Vidhan Sabha में 'Thakur ka kuan' कविता पढ़ने वाले Harish Chaudhary पर माफी मांगने का दबाव |Rajasthan

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  • Опубликовано: 15 окт 2024
  • Vidhan Sabha में 'Thakur ka kuan' कविता पढ़ने वाले Harish Chaudhary पर माफी मांगने का दबाव |Rajasthan
    अगली ख़बर राजस्थान से है.. जहां विधान सभा में बजट पर चर्चा के दौरान एक कविता के पढ़ने पर सियासी घमासान छिड़ गया है.. दरअसल कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने बजट पर बहस के दौरान ठाकुर का कुआं कविता का पाठ किया... जिसके बाद सियासत शुरू हो गई... हरीश चौधरी ने बजट को महलों और ठाकुरों का बताते हुए ठाकुर का कुआं कविता पढ़ी
    The next news is from Rajasthan.. where a political battle has erupted over the recitation of a poem during the discussion on the budget in the Vidhan Sabha.. Actually, Congress MLA Harish Chaudhary recited the poem Thakur Ka Kuan during the debate on the budget... after which politics started... Harish Chaudhary recited the poem Thakur Ka Kuan, calling the budget as that of palaces and Thakurs.
    #vidhansabha #harishchaudhary #rajasthan #news18indianumber1
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Комментарии • 386

  • @girdhariram7718
    @girdhariram7718 2 месяца назад +33

    ये कविता राजपूतों पर लागू नहीं होता है ये तो कटाक्ष सरकार पर है बहुसंख्यक जातियों से निवेदन है अल्पसंख्यक जातियों को मत दबाओ

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад +3

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @raghuveersingh1344
      @raghuveersingh1344 2 месяца назад +2

      @@user-xg8tw9xf3d tharo Ghar dan kr de bau sb ne

    • @bhairusinghrathore9028
      @bhairusinghrathore9028 2 месяца назад

      Reliance and ambani से कुछ मांग लो​@@user-xg8tw9xf3d

    • @gheesushekhawat6491
      @gheesushekhawat6491 2 месяца назад

      ​@@user-xg8tw9xf3dtu kya karega re killon or mahalo ka pagal😂😂😂😂

    • @baburamdehru160
      @baburamdehru160 2 месяца назад

      Thakur sain bhi the or jat bhi aapko pta hi nhi hai

  • @harshvardhansinghkalyanvat836
    @harshvardhansinghkalyanvat836 2 месяца назад +14

    जोधपुर के उम्मेद हॉस्पिटल में पैदा हुआ बच्चा आज ये बात कहता है तुमने तो बिना युद्ध पड़े ही स्वाभिमान बेच दिया
    अगर ठाकुर ना होता तो तुम्हारी इतनी जनसंख्या न होती और आज जो सत्ता है वो भी ना होती
    ठाकुर ना होता तो ये राजस्थान कब का पाकिस्तान में मिल चुका होता
    ठाकुर ना होता तो

  • @rbhati9428
    @rbhati9428 2 месяца назад +65

    अगर राजपूत नहीं होते तो आप अभी नमाज पढ़ रहे होते।
    दुख होता है कि राजपूतों के प्रति आपकी क्या विचारधारा है

    • @rajendraofficial2026
      @rajendraofficial2026 2 месяца назад

      अगर इस में अंग्रेज नहीं आये होते और अंग्रेजो से लड़कर इस देश के आम लोगों ने देश को आजाद नहीं करवाया होता तो आज तुम्हारा राजपूत समाज अपनी बहन बेटियों को मुगलों को देकर जीजू जीजू कह रहा होता जैसे जयपुर मे अकबर को जीजू बनाया था

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      आजादी दिलवाई मुगलों अग्रेजो व उनके नाजायज औलादों से चन्द्रशेखर आजाद भगतसिंग सुभाषचंद्र बोस वल्लभभाई पटेल अम्बेडकर जी ने

    • @ParbhuSingh-kq9it
      @ParbhuSingh-kq9it 2 месяца назад +2

      😂😂😂❤

    • @theteacher9906
      @theteacher9906 2 месяца назад +13

      गलत फहमी में हो इतिहास पढ़ो ।
      की कौन मुगल सलतनत के महलों में मुजरा करते थे और कौन निकाह कबूल कर रहे थे और कौन नमाज पढ़ा करते थे ।

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад +3

      @@rbhati9428 आजादी चन्दरशेखर आजाद भगतसिंग सुभाषचंद्र बोस वल्लभभाई पटेल भीमराव आंबेडकर ने दिलवाई पहले भारत खण्ड खण्ड हो गया था

  • @Bana_Hemant
    @Bana_Hemant 2 месяца назад +18

    ठाकुर का कुँआ
    बाड़मेर के बायतु तहसील के बाटाडू गाँव में स्थित यह कुआं हमारे बाड़मेर जिला मुख्यालय का सबसे प्रशिद्ध कुँआ है इसका निर्माण सिणधरी रावल श्री गुलाब सिंह जी ने करवाया था ।
    सन 1947 में अकाल के समय सिणधरी (thakur) रावल साहब ने आम जनता के पीने के पानी के लिये इसका निर्माण करवाया था , इसकी खासियत यह थी कि यह आस पास के दर्जन से अधिक गांवों के लिये एक मात्र जल स्रोत था और 30 से 40 किलोमीटर की परिधि में दूसरा कोई जल स्रोत नहीं था ।
    मज़ेदार बात यह कि हरीश जी की कई पीढियों के लिये भी जल का एक मात्र स्रोत ये अकेला ठाकुर का कुँआ था।

    • @भारतीय101
      @भारतीय101 2 месяца назад

      *bhai barmer में झटों ने उत्पात मचा रखा है, तुम लोगों को इनका विरोध करना ही पड़ेगा*

    • @anilrathore4531
      @anilrathore4531 2 месяца назад

      Pesa kaha se laye the gariba ka hi tha na 😂😂

    • @Bana_Hemant
      @Bana_Hemant 2 месяца назад

      @@anilrathore4531 प्रश्न है सम्मान का सम्मान है बलिदान का बलिदान है जवान का जवान है हिंदुस्तान का किसी ने छोड़ी रियासत किसी ने दी सहादत तभी यह बना मजबूत भारत कॉग्रेस को है बाटने की आदत

  • @112shiv11
    @112shiv11 2 месяца назад +50

    राजस्थान में 2000 करोड़ से अधिक रेवेन्यू साल भर में आता राजस्थान की अर्थव्यवस्था के सबसे मजबूत स्तंभ हे किले रजवाड़े राजस्थान का मान सम्मान ही किले राजस्थान का मान हे ठाकुर लगभग सभी किले राजपूतों की वजह से ही सुरक्षित हे ।।
    हरीश जी अगर राजपूत नही होते तो राजस्थान (राजपूताना ) नही होता आप हरीश की जगह हलाउद्दीन होते।।।

    • @m.subhash4197
      @m.subhash4197 2 месяца назад

      किले रजवाड़ों ने बनाए थे। किले बनाने के लिए टैक्स किसानो ने दिया था। रजवाड़े जन्म से अपने साथ पैसे नहीं लेकर आते थे। करोड़ो किसानो का खून चूसकर महल बनाए गए है।

    • @m.subhash4197
      @m.subhash4197 2 месяца назад +5

      राजस्थान के राजपूत राजाओं और मुगलों के संबंध के बारे में सबको पता है। इसलिए सुरक्षा की बात न ही करो।

    • @apsaa0007
      @apsaa0007 2 месяца назад +2

      ​@@m.subhash4197phir unke yaha tmhare bap dadao ne apni betiyaan bya di😂
      Jisse surajmal bharatpur jaise paida huye😂😂

    • @pratap_S_599shekhawat
      @pratap_S_599shekhawat 2 месяца назад

      ​@@m.subhash4197 Bas ye bol dia kro har jagh mc. Yhi h to aata h tum logo ko .. ... Ghnd hi tum log... Tumaari pidiya kaise bachi ye bhi pta karle.. chutiya jha dekho bas ek hi bat.bakk dete ho. Tumari bhn betio ke liye mare sare yodha. Or tum log salo. Kutto .
      Kuch bhi bologe ..asitesi tumahari 😡😡😡

    • @pratap_S_599shekhawat
      @pratap_S_599shekhawat 2 месяца назад

      ​@@apsaa0007bhartpur wale to khud khre royal family wale ki hum rajpoot h... Khud ke pass to kuch tha na. Khud ke pass aaj jameen h vo bhi thakur ki h daan di hui ..

  • @sahadev592
    @sahadev592 2 месяца назад +30

    ओमप्रकाश वाल्मीकि कि कविता भेदभाव पर आधारित है हरीश ने भी यह बात बजट के भेदभाव पर बोली हैं

    • @br-db1eq
      @br-db1eq 2 месяца назад

      @stboys1932 tuje chutiye ko pta hi kya hai me sc ka aur mere jaat dost mere ghar khana khate hai me unke ghar aadivasiyo ka hamesha istemal kiya hai mughalputo ne

    • @ranjeetsinghrathore1774
      @ranjeetsinghrathore1774 2 месяца назад +1

      Sabse jyada jaatiwad ka kida jaato me h

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर खजाना जमीन सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @subhashchandra8267
      @subhashchandra8267 2 месяца назад +2

      ​@@user-xg8tw9xf3dआज हरियाणा राजस्थान में जाटों के पास जमीन ज्यादा है
      अब यह ठाकुर बन गया है

