Today's ff was too innocent for this baby(me) I mean..... 😶🌫️ I just googled what doggy style is and khuda maaf kare is umar me kya kya pata chal gaya h😬
Wow author nim loved the ff it made me blush ❤😊 all your stories are amazing lots of love and hugs to you from an island mauritius ❤ jhope hamburger 😂😂❤
Unnie stop making this much innocent 😇 ff's here are kids too like me 😁 i lost my halft innocence after joining this fandom now 1/4th is left let it be there please 🥺
मैं वो हूँ मुसाफिर जो है मंज़िल से गुमराह, हर मोड़ पर ठिठका, हर राह से कुछ खफ़ा। चलता तो हूँ पर राहों का पता नहीं, ख्वाबों का बोझ, पर हौसला है बिखरा कहीं। राहें भी अजनबी, मंज़िलें हैं अनजान, दिल की चाहतें और दिमाग की बातें संग बेजुबान। कभी खुद से जुदा, कभी खुद के करीब, रास्तों का ये सफर है कुछ अजीब। फिर भी उम्मीद की लौ लिए बढ़ता हूँ मैं, मंज़िल चाहे मिले न मिले, सफर ही मेरा हमसफ़र बने। इन तन्हा राहों में साये हैं अनेकों, हर साए के पीछे छुपे अरमान कई बेरंग। हर क़दम पर चुनौतियों का बिछा हुआ जाल, फिर भी हिम्मत है मुझमें, कि कभी न हूँ बेहाल। ज़िंदगी के सबक इन राहों से सीखे हैं मैंने, हर ठोकर के बाद संभलना है सिखा मैंने। रास्तों में जो कांटे मिले, उनसे डरता नहीं, इस सफर का दीवाना हूँ, मैं कभी थकता नहीं। कभी गुमराह होकर फिर से राह बनाता हूँ, हर एक ठहराव में खुद को आजमाता हूँ। सपनों की मंज़िल तक पहुँचने का जुनून है, कदम लड़खड़ाए भी तो संभलने का सुकून है। हर सन्नाटा चीख बनकर रास्ता दिखाता है, इस सफर में हर एहसास कुछ सिखाता है। अधूरी मंज़िलों से अब शिकवा नहीं रहा, सफर की हर ठोकर को अपना मकसद कहा। खुदा की रज़ा में अब मैंने ये रास समझा है, मंज़िल से नहीं, सफर से ही इश्क़ सच्चा है। मैं वो हूँ मुसाफिर जो है मंज़िल से गुमराह, हर मोड़ पर ठिठका, हर राह से कुछ खफ़ा। चलता तो हूँ पर राहों का पता नहीं, ख्वाबों का बोझ, पर हौसला है बिखरा कहीं।
finally I completed this one after so much of thinking guys I have something you don't BRAIN . दिल में सवाल उमड़े कई, दिल को राहत मिले नहीं, भगवान पे सन्देह न किया, पर जवाब कोई मिले नहीं। जानूँ ईश्वर पे सन्देह है, भक्ति पर प्रश्नचिन्ह, हर ओर जैसे फैला हो जाल चुनौतियों का विभिन्। क्यों राहें कठिन, क्यों ये अँधेरा हर ओर, क्यों मुझसे ही रूठे, मेरे ख्वाबों का शोर। कभी सोचूँ, क्या ये सब यूँ ही व्यर्थ तो नहीं, क्या मेरे यकीन में कहीं कोई कमी तो नहीं। फिर दिल कहे, तू संभल, उम्मीद को थाम ले, भरोसे के दीप से, तू अपनी राह को चमका ले। हर दर्द की घड़ी में, तू खुद को मजबूत बना, खुद पर विश्वास रख, अपने सपनों को सजा। संघर्ष की इस राह में, कदम न कभी डगमगाना, सच्ची भक्ति से ही तो, ईश्वर का आशीर्वाद पाना। दिल में सवाल उमड़े कई, दिल को राहत मिले नहीं, भगवान पे सन्देह किया, पर जवाब कोई मिले नहीं। हर मुश्किल में छुपा है कहीं सवेरा, हर ठोकर के बाद चमकता है चेहरा । धीरज के पथ पर ही सच्ची मंज़िल है पाई, खुद से लड़ता हुआ, खुद को ही राह दिखाई। माना कि राहों में कंकड़ कई, लेकिन चलना है मुझको, खुद पर यकीन करके, आगे बढ़ना है हर मुश्किल से रूबरू। हर दर्द की धुन में छुपा है एक राग, जो हौसले से बनेगी, वो मेरी पहचान का परचम है आज। दिल में जो सवाल उमड़े, उनको अब दबा देता हूँ, हर विश्वास के दीप से अपनी राह सजा लेता हूँ। दिल में सवाल उमड़े कई, दिल को राहत मिले नहीं, भगवान पे सन्देह न किया, पर जवाब कोई मिले नहीं।
--- Y/N jolted awake, her heart racing, the remnants of her dream still clinging to her like a shadow. The chaos, the gown, the altar-was it all real? “Y/N!” Max’s voice boomed from the hallway. “Stop daydreaming and go study! You’ve got a test coming up!” Y/N blinked, disoriented. Her brother stood in the doorway, arms crossed, a look of annoyance on his face. “Max, I... I wasn’t-" She stopped, rubbing her temples. Was it all just a dream? Max raised an eyebrow. “You good? C’mon, get to studying.” Y/N sighed, trying to shake the surreal feeling that still clung to her. “Yeah, yeah. I’m up.” --- And that, my friends, is where the story takes its pause conclusion yn was day dreaming all along time Just kidding! Here’s Part 7: --- YN’s hands trembled, her heart racing as she prayed silently for a miracle. But then, the door to the room slammed open with a deafening crack, causing every head to snap in that direction. Standing in the doorway was a