Most important n Greatest people in the Mahabharata are Lord Krishan.. Draupadi.. n.. Arjuna. These three are the best n wonderful people🕉️.. Worship worthy. 🎉🎉🎉
Hi sir thanks for an enlightening talk, but can you please explain that if Karna was such a bad character then why did he gave up his kawach and Kundal and why did Indra came as Brahmin to ask for it Or you will call this also as a folk lore
Actually many people have faced terrible problems who have kept Mahabharata in their home...I can relate cuz mere Circle mei kuch log hain jinka sukhi Jeevan kalesh mei badal gaya...so I can't accept ki ye book ghar pe rakho...
Thankyou bro for this video. I recently discovered this channel and is amazing, going through all ur videos one by one. I would request you to bring videos on 1. A deep analysis of Shreemad bhagwat geeta 2. Interview of spiritual journey of some reputed people. ,( for eg if you have been through the journey of Anuradha Paudwal and Kali ma. I mean that sort of ) .... suyashi
Yudhishthir bada bhai or raja tha or raja ka koi bhi vyakti uske liye swayanvar lad sakta tha,.. Jeise bhism pitamah ne kiya amba wala matter me jeise karn ne kiya duryodhan k liye
@@Pandeyanish7677 but scriptures ke according 5 bhaiyo ne shadi kri thi polyandry method ke through aur iske through ek aurat ke 1 se jyada husband hote h
He is telling differently, ami ganatra was telling differently and if I wanna read I am now confused should I read the critical edition Or should I go with gita printing press?
Scriptures can and should only be studied by approaching a teacher from a bonafide parampara. Dry intellectual approach towards the scriptures reduces them to nothing more than mere story books. "Removing Interpolations" are fancy words which are used to cover up the intellectual dissection of our sacred scriptures. 🙏
@@newi-nb8jt "We r not the intended audience of these writings." Really? The very reason why Maharishi Ved Vyasa wrote these texts was to preserve them for future generations. That is why it is all the more important to study and understand the scriptures by approaching a bonafide Guru Parampara.
@@newi-nb8jt "don't know how a guru who is spiritual guide will give you knowledge of history?" That is exactly what Guru Parampara does. Both the historical and spiritual significance of a scripture is passed on from one generation of Gurus to another generation of Gurus. No matter how hard we try by using atheistical measures of understanding these scriptures, their true essence and historic significance can only be understood by humbly approaching a bonafide Guru Parampara.
Kuch log kah rahe h ki karn ka pass vijay Dhanush tha to wo haar hi nahi sakta toh fir yeh karn ka talent h Ya dhanush ka😂 Chalo fir bhi maan liya To pitamah bhishma se bhagwan parshuram isi vijay dhanush se lade the kya result nikla Aqal ke andho Sonyputron😂 Try to read just once original Mahabharata
Har sastro me bhagwan Krishna ko hi param bramh kaha gaya ha aur kisiko nahi. Shiv ji bhi Mahabharat me bhagwan Krishna ko hi param bramh bol te ha. Hare Krishna Hari bol 👍🙏😀