  • @MahendaraSingh-i2e
    @MahendaraSingh-i2e 2 месяца назад +31

    Ravindra Singh Bhati 36 com ke sath

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад

      @@MahendaraSingh-i2e Sir,
      *राजस्थान में OBC वर्ग के साथ एसा अन्याय क्यूँ?*
      राजस्थान में अगड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण में भेदभाव के निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर फरमाएं:-
      1:- सरकार अपने सरकारी दस्तावेजों में कुछ जातियों को अगड़ी/सवर्ण कहती है और कुछ अन्य जातियों को पिछड़ी जाति कहती है।
      यानि कि अगड़ी जातियों के पास हज़ारों सालों से पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभुत्व रहा हैं।
      2:- जो अगड़ी जातियां है उनके लोगों की वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक होती है तो वे लोग Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।
      और ठीक इसी प्रकार अन्य पिछड़ी जातियों/वर्ग (OBC) के लोगों की भी वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक हो तो वे लोग भी Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें भी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।
      3:- अब उक्त दोनों ही वर्गों के 8 लाख से कम आय वाले गरीब लोगों को राजस्थान सरकार द्वारा देय आरक्षण इस प्रकार है कि-
      राजस्थान की कुल जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली अगड़ी जातियों को सरकार 10% आरक्षण देती है और राजस्थान की कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत जनसंख्या वाली अन्य पिछड़ी जातियों को मात्र 21% आरक्षण देती हैं।
      4:- यानि कि अगड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक आनुपातिक आरक्षण। यह कैसा न्याय हुआ? कि किसी को पिछड़ा भी कहा जाए और फिर आरक्षण भी अगड़ी जातियों से आनुपातिक रूप से कम मिले ।
      5:- इस आरक्षण विसंगति के कारण वर्तमान में राजस्थान की प्रत्येक भर्ती परीक्षाओं में OBC की cutt off EWS से अधिक रहती हैं। यानि कि पिछड़ों को नौकरी पाने के लिए अगड़ी जातियों से अधिक अंक लाने होते है। यह कैसा न्याय हुआ?
      6:- और यदि यह EWS आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर ही हैं तो यदि कोई पिछड़ी जाति का व्यक्ति अपनी जाति देखे बिना केवल ग़रीबी के आधार पर EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहें तो सरकार उसे केवल उसकी जाति के आधार पर उसे EWS आरक्षण का लाभ देने से मना कर देती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      7:- यदि 21% OBC आरक्षण को OBC की अलग अलग जातियों के बीच जातिवादी विभाजन कर बांटा जाना उचित है तो फिर SC,ST,MBC आरक्षण को भी इस तरह बांटा जाना चाहिए। केवल OBC आरक्षण को ही इस तरह बांटा जाए, यह कैसा न्याय हुआ?
      8:-सरकार उस आनुपातिक रूप से थोड़े से OBC आरक्षण को तो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले OBC वर्ग की अलग अलग जातियों मे बांटने की बातें करती हैं, ताकि OBC वर्ग की एकता को जातिवादी रूप देकर खत्म किया जा सके। लेकिन EWS आरक्षण को सभी गरीब लोगों को देने की बजाय केवल कुछ अगड़ी जातियों तक ही सीमित रखना चाहती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      9:- आज वर्तमान समय मे राजस्थान की प्रत्येक भर्ती/परीक्षा में OBC की कट-ऑफ EWS से हमेशा अधिक रहती है। लेकिन सरकारों का रवैया एसा है कि किसी एक वर्ग को सरकारी दस्तावेजों मे पिछड़ा हुआ (OBC) भी कहेंगे और फिर भी उस पिछड़े वर्ग (OBC) को नौकरी पाने के लिए अगड़ी/सवर्ण जातियों से अधिक अंक लाने होंगे क्योंकि उन लोगों का दोष केवल इतना है कि वो पिछड़ी जातियों (OBC) में जन्मे है, अगर वे ही लोग अगड़ी जातियों में जन्म लेते और सरकारों द्वारा सवर्ण कहलाए जाते तो शायद उन्हे नौकरी आसानी से कम अंक पर मिल जाती, जैसा कि आज राजस्थान में हो रहा है। यह OBC वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

    • @theteacher9906
      @theteacher9906 2 месяца назад

      राजतंत्र की पेरवी करने वाला कभी 36 कौम का साथी नहीं हो सकता ।
      इनके दिमाग में आज भी वही मानसिकता है बस लोकतंत्र में जुबां पर नहीं लाते क्योंकि वोट नहीं मिलेंगे ।
      जब ये पिछला लोकसभा हारे थे तब इन्ही के समाज के एक व्यक्ति ने दलितों के गाय, भैंस छीन लेने और जमीनों पर कब्जा कर लेने की अपील की थी अपने इसी स्वयं घोषित धर्म रक्षक और जनता रक्षकों के समाज से ।

  • @Dhirendra.shekhawat90
    @Dhirendra.shekhawat90 2 месяца назад +63

    Harish Choudhary jativadi neta hai

    • @jitenderrajput8691
      @jitenderrajput8691 2 месяца назад +4

      Koi SC St OBC nahi bolge ki. Kinyuki sab ki jalti h thakur kshatriya rajput naam sunte hi inke.....🔥

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад

      @@Dhirendra.shekhawat90 Sir,
      *राजस्थान में OBC वर्ग के साथ एसा अन्याय क्यूँ?*
      राजस्थान में अगड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण में भेदभाव के निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर फरमाएं:-
      1:- सरकार अपने सरकारी दस्तावेजों में कुछ जातियों को अगड़ी/सवर्ण कहती है और कुछ अन्य जातियों को पिछड़ी जाति कहती है।
      यानि कि अगड़ी जातियों के पास हज़ारों सालों से पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभुत्व रहा हैं।
      2:- जो अगड़ी जातियां है उनके लोगों की वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक होती है तो वे लोग Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।
      और ठीक इसी प्रकार अन्य पिछड़ी जातियों/वर्ग (OBC) के लोगों की भी वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक हो तो वे लोग भी Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें भी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।
      3:- अब उक्त दोनों ही वर्गों के 8 लाख से कम आय वाले गरीब लोगों को राजस्थान सरकार द्वारा देय आरक्षण इस प्रकार है कि-
      राजस्थान की कुल जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली अगड़ी जातियों को सरकार 10% आरक्षण देती है और राजस्थान की कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत जनसंख्या वाली अन्य पिछड़ी जातियों को मात्र 21% आरक्षण देती हैं।
      4:- यानि कि अगड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक आनुपातिक आरक्षण। यह कैसा न्याय हुआ? कि किसी को पिछड़ा भी कहा जाए और फिर आरक्षण भी अगड़ी जातियों से आनुपातिक रूप से कम मिले ।
      5:- इस आरक्षण विसंगति के कारण वर्तमान में राजस्थान की प्रत्येक भर्ती परीक्षाओं में OBC की cutt off EWS से अधिक रहती हैं। यानि कि पिछड़ों को नौकरी पाने के लिए अगड़ी जातियों से अधिक अंक लाने होते है। यह कैसा न्याय हुआ?
      6:- और यदि यह EWS आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर ही हैं तो यदि कोई पिछड़ी जाति का व्यक्ति अपनी जाति देखे बिना केवल ग़रीबी के आधार पर EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहें तो सरकार उसे केवल उसकी जाति के आधार पर उसे EWS आरक्षण का लाभ देने से मना कर देती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      7:- यदि 21% OBC आरक्षण को OBC की अलग अलग जातियों के बीच जातिवादी विभाजन कर बांटा जाना उचित है तो फिर SC,ST,MBC आरक्षण को भी इस तरह बांटा जाना चाहिए। केवल OBC आरक्षण को ही इस तरह बांटा जाए, यह कैसा न्याय हुआ?
      8:-सरकार उस आनुपातिक रूप से थोड़े से OBC आरक्षण को तो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले OBC वर्ग की अलग अलग जातियों मे बांटने की बातें करती हैं, ताकि OBC वर्ग की एकता को जातिवादी रूप देकर खत्म किया जा सके। लेकिन EWS आरक्षण को सभी गरीब लोगों को देने की बजाय केवल कुछ अगड़ी जातियों तक ही सीमित रखना चाहती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      9:- आज वर्तमान समय मे राजस्थान की प्रत्येक भर्ती/परीक्षा में OBC की कट-ऑफ EWS से हमेशा अधिक रहती है। लेकिन सरकारों का रवैया एसा है कि किसी एक वर्ग को सरकारी दस्तावेजों मे पिछड़ा हुआ (OBC) भी कहेंगे और फिर भी उस पिछड़े वर्ग (OBC) को नौकरी पाने के लिए अगड़ी/सवर्ण जातियों से अधिक अंक लाने होंगे क्योंकि उन लोगों का दोष केवल इतना है कि वो पिछड़ी जातियों (OBC) में जन्मे है, अगर वे ही लोग अगड़ी जातियों में जन्म लेते और सरकारों द्वारा सवर्ण कहलाए जाते तो शायद उन्हे नौकरी आसानी से कम अंक पर मिल जाती, जैसा कि आज राजस्थान में हो रहा है। यह OBC वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад +4

      ​@@jitenderrajput8691गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад

      @@Dhirendra.shekhawat90 Sir,
      *राजस्थान में OBC वर्ग के साथ एसा अन्याय क्यूँ?*
      राजस्थान में अगड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण में भेदभाव के निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर फरमाएं:-
      1:- सरकार अपने सरकारी दस्तावेजों में कुछ जातियों को अगड़ी/सवर्ण कहती है और कुछ अन्य जातियों को पिछड़ी जाति कहती है।
      यानि कि अगड़ी जातियों के पास हज़ारों सालों से पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभुत्व रहा हैं।
      2:- जो अगड़ी जातियां है उनके लोगों की वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक होती है तो वे लोग Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।
      और ठीक इसी प्रकार अन्य पिछड़ी जातियों/वर्ग (OBC) के लोगों की भी वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक हो तो वे लोग भी Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें भी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।
      3:- अब उक्त दोनों ही वर्गों के 8 लाख से कम आय वाले गरीब लोगों को राजस्थान सरकार द्वारा देय आरक्षण इस प्रकार है कि-
      राजस्थान की कुल जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली अगड़ी जातियों को सरकार 10% आरक्षण देती है और राजस्थान की कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत जनसंख्या वाली अन्य पिछड़ी जातियों को मात्र 21% आरक्षण देती हैं।
      4:- यानि कि अगड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक आनुपातिक आरक्षण। यह कैसा न्याय हुआ? कि किसी को पिछड़ा भी कहा जाए और फिर आरक्षण भी अगड़ी जातियों से आनुपातिक रूप से कम मिले ।
      5:- इस आरक्षण विसंगति के कारण वर्तमान में राजस्थान की प्रत्येक भर्ती परीक्षाओं में OBC की cutt off EWS से अधिक रहती हैं। यानि कि पिछड़ों को नौकरी पाने के लिए अगड़ी जातियों से अधिक अंक लाने होते है। यह कैसा न्याय हुआ?
      6:- और यदि यह EWS आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर ही हैं तो यदि कोई पिछड़ी जाति का व्यक्ति अपनी जाति देखे बिना केवल ग़रीबी के आधार पर EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहें तो सरकार उसे केवल उसकी जाति के आधार पर उसे EWS आरक्षण का लाभ देने से मना कर देती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      7:- यदि 21% OBC आरक्षण को OBC की अलग अलग जातियों के बीच जातिवादी विभाजन कर बांटा जाना उचित है तो फिर SC,ST,MBC आरक्षण को भी इस तरह बांटा जाना चाहिए। केवल OBC आरक्षण को ही इस तरह बांटा जाए, यह कैसा न्याय हुआ?
      8:-सरकार उस आनुपातिक रूप से थोड़े से OBC आरक्षण को तो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले OBC वर्ग की अलग अलग जातियों मे बांटने की बातें करती हैं, ताकि OBC वर्ग की एकता को जातिवादी रूप देकर खत्म किया जा सके। लेकिन EWS आरक्षण को सभी गरीब लोगों को देने की बजाय केवल कुछ अगड़ी जातियों तक ही सीमित रखना चाहती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      9:- आज वर्तमान समय मे राजस्थान की प्रत्येक भर्ती/परीक्षा में OBC की कट-ऑफ EWS से हमेशा अधिक रहती है। लेकिन सरकारों का रवैया एसा है कि किसी एक वर्ग को सरकारी दस्तावेजों मे पिछड़ा हुआ (OBC) भी कहेंगे और फिर भी उस पिछड़े वर्ग (OBC) को नौकरी पाने के लिए अगड़ी/सवर्ण जातियों से अधिक अंक लाने होंगे क्योंकि उन लोगों का दोष केवल इतना है कि वो पिछड़ी जातियों (OBC) में जन्मे है, अगर वे ही लोग अगड़ी जातियों में जन्म लेते और सरकारों द्वारा सवर्ण कहलाए जाते तो शायद उन्हे नौकरी आसानी से कम अंक पर मिल जाती, जैसा कि आज राजस्थान में हो रहा है। यह OBC वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

