सरकार अतिथि कुल मिला कर बाहर कर रही है हर साल अलग नियम बनाये जा रहे अप्रेल से नया सत्र चालू हो जाता है और आज सितम्बर का महीने चालू हो गया और अभी तक ज्वाइनिंग नही हुई और नए नए नियम से 15 साल से सेवा देने वाले अथिति बाहर हो रहे है
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
एक रेगुलर टीचर की भांति अतिथि शिक्षकों को भी हर साल प्रशिक्षण दिया जाता हैं। और इतने सालो का अनुभव है। जों उच्च पद से आएं शिक्षकों कहीं बेहतर शिक्षा देते हैं। अतिथि शिक्षकों का एक हीं उद्देश्य हर राज्य की भांति पद को लांक किया जाए। गुरु जी भांति रेगुलर किया जाए।
अतिथि शिक्षक की मांग बिलकुल गलत ह रोड़ पर आने से पहले पड़ के 2018 और 2023 में जो भर्ती हुई उनको पास करके गवरमेंट शिक्षक बनते सही से ऑनलाइन अतिथि शिक्षक रखो पता चल जाए कितने योग्य अतिथि शिक्षक ह
इतने ही योग्य अपने आप को बताते हैं अतिथि शिक्षक, तो वर्ग 1,2,3 के परीक्षा में चयन क्यु नहीं ले पाये, आरक्षण मिलने के बाद भी, लोगो को बिना किसी परीक्षा के फ्री में नौकरी चाहिए😂 बाकी नये नये छात्र कहा जायेंगे जो तैयारी कर रहे इनको फ्री में टीचर बना दिया जाए बिना किसी परीक्षा के तो | 3 साल से बहुत सारे छात्र अतिथि बनने के लिए ही कोसिस कर रहे हैं लेकिन उनको बही नहीं मिल पा रही और इन लोगो को बिना परीक्षा अध्यापक बन्ना है |
Bhai .. departmental exam ke naam se parichit ho ki nahi... pehle ache se demand dekh lo fir criticize kro yaar.... ese faltu ki comment karke apne level mat girao
अतिथि शिक्षक का मतलब ही होता है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बन ने की रजामंदी इनलोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। आत्महत्या की धमकी देना तो अपने ही परिवार के साथ धोखा है, वो भी अपनी ही गलती के लिए। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं। ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे एक सही शिक्षक हुए ? अब अगर सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm के यहां जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है।
अतिथि शिक्षक का मतलब ही होता है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बन ने की रजामंदी इनलोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। आत्महत्या की धमकी देना तो अपने ही परिवार के साथ धोखा है, वो भी अपनी ही गलती के लिए। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं। ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे एक सही शिक्षक हुए ? अब अगर सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm के यहां जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है।
अतिथि शिक्षक मांग क्यों कर रहे h जिन लोगों ने 2018 और 23 में 2 2 परीक्षा पास किए बैठे h उन्हें नियुक्ति भी नहीं दे रही सरकार और अतिथि में भी दरदर की ठोकरें खा रहे h कुछ अतिथि तो परीक्षा पास ही nhi कर पाए और मांग कर रहे हमे नियमित करो
मोहन सरकार से निवेदन है अतिथियों को नियमित न करें क्योंकि यह नौकरी पा लेंगे इसके बाद में फुर्सत सरकारी स्कूल के कमरे खाली है प्राइवेट स्कूल के कमरों में एडमिशन के लिए जगह नहींहै यह बस नौकरी पाना इनका मकसद है क्या यह अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएंगे हर अतिथि शिक्षक का लड़का प्राइवेट स्कूल में है
मोहन सरकार तो बहुत ही निकम्मी निकली इस वर्ष 3 महीने निकल गई लेकिन जॉइनिंग नहीं दी 9 माह से हम बेरोजगार घूम रहे हैं। पदोन्नति के कारण हट चुके थे क्या करें क्या
सबसे बड़ा मुद्दा तो यह है कि जो अतिथि शिक्षक 16 वर्ष से सुदूर क्षेत्रों में जाकर अल्प। मानदेय 100 रुपये में अध्यापन का कार्य काम कर रहे हैं उन अतिथि शिक्षकों को सरकार ने अपनी दमनकारी नीतिसे ट्रांसफर प्रमोशन अधिशेष दुनियादारी की रणनीति बनाकर तत्काल बाहर कर दिया है जबकि कम से कम उन्हें अतिथि शिक्षक तो बने रहने देना चाहिए नियमित न करो पर अतिथि शिक्षक को अतिथि शिक्षक ही बने रहने दो ! हम उसी मेंसंतुष्ट हैं
