यदि आप इस प्रवाह पर उपलब्ध वक्तव्यों के बदले किसी प्रकार की आर्थिक सेवा निवेदित करना चाहते हैं तो आप निम्न विवरण पर अपनी इच्छानुसार धनराशि का भुगतान कर सकते हैं। If you want to provide any financial support for the videos of this channel, you may pay the desired amount at these details. Shri Bhagavatananda Guru Bank of Baroda Ratu Chatti Branch 54240100000958 IFSC - BARB0RATUCH (कोड का पांचवां वर्ण शून्य है | Fifth letter of code is Zero) UPI - nagshakti.vishvarakshak@okaxis
हर हर महादेव 🙏 श्रीमन् महामहिम विद्यामार्तंड स्वामी निग्रहाचार्य श्री श्रीभागवतानंद गुरु जी महाराज के चरणों में मेरा कोटिश: प्रणाम🙏 निग्रहाचार्य धर्माज्ञा लोके लोके प्रवर्धताम्🚩
निग्रह आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम हम भगवान जी का धन्यवाद करते हैं कि हम ने उस युग में जन्म लिया है जिस युग में हमें श्रीभागवतानंद निग्रह आचार्य जी के दर्शन हुए
जय श्रीमन्नारायण। नित्य वन्दनीय निग्रहाचार्य स्वनामधन्य श्री भागवतानंद गुरु चरणेभ्य नमः। श्री राम जय राम जय जय राम श्री हनुमान जय हनुमान जय जय हनुमान। हर हर महादेव नमः चण्डिकाये।
Ji bilkul🎉BRAHM Vaivart k anusar BHAGWATi Parvati Bhagwan KRUSHNA ko unke Putra(Ganpati) roop me ane k liye kathor brat kr k vardan mage h ❤ aur Mahabhagwat k anusar Bhagwan Vishnu swayam BHAGWATi se Putra ban ne ki abhilasa byakt kr k Vardan paya h . ❤ DONO baat h Sastro me Kalp Bhed me. RAM Bhole 🚩
सदगुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज जी ने यही कहा कि मां राधा, आदिशक्ति जगज्जननी जगदंबा का एक अंशावतार रही हैं, जैसे कि मां सीता। उन्होंने यह कहा ही नहीं कि मां राधा कुछ हैं ही नहीं। दूसरी बात उन्होंने कहा कि मां राधिका के संपूर्ण जीवन में समाजसुधार या अनीति, अन्याय, अधर्म के नाश का वृत्तांत नहीं मिलता इसलिए वर्तमान काल-परिस्थितियों के हिसाब से मां आदिशक्ति जगदंबा के महिषासुरमर्दिनी स्वरूप को इष्ट के रूप में मानना श्रेयस्कर है। तीसरी बात उन्होंने अपने पूरे वक्तव्य में किसी को अपशब्द नहीं कहा, जबकि भगवतानंद तुमने उनको अपशब्द कहे जिससे यह साबित होता है कि तुम साधु के रूप में कितने बड़े अधम और स्तरहीन व्यक्ति हो। अरे नालायक भगवतानंद जिस सन् में तेरा जन्म हुआ था उस सन् में सदगुरुदेव योगिराज श्री शक्तिपुत्र जो महाराज ने भगवती मानव कल्याण संगठन का गठन कर दिया था और आज जितनी तेरी उम्र है उतने साल में सदगुरुदेव जी महाराज के निर्देशन में 30 लाख से अधिक लोग नशे, मांसाहार और जातिभेद- छुआछूत से मुक्त होकर समाजसुधार के कार्य में लगे हैं। तेरी तरह गप्प मारना और परनिंदा का उनका जीवन नहीं है उन्होंने धरातल पर रहकर तप, त्याग और समाजसुधार का जीवन जिया है। इसलिए हे मेंढक, अपने बनाए कुएं से बाहर निकल, श्री शक्तिपुत्र जी महाराज तेरी सोच के दायरे से बहुत बड़े हैं।