man who looked as though he ruled the world with nothing but his presence. The moment he stepped inside, his smirk never left his face. YN knew exactly who he was. It was Jake-her ex-boyfriend. He sauntered in, his smirk growing wider as he locked eyes with YN. But his gaze wasn’t filled with remorse or regret. Instead, he seemed to relish in the pain evident on her tear-streaked face. YN’s hands curled into fists beneath her gown, desperate to wipe that smirk off his face. She had a million things she wanted to say to him, but the words wouldn’t come. Jake broke the silence, his voice dripping with mockery. “You could’ve done better, YN. You could’ve chosen me... But, anyway, congratulations.” Her heart clenched painfully in her chest, knowing nothing would change now. The wedding was already unraveling in front of her eyes. The priest continued, his voice steady as he asked the question that would seal YN’s fate. “Do you, Choi YN, take this man beside you as your lawful husband, and promise to stay with him through all the happiness and hardships of life?” It took YN a moment to process the words. Her mouth went dry, and no sound emerged when she tried to speak. Her grip tightened on the fabric of her gown, the tension in her body palpable. Every eye was on her now. The guests were whispering, confusion growing in the air. Her father-no, her business partner-smiled thinly at the crowd and then turned toward her. His hand shot out, gripping her wrist with a force that made her flinch. He leaned in, his breath hot against her ear. “If you don’t want to see the worst of me, say ‘I do’ right now.” He flashed a smile at the guests, turning his face toward them as if nothing was wrong, as if his daughter’s silence was just nerves. The guests, unaware of the tension, smiled back, but their smiles felt mocking to YN-every single one of them. She had been mocked all her life. By her father. By everyone around her. By the man who was supposed to care for her. And now, she was expected to betray herself, her heart, and her future. The priest’s voice called her name again, but YN’s lips refused to move. “I-I-I…” --- Did u got a heart attack at first 😏😏
I thought ki isne apni sari ram kahani likh di aur aab kah rhi ki dream tha like what the ----- fir pdha just kidding and seriously agar tu mere saamne hoti toh bhai I would have k-----ed you
U are becoming innocent day by day 😏
😂😂 bs asliyat bhar aa rahi h
@blackunicornffs 🤣🤣
You Sense of humour is skyrocketing day by 😂😂
I didnt know milk can grow up hair too.😂😂😂 wbat an oldie re bhai😂😂
😂😂😂😂
1:52 apun ko bhi Yoonji ki tarah bnna hai
😂😂
Today's ff was too innocent for this baby(me) I mean..... 😶🌫️ I just googled what doggy style is and khuda maaf kare is umar me kya kya pata chal gaya h😬
Umar kitni hae tumhari?😂
😂😂😂😂
😂😂
you and innocent (coughs ) Best joke of the decade .
@@Ishita-sn9yl😂😂😂
Amazing baby gorl
Wow today i am your 100th number like and also marriage is a funeral of happiness for real 🤣🤣🙏
Today's author innocence is on peak 😂.. that's why in ff there are so many unhobi things 🌚🤣 like this:- 9:13
😂😂😂😂
amaJIN..! it was very innocent exactly like me hehe
You call me single in 69 languages 😂😂😂
Btw amazing 😍 i love it 💜
I- the thumbnail 😶🌫️
🫦
@blackunicornffs 😶😶
Humari author ne Tae ko bhi shaitan bna diya. Tauba tauba kaisi kaisi baatein krte ho😂
😂😂😂😂😂😂😂
So sanskari ff
😜
2:06 Yoonji for yn-Jimin for yoonji❤❤
💜😁
😂😂 damn from where do u get all this humour from
Wow author nim loved the ff it made me blush ❤😊 all your stories are amazing lots of love and hugs to you from an island mauritius ❤ jhope hamburger 😂😂❤
Love and hugs back! 😊💖from India
The title ia giving "You say we are friends buy friends dont know how you taste lalala"😂
😂😂😂
Unnie stop making this much innocent 😇 ff's here are kids too like me 😁 i lost my halft innocence after joining this fandom now 1/4th is left let it be there please 🥺
2:23 sab moms aisi hi hoti h kya???😂😂
3:15 aur aisi bhi??
