जय माता दी (clay art)

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  • Опубликовано: 14 окт 2023
  • "maa Durga"
    सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
    पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है। दुर्गा असल में शिव की पत्नी आदिशक्ति का एक रूप हैं, शिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है। एकांकी (केंद्रित) होने पर भी वह माया शक्ति संयोगवश अनेक हो जाती है।जिन्हें दुर्गा, जगदम्बा, अम्बे, शेरांवाली आदि कहा जाता है वे सदाशिव की अर्धांगिनी है। माना जाता है कि देवी का जन्म सबसे पहले दुर्गा के रूप में हुआ था, जो राक्षस महिषासुर का वध करने के लिए हुआ था। यही कारण है कि देवी को महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिषासुर सभी देवताओं को भगाकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था, तब सभी देवता त्रिमुर्ती के पास गए।पुराणों में उल्लेखित है कि मानव ही नहीं देवता भी असुरों के अत्याचार से परेशान हो गए थे। तब देवता ब्रह्माजी के पास गए और उनसे सामाधान मांगा। तब ब्रह्मा जी बताया कि दैत्यराज का वध एक कुंवारी कन्या के हाथ ही हो सकता है। इसके बाद सभी देवताओं ने मिलकर अपने तेज को एक जगह समाहित किया और इस शक्ति से देवी का जन्म हुआ।

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