बहुत ही अच्छी जानकारी जो नई पीढी को पता ही नहीं है। पुराने नुस्खे धर्म के साथ जोड़ कर आम आदमी को स्वस्थ और सुखी रखना कैसे चाहिए??? यह ज्ञान का माध्यम बनाया गया था। बहुत बहुत धन्यवाद
सर देवी सिंह जी का एक और वीडियो बनाईए जो एलर्जी पर बनाए थे प्लीज एलर्जी की समस्या भारत में बहुत तेजी से बढ़ रही है यदि उनका दवा कारगर हो तो प्लीज मार्गदर्शन करें
Kanse ki thali bajane ka asli karn kuchh or he purane vkt me kanse ki thali bajane ka karn kuchh or tha kanse ki thali ki aavaj or uska ridm jo dur dur tk sunai deta tha tha,jab koi samachar turant logo ko dena hota tha tab kanse ki thali baja kr diya jata tha bad me ise ldke ke janm se jod diya gya jo khusi ka samachar hota tha,jese aadivasi logo me apne ganv me dol bajakr kisi musibat aane pr dol pit kr aaj bhi diya jata he jo pura ganv sun sakta he or us musibat se niptane ke liy vo vha pr iktte ho jate he ya kisi any vkt pr bhi iska alg alg aavajo ke sath aesa krte he na tho thali bajane ki koe prmpra thi or na hi koe rogo ka nidhan tha yh jo btaya ja rha he jo puri trhe bkvas or galt he.
मोदी जी ने भी कोरोना के समय ये ही संदेश दिया था, एक साथ ताली थाली बजाने से जो बक्टिरेया है वो जल्द मर जाता है🙏 लेकिन कुछ अज्ञानी पोलेसियोंन इस बात पर हसते थे
🙏आदरणीय क्षमा करें देशकाल परिस्थिति के अनुसार गजट बदलते रहते हैं जी🙏l माफ करें बचपन में हम इसी धातु की थाली में खाना खाते आए हैं कुछ भी नहीं हुआ उल्टे हालत खराब ही रहते थे 🤔❓.
नमस्ते जी केवल काँसे की थाली में खाना खाने से ही सब कुछ ठीक नहीं होगा भोजन की शुद्धता भी होनी चाहिये मन की शुद्धता होनी चाहिये वायु की शुद्धता होनी चाहिये और जो हम खाते है उसको पचाने की शक्ति भी शरीर में होनी चाहिए और बहुत बातें है 🙏
नमस्ते जी जिस दिन आप अपने देश के प्रति सकारात्मक विचारों से सोचना शुरू करेंगे धीरे-धीरे आपको समझ में आ जाएगा भारत विश्व गुरु था । आपकी एक बात से मैं सहमत हूँ कि लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए भक्ति में मिलावट करके उसको अंधविश्वास बना दिया । भारत में कभी भी जन्म से वर्ण तय नहीं हुआ कर्म से वर्ण तय होता था वेदों के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, और शुद्र ये जन्म से नहीं कर्म से बनते है । महाभारत काल के बाद धीरे-धीरे ये व्यवस्था लालच में आकर बदल दी गई और आज उसका परिणाम हम सबके सामने है । जाति शब्द को भी बदल कर कुछ और ही कर दिया लेकिन वेदों के अनुसार जातियां ये होती है 👉मनुष्य,हाथी,गाय,आदि ये होती है जातियां लेकिन भारत को तोड़ने के लिए हमें आजकल की जातियों में विभाजित कर दिया गया और उसका परिणाम हम सबके सामने है जिसका इशारा आपके कमेंट में दिख रहा है धन्यवाद चिंतन करें 🙏
नमस्ते भाई गुड़ और गोबर तो बहुत अच्छे होते है । गुड़ शरीर के लिए और गोबर खेत के लिए हमारे पूर्वज महान वैज्ञानिक थे अगर आपको ये बातें सही नहीं लगती तो आप ग़ुस्सा मत करो 🙏
Jab tv ke madham se pata chala tha ki ..khana khane. Se pehle hath dhone ki jarurat kya h.. aur rasoi me juta kyon utar kar Jan e ki kya jarurat hai...... Ye rivaj dhakosla h.. andh prampara h........ Ab baadme tv per ad kyu aati hai. Bhai. ......ki. ..khana khane se pehle ...hath dhoya ki nhi.... Rasoi me jate ho juta pehan kar.... To bacteria rasoi me prvesh kar kar hai..... Ab ye vaigyanik ho gaya.... pehle ye sb. Andhvishvas. mante ho.... Hamre Bharat ki Sanskriti. sada. Anubhavsheel rahi hai bhai. Andhvishvas kabhi nahi.. koi na mane to. Ganga jal bhi pavitra nahi..... Koi bataye ganga jal salaon baad bhi savachh kyu rahta hai............ Ye bhi andhvishvas hi hai?