10 माह का सेवाकाल तो पहले भी था, आप इतना बता दीजिये, क्या हम केवल अतिथि ही बने रहना चाहते हैं, रैली में मेरा जाना तब मैं, सफल मानता, जब 1- शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण की बात तय हो जाती 2- या फिर विभागीय परीक्षा की बात होती तो, मानता कि रैली सफल हुई 3- और नए अतिथि शिक्षकों की भर्ती जो फ्रेशर शामिल किए जा रहे हैं, इसको भी न बन्द करवा पाए, अरे जब पहले से 70,000 हजार अतिथि है, तो नए फ्रेशर को भर्ती में शामिल ही क्यो किया जा रहा है, कम से कम फ्रेशर की भर्ती पर ही रोक लग जाती इतना भी न करवा पाए और बात करते हैं 8 मागे पूरी हो गई, दिल में हांथ रखकर समस्त अतिथि शिक्षक अपने आप से पूंछ ले की क्या हमारे साथ न्याय हुआ है खैर मुझे तो संघ के नेताओं के बारे में पहले से ही जानकारी थी कि, ये कुछ पैसों में बिक जाएंगे , और अपनी राजनीति सेंक कर वापस लौट आएंगे और हमे फिर वही झुनझुना मिलेगा
अतिथि शिक्षक का मतलब ही होता है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बन ने की रजामंदी इनलोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। आत्महत्या की धमकी देना तो अपने ही परिवार के साथ धोखा है, वो भी अपनी ही गलती के लिए। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं। ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे एक सही शिक्षक हुए ? अब अगर सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm के यहां जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है।
आंदोलन कर रहे अथिति शिक्षकों में सभी की सोशल मीडिया प्रोफाइल देखी जाए की किसने निजीकरण का समर्थन किया था दूसरा इनके बच्चे क्या सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं या निजी में अगर निजी में पढ़ते हों तो इनसे पूछा जाए कि किस अधिकार से सरकारी विभाग मांग रहे हैं 😂😂
Vese guest faculty ka departmental test lene ki koi jarurat nhi hai, sabhi aspirants ke liye vacancies nikle aur usme inhe jitne reservation ka pravdhan hai utna hi mile,aur baki dusre aspirants ko bhi moka mile,
बीजेपी एक बार में कुछ नही मानेगी और न ही एक बार में समझ पाएगी । लेकिन शिक्षक को पता है की कैसे समझाया जाता है। एक बार और कोशिश की जाएगी समझाने की। नही तो फिर वोही होगा जिसका डर बीजेपी को सता रहा है। पर्ची वाला मुख्यमंत्री
Bjp ko jawab dete nhi bn raha hai q ki usne atithisikchako ke sath galat kiya hai or galat log jyada bat nhi kar pate aab to bas niyamit karo yahi mang hai🌹
बीजेपी के पास कोई जवाब नही है सिर्फ दबंगई है । और उलजुलुल की बातें और इधर उधर की बातें कर रहे हैं। तू इधर उधर की बातें न कर , ये बता की कारवां किसने लूटा ।
Dpi m bethe adhikari apni man maarji chalaa rhe h jb mn chahha jo adesh nikal rhe h school chalu h tbhi inhe atises ucch pad prabahar sab kuch yad a. Rha h jbse so rhi thi dpi
Jo mahapanchayat ATI shikshakon ke liye bulai gai thi Jo mukhymantri ji aadesh diye the use per vichar karke atithi shikshakon ko Guru Shiksha teacheron ke antargat Pariksha kara ke niyamit karna chahie Nahin Hai Jo Sarkar Hai BJP Sarkar WhatsApp Mai June mein kar lena chahie adhishesh counselling ya promotion Jo kuchh bhi karna chahie vah pahle kar lena chahie kyunki bich mein joining hone ke bad Bhartiya shikshak nikala jata hai jab koi regular teacher a jata hai use and throw Arthat kahane ke taatparya hai yadi ATI shikshak Rakha jaaye vah pure sal ke liye ho ek clear vecancy rahe ki han vah 10 mahine kam Karega Jay Siyaram Jay Shri Krishna Hamari baat acchi Lage comment box per jarur comment Karen
Bjp har baar chunav ke samay hi vaada karegi usako pata hai ki garib log bahut jaldi fos jayenga sarkar har baar lag ko bhumra kar rahi ab to jaag aadivasi bhai
Sir bjp or congress 1dusre ki burai na kare .yadi ap bonla. Chahte ho to atithi shikshako ka kya kiya sarkar ne .is vishya par apna jabab do.anyatha bjp congress dono apna thobda band rakho.15-16 varsho ke bad apne hata diya.
