आल्या पांच गौळणी | गायक: श्री तुकाराम महाराज गोसावी

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  • Опубликовано: 12 окт 2024
  • आल्या पांच गौळणी | पांच रंगाचे शृंगार करूनि ||धृ||
    पहिली गौळण रंग सफेत | जशी चंद्राची ज्योत | गगनीं चांदणी लखलखीत |
    ऐका तिची मात | मंथन करीत होती दारांत | धरुनी कृष्णाचा हात |||2||
    दुसरी गौळण भाळीभोळी | रंग हळदीहुनि पिवळी | पिवळा पीतांबर नेसुनी आली |
    अंगी बुट्टेदार चोळी | एक लहान तनु उमर कवळी | जशी चाफ्याची कळी||3||
    तिसरी गौळण रंग काळा | नेसुनी चंद्रकळा | काळें काजळ लेऊनि डोळा |
    रंग तिचा सांवळा | काळी गरसोळी लेऊनि गळां | आली राजस बाळा |||४||
    चौथी गौळण रंग लाल | लाल लाल ही लाल | कपाळीं कुंकुम चिरी लाल |
    भांगी भरून गुलाल | मुखीं विडा रंग लाल | जसें डाळिंबीचें फुल |||५||
    पांचवी गौळण हिरवा रंग | जसें आरशात जडलें भिंग |
    फुगडी खेळतां कृष्णासंग | एकनाथ अभंग |
    आल्या पांच गौळणी ||६||

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