नमस्ते। आप ये कैसे कह सकते है कि ये गुड़गोबर कर रहे है।आप इस पर शोध करो और तब कहो कि ये गलत बता रहे है। कुछ तो कारण होगे तब ही ये थाली घंटी घंटा बजाने की परम्परा रही है वरना तो पूरे भारतवर्ष में सभी समाजों में यह परम्परा नहीं पड़ती।
नमस्ते जी आप यही बात दुकानदार को बोले कहे की भाई 100% कॉंसे के बर्तन चाहिए गारंटी के साथ उसको बोलो चैक करवाएँगे कुछ दिक़्क़त होगी तो वापिस दे दूँगा वेद प्रकाश या बालकिशन दोनों से बात करो आप 🙏
वाह भई वाह विजय बड़े भाई 🙏
बड़ी खुशी हुई आपको आगे बढ़ते हुए देख कर
मजा आ गया भई
धन्यवाद पवन भाई 🙏
So many thanks for your advice.
May God bless you so long.
सनातन धर्म एवं संस्कृति की जय-जयकार
🙏सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
Santan.ak.jhuth.logo.bharmit.karnyky.liya
Good ge, I Lachhman From Mansa PB
हमारे उत्तराखण्ड में भी शादी के टाइम पर लड़की का कन्या दान कांसे की थाली के साथ करने की परम्परा अभी भी है।
बहुत बढ़िया आप इस परम्परा को जीवित रखें हुए हो 🙏
Bahut badiya, sanatani Gyan ko subko batana chahiya.
हमारे जैन मंदिर में बड़ी पूजाओं के दौरान हर पूजा के बाद 27 बार कांसे की थाली डंका बजाया जाता है।
बिलकुल सही कहा आपने मेने एक जगह है राजस्थान में विजय पताका नाम से जैन मंदिर है सिरोही के नज़दीक वहाँ मेने ये बर्तन देखे हैं
Good
Achhi jaankari hai 👏👏🌟🌟🌟
Aur dete rahye
🙏
Kuch too h aap ki bat main jo yha tak aa pahuchi, ham too dil se gaye or dil tum per gaya or bat bhagwan tak ja pahuchi.
Bahut badiya Dahiya sahab
धन्यवाद सतपाल जी 🙏
बहुत ही अच्छी जानकारी
जो नई पीढी को पता ही नहीं है।
पुराने नुस्खे धर्म के साथ जोड़ कर आम आदमी को स्वस्थ और सुखी रखना कैसे चाहिए???