Vittiya pravdhan Lena padta hai vetan ke liye to koi aisa Nahin karte ho 80 km chalkar bason se dedh sau rupaye roj ka kharcha karke school bhi to jaate Hain mehnat karti hai
1 sal pahle Shivraj Singh Chauhan ne ghoshna ki thi vah aaj tak lagu nahin Hui jhuthi hai Sarkar aur jhuthe Hain sare Shivraj Singh Chauhan jhutha hai ki Kaun jhutha hai Madhya Pradesh aur hamara Desh juton ke sath khada hai😢😢
Kahan gaye hain purv MP ke CM mama ji shri shivraj singh chauhan kis bil me chhip Gaye Hain kendriye mantri bankar malai chat rahe hai jyotra dity sindhiya ji ye AAP ko shobha nahi deta hai bar bar wada karke VOTE lekar satta me aakar itrane lage mama ji ki bahne bhanji bhanje rod par pani ki bauchhar aansu ke gole police ki lathiyan khane ko sadak par chhod diya AAP sadak se sansad bankar mantri ban gaye ab sadak par nahin utar rahe ho kubhkaran ki neend me so.rahe.ho.tyagpatr.dekar.ham.logo.ka.sath.do.nahi.to.ham.aage.wale.chunaw.me.ham.log.satta.se.hata.kar.sadak.par.rod.par.kar.dege.vote.chot.ka.ghaw.kisi.bhi.dawai.se.theek.nahi.hota.hai.
Atithi shikshakon ne ladli bahno ne lalach aur bahlane fuslane.me.adhik.voton.se.do.tihai.bahumat.se.vijay.shri.karwai.hai.isliye.ye.saja.ham.logo.ko.cm.dr.mohan.yadaw.jyotra.dity.sindhiya.aur.mama.ji.purv.cm.ne.atithi.shikshkon.ke.sath.chhal.kiya.hai.aandolan.hadtal.ke.beech.kyon.nahi.aate.apne.kiye.huye.bayde.nibhaye.munh.dikhane.nahi.aate.munh.chhipate.firte.hai.kya.ab.vote.magne.chunaw.me.nahi.aayege.