@@marymurphysinha9370 A kisne kaha tere bap ne mand buddhi mudh gadhe asur nastik pakhandi papi dharti par bojh nich adham? पुस्तकालय » भगवद-गीता यथारूप » अध्याय दस बीजी. 10.12-13 अर्जुन उवाच परं ब्रह्म परं धाम पवित्रं परमं भवन। पुरुषं शाश्वतं दिव्यमादिदेवमजं विभुम् ॥ 12 ॥ आहुस्त्वामृषयः सर्वे देवर्षिर्नारदस्तथा। असितो देवलो व्यासः स्वयं चैव ब्रवीषि मे॥ 13 ॥ अर्जुन उवाच परम ब्रह्म परम धाम पवित्रम् परम भवन पुरुषं शाश्वतम् दिव्यम आदि-देवम् अजम् विभुम् अहस त्वाम् ऋषयः सर्वे देवर्षि नारद तथा असितो देवलो व्यासः स्वयम् चैव ब्रवीषी मे समानार्थी शब्द अर्जुनः उवाच - अर्जुन ने कहा; परम - सर्वोच्च; ब्रह्म - सत्य; परम - सर्वोच्च; धाम - भरण-पोषण; पवित्रम् - शुद्ध; परमम् - सर्वोच्च; भवन - आप; पुरुषम् - व्यक्तित्व; शाश्वतम् - शाश्वत; दिव्यम् - दिव्य; आदि - देवम् - मूल भगवान; अजम् - अजन्मा; विभुम् - महानतम; आहुः - कहो; त्वम् - आपका; ऋषियः - ऋषियों; सर्वे - सब; देव - ऋषिः - देवताओं में ऋषि; नारदः - नारद; तथा - भी; असितः - असित; देवलः - देवल; व्यासः - व्यास; स्वयंम् - व्यक्तिगत रूप से; सीए - भी; एव - अवश्य; ब्रवीषि - आप समझा रहे हैं; मैं - मेरे प्रति. अनुवाद अर्जुन ने कहा: आप परम भगवान, परम धाम, शुद्धतम, परम सत्य हैं। आप शाश्वत, दिव्य, मौलिक व्यक्ति, अजन्मा, महानतम हैं। नारद, असित, देवल और व्यास जैसे सभी महान ऋषि आपके बारे में इस सत्य की पुष्टि करते हैं, और अब आप स्वयं इसे मेरे सामने घोषित कर रहे हैं। मुराद इन दो श्लोकों में भगवान मायावादी दार्शनिक को एक मौका देते हैं, क्योंकि यहाँ यह स्पष्ट है कि भगवान व्यक्तिगत आत्मा से अलग हैं। इस अध्याय में भगवद गीता के आवश्यक चार श्लोकों को सुनने के बाद अर्जुन सभी संदेहों से पूरी तरह मुक्त हो गए और कृष्ण को भगवान के रूप में स्वीकार कर लिया। वह तुरंत साहसपूर्वक घोषणा करता है, "आप परम ब्रह्म हैं, भगवान का सर्वोच्च व्यक्तित्व।" और पहले कृष्ण ने कहा था कि वह हर चीज़ और हर किसी के प्रवर्तक हैं । प्रत्येक देवता और प्रत्येक मनुष्य उस पर निर्भर है। मनुष्य और देवता, अज्ञानतावश, सोचते हैं कि वे भगवान के परम व्यक्तित्व से पूर्ण और स्वतंत्र हैं। भक्ति सेवा के निर्वहन से वह अज्ञान पूरी तरह से दूर हो जाता है। यह बात भगवान् पहले ही पिछले श्लोक में बता चुके हैं। अब, उनकी कृपा से, अर्जुन वैदिक आदेश के अनुरूप, उन्हें सर्वोच्च सत्य के रूप में स्वीकार कर रहा है। ऐसा नहीं है कि चूँकि कृष्ण अर्जुन के घनिष्ठ मित्र हैं इसलिए अर्जुन उन्हें परम भगवान, परम सत्य कहकर उनकी चापलूसी कर रहा है। इन दोनों श्लोकों में अर्जुन जो कुछ कहता है वह वैदिक सत्य से पुष्ट होता है। वैदिक आदेश इस बात की पुष्टि करते हैं कि केवल वही व्यक्ति जो परम भगवान की भक्ति करता है, वह उन्हें समझ सकता है, जबकि अन्य नहीं समझ सकते। अर्जुन द्वारा कहे गए इस श्लोक का प्रत्येक शब्द वैदिक निषेधाज्ञा से पुष्ट है। केन उपनिषद में कहा गया है कि परम ब्रह्म ही हर चीज का विश्राम है, और कृष्ण पहले ही बता चुके हैं कि हर चीज उन्हीं पर निर्भर है। मुंडक उपनिषद पुष्टि करता है कि सर्वोच्च भगवान, जिसमें सब कुछ विश्राम कर रहा है, केवल उन लोगों द्वारा ही महसूस किया जा सकता है जो लगातार उनके बारे में सोचते रहते हैं। कृष्ण का यह निरंतर चिंतन स्मरणम है, जो भक्ति सेवा की विधियों में से एक है। केवल कृष्ण की भक्ति से ही कोई व्यक्ति उनकी स्थिति को समझ सकता है और इस भौतिक शरीर से छुटकारा पा सकता है। वेदों में परमेश्वर को सबसे शुद्धतम के रूप में स्वीकार किया गया है। जो यह समझता है कि कृष्ण पवित्रतम हैं, वह सभी पापी गतिविधियों से शुद्ध हो सकता है। कोई भी व्यक्ति तब तक पाप कर्मों से मुक्त नहीं हो सकता जब तक वह परमेश्वर के प्रति समर्पण नहीं कर देता। अर्जुन द्वारा कृष्ण को परम शुद्ध स्वीकार करना वैदिक साहित्य के आदेशों का अनुपालन करता है। इसकी पुष्टि महानुभावों ने भी की है, जिनमें नारद प्रमुख हैं।
