व्यभिचार का पोषण क्यों? ये हैं वो वीडियो सब देखें और इसको save करें ruclips.net/user/shorts5vLsFeoEyuw?si=ezZ-jrYEav_bZwhT हमारे द्वारा दिया उत्तर उनके सभी दर्शको तक पहुचाँ दे
ओशो जैसे भोगी ,विलासी , "व्यभिचारी" , नास्तिक/बुद्धिस्ट/जैनी , शुन्यवादी , अपनी बातों पर ना रहने वाले(contrdictory), वेस्ट का एजेंट ,वन वर्ल्ड वन रिलीजन का एजेंट, एंटी "शुद्ध" सनातन संकृति सभ्यता का जैसे व्यक्तियों कालनेमी लोगों को कोई भी चरित्रवाह( apereon with good ethical and moral character) व्यक्ति या शुद्ध सनातनी स्वीकार या उसकी बातों का अनुकरण तथा अनुसरण "नहीं" करेगा। "और मैं हमेशा कहता हूं की खास कर " हमारी" माताओं और बहिनों को ही सभी "ज्यादा " खतरा है ऐसे(0$π0) कालनेमियों" इसी लिए "शुद्ध संत शुद्ध ग्रंथ " जय मां भारती 🚩 महादेव 🚩 पूज्य श्री अनंत विभूति हरिहरानंद अभिनव शंकर धर्मसम्राट करपात्रीजी महाराज 🚩 पूज्य श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज 🚩 पूज्य श्री भागवतानंद निग्रहचार्य जी महाराज 🚩
आज कल इंडिया में खाटूश्यामजी बहुत ज्यादा बायरल हो रहा है यूट्यूब, इंस्टाग्राम, ट्विटर,फेस बुक हर जगह खाटूश्यामजी ट्रेंडिंग पर हैं। यूट्यूब पर दस हजार आईडी खाटूश्यामजी के नाम से चल रही है खाटू श्याम कौन है
Swaghohit achary ke baare me bilkul sahi analysis kiye hai. Ye oshovaadi hi hai. Vedaant upnishad ke naam par naastikata ki or le jaa rahe hai. Apni kitaabo ka prachaar prasaar me jyada dhyan hai , baar baar post karke aarthik sahyog bhi maagate rahate hai.
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
ऐसे लोगों का केवल खंडन करने से कुछ नहीं होगा, हजारों और खड़े हो जाएंगे। कोर्ट में इनके जैसों के खिलाफ केस डाला जाना चाहिए, की ये लोग धर्म का ज्ञान देने के लिए अधिकृत व्यक्ति या संप्रदाय नही है।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।'
सत्य की सदा ही जय हो।ये बहरूपिया है जो स्वयं ही भ्रष्ट है वो तो दूसरों को तो भ्रष्ट ही करेगा सभी संत समाज में इसका विरोध करना ही चाहिए।सत्य को बताने के लिए बहुत बहुत साधुवाद
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429ab tum jyada gyani naa bano , ek ek shabd pakad rahe ho, kahane ka yahi arth hai ki jabala ko gotra nahi pata tha, naa ki wo apne pati kaa naam bhuli thi. Tumhare achary ne to pura arth ka anarth hi kar diya.
और हा ये जितने भी लोग है जो कुछ भी बोले जा रहे है उनसे निवेदन है प्लीज एक बार पहले उससे जान ले फिर कॉमेंट करे । यदि आप सब के कोई भी डाउट हो तो मैं सबके डाउट हटाने के लिए काफी हु,आपको खुला चैलेंज है आप पूछ सकते हो आचार्य जी से मिल लोगे तो कुछ डाउट बचेगा ही नही पर आप लोगो के जो हालत है उनके लिए मैं अकेला काफी हूं। जय माधव ,जय सनातन भारत।
पहले यहीं जो ऊपर है वहीं बता दो .................. क्या आपकी बहन किसी से लव करेगें ऐसा लवेरीया जिससे एक बच्चा होगा और उससे उनकी माता को ये तक नहीं पता होगा कि उसका बाप कौन है
@@NaveenSharma-gq9qjतुम मुझसे ये पूंछ रहे हो तो समझे ही नही भारत को क्या कोई वेश्या का लड़का यदि पड़ना चाहता है तो उसे इसलिए नही स्वीकारना चाहिए की उड़ते बाप का पता नही ? ये है तुम्हारा धर्म तुम मुझे ये बताओ कुंती को ये पुत्र कैसे हुए थे, महाभारत में पाण्डे और ध्रत राष्ट्र किसकी संताने है क्या ये अपनी बाप की है महात्मा विदुर किसकी संतान है क्या उस समय के समाज ने इनको स्वीकृति नहीं दी क्या फर्क पड़ता है की ये किसकी संताने है गुणवान है सो समाज को चलाने के लिए काफी है। तुम मेरी बहन के बारे में पूंछ रहे हो तो मेरी बहन न तुम्हारे जैसी सोच रखती न उसे किसी दूसरी की जरूरत है जिनकी जरूरत है वो जाए। तुम लगते बड़े ही किस्म के नीच आदमी हो पता करो तुमारी बहन का कितनों के साथ चक्कर है,कहा जाती है , पता करो।मुझे इससे कोई प्राब्लम नही है लेकिन तुम तो मर ही जाओगे । यहां लोग चरित्र का पाठ पढ़ाने आए है ये सबसे आगे होकर सनी लियोनी को प्रमोट करने वाले इनके जैसे ही चरित्र का मुखौटा पहने लोग ही है।
@@jyotivyas9286माता /बहन 🙏🏻 क्षमा चाहता हूं , आदर के साथ कहने चाहता हूं " आप गलत कह रही हैं " ओशो जैसे भोगी ,विलासी , "व्यभिचारी" , नास्तिक/बुद्धिस्ट/जैनी , शुन्यवादी , अपनी बातों पर ना रहने वाले(contrdictory), वेस्ट का एजेंट ,वन वर्ल्ड वन रिलीजन का एजेंट, एंटी "शुद्ध" सनातन संकृति सभ्यता का जैसे व्यक्तियों कालनेमी लोगों को कोई भी चरित्रवाह( apereon with good ethical and moral character) व्यक्ति या शुद्ध सनातनी स्वीकार या उसकी बातों का अनुकरण तथा अनुसरण "नहीं" करेगा। "और मैं हमेशा कहता हूं की खास कर " हमारी" माताओं और बहिनों को ही सभी "ज्यादा " खतरा है ऐसे(0$π0) कालनेमियों" इसी लिए "शुद्ध संत शुद्ध ग्रंथ " जय मां भारती 🚩 महादेव 🚩 पूज्य श्री अनंत विभूति हरिहरानंद अभिनव शंकर धर्मसम्राट करपात्रीजी महाराज 🚩 पूज्य श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज 🚩 पूज्य श्री भागवतानंद निग्रहचार्य जी महाराज 🚩
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429 abr gadhe bhadwe nashedi prashant ke chele kitni ad tak girega upnishad ka sabse prachin bhasya adi shankar ka hi hai bhadwe smjha ye tumhare naye nawele tst punjiye aa kar ab adi shankar ke upnishad bhasya se mukabala karenge aur beta rhi bat janm adharit bat par to ye sab har ek purvaccharya ne mana hazaro pramad hai iske shastra me to ye randi rona to ro mat aur itni hi chull mach rhi hai debate kar le facecam ke sath
चलो कुछ बात करते है। देखो समाज चलता है अपनी मान्यताओं ओर अपनी अंधी परम्परा पर जो की बस चल रही लेकिन क्यों चल ही क्योंकि साहाब ये तो हमारी परम्परा है हम परम्परा वादी लोग हैं हमें कुछ भी जानने में रूचि नहीं हैं। और आचार्य जी जो कह रहे हैं वो बाते वेदांत , दर्शन , उपनिषद् से आई हैं और वहां सब मान्यताओं को नकारा जाता है वहा बात सिर्फ एक मात्र सत्य की है अब एक मजेदार बात सुनो तुम उन्हें खतरा इसलिए कह रहे हो l क्योंकि तुम भी उन्ही सब झूठी मान्यता और परम्परा पर चल रहे हो और आचार्य जी आप सब तक सच लेकर आ रहे हैं झूठ हमेशा सत्य को खतरा ही समझता है। आप कृपया उन्हे ध्यान से समझे शुरुवात में बुरा लगता है क्योंकि हमारी मान्यताएं टूटती है हमारे भीतर का अहंकार घबराता है क्योंकि अहम अपने आप मै एक मिथ्या है मै फिर कह रहा हूँ उन्हें ध्यान से समझो भीतर चोट लगेगी पर उतने ही बेहतर होते जाओगे यही प्रक्रिया है जब तक जीवन है निरंतर प्रतिपल जानते रहो जिज्ञासा दिखाओ जीवन का समय सिमीत है व्यर्थ मत करो और मै बड़ी विनम्रता से कह रहा हूं अगर उनके संबंध में कुछ बोलते हो तो पहले उन्हे जिज्ञासा पूर्वक ध्यान से समझो l समझते हम है नही इसलिए हम उनके संबंध में कुछ भी लिख देते हैं और यही कारण है तुम्हारे साथ-साथ बाकी सब लोग भी उन तक आने मे संकोच करते है कृपया ऐसा न करे I देखो एक आखरी बात मै कहता हूं बात सारी चुनाव की है कि तुमने क्या चुना तुमने बस भौतिक सुखों का मतलब सिर्फ भोगने का चुनाव किया है। या फिर सत्य का , बोध का और हमारा सुख हमेशा भोग का रहा है ये बात हमारे पैदा होते समय हमारे भीतर डाल दी जाती है। ये जो भीतर अहम ( अंहकार ) बैठा पड़ा है। ये सब हमसे करवाता रहता है। क्योंकि इसे फैलने में सुख भोगने में आनंद मिलता हैं। जो कि झूठा इलाज है भीतरी दुख को छिपाने का इस दुख का ईलाज तो एक ही है। वेदांत ,दर्शन, उपनिषद और साहाब ये तो बात एकमात्र सत्य की करते हैं जो की आचार्य प्रशांत आप तक लेकर आ रहे हैं अगर ये सब पड़ रहे हो तो उनके पास जाओ उनसे सीखो और समझो मौत होने से पहले हमे आकाश होना है। धन्यवाद
@@DipanshuRAJPUT-zw9pd बेहतरीन। बिल्कुल सही जवाब दिया आपने दिपांशु जी। सत्य से डर रहे हैं ये लोग, इन्हें झूठी मान्यताओं में फंसे रहना है और समाज को भी फंसाये रखना है। धर्म और राष्ट्र की असीम हानि इन्होंने की है और करते रहेंगे। सत्य से डरें हुए कायर और घोर अंधविश्वासी हैं इन जैसे।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
6:32 Shivansh Bhaiya ne sahi baat boli hai. Osho vaadiyon ko "Sambhog se Samadhi" hi shuujti hai yeh log ko khadaa kar ke acche se shudhaar dena chahiye
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429 @kumarakantirava429 भाईसाहब , छांदोग्य उपनिषद में (5:10:7) ही जन्म आधारित वर्णव्यवस्था का उल्लेख है तो श्रीशंकराचार्य स्वयं से क्या कहेंगें? सत्यकाम ने गोत्र पूछा था पिता का नाम नहीं ,आप ऐसा क्यों नहीं बोलते ? आचार्य ने सत्यकाम को किस आधार पर ब्राह्मण स्वीकार किया था ? क्या प्रमाण है इसका?परिचय को लेकर के आचार्य ने स्वयं कहा है सत्यकाम से कि तू जैसा बोल रहा है वैसा कोई अब्राह्मण ( उस समय के अनुसार) नहीं बोल सकता । अतः उक्त उपनिषद के प्रमाण से ही स्पष्ट है जबाला को गृहस्थी के संभालने के चलते ही पति का गोत्र याद नहीं अथवा उसे मालूम नहीं था । यदि दुर्जनतोषन्याय से मान भी लें कि जबाला व्यभिचारिणी थी तो क्या व्यभिचार धर्मसम्मत हो जायेगा ?
