नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
मैं केवल 20 वर्ष का हूं और आचार्य जी की लगभग 200+ वीडीओ देख चुका हु।।और उसपे अमल भी करता हु सत्य क्या है धीरे धीरे मुझे पता चलने लग गया है ।श्री मद भागवत गीता का भी अध्यन करता हु। स्नातक का भी छात्र हूं।
जो निराकार को पूजना चाहे उनके लिए शिवलिंग निराकार ब्रह्म का प्रतीक है। जो साकार को पूजना चाहें उनके लिए शिवलिंग प्रकृति और पुरुष का समुचित संयोग है। आचार्य प्रशांत
सत्यम् शिवम् सुन्दरम् शिव लिंग सत्य और सुन्दर ,पुरुष और प्रकृति, निराकार और साकार, ज्ञान और प्रेम, भक्ति और शक्ति, शांति और आनंद दोनो का प्रतिक है। आचार्य जी आपकी जय हो।
आधुनिक बाबाओं ने अध्यात्म को खिचड़ी बना रखा है मैं, संसार और साक्षी को मिलकर but आप ने बहुत ईमानदारी से समझाया हैं आप के "विवेक गुरु"को सलूट करता हूं 👍🏻♥️🙏🙏
अद्भुत! शिवलिंग का अर्थ और मैं, संसार, साक्षी का इतना सुंदर और सरल वर्णन आज तक कहीं नहीं देखने को मिला। सद् भाग्य हैं हमारे जो आपके ज्ञानगंगा में डुबकी लगा रहे हैं।🙏🙏
अद्धभुत ! शिवलिंग का अर्थ और मैं संसार, साक्षी का इतना सुंदर और सरल बर्णन आज तक कोई पाखण्डी नही बता सकता सदय भाग्य हमारे जो आपके ज्ञानगंगा डुबकी लगा रहे हैं
अब से यदि शिवलिंग देखें तो मन में पहला विचार ये उठे कि मैं भी संसार के आकर्षण विकर्षण से, प्रकृति के आवेगो से अस्पर्शित रह सकता हूं। इसी में शिवलिंग की सार्थकता है और आपकी भलाई भी।।
कोटी कोटी प्रणाम आचार्यजी 🙏 बचपन से शिवरात्री का व्रत करती आयी हू लेकिन सही अर्थ आज समझ में आया!आप का व्हिडिओ सुनने के कुछ दिन पहले ओशो का एक व्हिडिओ शिवलिंग के बारे में दिखाई पडा था! लेकिन तब मुझे वो अर्थ थोडा अश्लील लगा और तुरंत मैने बंद किया जैसे वो सुनकर मुझसे बडा पाप हो गया!तबसे ओशो का व्हिडिओ सामने आया तो भी नहीं देखती!जैसे मै सच्चाई से भागती थी! पर आज आप की पुरी बात जानकर समझ में आया सही अर्थ और मन प्रसन्न हो गया! आचार्यजी आपके कारण बहूतसे आनेवाले सवाल मिटते जा रहे है!और क्या पाना है जिंदगी में आंतरिक खलबल मिट रही है यही काफी है! जीवन सार्थक हो रहा है! नतमस्तक हू आप के चरणोंमें 👏👏
भवानी शकरौ वदै श्रद्ध विश्वास रूपिनौ।। साक्षात् परब्रह्म परम पिता परमेश्वर आराध्य देव देवाधिदेव महादेव भोलेनाथ ने आपको इस दुनिया में भेजा है युवा पीढ़ी को बचाने के लिए ।प्रणाम आपके चरणो में।
I am a Sufi follower, I have a deep respect and love for Sanatan. I used to listen to Acharya Prasant ji for true sanatan knowledge. But everytime I am surprised that Sanatan and Sufi knowledge has a great connection and similarity. Thanks Acharya Ji for providing such a valuable knowledge.
Kitne gyaani rahe honge wo log jinhone dharm/grantho ki rachna ki hogi.. jinhone apna poora jeevan takleefon me jeeya aur humaare liye ek gajab duniya bana gaye.. Unhone socha hoga ki hamaare baad log duniya kitni badhiya banayenge.. jinhone mehnat imaandaari se jeena sikhaaya bahut bahut dukh hota hai aaj dharm ki haalat dekh ke 😭
कितने सीधे और सरल तरीके से आपने शिवलिंग की महत्ता को बता दिया आचार्य जी ❤️❤️वरना संसार में तो इस बात का ही कॉम्पिटिशन चलता है कि मै ज्यादा जानता हूं..और हर कोई पीएचडी करके बैठा हुआ तरीको में तो..बस अपने अहंकार को ही पोषण देने में लगा हुआ समाज तो
ताली पिटवाने वाले ,अली मोला करने वाले ,कथाओं को तरोडकर मोड़ कर पेश करने वाले धर्म गुरुओं से तो आप कंही ऊपर है इसके लिये आपको साधुवाद . कुछ बातो में मतभेद हो सकता है पर मेरी आदत है अच्छाई को लूटना और आपसे मैं वो ही लूट रहा हूं .
