Secretary or Shipping or Surface Transport Secretary. Modi hai to Mumkin hai.
      Much depends on how it is implemented. We have example of corrupt Madhavi Puri Buch, and brilliant Dr. Raghuram Rajan.

  • @jaicejacob3524
    @jaicejacob3524 2 месяца назад

    laxman said it so right.

  • @abdussalam9816
    @abdussalam9816 2 месяца назад +1

    Lakshman ji ! Inhe ye Baat bahut khalti hai ke ye harivansh aadibaasi aur OBC ke afsaron ko Haath jod kar salam karen.

  • @israilshaikh5834
    @israilshaikh5834 2 месяца назад

    Naqbi mam sahi kaha garib hi hard work karte है

  • @mank1651
    @mank1651 2 месяца назад

    Dr Yadav is spot on 👍

  • @Kalka-yh5ux
    @Kalka-yh5ux 2 месяца назад

    Respected Ashutosh Sir it is lower quality
    News. As much as literacy of India in SC
    ST And OBC will increase, the Game of
    RSS And BJP will be over in very short
    Time.

  • @aishwarykalosia7129
    @aishwarykalosia7129 2 месяца назад +7

    Karan verma Sanghi 😢😆😆😆

  • @123prdp
    @123prdp 2 месяца назад +1

    Nice to see first time in the history of media discussion that panel representing SC OBC Minority and upper caste panelists😜🤪 वरना आज तक पाँच panelists में मिश्रा, त्रिपाठी, पांडे, द्विवेदी, और पाठक होते थे। और अंत में सब गोल मोल हो जाता था😂😂

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 2 месяца назад

      आदरणीय महोदय
      इस पैनल में एक भी व्यक्ति सच्चा साक्षर नहीं है। मैं सिर्फ़ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा रहा हूँ। मेरी राय उन सभी पैनलिस्ट के लिए भी है जो एनडीए सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं। वे भी पढ़े-लिखे अनपढ़ हैं।
      मैं ही एकमात्र सच्चा साक्षर व्यक्ति हूँ।और निश्चित रूप से मेरा संदर्भ हमारे देश में हजारों वर्षों से चली आ रही जाति/धर्म व्यवस्था है।
      मेरी राय में, धर्म और जाति व्यवस्था को सही तरीके से समझने में पूरा देश अक्षम है। करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म महान है और करोड़ों लोगों के लिए हिंदू धर्म सबसे बुरा है। और अगर ऐसा है, तो दोनों बातें एक साथ सच नहीं हो सकतीं। क्योंकि सभी के पास अपनी राय बनाने के लिए सबूतों का एक ही स्रोत है।
      सबसे वैज्ञानिक निष्कर्ष यह है.......संभावनाएँ इस प्रकार हैं। 1) जो लोग हिंदू धर्म को महान समझते हैं, वे गलत हैं। 2) जो लोग हिंदू धर्म को सबसे बुरा समझते हैं, वे गलत हैं। 3) सभी गलत हैं।
      और एक वैज्ञानिक सत्य है।
      ऐसी स्थिति हर जगह समस्याएँ पैदा कर रही है। इसलिए इस विवाद को सुलझाना देश और इस देश के लोगों के हित में है। जो समय की इस आवश्यकता को समझता है, वही योग्य, सच्चा बुद्धिमान, बुद्धिजीवी और साक्षर व्यक्ति है। और मुझे 2012 से खुद को भारत का सबसे बुद्धिमान और सच्चा साक्षर व्यक्ति होने का दावा करने में कोई संकोच नहीं है। और एक अद्वितीय व्यक्ति। क्योंकि 2012 से मई 2022 तक मैंने जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने में मेरी मदद के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं। लेकिन सरकार ने मेरी बात अनसुनी कर दी है।
      सरकार इस मामले में राष्ट्र की मूर्खता का आनंद ले रही है।
      मैं सभी सच्चे पढ़े-लिखे लोगों से अनुरोध करता हूँ कि वे जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। मैंने इतिहास को भी शामिल किया है। क्योंकि जाति/धर्म व्यवस्था के संघर्षों ने इतिहास के बिल्कुल विपरीत संस्करणों के साथ हमारे इतिहास को सड़ा दिया है।
      अवधूत जोशी

  • @kulasekhararaogooty553
    @kulasekhararaogooty553 2 месяца назад +1

    Let all students read in Goverment schools, eat same food and have same accommadation.

  • @mohdasloobshahab7781
    @mohdasloobshahab7781 2 месяца назад +1

    karan verma ne sahe kaha bjp ke supporter naraz hote hai jab bjp aesa koi decision wapas lete hai jisse reform hoo
    jaise karan verma naraz hoo rahe hai waise aur bhi bjp supporter bhi naraz honge ..

