धर्मो रक्षति रक्षित: धर्म उसकी रक्षा करता है जो धर्म की रक्षा करता है। पाखंड और चमत्कारों के प्रदर्शन से धर्म की रक्षा नहीं अपितु नाश होता है। जय हो आचार्य जी की।
आचार्य जी सादर प्रणाम सही बात कही हमारे आर्य समाज के दयानंद सरस्वती जी से लेकर स्वामी श्रद्धानंद ओर अनेकों आर्य विद्वानों ने शास्त्रार्थ द्वारा हिन्दू समाज को बचाया न की चमत्कारों से धन्यवाद
आचार्य जी के चरणों में सादर प्रणाम🙏! आचार्य जी आप सत्यस्वरूप हो। मैं आपसे जुड़ना चाहता हूँ और यदि आपके विद्यालय चलते हैं तो मैं अपने 12 वर्ष के पुत्र को आपके विद्यालय में पढ़ाना चाहता हूँ। और मेरा पुत्र भी वेदों का प्रचार करने योग्य बन सके।
हिन्दु और हिन्दुत्व राजनीतिक धारणाएं हैं और इनका शब्दार्थ सनातन वैदिक आर्य धर्म और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की मूल मान्यताओं से भटका हुआ है। वन्दे भारत मातरम्।
'अनेकता में एकता,हिन्दू की विशेषता'पर आपके विचार सही है।असल में हमारे धर्म में हरेक को अपने विचार को व्यक्त करने के लिए छूट दे रखी है।यही सब हममें एकता न होने का कारण है।
साम वर्ग ,दाम वर्ग, दण्ड वर्ग और भेद वर्ग । इस चतुष्ट द्वारा सम्पूर्ण विश्व के मानवों को चार वर्गों में रखा गया है। इस चतुष्ट का विचार किस ग्रंथ में है ,मैं नहीं जानता किन्तु मुझे यह चतुष्ट वेदिक मान्यताओं के विरूद्ध नहीं लगता। अतः मेरा मन ऐसा स्वीकारता है कि साम वर्ग वाले मानव अर्थात् इस विश्व में जो स्वेच्छा से वेदों के प्रति जिज्ञासु ,ज्ञाता और समर्पित मानव हैं । दाम वर्ग वाले मानव अर्थात् इस विश्व में साम वर्ग के मानवों के द्वारा जिन मानवों को नाना प्रकार का सहयोग देकर वेदों के प्रति समर्पित किया गया हो । दण्ड वर्ग वाले मानव अर्थात् साम और दाम वर्ग वाले मानवों द्वारा जिन मानवों को दण्ड के द्वारा वेदों के प्रति समर्पित कराया जावे और उदण्ड अर्थात् विभिन्न कारणों से दण्ड से भी बच निकले विश्व के शेष मानव जिनको भेद नीति से वेदों के प्रति समर्पित किया जाए वे भेद वर्ग वाले मानव कहलाते हैं। यहां यह जान लेना चाहिए कि समस्त मानवों में साम वर्ग वाले मानव कम होते हुए भी अपने धर्म वल से सम्पूर्ण विश्व में उक्त विधि से एकत्व स्थापित करने में समर्थ होते हैं किन्तु तब ही जब वह जिज्ञासु , दार्शनिक और समर्पित की संज्ञा को पूर्ण कर चुके हों अर्थात पहले स्वयं विधिवत हो चुके हों। स्वयं कृषे के सिद्धांतानुसार हम जो कुछ भी हैं, होना चहां रहे हैं और हवेंगे वह सब कर्म पर आधारित है। जिज्ञासु होने पर हमारी समस्याएं हि हमें हमारे कर्तव्यों को समझने की सामर्थ्य देती हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि समस्या हि समाधान है अगर हम में जिज्ञासा उत्पन्न हो जाए। आचार्य जी की भांति हम सब को भी वेदों के प्रति समर्पित होकर अपने को पतन में गिरने से बचाना चाहिए। मैं आचार्य जी के कार्य में सहयोगी बनना अपना कर्तव्य मानता हूं। और अपनी शुद्ध आय में से आचार्य जी को प्रति वर्ष चार हजार रूपए देने का व्रत लेता हूं। अन्य ज्यादा से ज्यादा लोग आचार्य जी से जुड़े और सहयोग करें ऐसी मेरी इच्छा है।
Apke hridhye ki pida ko maine apne hridhye mae utara hai. Apke diye gyaan kabhi bhi vyarth nahi jayenga. Aapko hum sab yuva vachan dete hai. Aap Satya Dharma ka Veda Gyaan Hum sabko prapta karayiye jisse aane wali pidiyoko prapt karayiye. Hum jisse sabhao mai sunane yogya ho jaye. Aap mujko bahut jyada protsahan kar rahe ho.
