Sangat Ep.36 | Radhavallabh Tripathi on Sanskrit, Natyashastra, Hindi & Kamasutra | Anjum Sharma

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  • Опубликовано: 19 дек 2024

Комментарии • 48

  • @arunmaheshwari1040
    @arunmaheshwari1040 5 месяцев назад

    अच्छा साक्षात्कार । त्रिपाठी जी को अपने मूलभूत प्रगतिशील मानवतावादी दृष्टिकोण को रखने का इसमें पूरा अवसर दिया गया है । दरअसल साधन भी साध्य की सीमा और संभावनाओं को तय करने में बड़ी भूमिका अदा करते है । संस्कृत भाषा और संस्कृत साहित्य का ही अवलंबन, ये दोनों एक बहुत बड़े घर की अलंघ्य चौखट भी तैयार करते हैं । घर बहुत बड़ा है पर उसकी चारदीवारी भी है । राधावल्लभ जी के समान एक प्रकांड पंडित जहां भी अपने टीकाकार रूप का अतिक्रमण कर चिंतन के काव्यात्मक प्रकाश की झलक देते हैं, बहुत उम्मीद जगाते हैं । पर जब किसी के भी लिए भी लोगों की अपेक्षाएं प्रमुख होती है, ज़ाहिर है कि वहीं उसके स्वात्म का दमन होता है । समाज के दबाववश सीता को न अपनाने वाले और अश्वमेध यज्ञ में उसी दबाव की उपेक्षा करके सीता की मूर्ति के साथ बैठने वाले राम में यही फ़र्क़ है कि दूसरे ने स्वातंत्र्य को अपना साधन बनाया ।
    बहरहाल, इस शानदार साक्षात्कार के लिए आप दोनों के प्रति आभार ।

  • @krishanachandrashukla4258
    @krishanachandrashukla4258 2 месяца назад

    हिंदवी के कारण जीवन के आखिरी क्षणों में भारतवर्ष की एक महान विभूति राधावल्लभ त्रिपाठी से मिलना हुआ, बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद, इन कम शब्दों को असंख्य शब्दों में समझा जाए

  • @Kavyaraag
    @Kavyaraag Год назад +4

    बहुत बढ़िया साक्षात्कार, बहुमूल्य विचारों से भरपूर..
    हिंदवी को इस पेशकश के लिए बधाई और शुभकामनाएं.💐

  • @pramodtambat6134
    @pramodtambat6134 Год назад +5

    संस्कृत एवं संस्कृत साहित्य के प्रति नज़रिये को समृद्ध करने वाला इंटरव्यू। बहुआयमी विद्वता के पुंज हैं राधावल्लभ जी। बधाई अंजुम जी एक महत्वपूर्ण इंटरव्यू को हम तक पहुँचाने के लिए।

  • @kamlasharmam8688
    @kamlasharmam8688 7 месяцев назад

    धन्यवाद अंजुम जी ये साक्षात्कार मुझे बहुत अच्छा लगा । संस्कृत के महान विद्वान एवं साहित्य कार को सुनना एक अभूतपूर्व अनुभव रहा। बहुत कुछ नया जाना , आदरणीय सर को बहुत धन्यवाद 🙏

  • @shyamsushil6806
    @shyamsushil6806 Год назад +3

    बहुत सुंदर बातचीत। राधावल्लभ जी को पढ़ना और सुनना हमेशा अच्छा लगता है।...

  • @amitabhsrivastava6295
    @amitabhsrivastava6295 9 месяцев назад

    कितना ज्ञानवर्धक साक्षात्कार है... हां ऐसे ही साक्षात्कार असल में साक्षात्कार होते हैं.. इनसे ही हम सीख सकते हैं.. इनसे ही कुछ प्राप्त होता है...। ऐसे ही विद्वदजन साकार करते हैं साक्षात्कार को...। बहुत सुंदर...

  • @NARAYANSINGH-vj1oc
    @NARAYANSINGH-vj1oc Год назад

    सम्यक दृष्टि, सम्यक ज्ञान, सम्यक अभिव्यक्ति। ज्ञानवर्धक साक्षात्कार।

  • @dr.sarojkaushal6379
    @dr.sarojkaushal6379 Год назад

    संस्कृत साहित्य का व्यापक परिदृश्य प्रो राधावल्लभ त्रिपाठी जी ने व्याख्यायित किया है । नया साहित्य नया साहित्यशास्त्र, इस सन्दर्भ में महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है।आचार्य प्रवर का हार्दिक अभिनन्दन

  • @jigyasasingh3177
    @jigyasasingh3177 Год назад +1

    माँ पर दिया गया विमर्श मन को छू गया!
    बहुत ही ज्ञानवर्धक सरस सारगर्भित इंटरव्यू!

