महान योगी नेगी रिन्पोछे जी का संस्मरण | Negi Rinpoche | Prof. Tashi Paljor

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  • Опубликовано: 28 авг 2024
  • महान योगी नेगी रिन्पोछे जी का संस्मरण | Negi Rinpoche | Prof. Tashi Paljor
    #NegiRinpoche #Kinnaur
    नेगी रिन्पोछे तानज़िन ज्ञालछ़न जी के महापरिनिर्वाण दिवस की पूर्वसंध्या के पुनीत अवसर पर आप सबको हार्दिक शुभकामनाएँ।
    विषय- नेगी रिन्पोछे जी के जीवन से सम्बन्धित संस्मरण
    वक्ता - प्रो. टाशी पलजोर जी, नेगी रिन्पोछे जी के सानिध्य में रहकर अध्ययन करने वाले बौद्ध दर्शन के विद्वान एवं साधक तथा केन्द्रीय बौद्ध विद्या संस्थान के भूतपूर्व निदेशक
    परम श्रद्धेय नेगी रिन्पोछे तानज़िन ज्ञालछ़न का जन्म सन् 1895 में किन्नौर के सुन्नम गाँव में हुआ। उनके पिता का नाम कलनपूर तथा उनकी माँ का नाम नोरकित बन्ठेन था जो रोपा गांव के प्रसिद्ध अमछी रसबीर की बहन थी। उनके दादा का नाम बुधराम था जो बहुत ही धर्मपरायण व्यक्ति थे। उन्होंने सुन्नम और ज्ञाबुङ गाँव के बीच में एक बौद्ध विहार बनवाया था जिसे लाबरङ के नाम से जाना जाता था। आजकल यह विहार नेगी लामा मन्दिर के रूप में प्रसिद्ध है।उन्हें सात वर्ष की अवस्था में ननिहाल रोपा गाँव में मामा रसबीर के पास भोटी अध्ययन के लिए भेजा गया । भोटी पढ़ना-लिखना सीखने के बाद तत्कालीन प्रथा के अनुसार व्रजच्छेदिका नामक महायानसुत्र का पाठ-अभ्यास पूर्ण किया, तत्पश्चात् प्रारम्भिक महामुद्रा साधना उपदेश प्राप्त करने लिए वे लिप्पा गाँव में तत्कालीन ख्याति प्राप्त गुरु देवाराम उर्फ लामा जङछुब ज्ञलछ़न के पास गये । उन्होंने आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए तिब्बत जाने का फैसला लिया किन्तु घर वालों ने उन्हे अनुमति नही दी । अन्त में 19 वर्ष की अवस्था में घर छोड़कर स्पीति के रास्ते सिकिकम पहुंचे जहां पर रुमतेक नामक स्थान पर लामा उरज्ञेन तन्ज़िन से भोट व्याकरण, कोश एवं काव्य का अध्ययन किया। नेगी लामा वहाँ तीन वर्ष तक रहे और भोट भाषा पर अधिकार प्राप्त कर वहीं आचार्य शान्तिदेव विरचित बोधिसत्त्वचर्यावतार नामक ग्रन्थ का भी अध्ययन किया ।
    सन 1916 -17 के आसपास आगे के अध्ययन के लिए वे तिब्बत चले गये । उन्होनें खम में जुङछेन चु-सुम अर्थात् तेरह महाग्रथों के दर्शन का अध्ययन किया । कुबुम महाविहार में संस्कृत के चान्द्र, कलाप, एवं सारस्वत व्याकरणों का तिब्बती भाषा के माध्यम से अध्ययन किया । खाम में ही पहाडों पर साधना करने के वाले महान् सिद्धों से महासम्पन्न एवं महामुद्रा का साधना अभ्यास किया तथा तन्त्र के क्रिया से योगतन्त्र तक के अभिषेकों एवं गुह्य उपदेशों को प्राप्त किया । खम के सुप्रसिद्ध देगे राज परिवार ने उन्हें अपना गुरु माना ।
    तिब्बत से लौटकर किन्नौर में उन्होंने लगभग 8 वर्षों तक गाँव-गाँव में किन्नौरी भाषा में बौद्धधर्म का उपदेश देकर लोगों को शिक्षित किया। उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को बोधिसत्वचर्या के साँचे में डाल दिया था । उनके शरीर, वाणी एवं चित्त से बोधिसत्त्वचर्या ही झलकता था। इस प्रकार 20 फरवरी 1977 में वे परिनिर्वाण मे लीन हो गये। ऐसे महान सिद्ध योगी को शत्-शत् नमन।
    Our Ambition:
    Himalayan Snow Voice is dedicated to work towards preserving ethnic Himalayan cultural heritage: The Himalayan regions of India, Ladakh, Lahaul-Spiti, Kinnaur, Sikkim, Darjeeling and Arunachal Pradesh etc., all share the same cultural heritage. In the phase of globalization, our cultural values are striking with new challenges every day that if not dealt properly; it will result in huge loss of human civilization that these values will completely extinct from our regions. Therefore, preserving our ethnic Himalayan culture, language and traditions should be priority of all.
    हिमालयन स्नो वॉयस हिमालयीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कार्य करने के लिए समर्पित है: भारत के हिमालयी क्षेत्र, लद्दाख, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, सिक्किम, दार्जिलिंग और अरुणाचल प्रदेश आदि सभी एक ही सांस्कृतिक विरासत को साझा करते हैं। वैश्वीकरण के इस दौर में, हमारे सांस्कृतिक मूल्य हर दिन नयी चुनौतियों से रूबरु हो रहे हैं और यदि इन चुनौतियों का उचित तरीके से सामना नहीं किया गया तो इससे मानव सभ्यता का भारी नुकसान होगा तथा ये मूल्य हमारे क्षेत्रों से पूरी तरह विलुप्त हो जाएंगे।

