Ha Re Wala Raljhalabiyo Ramate Rowarabiyo - हांरे वाला रल्झलावियो रामते रोवरावियो - विरहको प्रकरण २

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  • Опубликовано: 9 ноя 2024
  • श्री प्राणनाथ वाणी - विरहको प्रकरण २
    हांरे वाला रलझलावियो रामते रोवरावियो, जुजवे परवतें पाड्या रे पुकार
    स्वर/संगीतः धर्मदास बुढाथोकी
    संगीत संयोजकः कृष्ण निरौला
    रेकर्डिङ स्टुडियोः साउण्ड डिजाइन
    रेकर्डिष्टः भोला पौडेल
    भिडियोः हेमन्त दाहाल
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    हांरे वाला रलझलावियो रामते रोवरावियो, जुजवे परवतें पाड्या रे पुकार ।
    रणवगडा मांहें राई कहे कामनी, धणी विना धिक धिक आ रे आकार ।।१।।
    वेदना विषम रस लीधां अमे व्रहतणां, हवे दीन थई कहूं वारमवार ।
    सुपनमां दुख सह्यां घणां रासमां, जागतां दुख न सहेवाए लगार ।।२।।
    दंत तरणां लेई तारुणी तलफियो, तमे बाहो दाहो दीन दातार ।
    खमाए नहीं कठण एवी कसनी, राखो चरण तले सरण साधार ।।३।।
    हवे हार्या हार्या कहुं वार केटली, राखो रोतियों करो निरमल नार ।
    कहे महामति मेहेबूब मारा धणी, आ रे अरज रखे हांसीमां उतार ।।४।।
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