  • @amitmalhotra7946
    @amitmalhotra7946 2 месяца назад

    Very nice and interesting conversation

  • @sitarammeena4228
    @sitarammeena4228 2 месяца назад +1

    देश को साफ रखना भी देश का विकास होता है। उसमे भी मेरिटोरियस को भाग लेना चाहिए।

  • @ishwarmeena7185
    @ishwarmeena7185 2 месяца назад +1

    Ravikant ji aapane Satta ke sath sab ki kalai khol de awesome ST SC OBC ke sath anyay Kiya ja raha hai

  • @kumarneeraj1140
    @kumarneeraj1140 2 месяца назад

    Laxman ji bahut badiya

  • @siddharthkshatriya3655
    @siddharthkshatriya3655 2 месяца назад

    Right

  • @anmolkabir1776
    @anmolkabir1776 2 месяца назад +1

    Lateral Entry may be a Good Idea. However much depends on how it is Executed. Who knows tomorrow, Adani's PA will be appointed as Mining Secretary and Ambani's PA will be appointed as Finance Secretary. Modi hai to Mumkin hai.

  • @DayaNandOla
    @DayaNandOla 2 месяца назад +1

    समय के साथ पार्टी जनहित के नये विचार विकसित नही करेगी तो देश आगे नही बढ सकेगा।

  • @devraojadhav9881
    @devraojadhav9881 2 месяца назад

    What a debate ❤️❤️✌️✌️

  • @talwinderkaur2170
    @talwinderkaur2170 2 месяца назад

    Good job sir 🎉

  • @RananjaySinghyadav
    @RananjaySinghyadav 2 месяца назад +1

    अनुभव तो निचले स्तर से मेहनत करते करते आती है जो आमजन की परेशानियों को जानते हैं निचले स्तर पर देखते हैं कि कैसे काम होता है जो लोग तैयारी करते करते रहते हैं उनको निचले स्तर आम जनता का कोई सरोकार नहीं रहता है वह अपना केवल अपने जीवन स्तर को और अच्छा करने और तिजोरी में पैसा भरने की कोशिशकरते हैं उनको गरीबों के दर्द से कोई वार्ता शुरू कर नहीं रहता है

  • @dilipbhattacherjee
    @dilipbhattacherjee 2 месяца назад

    ऐसा लगता है की kartikeyan इस देश में नही रहते है। वह यह नही कह सकते की पिछले 10 साल में देश की जनता का केया भला हुआं है ।

  • @prabhurajgadkar1453
    @prabhurajgadkar1453 2 месяца назад +1

    पिछले छह सात साल मे 62-65 पद है लॅटरल एंट्री से तो उसे 13% , 7.30% एस सी एस टी कोटा में वर्गीकृत करे ,और साथ में ओबीसी को भी जोड दे.तो कितने आरक्षित पद खा गये.

    • @OnkarSingh-cj4eh
      @OnkarSingh-cj4eh 2 месяца назад

      २०१९ से हर साल अबतक करीब 347 लेटरल एंट्री से आईएएस बनाए जा चुके हैं बिना रिज़र्वेशन के , इन सबको भी हटाया जाए या फिर तुरंत रिज़र्वेशन के हिसाब से एससी ओबीसी एसटी के लोगो को भी नियुक्ति होनी चाहिए।

  • @anilkapoor6035
    @anilkapoor6035 2 месяца назад +1

    All specialised jobs are being out sourced.Under this condition advisors have no role to play. Comparision with lateral recruitment of Manmohan Singh and Ahluwalia is uncalled far.

  • @RajkumarYadav-wf9jo
    @RajkumarYadav-wf9jo 2 месяца назад +1

    मोदी जी जब withdraw करते हैं तो स्वामी जी बनकर करते हैं जैसे इसको लाते समय मोदी जी हिमालय की कंदराओं है ध्यान मगन थे

  • @siddharthkshatriya3655
    @siddharthkshatriya3655 2 месяца назад

    Good news

  • @Before13.5LY
    @Before13.5LY 2 месяца назад +1

    Ashutosh ji, the Indian Nazi Party has only one aim and you know that very well, the Nazis and feudal castes will always be on the same side, thanks for a good discussion on the real issue

  • @ShaukatAli-me8fc
    @ShaukatAli-me8fc 2 месяца назад +5

    Sirjee ye jo aap logon ki batenhain padhe likhe logon jaisi hain Lekin hamari satta par Certified JAHIL KABIZ hain ,,sabhi sansthano par JAHILIET KABIZ hai is par KAM KAREN jinka jo kam hai!

  • @pradeepbudhera7028
    @pradeepbudhera7028 2 месяца назад

    My nephew at the age 22, after graduating in law, decided to migrate overseas. His rationale - he will not get into judicial services on his own merit - all or almost postings are done at behest of RSS.

  • @rajumore607
    @rajumore607 2 месяца назад

    जय भारत

  • @physicsclassesbysanjaysir6854
    @physicsclassesbysanjaysir6854 2 месяца назад

    सही विश्लषणं

  • @lalitachogal2949
    @lalitachogal2949 2 месяца назад

    Brilliant debate. Sanghi people do not deserve Modi special treatment.

  • @manishtube9375
    @manishtube9375 2 месяца назад +1

    कर्णवा laxman जी के एक बात का जवाब ठीक से नही दिया है बस सड़े संतरे की तरह बदबू कर रहा है