Logo ne khud dekha hai,acharya Prashant ko sunkar. Unke videoes dekhkar logo ko saaf pata chata hai ki kuch galat tha jo unhe pareshaan kar raha tha,vo ab hata hai. Har baat vo granth ke adhaar par bataate hai,sahi arth pahuchaate hai aur iska pramaad hum log hai. Logo me ahinsa kam ho rahi hai,log sirf jaanvar ke liye nahi apne, prakriti,aur baaki sabki taraf karuna rakhna shuru kar rahe hai. Ye sab acharya Prashant ki mehnat ki wajah se,ki hum apne dharm ki or laut rahe hai. Haa dukh hota hai jab andhviswas tootata hai lekin fir aanand bhi milta hai,lekin dukh se dar kar bhaagne lagege to bahut bahaane mil jaaegi,aur unka hi pramad aise videoes hai.
@@JayYt-g1l prithvi kon kha raha hai,bhagvaan ke naam par kon andhviswas faila raha hai. Agar khud ki samajh hoti to ye consume karne ki iccha kam ho jaati. Lekin humne to apne chakkar me bhog bhogkar poori prithvi kha li,jaanvar maar diye,prjaatia vilupt kar di,jangal khtm kar diye. Aur in sabke baad tumhe log bhagvaan lag rahe hai,to aankhe sambhaalo apni,jo acharya Prashant ko samjhte hai vo bahut kam consume karte hai,vegan hai. Apne aapko samjhna suru kar rahe hai,dusre se sach bol rahe hai chaahe unhe accha Lage ya bura. Lekin vo sach shayad tum nahi jhel pa rahe isiliye aisi baat kar rahe ho.
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429 क्या अनर्गल प्रलाप कर हो अर्थ में आया है कि पुत्र मै तब पति के घर आयी तो अतिथि के सेवा टहल की परिचरिका थी, क्या बिना विवाह के पति हो जाता है।
सत्यकाम जाबाल वैदिक काल के एक महान ऋषि थे, जिनका उल्लेख *छांदोग्य उपनिषद* में मिलता है। वह अपने सत्य और धर्म के प्रति अडिग रहने के लिए प्रसिद्ध हैं। सत्यकाम का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, और उनकी माता का नाम जबाला था। जब सत्यकाम ने शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऋषि गौतम के आश्रम में जाने की इच्छा व्यक्त की, तो उन्होंने अपनी मां से अपने पिता के बारे में पूछा। उनकी मां ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें उनके पिता का नाम नहीं पता क्योंकि वह एक दासी थीं और कई जगहों पर सेवा करती थीं। सत्यकाम ने यह सच ऋषि गौतम को बताया। उनकी सच्चाई और ईमानदारी से प्रभावित होकर ऋषि गौतम ने उन्हें अपने शिष्य के रूप में स्वीकार कर लिया और ज्ञान प्रदान किया। सत्यकाम का जीवन सत्य और धर्म के महत्व को दर्शाता है, और उनकी कथा भारतीय धार्मिक साहित्य में सच्चाई के प्रति निष्ठा का प्रतीक मानी जाती है।
जय श्री सीताराम। हर हर महादेव। 😊👌💐जय परशुराम जय श्री कृष्ण। जय सनातन धर्म। 👌💐सच्चा सनातनी प्रशांत जग्गी श्री श्री को फॉलो करना बंद करदो। ओशो को भी न फॉलो करें बिल्कुल भी। जहां अहंकार जो अवैदिक है,उसको फॉलो करना बंद करदो। सिद्धार्थ बुद्ध को फॉलो न करें। यह सब परम्परा से नहीं हैं। कृष्ण परशुराम राम वेदव्यास ऋषि, आदि शंकराचार्य जी को ही पढ़ें। ऋषि मुनि मनु को फॉलो करें। वहीँ सब फॉलो करना है। करें। हर हर महादेव। ॐ नमः शिवाय।
🙏 ❤️❤️🙏🏻🙏🌺 नमन #शंकराचार्य जी को।🙏 #यति महाराज जी को नमन। 🙏🏽 #निग्रहाचार्य जी को नमन। 🙏🏽 #रामागौ #राष्ट्रमाता_गौमाता #गौ_गठबंधन #Save_Gaumata #FreeTemples #SeeUnderCar शिवमयी शुभरात्रि #RudrTheShiv ओम हर हर महादेव जय माँ 🙏🏽🔱🚩💐
Abe chutiye tera dushant darubaz malech aur nashedi hai vyabhichari kahinka khus vyabhivachar karta hai usko siddh karne ke liye shastra ka bhi shara leta hai
जग्गी, विवेकानंद, स्वामी नारायण संप्रदाय, सतनाम, रामपाल, इस्कॉन ब्रम्हकुमारी, अनेक कथाकार सब इसी प्रकार से धर्म के बारे में जिनका स्वयं कोई अध्ययन नहीं है कुछ भी बताकर (झूठ, असत्य) आम हिंदु जनमानस के समक्ष परोस रहे हैं
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
psychology me ek term hoti hai Projection, Projection is the process of displacing one's feelings onto a different person, animal, or object. Sanatan Dharam me yahi dikkat hai ,aur kishi ki likhi hue kahani ko aap bhagwan bana kr baith gaye ho aur aap sochte hai aap jaisa soch rahe hai sabhi hindu bhe wahi soche,ishe wajah ke jyada loog sanatan dharm se nahi judna chatee jab ki vo bhe hindu hai.
आपका गुस्सा बिल्कुल जायज हैं, ये स्वघोषित गुरु ही सनातन धर्म को अपने फायदे के लिए उपयोग करते हैं और सनातन धर्म को खोखला करते हैं, इन पर रोक लगानी चहिए ।।😌
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
JO BINA VED PADE HI VEDANT KA UPDESH KAREY, BINA SADHANA AUR GURU KE HI SIDDH BAN JAAYE AISEY DHURT VYABICHARI KI CHAYA KO DEKHNE SE BHI PAAP LAGTA HAI.
Arya samaj isckon bahut acha karya kar rahe hain bina jaati dekhe jenau mein bhi pehen lu soch kyu aaj toh samvidhan hai varna yeh dhurt log mandir mein ghusne na dete
Ishwar ne sab ko soche aur samjhane ki chetna di hai..........Satya ko janane ke liye guru ki avshaykta nahi hoti............... bas adhayan aur tathasthta kafi hai....