    • @jitenderrajput8691
      @jitenderrajput8691 2 месяца назад

      @@user-xg8tw9xf3d bhai gadh qile jamin pehle hi liy ja chuke h shayad apko pata nahi. Fect check karo do bar jamin act Laga h . Ha ye bolo jo thoda bahut bacha h 10. 20. 30. Rajputon ke pas wo bhi liya jay i agree. Fir uske bad to nahi Rona royenge SC St OBC varg. Neta buddhi jivi. Namste 🙏

  • @babulaljakhad3416
    @babulaljakhad3416 2 месяца назад +8

    सत्य, हकीकत का हमेशा विरोध होता है सत्य हमेशा कड़वा होता है जो हरीश चौधरी ने कहा

  • @ramkunwargahlot73
    @ramkunwargahlot73 2 месяца назад +31

    ये सब से ऊपर उठकर राजस्थान के युवा, गरीब, शोषित की बात करो

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад +1

      गढ़ किले सरकार को के मे लेना चाहिए ओर जमीन सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад

      @@ramkunwargahlot73 Sir,
      *राजस्थान में OBC वर्ग के साथ एसा अन्याय क्यूँ?*
      राजस्थान में अगड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण में भेदभाव के निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर फरमाएं:-
      1:- सरकार अपने सरकारी दस्तावेजों में कुछ जातियों को अगड़ी/सवर्ण कहती है और कुछ अन्य जातियों को पिछड़ी जाति कहती है।
      यानि कि अगड़ी जातियों के पास हज़ारों सालों से पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभुत्व रहा हैं।
      2:- जो अगड़ी जातियां है उनके लोगों की वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक होती है तो वे लोग Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।
      और ठीक इसी प्रकार अन्य पिछड़ी जातियों/वर्ग (OBC) के लोगों की भी वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक हो तो वे लोग भी Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें भी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।
      3:- अब उक्त दोनों ही वर्गों के 8 लाख से कम आय वाले गरीब लोगों को राजस्थान सरकार द्वारा देय आरक्षण इस प्रकार है कि-
      राजस्थान की कुल जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली अगड़ी जातियों को सरकार 10% आरक्षण देती है और राजस्थान की कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत जनसंख्या वाली अन्य पिछड़ी जातियों को मात्र 21% आरक्षण देती हैं।
      4:- यानि कि अगड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक आनुपातिक आरक्षण। यह कैसा न्याय हुआ? कि किसी को पिछड़ा भी कहा जाए और फिर आरक्षण भी अगड़ी जातियों से आनुपातिक रूप से कम मिले ।
      5:- इस आरक्षण विसंगति के कारण वर्तमान में राजस्थान की प्रत्येक भर्ती परीक्षाओं में OBC की cutt off EWS से अधिक रहती हैं। यानि कि पिछड़ों को नौकरी पाने के लिए अगड़ी जातियों से अधिक अंक लाने होते है। यह कैसा न्याय हुआ?
      6:- और यदि यह EWS आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर ही हैं तो यदि कोई पिछड़ी जाति का व्यक्ति अपनी जाति देखे बिना केवल ग़रीबी के आधार पर EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहें तो सरकार उसे केवल उसकी जाति के आधार पर उसे EWS आरक्षण का लाभ देने से मना कर देती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      7:- यदि 21% OBC आरक्षण को OBC की अलग अलग जातियों के बीच जातिवादी विभाजन कर बांटा जाना उचित है तो फिर SC,ST,MBC आरक्षण को भी इस तरह बांटा जाना चाहिए। केवल OBC आरक्षण को ही इस तरह बांटा जाए, यह कैसा न्याय हुआ?
      8:-सरकार उस आनुपातिक रूप से थोड़े से OBC आरक्षण को तो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले OBC वर्ग की अलग अलग जातियों मे बांटने की बातें करती हैं, ताकि OBC वर्ग की एकता को जातिवादी रूप देकर खत्म किया जा सके। लेकिन EWS आरक्षण को सभी गरीब लोगों को देने की बजाय केवल कुछ अगड़ी जातियों तक ही सीमित रखना चाहती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      9:- आज वर्तमान समय मे राजस्थान की प्रत्येक भर्ती/परीक्षा में OBC की कट-ऑफ EWS से हमेशा अधिक रहती है। लेकिन सरकारों का रवैया एसा है कि किसी एक वर्ग को सरकारी दस्तावेजों मे पिछड़ा हुआ (OBC) भी कहेंगे और फिर भी उस पिछड़े वर्ग (OBC) को नौकरी पाने के लिए अगड़ी/सवर्ण जातियों से अधिक अंक लाने होंगे क्योंकि उन लोगों का दोष केवल इतना है कि वो पिछड़ी जातियों (OBC) में जन्मे है, अगर वे ही लोग अगड़ी जातियों में जन्म लेते और सरकारों द्वारा सवर्ण कहलाए जाते तो शायद उन्हे नौकरी आसानी से कम अंक पर मिल जाती, जैसा कि आज राजस्थान में हो रहा है। यह OBC वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

    • @RL9_rm
      @RL9_rm 2 месяца назад

      ​@@user-xg8tw9xf3dtera ghar baat de kya logo me.... Saala joker tere purvajo se jhopdiyan nhi bani Or jinhone garh bnaye unhe baatde.... Teri jesi raande roti rhegi hmesha

  • @Rahulrajput-iq4b4oo5k
    @Rahulrajput-iq4b4oo5k 2 месяца назад +25

    Kya gajab kha bhati sahab ne ❤❤

  • @NawalSingh-m9n
    @NawalSingh-m9n 2 месяца назад +8

    देश में आज भूमि का अधिकार सरकार को है अगर मेरे पास भूमि है पर इस भूमि में कोयला या तेल रिफाइनरी जैसे कुछ भी भूमि में कोई भी धातु निकलेगा तो यह भूमि सरकार की होगी फिर मेरा किया इसि प्रकार पहले भूमि का मालिक ठाकुर होता था

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

  • @ajayrathore3093
    @ajayrathore3093 2 месяца назад +8

    हरीश चौधरी जमीन तुम्हारे जाटों के पास नहीं है क्या जाटों के पास में जमीन ठाकुरों से ज्यादा है यह कविताएं पढ़ने से कुछ नहीं होता दुनिया तुम्हारे को जान चुकी है तुमने राजस्थान में जातिवाद फैला रखा है और जातिवाद को महत्व दे रहे हो मैं उन सभी जातियों से निवेदन करना चाहता हूं ऐसे शब्दों का विरोध करें अगर यह कविता किसी ने बनाई होगी तो वह भी कोई जमाना दूसरा था अब वह जमाना नहीं है अब यह कविता पढ़ने से क्या फायदा हरीश जी अब देश आजाद है लोकतंत्र का जमाना है हर आदमी स्वतंत्र है ठाकुरों से ज्यादा तो तुम्हारे मुसलमान ने अत्याचार किया उन अत्याचारों को भूल गए क्या ठाकुर का कुआं 1000 वर्ष पहले था अभी तक ठाकुर का कुआं है ठाकुर के कुएं पर 800 साल मुसलमान ने राज किया 200 साल अंग्रेजों ने किया अब इस कहानी को पलट दो अब इस कविता ठाकुर की जगह जाट लिखो अब राजस्थान मैं इस कविता को उल्टा कर दो ठाकुरों का नाम लेकर आप जीत रहे हो आज की परिस्थिति में ठाकुर सबसे ज्यादा गरीब है लेकिन आप जैसे नफरत करने वाले यह समझ में जातिवाद का जहर घोलकर अपनी राजनीति रोटियां शेक रहे हैं आप अपनी राजनीति रोटियां सीखने के कारण जनता में जातिवाद का जहर मत बोलो हम और आप तो 50 40 साल बाद मर जाएंगे लेकिन पीछे की पीढ़ियां हमको गलियां देगी हरीश चौधरी ऐसे गलत काम मत कर

    • @ashokchoudhary5519
      @ashokchoudhary5519 2 месяца назад +1

      Bhaisab es kavita m takur shabd kisi jativisheh k lye nhi h... only tanashahi...ki trf esara h...

    • @ashokchoudhary5519
      @ashokchoudhary5519 2 месяца назад

      Ha unhone kavita k end m uska moral pura nhi kiya...y galat huva..

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @Jagdishsihag9
      @Jagdishsihag9 2 месяца назад +3

      भाई कविता राजपूत समाज पर नहीं कविता बजट के पक्षपात कर पढ़ी गई।
      यार इतना भी जहर मत ऊगलो
      बाड़मेर आज भारत का सबसे गरीब जिला है और सरकार कि और से क्या मिला है कुछ भी नहीं इस साल का बजट सुखा ही गया, सबसे ज्यादा वहां दिया जा रहा है जहा अच्छी खेती और पानी है, भरतपुर और धौलपुर में

  • @EnlighteningINDIA
    @EnlighteningINDIA 2 месяца назад +9

    भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने वाला योद्धा हरीश चौधरी ज़िंदाबाद जिंदाबाद। माफी नहीं मांगेगा क्योंकि दलित और पिछड़ों की सपोर्ट से लीडर है। जय कांग्रेस विजय कांग्रेस।

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      🎉dalit to ESI oochi bat kaega nhi ye kewal jaato ki soch he

  • @RamRatan-rp6zf
    @RamRatan-rp6zf 2 месяца назад +18

    कविता पढ़ना गुनाह है क्या।कविता हरीश चौधरी लिखी है क्या

    • @junjharonlinestudy5360
      @junjharonlinestudy5360 2 месяца назад

      तेमूर् लंग वाली कविता राजपूत पढ़ने लग गए तो kya होंगा😅 नस्ल

    • @m.subhash4197
      @m.subhash4197 2 месяца назад

      ​@@junjharonlinestudy5360अबे अनपढ़ पता भी है क्या कविता किसने लिखी है ?