Dumb people never learn even if all things are available to them Hey Sonyputra Yahi dhanush se parshuram ji pitamah bhishma se lade the kya result nikla Aqal k andhe
Don't bring such persons how don't know how strong is raven and what is Karen it is putaee of sun. And your brodcasting is give Rong direction to people it is bad attitude.
सत्य सत्य होता है बे। सत्य को स्वीकार करना सीख। बिना प्रमाण के tv सीरियल जिनमे अलग अलग समय केस सीरियल में अलग अलग कहानी होती है उसे तुम सत्य मान सकते हो? लेकिन ग्रंथो को सत्य नही मानोगे तुम?
@@Jay-rz5cl किस ग्रंथ से क्या मतलब? महाभारत की स्टोरी है तो महाभारत ग्रंथ में ही तो मिलेगा। रामायण में थोड़े ना मिलेगा? और महाभारत के सभापार्व अध्याय 48 के स्टार्टिंग में ही शकुनी ने दुर्योधन को समझाया है इसके अलावा गंधर्व युद्ध के पश्चात भी एक बार समझाया है अब तुमने कभी महाभारत पढ़ी नहीं बस जितना tv सीरियल ने दिखाया उतने को आंख मूंद कर सत्य मान लेते हो। और अलग अलग महाभारत सीरियल में अलग अलग स्टोरी होती है उसमे से जो तुमको अच्छी लगती है उसे ही मान लेते हो और ग्रंथो को देखते तक नही यदि तुमको अभी भी शकुनी का हस्तिनापुर के प्रति ईर्ष्या वाली स्टोरी सत्य लगती है तो ये बताओ की ये स्टोरी महाभारत के किस पर्व और अध्याय में लिखा है?
Bhai plz tu kuch aur kr le bt ye podcast chod de... Not showing any hate nor I'm your hater bt the real thing is that you don't even research about topics , which Guest talk about. Itnne tatti questions 3rd 4th class ka bacha bhi nahi puchta. You bring an researcher nd a person who have vast knowledge about our Purans nd Vedas bt on the other hand you don't even know Shrimad Bhagvat puran is part of our Mahabharat or what?? I respect you bt either you start to do research about the topics in which the guest is good at or just start anything else Jai Shri Ram 🙏
1st bhai bkchodi mtt maara kr ki tu book bahut pdhta h. Tatti knowledge h tumhe. As an podcaster you should have an healthy debate with guest like you said karan is not that much good than why krishna call him Daan-veer Karan nd gave his Kavach nd Kundal.
Most important n Greatest people in the Mahabharata are Lord Krishan.. Draupadi.. n.. Arjuna. These three are the best n wonderful people🕉️.. Worship worthy. 🎉🎉🎉
Lord Shiv and Narayana are the same... ShivNarayana Pranams Pranams Pranams🎉🎉🎉🎉🎉
Arjuna my inspiration 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤
Thanks to entire Awara Musafir show❤
Hi sir thanks for an enlightening talk, but can you please explain that if Karna was such a bad character then why did he gave up his kawach and Kundal and why did Indra came as Brahmin to ask for it
Or you will call this also as a folk lore
Cyber Zeel would be wonderful guest as he has a lot of PRACTICAL KNOWLEDGE about many Spiritual matters.