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
सनातन सिर्फ मानवता ही नही सारे प्रकृति के कल्याण की बात करता है बिना कोई स्वार्थ के यही है कृष्ण की निष्कमता लेकिन जिनको सिर्फ अपने और अपने जैसों की ही चिंता है वो कभी इतनी स्वाभाविक बात भी नहीं समझ पाएंगे।
Aaj ke Hindu dharm unse jaan rhe jo karnpriya dharm (sweet to listen) bata rhe jo manmaana dharm hai unka, phir jab bangladesh jaisa hoga tab bolenge kha hai shankaracharya ? kaha hai hame bachane wale sangathan? Police aur army kaha hain ? Jab santon ke darshan, sangosthiyon mein jaoge hi nhi aur bura samay aane pe kaise bataoge hum khatre mein hain..... Guru, govind , granth aur sangathan se judna ati aavashyak hai, nhi toh kashmiri pandit jaisa hoga tab sab bate hi reh jaoge..... Katna marna nahi hai, haathi bnna hai hai bsss.... Jai Siya Ram 🙏
@@jyotivyas9286 @2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
बिलकुल सही बात.। आचार्य प्रशांत अपने हिसाब से बात करता है,ये निराकार राम को मानता है मगर साकार राम को नहीं मानता, यें बोलता साकार राम की वैल्यू नहीं है मगर साकार राम ना होते तो निराकार राम कैसे मिलते? और ये परंपरा को शंकराचार्य को मानते ही नहीं इन सबको पाखंड मानते है
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."। मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं। अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ। आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!! जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
कालनेमि ने भी भगवान बजरंग बली को कुछ छद्म अच्छी बातें कहीं थी हां क्योंकि प्रशांत ने कहीं से नकल करके आपको कुछ बता। दिया है।इसलिए माताओं और बहनों के साथ विवाह करने की बात को भी स्वीकार कर ली जाएगी वैसे आपके जैसे लोगों के बारे में इस वीडियो में बोला है हमने
@@Ahvaan जी नहीं क्योंकि मैंने 4 वर्ष से सुन रहा हूं , अनेक परिस्थितियां आई उसके बावजूद कह रहा हूं कि आचार्य जी के कारण मेरे जीवन में बहुत परिवर्तन आया जिसके कारण मैंने अपना फेसबुक पेज बनाया और 70 हजार से ज्यादा लोग जुड़ गए। आपसे भी यही निवेदन है कि आप श्रीराम जी वाला वीडियो देखिए... इसी प्रकार ओशो ने भी श्री राम और कृष्ण को महिमा बताई है लेकिन कुछ वामपंथी लोग उसे नहीं दिखाते हैं। हम सबको आचार्य जी का समर्थन देना चाहिए।
@Graham_gamerz नल की पत्नी को अजगर खा जाने वाला था पर व्याध ने उसे बचा लिया। उसके बाद व्याध की उसी पर कुदृष्टि हो गई तो आपके अनुसार क्योंकि व्याध ने दमयन्ती के प्राणों की रक्षा की थी इसलिए उसे दमयन्ती के साथ बलात्कार करने की अनुमति है
Kaha samjhaane aae ho bhai,in logo ko badalna nahi hai,apna paakhand chalaana hai aur business chalaana hai. Maathe par haldi ragad kar apne aapko bhagvaan dikhaakar lootna hai bas. Logic,are nahi vo to dimaag ki baat hai inke paas kaise aaega.
Acharya Prasant galt h Lekin ahvaan ji aap ek baar slok padhiye adi shnakracharya ke bhasya bhi dekhlijiue Waha par hai ,, Ye kehna ki, "main apne jaawani ke dinon me bhut se logon ke sampar me aayi vyast rahi isliye tumhara gotra nhi pata , padccheda padhe,," iska kya tatparya gotra nhi pata To uske liye ye hetu dena ki bhut se logon ko sampark me aayi shankar bhasya yeh aap kya samajh rahe hai??aap ek baar anya prasthantryi acharyon se mere baat ko confirm kara lijiye,,, Aur pati ke alwa anya log bhi hote , unse bhi gotra pata chal jayega
ओशो जैसे भोगी ,विलासी , "व्यभिचारी" , नास्तिक/बुद्धिस्ट/जैनी , शुन्यवादी , अपनी बातों पर ना रहने वाले(contrdictory), वेस्ट का एजेंट ,वन वर्ल्ड वन रिलीजन का एजेंट, एंटी "शुद्ध" सनातन संकृति सभ्यता का जैसे व्यक्तियों कालनेमी लोगों को कोई भी चरित्रवाह( apereon with good ethical and moral character) व्यक्ति या शुद्ध सनातनी स्वीकार या उसकी बातों का अनुकरण तथा अनुसरण "नहीं" करेगा। "और मैं हमेशा कहता हूं की खास कर " हमारी" माताओं और बहिनों को ही सभी "ज्यादा " खतरा है ऐसे(0$π0) कालनेमियों" इसी लिए "शुद्ध संत शुद्ध ग्रंथ " जय मां भारती 🚩 महादेव 🚩 पूज्य श्री अनंत विभूति हरिहरानंद अभिनव शंकर धर्मसम्राट करपात्रीजी महाराज 🚩 पूज्य श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज 🚩 पूज्य श्री भागवतानंद निग्रहचार्य जी महाराज 🚩
तुम मुझे ये बताओ कोई जन्म जात संत पैदा होता है क्या,वाल्मीकि वाल्मीकि बनने से पहले क्या थे? थोड़ा logic लगाना सीखो न्यू एडिकेशन पॉलिसी आ गई है जाओ थोड़ा पड़ लो।ऐसे बेवकूफी बारे जवाब नही दिया करते
@@Alakh.PJab tak tum jaise bhartiya log hi apni sanskriti ko na apna kar modern banne ke peeche pade rahoge hamari Sanskriti jeevit kaise reh paegi... Dear brother indian culture is the most respected and valuable culture in the whole world so please don't want to become a modern .
@@HinduSanskriti-p4o Ji आप सही कह रहे है लेकिन हमारी वास्तविक संस्कृति बची ही कहा है । पर्दा प्रथा हमारी संस्कृति का हिस्सा है क्या ,लेकिन आज भी गावों में पर्दा प्रथा है। आज जो हम अपनी संस्कृति बचाने की बात करते है वो हजारी साल की गुलामी की थोपी गई संस्कृति है जिसमे अरब,ग्रीक, यूरोपीय आदि संस्कृति है उसी में हमारी भी मिक्स है बट वो हमारी वास्तविक नही है। हमारी संस्कृति महारानी लक्ष्मी बाई जैसी वीरांगना पैदा करने वाली है,राम और कृष्ण से लगाकर बुद्ध और महावीर ,और हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ये है भारत की वास्तविक संस्कृति के पोषक । ये राम कृष्ण का देश और गुलाम हो जाएं जरूर हमने उनकी बातो को नही माना होगा नही जहा योगेश्वर कृष्ण हो वहा हार हो ही नही सकती।हमे ये अपन्नाना है। हमे अमेरिका जैसे नही बनना हमे भारत बनना है। अभी तो संस्कृति के नाम पर सिर्फ पाखंड ,और मान्यता चल रही है ये वो देश है जहां नचिकेता यमराज से भी भिड़ जाता है की बताओ मृत्यु के बाद क्या होता है,ये जिज्ञासा का देश है,लेकिन हमारे हालत ये है जैसे मुसलमानो के है मान लो ये बात गुरु जी ने कही है ।ये हजार साल की परंपरा से आ रहे है ।
@@Alakh.P The solution is not only blaming others.... यह सब गुलामी इत्यादि लोगों की कायरता तथा आपसी बंटवारे के कारण हुआ, तो जो लोग हमारी संस्कृति को जिंदा रखना चाहते हैं उन सब को यह प्रण लेना होगा के संस्कृति का अपमान, माता बहन का अपमान, जीव जंतुओं का अपमान तथा अत्याचार या देश के अपमान को न सहें। हम सब में भी एक शिवाजी महाराज बैठे हैं, जो लोगों को एकजुट करने की क्षमता रखते हैं, संस्कृति का प्रचार करना जानते हैं, हमें भी यही सब करना है, जिससे लोगों की कट्टरता में वृद्धि हो। जय हिंद जयभारत।
पहले ढंग से पढ़ो क्या कहा जाबाला ने: सा , उसने [जाबाला]; ह एनम उवाच , उससे कहा; न अहम् एतत् वेद , मैं यह नहीं जानती; ताता , मेरे बेटे; यत् गोत्रः त्वं असि , तुम्हारा वंश क्या है; बहु अहम् कारन्ती परिचारिणी , मैं कई लोगों की सेवा में व्यस्त थी; यौवन त्वाम अलभे , जब मैं छोटी थी, तब तुम मेरे पास थे; सा एतत् , इस कारण से; अहम् यत् गोत्रः त्वं असि न वेद , मैं तुम्हारे वंश के बारे में कुछ नहीं जानती; जाबाला तु नाम अहम् अस्मि , लेकिन मेरा नाम जाबाला है; सत्यकामः नाम त्वं असि , तुम्हारा नाम सत्यकाम है; सः सत्यकामः एव जाबालः ब्रुवीथाः इति , [जब आपसे आपका वंश पूछा जाए] तो यह कहें कि आप सत्यकाम जाबाल हैं। उपनिषद जिस बात को कहने में कोई हिचक नहीं करते उस बात को पचाने में तुम्हे इतनी समस्या हो रही है। क्योंकि शास्त्रों को बस रट लिया, कभी समझने की कोशिश नही की। जब पिता के बारे में ही नही पता तो गोत्र कहां से पता चलेगा।
