Aadarniye Shri man ji Jay shree Ram aapse anurodh karta hu ki Gehlot vans ki chared shakha ke bistarit jankari dene ke liye kast kare jee to aapki mahan kirpa hogi jee Jay shree Ram aapka Hari Govind Singh chittodiya chirad 🎉🎉🎉
Jay Shri Ram Hari govind singh chittodiya chidar gehlot suryevanshi kshatriye chared shakha ki vanshavali batane ke liye kast kare ji jay bhavani shankrm 🎉🎉🎉🎉
Nadoli chouhan... Laksman singh ji 11 me s 2 putr.. ...magra merwada m aa ... Gye.. Anal.. Singh Chouhan or Anup singh Chouhan.. Anal singh ji ki 26 vi pidi... M Devi singh Chouhan hue.... Unke 4 putr the .. Harraj ji chouhan.. Jo .. Bhut.. Sahn sakthi vale the... Iski karan rajsthani m sahn sakti valo.. Ko khata.. Ya gada kaha jata isliye wo katath... 2 putr... Gajraj ji chouhan... Jo gudswari m.. Awal the unhe godawat.... Upadai... 3.. Khokhr mewar.. Jo ... Sabse.. Bada tikane dar h aaj bhi... Ye malwa.. Raj.. Guj.. Border pr h.. Mostly iki shadiya.. Jedaja or katiyawad m hoti h 4. Makhupura Ajmer k Godawat....... Inhi S Uthrakand m Kateth.. (UK ).. Godawat (Raj) Godawati (UK).. Iski Parkar Pokriya Rawat ( Rathore).. Jo UK m bhi h... Jo kabhi Pokaran (Marwar) s migrate hue.. Navi Singh Rawat ( New Delhi). S A ( MoD)..
महारावत कौन कौन है मेहरात महारावत का अपभ्रंश शब्द है परतापगढ को परताप सिंह महारावत ने बसाया इसका अर्थ हुआ रावत में से कमाडो निकले वे महारावत कहलाये सपष्ट करावे मेहराजी से विभिन्न शाखाओं के लोग मेहरात केसे बन सकते हैं जैसे ईनदा मेहरात भोजावत मेहरात आदि आदि काठात व घोडात भाई तो घोडात मेहरात कयो नही मेहरात महराज में ही रिश्ते कयो हो रहे हैं बरसात में खडे़ रहने से काठात उपाधि का आधार नहीं जमता है किसान भी बरसात में खडा़ रहता है एसे अनेकों उदाहरण उनहे उपाधि कयो नही यह साधारण घटना है उपाधि के वो भी वंशो को असाधारण घटना पर ही उपाधि प्राप्त होती है
मेरवाड़ा के रावत कोई राजपूत नहीं है, इतिहास गवाह है,मेर मीणा थे, तेजाजी से गायों को लेकर युद्ध करने वाले भी चांग ब्यावर के चीता वंशी मेर मीना ही थे,तमाम इतिहासकारों ने मीणा ही माना है, यहां तक की मेवाड़ के राज कवि श्यामलदास की पुस्तक का अंग्रेजी कृत पुस्तक 1886मे ,मोटीस,धोधिंग,बोया,आदि मीणाओ की वंशावली है पुरी 18वी सदी तक मेर ही प्रचलन में था,बाकी राजस्थान के मीणाओ की तुलना में मेरवाड़ा के मीणा नीचे समझे जाते थे,लूट पाट के रूप में प्रसिद्ध थे,1822मे अंग्रेजो द्वारा मेरवाड़ा रेजीमेंट की स्थापना की गयी,उसके दस वर्ष बाद चीता बर्ड ने आंदोलन कर दिया था,की उनके नाम के आगे से भी मेर हटाया जाए और रावत लगाया जाए,तब रावत लिखा गया जो ,पर कोष्ठक में मेर रावत मौजूद हैं पर ये विवाद अब भी थमा नहीं 1844मे मेर रेजीमेंट को 44वी रेजीमेंट का नाम दिया गया।