मै इलाहाबाद, आज के प्रयागराज का रहने वाला हू तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भारतीय मध्य इतिहास में स्नातक कर रहा हू। क्या आप जानते हैं की इलाहाबाद में कंपनी बाग या अल्फ्रेड पार्क जो अब चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से जाना जाता है सन 1857 से पहले कभी वहाँ घनी मुस्लिम आबादी हुआ करती थी ? बहुत कम लोगों को मालूम है की कंपनी बाग़ की मिटटी हज़ारो लोगों के खून से सनी हुयी है। देश की आज़ादी में जाने कितने जांबाजों ने अपनी जान गंवा कर हमें आजादी का तोहफा दिया। और इन जांबाज शहीदों में इलाहाबाद के मेवाति पठानों का नाम सबसे ऊपर आएगा। उन्होंने 1857 की क्रांति मे हर मोड़ पर न सिर्फ अंग्रेजों से लोहा लिया बल्कि उन्हें करारी मात भी दी। इलाहाबाद के इतिहास के पन्ने मेवातियों के बलिदान की गौरव गाथा सुनाते हैं। कंपनी बाग़ के दक्षिणी कोने पर समदाबाद और छीतपुर नाम से मेवाति पठानों के गांव थे, जहां पर आज मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज है। सन् 1857 के गदर में इन गांवों के लोगों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने उन्हें बागी घोषित करते हुए उत्तर भारत मे बगावत को कुचलने के लिये मद्रास से ईस्ट इंडिया कंपनी की छटवीं ब्रिगेड के कमाण्डर, कर्नल जेम्स जॉर्ज स्मिथ नील के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना की (तोपों से लैस) एक आर्टिलरी रेजिमेंट भेजी। कर्नल नील जिसने 1857 मे बगावत को कुचलने के लिये उत्तर भारतीयों का सबसे बड़ा नरसंहार किया था, जिसको Butcher of Allahabad का खिताब दिया गया था। उसने मुस्लिमो की आबादी वाले इन दोनों गाँवों को पूरी तरह से तबाह कर दिया, जिसमे हज़ारो लोग मारे गए । बाद मे यह जगह साफ कर एक गार्डन बनाया गया और यहां अंग्रेजी रेजिमेंट की कंपनी बसा दी गई जिसके चारो तरफ खूबसूरत पेड पौधे लगा कर एक बाग की शक्ल दी गई और इसका नया नामकरण किया गया - कंपनी गार्डन। आज भी वहाँ पर बहुत सी पुरानी मज़ारों और मस्जिदों के अवशेष देखने को मिल जायेंगे जो 1857 से पहले शहर की शोभा हुआ करती थी। छीतपुर और समदाबाद के मेवातियों के अतिरिक्त शहर के रसूलपुर के मेवाती, महगांव, कोल्हा, सराय सलीम, (सुलेम सराय) सिरोधा, फतेहपुर, बरमहर, मुख्य चायल, भिकपुर, पावन, शेखपुर, मसीहा, बारागांव, मुइनुद्दीनपुर, गौसपर, बेगम सराय, ओदानी, बेली, बधरा, नीमी बाग, चेतपुर, रसूलपुर देहू, मिनहाजपुर, रोही, गयासुद्दीनपुर, कसमनदा, सराय भोजाह, उमरपुर शेवान आदि गांवों के मुस्लिम भी मेवातियों के साथ आजादी की लड़ाई में शरीक रहे। दरअसल 4 जून 1857 को जब इलाहाबाद खबर पहुंची कि बनारस में सिख रेजीमेंट नंबर 11 के कई सिपाही बिगड़कर इधर आ रहे हैं, तो यहां की पलटन में भी उथल-पुथल शुरू हो गई। छह जून की शाम दो तोपों के साथ पल्टन की एक कंपनी लेफ्टिनेंट हिक्स और हारवर्ड के नेतृत्व में दारागंज में नाव के पुल की रक्षा के लिए भेजी गई। पर विद्रोही सिपाहियों के बीच अंग्रेजों की एक न चली। ठीक नौ बजे सिपाहियों ने आतिशबाजी का एक बान (हवाई) छोड़ा, जिसके जवाब में छावनी से भी बान छोड़ा गया। विद्रोही रुख देख दारागंज से लेफ्टीनेंट हिक्स और अलोपीबाग से लेफ्टीनेंट हारवर्ड ने किसी तरह भागकर किले में पनाह ली। उसी रात चैथम लाइन छावनी के मेस हाउस में भी सिपाही विद्रोही हो गए तो यहां के अंग्रेज अफसरों ने भी भागकर किले में शरण ली। इसी आपाधापी में विद्रोहियों ने अंग्रेजों के सभी