लाइव क्या बहस करोगे, यही बताओ अपनी बात। महाभारत के विदुरजी के जन्म को किस दृष्टि से देखते हो? कौन कैसे जन्म लिया, उसके पिता कौन है, और गोत्र क्या है, ये सब महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण ये है कि उसके जीवन में सत्य के प्रति प्रेम और जिज्ञासा है या नहीं।
यदि सत्य के पक्षधर हो तो सामना करो यहां कमेंट के माध्यम से एक एक व्यक्ति का व्यक्तिगत रूप से शंका समाधान कर पाना कितना संभव है यह अपने तथाकथित स्वघोषित आचार्य से जाकर पूछो
हां तुम तो ज्ञानी रावण हो तुम्हारा सामना करें और समय बरबाद करें, देखा है तुम्हारा तथाकथित "सामना" यूट्यूब पर. आचार्य प्रशांत को आचार्य बोलने में तुम्हे समस्या है, पहले अपने आप को देखो और उन तथाकथित परंपरा वाले गुरुओं को देखो जिन्होंने शास्त्रों को तोता की तरह रटने के अलावा जिंदगी में कुछ खास अर्जित किया है? किसी अच्छी यूनिवर्सिटी या संस्थान की प्रवेश परीक्षा भी पास करी है? किसी बड़ी परीक्षा में कुछ स्थान प्राप्त किया है?याद करों स्कूल की कक्षा में क्या स्थान था तुम्हारा। प्रशांत ने ये सब किया है, किसी की मेधा शक्ति की पहचान इस बात से किया जाता है कि उसने जिंदगी में कुछ हासिल किया है की नही। इतना सब हासिल करने के बाद इन सबको छोड़ देना एक शास्त्रज्ञ की पहचान है। पहले कुछ हासिल करो और फिर त्याग करो फिर आकर ज्ञान दो। नही तो भद्दा लगता है। हरि ॐ।
@@NetiNeti00 परीक्षा पास करना किसी स्कूल में तो क्या उसकी माने जब के तर्क है .......................फिर तो कुछ दिन पहले एक हाथरस बाबा याद है ना वो सरकारी अधिकारी था पता है ना क्या उसकी माने आपके तर्क के हिसाब से रामपाल एक सरकारी अधिकारी है क्या उसकी माने इस्कान के जो बड़े बड़े लोग जिनका आचार्य प्रशांत विराोध करते है वे इस्कान के आचार्य लोग वो भी प्रंशात जी की तरह बड़े बड़े टेस्ट पास करे हुएँ है सरकारी .................तो पहले आप अपना देखो भाई अनेको लोग है जो सरकारी अधिकारी और पता नही कई तो ऐसे है आपके हिसाब जो छोड़ कर आएँ है ...................तो फिर तो उनकी भी मान लिया जाएँ हद आप जैसे के तर्क
Jis Guru shishya prampara ki baat ki thi aapne " Mundak Upnishad " me ...thoda aur Knowledge lete to aapko pata chalta ki, us samay me Written Notes ya Books nhi chalti thi ,yani guru keval bol kar aur shishya keval sun kar hi gya le skta tha ...vo majburi thi ,ki us samay book me knowledge likhne ka koi Resource nhj tha to , guru ki jarurat compulsary ho jati thi knowledge ke liye .... ab itna dimag to tumhare paas hoga ki jab " Car invent ho gyi h to koi paagal hi hoga jo Paidal chalega ...? " jab aaj ke samay me humare paas Written books ke form me Upnishad Knowledge Gita knowledge available hain, to kya jarurat h use pdhne ke liye kisi Guru ki ...btao to koi student agar Self study kr ke Exam qualify kr rha h to tum use ... Agyani bologe kya ....btao to ..? tumhari buddhi itni chhoti hai jaise..." Pahle ke jamane me to log 100km ka travel paidal krte the , to hum aaj Car kyu use kr rhe hai paidal kyu nhi chal rhe ,apni parampara kyu nhi maan rhe " abe anpadh..jab aaj resource present hai to uska use krne me kya burai h bta pahle, jab aaj Books h upnishad ki ..to use pdhne ke liye guru dhudhne ki kya jrurat h ye bta na pahle
व्यभिचार का पोषण क्यों? ये हैं वो वीडियो सब देखें और इसको save करें ruclips.net/user/shorts5vLsFeoEyuw?si=ezZ-jrYEav_bZwhT हमारे द्वारा दिया उत्तर उनके सभी दर्शको तक पहुचाँ दे
Real intention mandbudhi murkh hain, usko kuch bhi gyaan nahi hain...
ओशो जैसे भोगी ,विलासी , "व्यभिचारी" , नास्तिक/बुद्धिस्ट/जैनी , शुन्यवादी , अपनी बातों पर ना रहने वाले(contrdictory), वेस्ट का एजेंट ,वन वर्ल्ड वन रिलीजन का एजेंट, एंटी "शुद्ध" सनातन संकृति सभ्यता का जैसे व्यक्तियों कालनेमी लोगों को
कोई भी चरित्रवाह( apereon with good ethical and moral character) व्यक्ति या शुद्ध सनातनी स्वीकार या उसकी बातों का अनुकरण तथा अनुसरण
"नहीं" करेगा।
"और मैं हमेशा कहता हूं की खास कर " हमारी" माताओं और बहिनों को ही सभी "ज्यादा " खतरा है ऐसे(0$π0) कालनेमियों"
इसी लिए
"शुद्ध संत शुद्ध ग्रंथ "
जय मां भारती 🚩
महादेव 🚩
पूज्य श्री अनंत विभूति हरिहरानंद अभिनव शंकर धर्मसम्राट करपात्रीजी महाराज 🚩
पूज्य श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज 🚩
पूज्य श्री भागवतानंद निग्रहचार्य जी महाराज 🚩
आज कल इंडिया में खाटूश्यामजी बहुत ज्यादा बायरल हो रहा है
यूट्यूब, इंस्टाग्राम, ट्विटर,फेस बुक
हर जगह खाटूश्यामजी ट्रेंडिंग पर हैं।
यूट्यूब पर दस हजार आईडी खाटूश्यामजी के नाम से चल रही है
खाटू श्याम कौन है
ट्रेंडिंग वायरल बाबा खाटूश्याम के बारे में बताओं
खाटू श्याम को शीश का दानी भी कहते हैं
ट्रेंडिंग बाबा खाटूश्याम ruclips.net/user/shortscVfwGI-Y6Lg?si=i8xiULdmgKWR6JnY
Good 🎉
Swaghohit achary ke baare me bilkul sahi analysis kiye hai. Ye oshovaadi hi hai. Vedaant upnishad ke naam par naastikata ki or le jaa rahe hai. Apni kitaabo ka prachaar prasaar me jyada dhyan hai , baar baar post karke aarthik sahyog bhi maagate rahate hai.
आचार्य प्रशांत एक स्वघोषित आचार्य है, जोकि मुझे एक ढोंगी लगता है।🤣🤣🤣🤣
Apka bat sahi hai
आचार्य प्रशांत ❌
चार्वाकाचार्य अशांत ✅
बहुत निन्दनीय तथ्यकहा स्वघोषित आचार्य/अनाचार्य ने धिक् तम्
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
बिल्कुल सत्य बात है आपकी। अपने मन कामंडनकरतेहै। । 12:52 ।एसेहीयेलोगहिदुधरमकाखंडनकर
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
Self proclaimed acharya 😂😂
ऐसे लोगों का केवल खंडन करने से कुछ नहीं होगा, हजारों और खड़े हो जाएंगे।
कोर्ट में इनके जैसों के खिलाफ केस डाला जाना चाहिए, की ये लोग धर्म का ज्ञान देने के लिए अधिकृत व्यक्ति या संप्रदाय नही है।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।'
सत्य की सदा ही जय हो।ये बहरूपिया है जो स्वयं ही भ्रष्ट है वो तो दूसरों को तो भ्रष्ट ही करेगा सभी संत समाज में इसका विरोध करना ही चाहिए।सत्य को बताने के लिए बहुत बहुत साधुवाद
Bilkul sahi
आज की विडम्बना यही है कि जो पाखंडी है उसे एक सच्चा प्रेमी पाखंडी दिखाई देता है। हे वेद कर्ता ब्रह्म ! कृपा करके इस देश से पाखंडियों का अंत करें!
Apne bare mein sahi likha
अच्छा लगा मुझे की, पाखंड ने डर कर प्रतिक्रिया दे दी
सही कहा, आपके रूप में
उन्होंने पुनरजन्म पे जूठ फैलाए है, उसे भी बताए
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429ab tum jyada gyani naa bano , ek ek shabd pakad rahe ho, kahane ka yahi arth hai ki jabala ko gotra nahi pata tha, naa ki wo apne pati kaa naam bhuli thi. Tumhare achary ne to pura arth ka anarth hi kar diya.
प्रशांत के वक्तव्य प्रायः कुछ लोगों के तुष्टिकरण के लिए होते हैं, यह निम्नता उसी का परिणाम है
केवल साधन चतुष्टय संपन्न व्यक्ति ही वेदांत उपदेश करे🌸
Lekin ab to ek bhi sadhan ki bharpai nahi ho paa rahi to charon sadhan kainse complete hongey
उपनिषद ganga 13 sirial bhi आचार्य jesa dikhaya
Mere ko Prashant acharya ki beti ke sath Sona hai उनसे बात करके माना दो ना तब उनका ज्ञान सिद्ध होगी और उससे पता चलेगा की मैं सही ज्ञान दे रहा हूं
और हा ये जितने भी लोग है जो कुछ भी बोले जा रहे है उनसे निवेदन है प्लीज एक बार पहले उससे जान ले फिर कॉमेंट करे ।
यदि आप सब के कोई भी डाउट हो तो मैं सबके डाउट हटाने के लिए काफी हु,आपको खुला चैलेंज है आप पूछ सकते हो आचार्य जी से मिल लोगे तो कुछ डाउट बचेगा ही नही पर आप लोगो के जो हालत है उनके लिए मैं अकेला काफी हूं।
जय माधव ,जय सनातन भारत।
पहले यहीं जो ऊपर है वहीं बता दो ..................
