भारत सरकार के आठवीं अनुसूची में झारखंड से एकमात्र शामिल भाषा संताली संथाली भाषा भाषा से झारखंड सरकार कब से kg से pg तक की पढ़ाई शुरू करायेंगे। कहीं राजनीति के कारण भारत सरकार के आठवीं अनुसूची में शामिल संताली संथाली भाषा हासिए पर जा रहा है
अल्पसंख्यकों के तरह ही आदिवासी समुदायों को भी अलग से विशेष संस्कृति और धार्मिक अधिकार की जरूरत है। सरकार अलग से संस्कृति पहचान को बनाये रखने के लिए संविधान में अलग से अनुच्छेद 342 में जोड़ें।
अगर ऐसा होता है तो आदिवासी समाज का एक नया युग शुरू होगा। और अन्य समाज के नज़र में आदिवासी समाज का सम्मान बढ़ेगा।हो सकता हैं कि धर्मांतरण पर भी कुछ रोक लगे। क्योंकि धर्मान्तरण करने वाले लोग """आदिवासी समाज को एडो बेड़ों समाज जिसका कोई वजूद नहीं है कह कर समझाते हैं""""
देश में ओर आदिवासी गांवों का सर्वे करके आदिवासी क्षेत्र में पेसा कानून लागू किया जाए। पेसा कानून का सही इस्तेमाल करें। और आदिवासी का अलग धर्म कोड दर्ज किया जाए। लेकिन देश का कोई आदिवासी हो सबके लिए एक ही धर्म कोड हो।
Aadivasiyon ka mohenjodaro MRP sabhyata se hi parampara aur Sanskriti hamesha jaldi a raha hai usi hisab se Paisa Kanoon lagu hona chahie Jharkhand Pradesh mein
It should be documented and preservation, protected and sustain whole Indian aadisvahsi history culture traditional lifestyle song dance weapon language marriage art medical experience natural relationship freedom fighters and leaders kings constitutional right law And also have to include from School curriculum have to used so only not aadivshi knows but also mainstream public are have to know and acknowledge and respect and honor of the aadisvahsi having the relationship with nature are acknowledge the natural relgion of aadivashi which distinct from the mainstream all relgions . And aadisvashi are the also national pride of India. Indigenous Identity: Adivasis are the original inhabitants of the Indian subcontinent, existing long before the caste-based Hindu social hierarchy. Their distinct identity is often recognized under the constitutional term "Scheduled Tribes" to differentiate them from caste hierarchies while ensuring legal and social safeguards. Colonial Era & Post-Independence Policies: Impact of British policies on Adivasi land rights and traditional governance systems. Constitutional guarantees post-independence, including land rights, reservation policies, and socio-economic upliftment programsgʻ
बिहारी तेरा बाप मोदी मंदिर खोजने में लगा हुआ है उसको बोलो ,,,,1932 लागू करने बोलो तो सांप सूंघ जाता है,,,,,बिहारी साला बिहार को बर्बाद के दिया अब झारखंड को भी बर्बाद करने लगा है
जितना जल्दी हो सके उतने जल्दी से झारखंड के आदिवासी मुंडा,उरांव , संताल खड़िया , इत्यादि सबों के लिए अच्छा होगा
संस्कृति ही आदिवासियों की पहचान है हमारी माटी हमारी शान है प्रकृति हमारी मां है और सरना हमारा मार्गदर्शक हैं जय आदिवासी जय सरना
बहुत अच्छा जल्द से जल्द लागू करना चाहिए जय सरना जय आदिवासी जय प्राकृतिक जोहार
🙏✔️
Bahut achha
भारत सरकार के आठवीं अनुसूची में झारखंड से एकमात्र शामिल भाषा संताली संथाली भाषा भाषा से झारखंड सरकार कब से kg से pg तक की पढ़ाई शुरू करायेंगे। कहीं राजनीति के कारण भारत सरकार के आठवीं अनुसूची में शामिल संताली संथाली भाषा हासिए पर जा रहा है
Bahut accha kam kar rhe hai hemant sarkar johar 🇦🇹🇦🇹🇦🇹🙏🙏🙏
अल्पसंख्यकों के तरह ही आदिवासी समुदायों को भी अलग से विशेष संस्कृति और धार्मिक अधिकार की जरूरत है।
सरकार अलग से संस्कृति पहचान को बनाये रखने के लिए संविधान में अलग से अनुच्छेद 342 में जोड़ें।
जोहार झारखंड
यह तो बहुत जरूरी है मैडम
जितना जल्दी यह सभी कानून लागू हो सके
जय सरना जय आदिवासी जय झारखंड
Sahi bat hai
Jharkhandi shero ka sher sir hemant soren ji ko jharkhandi johar. Ham aapke sath hai aur raheinge.