🙏🙏🙏🙏, आचार्य जी मैंने भी शिव लिंग के बारे में बहुत सी बातें सुनीं थीं, लेकिन मेरा मन ये मानने को तैयार नहीं था, आज आपको सुनने के बाद मुझे अपनी असमंजस की स्थिति से बाहर आने में मदद मिली, धन्यवाद आचार्य जी सही जीवन दर्शन के लिए
ऐसी कोई जिज्ञासा नहीं है जिसका उत्तर हम भटके हुए मानव ढूंढ रहे हैं और आचार्य जी अपने शीर्ष ज्ञान से उस जिज्ञासा का समाधान ना कर सकें। मैंने भी अपना फॉर्म भेजा है काश आचार्य जी से जुड़ने का मुझे भी शीघ्र अवसर मिले। 🙏🙏
अति सुन्दर से सुन्दर अर्थ समझा दिया शिव लिंग का। कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏❤ सदगुरू मेरे पारखी शीश भेंट धरूँ हाथ ।वचन उचारौं वन्दगी सत्य प्रम के साथ ।
HUMARE SAMAAJ MEIN SHIVLING KA ARTH KUCH AUR HI HAI MAHILAUN KO SPARSH KARNE KI ANUMATI NAHIN SABKO JAGRIT KARNE KE LIYE BAHUT BAHUT DHANYAVAAD GURU JI
मैं जब आपको सुनता हूं और अपने चारों ओर फैले मूढ़ता को देखता हूं तो बहुत विचलीत हो जाता हूँ कि कितना पवित्र और पावन है हमारा दर्शन पर हमने ये क्या किया इनके साथ और अगर हम अभी भी नही समझे तब क्या होगा। और जब मैं आपके काम को देखता हूं गुरुदेव तो आंखे भर आती है।आपमे कितना प्रेम है विघटित होते वेदान्त के प्रति विघटित होते धर्म के प्रति और सामान्य मानव के प्रति।अद्भुत प्रेम और अद्भुत करुणा के सागर है आप।नमन आचार्य श्री🙏🙏
शिवलिंग हमारी अंतर ज्योति का प्रमाण है। शिव ने जिसे पहली बार जाना था जो ज्योति हम सब के अंदर है। शिवलिंग अनंत ऊर्जा का प्रतीक है। शिव जी ने अंततः ज्योति का आकर लिया। 🌺❤️🙏🏻😍🌺❤️🙏🏻😍❤️🙏🏻❤️🙏🏻🙏🏻❤️🙏🏻🙏🏻❤️🙏🏻❤️❤️🙏🏻🙏🏻❤️🙏🏻❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🙏🏻❤️❤️🌺❤️
हमें बस चमत्कार चाहिए। इसलिए हम पूजा पाठ भी खुद की स्वार्थ के लिए करते है। उपवास कौन शरीर के स्वास्थ हेतु करते है। उपवास सिर्फ हमें कुछ लाभ हो जाए, इसलिए करते है।
सामान्य मनुष्य के जैसा वस्त्र परिधान करके आप ज्ञान सटीक अर्थ बता देते हो गुरुजी सच में ऐसा लगता है । ये दुनिया दिखावा है झुटी है । यही सच्चा धर्म है । कुछ लोग धर्म को समझाने के नाम से समुद्र में ही घूमा ते है । पर आप नया पार लगाते हो गुरुजी🙏 💐💐 आप पर कृष्ण का आशीर्वाद 💐💐
जब आप शिवलिंग को नमन कर रहे हो तो आप वास्तव में चेतना को नमन कर रहे हो। आप ऐसी चेतना को नमन कर रहे हो जो है तो प्रकृति के बीच लेकिन अपनी चेतना को अक्षुण्ण रखे हुए है। वो प्रकृति में लिप्त या लीन नहीं हो गया। वो वहां होते हुए भी अलग है। वहां होना तो अनिवार्यता है। संसार में चेतना का होना हमेशा संसार के बीचोबीच ही होगा। इंसान में चेतना का होना हमेशा इंसानी शरीर के बीचों बीच ही होगा। तो वो तो अनिवार्यता है। प्रकृति नहीं तो पुरुष नहीं। जीव नहीं तो जीव की चेतना नहीं। लेकिन प्रकृति के होते हुए भी, शरीर के होते हुए भी आपकी जो चेतना है वो शिवलिंग के भांति ही अटल रहे, अचल रहे, उसमें कोई कम्पन ना हो। उसमें कोई रागद्वेष, कोई लहरें नहीं उठ रही हैं। इसलिए शिवलिंग पूजनीय है। तो शिवलिंग जिस ऊंचे सत्य का द्योतक है वो हमने नहीं समझा और समझे बिना ही हम बस नमस्कार करते रहे तो कोई लाभ हमें नहीं होने वाला है। आचार्य प्रशांत
मेरा सवाल यह था गुरुजी कभी-कभी मेरे अंदर बहुत ही अच्छी सोच की उत्पत्ति होती है और मैं बहुत ही उत्साहित रहता हूं और बहुत एक्टिव ऐसा लगता है कि मैं सब कुछ छोड़ कर एक ध्यान में बैठ जाऊं। यह किरिया लगभग मेरे सात से आठ दिन होती है। पर यह मेरे सोच तक ही सीमित रह जाती है फिर एकाएक मेरे अंदर गंदी सोच की उत्पत्ति होने लगती है और यह मुझे इतना नीचा गिरा देती है कि फिर मेरा कहीं ध्यान नहीं लगता और मुझे बहुत आलस हो जाता है। यह प्रतिक्रिया मेरे साथ हमेशा होती है मेरे साथ उत्साह और निराशा दोनों बनी रहती है। मुझे समझ में नहीं आता मैं इन सब चीजों से कैसे परे हूं। मेरी उम्र 25 साल है ।
Acharya ji pranam, bhut acha Laga sun ke, me Pakistan se Hun aur yahn gyan saral nahi hai pana. Kyu ke yahan itne Sanatani Guru nahi hai. Apka gyan sun ke bhut acha Laga.