क्या आपकी बहन किसी से लव करेगें ऐसा लवेरीया जिससे एक बच्चा होगा और उससे उनकी माता को ये तक नहीं पता होगा कि उसका बाप कौन है
@@NaveenSharma-gq9qjतुम मुझसे ये पूंछ रहे हो तो समझे ही नही भारत को क्या कोई वेश्या का लड़का यदि पड़ना चाहता है तो उसे इसलिए नही स्वीकारना चाहिए की उड़ते बाप का पता नही ?
ये है तुम्हारा धर्म
तुम मुझे ये बताओ कुंती को ये पुत्र कैसे हुए थे,
महाभारत में पाण्डे और ध्रत राष्ट्र किसकी संताने है क्या ये अपनी बाप की है
महात्मा विदुर किसकी संतान है
क्या उस समय के समाज ने इनको स्वीकृति नहीं दी क्या फर्क पड़ता है की ये किसकी संताने है
गुणवान है सो समाज को चलाने के लिए काफी है।
तुम मेरी बहन के बारे में पूंछ रहे हो तो मेरी बहन न तुम्हारे जैसी सोच रखती न उसे किसी दूसरी की जरूरत है जिनकी जरूरत है वो जाए।
तुम लगते बड़े ही किस्म के नीच आदमी हो पता करो तुमारी बहन का कितनों के साथ चक्कर है,कहा जाती है , पता करो।मुझे इससे कोई प्राब्लम नही है लेकिन तुम तो मर ही जाओगे ।
यहां लोग चरित्र का पाठ पढ़ाने आए है ये सबसे आगे होकर सनी लियोनी को प्रमोट करने वाले इनके जैसे ही चरित्र का मुखौटा पहने लोग ही है।
Sahi ragda hai spne bhaiji
दुराचार्य अशांत ओशो परंपरा वाले काललेमी से सावधान रहें ।
🙏🚩
ओशो तो फिर भी प्लीज नही करता था लोग को। बिल्कुल 60 पेरसेंट तो उनकी कुछ बात जीवन के लिए उचित हैं। पर ओशो से पहले वेदान्त पुराण को गीता जी पढ़ना चाहिए।
@@jyotivyas9286माता /बहन 🙏🏻 क्षमा चाहता हूं , आदर के साथ कहने चाहता हूं
" आप गलत कह रही हैं "
ओशो जैसे भोगी ,विलासी , "व्यभिचारी" , नास्तिक/बुद्धिस्ट/जैनी , शुन्यवादी , अपनी बातों पर ना रहने वाले(contrdictory), वेस्ट का एजेंट ,वन वर्ल्ड वन रिलीजन का एजेंट, एंटी "शुद्ध" सनातन संकृति सभ्यता का जैसे व्यक्तियों कालनेमी लोगों को
कोई भी चरित्रवाह( apereon with good ethical and moral character) व्यक्ति या शुद्ध सनातनी स्वीकार या उसकी बातों का अनुकरण तथा अनुसरण
"नहीं" करेगा।
"और मैं हमेशा कहता हूं की खास कर " हमारी" माताओं और बहिनों को ही सभी "ज्यादा " खतरा है ऐसे(0$π0) कालनेमियों"
इसी लिए
"शुद्ध संत शुद्ध ग्रंथ "
जय मां भारती 🚩
महादेव 🚩
पूज्य श्री अनंत विभूति हरिहरानंद अभिनव शंकर धर्मसम्राट करपात्रीजी महाराज 🚩
पूज्य श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज 🚩
पूज्य श्री भागवतानंद निग्रहचार्य जी महाराज 🚩
Sahi baat hai
L Lalit bhai jitte tere Umar nahi utte saal se wo vedant padaha rhe hai tum jaise jhunu laal ki category m aate
सनातन को आपके सानिध्य की परम आवश्यकता है।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
मैं तो इस इंस्टाचार्या के add देख देख के तंग आ चुका हु
इंस्टाग्राम यूज करना बंद कर दो 🥱
@@Anurodh_80 बंद नहीं करेंगे और देखेंगे भी नहीं ।नही तो सारे भ्रम टूटने न लग जायेंगे और स्थिति बर्दास्त दे बाहर हो जायेगी।
Prashant jaise log samaj ke liye sabse bada khtra hai..
Bilkul sahi
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429 abr gadhe bhadwe nashedi prashant ke chele kitni ad tak girega upnishad ka sabse prachin bhasya adi shankar ka hi hai bhadwe smjha ye tumhare naye nawele tst punjiye aa kar ab adi shankar ke upnishad bhasya se mukabala karenge aur beta rhi bat janm adharit bat par to ye sab har ek purvaccharya ne mana hazaro pramad hai iske shastra me to ye randi rona to ro mat aur itni hi chull mach rhi hai debate kar le facecam ke sath
चलो कुछ बात करते है। देखो समाज चलता है अपनी मान्यताओं ओर अपनी अंधी परम्परा पर जो की बस चल रही लेकिन क्यों चल ही क्योंकि साहाब ये तो हमारी परम्परा है हम परम्परा वादी लोग हैं हमें कुछ भी जानने में रूचि नहीं हैं। और आचार्य जी जो कह रहे हैं वो बाते वेदांत , दर्शन , उपनिषद्
से आई हैं और वहां सब मान्यताओं को नकारा जाता है वहा बात सिर्फ एक मात्र सत्य की है अब एक मजेदार बात सुनो तुम उन्हें खतरा इसलिए कह रहे हो l क्योंकि तुम भी उन्ही सब झूठी मान्यता और परम्परा पर चल रहे हो और आचार्य जी आप सब तक सच लेकर आ रहे हैं झूठ हमेशा सत्य को खतरा ही समझता है। आप कृपया उन्हे ध्यान से समझे शुरुवात में बुरा लगता है क्योंकि हमारी मान्यताएं टूटती है हमारे भीतर का अहंकार घबराता है क्योंकि अहम अपने आप मै एक मिथ्या है मै फिर कह रहा हूँ उन्हें ध्यान से समझो भीतर चोट लगेगी पर उतने ही बेहतर होते जाओगे यही प्रक्रिया है जब तक जीवन है निरंतर प्रतिपल जानते रहो जिज्ञासा दिखाओ जीवन का समय सिमीत है व्यर्थ मत करो और मै बड़ी विनम्रता से कह रहा हूं अगर उनके संबंध में कुछ बोलते हो तो पहले उन्हे जिज्ञासा पूर्वक ध्यान से समझो l समझते हम है नही इसलिए हम उनके संबंध में कुछ भी लिख देते हैं और यही कारण है तुम्हारे साथ-साथ बाकी सब लोग भी उन तक आने मे संकोच करते है कृपया ऐसा न करे I देखो एक आखरी बात मै कहता हूं बात सारी चुनाव की है कि तुमने क्या चुना तुमने बस भौतिक सुखों का मतलब सिर्फ भोगने का चुनाव किया है। या फिर सत्य का , बोध का और हमारा सुख हमेशा भोग का रहा है ये बात हमारे पैदा होते समय हमारे भीतर डाल दी जाती है। ये जो भीतर अहम ( अंहकार ) बैठा पड़ा है। ये सब हमसे करवाता रहता है। क्योंकि इसे फैलने में सुख भोगने में आनंद मिलता हैं। जो कि झूठा इलाज है भीतरी दुख को छिपाने का इस दुख का ईलाज तो एक ही है। वेदांत ,दर्शन, उपनिषद और साहाब ये तो बात एकमात्र सत्य की करते हैं जो की आचार्य प्रशांत आप तक लेकर आ रहे हैं अगर ये सब पड़ रहे हो तो उनके पास जाओ उनसे सीखो और समझो मौत होने से पहले हमे आकाश होना है। धन्यवाद
@@DipanshuRAJPUT-zw9pd बेहतरीन। बिल्कुल सही जवाब दिया आपने दिपांशु जी। सत्य से डर रहे हैं ये लोग, इन्हें झूठी मान्यताओं में फंसे रहना है और समाज को भी फंसाये रखना है। धर्म और राष्ट्र की असीम हानि इन्होंने की है और करते रहेंगे। सत्य से डरें हुए कायर और घोर अंधविश्वासी हैं इन जैसे।
Varn vyavastha ka itna bura hal chal rha h uspe ap kuchh kariye karm ke anusar kar dijiye uspe ap kuchh boliye pakhand to ap log bhi faila rhe h
अग्रजतुल्य शिवांश नारायण द्विवेदी 🗿🔥🔥🔥🔥🔥🔥🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Har Har Mahadav
Satya vachanam shivansh ji , appreciable.
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
🙏👍
6:32 Shivansh Bhaiya ne sahi baat boli hai. Osho vaadiyon ko "Sambhog se Samadhi" hi shuujti hai yeh log ko khadaa kar ke acche se shudhaar dena chahiye
🌟जय श्री राम🪷
🌟जय श्री कृष्ण🪷
🌟हर हर महादेव🪷
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
शकल से ही बेवड़ा है आचार्य अशांत
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429 @kumarakantirava429 भाईसाहब , छांदोग्य उपनिषद में (5:10:7) ही जन्म आधारित वर्णव्यवस्था का उल्लेख है तो श्रीशंकराचार्य स्वयं से क्या कहेंगें? सत्यकाम ने गोत्र पूछा था पिता का नाम नहीं ,आप ऐसा क्यों नहीं बोलते ? आचार्य ने सत्यकाम को किस आधार पर ब्राह्मण स्वीकार किया था ? क्या प्रमाण है इसका?परिचय को लेकर के आचार्य ने स्वयं कहा है सत्यकाम से कि तू जैसा बोल रहा है वैसा कोई अब्राह्मण ( उस समय के अनुसार) नहीं बोल सकता । अतः उक्त उपनिषद के प्रमाण से ही स्पष्ट है जबाला को गृहस्थी के संभालने के चलते ही पति का गोत्र याद नहीं अथवा उसे मालूम नहीं था । यदि दुर्जनतोषन्याय से मान भी लें कि जबाला व्यभिचारिणी थी तो क्या व्यभिचार धर्मसम्मत हो जायेगा ?
