आपकी बातें तर्क पूर्ण ढंग की हैं जिनमें एक कटु सत्य है जिसे धार्मिक ठेकेदार स्वीकार नहीं कर सकते हैं पर उनके पास इसका उत्तर भी नहीं है..साधारण व्यक्ति की बात तो बहुत दूर की है जो आपके विचारों को समझ सके जी धन्यवाद आपका जी 🙏🙏
Ek achi samajh rakhne ke liye or jivan ko saralta se or ache se jine ke liye aise guru jano ko sunna or inki baato ko samajhna zaruri hai..... Dhanyawad Dr.vikash divyakirti sir😊
वेद ऋषियों ने लिखे रामायण बालमीकि जी ने लिखा महाभारत वेद व्याश जी ने लिखा मनुस्मृति मनु जी ने लिखी पुराण. ऋषियों ने लिखे उपनिषद. ऋषियो ने लिखे उक्त सारे दावे ब्राहमणो द्वारा किये जाते है पर सोचने वाली बात यह है कि युग बदलते रहे पर इनको लिखने की ना लिपि बदली ना ना भाषा बदली और ना इनकी व्याकरण बदली आज तक कोई ब्राहमण विद्वान यह नही बता पाया है कि संस्कृत का पहला व्याकरणाचार्य कौन और किस अवधि मे था उस काल मे संस्कृत की लिपि देवनागरी मे वर्ण स्वर और संयुक्ताक्षर की संख्या कितनी थी जबाब ना मिलने की स्थिति मे तो यही साबित होता है। कि इन सारे संस्कृत शास्त्रों को ग्यारहवीं शताब्दी के बाद मुगल काल मे खुद ब्राहमणी समाज ने भिन्न भिन्न नामो से लिखकर हिन्दु समाज पर थोपा है
ईश्वर कोई व्यक्ति नहीं है वो एक प्राकृतिक अवस्था, जिसके कारण एक निश्चित कार्य हुआ है जिसके अंतर्गत आज हम ज्ञान की बात कर पा रहे हैं। जिस अवस्था में मन होता है वो कुछ सोच सकता है जैसे इंसान जिसमें मन का समावेश है वह सोचता है, अच्छा बुरा करता है। और अपने कार्य के अनुसार फल भोगता है। ईश्वर नाम की जो अवस्था है उसके कारण सब प्राकृतिक व्यवस्था चल रहीं हैं उस व्यवस्था में कौन क्या कर रहा है वो जाने , कर्मों का हिसाब होता है देर सबेर। उस व्यवस्था ने कभी नहीं कहा है कि उसकी पूजा करो । कौन है कहने वाला कौन सुनने वाला। ये सब ढोंग मानव ने खुद अपनी इच्छाएं और भय के कारण पैदा किए हैं। बदनाम उस अवस्था को किया जाता है । कुछ काम धाम तो है नहीं , समय पास वाली कथायें हैं। जो करना है उस तरफ ध्यान नहीं , मानव प्रकृति है दूसरों पर ध्यान जरुर देता है ।वो उस पर जिसे कभी देखा नहीं, सुना नहीं, अनुभव नहीं किया। जो ना सकार हैं और ना निराकार है दोनों से परे। और जो साकार रुप में मूंछों पर ताव देते घूमते हैं वो कुछ भी करते हैं। नहीं तो कोई भी अत्याचार हो ही नहीं सकता है । एक बार पचास सौ हाथ तो उठ जायें एक अत्याचारी पर । हम अपने बारे में सोचें हम कितना अपना फर्ज निभाते हैं। मैं भी शामिल हूं इस अकर्मण्यता में। क्षत्रिय कोई जाति नहीं है जिसका हाथ मजलूमों की मदद के लिए उठे वहीं क्षत्रिय है असलियत में।
सनातन धर्म किसी चीज को मजबूर नहीं कर रहा है क्योंकि कुछ धर्म मजबूर कर रहे हैं। जैसे दिन में 5 बार नमाज । या पूजा हर रविवार अनिवार्य । तुलसी ने खुद को चेरा यानी दास/नौकर कहा। तुलसीदास सदा हरि चेरा। जब आसुरीकरण हटाया जाता है तभी अब्रह्म जाये और ब्रह्म उजागर । अधर्म जाये धर्म उजागर , असत्य जाये सत्य उजागर, आदि। क्या वे पशु अत्याचार,, गौ हत्या आदि को हटायेगे अगर मैं पूर्वज धर्म छोड़ दूं, ये सबसे बड़ी मूर्खता होगी क्योंकि मेरे पूर्वज के महादेव🔱 की मूर्ति स्तापित करके मुझे मंदिर में प्रवेश से वंचित किया और निचा कार्य दिया । छोड़ना पराजय है जबकि महादेव🔱 के लिए अपने दलित समुदाय का धार्मिक पूजा स्थल बनाना विजय है। महादेव, श्री राम, श्री हनुमान पराये नहीं. क्या भारतीयों को सनातन धर्म छोड़ देना चाहिए क्योंकि कई भारतीय प्रथाओं में से योग को भी चुराकर ईसाई योग बना दिया गया है?