मकान जला दिए थे, बहुत से अंग्रेज़ अधिकरियों और सैनिको को मार दिया गया। जिन्की कब्रे आज भी इलाहाबाद के नये यमुना पुल के किनारे बहराना रोड पर मौजूद है। इतना ही नहीं विद्रोहियों ने सरकारी खजाने से तीस लाख रुपये भी लूट लिए थे। जेल से तीन हजार कैदियों को मुक्त करा लिया गया था, जिनमें से अधिकतर विद्रोहियों के साथ मिल गए। शहरियों और पुलिस ने भी उनका साथ दिया। क्रांतिकारियों का जोश ऐसा था कि अंग्रेजों को मुंह की खानी पड़ी। इलाहाबाद शहर को अंग्रेजी हुकूमत से आज़ादी का एलान कर दिया गया और महँगाव के महान क्रन्तिकारी मौलवी लियाकत अली के नेतृत्व में इलाहाबाद शहर मे पुरे 14 दिनों तक बागी क्रांतिकारियों का शासन रहा। यधपी इलाहबाद किले में अंग्रेज़ो ने खुद को बंद कर के सुरक्षित कर लिया था, और क्रांतिकारी इलाहाबाद किले पर कब्ज़ा करने में नाकामयाब रहे थे । 1857 की क्रांति को बुरी तरह कुचलने के बाद इलाहबद पर अन्ग्रेज़ो का पुन: नियन्त्रण हो गया और मौलवी लियाकत अली भी गिरफ्तार कर लिये गये तथा उनको आजीवन कालापानी (अंडमान जेल) भेज दिया गया जहाँ उन्को घोर यातना दे कर मार डाला गया ।
We pledge to educate our family, friends and future generations about the real struggle of our ancestors and make india a akandh Bharat.... Never bow your head....
Sir apnay pura history ko samnay lakar khara kor diya .Jo ahvitak muja porkar yad rakhna porta hai .may b.a.c geography may oners hu .magar competitive exam ka liya porna porta hai . Happy independence sir .
wow sir.... such me Kitna achha btay... happy independence day to u and ur family sir..... very very nice sir apka speech... TQ 🌿🙏🌿and all of u who are watching my comment.... Happy Independence Day 🙏🙏🍁🍁
Hello sirji I am Manish student of class 10 but I am watching your most videoes, TUSSI GREAT SIR🙏🙏🙏 One day I will also become like you sir, HAPPY INDEPENDENCE DAY SIR🇮🇳
कोतवाल धन सिंह , जिन्हें धुना सिंह के नाम से भी जाना जाता है। मेरठ के भारतीय कोतवाल (पुलिस प्रमुख) थे। जिन्होंने 1857 के विद्रोह में प्रमुख रूप से भाग लिया और मेरठ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ प्रारंभिक कार्रवाई का नेतृत्व किया ।उन्हें 1857 की क्रांति के प्रवर्तक (जनक) के रूप में जाना जाता है ।
15 August 1947-A historic date! August 15, 1947, marks the day when India gained independence from British colonial rule. It's a significant day in Indian history, celebrated as Independence Day. On this day in 1947: - India became a sovereign nation after nearly two centuries of British rule. - Jawaharlal Nehru, India's first Prime Minister, hoisted the national flag at the Red Fort in Delhi. - Nehru delivered his famous "Tryst with Destiny" speech, marking the beginning of a new era for India. This day is celebrated annually with great fervor and patriotism across India, featuring: - Flag-hoisting ceremonies - Parades and processions - Cultural events and performances - Tributes to national heroes and freedom fighters August 15, 1947, will always be remembered as a momentous day in Indian history, symbolizing the country's struggle for freedom and its emergence as a independent nation.