आचार्य जी प्रणाम शिवलिंग के वास्तविक अर्थ को जानकर मन आज बहुत आनंदित है। मन में यह प्रश्न बार बार आता है कि हमारे पूर्वजो ने इतनी गूढ़ बात को प्रतीकात्मक क्यों रखा इसे स्पष्ठ भी तो बताया जा सकता था। अगर यह स्पष्ठ होता तो धर्म का इतना अनादर न होता। नमस्कार
हम प्रतीकों की अंधे पूजा कर रहे हैं बिना ये समझे कि इशारा किधर को कर रहा है। एक बात ध्यान रखें कि मुझे भी ऐसे ही अकंप,निश्चल तन के खड़ा रहना है संसार के आवेगों के बीच ,आकर्षण बिकर्षण के बीच (To be seized is not to be captured).🙏🙏🙏
FACT-- As per the recent pew research survey in India Lord SHIV is the most worshiped god ( and in maximum shiv temple shiv is worshiped in shivling's form )
इस वीडियो को मै तीसरी बार देख रही हूँ प्रत्येक बार देखने पर और ज्यादा स्पष्ट होता है... आपकी बातें ऐसी है जो आम जनमानस को बहुत सरलता से समझ आती हैं.. आप (आचार्य प्रशांत) अपने को कबीर साहब का फैनबॉय कहते हैं.. और मै अपने को आपका (आचार्य प्रशांत) फैनबॉय कहती हूँ...
Wooooow!!! Thank you Acharyaji 🙏🙏🙏🙏 I asked this question to Anmolji last two months back but that time he didn't reply me but now the answer of my question has given to me. 😊 Thank you thank you thank you very much.🙏🙏 शत्-शत् नमन।🙏🙏
देहभान के वशीभूत आधुनिक आचार्यों ने शिवलिंग को शरीर का अंग समझ लिया गया है. निराकार अर्थात विदेही, अशरीरी दिव्य प्रकाशमय, ज्योतिर्मय पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर, परम पिता परमात्मा का प्रतीक है🙏💕. बेहद की परम महा शान्ति. ज्ञान के लिए हार्दिक धन्यवाद🙏💕 नमन.
Our desire to raise our consciousness to the highest level HAS to coexist with the fact that we are on the most basic level driven by the needs of our body. Spiritual growth has to happen WHILE we are living in this material world. That was the practical message shivling originally intended to deliver. Beautiful ! Thanks acharya ji
Long back have watched the video of Osho on shiv ling , was very disturbing. I mean the level hate against hindu deities. Thank you Acharya ji for explaining the importance of shiv ling.
Positron Annihilation and pair production are basis of every thing. शिव लिंग यही वास्तविकता हे Energy and matter are convertible to each other शिवलिंग positive energy का source हे
Pranam Aacharya ji 🙏 प्रणाम आचार्य जी अगर मेरा सवाल आप तक पहुंच जाए तो मेरे सवालों का समाधान कर दीजिएगा। 🙏 मैं आपके वीडियो दिन भर में 2 से 4 बार देख लेता हूं मैं हर दिन एक वीडियो जरूर देखता हूं कभी मौका मिलता है तो चार-पांच वीडियो भी देख लेता हूं।
शिवलिंग , संसार और इसके साथ हमारा संबंध कैसा हो ? इससे प्रभावित होकर चलायमान रहना ,दुखी रहना , डरे रहना ,,,, अथवा अपने अस्तित्व को संसार में निर्विकार , अचल , अटल रहकर साक्षी भाव में रहना । बहुत अच्छा लगा । प्रकृति और पुरुष के सनातन संबंध को शिव लिंग के साकार माध्यम को प्रकाशित करने के लिए आत्मिक धन्यवाद । मैं धन्य हुआ । ॐ नमः शिवाय ।
आचार्य जी के ज्ञान से आज इन प्रतीकों का मतलब धीरे धीरे समझ आ रहा है। बिलकुल सही बात बताई आचार्य जी ने, कुछ साल पहले मैंने एक पुस्तक पढ़ी थी, "Riddles In Hinduism" इस पुस्तक में हमारे पुराणों की कहानियों और प्रतीकों को लेके बहुत कुछ उल्टा पुल्टा लिखा गया है, और जो संदर्भ दिए गए हैं वो अधिकतर पाश्चात्य दार्शनिकों के हैं। अब जो भारतीय दर्शन है वो इन लोगों को जैसा उनकी उथली सोच के हिसाब से प्रतीत हुआ वैसा उन्होंने लिख दिया। और इन किताबों को पढ़ के, जैसा आचार्य जी ने बताया कि अभी भी लोगों के मन में गलत छवि बनी हुई है। आचार्य जी की मदद से बहुत सारे अंधविश्वास दूर हो रहे हैं। आशा करता हूं की ये सभी बातें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे, ताकि उनको सही मायने में भारतीय दर्शन का अर्थ पता चल सके।🙏🙏