Комментарии • 15

  • @deepaknegi6372
    @deepaknegi6372 10 месяцев назад

    Hamare kinnour k mahan sidh Yogi Negi Rinpochey ji ko shat shat Naman

  • @padamgurung6734
    @padamgurung6734 7 месяцев назад

    Nàmo buddhay

  • @jigmetrinchen4873
    @jigmetrinchen4873 7 месяцев назад

    🙏🙏🙏 happy to see Tashi Paljor laa after 22 years. Our principal in cibs leh. Khuni Lama Tenzin Gyatso was a hidden yogi a buddhissatav. Tashi Paljor himself is a great practitioner. 🎉🎉🎉🙏🙏🙏

  • @Nomadtibet59
    @Nomadtibet59 Год назад +2

    It’s very wonderful to hear, this kind of story from experience and well educated people like him. Thanks 🙏

  • @jigmetrinchen4873
    @jigmetrinchen4873 7 месяцев назад

    We need khunu Lamas recording on kagyu gnondro and chotjuk🙏🙏🙏🙏🙏

  • @pahadimonkhp2576
    @pahadimonkhp2576 Год назад

    🙏 kabje khunu lama Rinpoche la namo 🙏

  • @Xyz19452
    @Xyz19452 Год назад

    Kadinchhe 🙏🙏🙏🙏

  • @jagatnegi7600
    @jagatnegi7600 Год назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @deepaknegi6372
    @deepaknegi6372 10 месяцев назад

    Pro Tanzin paljor ji kahan se hai ji koi hamein batayenge

  • @Rchen739
    @Rchen739 Год назад

    🌷🌷🌷

  • @kuldeepmaninegi6651
    @kuldeepmaninegi6651 Год назад

    💐🙏🙏🙏

  • @ringchannegi8310
    @ringchannegi8310 Год назад

    🙏🙏🙏🌷

  • @yangchentsomo-cv8yl
    @yangchentsomo-cv8yl Год назад

    Ha xa
    Eß5;:4

  • @pitchi299
    @pitchi299 Год назад

    Thukje che

  • @yangchentsomo-cv8yl
    @yangchentsomo-cv8yl Год назад

    Ha xa
    Eß5;:4