वन्दामि भंते! रुको और शांत हो जाओ।खोजो,परखो,जाचो,यह आपका प्रवचन तथागत बुध्द के तत्वज्ञान के विपरित है।यह तो ब्राह्मणों का तत्वज्ञान और विचार धारा एवं मानसिकता है। खुद जांचों और बुध्द का ज्ञान और मार्ग का प्रवचन दिजिए। सही ज्ञान नहीं है तो शांत हो जाओ । खुद को रोक लो।आप महाथेरो है आप की हर बात का हम पालन और समर्थन करते आ रहे हैं। परन्तु यह आपका सुत्त प्रवचन ने हमको अंदर -बहार से हीलाकर रख दिया है। नमो बुध्दाय! जय भीम!🎉🎉🎉❤❤❤
वन्दामि भंते जी ! कालामसुत्त में बुद्ध स्वयं कहते हैं - अपनी बुद्धि द्वारा तर्क़ के तराजू पर तौले बिना किसी बात को नहीं मान लेना चाहिए। यह कथा अभिधम्म का महत्व दिखाने के लिए लिखीं गयी लगती है। यदि इसे सत्य मानते हैं तो पौराणिक कथाओं को भी सत्य मानना पड़ेगा। इस कथा को कहना पौराणिक हिन्दू धर्म का प्रचार करना है। विज्ञान अभी दस प्रतिशत ही रहस्य को जान पाया है, झूठ को स्वीकार करने केलिए यह तर्क देना उचित नहीं है। तथ्य को जानने की जिज्ञासा के बिना तथागत के अनुयाई नहीं हो सकते। ऐसा अंधानुकरण एक खड्डे से निकल कर दूसरे खड्डे में गिरने जैसा होगा। क्षमा करें। धन्यवाद।
हा हा हलाला...4 पत्नी कानून है और कांग्रेस द्वारा कानूनी है...जाकिर नायक ने भी कहा...पाकिस्तान ने सभी पूजा धर्म खत्म कर दिए (लेकिन 4 पत्नी हलाला वहां है)। यहां जय भीम फोटो पूजा...जय भीम मूर्ति पूजा। .जय हो बुद्ध पूजा...जय संविधान पुस्तक पूजा
बुध्द का धर्म, ज्ञान और विज्ञान, चेतना पर आधारित है। यह आपका प्रवचन अंधविश्वास को प्रेरित करता है। स्वर्ग का अस्तित्व बुध्द नकारा है।तो यह तो ब्राह्मण का स्वर्ग का सिध्दांत को प्रेरित करता है,सिखाता है।इसका विश्लेषण अवश्य करें।हम दिशाभूल हो रहे हैं। नज़रिया बदल रहा है। क्या सच क्या झूठ समझ में नहीं आता है। लगता है तथागत बुध्द का इतिहास बदल गया है।
भंते नी डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के बुद्ध और धम्म को प्रथम पढे.अभिधम्म एक ब्राह्मणी थोतांड है...तांवतिस मे माता रहती,,थी यह बात तथागत ने किस सुत्त मे बताई है...भाई... अठ्ठ कथा थोतांड है....
आप तो राम भक्त हो....बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर जी की 22प्रतिज्ञा सूनो..तीन माह धरतीपर नहीं थे...यह झूठ है...राजा शुद्धोध न तिसरे वर्षा वास के पूर्व ही परिनिर वान को ग्रहण किया...तो राजा को तांवतीस भूमी मे जगाह नहीं मिली... पिताजी को तथागत मृत्यू परांत क्यू नहीं मिल ते....
Namo Buddhay 🙏
Vandami Bhanteji 🙏
Sadhu sadhu sadhu 🙏
Sadhu Sadhu Sadhu.Vandami Bhanteji.