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धन्यवाद आचार्य जी । बहुत जरूरी था आप का इस विषय पर रोशनी डालना। शत् शत् नमन।कम से कम हिन्दूओं को तो शिव लिंग का असली अर्थ पता होना चाहिए।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
Om Nama shivaya
Awesome
Om namah shivaay
मैं केवल 20 वर्ष का हूं और आचार्य जी की लगभग 200+ वीडीओ देख चुका हु।।और उसपे अमल भी करता हु सत्य क्या है धीरे धीरे मुझे पता चलने लग गया है ।श्री मद भागवत गीता का भी अध्यन करता हु। स्नातक का भी छात्र हूं।
हर युग में धर्म की रक्षा के लिए कोई न कोई युगपुरुष आते हैं और इस युग में हमारे बीच आचार्य प्रशांत गुरु जी आए हैं ।।। आपको कोटि कोटि नमन गुरु जी 🙏🙏🙏
जो निराकार को पूजना चाहे उनके लिए शिवलिंग निराकार ब्रह्म का प्रतीक है।
जो साकार को पूजना चाहें उनके लिए शिवलिंग प्रकृति और पुरुष का समुचित संयोग है।
आचार्य प्रशांत
बिलकुल ठीक
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्
शिव लिंग सत्य और सुन्दर ,पुरुष और प्रकृति, निराकार और साकार, ज्ञान और प्रेम, भक्ति और शक्ति, शांति और आनंद दोनो का प्रतिक है।
आचार्य जी आपकी जय हो।
आधुनिक बाबाओं ने अध्यात्म को खिचड़ी बना रखा है मैं, संसार और साक्षी को मिलकर but आप ने बहुत ईमानदारी से समझाया हैं आप के "विवेक गुरु"को सलूट करता हूं 👍🏻♥️🙏🙏
अद्भुत! शिवलिंग का अर्थ और मैं, संसार, साक्षी का इतना सुंदर और सरल वर्णन आज तक कहीं नहीं देखने को मिला। सद् भाग्य हैं हमारे जो आपके ज्ञानगंगा में डुबकी लगा रहे हैं।🙏🙏
अद्धभुत ! शिवलिंग का अर्थ और मैं संसार, साक्षी का इतना सुंदर और सरल बर्णन आज तक कोई पाखण्डी नही बता सकता सदय भाग्य हमारे जो आपके ज्ञानगंगा डुबकी लगा रहे हैं
❤❤❤❤❤❤❤❤
👌👌👌👌👌👌👌
अब से यदि शिवलिंग देखें तो मन में पहला विचार ये उठे कि मैं भी संसार के आकर्षण विकर्षण से, प्रकृति के आवेगो से अस्पर्शित रह सकता हूं। इसी में शिवलिंग की सार्थकता है और आपकी भलाई भी।।
अब समझ में आया शिवलिंग का असली मतलब।🙏🏾🙏🏾धन्यवाद आचार्य जी।
वेदांत ने कहा विश्वास मत करो बस देखो और निरीक्षण करो।
हर हर महादेव
कोटी कोटी प्रणाम आचार्यजी 🙏 बचपन से शिवरात्री का व्रत करती आयी हू लेकिन सही अर्थ आज समझ में आया!आप का व्हिडिओ सुनने के कुछ दिन पहले ओशो का एक व्हिडिओ शिवलिंग के बारे में दिखाई पडा था! लेकिन तब मुझे वो अर्थ थोडा अश्लील लगा और तुरंत मैने बंद किया जैसे वो सुनकर मुझसे बडा पाप हो गया!तबसे ओशो का व्हिडिओ सामने आया तो भी नहीं देखती!जैसे मै सच्चाई से भागती थी! पर आज आप की पुरी बात जानकर समझ में आया सही अर्थ और मन प्रसन्न हो गया! आचार्यजी आपके कारण बहूतसे आनेवाले सवाल मिटते जा रहे है!और क्या पाना है जिंदगी में आंतरिक खलबल मिट रही है यही काफी है! जीवन सार्थक हो रहा है! नतमस्तक हू आप के चरणोंमें 👏👏
ये हैं मेरा प्यारा भारत, जो वास्तव में दर्शनशास्त्र पर आधारित हैं
जय श्री महादेव ✨✨✨✨🙏🙏🙏🙏
भवानी शकरौ वदै श्रद्ध विश्वास रूपिनौ।। साक्षात् परब्रह्म परम पिता परमेश्वर आराध्य देव देवाधिदेव महादेव भोलेनाथ ने आपको इस दुनिया में भेजा है युवा पीढ़ी को बचाने के लिए ।प्रणाम आपके चरणो में।
” अच्छा व्यक्ति वही है जो किसी का बुरा नहीं सोचता ”
Jo sachai ke sath chalta wo acha purush hai chahe us sachai se kisi ko dukh ho ya na ho koi fark ni padhta🙏
I am a Sufi follower, I have a deep respect and love for Sanatan. I used to listen to Acharya Prasant ji for true sanatan knowledge. But everytime I am surprised that Sanatan and Sufi knowledge has a great connection and similarity. Thanks Acharya Ji for providing such a valuable knowledge.