अध्यात्म एक गम्भीर विषय है, यह हंसी मज़ाक का बिषय नहीं है। धार्मिक विचारों का ईश्वर से कोई संबंध नहीं है। आदमी की सीमित बुद्धि की पहुंच ईश्वर तक नहीं है। अच्छा बुरा और पाप पुण्य केवल सीमित बुद्धि की सोच है, सृष्टि की विलक्षण विलक्षण व्यवस्था बिना किसी व्यवस्थापक के नहीं चल सकती और वही ईश्वर है।
Yeh sach hai ki Quran shareef mein likha hai ki na koi insaan Allah ki marzi ke baghair na toh achcha karsakta hai or nahi bura ,or shaitaan insaan ka sabse bada dushman hai usne Allah se kaha ki wo insaan ko galat raste pe bhatkayega toh Allah ne farmaya ke unke achche bande uske kehne mein hi nahi ayenge,good knowledge sir thankyou very much ❤❤❤
जिसका शरीर जला दिया जाता है सीमा समाप्त हो जा रहा है जो बच जाता है उसे भी कोई खा जाता है जिसका दफना दिया जाता है और कुछ बाकी रहता है जैसे शरीर सड़ता है उसके भयानक रूप ले लेता है और भयानक जीव की उत्पति होने लगती है फिर जीव तड़फ तड़फ के मारता है आगे विचार करो क्या होता होगा
KARMA KA PHAL ISWARIYA SHAKTI NIRAKAR NIRANJAN NIRGUN SARVAYAPAK AMAR HAI RISHI PARAMPARA BUDDHA MUNI AND SCIENCE IS A TOOL TO DISCOVER THE SECRET OF THE NATURE AND CREATION BUT NOT TO CHALLENGE THE SOLAR SYSTEM
🙏 If You want to know God first realized & know YourSelf. If not than your teaching only for information not fot transformation. May Lord gives you true wisdom. ❤️🙏🕊️🔔🌎️🙏🛐🙇
सभी भाव मनुष्य के अंदर होते हैं, मौहाल के अनुसार इन भावों का आदमी के अन्दर विकास होता है, कुछ भाव बार बार करने पर dominant हो जाते है अलग अलग भाव रख कर भी same target can achieve Time taken and by product of भाव followed , and feeling during भाव में different
Burai ki bhi taraf chal sakte ho or achchai ki taraf bhi dono taraf chalne ki choot he jese imtihan me chahe likho ya na likho likho ge to pass nahi likhoge to fail sir ye aapki samajh me aagaya to or mahan hojao ge aap insan ak kamjor or kantarol ki huyi cheej ka nam jesa paida kia jata he fir pala jata he or fir jaise bimar kia jata he or jaise mot dedi jati he fir ham aajmaish ke liye hi to dunia me aate fir time pura ho jata he hame bula liye jate he
@@dharmdeosingh521 राम कहां के राजा थे, कोई वैज्ञानिक प्रमाण हो तो बताइए। वैसे SC में कोई भी साक्ष्य हिंदू नहीं दे पाए। अयोध्या खुदाई में बुद्ध अवशेष ही मिले
पवित्र शास्त्र बाइबल के अनुसार सृष्टि करता परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप पर बनाया। जिसका मतलब यह है कि उसने मनुष्य को पूरी आजादी दी है। मनुष्य जो चाहे वह अपनी मर्जी से परमेश्वर द्वारा दी गई फैसला लेने की शक्ति का इस्तेमाल करके फैसला लेकर कर सकता है। इसके साथ ही मनुष्य की अंतरात्मा में भले और बुरे का ज्ञान है।
Brahma creator in arabic al khaaliq,vishnu sustainer in arabic it is almuqeet and shiv destroyer in arabic it is al mumeet ,Allah paak ke 99 roop hain yani naam hain ,sir please make a reaction on Allah 99 names and why we Muslims don't make idols of God Allah and messenger mohammad saheb ,why making painting and sculpture of God is prohibited in islam, Allah Ki koi baraabari nahi kar sakta❤❤❤❤nice speech sir thank you very much 😊😊
Sab demand and supply ka khel hai, or urja ka jor hai. Gyan hi sarvottam hai, habits ka khel hai. Bhook ne kaam pe lagaaya hai. Garibi rog hai. Apne problem pe hame hi solution dhoondhne hote hai. Duniya ak tamasha hai, aasha or niradha hai, sab man ka bhram hai, ye man naach nachata hai.
वेद ऋषियों ने लिखे रामायण बालमीकि जी ने लिखा महाभारत वेद व्याश जी ने लिखा मनुस्मृति मनु जी ने लिखी पुराण. ऋषियों ने लिखे उपनिषद. ऋषियो ने लिखे उक्त सारे दावे ब्राहमणो द्वारा किये जाते है पर सोचने वाली बात यह है कि युग बदलते रहे पर इनको लिखने की ना लिपि बदली ना ना भाषा बदली और ना इनकी व्याकरण बदली आज तक कोई ब्राहमण विद्वान यह नही बता पाया है कि संस्कृत का पहला व्याकरणाचार्य कौन और किस अवधि मे था उस काल मे संस्कृत की लिपि देवनागरी मे वर्ण स्वर और संयुक्ताक्षर की संख्या कितनी थी जबाब ना मिलने की स्थिति मे तो यही साबित होता है। कि इन सारे संस्कृत शास्त्रों को ग्यारहवीं शताब्दी के बाद मुगल काल मे खुद ब्राहमणी समाज ने भिन्न भिन्न नामो से लिखकर हिन्दु समाज पर थोपा है
डीजल, पेट्रोल मींस क्रूड ऑयल कुदरत ने स्टोर करके क्यूं रखा था ? क्या इसको पता था की इंटरनल कमबसन engine का जमाना आएगा ? Sir Newton had strong belief in God..