Bahut badhiya kadam hai
अगर ऐसा होता है तो आदिवासी समाज का एक नया युग शुरू होगा। और अन्य समाज के नज़र में आदिवासी समाज का सम्मान बढ़ेगा।हो सकता हैं कि धर्मांतरण पर भी कुछ रोक लगे। क्योंकि धर्मान्तरण करने वाले लोग """आदिवासी समाज को एडो बेड़ों समाज जिसका कोई वजूद नहीं है कह कर समझाते हैं""""
भारत देश में हमारे झारखंड राज्य में आदिवासी/ जनजाति भूमिज, हो , संथाल , उरांव, मुंडा, खड़िया, बिरहोर, आदि का थीसिस शोध प्रस्तुत दस्तावेज होना चाहिए ।
Jharkhand me PESA Act1996 ke Taht Lagu hona chahiye
Wah kya baat hai.Hemantji is a viable leader
Very good..I'm happy
अनुसूचित जनजाति का पेशा कानून नीति धर्म लागू होनी चाहिए
आदिवासी प्रकृति पूजक है जीवित प्राणी पूजक नहीं है इसलिए बलि प्रथा नहीं करना चाहिए लिखित दस्तावेज में बलि प्रथा शामिल नहीं किया जाय
Too good
Bhut badiya ❤
Bahut accha ❤❤❤❤
बहौत अच्छी सुरुवात 🙏
Bahut hi achha pahal hai
बहुत अच्छा
Bahut badhaiya
देश में ओर आदिवासी गांवों का सर्वे करके आदिवासी क्षेत्र में पेसा कानून लागू किया जाए। पेसा कानून का सही इस्तेमाल करें। और आदिवासी का अलग धर्म कोड दर्ज किया जाए। लेकिन देश का कोई आदिवासी हो सबके लिए एक ही धर्म कोड हो।
Bahut sundar ❤❤
Very good try
Paisa Kanoon hona chahie iski shuruaat acchi hai❤❤❤❤❤❤
❤ bohut accha
❤❤❤❤❤❤❤
जब हमारे आदिवासी जनजाति समाज ही नहीं रहेगा तो दस्तावेज बचा के आचार बनाएंगे क्या हेमंत पाण्डेय
पैसा एक्ट लागू करो
झारखण्डी भाषा कब लागु होगा
आजकल का छपरी लोगों को इस से कोई फर्क नहीं पड़ता है, ऊ लोग को बस KTM DSLR से मतलब है
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Aadivasiyon ka mohenjodaro MRP sabhyata se hi parampara aur Sanskriti hamesha jaldi a raha hai usi hisab se Paisa Kanoon lagu hona chahie Jharkhand Pradesh mein
Ajit hembram ji thank s
It should be documented and preservation, protected and sustain whole Indian aadisvahsi history culture traditional lifestyle song dance weapon language marriage art medical experience natural relationship freedom fighters and leaders kings constitutional right law And also have to include from School curriculum have to used so only not aadivshi knows but also mainstream public are have to know and acknowledge and respect and honor of the aadisvahsi having the relationship with nature are acknowledge the natural relgion of aadivashi which distinct from the mainstream all relgions . And aadisvashi are the also national pride of India.
Indigenous Identity:
Adivasis are the original inhabitants of the Indian subcontinent, existing long before the caste-based Hindu social hierarchy.
Their distinct identity is often recognized under the constitutional term "Scheduled Tribes" to differentiate them from caste hierarchies while ensuring legal and social safeguards.
Colonial Era & Post-Independence Policies:
Impact of British policies on Adivasi land rights and traditional governance systems.
Constitutional guarantees post-independence, including land rights, reservation policies, and socio-economic upliftment programsgʻ
mujhi khushi hogi agar in kitako ko adivasi writers hi likhe, ko deku na likhe
Nice ! Isay school college me padana v ho
Janjati nahi adiwasi boliye medam
Samvidhan me janjati shabd hi likha Hua hai
Keu satyanns ker rahe ho hammri parmparaye aleekhit h
Loophole
Yahi kaam reh gya hai maha boka cm k liye 😂😂😂😂jairam k jsa cm chahiye jharkhand k liye.isse kuch na ho payega.hadiya piya matwar😂😂😂😂😂😂
बिहारी तेरा बाप मोदी मंदिर खोजने में लगा हुआ है उसको बोलो ,,,,1932 लागू करने बोलो तो सांप सूंघ जाता है,,,,,बिहारी साला बिहार को बर्बाद के दिया अब झारखंड को भी बर्बाद करने लगा है
Jali na