    • @Sportsandfitness218
      @Sportsandfitness218 2 месяца назад

      Kabhi dangawas wali book bhi padh lo phir

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      ​@@junjharonlinestudy5360पढो लिखो

  • @prahaladmansuriya1503
    @prahaladmansuriya1503 2 месяца назад +3

    सच हमेशा कड़वा होता है गरीबों और शोषितों का कुछ भी नहीं है ना गांव है ना शहर है na hi देश

  • @true5839
    @true5839 2 месяца назад +10

    Jaat congress vs rajput BJP.......yah clear ho gaya he

    • @baburamdehru160
      @baburamdehru160 2 месяца назад

      Barmer Jaisalmer me 20 dal se bjp ko vote nhi dia or dhani bjp ka
      😂😂😂😂

    • @true5839
      @true5839 2 месяца назад

      @@baburamdehru160 ab dange jaat bhi Rani ki hukum sar ankho par le rahe he......or congress ko support kar rahe he

  • @shyamnirmohiBkn
    @shyamnirmohiBkn 2 месяца назад +1

    ठाकुर का कुआं कविता जब जब पढ़ी गई तब तब ठाकुर इसे व्यक्तिगत ले लेते हैं जो कि गलत है।
    इस कविता की मूल भावना को समझें।
    हरीश चौधरी ने जिस संदर्भ में इस कविता को पढ़ा वो बिलकुल प्रासंगिक है।

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      Mul bhawna ko smjh chuke he Bhai hmare purwajo ne grdne ktai desh dharm ki raksha ke liye mere gaw me jb nl nhi aate the to thakur sahab anoop singh sa ka kuwa tha us kuwe se pura gaw Pani pita tha bil thakur sahab bharte the mera gaw nagour jila prabatsar hranawa patty he aake dekh lena gaw me puch lena thakur 36 kom ke liye khda hota he bhale me kewal man or samman chahiye or kuch bhi nhi

  • @Shekhawati77
    @Shekhawati77 2 месяца назад +13

    शेर हरीश चौधरी जी जिंदाबाद, सच कड़वा होता है और सच्चाई हर किसी को हज़म नहीं होती

  • @AnandrathoreRathore
    @AnandrathoreRathore 2 месяца назад +1

    राजपुत समाज को नया राज्य की मांग करें जिसमें गुजरात मध्यप्रदेश हरियाणा गोवा पंजाब राजस्थान बिहार एवं अन्य राज्यों के लोगों शामिल हो

  • @Dhirendra.shekhawat90
    @Dhirendra.shekhawat90 2 месяца назад +15

    Ravsa jindabad ✌️

  • @Jaipal_Lakharam
    @Jaipal_Lakharam 2 месяца назад +11

    हरीश चौधरी जिंदाबाद

    • @sumanmeel7543
      @sumanmeel7543 2 месяца назад +2

      ​@stboys1932Akbari rajput muglput

    • @br-db1eq
      @br-db1eq 2 месяца назад

      @stboys1932 tu Tera Jo kaam hai mughalputo ke talve chatna vahi kar beta 😂😂 ab koi sc st obc inki to gulami karega nahi aur agar tu Sacha aadivasi hota to budget ko dekhkar samaj jata budget kin logo ke fayde ka hai

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      ​@stboys1932आदिवासी तुम नहीं हो मुगलपुत बिन नाम के हलाला की पेदाईशी मुर्खाआनन😂

  • @choudharybhupendersingh6452
    @choudharybhupendersingh6452 2 месяца назад +12

    ठाकुर का कुआं नहीं
    ठाकुर का ठेका (दारू)😂😂😂

    • @ramsinghsolanki9151
      @ramsinghsolanki9151 2 месяца назад +9

      Harish ne pahli Baar Sahi kaha ki sab kuchh Thakur ka to thara tabar bhi thakur ka 😂😂😂😂😂😂

    • @yuvrajsinghrathore1784
      @yuvrajsinghrathore1784 2 месяца назад +4

      ठेका ठाकुर का लेकिन पीने वाली थैली जाटों की

    • @yuvrajsingh1881
      @yuvrajsingh1881 2 месяца назад +2

      Harish chaudhary 💪💪💪💪

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @raghuveersingh1344
      @raghuveersingh1344 2 месяца назад

      @@user-xg8tw9xf3d papa bnaya kai

  • @nathusingh6799
    @nathusingh6799 2 месяца назад +8

    हरीश चौधरी जिंदाबाद ❤🎉🎉

  • @sukhrambhakhar2813
    @sukhrambhakhar2813 2 месяца назад +12

    जननायक हरीश चौधरी मारवाड़ कि चौधराठ

    • @Vinay12359
      @Vinay12359 2 месяца назад +1

      😂😂

    • @KARTIK-t3m7z
      @KARTIK-t3m7z 2 месяца назад

      Ise chodrahat nhi bolte rifhainri kaha gya sala

    • @deependrarathore3679
      @deependrarathore3679 2 месяца назад

      😂😂😂😂😂😂

    • @motivationalyuvi
      @motivationalyuvi 2 месяца назад

      Jatiwaad kida h Harish

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      ​@@motivationalyuviबिन नाम के हलाला की पेदाईशी मुर्खाआनन

  • @narsaram2020
    @narsaram2020 2 месяца назад +11

    Harish Choudhary jindabad ❤❤

    • @durjan3392
      @durjan3392 2 месяца назад

      गधा है

  • @kabiraram8409
    @kabiraram8409 2 месяца назад +9

    कांग्रेस पार्टी हरीश चौधरी को तुरंत बर्खास्त करें

    • @jasrajgodara6658
      @jasrajgodara6658 2 месяца назад +2

      ओकात हो तो करा कर दिखा

    • @br-db1eq
      @br-db1eq 2 месяца назад +5

      Pura sc st obc sath hai ab inki gulami koi ni karega mughputo ki

    • @ravindratanwar4306
      @ravindratanwar4306 2 месяца назад

      Jhaato ke sath koi sc st nhi h ye jhaat h akele hum sab rajputo ke sath h

    • @yuvrajsingh1881
      @yuvrajsingh1881 2 месяца назад

      Tere liye to jhaat hi kafhi he 💪💪💪

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад +1

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

  • @jrgodara5837
    @jrgodara5837 2 месяца назад +4

    Mafi na mange choudhary shahb ❤

  • @भारतीय101
    @भारतीय101 2 месяца назад

    *हरीश वही है जिसने आरक्षण बढ़ाने की कही थी obc का, लेकिन obc आरक्षण ko बाटना चाहिए, हरियाणा, बिहार की तर्ज पर राजस्थान और up में*

  • @भारतीय101
    @भारतीय101 2 месяца назад +3

    *भाजपा को इस कविता के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए*

  • @AnoopRajput-q4p
    @AnoopRajput-q4p 2 месяца назад +3

    जाट समाज को आगे आकर विरोध करना चाहिए इस बात का

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад +2

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

  • @SunilKulhari-so2yc
    @SunilKulhari-so2yc 2 месяца назад +13

    Harish choudhary ne jo bola woh sahi bola, but us chiz ko log samaj nahi pa rahe

    • @ranjeetsinghrathore1774
      @ranjeetsinghrathore1774 2 месяца назад

      Thakur ward ki jgh chodhary use kro aajkal choudhary pese wale ko bolte h

    • @motivationalyuvi
      @motivationalyuvi 2 месяца назад

      Teri ammi ko gadha

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад +2

      @@SunilKulhari-so2yc Sir,
      *राजस्थान में OBC वर्ग के साथ एसा अन्याय क्यूँ?*
      राजस्थान में अगड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण में भेदभाव के निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर फरमाएं:-
      1:- सरकार अपने सरकारी दस्तावेजों में कुछ जातियों को अगड़ी/सवर्ण कहती है और कुछ अन्य जातियों को पिछड़ी जाति कहती है।
      यानि कि अगड़ी जातियों के पास हज़ारों सालों से पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभुत्व रहा हैं।
      2:- जो अगड़ी जातियां है उनके लोगों की वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक होती है तो वे लोग Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।
      और ठीक इसी प्रकार अन्य पिछड़ी जातियों/वर्ग (OBC) के लोगों की भी वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक हो तो वे लोग भी Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें भी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।
      3:- अब उक्त दोनों ही वर्गों के 8 लाख से कम आय वाले गरीब लोगों को राजस्थान सरकार द्वारा देय आरक्षण इस प्रकार है कि-
      राजस्थान की कुल जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली अगड़ी जातियों को सरकार 10% आरक्षण देती है और राजस्थान की कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत जनसंख्या वाली अन्य पिछड़ी जातियों को मात्र 21% आरक्षण देती हैं।
      4:- यानि कि अगड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक आनुपातिक आरक्षण। यह कैसा न्याय हुआ? कि किसी को पिछड़ा भी कहा जाए और फिर आरक्षण भी अगड़ी जातियों से आनुपातिक रूप से कम मिले ।
      5:- इस आरक्षण विसंगति के कारण वर्तमान में राजस्थान की प्रत्येक भर्ती परीक्षाओं में OBC की cutt off EWS से अधिक रहती हैं। यानि कि पिछड़ों को नौकरी पाने के लिए अगड़ी जातियों से अधिक अंक लाने होते है। यह कैसा न्याय हुआ?
      6:- और यदि यह EWS आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर ही हैं तो यदि कोई पिछड़ी जाति का व्यक्ति अपनी जाति देखे बिना केवल ग़रीबी के आधार पर EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहें तो सरकार उसे केवल उसकी जाति के आधार पर उसे EWS आरक्षण का लाभ देने से मना कर देती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      7:- यदि 21% OBC आरक्षण को OBC की अलग अलग जातियों के बीच जातिवादी विभाजन कर बांटा जाना उचित है तो फिर SC,ST,MBC आरक्षण को भी इस तरह बांटा जाना चाहिए। केवल OBC आरक्षण को ही इस तरह बांटा जाए, यह कैसा न्याय हुआ?
      8:-सरकार उस आनुपातिक रूप से थोड़े से OBC आरक्षण को तो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले OBC वर्ग की अलग अलग जातियों मे बांटने की बातें करती हैं, ताकि OBC वर्ग की एकता को जातिवादी रूप देकर खत्म किया जा सके। लेकिन EWS आरक्षण को सभी गरीब लोगों को देने की बजाय केवल कुछ अगड़ी जातियों तक ही सीमित रखना चाहती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      9:- आज वर्तमान समय मे राजस्थान की प्रत्येक भर्ती/परीक्षा में OBC की कट-ऑफ EWS से हमेशा अधिक रहती है। लेकिन सरकारों का रवैया एसा है कि किसी एक वर्ग को सरकारी दस्तावेजों मे पिछड़ा हुआ (OBC) भी कहेंगे और फिर भी उस पिछड़े वर्ग (OBC) को नौकरी पाने के लिए अगड़ी/सवर्ण जातियों से अधिक अंक लाने होंगे क्योंकि उन लोगों का दोष केवल इतना है कि वो पिछड़ी जातियों (OBC) में जन्मे है, अगर वे ही लोग अगड़ी जातियों में जन्म लेते और सरकारों द्वारा सवर्ण कहलाए जाते तो शायद उन्हे नौकरी आसानी से कम अंक पर मिल जाती, जैसा कि आज राजस्थान में हो रहा है। यह OBC वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

    • @theteacher9906
      @theteacher9906 2 месяца назад +2

      हरीश चौधरी ने सही और सत्य कहा है और लोग जो समझ रहे है सही ही समझ रहे है क्योंकि उन्हे यही समझाने के लिए ही कहा है ।
      हरीश चौधरी यू आर 100℅ राइट