Brahm Vaivart K anusar v Sar kat ne k baad Ganpati Jibit hi rahe the . Mahabhagwat me v wohi baat h . Aise Ganpati ka nispran hona Sambhab v nhi . Sirf lok lila k liye hi aisa ghatna ghatit hua taki """Bhagwan Ganpati apna (Vaidik) Gajanan Naam ko Sidh kr sake """ jo ki mastak kat ne k baad hi sambhab ho sakta h ish lila me . Aur Surya Dev k pita ka Shiv ji ko diya hua Shrap v purn ho sake . RAM Bhole 🚩
श्रीमन्नारायण प्रभु! आपके शिवा आपके जैसे कोई और जिन्हें आप सच्चा प्रभुभक्त मानते हैं? दोनों प्रभु शब्द में अंतर आपको स्वस्पष्ट है। ये इच्छा है अपमान नहीं। ये न समझें कि हम आक्षेप कर रहे हैं कि आप खुद को अच्छा और बाकि सभी मतलब की अधिकतर को शास्त्रविहित बताते हैं । बस स्वेच्छा से प्रश्न है हमारा। हम सबको सुनते हैं और ये सीखने का प्रयास करते हैं कि सच क्या है और सच्चा कौन है। और वह भी हम विरोध नहीं करते। वैसे भी हमें कोई नहीं जानता। क्योंकि सब कुछ अज्ञानता बस ही होता है। माफी सर्वोत्तम गुण है। हां, वह लोग समाज में अपने agyan से ही इतनी प्रतिष्ठा पा चुके होते हैं कि फिर स्वीकार करने की स्थिति को संभालना और जवाब देना मुश्किल सा हो जाता है उन्हें अपना अपमान समझ आता है इसमें। जबकि कुछ भी स्थाई नहीं है ये बताते चलें तो शायद संभव हो agyan के बाद gyan को स्वीकार करना। खैर गहरी समझ का विषय है। श्रीमन्नारायण महाराज। महाराज इसलिए नहीं कि आप परम पिता समतुल्य हैं। महाराज इसलिए कि आप महाराज(परमपिता) को भौतिक जनों को समझाते हैं। हम (आपके अनुयाई) जब भी आपको महाराज कहें आपमें स्पष्ट करने का भाव हो कि, असल में हम महाराज नहीं। जब हम महाराज शब्द सुनने के आदी हो जाते हैं और लोग हमें ही महाराज (परम तत्व )मानना शुरू कर देते हैं और हम स्वीकार कर लेते हैं इस बात को तब हम उस परम पिता से अलग हो जाते हैं। और अहम भाव में स्थापित हो जाते हैं। और फिर बाद में आलोचना को स्वीकार करने में कठिनाई का अनुभव करते हैं। बस ज्यादा नहीं। हम नादान हैं। बहुत कुछ सीखना है आपसे। श्रीमन्नाराण भैया🕉️🙏 मुझे लगता है सब वह जो पीठ पर आसीन होकर तत्व के बारे में सिखाते बताते हैं उन्हें हर बार यह स्पष्ट करते रहना चाहिए कि वह उन्हें भगवान समझने की भूल न करें। क्योंकि मेरा यह मुझे कभी गलत नहीं लगता कि इस धरा पर आया हुआ कोई भगवान नहीं हो सकता। भगवान, भगवत्स्वरूप और गुरु में अंतर को स्पष्ट करना चाहिए प्रभु🙏 संभवतः बहुत कुछ हमने अज्ञानता बस कहा हो। पर हां हम हमेशा agyan से gyan की तरफ बढ़ने की chshta को हृदय में व्याप्त रखे। विद्यार्थी हूं samayabhaav है गुरु जी🙏
Maharaj Mahabhagwat me jo Lalita sahasranama hai kya uska path Mata sati ke liye kar sakte hain. Mata sati meri kuldevi hai mujhe unki stuti karne ki ichha hoti hai, par unke naam se koi stotra prapt nahi hota hai. Kripya bataen aur iski vidhi kya. Hai 🙏
प्रणाम स्वामी जी 🙏 आप म्लेच्छराज वाली सीरीज़ में उसका नाम और पता भी बताऐंगे या उसके द्वारा संचालित देश विदेश की घटनाओं तथा उस व्यक्ति के मूल उद्देश्य का ही वर्णन करेंगे। नारायण 🙏