मै इलाहाबाद, आज के प्रयागराज का रहने वाला हू तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भारतीय मध्य इतिहास में स्नातक कर रहा हू। क्या आप जानते हैं की इलाहाबाद में कंपनी बाग या अल्फ्रेड पार्क जो अब चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से जाना जाता है सन 1857 से पहले कभी वहाँ घनी मुस्लिम आबादी हुआ करती थी ? बहुत कम लोगों को मालूम है की कंपनी बाग़ की मिटटी हज़ारो लोगों के खून से सनी हुयी है। देश की आज़ादी में जाने कितने जांबाजों ने अपनी जान गंवा कर हमें आजादी का तोहफा दिया। और इन जांबाज शहीदों में इलाहाबाद के मेवाति पठानों का नाम सबसे ऊपर आएगा। उन्होंने 1857 की क्रांति मे हर मोड़ पर न सिर्फ अंग्रेजों से लोहा लिया बल्कि उन्हें करारी मात भी दी। इलाहाबाद के इतिहास के पन्ने मेवातियों के बलिदान की गौरव गाथा सुनाते हैं। कंपनी बाग़ के दक्षिणी कोने पर समदाबाद और छीतपुर नाम से मेवाति पठानों के गांव थे, जहां पर आज मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज है। सन् 1857 के गदर में इन गांवों के लोगों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने उन्हें बागी घोषित करते हुए उत्तर भारत मे बगावत को कुचलने के लिये मद्रास से ईस्ट इंडिया कंपनी की छटवीं ब्रिगेड के कमाण्डर, कर्नल जेम्स जॉर्ज स्मिथ नील के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना की (तोपों से लैस) एक आर्टिलरी रेजिमेंट भेजी। कर्नल नील जिसने 1857 मे बगावत को कुचलने के लिये उत्तर भारतीयों का सबसे बड़ा नरसंहार किया था, जिसको Butcher of Allahabad का खिताब दिया गया था। उसने मुस्लिमो की आबादी वाले इन दोनों गाँवों को पूरी तरह से तबाह कर दिया, जिसमे हज़ारो लोग मारे गए ।
बाद मे यह जगह साफ कर एक गार्डन बनाया गया और यहां अंग्रेजी रेजिमेंट की कंपनी बसा दी गई जिसके चारो तरफ खूबसूरत पेड पौधे लगा कर एक बाग की शक्ल दी गई और इसका नया नामकरण किया गया - कंपनी गार्डन। आज भी वहाँ पर बहुत सी पुरानी मज़ारों और मस्जिदों के अवशेष देखने को मिल जायेंगे जो 1857 से पहले शहर की शोभा हुआ करती थी। छीतपुर और समदाबाद के मेवातियों के अतिरिक्त शहर के रसूलपुर के मेवाती, महगांव, कोल्हा, सराय सलीम, (सुलेम सराय) सिरोधा, फतेहपुर, बरमहर, मुख्य चायल, भिकपुर, पावन, शेखपुर, मसीहा, बारागांव, मुइनुद्दीनपुर, गौसपर, बेगम सराय, ओदानी, बेली, बधरा, नीमी बाग, चेतपुर, रसूलपुर देहू, मिनहाजपुर, रोही, गयासुद्दीनपुर, कसमनदा, सराय भोजाह, उमरपुर शेवान आदि गांवों के मुस्लिम भी मेवातियों के साथ आजादी की लड़ाई में शरीक रहे।
दरअसल 4 जून 1857 को जब इलाहाबाद खबर पहुंची कि बनारस में सिख रेजीमेंट नंबर 11 के कई सिपाही बिगड़कर इधर आ रहे हैं, तो यहां की पलटन में भी उथल-पुथल शुरू हो गई। छह जून की शाम दो तोपों के साथ पल्टन की एक कंपनी लेफ्टिनेंट हिक्स और हारवर्ड के नेतृत्व में दारागंज में नाव के पुल की रक्षा के लिए भेजी गई। पर विद्रोही सिपाहियों के बीच अंग्रेजों की एक न चली। ठीक नौ बजे सिपाहियों ने आतिशबाजी का एक बान (हवाई) छोड़ा, जिसके जवाब में छावनी से भी बान छोड़ा गया।