पर चला हुआ आंदोलन चलता ही रहा,प्रथम विश्व युद्ध से पहले ही जब मेर सैना छोड़ने लगे तो,मजबूरन अंग्रेजो को इसे 1914मे राजपूताना रेजीमेंट में शामिल करना पड़ा,1911तक जनजाति के रूप में जनगणना होती थी,1917मे खरवा के ठाकुर खुशाल सिंह और शाहपुरा शासक उम्मेद सिंह के नेतृत्व में मेर की जगह रावत राजपूत सरनेम सम्पूर्ण मेरवाड़ा में निवासरत के लिए प्रयोग में लिया जाने लगा,, मीणा पहले सामान्य वर्ग में ही थे,जब देश आजाद हुआ तब मीणा 1943से ही वर्ग भेद को मिटाकर सभी को एक करने के प्रयास में सभाएं हुईं ,तब 1946ई.मे लक्ष्मीनारायण झारवाल के नेतृत्व,और कानसिंह रावत के सान्निध्य में पुष्कर में रावत मीणो की महापंचायत हूई ,तब पुष्कर मंदिर में मत्स्य मीन भगवान की मूर्ति स्थापित की गयी,जो आज भी रावत समाज के आराध्य के रूप में प्रमाण है की मीणा का भाग है,उसके एक वर्ष बाद 1947मे देश के रजवाड़ों के विलय के समय जोधपुर महाराजा हनुवंतसिंह ने अपनी शक्ति बढ़ाने हेतु इसको अवसर समझा मेजर फतेहसिंह रावत को रावतो को एक ध्वज के तले लाने को कहा,रावत राजपूत बनने से मान सम्मान में वृद्धि होगी कल बढ़ेगा,मेजर फतेहसिंह मेवाड़ की तरफ भी गये पर उधर के मीणाओ ने उसे धर्म भ्रष्ट कहकर खाली हाथ लौटा दिया, सेंदड़ा पाली में 1947मे हुए इस सम्मेलन में हनुवंतसिंह और मेजर फतेहसिंह ने साथ भोजन कर,एक नारा दिया की रावत राजपूत शुद्ध राजपूत ही है,और हमारे भाई है,जिसके संबंध में बाद में अजमेर के पोखरिया गोत्र के लालसिंह जी रावत ने एक लेख पत्र जारी किया की,जयचन्दो के बहकावे में आकर समाज को रावत मीणा से रावत राजपूत बनाने में लगे हुए है,1950मे ही संविधान लागू हो गया,सभी एससी एसटी जातियों को आरक्षण दे दिया गया,पर मीणाओ को उच्च वर्ग बताते हुए इसमें नहीं रखा तो,आंदोलन का बिगुल बजा दिया,जो अगले 5-6वर्ष तक चला इतने लंबे दौर और तीन तीन आयोग बनने के बाद,अन्त में 1956मे मीणाओ को एसटी कैटेगरी में लिया गया,समय के साथ कैटैगरी अलग होने से दूरियां बढ़ती गयी,पर रावत और मीणा में आज भी सबूत के तौर पर पुरानी रिश्तेदारियां मौजूद हैं ब्यावर से जहाजपुर भीलवाड़ा और टोंक तक, इसलिए सम्पूर्ण इतिहास को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है की, रावत कौन थे।।
Thank you for nice knowledge regarding rawat rajput
RAWAT RAJPUT वो राजपूत जो कभी किसी के आगे नहीं झुका जय रावत राजपुताना
जय माँ भवानी जय रावत राजपूताना स्वाभिमान अमर रहे
बहुत ही सुन्दर जय मां भवानी
पंवार वंशीय रावत राजपूत ( धोधींग ) ☺️
😂
🙏🏻 जय श्री राम 🙏🏻 जय बाबा केदार नाथ जी 🙏🏻 जय हो बद्री विशाल नारायण हरि हरि ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🙏🏻🙏🏻 ओके थैंक्स जी भाई जी 🙏🏻
Pratap Singh Chauhan Rajput Bheem बहुत-बहुत Jankari aapki aur video bhejen Hamari Jankari ke liye Jay Mata ji ki Jay Mata ji ki
❤
Sisodiya वन्सीय rawat rajput ke bare me nhi btaya aapne