Quran mein likha hai ke insaan Allah ki marzi ke baghair na toh koi jurm ya paap kar sakta hai aur nahi achcha karm kar sakta hai ,aapne theek kaha bilkul sir ,nice video ❤❤❤I salute you sir😊
Comments में सब अपनी अपनी knowledge share कर रहे हैं, बस ये जाने बिना, की विज्ञान क्या कहता है😂 जरा जानो, Rutherford k atomic model ko, bohr k model ko, quantum model ko, जरा जानो, universe के size को.
Jyada to nhi keh sakte koi supreme power h jo duniya ko chala rhi h baki ishwar ki sewa bahut badi jo kar rhi nhi sakta ....chota sa kaam hum sab karte h achhi soch k saath achhe karma karo ....baki jo boya h wo wapis jarur aayega ....😊
creator designed open source software and closed system software jinn and humans both have free will but superiority to human over jinn because of curiosity to know and explore so that human can be witness beauty of design through his own efforts 2nd part burial in soil to means elements back to original to the source for maintenance of carbon and nitrogen cycle of ecosytem
Sir aap ko pranam (namste). Ager UPSC me ye qeestion aa jaye ki eswar hai aur esi pachh me aap apni ray ya byakhya kijiye to koi bhai hai jo khatarnak Ans. De sake sir mai mai eski byakhya bahut dangerous (khatarnak) kr sakta hu sirf Etna hi nhi byakhya se students ko satisfaction bhi honi chahiye ye byakhya karne vale ko PTA hona chahiye Jo mujhe pta hai .Ager UPSC eske bipachh me bhi byakhya ke liye ques. Puchhe e to eski bhi byakhya dangerous kr skta hu but pachh me bahut hi dangerous kr skta hu ye mera apna Mt hai . Friends koi meri bat ka bura mat manna ager bura lge to uske liye sorry Mera matlab kisi ko tes pahuchana nhi hai sirf mera apna personal mat hai .ha ak bat ye bhi hai ki eswar shi Mayne me hai ya nhi hai ye bahut bda aur bahut lajabab question hai. pachh aur bipachh me ak hi rasta shi hai ye to nischit hai ye vikas sir ko bhi pta hai sabko PTA hona chahiye .mujhe bhi eske pachh aur bipach me kon sa rasta shi hai vo pta hai. Yase mai 12th shi pass nhi hu .Dil krta hai ki Vikas sir ko bahut sari duvaye (congratulation) du (in dono me anter hai pta hai) but mn krta hai ki thodi gali bhi du but gali Aaj nhi duga .hai kisi UPSC student ke bajuo me dam jo eske shi pachh me bayakhya kr ske Esme ak hi pachh shi hoga ye Vikas sir ko bhi pta hai ya pachh ya bipachh .Ager es question ka shi answer jis din aap ko mil jayega us din aap ko es jindgi ka sarans pta chal jayega arthat matlab dharti PE mamav jivan ka kya role hai kya krtvy hai aur kon sa--- rasta --- chunna chahiye sab pta lga jayega aur us din sare Kam chhod ke sahi vala rasta chun loge aur kitabo ko band kr doge kitabo ka matlab shi Mayne me aap ke jivan me bahut hi km Kam aati hai eska (note) eska matlab hi hai ki aap ke dimag ya bicharo ka (vikas) karna dimag ka bistar Krna tabhi to aap pachh ya bipachh me kon sa vala Marg shi hai vo Marg chun pavoge to aap apne aap ho shi raste pe chlna suru kr doge .Sara Kam batana kya eswar ka hi hai .maf kijiyega ki ye sab Mai friquence (samjho aao) me nhi likh rha hu aur MERA MTLAB Vikas sir ko gali Dena nhi hai na hi unke mn ko tes pahuchana hai ya kisi ko bhi ager fir bhi kisi ko koi sikva ya gila hai uske liye chhma chahuga vase bhi dosto mai jada pda likha nhi hu 12th aur fir open coll.... Mera Mtlab sirf ye tha ki es messege ko vikas sir tak suna de ya pahuch sake es messg ko pahuchane ka main matlab ye tha ki duniya jo andhkar vale raste pe chl rhi hai use chod ke shi shi vala marg chune shi (vala) raste per chl sake taki etni pdai ka main maksad pura ho ya eska pura fayda mil sake es lekh me kisi prakar ki kmi ya ritti ho chhma chahuga. Dhanyabad
