Shri Amarnath Yatra 2022 Vlog AD8 | Amarnath Cave To Baltal

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  • Опубликовано: 17 ноя 2024

Комментарии • 15

  • @ankeshchourasiya1867
    @ankeshchourasiya1867 7 месяцев назад

    Har har Mahadev 🧡🧡

  • @kedarnathyatrafree7235
    @kedarnathyatrafree7235 2 года назад

    jai bhole baba

  • @kuldeepyadav7139
    @kuldeepyadav7139 2 года назад

    Jai ho

  • @sharmilamarale4335
    @sharmilamarale4335 2 года назад +1

    v nice vdo bhaisabb

  • @babaji3834
    @babaji3834 2 года назад

    Jy bhole

  • @KaranSharma-nt2ky
    @KaranSharma-nt2ky 2 года назад +1

    Jai bhole ki

  • @pujachopra6946
    @pujachopra6946 2 года назад +1

    Har har mahadev 🙏

  • @jaimaa1422
    @jaimaa1422 2 года назад +1

    Aapne tow humey ghar bethe amarnath ji ke dershan krwa diye Har Har Mahadev

  • @rohitbhandari5790
    @rohitbhandari5790 2 года назад +1

    ❤️

  • @gopallalburnwal9532
    @gopallalburnwal9532 2 года назад

    भारतीय सनातन धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। 14 जुलाई से श्रावण मास आरंभ हो रहा है। ऐसे में भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए यह महीना त्योहार की तरह ही है। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं। कांवड़ यात्रा एक तरह से पर्व के रूप में मनाया जाता है। सावन सोमवार में विशेष रूप से की जाने वाली भगवान शिव की आराधना भक्तों की सभी मनोकामना को पूरी करती है। ज्योतिष शास्त्र में श्रावण के महीने में सुख-शांति और समृद्धि और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं। मान्यता है कि जो भी सावन मास में इन उपायों को करता है वह न सिर्फ रोग और दोष से मुक्ति पाता है बल्कि आर्थिक परेशानियों से भी उसे छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना और ऐसे कौन से उपाय हैं जिन्हें सावन के महीने में करके परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है।
    सावन मास आरंभ तिथि
    सावन मास आरंभ तिथि: 14 जुलाई, गुरुवार
    सावन मास समापन तिथि: 12 अगस्त, शुक्रवार
    सावन सोमवार तिथि
    पहला सोमवार: 18 जुलाई
    दूसरा सोमवार: 25 जुलाई
    तीसरा सोमवार: 1 अगस्त
    चौथा सोमवार: 08 अगस्त
    सावन मास के ज्योतिषीय उपाय
    ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नौकरी और व्यवसाय में तरक्की के लिए श्रावण मास की शिवरात्रि पर माता पार्वती को चांदी की बिछिया या पायल अर्पित करने से धन आगमन के नए अवसर प्राप्त होंगे।
    श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती को केसर मिश्रित खीर का भोग लगाने से धन प्राप्ति के मार्ग भी खुलेंगे।
    सावन के महीने में पति-पत्नी साथ मिलकर भगवान शंकर का पंचामृत व दूध से अभिषेक करने से दांपत्य जीवन में आ रही परेशानी समाप्त होती हैं।
    आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने के लिए सावन के सोमवार को अनार के रस से शिव शंभू का अभिषेक करें।,
    अगर शादीशुदा जोड़े सावन के सभी सोमवार का व्रत रखते हैं, तो उनके जीवन की सभी विपत्तियां दूर हो जाएंगी।
    सावन के किसी सोमवार को केवल एक बार सरसों के तेल से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से परिवार के सभी सदस्यों को रोग और दोष से मुक्ति मिलती है।
    रुका हुआ काम बनाने के लिए
    शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध की धार चढ़ाएं।
    मन ही मन ऊँ नम: शिवाय का जप करते हुए जिस कार्य के लिए आप जा रहे हैं, उसे पूर्ण करने की प्रार्थना करें। ध्यान रहे कि दूध की धार तब तक टूटनी नहीं चाहिए जब तक कि प्रार्थना पूर्ण न हो जाए।
    अंत में चंदन से शिवलिंग का पूजन कर सफेद रंग के प्रसाद के साथ पांच किशमिश, पांच पताशे व लौंग का जोड़ा चढ़ाएं। फिर हाथ जोड़कर घर आ जाए। आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
    कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए
    जिन लोगों की कुंड़ली में कालसर्प दोष होता है उन्हें जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है और सफलता मिलने में भी देरी होती है। यदि आप भी कालसर्प दोष से पीडि़त हैं तो यह उपाय करें-
    सावन मास की अमावस्या को शाम के समय 1 किलो कच्चे कोयले व 3 नारियल ले जाकर बहते पानी में विसर्जित कर दें। सबसे पहले एक-एक नारियल डालें फिर एक साथ सभी कोयले डाल दें। उसके बाद अपने घर आ जाएं। घर आने के बाद 1 माला महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। यह टोटका लगातार तीन अमावस्या तक करें। ध्यान रहे यह टोटका अनटोका करें और लगातार करें।और शिव पूजन व नाग पूजन व अभिषेक भी करे
    इस टोटके से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाएगा ।
    विभिन्न राशियो के मंत्र व उपाय
    मेष : शिवजी को गुड़ व शहद चढ़ाएं व 'ॐ शिवाय नम:' का जप करें।
    वृषभ : शिवजी को चावल, सफेद तिल चढ़ाएं व 'ॐ प्रवृत्तये नम:' का जप करें।
    मिथुन : शिवजी को गन्ने का रस चढ़ाएं व 'ॐ लोकपालाय नम:' का जप करें।
    कर्क : शिवजी को घी चढ़ाएं व 'ॐ खेचराय नम:' का जप करें।
    सिंह : शिवजी अष्टगंध से स्नान कराएं व 'ॐ अनघाय नम:' का जप करें।
    कन्या : शिवजी मालपुए का भोग लगाएं व 'ॐ महाकायाय नम:' का जप करें।
    तुला : शिवजी को खीर का भोग लगाएं व 'ॐ सर्वज्ञाय नम:' का जप करें।
    वृश्चिक : शिवजी को गुड़ पट्टी व तिल का भोग लगाएं 'ॐ अनिमिषाय नम:' का जप करें।
    धनु : शिवजी को बेसन की मिठाई का भोग लगाएं व 'ॐ अबलोगणाय नम:' का जप करें।
    मकर : शिवजी को काली तिल चढ़ाएं व 'ॐ बलवीराय नम:' का जप करें।
    कुंभ : शिवजी को भांग का भोग लगाएं व 'ॐ भूतभावनाय नम:' का जप करें।
    मीन : शिवजी को केसरयुक्त मिठाई का भोग लगाएं व 'ॐ सुबिजाय नम:' का जप करें।
    विशेष : उपरोक्त आराधना वर्तमान श्रावण में ग्रहों के परिभ्रमण के आधार पर दी है।