😂 meri to aisi hi h
@@blackunicornffs meri bhi,behen. saare moms aise hi hote h.
मैं वो हूँ मुसाफिर जो है मंज़िल से गुमराह,
हर मोड़ पर ठिठका, हर राह से कुछ खफ़ा।
चलता तो हूँ पर राहों का पता नहीं,
ख्वाबों का बोझ, पर हौसला है बिखरा कहीं।
राहें भी अजनबी, मंज़िलें हैं अनजान,
दिल की चाहतें और दिमाग की बातें संग बेजुबान।
कभी खुद से जुदा, कभी खुद के करीब,
रास्तों का ये सफर है कुछ अजीब।
फिर भी उम्मीद की लौ लिए बढ़ता हूँ मैं,
मंज़िल चाहे मिले न मिले, सफर ही मेरा हमसफ़र बने।
इन तन्हा राहों में साये हैं अनेकों,
हर साए के पीछे छुपे अरमान कई बेरंग।
हर क़दम पर चुनौतियों का बिछा हुआ जाल,
फिर भी हिम्मत है मुझमें, कि कभी न हूँ बेहाल।
ज़िंदगी के सबक इन राहों से सीखे हैं मैंने,
हर ठोकर के बाद संभलना है सिखा मैंने।
रास्तों में जो कांटे मिले, उनसे डरता नहीं,
इस सफर का दीवाना हूँ, मैं कभी थकता नहीं।
कभी गुमराह होकर फिर से राह बनाता हूँ,
हर एक ठहराव में खुद को आजमाता हूँ।
सपनों की मंज़िल तक पहुँचने का जुनून है,
कदम लड़खड़ाए भी तो संभलने का सुकून है।
हर सन्नाटा चीख बनकर रास्ता दिखाता है,
इस सफर में हर एहसास कुछ सिखाता है।
अधूरी मंज़िलों से अब शिकवा नहीं रहा,
सफर की हर ठोकर को अपना मकसद कहा।
खुदा की रज़ा में अब मैंने ये रास समझा है,
मंज़िल से नहीं, सफर से ही इश्क़ सच्चा है।
मैं वो हूँ मुसाफिर जो है मंज़िल से गुमराह,
हर मोड़ पर ठिठका, हर राह से कुछ खफ़ा।
चलता तो हूँ पर राहों का पता नहीं,
ख्वाबों का बोझ, पर हौसला है बिखरा कहीं।
Another masterpiece 👏👏👏
Today is my birthday too😂
Happy Birthday 🥰
@blackunicornffs thank you so much 😊
finally I completed this one after so much of thinking guys I have something you don't BRAIN .
