कर्मों के मायाजाल से कैसे बचें? | 13 July 2020 Pravachan | हायकू प्रवचन श्रंखला | Muni PramansagarJi

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 18 сен 2024
  • हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। आज के प्रवचन नीचे दिए हुए हायकू पर हैं
    क्या सोच रहे,
    क्या सोचूँ जो कुछ है,
    कर्म के धर्म।
    ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
    मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज दैनिक शंका समाधान और प्रवचनो से आम आदमी की शंकाओं का वैज्ञानिक तरीके से निवारण करते है। उनकी वाणी हमारे जीवन को सकारात्मकता और ऊर्जा से भर देती है, और हमारी समस्याओं का समाधान कर देती है। प्रतिदिन उनके द्वारा Paras TV के माध्यम से Live लोगो की शंका का समाधान शाम को 6:30 से 7:30 तक, और उनके Live प्रवचन Jinvaani channel पर सुबह 8:20 से 9:20 तक किया जाता है।
    Revered saint 108 Muni Shree Praman Sagar Ji's, Daily Day to Day doubts solving session and thoughts, help people solve their problem in a scientific way. His contemplation will bring positive vibes and his energetic speech will healthy our attitude with respect to life. Daily aired through Paras Channel one can listen to his vibrant problem solving at evening 6:30 - 7:30 and Live discourse at Jinvaani Channel in the morning 8:20-9:20.
    ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
    FOR LATEST UPDATES :
    ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
    ✿ Subscribe to our channel here :
    / @bestofshankasamadhan
    ✿ Shanka Samadhan:
    / @shankasamadhaan1930
    ✿ Best of Shanka Samadhan:
    / @bestofshankasamadhan
    ✿ Official Website :
    munipramansagar...
    ✿ Official Facebook Page :
    / pramansagarji
    ✿ Official instagram Page :
    / munipramansagar
    ✿ Join Our Whatsapp network by sending Whatsapp message on
    +91-7253-904-904
    ✿ Official App in Playstore :
    play.google.co...

Комментарии • 59

  • @manahourmagadum7774
    @manahourmagadum7774 3 года назад

    Namostu Namostu gurudev

  • @deepakshah2762
    @deepakshah2762 5 месяцев назад

    Namostu Maharaj ji
    Ap jaha bhi birajman ho ap ki sukh aur sata ki kamna kar tehai

  • @chandraprakash2966
    @chandraprakash2966 2 года назад

    Jai Shree Gurun di

  • @shailendrayadav4558
    @shailendrayadav4558 3 года назад

    Jai ho Guru Dev

  • @BharatPatel-nk8gu
    @BharatPatel-nk8gu 2 года назад

    🙏 Jay gurudev🙏

  • @babitajain2744
    @babitajain2744 Год назад

    Jai Jai guru dav

  • @sonaljain7701
    @sonaljain7701 2 года назад

    namostu gurudev 🙏🙏🙏

  • @prabinmahatoo8062
    @prabinmahatoo8062 2 года назад +1

    Prabin, Meghali, Biki Mahatoo, Namostu Namostu gurubor🙏🙏🙏🙏🙏

  • @malkeetsing2794
    @malkeetsing2794 2 года назад

    Koti, Koti, parnam, guru Je aapko

  • @parshavjain3511
    @parshavjain3511 4 года назад +2

    Namostu Gurudev 🙏

  • @pramodsaxena5267
    @pramodsaxena5267 4 месяца назад

    Sadar pranam guruji

  • @akshaydorle216
    @akshaydorle216 4 года назад +2

    क्या सोचु
    क्या सोच रहे
    जो कुछ है कर्म के धर्म।
    - संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज

  • @riddhijain23
    @riddhijain23 4 года назад +1

    Namostu gurudev jai ho jinshasan ki

  • @pankajturkhiya2462
    @pankajturkhiya2462 4 года назад +1

    Namostu Gurudev pankaj Turakhiya from Nanded Maharashtra

  • @SampradaJ
    @SampradaJ 3 года назад +1

    क्या सोचूँ क्या सोच रहे,
    जो कुछ है कर्म के धर्म।
    खींच-तान कर जीवन जीने वाले जीवन व्यर्थ करते है और जीवन का रस लेकर जीने वाले जीवन सफल करते है।
    धर्म जीवन का रस लेना सिखाता है। जीवन घटनाओं को ठीक से समझकर जीवन का रस लिया जा सकता है जो धर्म हमे सिखाता है।
    अनुकूलता में खुश होना और प्रतिकूलता में दुःखी यह दुर्बलता है।
    कर्म के धर्म को समझने से चिंता, भय, अशांति सब पलभर में दूर हो जाते है।
    संसार कर्म बेडियों में जकड़ा हुआ है। कर्म बलवान है। कर्म सिद्धांत को समझ कर जीवन का रस लिया जाता है।
    जीवन की अनुकूल, प्रतिकूल घटनायें अपने स्वयं के पुण्य-पाप कर्मों का फल होती है। जीवन का रस लेनेवाले कर्म और कर्मों के फल को समझते है और किसीभी परिस्थिति में आकूल-व्याकुल नहीं होकर राग-द्वेष नहीं करके जीवन का रस लेने है।
    कर्म बांधना, कर्म काटना, कर्म भोगना, कर्म को जानना।
    अज्ञानी कर्म बांधता है। इष्ट-अनिष्ट में आकुलित-व्याकुलित होना, राग-द्वेष के भाव, कषाय भाव यह कर्म बंध है। अज्ञान के कारण कर्म बंध होता है।
    जो घटा, घट रहा है उसे सहज भाव से जानना-देखना इससे कर्म बंध नहीं होता और जो घट रहा है, घटा है उससे प्रभावित हो राग-द्वेष करना इससे कर्म बंध होता है। अज्ञानी कर्म बंध करता है।
    कर्म बन्ध के लक्षण; जब जब आकुलता हो समझना कर्म बंध हो रहा है। निराकुलता में कर्म बंध नहीं होता।
    आकुलता हो, राग-द्वेष हो, कषाय हो तब समझ लेना कर्म बंध हो रहा है सावधान हो जाओ इस बंध को रोको।
    राग-द्वेष बंध का और वीतराग भाव मुक्ति का कारण है सो राग-द्वेष से बचो। राग-द्वेष से बचना कर्म बंध से बचना है।
    राग-द्वेष से कर्म बंधते है और भोगने पडते है।
    संसार के भोग कर्म फल है जो निंब पुष्प समान, गंध अच्छी स्वाद कड़वा ऐसे होते है।
    कर्म फल दुःखरूप ही होता है भले पुण्य हो या पाप। पुण्य कर्म से प्राप्त सुख, साधन भी दुःख ही है। पुण्य का फल भी आकुलता बढाने वाला होता है। पाप कर्म के फल तो दुःख ही होता है।
    पुण्य फल हो या पाप फल दोनों में आकुलता है। पुण्य पाप का बीजारोपण होता है। पाप फल के भोग में जो संताप होता है वह क्षणिक होता है पुण्य फल भोग का संताप आकुलता अतृप्ति प्यास पीडा होता है और वह दीर्घकालिक, अगले भवों में भी मिलनेवाला होता है।
    अज्ञानी कर्म बांधता है और कर्म भोगता है और ज्ञानी कर्म को जानता है और कर्म को काटता है।
    कर्म को जानो!
    कर्म और आत्मा को समझलेने से उनकी पृथकता को समझलेने से जीवन सुधर जाता है।
    मैं आत्मा हूँ। मैं कर्म नहीं। कर्म आत्मा से पृथक है। कर्म अचेतन है और आत्मा चेतन। मैं शाश्वत चेतन तत्व आत्मा हूँ। कर्म पर द्रव्य है। कर्मों के कारण मिल रहे इष्ट-अनिष्ट संयोग भी मेरे नहीं। मैं अकेला था, हूँ, रहूँगा। मैं जानने-देखने के स्वभाववाला हूँ। मैं कर्म फलों से प्रभावित नहीं होता। कर्म फलों में राग-द्वेष करना मेरा स्वभाव नहीं।
    क्रिया एक कर्म का उदय अपितु ज्ञानी और अज्ञानी की उस क्रिया के लिये प्रतिक्रिया भिन्न-भिन्न। अज्ञानी कर्म उदय में आकूल-व्याकुल हो, राग-द्वेष कर कर्म भोगता है और कर्म बंध करता है। ज्ञानी किसीभी प्रकार के कर्म के उदय में आकूल-व्याकुल न होकर राग-द्वेष न करके कर कर्म को जानकर उसे जड़ से काट देता है। अज्ञानी कर्म फल में आत्मीयता, तादात्म्य रखता है और ज्ञानी जानता है की कर्म, कर्म फल पर-द्रव्य है मेरे नहीं। मेरा स्वभाव कर्म फल में मात्र जानो-देखो इतना ही है राग-द्वेष करना नहीं।
    मैं ज्ञायक स्वरूप आत्मा हूँ। मैं चेतन आत्मा कर्म और शरीर से अत्यंत भिन्न हूँ।
    गजकुमार जी ने कर्म बांधा था जो उदय में आने पर उन्होंने भेद-विज्ञान से उसे जाना और जड़ से उखाड़ दिया, काट दिया।
    मैं ज्ञान-दर्शन स्वभाव का शाश्वत आत्मा हूँ। अन्य सब संयोग कर्म जनित है मेरे नहीं, मेरा स्वभाव नहीं।
    🙏🏻 णमो लोए सव्वसाहूणं। 🙏🏻
    🙏🏻 Helpful n Useful ... Thank U! So Very Much for Sharing!🙏🏻
    ~~~ Jai Jinendra n Uttam Kshama!
    ~~~ Jai Bharat.
    (2021 Jun 09 Wed.)