ईश्वर की अनूठी कृति ए महानतम विद्वान मैं आपको प्रया सुनता रहता हूं मैं शरीर नहीं हूं इस बात का मैं भी समर्थक हूं इस संबंध में आपसे अपने तर्क रखता हूं जब मैं आपसे कहूंगा कि यह शर्ट किसकी है तो आप कहेंगे कि मेरी है मैं आपसे कहूंगा yah Jo chashma aapane lagaya hai vah kiska hai आप निश्चय कहेंगे कि यह मेरा है मैं फिर कहूंगा कि यह हाथ किसका है आप कहेंगे कि हाथ तो मेरा ही है मैं कहूंगा यह पांव किसका है आप कहेंगे यह पांव मेरा ही है फिर मैं कहूंगा यह लेक्चर देने वाला शरीर किसका है आप कहेंगे मेरा ही तो है तब मैं आपसे कहूंगा कि फिर आप कौन है जिसका यह सब कुछ है वही आत्मा है जो शरीर नहीं है शरीर तो की तरह एक आवरण है उसे परमात्मा tatv का
दिव्यकीर्ति जी कमाल हैं आप, यही तो बुद्ध कहते थे कि तर्क करो अगर कुछ जानना है तो
जीते रहिए और अंधविश्वास भगाते रहिए
दुनिया मे ९९.९९ प्रतीशत लोग भ्रम मे जीते है ओर उन्हे पता ही नही के वे भ्रम मे जी रहे है, जिणका भ्रम गया वो बुद्ध पुरुष बन गये
Right ✅️
आपकी बातें तर्क पूर्ण ढंग की हैं जिनमें एक कटु सत्य है जिसे धार्मिक ठेकेदार स्वीकार नहीं कर सकते हैं पर उनके पास इसका उत्तर भी नहीं है..साधारण व्यक्ति की बात तो बहुत दूर की है जो आपके विचारों को समझ सके जी धन्यवाद आपका जी 🙏🙏
Right ✅️
Gita k karm siddhat ko bhi bata dete@@ajaymahiiaspcsvideo2128
Wait next video
@@shivprakasharya1402 sawal poochhiye mai uttar funga
ऐसे तर्कशील व्यक्ति होना महानता है🙏
Right
वर्तमान में शिक्षित समाज हैं शिक्षा का दौर है वैज्ञानिक दृष्टिकोण है स्वंय बिचार करें कि सत्य क्या है असत्य क्या है।
Ek achi samajh rakhne ke liye or jivan ko saralta se or ache se jine ke liye aise guru jano ko sunna or inki baato ko samajhna zaruri hai..... Dhanyawad Dr.vikash divyakirti sir😊
Right ✅️
वेद ऋषियों ने लिखे
रामायण बालमीकि जी ने लिखा
महाभारत वेद व्याश जी ने लिखा
मनुस्मृति मनु जी ने लिखी
पुराण. ऋषियों ने लिखे
उपनिषद. ऋषियो ने लिखे
उक्त सारे दावे ब्राहमणो द्वारा किये जाते है
पर
सोचने वाली बात यह है कि युग बदलते रहे पर इनको लिखने की ना लिपि बदली ना ना भाषा बदली और ना इनकी व्याकरण बदली
आज तक कोई ब्राहमण विद्वान यह नही बता पाया है कि संस्कृत का पहला व्याकरणाचार्य कौन और किस अवधि मे था
उस काल मे संस्कृत की लिपि देवनागरी मे वर्ण स्वर और संयुक्ताक्षर की संख्या कितनी थी
जबाब ना मिलने की स्थिति मे तो यही साबित होता है। कि इन सारे संस्कृत शास्त्रों को ग्यारहवीं शताब्दी के बाद मुगल काल मे खुद ब्राहमणी समाज ने भिन्न भिन्न नामो से लिखकर हिन्दु समाज पर थोपा है
Good
ईश्वर कोई व्यक्ति नहीं है वो एक प्राकृतिक अवस्था, जिसके कारण एक निश्चित कार्य हुआ है जिसके अंतर्गत आज हम ज्ञान की बात कर पा रहे हैं।
जिस अवस्था में मन होता है वो कुछ सोच सकता है जैसे इंसान जिसमें मन का समावेश है वह सोचता है, अच्छा बुरा करता है। और अपने कार्य के अनुसार फल भोगता है।
ईश्वर नाम की जो अवस्था है उसके कारण सब प्राकृतिक व्यवस्था चल रहीं हैं उस व्यवस्था में कौन क्या कर रहा है वो जाने , कर्मों का हिसाब होता है देर सबेर।
उस व्यवस्था ने कभी नहीं कहा है कि उसकी पूजा करो । कौन है कहने वाला कौन सुनने वाला।
ये सब ढोंग मानव ने खुद अपनी इच्छाएं और भय के कारण पैदा किए हैं।
बदनाम उस अवस्था को किया जाता है । कुछ काम धाम तो है नहीं , समय पास वाली कथायें हैं।
जो करना है उस तरफ ध्यान नहीं , मानव प्रकृति है दूसरों पर ध्यान जरुर देता है ।वो उस पर जिसे कभी देखा नहीं, सुना नहीं, अनुभव नहीं किया।
जो ना सकार हैं और ना निराकार है दोनों से परे।
और जो साकार रुप में मूंछों पर ताव देते घूमते हैं वो कुछ भी करते हैं।
नहीं तो कोई भी अत्याचार हो ही नहीं सकता है ।
एक बार पचास सौ हाथ तो उठ जायें एक अत्याचारी पर ।
हम अपने बारे में सोचें हम कितना अपना फर्ज निभाते हैं। मैं भी शामिल हूं इस अकर्मण्यता में।
क्षत्रिय कोई जाति नहीं है जिसका हाथ मजलूमों की मदद के लिए उठे वहीं क्षत्रिय है असलियत में।
ईस्वर की मर्जी के बिना पता भी नही हिलता ये खुद को दिया हुआ एक लॉलीपॉप हे बस
सनातन धर्म किसी चीज को मजबूर नहीं कर रहा है क्योंकि कुछ धर्म मजबूर कर रहे हैं। जैसे दिन में 5 बार नमाज । या पूजा हर रविवार अनिवार्य ।
तुलसी ने खुद को चेरा यानी दास/नौकर कहा। तुलसीदास सदा हरि चेरा।
जब आसुरीकरण हटाया जाता है तभी अब्रह्म जाये और ब्रह्म उजागर । अधर्म जाये धर्म उजागर , असत्य जाये सत्य उजागर, आदि। क्या वे पशु अत्याचार,, गौ हत्या आदि को हटायेगे
अगर मैं पूर्वज धर्म छोड़ दूं, ये सबसे बड़ी मूर्खता होगी क्योंकि मेरे पूर्वज के महादेव🔱 की मूर्ति स्तापित करके मुझे मंदिर में प्रवेश से वंचित किया और निचा कार्य दिया । छोड़ना पराजय है जबकि महादेव🔱 के लिए अपने दलित समुदाय का धार्मिक पूजा स्थल बनाना विजय है। महादेव, श्री राम, श्री हनुमान पराये नहीं.