Yee..zunnulal
Pith
Logo ne khud dekha hai,acharya Prashant ko sunkar. Unke videoes dekhkar logo ko saaf pata chata hai ki kuch galat tha jo unhe pareshaan kar raha tha,vo ab hata hai. Har baat vo granth ke adhaar par bataate hai,sahi arth pahuchaate hai aur iska pramaad hum log hai. Logo me ahinsa kam ho rahi hai,log sirf jaanvar ke liye nahi apne, prakriti,aur baaki sabki taraf karuna rakhna shuru kar rahe hai. Ye sab acharya Prashant ki mehnat ki wajah se,ki hum apne dharm ki or laut rahe hai. Haa dukh hota hai jab andhviswas tootata hai lekin fir aanand bhi milta hai,lekin dukh se dar kar bhaagne lagege to bahut bahaane mil jaaegi,aur unka hi pramad aise videoes hai.
Haan ji Acharya Prashant ko nahi dekhte wo to haivan bane phir rahe hai na ???
@@JayYt-g1l prithvi kon kha raha hai,bhagvaan ke naam par kon andhviswas faila raha hai. Agar khud ki samajh hoti to ye consume karne ki iccha kam ho jaati. Lekin humne to apne chakkar me bhog bhogkar poori prithvi kha li,jaanvar maar diye,prjaatia vilupt kar di,jangal khtm kar diye. Aur in sabke baad tumhe log bhagvaan lag rahe hai,to aankhe sambhaalo apni,jo acharya Prashant ko samjhte hai vo bahut kam consume karte hai,vegan hai. Apne aapko samjhna suru kar rahe hai,dusre se sach bol rahe hai chaahe unhe accha Lage ya bura. Lekin vo sach shayad tum nahi jhel pa rahe isiliye aisi baat kar rahe ho.
Narayan 🚩
ऐसे आचार्यो से तो राम बचाये।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429 क्या अनर्गल प्रलाप कर हो अर्थ में आया है कि पुत्र मै तब पति के घर आयी तो अतिथि के सेवा टहल की परिचरिका थी, क्या बिना विवाह के पति हो जाता है।
WhatsApp for youtube live stream discussion 740830 1869
ऐसे आचार्य ही है जिन्होंने राम को बचाया हुआ है
@@DipanshuRAJPUT-zw9pd आपके यह स्वघोशित नकली आचार्य अपने को बचाले वही बड़ी बात है राम संसार को बचाते है ये क्या उनको बचायेंगे।
सत्यकाम जाबाल वैदिक काल के एक महान ऋषि थे, जिनका उल्लेख *छांदोग्य उपनिषद* में मिलता है। वह अपने सत्य और धर्म के प्रति अडिग रहने के लिए प्रसिद्ध हैं। सत्यकाम का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, और उनकी माता का नाम जबाला था। जब सत्यकाम ने शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऋषि गौतम के आश्रम में जाने की इच्छा व्यक्त की, तो उन्होंने अपनी मां से अपने पिता के बारे में पूछा। उनकी मां ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें उनके पिता का नाम नहीं पता क्योंकि वह एक दासी थीं और कई जगहों पर सेवा करती थीं।
सत्यकाम ने यह सच ऋषि गौतम को बताया। उनकी सच्चाई और ईमानदारी से प्रभावित होकर ऋषि गौतम ने उन्हें अपने शिष्य के रूप में स्वीकार कर लिया और ज्ञान प्रदान किया। सत्यकाम का जीवन सत्य और धर्म के महत्व को दर्शाता है, और उनकी कथा भारतीय धार्मिक साहित्य में सच्चाई के प्रति निष्ठा का प्रतीक मानी जाती है।
Padh lo mahagyani 😅😅
वेदों में केवल निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।🎉🎉
जय श्री सीताराम। हर हर महादेव। 😊👌💐जय परशुराम जय श्री कृष्ण। जय सनातन धर्म। 👌💐सच्चा सनातनी प्रशांत जग्गी श्री श्री को फॉलो करना बंद करदो। ओशो को भी न फॉलो करें बिल्कुल भी। जहां अहंकार जो अवैदिक है,उसको फॉलो करना बंद करदो। सिद्धार्थ बुद्ध को फॉलो न करें। यह सब परम्परा से नहीं हैं।
कृष्ण परशुराम राम वेदव्यास ऋषि, आदि शंकराचार्य जी को ही पढ़ें। ऋषि मुनि मनु को फॉलो करें। वहीँ सब फॉलो करना है। करें। हर हर महादेव। ॐ नमः शिवाय।
राधे कृष्णा हरे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधा रानी जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
🙏 ❤️❤️🙏🏻🙏🌺
नमन #शंकराचार्य जी को।🙏
#यति महाराज जी को नमन। 🙏🏽
#निग्रहाचार्य जी को नमन। 🙏🏽
#रामागौ #राष्ट्रमाता_गौमाता #गौ_गठबंधन
#Save_Gaumata #FreeTemples
#SeeUnderCar
शिवमयी शुभरात्रि
#RudrTheShiv
ओम हर हर महादेव जय माँ 🙏🏽🔱🚩💐
❤
Acharya prashant in jativadio ko sahi dharm bata rahe hai esiley inko bagut samshya ho rahi hai
Jativaad kaha se aa gaya bhaiya idhar, Prashant ji udhar galat hai.
Abe chutiye tera dushant darubaz malech aur nashedi hai vyabhichari kahinka khus vyabhivachar karta hai usko siddh karne ke liye shastra ka bhi shara leta hai
"माता को साथ विवाह, बहन के साथ विवाह"
लॉजिकल फैलेसी 🤣
Sahi hai bhai, isko hi pata nahi kya bak bak kar raha hai😂, acharya ka sidha arth hai शिक्षक wo bhi ise pata nahi
Yani muslim majhub isi cheej se nikala hai
@@HP-xd3mf Acharya aise nahi bante bhai, criteria hote hai.
@@HP-xd3mf Abe tera nashedi prashnat bhadwa sala nashe me dhut rhne wala gyan dene aya hai😂
Tera dushant yhi siddh kar rha waise tera dushant lakho logical fallacy karta hai😂😂
आचार्य प्रशांत कलयुग के उच्चतम संत हैं❤🙏🔥
Bro , in log ka kaam hi hai ....jab koi kuchh achha krne lagta h tab ye apne Bil se nikalte h shikar krne ,...
itna hi inhe gyan tha to khud de diye hote Advait ka gyan .....Dusro ki tang khichna bss aata h
haan ❤❤❤
Acharya Prashant is one of the best philosopher and vedanti.
दिमाग वाला हिस्सा खाली है तुम्हारा
Kripya ek baar acharya Prashant ji ki video jarur dekhe
Uske baad hi tay kare ki unhone kya galat kaha hai 😊
जय श्री राम
जगतगुरु शंकराचार्य भगवान की जय।
धिक्कार ये नही है कि वे क्या बोल रहे है,धिक्कार ये है कि एक नया धंदे वाला बाजार मे आने से कही मेरे धंदे पर असर तो नही डालेगा
धिक्कार के स्थान पर दिक्कत पढे
जग्गी, विवेकानंद, स्वामी नारायण संप्रदाय, सतनाम, रामपाल, इस्कॉन ब्रम्हकुमारी, अनेक कथाकार सब इसी प्रकार से धर्म के बारे में जिनका स्वयं कोई अध्ययन नहीं है कुछ भी बताकर (झूठ, असत्य) आम हिंदु जनमानस के समक्ष परोस रहे हैं
Vivekanand sahi h unhone kabhi bure acharan ko prachalit nhi kiya
धर्म की हानी हो तो हो बस दुकान चलती रहनी चाहिए।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
psychology me ek term hoti hai Projection, Projection is the process of displacing one's feelings onto a different person, animal, or object. Sanatan Dharam me yahi dikkat hai ,aur kishi ki likhi hue kahani ko aap bhagwan bana kr baith gaye ho aur aap sochte hai aap jaisa soch rahe hai sabhi hindu bhe wahi soche,ishe wajah ke jyada loog sanatan dharm se nahi judna chatee jab ki vo bhe hindu hai.
आपका गुस्सा बिल्कुल जायज हैं, ये स्वघोषित गुरु ही सनातन धर्म को अपने फायदे के लिए उपयोग करते हैं और सनातन धर्म को खोखला करते हैं, इन पर रोक लगानी चहिए ।।😌
You should use acharya prashant's clips in between your video
Ye to mujhe pehle se hi pasand nahi hai
Kabhi advait ki baaate karta tha phir ye Hanuman chalisa ko symbolic bol Diya
Prashant ji aur unke followers ko expose krne ki series banayein jaise iskon aur arya samajiyon ko kiya tha.
Right information bhaiya 🙏🕉️🙏
Jay Sharee Krishna
आचार्य नहीं है, थोड़ा अंग्रेजी तड़का लगा करके अपना दुकान चला रहे हैं यूनिवर्सिटी में जो वेदांत के ग्रंथ पढ़ाया जाता है उसको पढ़ा दे नानी याद आजाएगा😅
अनाचारी व्यभिचारी आशंत को भगवान सदबुद्धि दे
Jai shree Ram
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
JO BINA VED PADE HI VEDANT KA UPDESH KAREY, BINA SADHANA AUR GURU KE HI SIDDH BAN JAAYE AISEY DHURT VYABICHARI KI CHAYA KO DEKHNE SE BHI PAAP LAGTA HAI.