  • @sarojininautiyal9696
    @sarojininautiyal9696 Год назад

    अद्भुत
    भाषा और साहित्य - एक दुनिया से निकलती दूसरी दुनिया

  • @ketanyadav7887
    @ketanyadav7887 Год назад +2

    कितने दिनों से प्रतीक्षा कर रहा था ❤ आचार्य राधावल्लभ सहृदय विद्वान हैं

  • @hemantdeolekar11
    @hemantdeolekar11 Год назад

    अंजुम जी ने बहुत अच्छा साक्षात्कार किया। गुरुवर जी महान प्रज्ञावान विभूति हैं। अतुलनीय और व्याख्यातीत है उनका सृजन व चिंतन संसार। यह अब तक के सबसे अच्छे संगत में एक रहा। गुरुजी ने बहुत विनम्रता से उत्तर दिये। कहीं कोई कमी रहने के स्वीकार की भावना उनको श्रेष्ठ बनाती है। उनके शतायु होने व सृजन रत रहने की शुभ कामनाएं।

  • @murlidharchandniwala376
    @murlidharchandniwala376 Год назад

    सम्पूर्ण साक्षात्कार अनुपम है। बहुत दिनों बाद संस्कृत को केन्द्र में रखकर भारतीय परम्पराओं को जानने और समझने का दुर्लभ अवसर दिया आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी जी ने। यह साक्षात्कार संस्कृतज्ञों और भारतीय संस्कृति से प्रेम करने वालों को बहुत सावधान होकर सुनना चाहिए। इसमें वह सब कुछ है, जो हमें भविष्य के लिये तैयार करता है।

  • @madhukapoor1327
    @madhukapoor1327 Год назад

    बहुत सुंदर साक्षात्कार । आचार्य को मैं बराबर सुनती हूं । शत शत प्रणाम। अंजुमजी को धन्यवाद

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 Год назад +4

    संस्कृत संस्कृति और हिंदी के सेतु🌞

  • @naveenct100
    @naveenct100 Год назад

    बहुत सटीक और ज्ञानवर्धक संवाद !🙏

  • @kartikeyashukla5628
    @kartikeyashukla5628 Год назад +1

    राधा वल्लभ त्रिपाठी को सुनना बड़ी बात है।

  • @ujjwaljha6702
    @ujjwaljha6702 Год назад +1

    एक और मास्टरक्लास धन्यवाद अंजुम जी

  • @sunitadaga9734
    @sunitadaga9734 Год назад

    जैसा सोचा था, वैसा ही ज्ञानवर्धक, विचारोत्तेजक साक्षात्कार। अंजुम जी, बहुत साधुवाद आपको राधावल्लभ जी जैसे विद्वान, बहुआयामी व्यक्तित्व से इस तरह से मिलवाने के लिए।

  • @indirasharma8906
    @indirasharma8906 Год назад

    M apke sabhi interviews bar bar dekhti hun

  • @nikhileshsatani
    @nikhileshsatani Год назад +1

    बहुत खूब टीम हिंदवी 😊
    One of the best ❤ channels i have subscribed on RUclips .
    Hat's off to Anjum Sharma 🎉

  • @anandmishra6247
    @anandmishra6247 9 месяцев назад

    ज्ञानवर्धक साक्षात्कार...