Bilkul nahi...woh bewakuf bolta hai hanuman chalisa roz nahi padhni chahiye...bahot betuki si baatein karta hai woh...
Arey kuch nahi sab fake hai uska jaggi ka chamcha
Ami ganatra would have been a better guest for this
Jai maa maha kali maa🙏
Actually many people have faced terrible problems who have kept Mahabharata in their home...I can relate cuz mere Circle mei kuch log hain jinka sukhi Jeevan kalesh mei badal gaya...so I can't accept ki ye book ghar pe rakho...
That’s just confirmation bias.
Best Vedic researcher @AnshulSpritual❤❤❤❤
Amazing❤
Thankyou bro for this video.
I recently discovered this channel and is amazing, going through all ur videos one by one. I would request you to bring videos on
1. A deep analysis of Shreemad bhagwat geeta
2. Interview of spiritual journey of some reputed people. ,( for eg if you have been through the journey of Anuradha Paudwal and Kali ma. I mean that sort of )
.... suyashi
Audio quality not good. Please update your quality
kisari Mohan GAnguli Mahabharat by Gutenberg website is original hes translated whole mahabharat word to word in Old english
And one more important point everyone knows that Draupadi ji have 5 husbands but in reality Yudhishthir was the only husband of Draupadi.
Lekin bhaiya draupdi ko jeeta to arjun ne tha n according to the swaynwara... Jo jeetega wohi uska hubby hoga.. So plz explain❤❤
Yudhishthir bada bhai or raja tha or raja ka koi bhi vyakti uske liye swayanvar lad sakta tha,.. Jeise bhism pitamah ne kiya amba wala matter me jeise karn ne kiya duryodhan k liye
@@Pandeyanish7677 okkk.. Thanks bhaiya for this info🥰
@@Pandeyanish7677 but scriptures ke according 5 bhaiyo ne shadi kri thi polyandry method ke through aur iske through ek aurat ke 1 se jyada husband hote h
10 persons will say 10 different things.
He is telling differently, ami ganatra was telling differently and if I wanna read I am now confused should I read the critical edition Or should I go with gita printing press?
Gita press
Both Are Same. Only Difference Is That *CRITICAL* Edition Has Removed All The Interpolation.
Scriptures can and should only be studied by approaching a teacher from a bonafide parampara. Dry intellectual approach towards the scriptures reduces them to nothing more than mere story books. "Removing Interpolations" are fancy words which are used to cover up the intellectual dissection of our sacred scriptures. 🙏
@@newi-nb8jt "We r not the intended audience of these writings." Really? The very reason why Maharishi Ved Vyasa wrote these texts was to preserve them for future generations. That is why it is all the more important to study and understand the scriptures by approaching a bonafide Guru Parampara.
@@newi-nb8jt "don't know how a guru who is spiritual guide will give you knowledge of history?" That is exactly what Guru Parampara does. Both the historical and spiritual significance of a scripture is passed on from one generation of Gurus to another generation of Gurus. No matter how hard we try by using atheistical measures of understanding these scriptures, their true essence and historic significance can only be understood by humbly approaching a bonafide Guru Parampara.
very good
Both are looking like shakuni I am confused which one got exposed😂
Half knowledge is dangerous… Aadhi adhuri kahaniyan…
True
He is to totally right you thinking br Chopra Mahabharata is everything
I am not BR Chopra’s fan, I believe in reading scriptures by myself.. You should do same and then come to any conclusion 🙏🏻
Vineet agrawal ..ji acche hain. Ami ganatra accha bolti hsin par bjp lobby ne unko apne side kar liya hai,abhijit chawada ko bhi. So sad.