❤❤❤❤❤
Arya samaj isckon bahut acha karya kar rahe hain bina jaati dekhe jenau mein bhi pehen lu soch kyu aaj toh samvidhan hai varna yeh dhurt log mandir mein ghusne na dete
@@HanumanManMohan जनेऊ जरूरी है या ज्ञान ?
ये धर्म है कोई राजनीतिक दल नही जो सबका तुष्टिकरण किया जाय ।।
Bhai tu gadha bhot uchal rha jara debate pe aa ek bar
Har har Mahadev
Ishwar ne sab ko soche aur samjhane ki chetna di hai..........Satya ko janane ke liye guru ki avshaykta nahi hoti............... bas adhayan aur tathasthta kafi hai....
वह कमेंट डिलीट करदेता हैं ,हमने कई बार आचार्य प्रशान्त का ढोंग तर्क सहित जवाब दिया था किंतु वह हटा दिया
Pakhandi hai wo, wo bhi ekdin jail jayega kisi ek dushkarm ke wajah se - mark my words.
Jai Shree Ganesh 🌸🌸
आशा है कि आप मेरी बात को गंभीरता से समझेंगे 🙏🙏
Peeth pichhe itnee buraai thik nahi hai.
जय श्री राम
Logical fallacy mein fasa hai ye banda, mat suno ise😂
Jai Jagannath
Jai Gurudev
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
सनातन सनातन क्या क्या लेकर चलते हो मानवता ही सबसे बडा धर्म है
सनातन सिर्फ मानवता ही नही सारे प्रकृति के कल्याण की बात करता है बिना कोई स्वार्थ के यही है कृष्ण की निष्कमता लेकिन जिनको सिर्फ अपने और अपने जैसों की ही चिंता है वो कभी इतनी स्वाभाविक बात भी नहीं समझ पाएंगे।
Jaha par Hindu minority hai udhar Jake bas jao achhe se pata chalega apko kya dharm hai aur kya nahi
Aaj ke Hindu dharm unse jaan rhe jo karnpriya dharm (sweet to listen) bata rhe jo manmaana dharm hai unka, phir jab bangladesh jaisa hoga tab bolenge kha hai shankaracharya ? kaha hai hame bachane wale sangathan? Police aur army kaha hain ? Jab santon ke darshan, sangosthiyon mein jaoge hi nhi aur bura samay aane pe kaise bataoge hum khatre mein hain..... Guru, govind , granth aur sangathan se judna ati aavashyak hai, nhi toh kashmiri pandit jaisa hoga tab sab bate hi reh jaoge..... Katna marna nahi hai, haathi bnna hai hai bsss.... Jai Siya Ram 🙏
Acharya Prashant ko Dhruv Rathee aur dusre leftist o ke sath milte julte dekha gaya hain...he is leftist
यस he gets great funding from current anti hindu govt plus from america.
@@jyotivyas9286 @2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
बिलकुल सही बात.। आचार्य प्रशांत अपने हिसाब से बात करता है,ये निराकार राम को मानता है मगर साकार राम को नहीं मानता, यें बोलता साकार राम की वैल्यू नहीं है मगर साकार राम ना होते तो निराकार राम कैसे मिलते? और ये परंपरा को शंकराचार्य को मानते ही नहीं इन सबको पाखंड मानते है
प्रशांत जैसे ढोंगी आचार्यो को ऐसे ही निरुत्तर करते रहिए बहुत सुंदर ।।।।
@2:56, शिवांश जी कहते हैं, जाबाला ने कहा "जब मैं शादी के बाद घर आया..."।
मैं शिवांश को उस श्लोक में "विवाह" शब्द दिखाने की चुनौती देता हूं।
अगर वह साबित नहीं कर सका तो साफ है कि वह झूठ बोल रहा है।' @Ahvaan जाबाला पति शब्द का उल्लेख कहां कर रही है??? कृपया मुझे दिखाइए । ?? पति का घर ?? जबाला ऐसा कहां कह रही है?? कृपया मुझे वे शब्द 4.4.2 में या छांदोग्य उपनिषद में कहीं से भी दिखाएँ।
आप कह रहे हैं, वह अपना गोत्र भूल गई। मुझे वह शब्द दिखाओ "भूल गया"। वह कह रही है, मुझे नहीं पता. यदि "गोत्र" इतना प्रमुख होता और यदि वह किसी सम्मानित पृष्ठभूमि से होती जो बच्चे का पालन-पोषण कर रही होती, तो उसे बच्चे की शिक्षा के लिए इसका महत्व पता होता। पर वो कह रही है, उसे नहीं पता!!
जन्म आधारित जाति व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आदि शंकराचार्य ने जाबाला को विधवा कहकर गलत टिप्पणी की है।
@@kumarakantirava429bhai yeh khud pakhandi hai jaha iski jaativadi mansikta ki poll khulta hai toh jhuth bolta hai
Aap jaiso ne Sanatan dharm ko barbad kar diya hai.
कल नीरज अत्रि जी ने भी अपने एक लाइव प्रोग्राम में इस स्वघोषित दुराचार्य की पोल खोली थी
बहुत बढ़िया अपने ज्ञानदिया है मैं भी आपके परंपरागत ज्ञान का मैं भी अनुयाई हूं।
आचार्य प्रशांत जी ने राम का जो अर्थ बताया उससे मुझे श्रीराम जी से प्रेम हो गया। सच में आचार्य प्रशांत जी महान है। 🙏🙏🙏♥️♥️
कालनेमि ने भी भगवान बजरंग बली को कुछ छद्म अच्छी बातें कहीं थी
हां क्योंकि प्रशांत ने कहीं से नकल करके आपको कुछ बता। दिया है।इसलिए माताओं और बहनों के साथ विवाह करने की बात को भी स्वीकार कर ली जाएगी
वैसे आपके जैसे लोगों के बारे में इस वीडियो में बोला है हमने
@@Ahvaan जी नहीं क्योंकि मैंने 4 वर्ष से सुन रहा हूं , अनेक परिस्थितियां आई उसके बावजूद कह रहा हूं कि आचार्य जी के कारण मेरे जीवन में बहुत परिवर्तन आया जिसके कारण मैंने अपना फेसबुक पेज बनाया और 70 हजार से ज्यादा लोग जुड़ गए। आपसे भी यही निवेदन है कि आप श्रीराम जी वाला वीडियो देखिए... इसी प्रकार ओशो ने भी श्री राम और कृष्ण को महिमा बताई है लेकिन कुछ वामपंथी लोग उसे नहीं दिखाते हैं। हम सबको आचार्य जी का समर्थन देना चाहिए।
@Graham_gamerz नल की पत्नी को अजगर खा जाने वाला था पर व्याध ने उसे बचा लिया। उसके बाद व्याध की उसी पर कुदृष्टि हो गई तो आपके अनुसार क्योंकि व्याध ने दमयन्ती के प्राणों की रक्षा की थी इसलिए उसे दमयन्ती के साथ बलात्कार करने की अनुमति है
Kaha samjhaane aae ho bhai,in logo ko badalna nahi hai,apna paakhand chalaana hai aur business chalaana hai. Maathe par haldi ragad kar apne aapko bhagvaan dikhaakar lootna hai bas. Logic,are nahi vo to dimaag ki baat hai inke paas kaise aaega.
@@ritikkumarshukla1058 ऐसा ही कुछ लग रहा है ये सभी पूर्वाग्रह के शिकार हैं।
Happy ganesh chaturthi
👍👍👍👍👍
Acharya Prasant galt h
Lekin ahvaan ji aap ek baar slok padhiye adi shnakracharya ke bhasya bhi dekhlijiue
Waha par hai ,,
Ye kehna ki, "main apne jaawani ke dinon me bhut se logon ke sampar me aayi vyast rahi isliye tumhara gotra nhi pata , padccheda padhe,," iska kya tatparya gotra nhi pata
To uske liye ye hetu dena ki bhut se logon ko sampark me aayi shankar bhasya yeh aap kya samajh rahe hai??aap ek baar anya prasthantryi acharyon se mere baat ko confirm kara lijiye,,,
Aur pati ke alwa anya log bhi hote , unse bhi gotra pata chal jayega
Prashant kalnemi hai bhai ji
प्रशांत जी पागलपन वाली बातें करते हैं frustrated है पूरी तरह |
प्रशांत जी स्वयं मदिरा पान करते है स्वयं यह बात स्वीकार की है । उनके अनुसार पार्टी आदि में लेने में कोई समस्या नही
ओशो जैसे भोगी ,विलासी , "व्यभिचारी" , नास्तिक/बुद्धिस्ट/जैनी , शुन्यवादी , अपनी बातों पर ना रहने वाले(contrdictory), वेस्ट का एजेंट ,वन वर्ल्ड वन रिलीजन का एजेंट, एंटी "शुद्ध" सनातन संकृति सभ्यता का जैसे व्यक्तियों कालनेमी लोगों को
कोई भी चरित्रवाह( apereon with good ethical and moral character) व्यक्ति या शुद्ध सनातनी स्वीकार या उसकी बातों का अनुकरण तथा अनुसरण
"नहीं" करेगा।
"और मैं हमेशा कहता हूं की खास कर " हमारी" माताओं और बहिनों को ही सभी "ज्यादा " खतरा है ऐसे(0$π0) कालनेमियों"
इसी लिए
"शुद्ध संत शुद्ध ग्रंथ "
जय मां भारती 🚩
महादेव 🚩
पूज्य श्री अनंत विभूति हरिहरानंद अभिनव शंकर धर्मसम्राट करपात्रीजी महाराज 🚩
पूज्य श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज 🚩
पूज्य श्री भागवतानंद निग्रहचार्य जी महाराज 🚩
तुम मुझे ये बताओ कोई जन्म जात संत पैदा होता है क्या,वाल्मीकि वाल्मीकि बनने से पहले क्या थे?