Agar jayaj mango ko poora kiya hai to kya niyamitikaran or vibhagiy Pariksha najayaj mang hai kya fir shivraj mama ne ghosna ku ki jab najayaj mang hai to ye btaye bjp pahle
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
😊😊
Ty🎉🎉🎉
केसी पवार जी ने बहुत अच्छा काम किया है संघ की तरफ से।
Thank you News 18Mpcg
Good
बीजेपी के पास इस आंदोलन का कोई जवाब नही है।
सरकार अतिथि कुल मिला कर बाहर कर रही है हर साल अलग नियम बनाये जा रहे अप्रेल से नया सत्र चालू हो जाता है और आज सितम्बर का महीने चालू हो गया और अभी तक ज्वाइनिंग नही हुई और नए नए नियम से 15 साल से सेवा देने वाले अथिति बाहर हो रहे है
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
विभागीय परीक्षा करवा कर इन लोगों का मुद्दा सरकार खत्म क्यों नहीं करती
एक रेगुलर टीचर की भांति अतिथि शिक्षकों को भी हर साल प्रशिक्षण दिया जाता हैं। और इतने सालो का अनुभव है। जों उच्च पद से आएं शिक्षकों कहीं बेहतर शिक्षा देते हैं। अतिथि शिक्षकों का एक हीं उद्देश्य हर राज्य की भांति पद को लांक किया जाए। गुरु जी भांति रेगुलर किया जाए।
🙏🙏
अथिति शिक्षकों का नियमितीकरण किया जाए उनका पद सुरक्षित हो
अतिथि शिक्षक की मांग बिलकुल गलत ह रोड़ पर आने से पहले पड़ के 2018 और 2023 में जो भर्ती हुई उनको पास करके गवरमेंट शिक्षक बनते
सही से ऑनलाइन अतिथि शिक्षक रखो पता चल जाए कितने योग्य अतिथि शिक्षक ह
Apki posting kha he sir?
Or kon se varg me joined he aap
kyo sir ji tum teacher nhi ban pa rhe is liye ro rhe ho
जिस राज्य में 20 से 25 साल होने वाले है सत्ता पक्ष और आरोप विपक्ष पर लगाए जा रहे है ऐसी सरकार पर हमे शर्म आ रही है
इतने ही योग्य अपने आप को बताते हैं अतिथि शिक्षक, तो वर्ग 1,2,3 के परीक्षा में चयन क्यु नहीं ले पाये, आरक्षण मिलने के बाद भी, लोगो को बिना किसी परीक्षा के फ्री में नौकरी चाहिए😂 बाकी नये नये छात्र कहा जायेंगे जो तैयारी कर रहे इनको फ्री में टीचर बना दिया जाए बिना किसी परीक्षा के तो | 3 साल से बहुत सारे छात्र अतिथि बनने के लिए ही कोसिस कर रहे हैं लेकिन उनको बही नहीं मिल पा रही और इन लोगो को बिना परीक्षा अध्यापक बन्ना है |
apne dil.ki bt or do
Bhai .. departmental exam ke naam se parichit ho ki nahi... pehle ache se demand dekh lo fir criticize kro yaar.... ese faltu ki comment karke apne level mat girao
Bhai adhe se jyada अतिथि पास होकर बैठे है अतिथि
अतिथि शिक्षक का मतलब ही होता है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बन ने की रजामंदी इनलोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। आत्महत्या की धमकी देना तो अपने ही परिवार के साथ धोखा है, वो भी अपनी ही गलती के लिए। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं। ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे एक सही शिक्षक हुए ?
अब अगर सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm के यहां जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है।
@@surbhiraghuwanshi5819 shi kha apne
हमारे कैसी पवार जी को बहुत बहुत धन्यवाद जो की अतिथि शिक्षकों की आवाज को बुलंद बनाया❤
अतिथि शिक्षक का मतलब ही होता है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बन ने की रजामंदी इनलोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। आत्महत्या की धमकी देना तो अपने ही परिवार के साथ धोखा है, वो भी अपनी ही गलती के लिए। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं। ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे एक सही शिक्षक हुए ?
अब अगर सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm के यहां जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है।
inko bina exam jib chiye or paise to lete h free me to n padhate
हर बार सिर्फ जुगाड से अतिथि शिक्षक बनते रहे है इस बार ऑनलाइन आवेदन हुए तो अकल ठिकाने आ गई
मप्र में शिक्षा का स्तर सभी राज्यों से निम्न स्तर पर है। सरकार हमेशा से अतिथि शिक्षकों के साथ सडयन्त रच रही है।
अतिथि शिक्षक मांग क्यों कर रहे h जिन लोगों ने 2018 और 23 में 2 2 परीक्षा पास किए बैठे h उन्हें नियुक्ति भी नहीं दे रही सरकार और अतिथि में भी दरदर की ठोकरें खा रहे h कुछ अतिथि तो परीक्षा पास ही nhi कर पाए और मांग कर रहे हमे नियमित करो
Sir bhut se log pass.h or me.bhi hun
अतिथि के लिए लड़ते हो सर्म आनी चाहिये, नियमित शिक्षक कि भर्ती के लिए लड़ो,
exam n nikl paynge ye
Or do bjp ko vote 😢😢
भविष्य सुरक्षित नहीं किया गया अभी भी कुछ नहीं मिला अतिथि शिक्षकों को...