क्या भारतीयों को सनातन धर्म छोड़ देना चाहिए क्योंकि कई भारतीय प्रथाओं में से योग को भी चुराकर ईसाई योग बना दिया गया है?
विश्व धर्मो की सच्चाई से रूबरू करवाए साहेब जी को दिल से धन्यवाद बहुत सही बात बताए तर्क के अधार पर सही ईश्वर कही नही है👍👍👍👍👍👍
Very interesting lesson sir ❤❤❤👏👏👏💗💗💗🙏🙏🙏
Sir ? You Are a candle without a light in the field of Dharma
Good sir💙💙 🙏🙏👍👍
That's called critical thinking ❤️
जब ईश्वर कण कण में है तो हर इंसान में भी है, अतः अच्छाई और बुराई भी उसी की हैं
सायद इसीलिए भगवान को........
बेहतर कहा!और बेहतर ढंग से भी!!
ਈਸ਼ਵਰ ਦੇ ਬਿਨਾਂ ਪੱਤਾ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹਿੱਲਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਪੱਤੇ ਨੂੰ ਹਿਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਹਵਾ ਵੀ ਉਹ ਆਪ ਹੀ ਨੇ। ਗੁਰਬਾਣੀ ਵਿਚਾਰ 🙏🏻
Bilkul sahi samjhaya sir aapne
अध्यात्म एक गम्भीर विषय है, यह हंसी मज़ाक का बिषय नहीं है। धार्मिक विचारों का ईश्वर से कोई संबंध नहीं है। आदमी की सीमित बुद्धि की पहुंच ईश्वर तक नहीं है। अच्छा बुरा और पाप पुण्य केवल सीमित बुद्धि की सोच है, सृष्टि की विलक्षण विलक्षण व्यवस्था बिना किसी व्यवस्थापक के नहीं चल सकती और वही ईश्वर है।
Yeh sach hai ki Quran shareef mein likha hai ki na koi insaan Allah ki marzi ke baghair na toh achcha karsakta hai or nahi bura ,or shaitaan insaan ka sabse bada dushman hai usne Allah se kaha ki wo insaan ko galat raste pe bhatkayega toh Allah ne farmaya ke unke achche bande uske kehne mein hi nahi ayenge,good knowledge sir thankyou very much ❤❤❤
यदि विश्व वयवस्था को जानना है तो जैन दर्शन की दो ग्रन्थ पढ़िए 1, गोम्मटसार कर्मकाण्ड 2,जैनकर्म मीमांसा
राइट सर।
It is true vikash sir concept
thanks sir koti koti naman
अति सुन्दर
बुद्धिजीवी व्यक्ति इस प्रकार ईश्वर का प्रकरण नहीं छेड़ते
उसकी लीला अपरम्पार है श्रीमन🙏🙏❤🙏
सही बात बता दिए तो बुरा लग गया।इतना भी डरना ठीक नहीं है
Mere bhi vichar aapke vichar jaise hai sir ji
worth noting points (1) sankalp ki swadheenta: vivek aur vaashna chunane ki swatantrata (2) manushya ka pavitra sankalpee jeev banna (3) dafnane wale aur ek janm ke concept me vishwas rakhne wale marne se jyada darte hain!
