नमस्कार भाई साहब जी आपने सत्य कहां है जब शरीर को ढीला छोड़ते हैं तो सुरती चाहे मन कितनी ही दूर जा रहा हो वहां भी अगर सर्वव्यापी को फील करे तो सुरती अपनी ओर खींची हुई चली आती है और मन शांत हो जाता है इसी प्रकार के विकार विचार उत्पन्न नहीं होते बड़ा ही शांति रस आता है धन्यवाद जी 🙏
Bahut hi sunder baat kahi.Namanji
Dhanyawad ji
निःशब्द नमन
🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹
❤️👌👌
❤🙏🙏🙏🙏🌹🌹
🙏🙏
Thanku sir
🙏 🙏
Pranam sir
,thanks sir 🙏🙏🙏🙏🙏
Tq......
Namaskarji
जी परमात्मा जी
The complete n true knowledge about Parmatma given by u flows in our heart ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏🙏🙏🙏 धन्यवाद जी
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नमस्कार भाई साहब जी आपने सत्य कहां है जब शरीर को ढीला छोड़ते हैं तो सुरती चाहे मन कितनी ही दूर जा रहा हो वहां भी अगर सर्वव्यापी को फील करे तो सुरती अपनी ओर खींची हुई चली आती है और मन शांत हो जाता है इसी प्रकार के विकार विचार उत्पन्न नहीं होते बड़ा ही शांति रस आता है धन्यवाद जी 🙏
आपके हर वचन सत्य मार्गदर्शक जी परमात्मा तक पहुंचा देते हैं और गुरु अपने से ही लपेट लेते हैं ये एक और बंधन खड़ा हो गया क्षमा करना धन्यवाद जी
Namaste, very beautiful. So be at ease and get ready to perish?