  • @joyclearly
    @joyclearly 2 месяца назад +7

    Mul obc jindabad ♥️♥️

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад

      @@joyclearly Sir,
      *राजस्थान में OBC वर्ग के साथ एसा अन्याय क्यूँ?*
      राजस्थान में अगड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण में भेदभाव के निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर फरमाएं:-
      1:- सरकार अपने सरकारी दस्तावेजों में कुछ जातियों को अगड़ी/सवर्ण कहती है और कुछ अन्य जातियों को पिछड़ी जाति कहती है।
      यानि कि अगड़ी जातियों के पास हज़ारों सालों से पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभुत्व रहा हैं।
      2:- जो अगड़ी जातियां है उनके लोगों की वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक होती है तो वे लोग Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।
      और ठीक इसी प्रकार अन्य पिछड़ी जातियों/वर्ग (OBC) के लोगों की भी वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक हो तो वे लोग भी Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें भी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।
      3:- अब उक्त दोनों ही वर्गों के 8 लाख से कम आय वाले गरीब लोगों को राजस्थान सरकार द्वारा देय आरक्षण इस प्रकार है कि-
      राजस्थान की कुल जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली अगड़ी जातियों को सरकार 10% आरक्षण देती है और राजस्थान की कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत जनसंख्या वाली अन्य पिछड़ी जातियों को मात्र 21% आरक्षण देती हैं।
      4:- यानि कि अगड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक आनुपातिक आरक्षण। यह कैसा न्याय हुआ? कि किसी को पिछड़ा भी कहा जाए और फिर आरक्षण भी अगड़ी जातियों से आनुपातिक रूप से कम मिले ।
      5:- इस आरक्षण विसंगति के कारण वर्तमान में राजस्थान की प्रत्येक भर्ती परीक्षाओं में OBC की cutt off EWS से अधिक रहती हैं। यानि कि पिछड़ों को नौकरी पाने के लिए अगड़ी जातियों से अधिक अंक लाने होते है। यह कैसा न्याय हुआ?
      6:- और यदि यह EWS आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर ही हैं तो यदि कोई पिछड़ी जाति का व्यक्ति अपनी जाति देखे बिना केवल ग़रीबी के आधार पर EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहें तो सरकार उसे केवल उसकी जाति के आधार पर उसे EWS आरक्षण का लाभ देने से मना कर देती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      7:- यदि 21% OBC आरक्षण को OBC की अलग अलग जातियों के बीच जातिवादी विभाजन कर बांटा जाना उचित है तो फिर SC,ST,MBC आरक्षण को भी इस तरह बांटा जाना चाहिए। केवल OBC आरक्षण को ही इस तरह बांटा जाए, यह कैसा न्याय हुआ?
      8:-सरकार उस आनुपातिक रूप से थोड़े से OBC आरक्षण को तो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले OBC वर्ग की अलग अलग जातियों मे बांटने की बातें करती हैं, ताकि OBC वर्ग की एकता को जातिवादी रूप देकर खत्म किया जा सके। लेकिन EWS आरक्षण को सभी गरीब लोगों को देने की बजाय केवल कुछ अगड़ी जातियों तक ही सीमित रखना चाहती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      9:- आज वर्तमान समय मे राजस्थान की प्रत्येक भर्ती/परीक्षा में OBC की कट-ऑफ EWS से हमेशा अधिक रहती है। लेकिन सरकारों का रवैया एसा है कि किसी एक वर्ग को सरकारी दस्तावेजों मे पिछड़ा हुआ (OBC) भी कहेंगे और फिर भी उस पिछड़े वर्ग (OBC) को नौकरी पाने के लिए अगड़ी/सवर्ण जातियों से अधिक अंक लाने होंगे क्योंकि उन लोगों का दोष केवल इतना है कि वो पिछड़ी जातियों (OBC) में जन्मे है, अगर वे ही लोग अगड़ी जातियों में जन्म लेते और सरकारों द्वारा सवर्ण कहलाए जाते तो शायद उन्हे नौकरी आसानी से कम अंक पर मिल जाती, जैसा कि आज राजस्थान में हो रहा है। यह OBC वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

  • @jasrajgodara6658
    @jasrajgodara6658 2 месяца назад +8

    हरीश चौधरी के साथ पूरा जाट समाज खड़ा है जी,

    • @jethusingh9335
      @jethusingh9335 2 месяца назад +4

      To kya fayda lega
      Khda rah

    • @VanshSinghrajput-nb4zf
      @VanshSinghrajput-nb4zf 2 месяца назад +5

      Tum hamesha galat ke saat hi hote ho😂😂

    • @VanshSinghrajput-nb4zf
      @VanshSinghrajput-nb4zf 2 месяца назад +4

      Tum toh sabse jada mul obc ka hak kha rahe ho 😂

    • @br-db1eq
      @br-db1eq 2 месяца назад +3

      Pura sc st obc sath hai ab inki gulami koi ni karega mughputo ki

    • @joyclearly
      @joyclearly 2 месяца назад +1

      ​@@br-db1eq obc mei koi sath nhi khda chodu k mul obc ka haq bachana bhi hai jaruri 😢😢😢

  • @KaranSinghChundawat-n1t
    @KaranSinghChundawat-n1t 2 месяца назад +3

    इससे तो मैंन भी धमकी दी ठाकुर पर टिप्पणी करना छोड़ दे कोई जवाब नहीं आया 72 घंटे हुए अभी तक

  • @br-db1eq
    @br-db1eq 2 месяца назад +7

    Pura sc st obc sath hai ab inki gulami koi ni karega mughputo ki

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      🎉saalo asli mugalput to. Tum ho tbhi to sankhaya me itne jyada ho lde hote mere hote to tumhari bhi sankhya km hoti

    • @RAHUL-ib5yr
      @RAHUL-ib5yr 2 месяца назад

      ​@@user-Rajveerbannaladai ke samay hum janglo me chale gaye the

  • @VijendraSinghShekhawat-zu3qi
    @VijendraSinghShekhawat-zu3qi 2 месяца назад +1

    😊😊😊 Harish Jat Bhe Thakur Ka 😊 Jach Kar Lo Ya 56 Niya Kaal Ki Upaj Ha 😊😊😊 Jai Jai Shri Ram ❤❤❤

  • @rajkumarbhari4867
    @rajkumarbhari4867 2 месяца назад

    सत्य बात से सबको मिर्ची लगती है

  • @Sahabjeet3129
    @Sahabjeet3129 2 месяца назад

    आज़ादी के बाद देश को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चलाया जा रहा है लेकिन फिर भी राष्ट्रवादी कौम पर प्रहार करना लोकतंत्र की कमजोरी है, वामपंथी विचार धारा से राजपूतों का योगदान कम नही हो जायेगा, महिला बिल हो राज्य बिल नाम ठाकुर का क्यों?

  • @vijubanna2376
    @vijubanna2376 2 месяца назад +8

    Ravsa ❤️🤟💪

  • @RatanLal-wq7od
    @RatanLal-wq7od 2 месяца назад

    राजपूत राजस्थान के शान है महाराणा प्रताप कोभूल गए

  • @theteacher9906
    @theteacher9906 2 месяца назад +4

    हरीश जी माफ़ी मांगने की कोई जरूरत नहीं है, राजपूत संघठन राजनीति कर रहे है इस मुद्दे पर । अगर कांग्रेस पार्टी हरीश चौधरी के विरुद्ध इस पक्षपात पूर्ण बजट को कविता के माध्यम से विरोध करने पर कार्यवाही करती है तो ये बेहद शर्मनाक होगा और वो समाज जिन्हे इस बजट में कुछ नहीं मिला वो इसका विरोध करेंगे ।
    राजतंत्र और लोकतंत्र में से किसका चुनाव करना है ये कांग्रेस भली भाँति जानती है और जो कांग्रेसी नेता मुखरता से राजतंत्र की पेरवी कर रहे है उनके विरुद्ध कार्यवाही करने की आवश्यकता है ।
    जातिवादी हरीश चौधरी नहीं है, जातिवादी वो लोग है जिनको लगता है की ये कविता उनके लिए बोली गयी है ये कुआँ आज भी उनका है लेकिन वो भूल रहे है की अब कुंआ उनका नहीं है क्योंकि अब लोकतंत्र है राजतंत्र नहीं ।
    जिन किलों और गढ़ों की बात की जा रही है वो गरीब जनता के खून चूस कर और लाशों पर बने है इस पर जो लोग गर्व करते है उन्हे मुबारक । इन किलों पर अपनी सता कायम रखने के लिए कितने मुगलों और अंग्रेजों से कैसे रिश्ते बनाये गए थे ये इतिहास भी पढ़ लेना चाहिए ।
    कितने अत्याचार किये गए थे आम गरीब जनता पर इन्ही किलों में बैठे हुक्मरानो ने और किस सुरक्षा की और धर्म रक्षा की डिंगे हाँकी जा रही है? वो सुरक्षा जिनको विवाह सम्बन्धों की एवज में भीख में मिले या वो धर्म रक्षा जिनको तख़्तो ताज के सामने गुटने टेक कर सत्ता को कायम रखा या वो आजादी जो अंग्रेजों के साथ मिलकर जनता का खून चूस रही थी ।
    ये असलियत है इन महलों, किलों और गढ़ों की ।

    • @NeelMeghwal
      @NeelMeghwal 2 месяца назад

      Bahut Acha likha hai, Shabh! "Yeh kile janta ke hi khoon pasine se bane hai"

    • @FunnyPug-jr8bx
      @FunnyPug-jr8bx 2 месяца назад

      Tum logo ki aukaat nahi h jo kuch bolo , darpok log jab jrurat thi desh ko tab ladne vala thakur tum toh apni maa k bhosde mein ghus gaye the

    • @samundrasinghsodha884
      @samundrasinghsodha884 2 месяца назад +2

      जै न होवत ठाकुर , तो नमाज पढ़ता नैन , गोविंद होता गुफरा , हरीश होता हुसैन 😅😅

    • @RAHUL-ib5yr
      @RAHUL-ib5yr 2 месяца назад

      ​@@samundrasinghsodha884कायमखानी मुसलमान राजपूतों से बने हैं

  • @Chandraprakash-250
    @Chandraprakash-250 2 месяца назад

    धर्मेंद्र की एक मूवी बनी हुई है जिसमें ठाकुरों ने जिसमें ठाकुरों ने गांव को पानी देना बंद कर दिया और खूनी संघर्ष हुआ था

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      Filmo me dekh ke thakuro ko itihas me dekho apne purwajo se pucho thakur nyay krte the grdrne krte the dharm ke liye jine Wale or mrne Wale the thakur

  • @hansrajgurjar7915
    @hansrajgurjar7915 2 месяца назад +2

    हरीश चौधरी जी ने कविता कीसी जाती को टारगेट करके नहीं कहा है उन्होंने बोला है की जो बड़े लोगो के लिए कहा है

  • @gyanendrasinghtomar6713
    @gyanendrasinghtomar6713 2 месяца назад +1

    Jai Shree Ram ji 🙏 Jai Rajputana 🙏 Jai Maa Bhawani 🙏 🚩

  • @banwarilalgurjar3739
    @banwarilalgurjar3739 2 месяца назад +7

    Ye kavita hai ya nahi agar hai tau natak kyo aage badho janta ke kaam karo

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      ​@stboys1932गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @gheesushekhawat6491
      @gheesushekhawat6491 2 месяца назад

      ​@@user-xg8tw9xf3dchal hatt😂

  • @poonmaramchoudhary7421
    @poonmaramchoudhary7421 2 месяца назад +5

    जानकारी के अभाव में अनावश्यक तुल दिया जा रहा है हरीश चौधरी जी ने ग़लत कुछ नहीं कहा है

  • @mayanksingh9719
    @mayanksingh9719 2 месяца назад +6

    Ravindra bhati❤❤

  • @bhanwarukhan-i4q
    @bhanwarukhan-i4q 2 месяца назад

    यह तब की कविता जब देश राजपूत राज के समय परकुछ कवि पढ़ते थे। उदहारण के लिए नेता ने उपयोग किया है।

  • @Inklabi_Vikram
    @Inklabi_Vikram 2 месяца назад +2

    शब्द चयन थोड़ा और बेहतर हो सकता था जिससे विवाद पैदा नहीं होता और अपनी बात भी कही जा सकती थी ! राजनीति यही है - बांटो और राज करो ! राजपूत नेता भी बांटने का काम कर रहे है और जाट नेता भी वही कर रहे है ! ठंडे दिमाग से काम लो लोगो, ये नेता आपको ऐसे ही खाते रहेंगे!