Bina rakhe bhi m b ho ri h
Kuch log kah rahe h ki karn ka pass vijay Dhanush tha to wo haar hi nahi sakta toh fir yeh karn ka talent h
Ya dhanush ka😂
Chalo fir bhi maan liya
To pitamah bhishma se bhagwan parshuram isi vijay dhanush se lade the kya result nikla
Aqal ke andho
Sonyputron😂
Try to read just once original Mahabharata
I don't know about this guy. But I trust more on BR CHOPRA MAHABHARAT and JAI SHREE KRISHNA by RAMANAND SAGAR!!!!!
Yeah Trust TV Serials More Than Actual Texts. 🤦♂️
52.45, 30हज़ार वर्ष
❤️🧡❤️❤️❤️🕉️🕉️🕉️
Har sastro me bhagwan Krishna ko hi param bramh kaha gaya ha aur kisiko nahi. Shiv ji bhi Mahabharat me bhagwan Krishna ko hi param bramh bol te ha. Hare Krishna Hari bol 👍🙏😀
Please don't start who is bigger who is stronger and stuff like this.
@@ripaday8695this is diskcon ideology. You can't make understand them.
Apne diskcon ka gyan apne paas rakho dusro par mat thopo
@@marymurphysinha9370 A kisne kaha tere bap ne mand buddhi mudh gadhe asur nastik pakhandi papi dharti par bojh nich adham?
पुस्तकालय » भगवद-गीता यथारूप » अध्याय दस
बीजी. 10.12-13
अर्जुन उवाच
परं ब्रह्म परं धाम पवित्रं परमं भवन।
पुरुषं शाश्वतं दिव्यमादिदेवमजं विभुम् ॥ 12 ॥
आहुस्त्वामृषयः सर्वे देवर्षिर्नारदस्तथा।
असितो देवलो व्यासः स्वयं चैव ब्रवीषि मे॥ 13 ॥
अर्जुन उवाच
परम ब्रह्म परम धाम
पवित्रम् परम भवन पुरुषं
शाश्वतम् दिव्यम
आदि-देवम् अजम् विभुम्
अहस त्वाम् ऋषयः सर्वे
देवर्षि नारद तथा
असितो देवलो व्यासः
स्वयम् चैव ब्रवीषी मे
समानार्थी शब्द
अर्जुनः उवाच - अर्जुन ने कहा; परम - सर्वोच्च; ब्रह्म - सत्य; परम - सर्वोच्च; धाम - भरण-पोषण; पवित्रम् - शुद्ध; परमम् - सर्वोच्च; भवन - आप; पुरुषम् - व्यक्तित्व; शाश्वतम् - शाश्वत; दिव्यम् - दिव्य; आदि - देवम् - मूल भगवान; अजम् - अजन्मा; विभुम् - महानतम; आहुः - कहो; त्वम् - आपका; ऋषियः - ऋषियों; सर्वे - सब; देव - ऋषिः - देवताओं में ऋषि; नारदः - नारद; तथा - भी; असितः - असित; देवलः - देवल; व्यासः - व्यास; स्वयंम् - व्यक्तिगत रूप से; सीए - भी; एव - अवश्य; ब्रवीषि - आप समझा रहे हैं; मैं - मेरे प्रति.