धर्म की रक्षा कभी चमत्कार से नही ओर मेरा मानानातो यह है कि बलिदानसेभी नही। हम अपने शास्ट्रोसे कटे, हमने हमारे महान ग्रंथोंको पढ़ना छोड़ा और हम टुकडोमे बट गए। जो वर्ण प्रथा हमारी ताकठि हैम किसीके बहेकावेमे आकर उसे जाती बना बैठे और हमने आत्मा निर्भरताकी सारी व्यवस्था हमने खोदी। एकबार फिर वेदोकि सिक्षाकी तरफ जाना होगा। जब तक हैम अपने आपको नही सुधारेंज तब तक हम अपने आपको कभी नही बचा पाएंगे। शिक्षा अति आवश्यक लेकिन कोनसी यह जानना अति आवश्यक है। जागो सनातनी जागो
वैदिक विचार मंच बनाकर सब विद्वत जनों को आमंत्रित कर प्रेम पूर्वक समझाने,सत्य का ज्ञान कराने की जरूरत है।इस पर अतिशीघ्र पहल होना चाहिए। ताकि अज्ञान रूपी अंधकार समाप्त हो जाए। एक दूसरे को कोसने से अच्छा होने वाला नहीं है।जीवन के चार आश्रम व्यवस्था को ठीक से समझाने की जरूरत है।
शत् प्रतिशत सहमत हूं स्वामी अग्निव्रत जी, आपके विश्लेषण से। मेरी समझ से सनातन वैदिक आर्य धर्म ही भारतवर्ष का राष्ट्रीय धर्म होना चाहिए। कृण्वन्तो विश्वमार्यम। वन्दे भारत मातरम्।
वेदों का ज्ञान कांड ही सर्वोच्च है बाकी का कर्मकांड आदि आज के समय में बेतुका है। मात्र ज्ञान ही सनातन है ना की पद्धतियां 🙏 उपनिषद वेदों के शिखर है, वही जानने योग्य और मानने योग्य है🙏
Aapko S. S Rajamouli se baat krni chahiye... Mujhe abhi wahi koi bade warg k logon ko impact kr skte hain... Or abhi wo aage v badh rahe hain boht log unko jaan bhi rahe hain isliye aacha rahega ki aap S. S Rajamouli ji se baat karen... Dhanyawaad!
आचार्य जी बलिदान से दूसरा जन्म मिल सकता है धर्म की रक्षा निस्वार्थ ई ही कर सकता है मानव कभी भी निस्वार्थ नहीं हो सकता निस्वार्थ ई खुद परमात्मा है परमात्मा को पाना ही धर्म है जो भी मानव परमात्मा को पूर्णरूपेण समर्पित है वही परमात्मा को पहचान सकता है परम निशब्द नमन
🙏 प्रणाम आचार्य जी 🙏 आचार्य जी मुझे कुछ बुक चाहिए क्या मिल सकती हैं और आचार्य जी में आपसे मिलना भी चाहता हूँ क्या मिल सकता हैं आपके पास में कैसे पहोच पाऊंगा प्लीज सेंड मी एड्स आचार्य जी और आपसे कुछ देर बैठ कर बात करना चाहता हूं हर हर महादेव
@@vaidicphysics AAP apni baat sirf RUclips pe bolte ho alag alag gaon mein jakar apni baat rakho or apni sena taiyar karo tabhi kuch hoga aur ministers aur collectors ko apni side karo
जो ज्ञान आपके पास है हम अपने बच्चों में कैसे दे। स्कूल कॉलेज में तो सिर्फ नौकर बनने की प्रेरणा दी जाती है। अभी तक क्यों नहीं आर्य समाजी गुरुकुल है पूरे देश भर में????🙏🙏🙏🙏🙏 क्या भारत वर्ष के साथ हैं इसी तरह समाप्त हो जाएंगे धीरे-धीरे पूरे संसार में कोई सत्य बोलने वाला नहीं रहेगा।।।
गुरूजी प्रणाम आप निरन्तर अपने कार्य को गति प्रदान करते रहिए । हम सब आर्यजन आपके साथ है । मै आज प्रत्यक्ष रूप से आपके सामने नही हु परन्तु मै आपको ये आश्वासन देता हूं आपके कार्य को धरातल पर यथाशक्ति अपना समर्थन दूंगा। ॐ
Sanyasi living in Himalayas, vishwamitra took help of Shri Ram 🙏🏻 to eleminate rakshasa. Tantrik Shakti is transformed form of Veda. Don't divide Sanatan Vaidik sanskriti 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
धर्मो रक्षति रक्षित:
धर्म उसकी रक्षा करता है जो धर्म की रक्षा करता है।
पाखंड और चमत्कारों के प्रदर्शन से धर्म की रक्षा नहीं अपितु नाश होता है।
जय हो आचार्य जी की।
भक्तो सपना देखना छोड़ दो। माला जपने से सब कुछ हो जाता तो भगवान राम और कृष्ण को हथियार उठाने की क्या आवश्यकता थी?