Jāï Rawat rajputana
Jay ravat rajputana🙏⚔️⚔️
Historical janakari or nowles dene ke leea dhanysvad Jay rajaputana Jay Bharat
jay rawat rajput❤️❤️❤️
💪Rawat rajput 😎
Nice information 👌👌👌
Thank you
Bilkul sahi jaankari di hai aapne
रावत राजपूत👑
Jay Badri Vishal Ki Jay
indwana Rawat Surya vanshi
I'm surawat
Ok
Bhot achi history ji jankar di hkm aapne Mere pass or bhi bahut sari history pdi h aap mere se connect kijiy or bhi janakat de deta hu hkm aapko
Jai ma bhavani ki banna 🙏🚩🙏🚩
જય રાજપુતાના 🙏
Jay bhawani Jay rawat
Jai rajputana
आपको बहुत बहुत धन्यवाद नई जानकारी देने के लिए
Good history thanks
Jay bhawani
जय रावत राजपुताना
Bhai badjawati ki kul devi konsi hai batao
Aadarniye Shri man ji Jay shree Ram aapse anurodh karta hu ki Gehlot vans ki chared shakha ke bistarit jankari dene ke liye kast kare jee to aapki mahan kirpa hogi jee Jay shree Ram aapka Hari Govind Singh chittodiya chirad 🎉🎉🎉
👌👌👌👌👌👌👌
Bhai sahb ye jankari kha se mili muje Share krna
जय माता दी सा
जय माता दी सा
🌹🙏🙏🌹
Jai maharana pratap ji ki 🚩🚩⚔️⚔️⚔️
Rawat rajputana
District shivpuri m.p. me hai
रावत राजपूत
Yudh ka maidan to kismat walo ko milta h. Bade nseeb se milata he ran bhumi jha aalingan hota mritu se .
Dhanya he wo beer jinko naseeb he yudh bhumi
✅🤝👍🌸💐
रावतराजपूतो के शासन विस्तार की जानकारी बताओ।
सिलकोटी रावत का इतिहास
जय मां भवानी
Jai ho
Proud to be a rawat rajput ❤
Godawat
Pumawat buj konse vansaj he hokm koi jankari ho to batana
गुढ.आपने.सही.कहा.रावत
राजपूत.कहते.हे
👌👌👌👌👌
Jai Rawat rajput
Jay Shri Ram Hari govind singh chittodiya chidar gehlot suryevanshi kshatriye chared shakha ki vanshavali batane ke liye kast kare ji jay bhavani shankrm 🎉🎉🎉🎉
Bil kol sahi hai
रावत जी
Godawat konsa wansaj hai
Nadoli chouhan...
Laksman singh ji 11 me s 2 putr.. ...magra merwada m aa ... Gye..
Anal.. Singh Chouhan or Anup singh Chouhan..
Anal singh ji ki 26 vi pidi... M Devi singh Chouhan hue....
Unke 4 putr the ..
Harraj ji chouhan.. Jo .. Bhut.. Sahn sakthi vale the... Iski karan rajsthani m sahn sakti valo.. Ko khata.. Ya gada kaha jata isliye wo katath... 2 putr... Gajraj ji chouhan... Jo gudswari m.. Awal the unhe godawat.... Upadai...
3.. Khokhr mewar.. Jo ... Sabse.. Bada tikane dar h aaj bhi... Ye malwa.. Raj.. Guj.. Border pr h.. Mostly iki shadiya.. Jedaja or katiyawad m hoti h 4. Makhupura Ajmer k Godawat.......
Inhi S Uthrakand m Kateth.. (UK )..
Godawat (Raj) Godawati (UK)..
Iski Parkar Pokriya Rawat ( Rathore)..
Jo UK m bhi h...
Jo kabhi Pokaran (Marwar) s migrate hue..
Navi Singh Rawat ( New Delhi).