अनुवाद
अर्जुन ने कहा: आप परम भगवान, परम धाम, शुद्धतम, परम सत्य हैं। आप शाश्वत, दिव्य, मौलिक व्यक्ति, अजन्मा, महानतम हैं। नारद, असित, देवल और व्यास जैसे सभी महान ऋषि आपके बारे में इस सत्य की पुष्टि करते हैं, और अब आप स्वयं इसे मेरे सामने घोषित कर रहे हैं।
मुराद
इन दो श्लोकों में भगवान मायावादी दार्शनिक को एक मौका देते हैं, क्योंकि यहाँ यह स्पष्ट है कि भगवान व्यक्तिगत आत्मा से अलग हैं। इस अध्याय में भगवद गीता के आवश्यक चार श्लोकों को सुनने के बाद अर्जुन सभी संदेहों से पूरी तरह मुक्त हो गए और कृष्ण को भगवान के रूप में स्वीकार कर लिया। वह तुरंत साहसपूर्वक घोषणा करता है, "आप परम ब्रह्म हैं, भगवान का सर्वोच्च व्यक्तित्व।" और पहले कृष्ण ने कहा था कि वह हर चीज़ और हर किसी के प्रवर्तक हैं । प्रत्येक देवता और प्रत्येक मनुष्य उस पर निर्भर है। मनुष्य और देवता, अज्ञानतावश, सोचते हैं कि वे भगवान के परम व्यक्तित्व से पूर्ण और स्वतंत्र हैं। भक्ति सेवा के निर्वहन से वह अज्ञान पूरी तरह से दूर हो जाता है। यह बात भगवान् पहले ही पिछले श्लोक में बता चुके हैं। अब, उनकी कृपा से, अर्जुन वैदिक आदेश के अनुरूप, उन्हें सर्वोच्च सत्य के रूप में स्वीकार कर रहा है। ऐसा नहीं है कि चूँकि कृष्ण अर्जुन के घनिष्ठ मित्र हैं इसलिए अर्जुन उन्हें परम भगवान, परम सत्य कहकर उनकी चापलूसी कर रहा है। इन दोनों श्लोकों में अर्जुन जो कुछ कहता है वह वैदिक सत्य से पुष्ट होता है। वैदिक आदेश इस बात की पुष्टि करते हैं कि केवल वही व्यक्ति जो परम भगवान की भक्ति करता है, वह उन्हें समझ सकता है, जबकि अन्य नहीं समझ सकते। अर्जुन द्वारा कहे गए इस श्लोक का प्रत्येक शब्द वैदिक निषेधाज्ञा से पुष्ट है।
केन उपनिषद में कहा गया है कि परम ब्रह्म ही हर चीज का विश्राम है, और कृष्ण पहले ही बता चुके हैं कि हर चीज उन्हीं पर निर्भर है। मुंडक उपनिषद पुष्टि करता है कि सर्वोच्च भगवान, जिसमें सब कुछ विश्राम कर रहा है, केवल उन लोगों द्वारा ही महसूस किया जा सकता है जो लगातार उनके बारे में सोचते रहते हैं। कृष्ण का यह निरंतर चिंतन स्मरणम है, जो भक्ति सेवा की विधियों में से एक है। केवल कृष्ण की भक्ति से ही कोई व्यक्ति उनकी स्थिति को समझ सकता है और इस भौतिक शरीर से छुटकारा पा सकता है।
वेदों में परमेश्वर को सबसे शुद्धतम के रूप में स्वीकार किया गया है। जो यह समझता है कि कृष्ण पवित्रतम हैं, वह सभी पापी गतिविधियों से शुद्ध हो सकता है। कोई भी व्यक्ति तब तक पाप कर्मों से मुक्त नहीं हो सकता जब तक वह परमेश्वर के प्रति समर्पण नहीं कर देता। अर्जुन द्वारा कृष्ण को परम शुद्ध स्वीकार करना वैदिक साहित्य के आदेशों का अनुपालन करता है। इसकी पुष्टि महानुभावों ने भी की है, जिनमें नारद प्रमुख हैं।
सभी भगवान एक दूसरे को सम्मान करते हैं फालतू बातें करने का क्या मतलब
Bhagwan sab hai
@7:13 inshallah ???
Its Insta i.e Instagram 😅, yane kuch bhi
karan ke paas vijay dhanush tha.key yahaan yah bhee phek hai.
Tha bhai
Dumb people never learn even if all things are available to them
Hey Sonyputra
Yahi dhanush se parshuram ji pitamah bhishma se lade the kya result nikla
Aqal k andhe
Pata nahi kon si sahi hai....
B
Karna ❤
Adharmi karn
@@marymurphysinha9370 no one is good bro sab ne galat kra tha life me tum bhi bahut ache nhi ho
@@harshrawat962 mein mahabharat ki charecters ko keh rahi hu
@@marymurphysinha9370sab hi adharmi the dawbpeblga kr yudhisthir ne koi achha kam nhi kra
@@harshrawat962 lekin unhone baad mein apni galti sudhara v karn, duryodhan jaise rakshasho ka vad karke.