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      @stboys1932 अडानी अंबानी टैक्स भरते है खुद की महेनत से कमाया है देश आजाद होने के बाद मे

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      @stboys1932 सब गरीब समाज को समान मिलना चाहिए आजादी मे सब समाज का बरोबर योगदान है मुगल अंग्रेजो के समय मे भारत खण्ड खण्ड हो गया क्योंकि रण्डपूत मिलकर ईनसे दारू मास खाकर रण्डीनाच ऐस कर थे फिर चन्द्रशेखर आजाद भगतसिंग सुभाषचंद्र बोस वल्लभभाई पटेल भीमराव आंबेडकर ने दिलवाई आजादी सब समान है

  • @hindusingh4569
    @hindusingh4569 2 месяца назад

    माफी मागे हरीश चोधरी

  • @shyamsinghnaruka9503
    @shyamsinghnaruka9503 2 месяца назад +5

    Yah Kavita nahin thi ek unche pad per baithe hue aadami ki Giri Hui soch mansikta byan karti hai vah bhi vidhansabha mein inhone Apne area ka bhi Vikas nahin karaya jatigat niti per logon Ko Gumrah Kiya yah khud unche padon per the but logon ka koi Bhala nahin kiya Bhagwan dekh raha hai faisla jarur hoga

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      भगवान देख रहा है आजादी दिलवाई गरीब शोशीतो समाज ने गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

  • @rampratapjaat5538
    @rampratapjaat5538 2 месяца назад +2

    हरीश चौधरी शेर है।

  • @nakhatsinghsingh1598
    @nakhatsinghsingh1598 2 месяца назад +1

    ठाकुर नही होते तो हरीश तू हुसैन होता कन्ही नमाज पढ़ता होता

  • @PatapJat
    @PatapJat 2 месяца назад +1

    हरिश।चोधरी। कविता।ठीक।।मणसै।अदुन।।यापरैको।देना।पड़ता।था।सिंह।बात

  • @kisanputra1686
    @kisanputra1686 2 месяца назад

    ये कविता जान-बूझकर सदन में पढ़ाई जाती है,ताकि जाति का जहर हिन्दुओ को लील जाये।

  • @bharatlal7264
    @bharatlal7264 2 месяца назад +4

    हरीश चौधरी जिंदाबाद था ह और रहेगा

  • @sukhramsihag7362
    @sukhramsihag7362 2 месяца назад

    और दो कांग्रेस को वोट कांग्रेस हमेशा हिंदू विरोधी रही है

  • @jogaramkakar6731
    @jogaramkakar6731 2 месяца назад

    हरीश जी चोधरी जीनदाबाद 🎉❤।कहा है रासपुत बताओ जुठ मत बोलो भाई जनता को पता है।गरीबो कपड़े उतार देता।था रासपुत जुती नही पहनने देते थे रासपुत नीस सरकार बनी तब गरीब मजदूर कीसान दलीत सबको आराम मीला 😂😢😮

  • @letswrite66
    @letswrite66 2 месяца назад

    प्रताप सिंह चला हुआ कारतूस है 😂 विपक्ष पूरा चौधरी के साथ है

  • @surajbanna6357
    @surajbanna6357 2 месяца назад +4

    ठग ऑफ़ बाड़मेर

  • @vedprakashajawa1475
    @vedprakashajawa1475 2 месяца назад +1

    राजपूत राजपूत छोड़ो राजस्थान में जाट क्या मर गए क्या ज्यादा बकवास की ना
    सबको लंबा .... यह तो मुगलों के रिश्तेदार है

  • @chandrapalsinghbhati4088
    @chandrapalsinghbhati4088 2 месяца назад +7

    Ravsa

  • @tharmarudhara.2317
    @tharmarudhara.2317 2 месяца назад +4

    सत्य है कविता पर कड़वी सच्चाई है

  • @user-xg8tw9xf3d
    @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

    गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

    • @harshvardhansinghkalyanvat836
      @harshvardhansinghkalyanvat836 2 месяца назад

      Haaa to jb hisaab hoga to fir tumhare hisse में आज जो है वो भी नहीं आएगा

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      @@harshvardhansinghkalyanvat836 सब गरीब समाज को बरोबर मिलना चाहिए आऐ नही आऐ मुझे कोई फर्क नही पड़ता है भगवान के घर देर है अन्धेर नही दया धर्म मुल भारत की शान है चन्द्रशेखर आजाद भगतसिंग सुभाषचंद्र बोस वल्लभभाई पटेल भीमराव आंबेडकर ने दिलवाई आजादी लोकतंत्र है सब समान है

    • @harshvardhansinghkalyanvat836
      @harshvardhansinghkalyanvat836 2 месяца назад

      @@user-xg8tw9xf3d ooo ho ho sab samaan h vaah pdhai likhayi ki h kuch or soch rha h ki h to tu pgl h pdhna kabhi polity

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      ​@@user-xg8tw9xf3dthik h mharkan bhi do kila he aaja je leba n de deu tk😂😂😂

  • @NEHACHOUDHARY-x8c
    @NEHACHOUDHARY-x8c 2 месяца назад

    My अंकल हरीश जी ❤

  • @BankaRam-ff3ef
    @BankaRam-ff3ef 2 месяца назад

    Tera bilkul sahi hai

  • @Foji_Raj
    @Foji_Raj 2 месяца назад

    हरीश जिंदाबाद

  • @Raju_thath_rtg
    @Raju_thath_rtg 2 месяца назад

    सही कहा है चौधरी ने इसमें गलत कया है

  • @JitendraSingh-rb5yr
    @JitendraSingh-rb5yr 2 месяца назад

    उखड़ लेते अगर दम था तो, अब ठाकुर को सिर्फ कोसते रहो, और कर भी क्या सकते हो

  • @rangeetsinghrajput1677
    @rangeetsinghrajput1677 2 месяца назад +2

    इस्तीफा दो

  • @mahaveersinghrathore6310
    @mahaveersinghrathore6310 2 месяца назад +1

    Harish ko patta nahi, cock, petrol, mines marble jipsam, bajari, aur jamin sarkar ki h

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए

  • @mohitchaudhary7249
    @mohitchaudhary7249 2 месяца назад

    Thakur ka mtlb power me baithe netao aur system k adhikariyo aur businessman se h na k sirf rajput caste se

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      Rehne de sansad ke chunawo ke vkt dekha tha iski smjhdari ko

  • @भारतीय101
    @भारतीय101 2 месяца назад

    *ये लडाई पुरानी राजपूत और झाट की लड़ाई बनती जा रही है*

  • @KarnidarbarSingh
    @KarnidarbarSingh 2 месяца назад +2

    Tairko kunyai ka pani nhi pinai daite to tu zinda kaise hai 🤔🤔🤔😂😂😂 thats why education is important

  • @laxmansingh-uj7px
    @laxmansingh-uj7px 2 месяца назад +2

    Ye bhi bata do arakshan kiska h,or thakuro ko kya mila h sarkar s

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад +1

      राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में अगड़ी और पिछड़ी जातियों (OBC) के आरक्षण में आधारहीन भेदभाव*:
      राजस्थान में आरक्षण प्रणाली का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को समान अवसर प्रदान करना था, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में गरीब अगड़ी जातियों (EWS) और गरीब पिछड़ी जातियों (OBC) के बीच एक बड़ा भेदभाव सामने आया है, जो समाज में न्याय और समानता के सिद्धांतों पर सवाल खड़े कर रहा है।
      जब EWS को 10% आरक्षण दिया गया, तब गरीब सवर्णों को ही इसका लाभ मिला। लेकिन गरीब पिछड़ी जातियों (OBC) को पहले से ही 21% आरक्षण का लाभ मिल रहा था। सरकारों को लगा कि अगड़ी जातियों के गरीब लोगों को भी आरक्षण मिलना चाहिए, इसलिए बिना किसी आयोग/सर्वेक्षण की रिपोर्ट के 10% आरक्षण EWS के रूप में दे दिया गया, वो भी बिना जनसँख्या एवं ग़रीबी स्तर का आंकलन किए। अब सवाल यह उठता है कि जब सरकारों की नजर मे गरीब पिछड़ों (OBC) को पहले ही पर्याप्त आरक्षण का लाभ मिल रहा था और सरकारों की नजर में OBC को आज भी EWS के मुकाबले पर्याप्त आरक्षण का लाभ मिल ही रहा है, तो फिर आज भर्ती परीक्षाओं में गरीब पिछड़ों(OBC) की कट-ऑफ गरीब सवर्णों से अधिक क्यों जा रही है?
      वर्तमान में स्थिति यह है कि OBC श्रेणी के गरीब उम्मीदवारों की कट-ऑफ हमेशा ही हर भर्ती परीक्षा में EWS श्रेणी के (गरीब सवर्ण) उम्मीदवारों से अधिक रहती है, फिर भी सरकारों को OBC और EWS के आरक्षण में कोई विसंगति नजर नहीं आ रही है। यह असमानता और भी अधिक स्पष्ट हो जाती है जब गरीब पिछड़ी जाति (OBC) के उम्मीदवार को EWS श्रेणी के उम्मीदवार से प्रत्येक भर्ती में ही अधिक अंक लाकर चयनित होना पड़ता है, और उसे सरकारी दस्तावेज में किसी दूसरे के मुकाबले पिछड़ा ही लिखा जाता है, गरीब तो यह पिछड़ा(OBC) भी है और गरीब तो वो अगड़ी जातियों (EWS) वाला भी, लेकिन EWS को कम से कम यह तो सहूलियत है कि गरीब ही सही लेकिन वो खुद को सरकारी दस्तावेजों में अगड़ी जाति/सवर्ण तो लिख सकते हैं, और भर्ती में चयन के लिए अंक भी पिछडे लोगों से कम ही प्राप्त करने हैं।
      यह स्थिति और भी अधिक विवादास्पद तब हो जाती है जब एक गरीब OBC उम्मीदवार तंत्र से यह कहता है कि उसे OBC का लाभ नहीं चाहिए, और वह किसी जाति को नहीं मानता, केवल उसे अनारक्षित समझा जाए और केवल उसकी ग़रीबी के कारण उसे Economically Weaker Section (EWS) श्रेणी का लाभ दिया जाए। तब सरकारी तंत्र उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं देता और उसे कहा जाता है कि आप पिछड़े (OBC) हैं, इसलिए आपको EWS में शामिल नहीं किया जा सकता। जो EWS का आरक्षण जातिभेद खत्म कर केवल गरीबी के आधार पर ही आरक्षण देने के उद्देश्य से लागू किया जाना था, वह आज कुछ गरीब लोगों को केवल उनकी जाति पिछड़ी (OBC) होने के कारण EWS आरक्षण नहीं दे रहा है। हालाँकि OBC एवं EWS दोनों के लोगों की ही यदि वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तब दोनों को ही अनारक्षित श्रेणी में गिना जाता है, यानि कि मजे की बात यह है कि अमीर OBC और अमीर अगड़ी जातियों को सरकार भेद नहीं करती, सरकार भेद केवल गरीब OBC और गरीब अगड़ी जातियों में कर रहीं हैं।
      नियमानुसार राजस्थान में OBC के लिए 21% आरक्षण और EWS के लिए 10% आरक्षण है।
      राजस्थान में कुल जनसंख्या की करीब 50% जनसंख्या पिछड़ी जातियों (OBC) की है जबकि उन्हें केवल 21% आरक्षण दिया गया है। वहीं, राजस्थान में कुल जनसंख्या की करीब 16% जनसंख्या अगड़ी जातियों की है और उन्हें 10% आरक्षण दिया गया है। यानि जिन जातियों को सरकार अगड़ी कहती है, उन्हें ही आनुपातिक रूप से अधिक आरक्षण दे रही है, और जिन्हें सरकार पिछड़ा कहती है, उन्हें आनुपातिक रूप से कम आरक्षण लाभ मिल रहा है। यह भी कितना बड़ा विरोधाभास सरकारी नीतियों में है।
      लेकिन OBC वर्ग के गरीब लोगों का इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सरकारों द्वारा OBC आरक्षण जो राजस्थान की कुल जनसंख्या के करीब 50% लोगों के लिए 21% है, उसी आरक्षण को OBC जातियों में ही अलग अलग बांटने की बातें की जाती हैं। लेकिन इस तरह बांटे जाने के उपरांत भी (OBC का आरक्षण सभी OBC की जातियों में अलग-अलग बांटने पर भी) राजस्थान की कुल 50% जनसंख्या (OBC) को 21% आरक्षण ही मिलेगा। जबकि अगड़ी जातियों को भले ही 16% जनसंख्या होने पर भी 10% आरक्षण मिल रहा हो, उस अगड़ी जातियों के अतार्किक आरक्षण को पाने की हकदार OBC जातियां कभी नहीं होंगी क्योंकि सरकारों के अनुसार वो आरक्षण केवल अगड़ी जातियों के लिए है और OBC के लोगों का गुनाह मात्र इतना है कि वो एक पिछड़ी जाति में जन्मे हैं।