Nature is the God nature ko manne ke liye taiyar nahi bah mandir me jaker hi ishber ki jante hai lekin adhuri jaankari hai
Thank you sir & bhai channel wale
Correct sir this is logic idiots or god maden fools will not understand
Very good speech sir
जिसका शरीर जला दिया जाता है सीमा समाप्त हो जा रहा है जो बच जाता है उसे भी कोई खा जाता है जिसका दफना दिया जाता है और कुछ बाकी रहता है जैसे शरीर सड़ता है उसके भयानक रूप ले लेता है और भयानक जीव की उत्पति होने लगती है फिर जीव तड़फ तड़फ के मारता है आगे विचार करो क्या होता होगा
मैं नास्तिक हूं।
आप भी नास्तिक हो।
अच्छा लगा आपको सुनकर।
ना आस्तिक बनो ना नास्तिक बनो
बनो तो वास्तविक बनो
@@SandeepKumar-qg1zn नास्तिकता ही वास्तविकता है।
Yes.right@@SK-hj9tm
Ekdam right ❤❤
KARMA KA PHAL ISWARIYA SHAKTI NIRAKAR NIRANJAN NIRGUN SARVAYAPAK AMAR HAI RISHI PARAMPARA BUDDHA MUNI AND SCIENCE IS A TOOL TO DISCOVER THE SECRET OF THE NATURE AND CREATION BUT NOT TO CHALLENGE THE SOLAR SYSTEM
Sahi kaha aap ne
🙏
If You want to know God first realized & know YourSelf. If not than your teaching only for information not fot transformation.
May Lord gives you true wisdom.
❤️🙏🕊️🔔🌎️🙏🛐🙇
सभी भाव मनुष्य के अंदर होते हैं, मौहाल के अनुसार इन भावों का आदमी के अन्दर विकास होता है, कुछ भाव बार बार करने पर dominant हो जाते है
अलग अलग भाव रख कर भी same target can achieve
Time taken and by product of भाव followed , and feeling during भाव में different
Little learning is very DANGEROUS.
ईश्वर है या नहीं लोग कन्फ्यूज है अगर हुआ और उसने तल दिया फिर ? इससे अच्छा मान लो
Aliens hai God
Wo log phirr aayenge
God hai
कर्म प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करहिं सो तस फल चाखा।।
Right ✅️
कोई ईश्वर का अस्तित्व नहीं हैं । 🤪
Bhagwan hai hi nhi😢😢
Mr kirti pl read vedic shastra and ved you will get your aim of life in universe
Ye mera point tha but you lecture de diye sir
Burai ki bhi taraf chal sakte ho or achchai ki taraf bhi dono taraf chalne ki choot he jese imtihan me chahe likho ya na likho likho ge to pass nahi likhoge to fail sir ye aapki samajh me aagaya to or mahan hojao ge aap insan ak kamjor or kantarol ki huyi cheej ka nam jesa paida kia jata he fir pala jata he or fir jaise bimar kia jata he or jaise mot dedi jati he fir ham aajmaish ke liye hi to dunia me aate fir time pura ho jata he hame bula liye jate he
जय श्री राम आप को कोटि कोटि नमन ❤
@@dharmdeosingh521 राम कहां के राजा थे, कोई वैज्ञानिक प्रमाण हो तो बताइए। वैसे SC में कोई भी साक्ष्य हिंदू नहीं दे पाए। अयोध्या खुदाई में बुद्ध अवशेष ही मिले
Right ✅️
Bilkul sahi kaha abhi Pavan bilkul nahi jaise bhagvan ni pankha bandh kar diya ho sabhi ka light bill jiyada aayega
👌👌👌👌🙏
Kahi swarg aur nark upr nahi hai sab yahi ab aschrya Kahan.
Crisichiyan brains vase member population esai
Devtaon ko jal samadhi aur Rawan ko jalate hue hi dekha gya hai. !
IIFA award🎉🎉🎉🎉🎉
पवित्र शास्त्र बाइबल के अनुसार सृष्टि करता परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप पर बनाया। जिसका मतलब यह है कि उसने मनुष्य को पूरी आजादी दी है। मनुष्य जो चाहे वह अपनी मर्जी से परमेश्वर द्वारा दी गई फैसला लेने की शक्ति का इस्तेमाल करके फैसला लेकर कर सकता है। इसके साथ ही मनुष्य की अंतरात्मा में भले और बुरे का ज्ञान है।
ruclips.net/video/CEt2MXkdsa8/видео.html
Great
पुनर्जन्म के फलों को भगवान की इच्छा मान लिया है।
To fir mujrimo ko saja dena bandh kar dena chahiye. kyuki jiske sath bura hua hai wo uska agle janam ka fal hai
@@irupameditzmuzrim ko saza dene se uska crime ka punishment es Janam mein mil jaata hai, barna wo dusre janam mein saza bhogega...
Brahma creator in arabic al khaaliq,vishnu sustainer in arabic it is almuqeet and shiv destroyer in arabic it is al mumeet ,Allah paak ke 99 roop hain yani naam hain ,sir please make a reaction on Allah 99 names and why we Muslims don't make idols of God Allah and messenger mohammad saheb ,why making painting and sculpture of God is prohibited in islam, Allah
Ki koi baraabari nahi kar sakta❤❤❤❤nice speech sir thank you very much 😊😊
आप को शब्द जाल में किसी बांधना बहुत आता है लगता है आप अपने को सर्व ज्ञानी समझते हैं🎉
नहीं yrr hm to एक बिन्दु के बराबर भी नहीं है इतना बड़ा ब्रह्मांड इतनी बड़ी पृथ्वी और ना जाने क्या क्या हैं
Sab demand and supply ka khel hai, or urja ka jor hai. Gyan hi sarvottam hai, habits ka khel hai. Bhook ne kaam pe lagaaya hai. Garibi rog hai. Apne problem pe hame hi solution dhoondhne hote hai. Duniya ak tamasha hai, aasha or niradha hai, sab man ka bhram hai, ye man naach nachata hai.