मोहन सरकार से निवेदन है अतिथियों को नियमित न करें क्योंकि यह नौकरी पा लेंगे इसके बाद में फुर्सत सरकारी स्कूल के कमरे खाली है प्राइवेट स्कूल के कमरों में एडमिशन के लिए जगह नहींहै यह बस नौकरी पाना इनका मकसद है क्या यह अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएंगे हर अतिथि शिक्षक का लड़का प्राइवेट स्कूल में है
Sahi bol rahe hai avnees bundela ji
बीजेपी हल्के में ले रही है अतिथि शिक्षकों को।
मोहन सरकार तो बहुत ही निकम्मी निकली इस वर्ष 3 महीने निकल गई लेकिन जॉइनिंग नहीं दी 9 माह से हम बेरोजगार घूम रहे हैं। पदोन्नति के कारण हट चुके थे क्या करें क्या
बीजेपी बौखला गई है , डर गई है इस आंदोलन से। अगर बीजेपी ने महापंचायत के आदेश जारी नही किए तो अगली बार इससे से बड़ा आंदोलन किया जाएगा ।
मामा तो बन गए केंद्रीय मंत्री बन गए। पर अतिथि शिक्षकों को सड़क पर ला दिया।
Mamaji ne yah kahani yaha tak lake khada kr diya hai
😢😢😢😢😢😢😢😢
अगर कांग्रेस अतिथि शिक्षकों से झूठा वादा करके सरकार में आई थी तो उसको गिरा दिया अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी आ गई है तो इसको भी गिरा देंगे
सबसे बड़ा मुद्दा तो यह है कि जो अतिथि शिक्षक 16 वर्ष से सुदूर क्षेत्रों में जाकर अल्प। मानदेय 100 रुपये में अध्यापन का कार्य काम कर रहे हैं
उन अतिथि शिक्षकों को सरकार ने अपनी दमनकारी नीतिसे ट्रांसफर प्रमोशन अधिशेष दुनियादारी की
रणनीति बनाकर तत्काल बाहर कर दिया है
जबकि कम से कम उन्हें अतिथि शिक्षक तो बने रहने देना चाहिए नियमित न करो पर अतिथि शिक्षक को अतिथि शिक्षक ही बने रहने दो !