    • @narendragehlot5575
      @narendragehlot5575 2 месяца назад

      ​@@VIKASHMEEL-cq9vnबिल्कुल आपकी बात सही है इंग्लिश लेवल 2 में ओबीसी मेरिट 197 रही और ईडब्ल्यूएस 191 रही ओबीसी होने के कारण मैं एक नंबर से रह गया😢

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад +1

      @@laxmansingh-uj7px Sir,
      *राजस्थान में OBC वर्ग के साथ एसा अन्याय क्यूँ?*
      राजस्थान में अगड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण में भेदभाव के निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर फरमाएं:-
      1:- सरकार अपने सरकारी दस्तावेजों में कुछ जातियों को अगड़ी/सवर्ण कहती है और कुछ अन्य जातियों को पिछड़ी जाति कहती है।
      यानि कि अगड़ी जातियों के पास हज़ारों सालों से पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभुत्व रहा हैं।
      2:- जो अगड़ी जातियां है उनके लोगों की वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक होती है तो वे लोग Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।
      और ठीक इसी प्रकार अन्य पिछड़ी जातियों/वर्ग (OBC) के लोगों की भी वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक हो तो वे लोग भी Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें भी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।
      3:- अब उक्त दोनों ही वर्गों के 8 लाख से कम आय वाले गरीब लोगों को राजस्थान सरकार द्वारा देय आरक्षण इस प्रकार है कि-
      राजस्थान की कुल जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली अगड़ी जातियों को सरकार 10% आरक्षण देती है और राजस्थान की कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत जनसंख्या वाली अन्य पिछड़ी जातियों को मात्र 21% आरक्षण देती हैं।
      4:- यानि कि अगड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक आनुपातिक आरक्षण। यह कैसा न्याय हुआ? कि किसी को पिछड़ा भी कहा जाए और फिर आरक्षण भी अगड़ी जातियों से आनुपातिक रूप से कम मिले ।
      5:- इस आरक्षण विसंगति के कारण वर्तमान में राजस्थान की प्रत्येक भर्ती परीक्षाओं में OBC की cutt off EWS से अधिक रहती हैं। यानि कि पिछड़ों को नौकरी पाने के लिए अगड़ी जातियों से अधिक अंक लाने होते है। यह कैसा न्याय हुआ?
      6:- और यदि यह EWS आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर ही हैं तो यदि कोई पिछड़ी जाति का व्यक्ति अपनी जाति देखे बिना केवल ग़रीबी के आधार पर EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहें तो सरकार उसे केवल उसकी जाति के आधार पर उसे EWS आरक्षण का लाभ देने से मना कर देती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      7:- यदि 21% OBC आरक्षण को OBC की अलग अलग जातियों के बीच जातिवादी विभाजन कर बांटा जाना उचित है तो फिर SC,ST,MBC आरक्षण को भी इस तरह बांटा जाना चाहिए। केवल OBC आरक्षण को ही इस तरह बांटा जाए, यह कैसा न्याय हुआ?
      8:-सरकार उस आनुपातिक रूप से थोड़े से OBC आरक्षण को तो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले OBC वर्ग की अलग अलग जातियों मे बांटने की बातें करती हैं, ताकि OBC वर्ग की एकता को जातिवादी रूप देकर खत्म किया जा सके। लेकिन EWS आरक्षण को सभी गरीब लोगों को देने की बजाय केवल कुछ अगड़ी जातियों तक ही सीमित रखना चाहती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      9:- आज वर्तमान समय मे राजस्थान की प्रत्येक भर्ती/परीक्षा में OBC की कट-ऑफ EWS से हमेशा अधिक रहती है। लेकिन सरकारों का रवैया एसा है कि किसी एक वर्ग को सरकारी दस्तावेजों मे पिछड़ा हुआ (OBC) भी कहेंगे और फिर भी उस पिछड़े वर्ग (OBC) को नौकरी पाने के लिए अगड़ी/सवर्ण जातियों से अधिक अंक लाने होंगे क्योंकि उन लोगों का दोष केवल इतना है कि वो पिछड़ी जातियों (OBC) में जन्मे है, अगर वे ही लोग अगड़ी जातियों में जन्म लेते और सरकारों द्वारा सवर्ण कहलाए जाते तो शायद उन्हे नौकरी आसानी से कम अंक पर मिल जाती, जैसा कि आज राजस्थान में हो रहा है। यह OBC वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      Mhent inse jyada thakur jmine le li inhone thakur ki kuwe liye inhone thakur ke nmak khaya thakur ka Pani Piya thakur ka gali dete he thakur ko ahesan framos jat he ye mhent jyada krta he thakur or nokriya le jate he ye

  • @yuvrajsingh1881
    @yuvrajsingh1881 2 месяца назад

    Harish chaudhary 💪💪💪💪

  • @Musical_harmony940
    @Musical_harmony940 2 месяца назад

    Chaudhary sahab jindabaad

  • @Yy22330yh
    @Yy22330yh 2 месяца назад

    ठाकुर नाम का ट्रेडमार्क ले रखा है क्या राजपूतों ने 😅😅😅

  • @shaktisingh9586
    @shaktisingh9586 2 месяца назад

    जो नुमाइंदे बोलते हैं पहले इतिहास पढ़ लें ठाकुरा का

  • @VIKASHMEEL-cq9vn
    @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад +2

    राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में अगड़ी और पिछड़ी जातियों (OBC) के आरक्षण में आधारहीन भेदभाव*:
    राजस्थान में आरक्षण प्रणाली का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को समान अवसर प्रदान करना था, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में गरीब अगड़ी जातियों (EWS) और गरीब पिछड़ी जातियों (OBC) के बीच एक बड़ा भेदभाव सामने आया है, जो समाज में न्याय और समानता के सिद्धांतों पर सवाल खड़े कर रहा है।
    जब EWS को 10% आरक्षण दिया गया, तब गरीब सवर्णों को ही इसका लाभ मिला। लेकिन गरीब पिछड़ी जातियों (OBC) को पहले से ही 21% आरक्षण का लाभ मिल रहा था। सरकारों को लगा कि अगड़ी जातियों के गरीब लोगों को भी आरक्षण मिलना चाहिए, इसलिए बिना किसी आयोग/सर्वेक्षण की रिपोर्ट के 10% आरक्षण EWS के रूप में दे दिया गया, वो भी बिना जनसँख्या एवं ग़रीबी स्तर का आंकलन किए। अब सवाल यह उठता है कि जब सरकारों की नजर मे गरीब पिछड़ों (OBC) को पहले ही पर्याप्त आरक्षण का लाभ मिल रहा था और सरकारों की नजर में OBC को आज भी EWS के मुकाबले पर्याप्त आरक्षण का लाभ मिल ही रहा है, तो फिर आज भर्ती परीक्षाओं में गरीब पिछड़ों(OBC) की कट-ऑफ गरीब सवर्णों से अधिक क्यों जा रही है?
    वर्तमान में स्थिति यह है कि OBC श्रेणी के गरीब उम्मीदवारों की कट-ऑफ हमेशा ही हर भर्ती परीक्षा में EWS श्रेणी के (गरीब सवर्ण) उम्मीदवारों से अधिक रहती है, फिर भी सरकारों को OBC और EWS के आरक्षण में कोई विसंगति नजर नहीं आ रही है। यह असमानता और भी अधिक स्पष्ट हो जाती है जब गरीब पिछड़ी जाति (OBC) के उम्मीदवार को EWS श्रेणी के उम्मीदवार से प्रत्येक भर्ती में ही अधिक अंक लाकर चयनित होना पड़ता है, और उसे सरकारी दस्तावेज में किसी दूसरे के मुकाबले पिछड़ा ही लिखा जाता है, गरीब तो यह पिछड़ा(OBC) भी है और गरीब तो वो अगड़ी जातियों (EWS) वाला भी, लेकिन EWS को कम से कम यह तो सहूलियत है कि गरीब ही सही लेकिन वो खुद को सरकारी दस्तावेजों में अगड़ी जाति/सवर्ण तो लिख सकते हैं, और भर्ती में चयन के लिए अंक भी पिछडे लोगों से कम ही प्राप्त करने हैं।
    यह स्थिति और भी अधिक विवादास्पद तब हो जाती है जब एक गरीब OBC उम्मीदवार तंत्र से यह कहता है कि उसे OBC का लाभ नहीं चाहिए, और वह किसी जाति को नहीं मानता, केवल उसे अनारक्षित समझा जाए और केवल उसकी ग़रीबी के कारण उसे Economically Weaker Section (EWS) श्रेणी का लाभ दिया जाए। तब सरकारी तंत्र उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं देता और उसे कहा जाता है कि आप पिछड़े (OBC) हैं, इसलिए आपको EWS में शामिल नहीं किया जा सकता। जो EWS का आरक्षण जातिभेद खत्म कर केवल गरीबी के आधार पर ही आरक्षण देने के उद्देश्य से लागू किया जाना था, वह आज कुछ गरीब लोगों को केवल उनकी जाति पिछड़ी (OBC) होने के कारण EWS आरक्षण नहीं दे रहा है। हालाँकि OBC एवं EWS दोनों के लोगों की ही यदि वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तब दोनों को ही अनारक्षित श्रेणी में गिना जाता है, यानि कि मजे की बात यह है कि अमीर OBC और अमीर अगड़ी जातियों को सरकार भेद नहीं करती, सरकार भेद केवल गरीब OBC और गरीब अगड़ी जातियों में कर रहीं हैं।
    नियमानुसार राजस्थान में OBC के लिए 21% आरक्षण और EWS के लिए 10% आरक्षण है।
    राजस्थान में कुल जनसंख्या की करीब 50% जनसंख्या पिछड़ी जातियों (OBC) की है जबकि उन्हें केवल 21% आरक्षण दिया गया है। वहीं, राजस्थान में कुल जनसंख्या की करीब 16% जनसंख्या अगड़ी जातियों की है और उन्हें 10% आरक्षण दिया गया है। यानि जिन जातियों को सरकार अगड़ी कहती है, उन्हें ही आनुपातिक रूप से अधिक आरक्षण दे रही है, और जिन्हें सरकार पिछड़ा कहती है, उन्हें आनुपातिक रूप से कम आरक्षण लाभ मिल रहा है। यह भी कितना बड़ा विरोधाभास सरकारी नीतियों में है।
    लेकिन OBC वर्ग के गरीब लोगों का इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सरकारों द्वारा OBC आरक्षण जो राजस्थान की कुल जनसंख्या के करीब 50% लोगों के लिए 21% है, उसी आरक्षण को OBC जातियों में ही अलग अलग बांटने की बातें की जाती हैं। लेकिन इस तरह बांटे जाने के उपरांत भी (OBC का आरक्षण सभी OBC की जातियों में अलग-अलग बांटने पर भी) राजस्थान की कुल 50% जनसंख्या (OBC) को 21% आरक्षण ही मिलेगा। जबकि अगड़ी जातियों को भले ही 16% जनसंख्या होने पर भी 10% आरक्षण मिल रहा हो, उस अगड़ी जातियों के अतार्किक आरक्षण को पाने की हकदार OBC जातियां कभी नहीं होंगी क्योंकि सरकारों के अनुसार वो आरक्षण केवल अगड़ी जातियों के लिए है और OBC के लोगों का गुनाह मात्र इतना है कि वो एक पिछड़ी जाति में जन्मे हैं।