विद्रोही रुख देख दारागंज से लेफ्टीनेंट हिक्स और अलोपीबाग से लेफ्टीनेंट हारवर्ड ने किसी तरह भागकर किले में पनाह ली। उसी रात चैथम लाइन छावनी के मेस हाउस में भी सिपाही विद्रोही हो गए तो यहां के अंग्रेज अफसरों ने भी भागकर किले में शरण ली। इसी आपाधापी में विद्रोहियों ने अंग्रेजों के सभी मकान जला दिए थे, बहुत से अंग्रेज़ अधिकरियों और सैनिको को मार दिया गया। जिन्की कब्रे आज भी इलाहाबाद के नये यमुना पुल के किनारे बहराना रोड पर मौजूद है। इतना ही नहीं विद्रोहियों ने सरकारी खजाने से तीस लाख रुपये भी लूट लिए थे। जेल से तीन हजार कैदियों को मुक्त करा लिया गया था, जिनमें से अधिकतर विद्रोहियों के साथ मिल गए। शहरियों और पुलिस ने भी उनका साथ दिया। क्रांतिकारियों का जोश ऐसा था कि अंग्रेजों को मुंह की खानी पड़ी। इलाहाबाद शहर को अंग्रेजी हुकूमत से आज़ादी का एलान कर दिया गया और महँगाव के महान क्रन्तिकारी मौलवी लियाकत अली के नेतृत्व में इलाहाबाद शहर मे पुरे 14 दिनों तक बागी क्रांतिकारियों का शासन रहा। यधपी इलाहबाद किले में अंग्रेज़ो ने खुद को बंद कर के सुरक्षित कर लिया था, और क्रांतिकारी इलाहाबाद किले पर कब्ज़ा करने में नाकामयाब रहे थे । 1857 की क्रांति को बुरी तरह कुचलने के बाद इलाहबद पर अन्ग्रेज़ो का पुन: नियन्त्रण हो गया और मौलवी लियाकत अली भी गिरफ्तार कर लिये गये तथा उनको आजीवन कालापानी (अंडमान जेल) भेज दिया गया जहाँ उन्को घोर यातना दे कर मार डाला गया ।
1857 के सन्दर्भ में एकदम सटीक और तार्किक विश्लेषण किया है
आपकी पढ़ाने की तकनीकी का मैं शुक्र गुज़ार हूँ सर्
आपको दिल से आभार
आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
आप का चैनल सबको देखना चाहिए अच्छी जानकारी देते है सर आपके योगदान को नहीं भूलूंगा
We pledge to educate our family, friends and future generations about the real struggle of our ancestors and make india a akandh Bharat.... Never bow your head....
apko or apke pure parivaar ko 75th ve swatantrata divas ki hardik shubhkaamnaye...🇮🇳🇮🇳🇮🇳
JAI HIND...🇮🇳🇮🇳🇮🇳
💥💥💥
बहुत बढ़िया जानकारी दी अपने !
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए 🇮🇳🙏
1.sepoy mutiny (1857)
2. Formation of Congress. (1885)
3.Partition of Bengal (1905)
4. Gandhi Ji arrival (1915)
5. Jaliyawala bag ( 1930)
6. Khilafat Andolan
7. Dili Vidhan sabha bomb blast (1929)
8. Non-corporation (1920-1922)
9. Cori Chora kand 19922
10. Azad hind fauj 1942
11. Finally Indian independence .
Khilafat aandolan 1919 mai hua tha
Apko bhi Gantantra diwas ki hardik shubhkamnaye
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
देश प्रदेश एवं समस्त भारत वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई
Great point aap chun kar achchhi tarah explane kia hai very usefull video thank you sir.
Jai hind sir,
Sir Law ke sath sath aapka history ko describe karne ka tarika bahut hi achha hai. Thanks a lot to you.
Happy independence Day sir.... thank u sir for this brief introduction .......
श्रीमान जी आप को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Sir apnay pura history ko samnay lakar khara kor diya .Jo ahvitak muja porkar yad rakhna porta hai .may b.a.c geography may oners hu .magar competitive exam ka liya porna porta hai . Happy independence sir .
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Swatantrata ke amrit mahotsav ki shubhakamnaye sir..🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Gud informative video thank u sooooo much sir
Good Morning Sir ji 🙏🙏🙏....Thnkx alot sir ji 🙏🙏🙏....Same 2 U SIR JI 🙏🙏🙏🙏
TQ so much sir Bhut Achi thrash smjha diya aap ne
Aapko v indipendence day ki dhero subhkamna 👍
Sir apne to pura andolan hee khatm kr diye😮 ak chhote se vidio me you are great sir 💓💯
Sir aapko swatantrata divas ki hardik hardik 🙏🙏🙏🙏
Very very knowledgeable video sir thank you for this.