S A ( MoD)..
Please Annopvasiys and Anhalvandays alag alag
jai Lodhi Rajpoot ❤
Rawna rajput ke bare me btaiye
राजसमंद जिला तहसील भीम जिला राजसमंद
Devavat मेरे मामा है
Ghoda kis mein aate Hain
Kakena rawat rajput bhi ek sakha hai Bhai
Pokhriya nhi aya bhai
चिंता। चौहान का। नाम क्यौ नहीं है क्या चिंता। चौहान रावत नहीं है 626
Pure jaati hai rawat ❤sabhi rajputo me
रावत राज 🚩💪
Ham log bhi rawat rajput hai lekin thakur jati se nahi ate pasi samaj se hai❤
Paswan gahlot Rajput bai ki nahi batye
सुजावत कौन
Are bhai phle bta kr de pura maharana partap ke sath kuch rawat raja bhi the
Ghodawat Chouhan
Bahi Raawat koi jaati nhi na koi history
Chutiye. .. jis maharana pratap ko. Shiksha di . Wo b rawat chundawat tha
गोगावत
Anhalvanshya and anupamvanshya
महारावत कौन कौन है
मेहरात महारावत का अपभ्रंश शब्द है
परतापगढ को परताप सिंह महारावत ने बसाया
इसका अर्थ हुआ
रावत में से कमाडो निकले वे महारावत कहलाये
सपष्ट करावे
मेहराजी से विभिन्न शाखाओं के लोग मेहरात केसे बन सकते हैं
जैसे ईनदा मेहरात
भोजावत मेहरात आदि आदि
काठात व घोडात भाई
तो घोडात मेहरात कयो नही
मेहरात महराज में ही रिश्ते कयो हो रहे हैं
बरसात में खडे़ रहने से काठात उपाधि का आधार नहीं जमता है
किसान भी बरसात में खडा़ रहता है एसे अनेकों उदाहरण
उनहे उपाधि कयो नही
यह साधारण घटना है उपाधि के वो भी वंशो को असाधारण घटना पर ही उपाधि प्राप्त होती है
रावत समाज की गोत्र लिस्ट से चाहिये
8890051470 पर वौटसौप करे
Rawat Rajput samaj
rawat. rajput. hai
वडेरा
Kathat. Kese. Bid. Me. Aaya
Anal vansh Chauhan
एक जा थी। ओ र वि ल हैं
गहलोत। वस मे
Rawat rajput h kya kbhi suna nhi na dekha
मैवाङ दरबार मै जा कर जानकारी प्राप्त करै की रात राजपुत कौन है
I am सूर्यवंशी
Jai mata ji ki sa 🙏
Jai pasi chatri
Rawat pasi hai paswan hai
Didawat or pachora
चौहान मेघवाल कौन है
Balai bhambhi
@@rawatrajputkishansingh4587😅😅
गाय चोरी करते थे पहले
Apna khud ka dhyan rakho pehle
हमारा क्या हम लोग तुम्हारा ध्यान रखते थे पहले कहीं गायों को चोरी तो नहीं करने आ गये मिणा चोर
Be apni history puchna kbhi apne purvjo se nhi to Ana kbhi meward darbar me apko btaunga..... Rawat Rajput kya hai.......
