ब्रह्म जीव और माया में क्या भेद है ? /

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  • Опубликовано: 3 янв 2025

Комментарии • 9

  • @prssd72
    @prssd72 8 дней назад +1

    🙏🌺मात श्री नर्मदे हर 🌺🙏

  • @जयसतगुरुदेव
    @जयसतगुरुदेव 8 дней назад +1

    🙏🙏❤️Maat Narmday har Guruji koti koti parnaam dhanyawaad karti hu. ♥️ 🙏🙏💯✔️✔️👌👌 Bahut badhiya satsang ❤️🙏🙏

  • @abhilashshukla980
    @abhilashshukla980 7 дней назад

    माते नर्मदे हर, गुरुदेव महाराज जी को कोटि कोटि नमन।

  • @CharansinghGrewal
    @CharansinghGrewal 8 дней назад

    Excellent thanks God and you listening to you

  • @zdayaramyadav
    @zdayaramyadav 8 дней назад

    माया ईस न आप कहुँ जान कही सो जीव।
    बंध मोक्ष प्रद सर्व पर माया प्रेरक सीव।
    माया ईस का उच्चारण जान के द्वारा ही होता है।
    आत्मा बंधनों से मुक्त है।शिव को प्रेरित करने वाला आत्मा ही था।
    आत्मा प्राण पाँवर नहीं तो सब शून्य।

  • @zdayaramyadav
    @zdayaramyadav 8 дней назад

    को अस जीव जंतु जग माही।
    जेहि रघुनाथ प्राण प्रिय नाहीं।
    कौन संसार का ऐसा प्राणी है जिसको प्राण आत्मा स्वांस यह द्रव प्रिय नहीं है।
    जिसको लोग रघुनाथ राम भगवान कहते हैं ।उनको प्राण प्रिय नहीं था।

  • @user-personal-plz
    @user-personal-plz 8 дней назад

    Ichha ka matlab appse paya. Pranam gharuji

  • @user-personal-plz
    @user-personal-plz 8 дней назад

    Puri jindagi sarir ko jiva se Allag kyo rakhna hai.

  • @zdayaramyadav
    @zdayaramyadav 8 дней назад

    जानब तै सबही कर भेदा ।
    जान बताई सब का भेद।
    जान आत्मा के द्वारा भटक रहा है जीव प्राणी।
    प्रश्न उत्तर कब तक चलेगा।जब तक आत्मा प्राण पाँवर है।