यह ज्ञान का माध्यम बनाया गया था।
बहुत बहुत धन्यवाद
Satya Sanatan Hindu Dharam ki Jai
Har har mahadev🙏🙏🙏
नमस्ते दादा जी
थाली कमल की है
Hamary uttrakhand my jagar mi kashya ky thaly bajaty hy
🙏
Very nice ❤❤
सर देवी सिंह जी का एक और वीडियो बनाईए जो एलर्जी पर बनाए थे प्लीज एलर्जी की समस्या भारत में बहुत तेजी से बढ़ रही है यदि उनका दवा कारगर हो तो प्लीज मार्गदर्शन करें
❤😊😊😊❤
Sankari k liy dhanyvad
❤❤❤❤
नमस्ते जी
नमस्ते जी
नमस्ते जी
*कांसे की थाली नही बल्कि उसे बेला (कटोरा) कहते थे। जब कोई मेहमान किसी के घर आता था तो कहते थे कि एक बेला दूध का मलाईं डालकर लाओ भाईं*
शायद आप ने कांसे की थाली देखी नही।
*बेले का निचला हिस्सा थाली की तरह समतल होती है*
BHARATIYA PARAMPARA MEIN VAIGYANIKATA HAI.
Gaon mein yah parampara bhi chalu hai lekin iska kisi Ko scientific prayog nahin pata tha
Maine abhi li 3600 rs ki
भाई साहब खानपुर कटोरा प्र कभी वीडियो बनाइए❤❤
खानपुर कटोरा ?
Kanse ki thali bajane ka asli karn kuchh or he purane vkt me kanse ki thali bajane ka karn kuchh or tha kanse ki thali ki aavaj or uska ridm jo dur dur tk sunai deta tha tha,jab koi samachar turant logo ko dena hota tha tab kanse ki thali baja kr diya jata tha bad me ise ldke ke janm se jod diya gya jo khusi ka samachar hota tha,jese aadivasi logo me apne ganv me dol bajakr kisi musibat aane pr dol pit kr aaj bhi diya jata he jo pura ganv sun sakta he or us musibat se niptane ke liy vo vha pr iktte ho jate he ya kisi any vkt pr bhi iska alg alg aavajo ke sath aesa krte he na tho thali bajane ki koe prmpra thi or na hi koe rogo ka nidhan tha yh jo btaya ja rha he jo puri trhe bkvas or galt he.
Har har Mahadev 🙏🏼 great hindu
मोदी जी ने भी कोरोना के समय ये ही संदेश दिया था, एक साथ ताली थाली बजाने से जो बक्टिरेया है वो जल्द मर जाता है🙏 लेकिन कुछ अज्ञानी पोलेसियोंन इस बात पर हसते थे
बिलकुल सही कहा आपने ।
लेकिन कॉंसे की थाली बजानी चाहिए थी लेकिन मोदी जी का प्रयास अच्छा था
सनातन ही आधुनिक साइंस है
Indus Valley people knew kansa instead of iron . The man is telling lie .They used kansa.
Hmare yhn avi vi bjate hai jb devta nachate hai
Or Mandir mein vi Ghanti bjate hai
🙏✅
Yah.dukandari.chalarhah
Isko bajane ka arth yeh hai ki nigetiv urja najdik nahi asakteaur nast ho jate hai
पुर्वज और दक्षिण राज्य मे अभी भी बजाते है|
🙏
Ganda hai par dhanda hai 😂😂😂
🙏आदरणीय क्षमा करें देशकाल परिस्थिति के अनुसार गजट बदलते रहते हैं जी🙏l
माफ करें बचपन में हम इसी धातु की थाली में खाना खाते आए हैं कुछ भी नहीं हुआ उल्टे हालत खराब ही रहते थे 🤔❓.
नमस्ते जी केवल काँसे की थाली में खाना खाने से ही सब कुछ ठीक नहीं होगा भोजन की शुद्धता भी होनी चाहिये मन की शुद्धता होनी चाहिये वायु की शुद्धता होनी चाहिये और जो हम खाते है उसको पचाने की शक्ति भी शरीर में होनी चाहिए और बहुत बातें है 🙏
Bharat me aise he vaigyaanik hai jinhone aajtak desh dunia ko kutchh nahi diya diya bhi toh andh bhakti, andh vidhvash??
