ट्रेन के सफर में हम परिवार सहित सफर करते हैं और यात्रा कि शुरुआत उसी स्टेशन से करना होता है जहां से ट्रेन का भी यात्रा शुरू होने वाली हो तो बॉगी में व्यवस्थित होना आसान रहता है। वही अगर बीच से यात्रा करने पड़ अक्सर तूं तूं -मैं मैं कि आशंका बनी रहती है। कभी भी आरक्षित सीटें खाली नहीं मिलती है, अतिक्रमण किया हुआ ही भेंटाता है। अपनी यात्रा को शुभ बनाने के लिए प्रेम और धैर्य तो रखना ही पड़ता है। शौचालय से सटा नीचे-ऊपर की दो सिटों में से एक नीचे कि सीट है तो किसी भी सूरत में सामान्य यात्रियों के तरह यात्रा आनंद पूर्ण नहीं गुजर सकती है । वहां सारिका के यादों का अतिरिक्त खुराक लेना ही पड़ेगा। मतलब सफर में भी सफर कि व्यस्तता ढोनी पड़ेगी:)
Jai shree Mata ji 🌹❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐
❤❤❤❤ JAI SHREE MATA JI PLS BLESS ALL SAHAJIS N SEEKERS 🙏 WORLD WIDE 🙏 🌎
Jai Shri aadishakti Mata ji.ThanQ
ट्रेन के सफर में हम परिवार सहित सफर करते हैं और यात्रा कि शुरुआत उसी स्टेशन से करना होता है जहां से ट्रेन का भी यात्रा शुरू होने वाली हो तो बॉगी में व्यवस्थित होना आसान रहता है। वही अगर बीच से यात्रा करने पड़ अक्सर तूं तूं -मैं मैं कि आशंका बनी रहती है। कभी भी आरक्षित सीटें खाली नहीं मिलती है, अतिक्रमण किया हुआ ही भेंटाता है। अपनी यात्रा को शुभ बनाने के लिए प्रेम और धैर्य तो रखना ही पड़ता है।
शौचालय से सटा नीचे-ऊपर की दो सिटों में से एक नीचे कि सीट है तो किसी भी सूरत में सामान्य यात्रियों के तरह यात्रा आनंद पूर्ण नहीं गुजर सकती है । वहां सारिका के यादों का अतिरिक्त खुराक लेना ही पड़ेगा। मतलब सफर में भी सफर कि व्यस्तता ढोनी पड़ेगी:)