सनातन धर्म की रक्षा के लिए आदि शंकराचार्य जैसे प्रकांड विद्वान शास्त्रार्थ करने वालों की जरूरत है|
गुरु जी को सादर प्रणाम बहुत ही सुन्दर और बिल्कुल सत्य कहा आपने बहुत बहुत साधुवाद
जय भारत वंदेमातरम जय हिन्द
ॐ सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏
परम सत्य कहा आपने आचार्य जी 🙏🙏
आचार्य जी मैं आपके सभी विचारोंसे सहमत हुं
Bilkul sahi kaha hai prnam guru dev 😊❤
आचार्य जी सादर प्रणाम सही बात कही हमारे आर्य समाज के दयानंद सरस्वती जी से लेकर स्वामी श्रद्धानंद ओर अनेकों आर्य विद्वानों ने शास्त्रार्थ द्वारा हिन्दू समाज को बचाया न की चमत्कारों से धन्यवाद
"भीड़ से सत्य का निश्चय नही होता" 👌👌
सामान्य जनता को उनकी कड़वी परछाई दिखा रही है आचार्य जी की ये विडियो 🙏🙏
India is a Demoracy and Democracy is nothing but crowd!
ओउम् सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय बहुत बहुत आभार आदरणीय स्वामी जी को प्रणाम
आचार्य जी के चरणों में सादर प्रणाम🙏!
आचार्य जी आप सत्यस्वरूप हो। मैं आपसे जुड़ना चाहता हूँ और यदि आपके विद्यालय चलते हैं तो मैं अपने 12 वर्ष के पुत्र को आपके विद्यालय में पढ़ाना चाहता हूँ। और मेरा पुत्र भी वेदों का प्रचार करने योग्य बन सके।
ओ३म् सादर नमस्ते 🙏🏻🙏🏻 आचार्य जी।
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं।
हिन्दु और हिन्दुत्व राजनीतिक धारणाएं हैं और इनका शब्दार्थ सनातन वैदिक आर्य धर्म और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की मूल मान्यताओं से भटका हुआ है।
वन्दे भारत मातरम्।
गर्व से कहो हम आर्य हैं। वन्दे भारत मातरम्।
Guruji aapko koti koti pranam 🙏🙏🧘🙏
मार्ग प्रशस्त करने के लिये आचार्य जी का हार्दिक धन्यवाद!जयतु आर्यवर्त
परम आदरणीय आचार्य जी के श्री चरणों में सादर प्रणाम
सभी संसार वासियों के लिये हितकारी वीडियो है आचार्य जी का।
'अनेकता में एकता,हिन्दू की विशेषता'पर आपके विचार सही है।असल में हमारे धर्म में हरेक को अपने विचार को व्यक्त करने के लिए छूट दे रखी है।यही सब हममें एकता न होने का कारण है।
कटु सत्य वचन 🙏🙏
सादर चरणस्पर्श गुरुजी 🙏🙏🙏
Om
नमस्ते ऋषिवर
आचार्या गुरौ नमः
भारत मातायै , जगतां वेदाः लत्तवान् कोटि नमः
वेदाः दत्तवान्।
क्षम्यतां।
Now I understand your point. Thank you for this explanation.
धन्यवाद
ओउम् नमस्ते आचार्य ऋषीवर जी, महाराष्ट्र बोईसर नवापूर.
हमारा मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद आचार्य जी। नमन 🙏🏻🙌🏻
सादर नमस्ते जी 🙏🏻🌺💥🚩☀️🔥🙏🏼
Guruji aapke prchan so prtisat saty hai
शत प्रतिशत सत्य🙏
Acharyaji aapko shat shat Naman.