मैं खुद जानता हूं मुझे इतिहास बताने की क्या जरूरत है जो है सो है
मेरवाड़ा के रावत कोई राजपूत नहीं है, इतिहास गवाह है,मेर मीणा थे, तेजाजी से गायों को लेकर युद्ध करने वाले भी चांग ब्यावर के चीता वंशी मेर मीना ही थे,तमाम इतिहासकारों ने मीणा ही माना है, यहां तक की मेवाड़ के राज कवि श्यामलदास की पुस्तक का अंग्रेजी कृत पुस्तक 1886मे ,मोटीस,धोधिंग,बोया,आदि मीणाओ की वंशावली है पुरी 18वी सदी तक मेर ही प्रचलन में था,बाकी राजस्थान के मीणाओ की तुलना में मेरवाड़ा के मीणा नीचे समझे जाते थे,लूट पाट के रूप में प्रसिद्ध थे,1822मे अंग्रेजो द्वारा मेरवाड़ा रेजीमेंट की स्थापना की गयी,उसके दस वर्ष बाद चीता बर्ड ने आंदोलन कर दिया था,की उनके नाम के आगे से भी मेर हटाया जाए और रावत लगाया जाए,तब रावत लिखा गया जो ,पर कोष्ठक में मेर रावत मौजूद हैं पर ये विवाद अब भी थमा नहीं 1844मे मेर रेजीमेंट को 44वी रेजीमेंट का नाम दिया गया।पर चला हुआ आंदोलन चलता ही रहा,प्रथम विश्व युद्ध से पहले ही जब मेर सैना छोड़ने लगे तो,मजबूरन अंग्रेजो को इसे 1914मे राजपूताना रेजीमेंट में शामिल करना पड़ा,1911तक जनजाति के रूप में जनगणना होती थी,1917मे खरवा के ठाकुर खुशाल सिंह और शाहपुरा शासक उम्मेद सिंह के नेतृत्व में मेर की जगह रावत राजपूत सरनेम सम्पूर्ण मेरवाड़ा में निवासरत के लिए प्रयोग में लिया जाने लगा,, मीणा पहले सामान्य वर्ग में ही थे,जब देश आजाद हुआ तब मीणा 1943से ही वर्ग भेद को मिटाकर सभी को एक करने के प्रयास में सभाएं हुईं ,तब 1946ई.मे लक्ष्मीनारायण झारवाल के नेतृत्व,और कानसिंह रावत के सान्निध्य में पुष्कर में रावत मीणो की महापंचायत हूई ,तब पुष्कर मंदिर में मत्स्य मीन भगवान की मूर्ति स्थापित की गयी,जो आज भी रावत समाज के आराध्य के रूप में प्रमाण है की मीणा का भाग है,उसके एक वर्ष बाद 1947मे देश के रजवाड़ों के विलय के समय जोधपुर महाराजा हनुवंतसिंह ने अपनी शक्ति बढ़ाने हेतु इसको अवसर समझा मेजर फतेहसिंह रावत को रावतो को एक ध्वज के तले लाने को कहा,रावत राजपूत बनने से मान सम्मान में वृद्धि होगी कल बढ़ेगा,मेजर फतेहसिंह मेवाड़ की तरफ भी गये पर उधर के मीणाओ ने उसे धर्म भ्रष्ट कहकर खाली हाथ लौटा दिया, सेंदड़ा पाली में 1947मे हुए इस सम्मेलन में हनुवंतसिंह और मेजर फतेहसिंह ने साथ भोजन कर,एक नारा दिया की रावत राजपूत शुद्ध राजपूत ही है,और हमारे भाई है,जिसके संबंध में बाद में अजमेर के पोखरिया गोत्र के लालसिंह जी रावत ने एक लेख पत्र जारी किया की,जयचन्दो के बहकावे में आकर समाज को रावत मीणा से रावत राजपूत बनाने में लगे हुए है,1950मे ही संविधान लागू हो गया,सभी एससी एसटी जातियों को आरक्षण दे दिया गया,पर मीणाओ को उच्च वर्ग बताते हुए इसमें नहीं रखा तो,आंदोलन का बिगुल बजा दिया,जो अगले 5-6वर्ष तक चला इतने लंबे दौर और तीन तीन आयोग बनने के बाद,अन्त में 1956मे मीणाओ को एसटी कैटेगरी में लिया गया,समय के साथ कैटैगरी अलग होने से दूरियां बढ़ती गयी,पर रावत और मीणा में आज भी सबूत के तौर पर पुरानी रिश्तेदारियां मौजूद हैं ब्यावर से जहाजपुर भीलवाड़ा और टोंक तक, इसलिए सम्पूर्ण इतिहास को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है की, रावत कौन थे।।
Jai bhawani
Jai rajputana
गोगावत
Jai bhavani