Right ✅️
Subscribe my channel bro
Right
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Bouddha is not Dharam , it is Dhamma. Dharma is Frame and Dharma is liberty "At Deep Bhava" So you don't compare with any Dharma.
वेद ऋषियों ने लिखे
रामायण बालमीकि जी ने लिखा
महाभारत वेद व्याश जी ने लिखा
मनुस्मृति मनु जी ने लिखी
पुराण. ऋषियों ने लिखे
उपनिषद. ऋषियो ने लिखे
उक्त सारे दावे ब्राहमणो द्वारा किये जाते है
पर
सोचने वाली बात यह है कि युग बदलते रहे पर इनको लिखने की ना लिपि बदली ना ना भाषा बदली और ना इनकी व्याकरण बदली
आज तक कोई ब्राहमण विद्वान यह नही बता पाया है कि संस्कृत का पहला व्याकरणाचार्य कौन और किस अवधि मे था
उस काल मे संस्कृत की लिपि देवनागरी मे वर्ण स्वर और संयुक्ताक्षर की संख्या कितनी थी
जबाब ना मिलने की स्थिति मे तो यही साबित होता है। कि इन सारे संस्कृत शास्त्रों को ग्यारहवीं शताब्दी के बाद मुगल काल मे खुद ब्राहमणी समाज ने भिन्न भिन्न नामो से लिखकर हिन्दु समाज पर थोपा है
😂😂😂😂
Sikhi me narak swarg nahi hota
Jainism ko achhe se study krne par sare doubt clear ho jate h
Do you know about your birth and death try to explain it
Aj Etna hi age fir kbhi milege to byakhya krege Mera matlab apni publicity (samjho aap) Krna nhi hai
डीजल, पेट्रोल मींस क्रूड ऑयल कुदरत ने स्टोर करके क्यूं रखा था ? क्या इसको पता था की इंटरनल कमबसन engine का जमाना आएगा ? Sir Newton had strong belief in God..
Issac Newton ji ke har viswas ko app mante ho keya
Quran mein likha hai ke insaan Allah ki marzi ke baghair na toh koi jurm ya paap kar sakta hai aur nahi achcha karm kar sakta hai ,aapne theek kaha bilkul sir ,nice video ❤❤❤I salute you sir😊
में इन सारी बातों को नहीं मानता में केवल अपने उस ईश्वर को मानता हूं जिसके बारे में मैं कुछ भी नहीं जानता
Allah subhanahhutala Nen doraste Dikhadia hai
jabb tum so jaato ho to aap saas kaun deta hai.
Comments में सब अपनी अपनी knowledge share कर रहे हैं, बस ये जाने बिना, की विज्ञान क्या कहता है😂
जरा जानो, Rutherford k atomic model ko, bohr k model ko, quantum model ko, जरा जानो, universe के size को.
Jaise IAS ke liye ji Tod padhai karani padati hai,vaise hi eswar ko pane ke liye adhyatm ke charam tak Jana hoga
Prabhu inhe maaf kar do... 🙏
Parmatma ka khel samajhoge.... 😂😂😂😂😂😂😂😂nahi samajh sakoge....jisne samjha woh buddha aur mahavir huye... Lekin asaan bhasa mein bas hahi kehna chahta hu... Bas jeeyo...jo hoga woh dikh jaayega...
Right ✅️
Jyada to nhi keh sakte koi supreme power h jo duniya ko chala rhi h baki ishwar ki sewa bahut badi jo kar rhi nhi sakta ....chota sa kaam hum sab karte h achhi soch k saath achhe karma karo ....baki jo boya h wo wapis jarur aayega ....😊
Insan o bhi karta he vav iccha ke karan karta hen aur iccha bhi kahi aur se aatee he fir doshi kese hota he
अल्लाह,की, ईच्छा ही,की,आप,अच्छे,बनो,अपने,दिमाग,का,इस्तेमाल,करके,गाढ़ा, आईएएस,नही,बन,सकता,नही,कोई,भी,जानवर,अल्लाह,को, अपेक्षा,इंसानों, से, है,जिम्मेदार,खुद,इंसान, हे,
अच्छा भाषण है, सीखो और इंसान बनो
creator designed open source software and closed system software jinn and humans both have free will but superiority to human over jinn because of curiosity to know and explore so that human can be witness beauty of design through his own efforts 2nd part burial in soil to means elements back to original to the source for maintenance of carbon and nitrogen cycle of ecosytem
Isvar na keta kalyug da ant
Isi prakar ke har sawal ke javab apko Achary Yogendra Bhardwaj se spastata ke saath milega. Krupaya achary yogendra ko ek vaar suniye.
