बीएड प्रशिक्षित चूंकि शासकीय सेवा में आए हैं और इन्हें बगैर वैकल्पिक व्यवस्था /समायोजन किया जाकर ही deld के प्रकरणों को देखा जाए बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक है निर्दोष इनकी बर्खास्तगी अनुचित है
CG मे बीएड जोइनिंग शिक्षकों को हटाने का ऑर्डर हाई कोर्ट से हो गया है पर सरकार ने अभी उनको पद मुक्त नही किया है अतः बीएड को अभी कोई पद देने के बाद ही पद मुक्त किया जायेगा।
तो रैंक 6 से 8 9 से 12 में क्यों नहीं आए मेरिट । डीएड वालो का नौकरी जो डेढ़ साल से कर रहे हो नियुक्ति कोर्ट के अध्यधीन होगी निम्न शर्तों पर ज्वॉइन किए हो उसको क्यों नहीं बता रहे हो। सुप्रीम और हाईकोर्ट का निर्णय सर्वमान्य है। कार्यपालिका उसी पर कार्य कर रही है। हम ही बनाए है हम ही संवारेंगे 😊😊
*यहां कमेंट में बीएड वाले एक्टिव है, हमारे ग्रुप के लोगों का एक कमेंट भी नहीं है* *सभी पॉजिटवी डीएड के पक्ष में कमेंट करे, डीएड का दर्द, संघर्ष भी सभी जान सके, विष्णुदेव शासन का फैसला सही है,* *इनको टर्मिनेट करने का आदेश कोर्ट का है, विष्णुदेव सरकार कोर्ट आदेशानुसार हि कार्यवाही कर रही है, साय* *सरकार से निवेदन है जल्द डीएड को नियुक्ति दे*
@@cgchhora94 शिक्षक के पद में नंबर ला लेते तो ये बोलने की जरूरत नहीं पड़ता खुद की औकात नहीं है शिक्षक के पद में नंबर लाने की और दुसरे को बोलने चले हो खुद की औकात नहीं है इसलिए तो साहयक शिक्षक के पद पर अवैध रूप से घुसे हो! शिक्षक के पद पर चयनित होते तो ये तमाशा नहीं करना पड़ता कोर्ट के आदेशानुसार सैंवाधानिक तरीके से कार्यवाही हुई है
छत्तीसगढ़ #DEd_Vs_BEd विवाद इस विवाद का सम्पूर्ण विश्लेषण : इस विवाद पर लोगों को पूर्ण जानकारी न होने के बाद भी लेख लिख रहे है। तो चलिए इस विवाद का सम्पूर्ण जानकारी मै तथ्यों के साथ आपको देता हूं (Fact Check कर सकते हो) : NCTE एक केंद्रीय संस्था है जो शिक्षकों की भर्ती और उनकी योग्यता का मानक तय करती है इसने 2018 में एक गजट लाया जिसमें प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने के लिए बीएड की योग्यता को भी शामिल किया जो कि पूर्व में प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन कराने के लिए केवल डीएड योग्यता थी। तब डीएड किए जागरूक लोग इस NCTE के गजट को कोर्ट में चुनौती दिए इस पर सर्वप्रथम राजस्थान उच्च न्यायालय का फैसला 2021 में आया ( मुकेश रुयल बनाम राजस्थान सरकार ) जिसमें प्राथमिक विद्यालय 1 से 5 अध्यापन के लिए बीएड डिग्री धारको को असंवैधानिक बताया। राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने ( देवेश शर्मा बनाम भारत सरकार ) भी जनवरी 2023 में फैसला सुरक्षित कर 11 अगस्त 2023 को फैसला दिया कि बीएड डिग्री प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन के लिए अनुच्छेद 21A के तहत और RTE एक्ट के प्रावधान प्राथमिक स्तर में "निः शुल्क एवं अनिवार्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा" देने के लिए पेडागोजिकल स्किल नही रखता केवल डीएड कोर्स ही उसके लिए डिजाइन किया गया है इस सभी तथ्यों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने संज्ञान में लिया और बच्चों की गुणवत्ता से समझौता नही करने का निर्देश देते हुए बीएड को प्राथमिक स्तर से अयोग्य और असवैंधानिक घोषित किया है। अब आईए छत्तीसगढ़ में DEd Vs BEd विवाद पर : सहायक शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन 04 मई 2023 काे विज्ञापित किया गया था जिसे डीएड अभ्यर्थियों ने 30 दिवस भीतर भर्ती परीक्षा पूर्व ही माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे याचिका (WPS3541/2023 भुनेश्वर साहू बनाम छत्तीसगढ़ राज्य ) दायर कर चैलेंज किया था, इस दाैरान सुप्रीम काेर्ट में डीएड वर्सेस बीएड विवाद का फैसला जनवरी 2023 मे सुरक्षित कर लिया गया था जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को जारी किया गया इस फैसले के अनुसार बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक पद के लिए असंवैधानिक