Hello sirji I am Manish student of class 10 but I am watching your most videoes, TUSSI GREAT SIR🙏🙏🙏 One day I will also become like you sir, HAPPY INDEPENDENCE DAY SIR🇮🇳
Sir ji.. .. Great👍👍👍
ek or andolon aj ka date ma karna chaiye bharat sarakar ka yuva par daman..Happy Independece Sir
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए 🙏
Mangal pandy se pahle angrejon ka virodh sabse pahle 1855 me tilka manjhi ne kiya tha jo is andolan me use koi jagah nahi mila... Jai hind
Ur speak 🗣️ is mind-blowing 🎉
शभी देशवासियो को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।
"स्वतंत्रता" दिवस कर हार्दिक बधाई।
🇮🇳🎉🎉Swatantrata Divas ki hardik shubhkamnaen sir ji 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🎈🎈
Very useful knowledge sir 🇮🇳
Thank you sir
And Happy Independence Day
Jai hind🇮🇳
Thanks sir ji
Happy independence day you too sir 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
🇮🇳🇮🇳🇮🇳Happy Independence day sir... And all viewers. 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Jai hind sir 🇮🇳🇮🇳
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं सर🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏
हमे गर्व है हम भारतीय है🇮🇳🇮🇳
U r my fav teacher
Apke batane ka tarika bahut hi acha tha
Yha video se hamne bahut kuch shikha sukriya sir
Sir aap ki har bat important ho ti h 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Happy independence day sir🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏
Thankyou sir 🙏
Happy independence day to all of you
Jai hind sir sir voice aapki bahut achha h
Happy independence day ... Jay hi d 🙏🙏
Happy Independence day sir ji
Jai hind jai bharat
Happy independence day ki aapka bahut sari
Good morning sir jii 🙏🙏🙏 Happy Independence day 🙏🙏🙏
Happy Independence day sir 🇳🇪🇳🇪🇳🇪
Happy independence day very nice lecture sir ji
Jashne aazadi Mubarak ho ❤️
Jai hind sir ❤🇮🇳🙏
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏
Tq sir a lot of love 💕💐
Good morning sir n Happy independence day sir n all of you 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय हिंद सर.....
Happy independence day 🎉🎉
Thank you Manmohan.
Namaste sir Ji, aap sabhi ko swatantrata diwas ki hardik shubhkamnaye 🙏🙏👍
Thank you so much sir for information
Happy Independence Day everyone out there ❤
Very good speech
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Aap bahut acha teacher ho
Thanks sir
Happy Independence day dear sir ♥️♥️♥️
Thankyou sir for this important lecture 🙏👏
Happy Independence day sir 🌷🌷🌷🌷
Happy Independence day sir ji
Happy independence day sir and all of you friends
Jai hind sir ji👍🙏👍🙏👍🙏🌹🌹🌹🌹🌹
Jai hind sir ap GS fect or current affairs fect ki short video or faimas article jo the Hindu New paper me ate h thankyou sir 🙏🙏🙏🙏🙏
Happy independence day 🇮🇳🇮🇳 Sir 🙏🙏🙏
Sir jai hind.
Happy Independence day sir.
Aap sabhi ko 75 Swatantrata Divas ki hardik shubhkamnaen
Happy independence day sir ji🇮🇳
Sir Happy independence Day 🎉🎈🥳 and thank you
Thk u sir for information, 🙏💐
कोतवाल धन सिंह , जिन्हें धुना सिंह के नाम से भी जाना जाता है।
मेरठ के भारतीय कोतवाल (पुलिस प्रमुख) थे। जिन्होंने 1857 के विद्रोह में प्रमुख रूप से भाग लिया और मेरठ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ प्रारंभिक कार्रवाई का नेतृत्व किया ।उन्हें 1857 की क्रांति के प्रवर्तक (जनक) के रूप में जाना जाता है ।
Happy independence day 🇮🇳🇮🇳❤️❤️
🇮🇳Happy Independence Day. 🇮🇳🇮🇳❤❤
Big fan sir 💜
आप सभी को स्वतत्रता दिवस हार्दिक शुभकमनाए
Happy independence day❤
Jai.hind. jai.bharat
15 August 1947-A historic date! August 15, 1947, marks the day when India gained independence from British colonial rule. It's a significant day in Indian history, celebrated as Independence Day.
On this day in 1947:
- India became a sovereign nation after nearly two centuries of British rule.
- Jawaharlal Nehru, India's first Prime Minister, hoisted the national flag at the Red Fort in Delhi.
- Nehru delivered his famous "Tryst with Destiny" speech, marking the beginning of a new era for India.
This day is celebrated annually with great fervor and patriotism across India, featuring:
- Flag-hoisting ceremonies
- Parades and processions
- Cultural events and performances
- Tributes to national heroes and freedom fighters
August 15, 1947, will always be remembered as a momentous day in Indian history, symbolizing the country's struggle for freedom and its emergence as a independent nation.
Important point which you missed sir Satyagraha andolan
Thank you sir important lacture
Jia Hind Jai Bharat
Jai hind sir
आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏
धन्यवाद
Jay hind sir ji
🇮🇳 आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ । 🇮🇳
Same 2 u...
Thank you Sar aapane bahut acchi tarike se samjhaya