हर हर महादेव ओम् नमः शिवाय ॐ जय भोलेनाथ जय मां पार्वती ❤❤❤❤😊😊😊🎉🎉😮😮❤❤❤
शिव पूजा के लिए प्रसिद्ध सावन माह के समय इतनी गहराई इतनी स्पष्टता से शिव पूजा का वर्णन के लिए धन्यवाद आचार्य श्री 🙏🏻अद्भुत वर्णन
अगली बार जब शिवलिंग को देखें, तो यह विचार मन में लाए कि दुनिया के तमाम आकर्षणों के मध्य हमको इसी प्रकार से अटल खड़े रहना है।
❤
Kitne gyaani rahe honge wo log jinhone dharm/grantho ki rachna ki hogi.. jinhone apna poora jeevan takleefon me jeeya aur humaare liye ek gajab duniya bana gaye..
Unhone socha hoga ki hamaare baad log duniya kitni badhiya banayenge.. jinhone mehnat imaandaari se jeena sikhaaya
bahut bahut dukh hota hai aaj dharm ki haalat dekh ke 😭
बहुत से लोगों को आज शिवलिंग का वास्तविक अर्थ समझ में आया है।धन्यवाद आचार्य जी
👍👍🙏🙏🙏✨✨
कितने सीधे और सरल तरीके से आपने शिवलिंग की महत्ता को बता दिया आचार्य जी ❤️❤️वरना संसार में तो इस बात का ही कॉम्पिटिशन चलता है कि मै ज्यादा जानता हूं..और हर कोई पीएचडी करके बैठा हुआ तरीको में तो..बस अपने अहंकार को ही पोषण देने में लगा हुआ समाज तो
शिवलिंग निराकार और साकार सत्य का एक साथ प्रतिनिधित्व करता है।
आचार्य प्रशांत
ताली पिटवाने वाले ,अली मोला करने वाले ,कथाओं को तरोडकर मोड़ कर पेश करने वाले धर्म गुरुओं से तो आप कंही ऊपर है इसके लिये आपको साधुवाद .
कुछ बातो में मतभेद हो सकता है पर मेरी आदत है अच्छाई को लूटना और आपसे मैं वो ही लूट रहा हूं .
🙏🙏🙏🙏, आचार्य जी मैंने भी शिव लिंग के बारे में बहुत सी बातें सुनीं थीं, लेकिन मेरा मन ये मानने को तैयार नहीं था, आज आपको सुनने के बाद मुझे अपनी असमंजस की स्थिति से बाहर आने में मदद मिली, धन्यवाद आचार्य जी सही जीवन दर्शन के लिए
शिव लिङ्ग पर अथर्ववेद का प्रमाण अति उत्तम चिन्तन । धन्यवाद
ऐसी कोई जिज्ञासा नहीं है जिसका उत्तर हम भटके हुए मानव ढूंढ रहे हैं और आचार्य जी अपने शीर्ष ज्ञान से उस जिज्ञासा का समाधान ना कर सकें।
मैंने भी अपना फॉर्म भेजा है काश आचार्य जी से जुड़ने का मुझे भी शीघ्र अवसर मिले। 🙏🙏
प्रभाती प्रनाम🙏🙏
सुबह सुबह आज शिव की प्रतिक प्रसन्ग, मुझे नया शिखनेको मिला॥ धन्यवाद सभी को॥
दोस्तों ओर रिस्तेदार को हमेशा घर से बाहर ही रखना चाहिए क्योंकि यह वह दुष्मन है जो घर में ही छुरा रोकते है, (विश्वास ओर सम्मान का )
धन्यवाद आचार्य जी पूर्णरूप से स्पष्ट करने के लिए। शिवलिंग के नाम पर काफी अफवाह और अंधविश्वास फैलाए जाते हैं, आपने सबको वेदांत के जरिए दूर कर दिया।👍🙏
आज स्पष्टता आई शिवलिंग के विषय मे.. धन्यवाद आचार्यजी
शिवलिंग साकार एवम् निराकार सत्य का प्रतीक है। 🙏🙏
Eska arth kya h
@@vishalmahor2166 aap na samjh payenge
@@vishalmahor2166 divine power ka symbol
Right 🙏🙏🙏🙏
Sakar satya aour nirakar satya kya hai?
Bataiye!