प्रणाम गुरुजी मैं ब्राह्मण हु, समय पर उपनयन हुआ है, हमारे परिवार के एक ज्ञात ब्राह्मण विधिवत पिछले पीढ़ी से त्रेताग्निहोत्र कर रहे हैं। उन्होंने बोला कि हर ब्राह्मण को अग्निहोत्र करना चाहिए क्योंकि यह नित्य कर्म है। बोले हैं कि मैं अभ्यास के बाद अग्नि ले सकता हूं। क्या मुझे विवाह के बाद अग्न्याधान करना चाहिए या विवाह के बाद भी संध्या करना ही उचित है? आप से परामर्श चाहिएं 🙏🏻
पूज्य श्री मेरी एक जिज्ञासा है कि यदि कूर्म अवतार पहले हुआ और नृसिंह अवतार बाद में जैसा कि भागवत पुराण में आया है तो फिर राजा बलि समुद्र मंथन के समय कूर्म अवतार के समय कैसे उपस्थित थे क्योंकि वो तो नृसिंह अवतार के बाद के प्रहलाद के पोते थे।। कृपया समाधान करें।।।
जय श्री राम महाराज जी एक प्रश्न था प्रभु सगोत्रीय विवाह के अनंतर जिन संतानों का जन्म होता हैं वह भविष्य में विवाह करे , तो किस के साथ ?? कृपया बताए प्रभु 🙏 ।
अपने भगवान श्री कृष्ण की आयु 125 वर्ष मानी है पर महाभारततात्पर्यनिर्णय(32/8,9) मे मधवाचार्य जी ने 107 वर्ष मानी है ऐसा क्यू अपने जो राधा जी के बारे मे वेद से प्रमाण दिए क्या वह राधा जी का प्रत्यक्ष वर्णन है की राधा तत्व की बात की है
Apke kya vichar hain *Shri vidya vijayam* naam see aak youtube channel hain uske baremein keuki uska owner aksar shri vidya, matrika, mahavidya, bhairav, durga ityadi devi devtaon ki online youtube sadhna deta hain jo ki prachalit pratha ke viruddh hain aur yee dava karta hain uske dwara diya gaya gyan hii akmatra authentic hain aur baki sampradayon mein mile wala gyan galat theratha hain
सदगुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज जी ने यही कहा कि मां राधा, आदिशक्ति जगज्जननी जगदंबा का एक अंशावतार रही हैं, जैसे कि मां सीता। उन्होंने यह कहा ही नहीं कि मां राधा कुछ हैं ही नहीं। दूसरी बात उन्होंने कहा कि मां राधिका के संपूर्ण जीवन में समाजसुधार या अनीति, अन्याय, अधर्म के नाश का वृत्तांत नहीं मिलता इसलिए वर्तमान काल-परिस्थितियों के हिसाब से मां आदिशक्ति जगदंबा के महिषासुरमर्दिनी स्वरूप को इष्ट के रूप में मानना श्रेयस्कर है। तीसरी बात उन्होंने अपने पूरे वक्तव्य में किसी को अपशब्द नहीं कहा, जबकि भगवतानंद तुमने उनको अपशब्द कहे जिससे यह साबित होता है कि तुम साधु के रूप में कितने बड़े अधम और स्तरहीन व्यक्ति हो। अरे नालायक भगवतानंद जिस सन् में तेरा जन्म हुआ था उस सन् में सदगुरुदेव योगिराज श्री शक्तिपुत्र जो महाराज ने भगवती मानव कल्याण संगठन का गठन कर दिया था और आज जितनी तेरी उम्र है उतने साल में सदगुरुदेव जी महाराज के निर्देशन में 30 लाख से अधिक लोग नशे, मांसाहार और जातिभेद- छुआछूत से मुक्त होकर समाजसुधार के कार्य में लगे हैं। तेरी तरह गप्प मारना और परनिंदा का उनका जीवन नहीं है उन्होंने धरातल पर रहकर तप, त्याग और समाजसुधार का जीवन जिया है। इसलिए हे मेंढक, अपने बनाए कुएं से बाहर निकल, श्री शक्तिपुत्र जी महाराज तेरी सोच के दायरे से बहुत बड़े हैं।