थोड़ा logic लगाना सीखो न्यू एडिकेशन पॉलिसी आ गई है जाओ थोड़ा पड़ लो।ऐसे बेवकूफी बारे जवाब नही दिया करते
@@Alakh.PJab tak tum jaise bhartiya log hi apni sanskriti ko na apna kar modern banne ke peeche pade rahoge hamari Sanskriti jeevit kaise reh paegi...
Dear brother indian culture is the most respected and valuable culture in the whole world so please don't want to become a modern .
@@HinduSanskriti-p4o Ji आप सही कह रहे है लेकिन हमारी वास्तविक संस्कृति बची ही कहा है । पर्दा प्रथा हमारी संस्कृति का हिस्सा है क्या ,लेकिन आज भी गावों में पर्दा प्रथा है।
आज जो हम अपनी संस्कृति बचाने की बात करते है वो हजारी साल की गुलामी की थोपी गई संस्कृति है जिसमे अरब,ग्रीक, यूरोपीय आदि संस्कृति है उसी में हमारी भी मिक्स है बट वो हमारी वास्तविक नही है।
हमारी संस्कृति महारानी लक्ष्मी बाई जैसी वीरांगना पैदा करने वाली है,राम और कृष्ण से लगाकर बुद्ध और महावीर ,और हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ये है भारत की वास्तविक संस्कृति के पोषक ।
ये राम कृष्ण का देश और गुलाम हो जाएं
जरूर हमने उनकी बातो को नही माना होगा नही जहा योगेश्वर कृष्ण हो वहा हार हो ही नही सकती।हमे ये अपन्नाना है।
हमे अमेरिका जैसे नही बनना हमे भारत बनना है। अभी तो संस्कृति के नाम पर सिर्फ पाखंड ,और मान्यता चल रही है
ये वो देश है जहां नचिकेता यमराज से भी भिड़ जाता है की बताओ मृत्यु के बाद क्या होता है,ये जिज्ञासा का देश है,लेकिन हमारे हालत ये है जैसे मुसलमानो के है मान लो ये बात गुरु जी ने कही है ।ये हजार साल की परंपरा से आ रहे है ।
@@Alakh.P
The solution is not only blaming others....
यह सब गुलामी इत्यादि लोगों की कायरता तथा आपसी बंटवारे के कारण हुआ, तो जो लोग हमारी संस्कृति को जिंदा रखना चाहते हैं उन सब को यह प्रण लेना होगा के संस्कृति का अपमान, माता बहन का अपमान, जीव जंतुओं का अपमान तथा अत्याचार या देश के अपमान को न सहें।
हम सब में भी एक शिवाजी महाराज बैठे हैं, जो लोगों को एकजुट करने की क्षमता रखते हैं, संस्कृति का प्रचार करना जानते हैं, हमें भी यही सब करना है, जिससे लोगों की कट्टरता में वृद्धि हो।
जय हिंद जयभारत।
पहले ढंग से पढ़ो क्या कहा जाबाला ने:
सा , उसने [जाबाला]; ह एनम उवाच , उससे कहा; न अहम् एतत् वेद , मैं यह नहीं जानती; ताता , मेरे बेटे; यत् गोत्रः त्वं असि , तुम्हारा वंश क्या है; बहु अहम् कारन्ती परिचारिणी , मैं कई लोगों की सेवा में व्यस्त थी; यौवन त्वाम अलभे , जब मैं छोटी थी, तब तुम मेरे पास थे; सा एतत् , इस कारण से; अहम् यत् गोत्रः त्वं असि न वेद , मैं तुम्हारे वंश के बारे में कुछ नहीं जानती; जाबाला तु नाम अहम् अस्मि , लेकिन मेरा नाम जाबाला है; सत्यकामः नाम त्वं असि , तुम्हारा नाम सत्यकाम है; सः सत्यकामः एव जाबालः ब्रुवीथाः इति , [जब आपसे आपका वंश पूछा जाए] तो यह कहें कि आप सत्यकाम जाबाल हैं।
उपनिषद जिस बात को कहने में कोई हिचक नहीं करते उस बात को पचाने में तुम्हे इतनी समस्या हो रही है। क्योंकि शास्त्रों को बस रट लिया, कभी समझने की कोशिश नही की। जब पिता के बारे में ही नही पता तो गोत्र कहां से पता चलेगा।
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लाइव क्या बहस करोगे, यही बताओ अपनी बात। महाभारत के विदुरजी के जन्म को किस दृष्टि से देखते हो? कौन कैसे जन्म लिया, उसके पिता कौन है, और गोत्र क्या है, ये सब महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण ये है कि उसके जीवन में सत्य के प्रति प्रेम और जिज्ञासा है या नहीं।
यदि सत्य के पक्षधर हो तो सामना करो यहां कमेंट के माध्यम से एक एक व्यक्ति का व्यक्तिगत रूप से शंका समाधान कर पाना कितना संभव है यह अपने तथाकथित स्वघोषित आचार्य से जाकर पूछो
हां तुम तो ज्ञानी रावण हो तुम्हारा सामना करें और समय बरबाद करें, देखा है तुम्हारा तथाकथित "सामना" यूट्यूब पर. आचार्य प्रशांत को आचार्य बोलने में तुम्हे समस्या है, पहले अपने आप को देखो और उन तथाकथित परंपरा वाले गुरुओं को देखो जिन्होंने शास्त्रों को तोता की तरह रटने के अलावा जिंदगी में कुछ खास अर्जित किया है? किसी अच्छी यूनिवर्सिटी या संस्थान की प्रवेश परीक्षा भी पास करी है? किसी बड़ी परीक्षा में कुछ स्थान प्राप्त किया है?याद करों स्कूल की कक्षा में क्या स्थान था तुम्हारा। प्रशांत ने ये सब किया है, किसी की मेधा शक्ति की पहचान इस बात से किया जाता है कि उसने जिंदगी में कुछ हासिल किया है की नही। इतना सब हासिल करने के बाद इन सबको छोड़ देना एक शास्त्रज्ञ की पहचान है। पहले कुछ हासिल करो और फिर त्याग करो फिर आकर ज्ञान दो। नही तो भद्दा लगता है। हरि ॐ।
@@NetiNeti00 परीक्षा पास करना किसी स्कूल में तो क्या उसकी माने जब के तर्क है .......................फिर तो कुछ दिन पहले एक हाथरस बाबा याद है ना वो सरकारी अधिकारी था पता है ना क्या उसकी माने आपके तर्क के हिसाब से
रामपाल एक सरकारी अधिकारी है क्या उसकी माने
इस्कान के जो बड़े बड़े लोग जिनका आचार्य प्रशांत विराोध करते है वे इस्कान के आचार्य लोग वो भी प्रंशात जी की तरह बड़े बड़े टेस्ट पास करे हुएँ है सरकारी .................तो पहले आप अपना देखो भाई
अनेको लोग है जो सरकारी अधिकारी और पता नही कई तो ऐसे है आपके हिसाब जो छोड़ कर आएँ है ...................तो फिर तो उनकी भी मान लिया जाएँ
हद आप जैसे के तर्क
Op 🔥 fire bhai
Kabir ravidas ke guru kon the Gorakhnath unke guru pata karo
Tumhari beta jali na😂😂
Boycott Iskcon and Prashant
यह Prashant बिजनेस मॉडल चलाता है
जय श्री राम
Jisko apne gusse par control nahi woh khud ko acharya kehta he..hamesha gusse me dikhtavhe
Jis Guru shishya prampara ki baat ki thi aapne " Mundak Upnishad " me ...thoda aur Knowledge lete to aapko pata chalta ki, us samay me Written Notes ya Books nhi chalti thi ,yani guru keval bol kar aur shishya keval sun kar hi gya le skta tha ...vo majburi thi ,ki us samay book me knowledge likhne ka koi Resource nhj tha to , guru ki jarurat compulsary ho jati thi knowledge ke liye ....
ab itna dimag to tumhare paas hoga ki jab " Car invent ho gyi h to koi paagal hi hoga jo Paidal chalega ...? "
jab aaj ke samay me humare paas Written books ke form me Upnishad Knowledge Gita knowledge available hain, to kya jarurat h use pdhne ke liye kisi Guru ki ...btao to
koi student agar Self study kr ke Exam qualify kr rha h to tum use ... Agyani bologe kya ....btao to ..?
tumhari buddhi itni chhoti hai jaise..." Pahle ke jamane me to log 100km ka travel paidal krte the , to hum aaj Car kyu use kr rhe hai paidal kyu nhi chal rhe ,apni parampara kyu nhi maan rhe "
abe anpadh..jab aaj resource present hai to uska use krne me kya burai h bta pahle, jab aaj Books h upnishad ki ..to use pdhne ke liye guru dhudhne ki kya jrurat h ye bta na pahle
टकला प्रशांत ये न जाने हिंदू सनातनी के कुल देवी देवता के पूजा पद्धति और उनके अपने घरों से निकलवा दिया न और ये प्रशांत जैसे बहुत से लोग है 😢
❤❤❤
😢😢