हम उसी मेंसंतुष्ट हैं
अतिथि शिक्षक को नियमित करो
जिंदाबाद अतिथि शिक्षक
नियमितीकरण होना ही चाहिए।
अतिथि शिक्षक बीजेपी की व्हाट लगा देगा ।
अतिथि शिक्षकों को नियमित करें सरकार
10 माह का सेवाकाल तो पहले भी था, आप इतना बता दीजिये, क्या हम केवल अतिथि ही बने रहना चाहते हैं,
रैली में मेरा जाना तब मैं, सफल मानता, जब
1- शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण की बात तय हो जाती
2- या फिर विभागीय परीक्षा की बात होती तो,
मानता कि रैली सफल हुई
3- और नए अतिथि शिक्षकों की भर्ती जो फ्रेशर शामिल किए जा रहे हैं, इसको भी न बन्द करवा पाए,
अरे जब पहले से 70,000 हजार अतिथि है, तो नए फ्रेशर को भर्ती में शामिल ही क्यो किया जा रहा है,
कम से कम फ्रेशर की भर्ती पर ही रोक लग जाती
इतना भी न करवा पाए और बात करते हैं 8 मागे पूरी हो गई,
दिल में हांथ रखकर समस्त अतिथि शिक्षक अपने आप से पूंछ ले की क्या हमारे साथ न्याय हुआ है
खैर मुझे तो संघ के नेताओं के बारे में पहले से ही जानकारी थी कि, ये कुछ पैसों में बिक जाएंगे , और अपनी राजनीति सेंक कर वापस लौट आएंगे और हमे फिर वही झुनझुना मिलेगा
अतिथि शिक्षक का मतलब ही होता है कि ये नौकरी permanent नहीं होती। जब फॉर्म भरा होता है, उसमे साफ लिखा होता है कि ये एक temporary नियुक्ति है, permanent नहीं है। इसी रजामंदी के साथ फॉर्म भरा होता है। पहले offline form भरा होता था, अब online होता है, लेकिन ये बात लिखी होती है form में। पहले अतिथि शिक्षक बन ने की रजामंदी इनलोगो ने दी और फिर अब नियमित होने की मांग कर रहे हैं और अपनी गलती का दोष सरकार को दे रहे हैं। नियमित होने के लिए इतने साल तक नौकरी के साथ तैयारी करके exam निकालना था या पहले ही नियमित भर्ती में भाग लेना था। आत्महत्या की धमकी देना तो अपने ही परिवार के साथ धोखा है, वो भी अपनी ही गलती के लिए। अनुभव के आधार पर bonus marks की डिमांड करना फिर भी ठीक है पर बिना exam निकाले सिर्फ अपनी अतिथि की post को permanent होने की demand ये पढ़े लिखे लोग कैसे कर रहे हैं। ये ईमानदार कैसे हुए? और ईमानदार नहीं तो कैसे एक सही शिक्षक हुए ?
अब अगर सीएम शिवराज सिंह की बातों में लग के ये आंदोलन चल रहा है तो फिर ex cm के यहां जाकर धरना देना था। लेकिन अपनी ही रजामंदी देने पर कि हां हम अतिथि के तौर पर काम करने तैयार हैं फिर नियमित होने की demand पता नहीं कहां से इन सभी को सही लगती है? जबकि exam में भी पहले से ही reservation भी अतिथि शिक्षकों को मिला हुआ है।
Atithi shikshak jindabad 🙏 🙏
बीजेपी के लोगो ने चलाए तिरंगे पर डंडे महा अभिसाफ हे
बीजेपी के प्रवक्ता व्यास को ज्ञान ही नही की बात किसकी हो रही अतिथि शिक्षक या विद्वान
आंदोलन कर रहे अथिति शिक्षकों में सभी की सोशल मीडिया प्रोफाइल देखी जाए की किसने निजीकरण का समर्थन किया था दूसरा इनके बच्चे क्या सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं या निजी में अगर निजी में पढ़ते हों तो इनसे पूछा जाए कि किस अधिकार से सरकारी विभाग मांग रहे हैं 😂😂
डॉ. प्रेम व्यास गाँव मे कभी जाते निहि केवल शहर की खबर रखते है। वहाँ के स्कूल अच्छे होंगे, रे दादा हालत खराब है। ना शिक्षक है। ना बिल्डिंग।
न्यूज़ छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश चैनल का बहुत बहुत धन्यवाद
Score cord m keval satra 18 -19 valo ko ank diye h jo ki galt h sabhi satra valo ko diye jane chahiye.