अति सुन्दर से सुन्दर अर्थ समझा दिया शिव लिंग का। कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏❤ सदगुरू मेरे पारखी शीश भेंट धरूँ हाथ ।वचन उचारौं वन्दगी सत्य प्रम के साथ ।
निराकार के सहारे सब साकार चल रहा है।
आचार्य प्रशांत
सच मे पहिलीबार शिवलिंग का वास्तवीक अर्थ समज मे आया है।🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏
चेतना स्तंभ है इस समस्त सृष्टि का। साकार प्रकृति है। निराकार परम चेतना से ही उद्भूत है।
HUMARE SAMAAJ MEIN SHIVLING KA ARTH KUCH AUR HI HAI
MAHILAUN KO SPARSH KARNE KI ANUMATI NAHIN
SABKO JAGRIT KARNE KE LIYE BAHUT BAHUT DHANYAVAAD GURU JI
yhi to andhvishwas khtm karna chahte hai,
gyan ki trf le jana chahte hai 😊
मैं जब आपको सुनता हूं और अपने चारों ओर फैले मूढ़ता को देखता हूं तो बहुत विचलीत हो जाता हूँ कि कितना पवित्र और पावन है हमारा दर्शन पर हमने ये क्या किया इनके साथ और अगर हम अभी भी नही समझे तब क्या होगा।
और जब मैं आपके काम को देखता हूं गुरुदेव तो आंखे भर आती है।आपमे कितना प्रेम है विघटित होते वेदान्त के प्रति विघटित होते धर्म के प्रति और सामान्य मानव के प्रति।अद्भुत प्रेम और अद्भुत करुणा के सागर है आप।नमन आचार्य श्री🙏🙏
आप जो वेदान्त दर्शन का ज्ञान दे रहे हो ।। ये सब हमारे धर्म और दर्शन में एक बड़ा बदलाव लाएगा।। आप भारत की आध्यात्मिक शक्ति पुनर्जीवित कर रहे हो 🙏
🙏
बिल्कुल सही
बहुत-बहुत धन्यवाद पुज्यनीय आचार्य जी।।🙏 आज मुझे पता चला शिवलिंग का वास्तविक अर्थ।।
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सभी भाई बहनों को अपना शिवत्व कायम रखने के लिए बहुत शुभकामनाएं।
।।ॐ नमः शिवाय।।
ओम नमः शिवाय हैं🙏🏻🙏🏻
Har Har Mahadev
हर हर महादेव 🤗🤗🤗🤗......बहुत ही सुंदर व्याख्या की है आचार्य जी आपको कोटि कोटि नमन🙏🙏🙏🙏
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शिवलिंग हमारी अंतर ज्योति का प्रमाण है। शिव ने जिसे पहली बार जाना था जो ज्योति हम सब के अंदर है। शिवलिंग अनंत ऊर्जा का प्रतीक है। शिव जी ने अंततः ज्योति का आकर लिया। 🌺❤️🙏🏻😍🌺❤️🙏🏻😍❤️🙏🏻❤️🙏🏻🙏🏻❤️🙏🏻🙏🏻❤️🙏🏻❤️❤️🙏🏻🙏🏻❤️🙏🏻❤️🌺❤️🌺❤️🌺❤️🙏🏻❤️❤️🌺❤️
राम राम आचार्य जी इतनी गहराई से समझाने के लिए बहुत-बहुत साधुवाद वास्तव में आप बहुत ऊंची चेतना है
हमें बस चमत्कार चाहिए। इसलिए हम पूजा पाठ भी खुद की स्वार्थ के लिए करते है।
उपवास कौन शरीर के स्वास्थ हेतु करते है। उपवास सिर्फ हमें कुछ लाभ हो जाए, इसलिए करते है।
Fact bole
सामान्य मनुष्य के जैसा वस्त्र परिधान करके आप ज्ञान सटीक अर्थ बता देते हो गुरुजी
सच में ऐसा लगता है ।
ये दुनिया दिखावा है झुटी है ।
यही सच्चा धर्म है ।
कुछ लोग धर्म को समझाने के नाम से समुद्र में ही घूमा ते है ।
पर आप नया पार लगाते हो गुरुजी🙏
💐💐 आप पर कृष्ण का आशीर्वाद 💐💐
जब आप शिवलिंग को नमन कर रहे हो तो आप वास्तव में चेतना को नमन कर रहे हो।
आप ऐसी चेतना को नमन कर रहे हो जो है तो प्रकृति के बीच लेकिन अपनी चेतना को अक्षुण्ण रखे हुए है।
वो प्रकृति में लिप्त या लीन नहीं हो गया।
वो वहां होते हुए भी अलग है।
वहां होना तो अनिवार्यता है।
संसार में चेतना का होना हमेशा संसार के बीचोबीच ही होगा।
इंसान में चेतना का होना हमेशा इंसानी शरीर के बीचों बीच ही होगा। तो वो तो अनिवार्यता है। प्रकृति नहीं तो पुरुष नहीं।
जीव नहीं तो जीव की चेतना नहीं।
लेकिन प्रकृति के होते हुए भी, शरीर के होते हुए भी आपकी जो चेतना है वो शिवलिंग के भांति ही अटल रहे, अचल रहे, उसमें कोई कम्पन ना हो। उसमें कोई रागद्वेष, कोई लहरें नहीं उठ रही हैं।
इसलिए शिवलिंग पूजनीय है।
तो शिवलिंग जिस ऊंचे सत्य का द्योतक है वो हमने नहीं समझा और समझे बिना ही हम बस नमस्कार करते रहे तो कोई लाभ हमें नहीं होने वाला है।
आचार्य प्रशांत
Great
🙏🙏कोटि कोटि धन्यवाद शिवलिंग का वास्तविक अर्थ समझाने के लिए
चेदनंद् रूपम शिवोहम् शिवोहम्🕉🕉
Akdam sahi vyakhya, Aacharya Ji. Bahut-Bahut dhanyawad Aacharya Ji.