घोषित किया जिसके पालनार्थ मे माननीय छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट ने 21 अगस्त 2023 काे केवल डीएड अभ्यर्थियों का काउंसलिंग मे भाग लेने का आदेश पारित किया था जिसे बीएड डिग्री धारको ने सुप्रीम काेर्ट मे चैलेंज किया जिस पर अंतरिम आदेशानुसार बीएड डिग्री धारकाे का काउंसलिंग और नियुक्ति माननीय छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट के अंतिम आदेश के अधीन माननीय सुप्रीम काेर्ट ने रखा जिस पर अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट ने 02 अप्रैल 2024 काे दिया जिसके अनुसार सहायक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारको के स्थान पर केवल डीएड धारको की 06 सप्ताह के भीतर नियुक्ति का अंतिम आदेश पारित किया । यह घटना क्रम को शुरू से समझने पर ज्ञात होता है कि यह विवाद न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़ा रहा है और प्रथम दृष्टया यह लगता है कि टर्मिनेशन सरकार कर रही है लेकिन यह पूरी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय के अधीन से हुआ है जैसा कोर्ट का आदेश था तत्कालीन सरकार ने किया और वर्तमान में जो आदेश है सर्वोच्च न्यायालय का वह वर्तमान सरकार कर रही है। किसी भी संस्था या सरकार द्वारा न्यायोचित कार्य न होने पर उसमें सुधार तथा न्यायसंगत फैसला करना भारत की सर्वोच्च न्यायालय का ही होता है जो सर्वोपरि एवं हितकारी होता है। ( अब समझिए DEd Vs BEd विवाद जो हक और न्याय का है NCTE के लगत गाइडलाइन में सुधार सर्वोच्च न्यायालय ने किया जिससे DEd को उसका हक और न्याय मिला है।) हम सभी देश के सच्चे नागरिकों को देश के संविधान और न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और न्यायालयीन प्रकरण का विरोध कर देश के संघीय व्यवस्था के विरोधी छवि निर्मित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। डॉ भीमराव अंबेडकर जी द्वारा निर्मित संविधान का रक्षक सर्वोच्च न्यायालय ही है जिसका सम्मान आम नागरिक,राज्य सरकार एवं प्रत्येक संस्था को करना अनिवार्य है।
जो भी गलती सामने आया वो शिक्षा परिषद का है, सरकार का है शिक्षक क्यों भुगतेंगे।
3000 बीएड सहायक शिक्षक की नौकरी बचाइए 🙏🙏🙏
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए डीएड वालों को जल्द से जल्द नियुक्ति दे छत्तीसगढ़ सरकार
बीएड सहायक शिक्षकों की नौकरी सुरक्षित करे छत्तीसगढ़ सरकार,,,🙏
समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन 🙏
छत्तीसगढ़ सरकार से विनम्र आग्रह है
की डीएड वालों को जल्द से जकड़ नियुक्ति दे...हम भी पिछले डेढ़ साल से पीड़ित और परेशान है ।
Justice for all B Ed assistant teacher
Justice for 3000 b.ed assistant teachers 🙏🏻
समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन 🛑🛑🛑🛑🛑🛑
सभी निर्दोष Bed सहायक शिक्षकों को समायोजित करे साय सरकार 🙏
एक ही मांग समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन
एक ही नारा एक ही मांग समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन समायोजन
🔴🔴समायोजन🔴🔴
Justice for b.ed assistant teacher🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑🛑
Samayojan samayojan samayojan samayojan samayojan samayojan samayojan samayojan 🙏🙏🙏 🙏🙏🙏
बीएड प्रशिक्षित चूंकि शासकीय सेवा में आए हैं और इन्हें बगैर वैकल्पिक व्यवस्था /समायोजन किया जाकर ही deld के प्रकरणों को देखा जाए बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक है निर्दोष इनकी बर्खास्तगी अनुचित है
D el ed ko jald se jald joining de saay sarkar
ye cg ki sai govt esko bihar rajy bnane pr tuli h yuvavo ka styanash kr diya esne
D ed walo ko joining do iske baad jo krna hai karna
🎉
CG मे बीएड जोइनिंग शिक्षकों को हटाने का ऑर्डर हाई कोर्ट से हो गया है पर सरकार ने अभी उनको पद मुक्त नही किया है अतः बीएड को अभी कोई पद देने के बाद ही पद मुक्त किया जायेगा।
Padmukt ho gae hai
Joining letter me saaf saaf likha tha...