  • @shreesandeepji
    @shreesandeepji Год назад

    ज्ञानवर्धक साक्षात्कार, संगत की पूरी टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🙏

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 Год назад +3

    अंजुम तुम्हारा शिव हो🌞🌷🌱

  • @avanindrabismil734
    @avanindrabismil734 Год назад +1

    अद्भुत और ज्ञानवर्धक

  • @yashvantprajapati7938
    @yashvantprajapati7938 Год назад

    बेहतरीन साक्षात्कार💐💐

  • @ApniYogshala
    @ApniYogshala Год назад

    अत्यंत ज्ञानवर्धक साक्षात्कार

  • @radheshyamsharma2026
    @radheshyamsharma2026 Год назад

    बहुत सुंदर वार्ता।

  • @spnaspna1791
    @spnaspna1791 5 месяцев назад

    नमस्ते सर कृपया समकालीन बाल साहित्य समीक्षा बैठक भी दिखाएं

  • @v.p.tripathi7857
    @v.p.tripathi7857 Год назад +9

    अंजुम जी ! हाल के दिनों के इंटरव्यू में आप थोड़े अधीर दिखते हैं। आप वक्ता को बीच में टोकते से दिखते हैं और अधीरता से उसकी बात काटते हुए दूसरा सवाल पूछने लगते हैं। इस फोरम में समय की कोई कमी नहीं है तो ऐसी अधीरता क्यों। एक अच्छा इंटरव्यूअर वह है जो कम से कम हस्तक्षेप करे। राज्यसभा टीवी के गुफ्तगू के इरफान की तरह कम हस्तक्षेप करें तो यह और भी बेहतर हो सकता है। बहरहाल इस बेहतरीन कार्यक्रम के लिए धन्यवाद। एक जीवन्त इतिहास बन रहा है

    • @ShailendraKumar-eh5dc
      @ShailendraKumar-eh5dc Год назад

      कवियोँ की बातपूरी नही होने देते

  • @prakashchandra69
    @prakashchandra69 Год назад +2

    नाम राधावल्लभ यानी कृष्ण, लेकिन चर्चा में न कृष्ण न राधा बल्कि सिर्फ राम ही आए।

  • @Polyglotwriter
    @Polyglotwriter Год назад +1

    रोचक संवाद

  • @rajeshsarkar1987
    @rajeshsarkar1987 Год назад

    सुन्दर चर्चा

  • @rajnarayan4540
    @rajnarayan4540 Год назад +2

    साचिन्दानंद सिन्हा जी का इंटरव्यू यदि हो सके, तो करें,

  • @ishmeetsachdev5067
    @ishmeetsachdev5067 Год назад

    Please interview Geetanjali Shree

  • @narayanmishra1329
    @narayanmishra1329 Год назад +1

    सहज ढंग से गूढ़ से गूढ़ विषयों को जिस तरह से रखते है वह विरल हैं

  • @ravishanker9672
    @ravishanker9672 Год назад +4

    श्यामचरण दुबे योगेंद्र सिंह नही रहे वरना उनके इंटरव्यू मील का पत्थर साबित होते

    • @devikamangratirai9284
      @devikamangratirai9284 Год назад

      अति सुन्दर अन्तर्वार्ता।

  • @praveenpandya79
    @praveenpandya79 Год назад +1

    अस्मिन् महति ब्रह्माण्डखण्डे जम्बूद्वीपे।

  • @praveenpandya79
    @praveenpandya79 Год назад +1

    विचारोत्तेजक।

  • @rameshkumar06
    @rameshkumar06 Год назад

    आदरणीय राधावल्लभ जी आपने दलित साहित्य पर बोलते समय सहानुभूति और स्वानुभूति पर बोलते समय आपने दलित साहित्य को जाति को महत्वपूर्ण नही माना लेकिन इंटरव्यू के अंतिम चरण में आपने रामायण-रामचरितमानस का जिक्र करते हुए सीता की दृष्टि से न लिख पाने पर खेद व्यक्त करते हुए, कहा कि पुरुष हो के के कारण ऐसा नही कर सका। सवाल यह है कि यहां पर आपने सहानुभूति और स्वानुभूति के मसले पर आप यहां पर डिफर है ?

    • @abhisheksrivastava5633
      @abhisheksrivastava5633 10 месяцев назад

      मैंने उसे ऐसे समझा कि उनके कहने का यह अर्थ नहीं था कि कोई पुरुष सीता की दृष्टि से देख ही नहीं सकता, अपितु उनका संकेत उनकी असमर्थताओं की ओर था, कि वह उस दृष्टि से पूर्णतः नहीं देख पाए, सीमाओं को तोड़ने का प्रयास अवश्य किया।

  • @rameshkumar06
    @rameshkumar06 Год назад

    पहली बार आपने अपने मेहमान को कठिन सवालों से रूबरू कराया। बहुतो को पसंद नही आयेगी।