सत सत नमन आचार्य जी 🙏
आज मुझे इतना बड़ा सच पता चला अपने धर्म के बारे में। बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏
संसार में रहते हुए हमारा अस्तित्व कैसा हो, इस बात का प्रतीक है शिवलिंग.......इतना सुंदर स्पष्ट और सत्य मतलब समझाने के लिए धन्यवाद गुरुजी
शिव लिंग जो सत्य को प्रकाशित करता हो
मैं और तू न होकर मैं या फिर तू का महत्वपूर्ण होना जीवन है। मुझे आपकी बात का यही भाव समझ आया है आचार्य जी। नमस्कार।
Fully satisfied with your explanations, thank you and जय होस 🙏 from 🇳🇵
शिवलिंग को लेकर ओशो ने लोगों को बहुत मूर्ख बनाया। आज सही अर्थ समझ आया।🙏🏻
मेरा सवाल यह था गुरुजी कभी-कभी मेरे अंदर बहुत ही अच्छी सोच की उत्पत्ति होती है और मैं बहुत ही उत्साहित रहता हूं और बहुत एक्टिव ऐसा लगता है कि मैं सब कुछ छोड़ कर एक ध्यान में बैठ जाऊं। यह किरिया लगभग मेरे सात से आठ दिन होती है। पर यह मेरे सोच तक ही सीमित रह जाती है फिर एकाएक मेरे अंदर गंदी सोच की उत्पत्ति होने लगती है और यह मुझे इतना नीचा गिरा देती है कि फिर मेरा कहीं ध्यान नहीं लगता और मुझे बहुत आलस हो जाता है। यह प्रतिक्रिया मेरे साथ हमेशा होती है मेरे साथ उत्साह और निराशा दोनों बनी रहती है।
मुझे समझ में नहीं आता मैं इन सब चीजों से कैसे परे हूं। मेरी उम्र 25 साल है ।
Mere sath bhi yahi hota he
@@Krissxx22 ok sir thanks 😊
Acharya ji pranam, bhut acha Laga sun ke, me Pakistan se Hun aur yahn gyan saral nahi hai pana. Kyu ke yahan itne Sanatani Guru nahi hai. Apka gyan sun ke bhut acha Laga.
आचार्य जी प्रणाम
शिवलिंग के वास्तविक अर्थ को जानकर मन आज बहुत आनंदित है।
मन में यह प्रश्न बार बार आता है कि हमारे पूर्वजो ने इतनी गूढ़ बात को प्रतीकात्मक क्यों रखा इसे स्पष्ठ भी तो बताया जा सकता था। अगर यह स्पष्ठ होता तो धर्म का इतना अनादर न होता।
नमस्कार
Aapke jaisa mahapurush duniya may koi nahi hai
आचार्य जी मुझे माफ करियेगा। लेकिन सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए।
शिव का अर्थ है ब्रह्मांड
और लिंग का अर्थ है प्रतीक
अर्थात शिवलिंग में मतलब ब्रह्मांड का प्रतीक
Brahmand ki energy ka satrot
हे महामानव,महापुरुष,वेदांती ,नारायण भगवन आपको त्रिवार वंदना. आपकी सदा जय है
*Har Har Mahadev 🕉️*
हम प्रतीकों की अंधे पूजा कर रहे हैं बिना ये समझे कि इशारा किधर को कर रहा है। एक बात ध्यान रखें कि मुझे भी ऐसे ही अकंप,निश्चल तन के खड़ा रहना है संसार के आवेगों के बीच ,आकर्षण बिकर्षण के बीच (To be seized is not to be captured).🙏🙏🙏
har har mahadev 🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐🌹🌹🌼🌸🌸🙏🏻🥀❤️❤️❤️❤️🌻🌻🌻🌸🌸🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🌼🌸
Oh God...you are the one who taught what never before never ahead ...only you could teach...
FACT-- As per the recent pew research survey in India Lord SHIV is the most worshiped god ( and in maximum shiv temple shiv is worshiped in shivling's form )
Ghera to rahega hi..Par uske bich shivatva kayam rakhna hai...Bahut achhi bat Acharya prashant ji🙏🌺
इस वीडियो को मै तीसरी बार देख रही हूँ
प्रत्येक बार देखने पर और ज्यादा स्पष्ट होता है...
आपकी बातें ऐसी है जो आम जनमानस को बहुत सरलता से समझ आती हैं..
आप (आचार्य प्रशांत) अपने को कबीर साहब का फैनबॉय कहते हैं..
और मै अपने को आपका (आचार्य प्रशांत) फैनबॉय कहती हूँ...
Acharya ji ke charno me koti koti naman.....
शिवाय नमःशिवाय आपने ने जो समझाया अति आन्नद दायक है आपको मेरा प्रणाम आचार्य जी
Wooooow!!!