@@krishnachauhan5037 नोटिफिकेशन में साफ साफ लिखा था तब आंख नहीं दिखा। रैंक नहीं आया तो रोने लगे।
तो रैंक 6 से 8 9 से 12 में क्यों नहीं आए मेरिट ।
डीएड वालो का नौकरी जो डेढ़ साल से कर रहे हो
नियुक्ति कोर्ट के अध्यधीन होगी निम्न शर्तों पर ज्वॉइन किए हो उसको क्यों नहीं बता रहे हो।
सुप्रीम और हाईकोर्ट का निर्णय सर्वमान्य है।
कार्यपालिका उसी पर कार्य कर रही है।
हम ही बनाए है हम ही संवारेंगे 😊😊
Shame on bjp😢
*यहां कमेंट में बीएड वाले एक्टिव है, हमारे ग्रुप के लोगों का एक कमेंट भी नहीं है*
*सभी पॉजिटवी डीएड के पक्ष में कमेंट करे, डीएड का दर्द, संघर्ष भी सभी जान सके, विष्णुदेव शासन का फैसला सही है,* *इनको टर्मिनेट करने का आदेश कोर्ट का है, विष्णुदेव सरकार कोर्ट आदेशानुसार हि कार्यवाही कर रही है, साय* *सरकार से निवेदन है जल्द डीएड को नियुक्ति दे*
Notification court me chalenge tha
Aur bharti highcourt aur suprimcourt ke adhin tha aur ap b.ed wale conditional niyukti kyu liye batao
डीएड को न्युक्ति दो
D.ed ko niyukti do bina b.ed ko nikale bahut vacancy khali hai
मिलेगा मिलेगा अगले साल तक मिल जाएगा
@@Pran-f7t इसी महीन बिपाजिटिव।
@@sumannishad84 नहीं होगा आचार संहिता के कुछ
@@Pran-f7t कोर्ट केस का क्या तो? डीपीआई के अधिकारियों को फांसी की सजा सुनिश्चित की जाए तो।😂😂😂😂
जल्द से जल्द डीएड को न्युक्ति दो क्या कर रहा है डीपीआई अभी तक टाइम पास कर रहा है
Achaar sanhita lag chuka hai ab aur late hoga
@knuckleheadninja2307 ठीक है अब इंतज़ार तो कर ही रहे है और सही।
ये लोग अवैध रुप से नौकरी कर रहे थे ये बोला जाये
चोरी करके लगे थे चुपके से तुम्हारे हिसाब से । । नाच न जाने आंगन टेढ़ा
Agar aisa hai to tu bhi avaidh santaan hai
पागल आदमी हो क्या अजीब बात करते हो सब होने के बाद बीच में नियम बदला है
जब एग्जाम में रैंक लाने की औकात न हो तो कोर्ट केस किया जाए ये बोला जाए 😂😂😂
@@cgchhora94 शिक्षक के पद में नंबर ला लेते तो ये बोलने की जरूरत नहीं पड़ता खुद की औकात नहीं है शिक्षक के पद में नंबर लाने की और दुसरे को बोलने चले हो खुद की औकात नहीं है इसलिए तो साहयक शिक्षक के पद पर अवैध रूप से घुसे हो! शिक्षक के पद पर चयनित होते तो ये तमाशा नहीं करना पड़ता कोर्ट के आदेशानुसार सैंवाधानिक तरीके से कार्यवाही हुई है
छत्तीसगढ़ #DEd_Vs_BEd विवाद
इस विवाद का सम्पूर्ण विश्लेषण :
इस विवाद पर लोगों को पूर्ण जानकारी न होने के बाद भी लेख लिख रहे है।
तो चलिए इस विवाद का सम्पूर्ण जानकारी मै तथ्यों के साथ आपको देता हूं (Fact Check कर सकते हो) :
NCTE एक केंद्रीय संस्था है जो शिक्षकों की भर्ती और उनकी योग्यता का मानक तय करती है इसने 2018 में एक गजट लाया जिसमें प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने के लिए बीएड की योग्यता को भी शामिल किया जो कि पूर्व में प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन कराने के लिए केवल डीएड योग्यता थी।
तब डीएड किए जागरूक लोग इस NCTE के गजट को कोर्ट में चुनौती दिए इस पर सर्वप्रथम राजस्थान उच्च न्यायालय का फैसला 2021 में आया ( मुकेश रुयल बनाम राजस्थान सरकार ) जिसमें प्राथमिक विद्यालय 1 से 5 अध्यापन के लिए बीएड डिग्री धारको को असंवैधानिक बताया।
राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने ( देवेश शर्मा बनाम भारत सरकार ) भी जनवरी 2023 में फैसला सुरक्षित कर 11 अगस्त 2023 को फैसला दिया कि बीएड डिग्री प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन के लिए अनुच्छेद 21A के तहत और RTE एक्ट के प्रावधान प्राथमिक स्तर में "निः शुल्क एवं अनिवार्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा" देने के लिए पेडागोजिकल स्किल नही रखता केवल डीएड कोर्स ही उसके लिए डिजाइन किया गया है इस सभी तथ्यों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने संज्ञान में लिया और बच्चों की गुणवत्ता से समझौता नही करने का निर्देश देते हुए बीएड को प्राथमिक स्तर से अयोग्य और असवैंधानिक घोषित किया है।
अब आईए छत्तीसगढ़ में DEd Vs BEd विवाद पर :
सहायक शिक्षक भर्ती 2023 का विज्ञापन 04 मई 2023 काे विज्ञापित किया गया था जिसे डीएड अभ्यर्थियों ने 30 दिवस भीतर भर्ती परीक्षा पूर्व ही माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे याचिका (WPS3541/2023 भुनेश्वर साहू बनाम छत्तीसगढ़ राज्य ) दायर कर चैलेंज किया था, इस दाैरान सुप्रीम काेर्ट में डीएड वर्सेस बीएड विवाद का फैसला जनवरी 2023 मे सुरक्षित कर लिया गया था जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को जारी किया गया इस फैसले के अनुसार बीएड डिग्री को सहायक शिक्षक पद के लिए असंवैधानिक घोषित किया जिसके पालनार्थ मे माननीय छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट ने 21 अगस्त 2023 काे केवल डीएड अभ्यर्थियों का काउंसलिंग मे भाग लेने का आदेश पारित किया था जिसे बीएड डिग्री धारको ने सुप्रीम काेर्ट मे चैलेंज किया जिस पर अंतरिम आदेशानुसार बीएड डिग्री धारकाे का काउंसलिंग और नियुक्ति माननीय छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट के अंतिम आदेश के अधीन माननीय सुप्रीम काेर्ट ने रखा जिस पर अंतिम फैसला छत्तीसगढ़ हाईकाेर्ट ने 02 अप्रैल 2024 काे दिया जिसके अनुसार सहायक शिक्षक पद पर बीएड डिग्री धारको के स्थान पर केवल डीएड धारको की 06 सप्ताह के भीतर नियुक्ति का अंतिम आदेश पारित किया ।
यह घटना क्रम को शुरू से समझने पर ज्ञात होता है कि यह विवाद न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़ा रहा है और प्रथम दृष्टया यह लगता है कि टर्मिनेशन सरकार कर रही है लेकिन यह पूरी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय के अधीन से हुआ है जैसा कोर्ट का आदेश था तत्कालीन सरकार ने किया और वर्तमान में जो आदेश है सर्वोच्च न्यायालय का वह वर्तमान सरकार कर रही है।
किसी भी संस्था या सरकार द्वारा न्यायोचित कार्य न होने पर उसमें सुधार तथा न्यायसंगत फैसला करना भारत की सर्वोच्च न्यायालय का ही होता है जो सर्वोपरि एवं हितकारी होता है।
( अब समझिए DEd Vs BEd विवाद जो हक और न्याय का है NCTE के लगत गाइडलाइन में सुधार सर्वोच्च न्यायालय ने किया जिससे DEd को उसका हक और न्याय मिला है।)
हम सभी देश के सच्चे नागरिकों को देश के संविधान और न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और न्यायालयीन प्रकरण का विरोध कर देश के संघीय व्यवस्था के विरोधी छवि निर्मित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
डॉ भीमराव अंबेडकर जी द्वारा निर्मित संविधान का रक्षक सर्वोच्च न्यायालय ही है जिसका सम्मान आम नागरिक,राज्य सरकार एवं प्रत्येक संस्था को करना अनिवार्य है।
Justice for all B ed assistant teacher