अतिथि शिक्षकों को नियमित करें
K.c pwar lage tho hum tumare sath hai 🎉
We want justice🙏💐
Mp nhm sanvida balo ko bhi niymit kare sarkar
इन बीजेपी वालो को गरीब अतिथि शिक्षक की मज़बूरी नहीं दिखती
Vese guest faculty ka departmental test lene ki koi jarurat nhi hai, sabhi aspirants ke liye vacancies nikle aur usme inhe jitne reservation ka pravdhan hai utna hi mile,aur baki dusre aspirants ko bhi moka mile,
Sir B. Ed aur D. Ed dono hi unko verg 2 me 200 number milna chahiye
Kaam kro
बीजेपी एक बार में कुछ नही मानेगी और न ही एक बार में समझ पाएगी । लेकिन शिक्षक को पता है की कैसे समझाया जाता है। एक बार और कोशिश की जाएगी समझाने की। नही तो फिर वोही होगा जिसका डर बीजेपी को सता रहा है। पर्ची वाला मुख्यमंत्री
Jb shivraj ji ka ladli bhna ka bada pura ho rha h to guest ka bada kyon nhi ho rha
वरिष्ठ पत्रकार महोदय लगता है की रोजगार पा गए हैं अपने बच्चो के लिए। बिलकुल।
कोई पत्रकार अतिथि शिक्षक बनके देखे तब असलियत मालूम होगा??????
तुझे kon banaya Kya tu गुलाम है किसी का
Bjp ko jawab dete nhi bn raha hai q ki usne atithisikchako ke sath galat kiya hai or galat log jyada bat nhi kar pate aab to bas niyamit karo yahi mang hai🌹
Congress😮jindabadh
बीजेपी के पास कोई जवाब नही है सिर्फ दबंगई है । और उलजुलुल की बातें और इधर उधर की बातें कर रहे हैं। तू इधर उधर की बातें न कर , ये बता की कारवां किसने लूटा ।
Thank u so much for covering this burning issue
Village leval par subidha diniye 30km dur Nahi atithi ki mang Sahi hai
Mp me cm Jan sewa Mitro ke bare me bhi sarkar ko dhayan dena chahiye 9300+ yuwao ko berojgar kar Diya hai bjp sarkar sare jhuthe wade karti hai
और दो bjp को वोट 😂
Raajniti mat kro
Dpi m bethe adhikari apni man maarji chalaa rhe h jb mn chahha jo adesh nikal rhe h school chalu h tbhi inhe atises ucch pad prabahar sab kuch yad a. Rha h jbse so rhi thi dpi
BJP ke hath se Hariyana gaya !
Jo mahapanchayat ATI shikshakon ke liye bulai gai thi Jo mukhymantri ji aadesh diye the use per vichar karke atithi shikshakon ko Guru Shiksha teacheron ke antargat Pariksha kara ke niyamit karna chahie
Nahin Hai Jo Sarkar Hai BJP Sarkar WhatsApp Mai June mein kar lena chahie adhishesh counselling ya promotion Jo kuchh bhi karna chahie vah pahle kar lena chahie kyunki bich mein joining hone ke bad Bhartiya shikshak nikala jata hai jab koi regular teacher a jata hai use and throw
Arthat kahane ke taatparya hai yadi ATI shikshak Rakha jaaye vah pure sal ke liye ho ek clear vecancy rahe ki han vah 10 mahine kam Karega Jay Siyaram
Jay Shri Krishna
Hamari baat acchi Lage comment box per jarur comment Karen
अडचने ये आ रही है कि ये सरकार नालायक है....
Bjp har baar chunav ke samay hi vaada karegi usako pata hai ki garib log bahut jaldi fos jayenga sarkar har baar lag ko bhumra kar rahi ab to jaag aadivasi bhai
Sir bjp or congress 1dusre ki burai na kare .yadi ap bonla. Chahte ho to atithi shikshako ka kya kiya sarkar ne .is vishya par apna jabab do.anyatha bjp congress dono apna thobda band rakho.15-16 varsho ke bad apne hata diya.
