*जब पाखंडी जन्म देने वाली स्त्री को हेय दृष्टि से देखते हैं तब वे अपने से श्रेष्ठ किसी देवी देवता को कैसे मान सकते हैं ?* *अगर स्त्री इतनी अपवित्र है कि मंदिर नहीं जा सकती तो उसकी कोख में नौ महीने पलकर जन्म लेने वाला पुरुष पवित्र कैसे हो सकता है ?* *ब्रह्माण्डगुरु बीरेंद्र सिंह*
Right 👌
उचित कहा बहन आपको नमन करता हूँ🙏🚩।
ओम् नमस्ते बहन जय सनातन
Jay Shri ram bahn ji
🙏🙏🙏
सही बात हुई
अपने अतीत को जानना जरूरी है।
सतत नमन आजकी सनातनी बेटी को।
Om🙏🙏🙏🙏🙏
Namaste
Bahin namaste ji.
आर्य समाज जानता है असली नारी सशक्तिकरण 🎉🙏🚩👍
Hum to kabhi serial nehi dekhtey or na hi mere Maa Dekhti hai
*जब पाखंडी जन्म देने वाली स्त्री को हेय दृष्टि से देखते हैं तब वे अपने से श्रेष्ठ किसी देवी देवता को कैसे मान सकते हैं ?*
*अगर स्त्री इतनी अपवित्र है कि मंदिर नहीं जा सकती तो उसकी कोख में नौ महीने पलकर जन्म लेने वाला पुरुष पवित्र कैसे हो सकता है ?*
*ब्रह्माण्डगुरु बीरेंद्र सिंह*