    • @devendrarajavat
      @devendrarajavat 2 месяца назад +2

      Jaat ko obc category se nikala jaye tabhi obc ko benifit hoga

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад

      @@devendrarajavat अरे हम (Jaat) तो यही कह रहे हैं कि हमे EWS में ले लो ना, यही कह रहा हू मेरे भाई

    • @VIKASHMEEL-cq9vn
      @VIKASHMEEL-cq9vn 2 месяца назад

      @@devendrarajavat Sir,
      *राजस्थान में OBC वर्ग के साथ एसा अन्याय क्यूँ?*
      राजस्थान में अगड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण में भेदभाव के निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर फरमाएं:-
      1:- सरकार अपने सरकारी दस्तावेजों में कुछ जातियों को अगड़ी/सवर्ण कहती है और कुछ अन्य जातियों को पिछड़ी जाति कहती है।
      यानि कि अगड़ी जातियों के पास हज़ारों सालों से पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभुत्व रहा हैं।
      2:- जो अगड़ी जातियां है उनके लोगों की वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक होती है तो वे लोग Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता।
      और ठीक इसी प्रकार अन्य पिछड़ी जातियों/वर्ग (OBC) के लोगों की भी वार्षिक आय यदि 8 लाख रुपये से अधिक हो तो वे लोग भी Unreserved श्रेणी में आ जाते हैं और उन्हें भी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।
      3:- अब उक्त दोनों ही वर्गों के 8 लाख से कम आय वाले गरीब लोगों को राजस्थान सरकार द्वारा देय आरक्षण इस प्रकार है कि-
      राजस्थान की कुल जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली अगड़ी जातियों को सरकार 10% आरक्षण देती है और राजस्थान की कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत जनसंख्या वाली अन्य पिछड़ी जातियों को मात्र 21% आरक्षण देती हैं।
      4:- यानि कि अगड़ी जातियों को पिछड़ी जातियों के मुकाबले अधिक आनुपातिक आरक्षण। यह कैसा न्याय हुआ? कि किसी को पिछड़ा भी कहा जाए और फिर आरक्षण भी अगड़ी जातियों से आनुपातिक रूप से कम मिले ।
      5:- इस आरक्षण विसंगति के कारण वर्तमान में राजस्थान की प्रत्येक भर्ती परीक्षाओं में OBC की cutt off EWS से अधिक रहती हैं। यानि कि पिछड़ों को नौकरी पाने के लिए अगड़ी जातियों से अधिक अंक लाने होते है। यह कैसा न्याय हुआ?
      6:- और यदि यह EWS आरक्षण जातिगत की बजाय आर्थिक आधार पर ही हैं तो यदि कोई पिछड़ी जाति का व्यक्ति अपनी जाति देखे बिना केवल ग़रीबी के आधार पर EWS आरक्षण का लाभ लेना चाहें तो सरकार उसे केवल उसकी जाति के आधार पर उसे EWS आरक्षण का लाभ देने से मना कर देती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      7:- यदि 21% OBC आरक्षण को OBC की अलग अलग जातियों के बीच जातिवादी विभाजन कर बांटा जाना उचित है तो फिर SC,ST,MBC आरक्षण को भी इस तरह बांटा जाना चाहिए। केवल OBC आरक्षण को ही इस तरह बांटा जाए, यह कैसा न्याय हुआ?
      8:-सरकार उस आनुपातिक रूप से थोड़े से OBC आरक्षण को तो इतनी बड़ी जनसंख्या वाले OBC वर्ग की अलग अलग जातियों मे बांटने की बातें करती हैं, ताकि OBC वर्ग की एकता को जातिवादी रूप देकर खत्म किया जा सके। लेकिन EWS आरक्षण को सभी गरीब लोगों को देने की बजाय केवल कुछ अगड़ी जातियों तक ही सीमित रखना चाहती है। यह कैसा न्याय हुआ?
      9:- आज वर्तमान समय मे राजस्थान की प्रत्येक भर्ती/परीक्षा में OBC की कट-ऑफ EWS से हमेशा अधिक रहती है। लेकिन सरकारों का रवैया एसा है कि किसी एक वर्ग को सरकारी दस्तावेजों मे पिछड़ा हुआ (OBC) भी कहेंगे और फिर भी उस पिछड़े वर्ग (OBC) को नौकरी पाने के लिए अगड़ी/सवर्ण जातियों से अधिक अंक लाने होंगे क्योंकि उन लोगों का दोष केवल इतना है कि वो पिछड़ी जातियों (OBC) में जन्मे है, अगर वे ही लोग अगड़ी जातियों में जन्म लेते और सरकारों द्वारा सवर्ण कहलाए जाते तो शायद उन्हे नौकरी आसानी से कम अंक पर मिल जाती, जैसा कि आज राजस्थान में हो रहा है। यह OBC वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है।

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ़ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए​@@devendrarajavat

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      Bhai tum logo ki soch he ki swarn jatiya bhuke mre unko kam na mile nokriya bhi tumhi ko mile me to Manta hu ki nokriya aaraksan ke hisab se nhi yogyeta ke aadhar pr mile jaati ke aadhar pr kyu pura aarksan hi khatm ho jaye

  • @mohanlal87pk
    @mohanlal87pk 2 месяца назад +3

    jaat jaat he ❤

  • @jrgodara5837
    @jrgodara5837 2 месяца назад +2

    Only boss choudhary ❤

  • @balramtijorilocker5726
    @balramtijorilocker5726 Месяц назад

    सच्चाई कडवी होती है

  • @beersinghtank1653
    @beersinghtank1653 2 месяца назад

    Truth

  • @chanderram1151
    @chanderram1151 2 месяца назад +1

    सही कहा है

  • @hitusingvaghela7724
    @hitusingvaghela7724 2 месяца назад

    या कया है भाई, आप साबित क्या करना चाहते हो।

  • @VijenderSingh-q7v
    @VijenderSingh-q7v 2 месяца назад +3

    Tumare pas ganta he sab Thakur ka hai

    • @user-xg8tw9xf3d
      @user-xg8tw9xf3d 2 месяца назад

      गढ किले सरकार को कब्जे में लेना चाहिए ओर जमीन खजाना सब समाज को बरोबर मिलना चाहिए आजादी दिलवाई चन्द्रशेखर आजाद भगतसिंग सुभाषचंद्र बोस वल्लभभाई पटेल भीमराव आंबेडकर ने

    • @Ironman007-v4p
      @Ironman007-v4p 2 месяца назад

      Azadi me bhagat sing gandhiji subhad Chandra ji etc jo the lika us me sab nhi the

  • @Singhjadoun
    @Singhjadoun 2 месяца назад

    बेचारा हरीश फंस गया बढ़िया 😂😂😂

  • @RamlalSharma-mo7ei
    @RamlalSharma-mo7ei 2 месяца назад

    Is byan ko chhodo jab Ravindra Singh Bhati bol rahe the ki refinery Kaun kha Gaya tab Loksabha mein khulkar bola ki refinery Maine khai hai himmat hai to kuchh karke batao

  • @yuvrajsingh1881
    @yuvrajsingh1881 2 месяца назад

    Jatiwadi log harish chaudhary ko jatiwadi bol rhe he wha 😂😂😂😂😂😂😂

  • @mithusingh2866
    @mithusingh2866 2 месяца назад

    Bhati jindabad

  • @kuldeepsinghrathore2553
    @kuldeepsinghrathore2553 2 месяца назад

    जय। राजपुताना

  • @IndianArmy-l5s
    @IndianArmy-l5s 2 месяца назад

    सुनकर Accha laga jai rajputana 🚩 🙏 🕉️ 🙏

  • @TalsaramTalsaram-mi2wu
    @TalsaramTalsaram-mi2wu 2 месяца назад

    खाचरियावास तो झूठ बोलते हैं यह आप स्वारथी है

    • @user-Rajveerbanna
      @user-Rajveerbanna 2 месяца назад

      Kis bat ka jhut hrish kaka ne jo bola he usi ke bare me bat kr rhe he

  • @MahendraSingh-ku1uk
    @MahendraSingh-ku1uk 2 месяца назад

    हरीश राजपूत पेदाईस

  • @gaganbhatie6173
    @gaganbhatie6173 2 месяца назад

    Me jaat samaj se hu par me iskaa samarthan nahi karta kisi bhii jati ka apman karna galat hai mafi mange

  • @JitendraSinghShekhawat-x5o
    @JitendraSinghShekhawat-x5o 2 месяца назад

    Vidhansabha mein hamare samaj ke bade bade neta Hain vah log is aadami ki mansikta nahin samajh sakte yah rajputon ko target kar.n.aap.bol.nahi.sakte

  • @lokeshsharma2378
    @lokeshsharma2378 2 месяца назад

    Ham Par Talwar Bhali Nahe Thi

  • @ajaysinghtanwar6014
    @ajaysinghtanwar6014 2 месяца назад

    Rawsa ❤❤❤