  • @nirmalabbide6698
    @nirmalabbide6698 4 года назад +2

    Gurudev ,aap ki Ashirvad sada chahiye

  • @gopaljarawata834
    @gopaljarawata834 4 года назад

    Jai guru Dev. Namostu

  • @dharamchandjain58
    @dharamchandjain58 Год назад

    Mathen vandami

  • @NareshKumar-vc5oi
    @NareshKumar-vc5oi Год назад

    श्री महाराज जी आपके चरणों में मेरा बारंबार प्रणाम आपके माता पिता श्री गुरु जनों के चरणों में मेरा बारंबार प्रणाम

  • @satyendrabasu.roychoudwry1985
    @satyendrabasu.roychoudwry1985 3 года назад

    Joy guru babaji Sourav satyendranath anita koti koti pranam babaji

  • @amrutpatel134
    @amrutpatel134 2 года назад

    🙏🙏🙏🌹🌹🙏🙏🙏

  • @shafaliagarwal3005
    @shafaliagarwal3005 Год назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @sadhnajain6790
    @sadhnajain6790 4 года назад +3

    Jai Guru Dev, I LOVE ALL YOUR PRAVACHAN. THANK YOU SO MUCH AND WE ARE PROUD OF YOU

  • @Raj70816
    @Raj70816 Год назад

    महाराज का प्रवचन सुनकर जीवन धन्य हो गया

  • @jaiprakashpatidar2866
    @jaiprakashpatidar2866 2 года назад

    नामोस्तु महराज

  • @vibhajain1649
    @vibhajain1649 3 года назад +1

    Jai ho aise gurudev ki🙏🙏🙏 jo raah dikha rahe hai

  • @ravinderkumarjain562
    @ravinderkumarjain562 3 года назад

    Namostu gurudev

  • @manvijaincounsellor
    @manvijaincounsellor 3 года назад +1

    Very Nice 👍

  • @radheshyammaida7396
    @radheshyammaida7396 7 месяцев назад

    Jay jiten Maharaj ji

  • @pukhrajchoudhary8595
    @pukhrajchoudhary8595 4 года назад +2

    सादर सप्रेम नमन् गुरुवर जी 👏👏

  • @anilkumarpalok6838
    @anilkumarpalok6838 4 года назад

    बहुत बहुत साधुवाद आदरणीय जी

  • @इंजी.पवनजैनमोदी

    नमोस्तु गुरुदेव 🙏🙏🙏

  • @alkajain3859
    @alkajain3859 3 года назад +1

    Namostu gurudev ji 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @SampradaJ
    @SampradaJ 3 года назад

    क्या सोचूँ क्या
    सोचे जो कुछ है
    कर्म के धर्म।
    धर्म जीवन का रस सिखाता है। ...
    अनुकूलता में खुश होना और प्रतिकुलाओं में दुःखी होना दुर्बलता है।
    अनुकूलताओं-प्रतिकुलाओं में समभाव से रहना धर्म सिखाता है।