दिल में सवाल उमड़े कई, दिल को राहत मिले नहीं,
भगवान पे सन्देह न किया, पर जवाब कोई मिले नहीं।
जानूँ ईश्वर पे सन्देह है, भक्ति पर प्रश्नचिन्ह,
हर ओर जैसे फैला हो जाल चुनौतियों का विभिन्।
क्यों राहें कठिन, क्यों ये अँधेरा हर ओर,
क्यों मुझसे ही रूठे, मेरे ख्वाबों का शोर।
कभी सोचूँ, क्या ये सब यूँ ही व्यर्थ तो नहीं,
क्या मेरे यकीन में कहीं कोई कमी तो नहीं।
फिर दिल कहे, तू संभल, उम्मीद को थाम ले,
भरोसे के दीप से, तू अपनी राह को चमका ले।
हर दर्द की घड़ी में, तू खुद को मजबूत बना,
खुद पर विश्वास रख, अपने सपनों को सजा।
संघर्ष की इस राह में, कदम न कभी डगमगाना,
सच्ची भक्ति से ही तो, ईश्वर का आशीर्वाद पाना।
दिल में सवाल उमड़े कई, दिल को राहत मिले नहीं,
भगवान पे सन्देह किया, पर जवाब कोई मिले नहीं।
हर मुश्किल में छुपा है कहीं सवेरा,
हर ठोकर के बाद चमकता है चेहरा ।
धीरज के पथ पर ही सच्ची मंज़िल है पाई,
खुद से लड़ता हुआ, खुद को ही राह दिखाई।
माना कि राहों में कंकड़ कई, लेकिन चलना है मुझको,
खुद पर यकीन करके, आगे बढ़ना है हर मुश्किल से रूबरू।
हर दर्द की धुन में छुपा है एक राग,
जो हौसले से बनेगी, वो मेरी पहचान का परचम है आज।
दिल में जो सवाल उमड़े, उनको अब दबा देता हूँ,
हर विश्वास के दीप से अपनी राह सजा लेता हूँ।
दिल में सवाल उमड़े कई, दिल को राहत मिले नहीं,
भगवान पे सन्देह न किया, पर जवाब कोई मिले नहीं।
I have brain too **made 69 inch long pot for straight 5 min**
@@sumankanta5585 pta hai bus ese likh diya khuch toh likhna hi that vese poem kesi lagi
@@Ishita-sn9yl amajin mind-blowing here's a award 🏆 it was beautiful ❤️❤️❤️ I posted the next part ! 😁
@@sumankanta5585 read it and wrote a comment check it once
And a baasi thobda 4:00 😂😂😂😂ye kya tha
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Y/N jolted awake, her heart racing, the remnants of her dream still clinging to her like a shadow. The chaos, the gown, the altar-was it all real?
“Y/N!” Max’s voice boomed from the hallway. “Stop daydreaming and go study! You’ve got a test coming up!”
Y/N blinked, disoriented. Her brother stood in the doorway, arms crossed, a look of annoyance on his face.
“Max, I... I wasn’t-" She stopped, rubbing her temples. Was it all just a dream?
Max raised an eyebrow. “You good? C’mon, get to studying.”
Y/N sighed, trying to shake the surreal feeling that still clung to her. “Yeah, yeah. I’m up.”
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And that, my friends, is where the story takes its pause conclusion yn was day dreaming all along time
Just kidding! Here’s Part 7:
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YN’s hands trembled, her heart racing as she prayed silently for a miracle. But then, the door to the room slammed open with a deafening crack, causing every head to snap in that direction. Standing in the doorway was a man who looked as though he ruled the world with nothing but his presence. The moment he stepped inside, his smirk never left his face. YN knew exactly who he was.
It was Jake-her ex-boyfriend.
He sauntered in, his smirk growing wider as he locked eyes with YN. But his gaze wasn’t filled with remorse or regret. Instead, he seemed to relish in the pain evident on her tear-streaked face. YN’s hands curled into fists beneath her gown, desperate to wipe that smirk off his face. She had a million things she wanted to say to him, but the words wouldn’t come.
Jake broke the silence, his voice dripping with mockery. “You could’ve done better, YN. You could’ve chosen me... But, anyway, congratulations.”
Her heart clenched painfully in her chest, knowing nothing would change now. The wedding was already unraveling in front of her eyes.
The priest continued, his voice steady as he asked the question that would seal YN’s fate.
“Do you, Choi YN, take this man beside you as your lawful husband, and promise to stay with him through all the happiness and hardships of life?”
It took YN a moment to process the words. Her mouth went dry, and no sound emerged when she tried to speak. Her grip tightened on the fabric of her gown, the tension in her body palpable. Every eye was on her now. The guests were whispering, confusion growing in the air.
Her father-no, her business partner-smiled thinly at the crowd and then turned toward her. His hand shot out, gripping her wrist with a force that made her flinch. He leaned in, his breath hot against her ear.
“If you don’t want to see the worst of me, say ‘I do’ right now.”
He flashed a smile at the guests, turning his face toward them as if nothing was wrong, as if his daughter’s silence was just nerves. The guests, unaware of the tension, smiled back, but their smiles felt mocking to YN-every single one of them.
She had been mocked all her life. By her father. By everyone around her. By the man who was supposed to care for her. And now, she was expected to betray herself, her heart, and her future.
The priest’s voice called her name again, but YN’s lips refused to move.
“I-I-I…”
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Did u got a heart attack at first 😏😏
I thought ki isne apni sari ram kahani likh di aur aab kah rhi ki dream tha like what the ----- fir pdha just kidding and seriously agar tu mere saamne hoti toh bhai I would have k-----ed you
@Ishita-sn9yl 😂😂🤣🤣 I wanted to prank u guys 😁😁😁
Dirthy dirthy yeah......🐸
😂😜
It was quite different😅
Hii babygorl, how's your father now ? Just want an update on his health, i hope he is doing fine now
🤍🤍
💜 😁
First
🥰
Typical Indian moms taking all the money given to us.🥲