JINSE PREET II जिनसे प्रीत

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  • Опубликовано: 19 сен 2024
  • Lyrics -
    यह संसार झूठे सखु का
    काहे प्रीत लगायो री,
    जिनसे प्रीत लगाने चाहिए
    उनकी रीत न भायो री।।
    प्रलय विनाश के कुटिल रूप को
    कैसे गले लगायो री ,
    तन-मन-धन की माल सजाकर
    कल-चरण में चढ़ायो री।।
    प्रभ-ुचरण को छोड़ मरण से
    प्रीती-प्रेम बढ़ायो री ,
    अमिय जीवन-पथ को खोया
    जनम को नरक बनायो री।।
    सञ्जीवन सतनाम प्रभुका
    नाहींमन को सुहायो री
    आपन मरा जगत को मारा
    अमतृ वचन भुलायो री।
    मंगल-जीवन शभु यदि चाहो
    गुरु-शरण में आयो री,
    परमदयाल के चरण-कमल में
    प्राण-प्रदीप जलाओ री।।
    Written By - Dhritiman Singh
    Music Composed By - Swapan Mondal
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