  • @visheshgupta4716
    @visheshgupta4716 4 года назад

    True

  • @SampradaJ
    @SampradaJ 3 года назад

    बंन्धन निरपराध आचार्य मानतुंग स्वामी जी को भी हुआ था। संकट महात्मा, धर्मात्मा के जीवन में भी आते है तो सामान्य जन की क्या बात।
    जीवन में बाहर कुछ उपलब्धि हो या पतन किसी को अपना मत समझना। सब बाह्य पर-द्रव्य है मेरे कदापि नहीं।
    मेरे अपने कर्मों के कारण मेरे साथ अच्छा-बुरा होता है अन्य लोग उसमें मात्र निमित्त होते है वे लोग मेरे साथ अच्छा-बुरा कुछ नहीं करते।
    अपने परिणामों को संभालना वास्तविक धर्म है, दान, पूजा, व्रत आदि वास्तविक धर्म नहीं।
    किसीभी परिस्थिति में हर्ष-विषाद, राग-द्वेष, संकल्प-विकल्प, अहंकार-ईर्ष्या, मोह-काम, विषय-कषाय, आकुलता-व्याकुलता नहीं करना वास्तविक धर्म है।
    कर्म उदय को भोगकर नया कर्म बंध नहीं करके कर्म उदय में कर्म को जानकर उसे जड़ से उखाड़ दो, काट दो!
    समयसार चिंतन।
    चिंतन का आत्म-चिंतन में परिवर्तन से कर्म निर्जरा होती है।
    भेद-विज्ञान को प्रगाढ बनाओ। समता को बढाओ। समता से क्षमता बढती है।
    कोई कुछ बोल दे, अपेक्षित मान-सन्मान न मिले, कुछ छीन जावे तो किसी पर दोषारोपण मत करो बस कर्म का उदय है सोच कर टाल दो, छोड दो, सहन करो।
    जीवन परिस्थितियों में सुधार हेतु कर्तापन के भाव से कुछ मत करो करना पड़ रहा है, करना आवश्यक है सो कर्म कर रहा हूँ इन भावों से कुछ भी करो।

  • @geethavenkatesh2094
    @geethavenkatesh2094 3 года назад +1

    🙏🙏🙏

  • @nirmalabbide6698
    @nirmalabbide6698 4 года назад +2

    Gurudev ,aap ki Ashirvad sada chahiye

  • @anjanajain8085
    @anjanajain8085 4 года назад +1

    Namostu gurudav 🙏🙏🙏👌👌👍

  • @sunilwadhwani4290
    @sunilwadhwani4290 4 года назад

    Namostu gurudev Namostu

  • @padamanabhaiahtn222
    @padamanabhaiahtn222 4 года назад

    Namostu gurudevji

  • @narendrabanwat6988
    @narendrabanwat6988 4 года назад

    नमोस्तु गुरुदेव 🙏 🙏 🙏

  • @desichoka5741
    @desichoka5741 2 года назад +1

    Namostu gurudev 🙏🙏

  • @varunjain9554
    @varunjain9554 3 года назад +1

    Jai ho gurudev

  • @aniljain9377
    @aniljain9377 2 года назад

    Namostu gurudevji 🙏🏼🙏🏼🙏🏼

  • @nirmalabbide6698
    @nirmalabbide6698 4 года назад +1

    Gurudev ,aap ki Ashirvad sada chahiye

  • @nirmalabbide6698
    @nirmalabbide6698 4 года назад +1

    Gurudev ,aap ki Ashirvad sada chahiye

  • @bahubalichougale
    @bahubalichougale 3 года назад

    Namostu gurudev namostu

  • @indulalmehta
    @indulalmehta 3 месяца назад

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @nirmalabbide6698
    @nirmalabbide6698 4 года назад +1

    Gurudev ,aap ki Ashirvad sada chahiye

  • @deekshajain3529
    @deekshajain3529 4 года назад +3

    Namostu guruvar 🙏🙏

  • @namratajain4617
    @namratajain4617 3 года назад

    Namostu guruvar 🙏🙏🙏

  • @vandhanadoshi4490
    @vandhanadoshi4490 4 года назад +1

    🙏🙏🙏

  • @nirmalabbide6698
    @nirmalabbide6698 4 года назад

    Namosthu Gurudev .

  • @jambujain1405
    @jambujain1405 4 года назад

    namostu gurudev