साम वर्ग ,दाम वर्ग, दण्ड वर्ग और भेद वर्ग । इस चतुष्ट द्वारा सम्पूर्ण विश्व के मानवों को चार वर्गों में रखा गया है। इस चतुष्ट का विचार किस ग्रंथ में है ,मैं नहीं जानता किन्तु मुझे यह चतुष्ट वेदिक मान्यताओं के विरूद्ध नहीं लगता। अतः मेरा मन ऐसा स्वीकारता है कि साम वर्ग वाले मानव अर्थात् इस विश्व में जो स्वेच्छा से वेदों के प्रति जिज्ञासु ,ज्ञाता और समर्पित मानव हैं । दाम वर्ग वाले मानव अर्थात् इस विश्व में साम वर्ग के मानवों के द्वारा जिन मानवों को नाना प्रकार का सहयोग देकर वेदों के प्रति समर्पित किया गया हो । दण्ड वर्ग वाले मानव अर्थात् साम और दाम वर्ग वाले मानवों द्वारा जिन मानवों को दण्ड के द्वारा वेदों के प्रति समर्पित कराया जावे और उदण्ड अर्थात् विभिन्न कारणों से दण्ड से भी बच निकले विश्व के शेष मानव जिनको भेद नीति से वेदों के प्रति समर्पित किया जाए वे भेद वर्ग वाले मानव कहलाते हैं। यहां यह जान लेना चाहिए कि समस्त मानवों में साम वर्ग वाले मानव कम होते हुए भी अपने धर्म वल से सम्पूर्ण विश्व में उक्त विधि से एकत्व स्थापित करने में समर्थ होते हैं किन्तु तब ही जब वह जिज्ञासु , दार्शनिक और समर्पित की संज्ञा को पूर्ण कर चुके हों अर्थात पहले स्वयं विधिवत हो चुके हों। स्वयं कृषे के सिद्धांतानुसार हम जो कुछ भी हैं, होना चहां रहे हैं और हवेंगे वह सब कर्म पर आधारित है। जिज्ञासु होने पर हमारी समस्याएं हि हमें हमारे कर्तव्यों को समझने की सामर्थ्य देती हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि समस्या हि समाधान है अगर हम में जिज्ञासा उत्पन्न हो जाए। आचार्य जी की भांति हम सब को भी वेदों के प्रति समर्पित होकर अपने को पतन में गिरने से बचाना चाहिए। मैं आचार्य जी के कार्य में सहयोगी बनना अपना कर्तव्य मानता हूं। और अपनी शुद्ध आय में से आचार्य जी को प्रति वर्ष चार हजार रूपए देने का व्रत लेता हूं। अन्य ज्यादा से ज्यादा लोग आचार्य जी से जुड़े और सहयोग करें ऐसी मेरी इच्छा है।
Namaskar guru ji. Jai shree Ram.
आचार्य जी को प्रणाम दयानद जी के बाद आप राष्ट्र के लिए जो कार्य कर रहे है बो सराहनीय है हम आपके साथ हैं 🙏🙏🙏🎉
जय आर्यावर्त! नमस्कार ऋषिवर, आपका वचन सत्य धर्मानुकूल है काश आज के सभी प्रचारकगण आदि यह समझ पाते और ऐसा कर सकते!卐
नमस्ते गुरुजी 🙏🚩
आचार्य जी बहुत सुंदर आप वातावरण के अनुसार बोल रहे हैं संदेश दे रहे हैं
🙏🙏 प्रणाम
100 '/, satya aur hitkaari. Acharyaji.
Apke hridhye ki pida ko maine apne hridhye mae utara hai. Apke diye gyaan kabhi bhi vyarth nahi jayenga. Aapko hum sab yuva vachan dete hai. Aap Satya Dharma ka Veda Gyaan Hum sabko prapta karayiye jisse aane wali pidiyoko prapt karayiye. Hum jisse sabhao mai sunane yogya ho jaye. Aap mujko bahut jyada protsahan kar rahe ho.