Thank you Acharyaji 🙏🙏🙏🙏
I asked this question to Anmolji last two months back but that time he didn't reply me but now the answer of my question has given to me. 😊
Thank you thank you thank you very much.🙏🙏
शत्-शत् नमन।🙏🙏
🙏 प्रणाम आचर्याजी 🙏धन्यवाद 🙏
Tum mujhe gher skte ho, mujhe jeet nhi skte.... Wow🎉🎉
देहभान के वशीभूत आधुनिक आचार्यों ने शिवलिंग को शरीर का अंग समझ लिया गया है. निराकार अर्थात विदेही, अशरीरी दिव्य प्रकाशमय, ज्योतिर्मय पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर, परम पिता परमात्मा का प्रतीक है🙏💕. बेहद की परम महा शान्ति. ज्ञान के लिए हार्दिक धन्यवाद🙏💕 नमन.
Acharya Prashant Pravachan Jivan Hai Very Happy Helpful
आचार्य जी को सादर नमन शिवलिंग की एकदम सटीक व्याख्या ।
बहुत बहुत आभार
आचार्य जी
ओशो ने समाज में गलत भ्रम फैलाया है, शिवलिंग को लेकर|
लिंग का अर्थ प्रतीक या प्रमाण वेदांत मे सत्य बात
अर्थात शिव का प्रतीक
शिव का प्रमाण
यही सनातन सत्य है
Acharya ji 🙏
A lot of respect for you....
Really Influenced with your knowledge and intelligence....😌
Our desire to raise our consciousness to the highest level HAS to coexist with the fact that we are on the most basic level driven by the needs of our body. Spiritual growth has to happen WHILE we are living in this material world. That was the practical message shivling originally intended to deliver. Beautiful ! Thanks acharya ji
बोधअमृतम्
Long back have watched the video of Osho on shiv ling , was very disturbing. I mean the level hate against hindu deities. Thank you Acharya ji for explaining the importance of shiv ling.
Too good explanation dhanyawaad
भारत का धर्म दर्शन से उठा है।
🙏
Ye lecture dekh ke ling ke samaksh jaana safal hua. 🙏🙏🙏🙏
Thankyou Aacharya ji
Deeply honest assesment
🕉🙏 नमः शिवायः
धन्यवाद आचार्य जी।।❤❤🙏🙏
🕉 सत्य सनातन वैदिक (विज्ञानिक) धर्म को धारण करें। जय भारत🕉️।
Positron Annihilation and pair production are basis of every thing.
शिव लिंग यही वास्तविकता हे
Energy and matter are convertible to each other
शिवलिंग positive energy का source हे
Mai bhi tng hnu in dharm guruyo se inki baten sun sun ke bhagvan se hi visvas uth rha h mera
🙏 thankyou for explaining the real meaning, this should be taught to every indian, every Hindu every youth.
Pranam Aacharya ji 🙏
प्रणाम आचार्य जी अगर मेरा सवाल आप तक पहुंच जाए तो मेरे सवालों का समाधान कर दीजिएगा। 🙏
मैं आपके वीडियो दिन भर में 2 से 4 बार देख लेता हूं मैं हर दिन एक वीडियो जरूर देखता हूं कभी मौका मिलता है तो चार-पांच वीडियो भी देख लेता हूं।
Sanatan hi sattya hai 🙏🚩🚩🚩🚩🚩
शिवलिंग , संसार और इसके साथ हमारा संबंध कैसा हो ? इससे प्रभावित होकर चलायमान रहना ,दुखी रहना , डरे रहना ,,,,
अथवा
अपने अस्तित्व को संसार में निर्विकार , अचल , अटल रहकर साक्षी भाव में रहना । बहुत अच्छा लगा ।
प्रकृति और पुरुष के सनातन संबंध को शिव लिंग के साकार माध्यम को प्रकाशित करने के लिए आत्मिक धन्यवाद । मैं धन्य हुआ । ॐ नमः शिवाय ।
आचार्य जी के ज्ञान से आज इन प्रतीकों का मतलब धीरे धीरे समझ आ रहा है। बिलकुल सही बात बताई आचार्य जी ने, कुछ साल पहले मैंने एक पुस्तक पढ़ी थी, "Riddles In Hinduism" इस पुस्तक में हमारे पुराणों की कहानियों और प्रतीकों को लेके बहुत कुछ उल्टा पुल्टा लिखा गया है, और जो संदर्भ दिए गए हैं वो अधिकतर पाश्चात्य दार्शनिकों के हैं।
अब जो भारतीय दर्शन है वो इन लोगों को जैसा उनकी उथली सोच के हिसाब से प्रतीत हुआ वैसा उन्होंने लिख दिया। और इन किताबों को पढ़ के, जैसा आचार्य जी ने बताया कि अभी भी लोगों के मन में गलत छवि बनी हुई है।
आचार्य जी की मदद से बहुत सारे अंधविश्वास दूर हो रहे हैं।
आशा करता हूं की ये सभी बातें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे, ताकि उनको सही मायने में भारतीय दर्शन का अर्थ पता चल सके।🙏🙏
आचार्य जी और लोगों तक पहुँच पाए उसके लिए आर्थिक अनुदान की बहुत जरुरत है।
Bhut bhut bhut bhut dhanywad aachary ji. Aap bhut mhan kam kr rhe he