Vittiya pravdhan Lena padta hai vetan ke liye to koi aisa Nahin karte ho 80 km chalkar bason se dedh sau rupaye roj ka kharcha karke school bhi to jaate Hain mehnat karti hai
Mohan sarkar keval last bar hi hai ab nahi banegi mohan Gaya
1 sal pahle Shivraj Singh Chauhan ne ghoshna ki thi vah aaj tak lagu nahin Hui jhuthi hai Sarkar aur jhuthe Hain sare Shivraj Singh Chauhan jhutha hai ki Kaun jhutha hai Madhya Pradesh aur hamara Desh juton ke sath khada hai😢😢
Govt .ka kaam kya hota hai
Kahan gaye hain purv MP ke CM mama ji shri shivraj singh chauhan kis bil me chhip Gaye Hain kendriye mantri bankar malai chat rahe hai jyotra dity sindhiya ji ye AAP ko shobha nahi deta hai bar bar wada karke VOTE lekar satta me aakar itrane lage mama ji ki bahne bhanji bhanje rod par pani ki bauchhar aansu ke gole police ki lathiyan khane ko sadak par chhod diya AAP sadak se sansad bankar mantri ban gaye ab sadak par nahin utar rahe ho kubhkaran ki neend me so.rahe.ho.tyagpatr.dekar.ham.logo.ka.sath.do.nahi.to.ham.aage.wale.chunaw.me.ham.log.satta.se.hata.kar.sadak.par.rod.par.kar.dege.vote.chot.ka.ghaw.kisi.bhi.dawai.se.theek.nahi.hota.hai.
Vipaksh hamesha Satya bolata hi
Varg 1 2023 ke niyukti patr jari karo
Atithi shikshakon ne ladli bahno ne lalach aur bahlane fuslane.me.adhik.voton.se.do.tihai.bahumat.se.vijay.shri.karwai.hai.isliye.ye.saja.ham.logo.ko.cm.dr.mohan.yadaw.jyotra.dity.sindhiya.aur.mama.ji.purv.cm.ne.atithi.shikshkon.ke.sath.chhal.kiya.hai.aandolan.hadtal.ke.beech.kyon.nahi.aate.apne.kiye.huye.bayde.nibhaye.munh.dikhane.nahi.aate.munh.chhipate.firte.hai.kya.ab.vote.magne.chunaw.me.nahi.aayege.
Agar jayaj mango ko poora kiya hai to kya niyamitikaran or vibhagiy Pariksha najayaj mang hai kya fir shivraj mama ne ghosna ku ki jab najayaj mang hai to ye btaye bjp pahle
BJP jhooth bolati hai
Kc pawar rocks
Mama or badda me anban ,
Ladli bhno ko paise dene k karaan yubao ki jivan is sarkar n narak bna diya h
Bjp Bala kya bak bak kr rha regular ki baat nhi kr rha h
Sahi bat hai school band kiye ja rahe hai mohan sarkar me
👌👌👌
hamare sath Jo khada uska Labh hua Magar Aaj Tak hamara kuchh nahin hai Jo chidiya sindhiya ko dekh lo
Y̤e̤ t̤a̤n̤a̤ s̤a̤h̤i̤ s̤a̤r̤k̤a̤r̤ h̤a̤i̤ n̤a̤h̤i̤ t̤o̤ a̤a̤j̤ h̤a̤j̤a̤r̤o̤ a̤t̤i̤t̤h̤i̤ s̤h̤i̤k̤s̤h̤a̤k̤o̤ k̤o̤ r̤o̤a̤d̤ m̤e̤ n̤a̤h̤i̤ a̤a̤n̤a̤ p̤a̤d̤t̤a̤ 15 v̤a̤r̤s̤o̤ s̤e̤ a̤p̤n̤a̤ a̤m̤ṳl̤y̤a̤ s̤a̤m̤a̤y̤ d̤i̤y̤a̤ h̤a̤i̤ a̤p̤n̤a̤ b̤h̤a̤v̤i̤s̤h̤y̤a̤ d̤a̤v̤ p̤e̤ l̤g̤a̤ k̤a̤r̤ a̤p̤n̤a̤ b̤h̤a̤v̤i̤s̤h̤y̤a̤ b̤a̤r̤b̤a̤a̤d̤ k̤i̤y̤e̤
तू इधर उधर की बातें न कर पहले ये बता की कारवां किसने लूटा ।
अतिथि शिक्षकों को नियमित करो
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।
ध्य प्रदेश सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षक,उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की विभागीय
परीक्षा लेकर समायोजन कर नियमितीकरण का रास्ता निकालना चाहिए।और जो शिवराज सरकार द्वारा अतिथि महापंचायत में किए गए वादे पूरे करें।