पठन्तु वेदं रक्षन्तु धर्मम्
Learn Sanskrit first…
पूज्य गुरुवर आचार्य जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏
Gurudev me aapke anusar satya pat par chalne ki anugami banu asi prabhu se prarthna karti hun om 🙏🏼🙏🏼🕉
संविधान को उधार का थैला कहते हैं क्योंकि सब जगह से लेकर बनाया गया है जिसके कारण हम आज भी गुलाम हैं
आचार्य जी नमस्ते 🙏🏻
धर्म की रक्षा कभी चमत्कार से नही ओर मेरा मानानातो यह है कि बलिदानसेभी नही। हम अपने शास्ट्रोसे कटे, हमने हमारे महान ग्रंथोंको पढ़ना छोड़ा और हम टुकडोमे बट गए। जो वर्ण प्रथा हमारी ताकठि हैम किसीके बहेकावेमे आकर उसे जाती बना बैठे और हमने आत्मा निर्भरताकी सारी व्यवस्था हमने खोदी। एकबार फिर वेदोकि सिक्षाकी तरफ जाना होगा। जब तक हैम अपने आपको नही सुधारेंज तब तक हम अपने आपको कभी नही बचा पाएंगे। शिक्षा अति आवश्यक लेकिन कोनसी यह जानना अति आवश्यक है। जागो सनातनी जागो
आचार्य जी को प्रणाम चरण स्पर्श 🙏🙏
आचार्य जी प्रणाम
नमस्ते जी🙏
ओउम नमस्ते जी
आचार्य जी के चरणों में सादर प्रणाम
He Rushi gan acharya apaka es sansar par bahut run hai kya pata ham chuka payenge ki nahi apake es sanwad se mera atma trupt ho jata hai
सादर नमस्ते पूज्य आचार्य जी🙏
वैदिक विचार मंच बनाकर सब विद्वत जनों को आमंत्रित कर प्रेम पूर्वक समझाने,सत्य का ज्ञान कराने की जरूरत है।इस पर अतिशीघ्र पहल होना चाहिए। ताकि अज्ञान रूपी अंधकार समाप्त हो जाए। एक दूसरे को कोसने से अच्छा होने वाला नहीं है।जीवन के चार आश्रम व्यवस्था को ठीक से समझाने की जरूरत है।
जो भी चमत्कार वाले है वो सब फ्रॉड है उनसे बच के रहो.. अपनी आत्मज्ञान कों जानो
Om ji om
Pranam guruji bilkul sahi
ओ३म्। नमस्ते आचार्य जी। सत्य वचन।
100 % Satya hai
ओम् स्वामी जी
शत् प्रतिशत सहमत हूं स्वामी अग्निव्रत जी, आपके विश्लेषण से। मेरी समझ से सनातन वैदिक आर्य धर्म ही भारतवर्ष का राष्ट्रीय धर्म होना चाहिए। कृण्वन्तो विश्वमार्यम।
वन्दे भारत मातरम्।
प्रणाम 🙏🙏
Saty baat hai
आओ मिलकर वैदिक राष्ट्र का निर्माण करें
ओउम सादर नमस्ते महर्षि जी जय मा वेद भारती
नमस्ते
गुरवे नमः
Chalo thik hai
वेदों को आर्यावर्त का संविधान बनाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है!
चाहे कितना ही समय लगे हम अंग्रेज़ी संविधान को उखाड़कर ही रहेंगे!!
वेदों का ज्ञान कांड ही सर्वोच्च है बाकी का कर्मकांड आदि आज के समय में बेतुका है। मात्र ज्ञान ही सनातन है ना की पद्धतियां 🙏
उपनिषद वेदों के शिखर है, वही जानने योग्य और मानने योग्य है🙏
Recommend best book for beginner to easily understand about Ishwar 🙏🙏
महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का सत्यार्थ प्रकाश ग्रंथ पढ़िए।
सब समझ आ जाएगा।
Rigvedaadibhashyabhumika and satyarth prakash
Then you can go to higher books
‘सत्यार्थ प्रकाश’ और ‘बोलो! किधर जाओगे’ प्रारम्भ में अति उत्तम पुस्तक रहेंगी!!
प्रणाम गुरुजी ❤️🙏
Aapko S. S Rajamouli se baat krni chahiye... Mujhe abhi wahi koi bade warg k logon ko impact kr skte hain... Or abhi wo aage v badh rahe hain boht log unko jaan bhi rahe hain isliye aacha rahega ki aap S. S Rajamouli ji se baat karen... Dhanyawaad!