Yar
Guest ko bolne do.
Yar ese expose mat Karo abhi...karna tha to tab kar lete jab Zinda the
He is telling half truth… bhai kisi ko b podcast pe bulake mat lao…
Har aur hari me bhed nhi kyu krte ho
Bro... politics nhi kehte dhoka kehte h kyun itna saral word use krte ho bhagwan h isliye mat kro
Don't bring such persons how don't know how strong is raven and what is Karen it is putaee of sun. And your brodcasting is give Rong direction to people it is bad attitude.
Go and read scriptures
First read scripture then give gyan.
Pehle aap tv serial dekhna bandh kare phir kuch samajhne ki takat ayegi
First go and read 5th standard English, so many spelling mistakes😂😂😂😂
Kya h ye,,,,,,
इसी समुद्री जीव को पता है। और तो हुतिये हैं ना। 🙄
सत्य सत्य होता है बे। सत्य को स्वीकार करना सीख। बिना प्रमाण के tv सीरियल जिनमे अलग अलग समय केस सीरियल में अलग अलग कहानी होती है उसे तुम सत्य मान सकते हो? लेकिन ग्रंथो को सत्य नही मानोगे तुम?
@@ayushkesharwani7814 किस ग्रंथ में लिखा कि शकुनि ने दुर्योधन को समझाया end end में? कुछ भी
@@Jay-rz5cl किस ग्रंथ से क्या मतलब? महाभारत की स्टोरी है तो महाभारत ग्रंथ में ही तो मिलेगा। रामायण में थोड़े ना मिलेगा?
और महाभारत के सभापार्व अध्याय 48 के स्टार्टिंग में ही शकुनी ने दुर्योधन को समझाया है
इसके अलावा गंधर्व युद्ध के पश्चात भी एक बार समझाया है
अब तुमने कभी महाभारत पढ़ी नहीं बस जितना tv सीरियल ने दिखाया उतने को आंख मूंद कर सत्य मान लेते हो। और अलग अलग महाभारत सीरियल में अलग अलग स्टोरी होती है उसमे से जो तुमको अच्छी लगती है उसे ही मान लेते हो और ग्रंथो को देखते तक नही
यदि तुमको अभी भी शकुनी का हस्तिनापुर के प्रति ईर्ष्या वाली स्टोरी सत्य लगती है तो ये बताओ की ये स्टोरी महाभारत के किस पर्व और अध्याय में लिखा है?
Koroona🦠 Bhakt spotted!!! 😂😂😂😂
Very shallow knowledge. He didn’t tell any story well at all .
झूठी बातेँ मत बोलो. लोगों को गुमराह मत करो 😡😡😡
Kya jhoot bola hai?
Another Koroona🦠 Bhakt spotted!!! 😂😂😂😂
Bhai plz tu kuch aur kr le bt ye podcast chod de... Not showing any hate nor I'm your hater bt the real thing is that you don't even research about topics , which Guest talk about. Itnne tatti questions 3rd 4th class ka bacha bhi nahi puchta.
You bring an researcher nd a person who have vast knowledge about our Purans nd Vedas bt on the other hand you don't even know Shrimad Bhagvat puran is part of our Mahabharat or what??
I respect you bt either you start to do research about the topics in which the guest is good at or just start anything else
Jai Shri Ram 🙏
1st bhai bkchodi mtt maara kr ki tu book bahut pdhta h. Tatti knowledge h tumhe.
As an podcaster you should have an healthy debate with guest like you said karan is not that much good than why krishna call him Daan-veer Karan nd gave his Kavach nd Kundal.
Nd tum ancient nd epic history discuss kr rhe ho bt tumhe even अवधि ka mtlb nhi pta
Arrey baba can't you understand shaivism buddhisisn vaishnav cult were all created during 16th to 18th century