Sadhu Sadhu Sadhu Vandami Bhante Ji
Vandami Bhante🙏🙏🙏
Vandami bhanteji khup chayan prawachan iihe ❤❤❤
Sri Buddhay Namah
साधु साधु साधु वंदामी भंनतेजी 🙏🙏🙏
साधु 🙏🌹साधु 🙏🌹साधु 🙏🌹
🌹🌹🙏साधू साधू साधू🙏🌹🌹
🙏👏🌷वंदामि भंतेजी 🙏
वंदामी भंतेजी 🙏, साधु 🙏 साधु 🙏 साधु 🙏❤️
साधु साधु साधु
🪷Vandami Bhanteji 🙏🙏🙏💐🌺💐 Sadhu Sadhu Sadhu 🌹🙏🌹
💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sadhu..❤
Sadhu sadhu 🙏
arhant भिक्षु आकाश मार्गाने एका ठिकाणाहून दुसऱ्या ठिकाणी जात असत 🙏🌷नामोबुध्दाय,नमोधमय 🙏🌷🙏
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🙏नमोबुध्दाय 🙏
🙏वंदामि भन्तेजी 🙏
साधू sadhu साधू
वन्दामि भंते! रुको और शांत हो जाओ।खोजो,परखो,जाचो,यह आपका प्रवचन तथागत बुध्द के तत्वज्ञान के विपरित है।यह तो ब्राह्मणों का तत्वज्ञान और विचार धारा एवं मानसिकता है। खुद जांचों और बुध्द का ज्ञान और मार्ग का प्रवचन दिजिए। सही ज्ञान नहीं है तो शांत हो जाओ । खुद को रोक लो।आप महाथेरो है आप की हर बात का हम पालन और समर्थन करते आ रहे हैं। परन्तु यह आपका सुत्त प्रवचन ने हमको अंदर -बहार से हीलाकर रख दिया है। नमो बुध्दाय! जय भीम!🎉🎉🎉❤❤❤
भगवन कही आप के श्री मुख ये आज कल नये बुद्ध धर्मलम्बी सुने गे तो झुट कहेंगे और क्या क्या तर्क देंगे
अभिधम्म बुद्ध की नहीं महा यानी भिक्खू की रचना है
वन्दामि भंते जी ! कालामसुत्त में बुद्ध स्वयं कहते हैं - अपनी बुद्धि द्वारा तर्क़ के तराजू पर तौले बिना किसी बात को नहीं मान लेना चाहिए। यह कथा अभिधम्म का महत्व दिखाने के लिए लिखीं गयी लगती है। यदि इसे सत्य मानते हैं तो पौराणिक कथाओं को भी सत्य मानना पड़ेगा। इस कथा को कहना पौराणिक हिन्दू धर्म का प्रचार करना है। विज्ञान अभी दस प्रतिशत ही रहस्य को जान पाया है, झूठ को स्वीकार करने केलिए यह तर्क देना उचित नहीं है। तथ्य को जानने की जिज्ञासा के बिना तथागत के अनुयाई नहीं हो सकते। ऐसा अंधानुकरण एक खड्डे से निकल कर दूसरे खड्डे में गिरने जैसा होगा। क्षमा करें। धन्यवाद।
हा हा हलाला...4 पत्नी कानून है और कांग्रेस द्वारा कानूनी है...जाकिर नायक ने भी कहा...पाकिस्तान ने सभी पूजा धर्म खत्म कर दिए (लेकिन 4 पत्नी हलाला वहां है)। यहां जय भीम फोटो पूजा...जय भीम मूर्ति पूजा। .जय हो बुद्ध पूजा...जय संविधान पुस्तक पूजा
बुध्द का धर्म, ज्ञान और विज्ञान, चेतना पर आधारित है। यह आपका प्रवचन अंधविश्वास को प्रेरित करता है। स्वर्ग का अस्तित्व बुध्द नकारा है।तो यह तो ब्राह्मण का स्वर्ग का सिध्दांत को प्रेरित करता है,सिखाता है।इसका विश्लेषण अवश्य करें।हम दिशाभूल हो रहे हैं। नज़रिया बदल रहा है। क्या सच क्या झूठ समझ में नहीं आता है। लगता है तथागत बुध्द का इतिहास बदल गया है।
आप ब्राम्हणी कथा सुनावो आपकी वहा जरूरत है
बुद्ध धम्म विग्यान पर आधारित है
दश हजार देवता ने बुद्ध धम्म के अधोगती,, पत न,,भिक्खू की कत्त ल हो रही थी,,तब देवता झक मार रही थी क्या
भंते नी डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के बुद्ध और धम्म को प्रथम पढे.अभिधम्म एक ब्राह्मणी थोतांड है...तांवतिस मे माता रहती,,थी यह बात तथागत ने किस सुत्त मे बताई है...भाई... अठ्ठ कथा थोतांड है....
हिन्दुओं वाली बकवास ना डालो बुद्ध के धम्म में...बुद्ध ने कहा था कि जो बात तुम्हारे विवेक बुद्धि पे न खरी उतरे मत मानो...हमको ये बकवास नहीं सुननी।
आप तो राम भक्त हो....बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर जी की 22प्रतिज्ञा सूनो..तीन माह धरतीपर नहीं थे...यह झूठ है...राजा शुद्धोध न तिसरे वर्षा वास के पूर्व ही परिनिर वान को ग्रहण किया...तो राजा को तांवतीस भूमी मे जगाह नहीं मिली... पिताजी को तथागत मृत्यू परांत क्यू नहीं मिल ते....
साधु साधु साधु