आचार्य जी बलिदान से दूसरा जन्म मिल सकता है धर्म की रक्षा निस्वार्थ ई ही कर सकता है मानव कभी भी निस्वार्थ नहीं हो सकता निस्वार्थ ई खुद परमात्मा है परमात्मा को पाना ही धर्म है जो भी मानव परमात्मा को पूर्णरूपेण समर्पित है वही परमात्मा को पहचान सकता है परम निशब्द नमन
Dhanyawad Acharya ji 🙏🙏🙏
1 ईश्वर
1 धर्मग्रंथ
जाती / अपने महापुरुष पर अभिमान
🙏 प्रणाम आचार्य जी 🙏
आचार्य जी मुझे कुछ बुक चाहिए क्या मिल सकती हैं
और आचार्य जी में आपसे मिलना भी चाहता हूँ क्या मिल सकता हैं आपके पास में कैसे पहोच पाऊंगा प्लीज सेंड मी एड्स आचार्य जी
और आपसे कुछ देर बैठ कर बात करना चाहता हूं
हर हर महादेव
मै भी मिलना चाहता हूँ
Call Me 9172714104
@@vaidicphysics AAP apni baat sirf RUclips pe bolte ho alag alag gaon mein jakar apni baat rakho or apni sena taiyar karo tabhi kuch hoga aur ministers aur collectors ko apni side karo
भारतवर्ष एक सनातन राष्ट्र है न कि हिन्दु राष्ट्र। वन्दे भारत मातरम्।
बिल्कुल सही कहा आपने 🙏🏻🙏🏻
वर्तमान काल में क्यों कोई आर्य समाजी देश को नहीं बचा रहा हे।🙏🙏
जो ज्ञान आपके पास है हम अपने बच्चों में कैसे दे। स्कूल कॉलेज में तो सिर्फ नौकर बनने की प्रेरणा दी जाती है। अभी तक क्यों नहीं आर्य समाजी गुरुकुल है पूरे देश भर में????🙏🙏🙏🙏🙏 क्या भारत वर्ष के साथ हैं इसी तरह समाप्त हो जाएंगे धीरे-धीरे पूरे संसार में कोई सत्य बोलने वाला नहीं रहेगा।।।
गुरूजी प्रणाम
आप निरन्तर अपने कार्य को गति प्रदान करते रहिए । हम सब आर्यजन आपके साथ है ।
मै आज प्रत्यक्ष रूप से आपके सामने नही हु
परन्तु मै आपको ये आश्वासन देता हूं आपके कार्य को धरातल पर यथाशक्ति अपना समर्थन दूंगा।
ॐ
Sanyasi living in Himalayas, vishwamitra took help of Shri Ram 🙏🏻 to eleminate rakshasa. Tantrik Shakti is transformed form of Veda.
Don't divide Sanatan Vaidik sanskriti 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
नमस्ते 🙏🙏आचार्य जी मैं aapse milna चाहता हुं
Call Me 9172714104
आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
यथा-अर्थ से ही सर्वत्र विश्व भर में हर तरफ़ सदा पूर्ण सही हर एक सुरक्षा-शान्ति-खुशहाली सम्पन्न जीवन का अस्तित्व है
Aap apna Dhyaan keval Gyanoparjan evam gyaan k vistaran pe hi lagaaye.. Vo baut adhik mahatva ka kaarya he Gurudev. 🙏🙏
🙏🙏🙏
नमस्ते जी
महर्षि दयानंद सरस्वती जी के समारोह में आप नहीं जा रहे हो क्या?
Acharya ji ap ko dand vat parnam je guru je ap ke anusar Rastar nirman or Manusya nirman kese hota h aj ke same m please marag darsan de
👌
Sir sabhi vaigyanik tathya nikalo apne arsh grantho se
🙏
🙏 🕉️🕉️
🕉️🙏
ओउम्
🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
🙏🙏🙏🙏🙏
पर्यावरण की रक्षा गंदगी और प्रदूषण न फैलाने से होती है न कि यज्ञ करने से होती है महाशय जी
Abhi aap यज्ञ के बारे नही jante
@@iwillwin7122
Thik h ye bata aag me ghee dalke oxygen nikalne wale ....
Dharti par oxygen sabse adhikar kaha se aya h ?
Namaste a Acharya ji
Jai Sanatan
जय सनातन संस्कृति की
Mera bhi Rahul arya ki vash se mn parivartn hua hai mai v padhna chahta hu acharya ji
ओ३म् नमस्ते🙏🚩
हाँ, सनातन राष्ट्र नाम सही है।इससे सहमत हूँ।
हकीमों की हुकूमत कब तक चलेगी जब सब कुछ खत्म होगा क या तब तक