नमस्ते जी
जिस दिन आप अपने देश के प्रति सकारात्मक विचारों से सोचना शुरू करेंगे धीरे-धीरे आपको समझ में आ जाएगा भारत विश्व गुरु था । आपकी एक बात से मैं सहमत हूँ कि लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए भक्ति में मिलावट करके उसको अंधविश्वास बना दिया । भारत में कभी भी जन्म से वर्ण तय नहीं हुआ कर्म से वर्ण तय होता था वेदों के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, और शुद्र ये जन्म से नहीं कर्म से बनते है । महाभारत काल के बाद धीरे-धीरे ये व्यवस्था लालच में आकर बदल दी गई और आज उसका परिणाम हम सबके सामने है । जाति शब्द को भी बदल कर कुछ और ही कर दिया लेकिन वेदों के अनुसार जातियां ये होती है 👉मनुष्य,हाथी,गाय,आदि ये होती है जातियां लेकिन भारत को तोड़ने के लिए हमें आजकल की जातियों में विभाजित कर दिया गया और उसका परिणाम हम सबके सामने है जिसका इशारा आपके कमेंट में दिख रहा है धन्यवाद चिंतन करें 🙏
भाई वैसे ही बहुत पिछड़ गया है देश।अब और क्यों गुड गोबर करने पर तुले हुए हैं 😮😮😮
नमस्ते भाई गुड़ और गोबर तो बहुत अच्छे होते है । गुड़ शरीर के लिए और गोबर खेत के लिए हमारे पूर्वज महान वैज्ञानिक थे अगर आपको ये बातें सही नहीं लगती तो आप ग़ुस्सा मत करो 🙏
@@vijaydahiyaapnevicharsahi kaha apne
Jab tv ke madham se pata chala tha ki ..khana khane. Se pehle hath dhone ki jarurat kya h.. aur rasoi me juta kyon utar kar Jan e ki kya jarurat hai...... Ye rivaj dhakosla h.. andh prampara h........ Ab baadme tv per ad kyu aati hai. Bhai. ......ki. ..khana khane se pehle ...hath dhoya ki nhi.... Rasoi me jate ho juta pehan kar.... To bacteria rasoi me prvesh kar kar hai..... Ab ye vaigyanik ho gaya.... pehle ye sb. Andhvishvas. mante ho.... Hamre Bharat ki Sanskriti. sada. Anubhavsheel rahi hai bhai. Andhvishvas kabhi nahi.. koi na mane to. Ganga jal bhi pavitra nahi..... Koi bataye ganga jal salaon baad bhi savachh kyu rahta hai............ Ye bhi andhvishvas hi hai?
नमस्ते। आप ये कैसे कह सकते है कि ये गुड़गोबर कर रहे है।आप इस पर शोध करो और तब कहो कि ये गलत बता रहे है। कुछ तो कारण होगे तब ही ये थाली घंटी घंटा बजाने की परम्परा रही है वरना तो पूरे भारतवर्ष में सभी समाजों में यह परम्परा नहीं पड़ती।
Sab nakli mall bechte h badi badi bate karte h.
आपकी बात सही हैं ज़्यादातर व्यक्ति ऐसे ही है लेकिन सभी नहीं
Sahi maal Rewari me kiske yaha milega
100% kanse ke bartan lena hai
नमस्ते जी आप यही बात दुकानदार को बोले कहे की भाई 100% कॉंसे के बर्तन चाहिए गारंटी के साथ उसको बोलो चैक करवाएँगे कुछ दिक़्क़त होगी तो वापिस दे दूँगा वेद प्रकाश या बालकिशन दोनों से बात करो आप 🙏
@@vijaydahiyaapnevichar Rewari me address de do
ऐसी घंटी है क्या
Galat bat hai sach nahi hai
नमस्ते जी क्या सही नहीं है वो बताएँ या आपके हिसाब से सभी बातें गलत है