@@saurabhdwivedi7722 सुन नराधम, तू और तेरा वह शक्तिद्रोही गुरु, दोनों ही शक्तितत्व से अनभिज्ञ हैं। देवी सीता और देवी राधा का भी शास्त्रोक्त वर्णन आदिशक्ति जगज्जननी जगदम्बा के रूप में ही है। एक ही आदिशक्ति जगज्जननी जगदम्बा समयानुसार स्वयं को दुर्गा, राधा, सीता, काली आदि के रूप में अभिव्यक्त करके ब्रह्मविलास करती हैं और किसी एक रूप से प्रधान प्रकृति बनकर अन्य रूपों को उसका अंश बनाती हैं।
@@SwamiNigrahacharyaअरे कमेंट डालते ही तुरंत रिप्लाई, दिनभर मोबाइल में बैठे रहने की जगह ध्यान में थोड़ा टाइम देते तो तुम्हारा साधुवेश शायद सार्थक हो जाता। खैर सुन, गधाचार्य मूर्खानंद, जिस शक्तितत्व को तू पढ़के जनता है उसे मेरे गुरुदेव प्रतिपल जीते हैं। और, यह तो कहा ही नहीं जा रहा कि देवी सीता और देवी राधा आदिशक्ति जगज्जननी जगदंबा का रूप नहीं हैं।गुरुदेव जी के वक्तव्य को मस्तिष्क का उपयोग कर सुना होता या ऊपर के कमेंट को ही विचारपूर्वक पढ़ लिया होता तो बकवास नहीं करता, पर तेरी खोपड़ी में तो अहंकार का भूसा भरा है, मस्तिष्क है ही कहां। मां राधिका का पूजन अलग बात है पर मां राधा का नाम ले लेकर तुम जैसे शक्तिद्रोही जो जनसमुदाय को केवल नाच-गाने की तरफ झोंकते जा रहे, विरोध उससे है। पर तू यह स्वीकारेगा नहीं क्योंकि तुझे बस इतना ही पता है।
यदि आप इस प्रवाह पर उपलब्ध वक्तव्यों के बदले किसी प्रकार की आर्थिक सेवा निवेदित करना चाहते हैं तो आप निम्न विवरण पर अपनी इच्छानुसार धनराशि का भुगतान कर सकते हैं।
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Shri Bhagavatananda Guru
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Ratu Chatti Branch
54240100000958
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(कोड का पांचवां वर्ण शून्य है | Fifth letter of code is Zero)
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श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव 💐🌺🌹🙏जय मां भगवती 🙏🌹🌺💐
जय मॉं भगवती जय हो सत्य सनातन धर्म की जय हो श्री निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु महाराज जी की जय 🌹🙏🌷🙏🌹🪷🌷🏵️🙏🌺🙏🏵️🙏🙏🪷🙏🌼🪷🌷🏵️🙏🌺🏵️🌻
श्री मान जी आपको सादर चरण स्पर्श प्रणाम🙏🙏जय श्री राधे कृष्ण
हर हर महादेव 🙏
श्रीमन् महामहिम विद्यामार्तंड स्वामी निग्रहाचार्य श्री श्रीभागवतानंद गुरु जी महाराज के चरणों में मेरा कोटिश: प्रणाम🙏
निग्रहाचार्य धर्माज्ञा लोके लोके प्रवर्धताम्🚩
नारायण 🌺🙏
निग्रह आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम हम भगवान जी का धन्यवाद करते हैं कि हम ने उस युग में जन्म लिया है जिस युग में हमें श्रीभागवतानंद निग्रह आचार्य जी के दर्शन हुए
जय श्रीमन्नारायण। नित्य वन्दनीय निग्रहाचार्य स्वनामधन्य श्री भागवतानंद गुरु चरणेभ्य नमः। श्री राम जय राम जय जय राम श्री हनुमान जय हनुमान जय जय हनुमान। हर हर महादेव नमः चण्डिकाये।
ऐसा मंगलाचरण सुनकर ही हम लोग जिस शान्ति का अनुभव कर लेते है, ऐसा लगता है.... इसी मोड में रह जाएं... एक लम्बे समय तक.... 🙇🏼♀️🙇🏼♀️🙇🏼♀️
Bahut badhiya maharaj ji aapko koti koti pranam aur vandan.
❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏
महाराज जी प्रणाम अभी कुछ दिन पहले ही मैंने अपने गुरु को कहा कि मुझे मां के भक्त के दर्शन करा दीजिए तो उन्होंने आपका वीडियोभेजा ।।🙏🚩
Ji bilkul🎉BRAHM Vaivart k anusar BHAGWATi Parvati Bhagwan KRUSHNA ko unke Putra(Ganpati) roop me ane k liye kathor brat kr k vardan mage h ❤ aur Mahabhagwat k anusar Bhagwan Vishnu swayam BHAGWATi se Putra ban ne ki abhilasa byakt kr k Vardan paya h . ❤ DONO baat h Sastro me Kalp Bhed me. RAM Bhole 🚩
जय हो जय हो जय जय जय हो
सादर चरण वंदन है !! राधे राधे !! 💐💐💐💐💐
Jai Jagatjanani🙏🙏
गुरु देव भगवान चरण स्पर्श ❤❤
Jay Jagannath guruji
Jai Shree ManNarayan
Nigraha charya Ji Maharaj
राम राम
Jai Shree ManNarayan
Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🌹🙏🙏🌹🥀🥀🌹🌹🙏🙏🌹 🙏🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🙏🙏🌹🥀🥀🌹🙏🌹🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏
श्री महाराज जी प्रणाम । सीताराम सीताराम सीताराम 🙏🙏🙏
सदगुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज जी ने यही कहा कि मां राधा, आदिशक्ति जगज्जननी जगदंबा का एक अंशावतार रही हैं, जैसे कि मां सीता। उन्होंने यह कहा ही नहीं कि मां राधा कुछ हैं ही नहीं।
दूसरी बात उन्होंने कहा कि मां राधिका के संपूर्ण जीवन में समाजसुधार या अनीति, अन्याय, अधर्म के नाश का वृत्तांत नहीं मिलता इसलिए वर्तमान काल-परिस्थितियों के हिसाब से मां आदिशक्ति जगदंबा के महिषासुरमर्दिनी स्वरूप को इष्ट के रूप में मानना श्रेयस्कर है।
तीसरी बात उन्होंने अपने पूरे वक्तव्य में किसी को अपशब्द नहीं कहा, जबकि भगवतानंद तुमने उनको अपशब्द कहे जिससे यह साबित होता है कि तुम साधु के रूप में कितने बड़े अधम और स्तरहीन व्यक्ति हो। अरे नालायक भगवतानंद जिस सन् में तेरा जन्म हुआ था उस सन् में सदगुरुदेव योगिराज श्री शक्तिपुत्र जो महाराज ने भगवती मानव कल्याण संगठन का गठन कर दिया था और आज जितनी तेरी उम्र है उतने साल में सदगुरुदेव जी महाराज के निर्देशन में 30 लाख से अधिक लोग नशे, मांसाहार और जातिभेद- छुआछूत से मुक्त होकर समाजसुधार के कार्य में लगे हैं। तेरी तरह गप्प मारना और परनिंदा का उनका जीवन नहीं है उन्होंने धरातल पर रहकर तप, त्याग और समाजसुधार का जीवन जिया है। इसलिए हे मेंढक, अपने बनाए कुएं से बाहर निकल, श्री शक्तिपुत्र जी महाराज तेरी सोच के दायरे से बहुत बड़े हैं।
जय भोलेनाथ
Jai Shree ManNarayan
Nigraha charya Ji Maharaj 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🥀🙏🙏🌹🙏🌹🥀🙏🙏🙏🙏
shiv shiv
Jai ho gurudev ji ki
Mahraj ji dandvat
Maharaj ji
as i know about shabar manras by gorakh nath
i was thinking how it works
after listening your katha i got significance of mantras
Jay gurudev Jay Jay gurudev
Danye ho prabu❤
Brahm Vaivart K anusar v Sar kat ne k baad Ganpati Jibit hi rahe the . Mahabhagwat me v wohi baat h . Aise Ganpati ka nispran hona Sambhab v nhi . Sirf lok lila k liye hi aisa ghatna ghatit hua taki """Bhagwan Ganpati apna (Vaidik) Gajanan Naam ko Sidh kr sake """ jo ki mastak kat ne k baad hi sambhab ho sakta h ish lila me . Aur Surya Dev k pita ka Shiv ji ko diya hua Shrap v purn ho sake . RAM Bhole 🚩
श्रीमन्नारायण प्रभु! आपके शिवा आपके जैसे कोई और जिन्हें आप सच्चा प्रभुभक्त मानते हैं?