Sir aap ko pranam (namste). Ager UPSC me ye qeestion aa jaye ki eswar hai aur esi pachh me aap apni ray ya byakhya kijiye to koi bhai hai jo khatarnak Ans. De sake sir mai mai eski byakhya bahut dangerous (khatarnak) kr sakta hu sirf Etna hi nhi byakhya se students ko satisfaction bhi honi chahiye ye byakhya karne vale ko PTA hona chahiye Jo mujhe pta hai .Ager UPSC eske bipachh me bhi byakhya ke liye ques. Puchhe e to eski bhi byakhya dangerous kr skta hu but pachh me bahut hi dangerous kr skta hu ye mera apna Mt hai . Friends koi meri bat ka bura mat manna ager bura lge to uske liye sorry Mera matlab kisi ko tes pahuchana nhi hai sirf mera apna personal mat hai .ha ak bat ye bhi hai ki eswar shi Mayne me hai ya nhi hai ye bahut bda aur bahut lajabab question hai. pachh aur bipachh me ak hi rasta shi hai ye to nischit hai ye vikas sir ko bhi pta hai sabko PTA hona chahiye .mujhe bhi eske pachh aur bipach me kon sa rasta shi hai vo pta hai. Yase mai 12th shi pass nhi hu .Dil krta hai ki Vikas sir ko bahut sari duvaye (congratulation) du (in dono me anter hai pta hai) but mn krta hai ki thodi gali bhi du but gali Aaj nhi duga .hai kisi UPSC student ke bajuo me dam jo eske shi pachh me bayakhya kr ske Esme ak hi pachh shi hoga ye Vikas sir ko bhi pta hai ya pachh ya bipachh .Ager es question ka shi answer jis din aap ko mil jayega us din aap ko es jindgi ka sarans pta chal jayega arthat matlab dharti PE mamav jivan ka kya role hai kya krtvy hai aur kon sa--- rasta --- chunna chahiye sab pta lga jayega aur us din sare Kam chhod ke sahi vala rasta chun loge aur kitabo ko band kr doge kitabo ka matlab shi Mayne me aap ke jivan me bahut hi km Kam aati hai eska (note) eska matlab hi hai ki aap ke dimag ya bicharo ka (vikas) karna dimag ka bistar Krna tabhi to aap pachh ya bipachh me kon sa vala Marg shi hai vo Marg chun pavoge to aap apne aap ho shi raste pe chlna suru kr doge .Sara Kam batana kya eswar ka hi hai .maf kijiyega ki ye sab Mai friquence (samjho aao) me nhi likh rha hu aur MERA MTLAB Vikas sir ko gali Dena nhi hai na hi unke mn ko tes pahuchana hai ya kisi ko bhi ager fir bhi kisi ko koi sikva ya gila hai uske liye chhma chahuga vase bhi dosto mai jada pda likha nhi hu 12th aur fir open coll.... Mera Mtlab sirf ye tha ki es messege ko vikas sir tak suna de ya pahuch sake es messg ko pahuchane ka main matlab ye tha ki duniya jo andhkar vale raste pe chl rhi hai use chod ke shi shi vala marg chune shi (vala) raste per chl sake taki etni pdai ka main maksad pura ho ya eska pura fayda mil sake es lekh me kisi prakar ki kmi ya ritti ho chhma chahuga. Dhanyabad
उस लडकी से पुछो जिसने भगवान को पुकारा था बलात्कार होने से पहले
Last m kya bol gaye sir
इसका असली कारण बता दिया तो सभी बौद्ध बन जाएंगे । इसलिए इसका असली कारण छुपाओ ।
Iswar ka arth hi mul he.iswar sirf present now.trikal exist nahi karta.
Khoti vat
ये imainul can't ki kos kitab में hai
ईश्वर की अनूठी कृति ए महानतम विद्वान मैं आपको प्रया सुनता रहता हूं मैं शरीर नहीं हूं इस बात का मैं भी समर्थक हूं इस संबंध में आपसे अपने तर्क रखता हूं जब मैं आपसे कहूंगा कि यह शर्ट किसकी है तो आप कहेंगे कि मेरी है मैं आपसे कहूंगा yah Jo chashma aapane lagaya hai vah kiska hai आप निश्चय कहेंगे कि यह मेरा है मैं फिर कहूंगा कि यह हाथ किसका है आप कहेंगे कि हाथ तो मेरा ही है मैं कहूंगा यह पांव किसका है आप कहेंगे यह पांव मेरा ही है फिर मैं कहूंगा यह लेक्चर देने वाला शरीर किसका है आप कहेंगे मेरा ही तो है तब मैं आपसे कहूंगा कि फिर आप कौन है जिसका यह सब कुछ है वही आत्मा है जो शरीर नहीं है शरीर तो की तरह एक आवरण है उसे परमात्मा tatv का
श्रीमान आपने मेरे विचार पढ़े आपकी महान हृदय का बड़ा पन है
@@BrajeshKumar-re1mbaap bas memory ho..bina memory ke aap na kuch soch sakte ho, na jaan sakte ho, na samjh sakte ho....
Aap ias kyon nahi join kiye.
जब कभी मौत से सामना होगा तब खुद मानने लगोगे
😂
तुम अंध भक्त हो।तार्किक करने की शक्ति नहीं है तुम्हारे पास।
😂😂😂😂😂
Lamd bhakt @@pramodkumar-107
मौत से कई बार सामना हुआ है। Ok
Two types energy esxit in universe negetive or positive
Good and goodess pur na bole to sayad ap ke liye achha hoga
Farishte faisla nahi le sakte, wo sirf God ka hukm mante hai, aur deeply thoda apko study karna padega,
....
Karime karna vala jad var var karim karta ha ta akhir vich fass janda ha budapa vich yad karka ronda ha
Sir jee eshwar koi insan hai kya?
Wood nahi milta