दोनों प्रभु शब्द में अंतर आपको स्वस्पष्ट है।
ये इच्छा है अपमान नहीं। ये न समझें कि हम आक्षेप कर रहे हैं कि आप खुद को अच्छा और बाकि सभी मतलब की अधिकतर को शास्त्रविहित बताते हैं । बस स्वेच्छा से प्रश्न है हमारा। हम सबको सुनते हैं और ये सीखने का प्रयास करते हैं कि सच क्या है और सच्चा कौन है।
और वह भी हम विरोध नहीं करते। वैसे भी हमें कोई नहीं जानता। क्योंकि सब कुछ अज्ञानता बस ही होता है। माफी सर्वोत्तम गुण है।
हां, वह लोग समाज में अपने agyan से ही इतनी प्रतिष्ठा पा चुके होते हैं कि फिर स्वीकार करने की स्थिति को संभालना और जवाब देना मुश्किल सा हो जाता है उन्हें अपना अपमान समझ आता है इसमें। जबकि कुछ भी स्थाई नहीं है ये बताते चलें तो शायद संभव हो agyan के बाद gyan को स्वीकार करना।
खैर गहरी समझ का विषय है।
श्रीमन्नारायण महाराज।
महाराज इसलिए नहीं कि आप परम पिता समतुल्य हैं। महाराज इसलिए कि आप महाराज(परमपिता) को भौतिक जनों को समझाते हैं।
हम (आपके अनुयाई) जब भी आपको महाराज कहें आपमें स्पष्ट करने का भाव हो कि, असल में हम महाराज नहीं।
जब हम महाराज शब्द सुनने के आदी हो जाते हैं और लोग हमें ही महाराज (परम तत्व )मानना शुरू कर देते हैं और हम स्वीकार कर लेते हैं इस बात को तब हम उस परम पिता से अलग हो जाते हैं। और अहम भाव में स्थापित हो जाते हैं। और फिर बाद में आलोचना को स्वीकार करने में कठिनाई का अनुभव करते हैं।
बस ज्यादा नहीं।
हम नादान हैं।
बहुत कुछ सीखना है आपसे।
श्रीमन्नाराण भैया🕉️🙏
मुझे लगता है सब वह जो पीठ पर आसीन होकर तत्व के बारे में सिखाते बताते हैं उन्हें हर बार यह स्पष्ट करते रहना चाहिए कि वह उन्हें भगवान समझने की भूल न करें।
क्योंकि मेरा यह मुझे कभी गलत नहीं लगता कि इस धरा पर आया हुआ कोई भगवान नहीं हो सकता। भगवान, भगवत्स्वरूप और गुरु में अंतर को स्पष्ट करना चाहिए प्रभु🙏
संभवतः बहुत कुछ हमने अज्ञानता बस कहा हो।
पर हां हम हमेशा agyan से gyan की तरफ बढ़ने की chshta को हृदय में व्याप्त रखे।
विद्यार्थी हूं samayabhaav है गुरु जी🙏
Maharaj shri sadar Pranam..Kripa karke Sandhya Vandan par ek detailed video banane ki Kripa kare hum sab par..,🙏🙏
आचार्य श्री आप इस समय कथा में व्यस्त हैं! परन्तु जब आप इससे अवकाश पा जाऍ तो "महिष्मर्दिनी स्तोत्र" की व्याख्या अवश्य कीजिये|
🌺🌺🌺🙏🙏🙏
Maharaj ji aapki Katha ka program kab aur kaha h
Maharaj Mahabhagwat me jo Lalita sahasranama hai kya uska path Mata sati ke liye kar sakte hain. Mata sati meri kuldevi hai mujhe unki stuti karne ki ichha hoti hai, par unke naam se koi stotra prapt nahi hota hai. Kripya bataen aur iski vidhi kya. Hai 🙏
प्रणाम स्वामी जी 🙏
आप म्लेच्छराज वाली सीरीज़ में उसका नाम और पता भी बताऐंगे या उसके द्वारा संचालित देश विदेश की घटनाओं तथा उस व्यक्ति के मूल उद्देश्य का ही वर्णन करेंगे।
नारायण 🙏
भाई, जब आयेगा वीडियो तो देख लीजियेगा न। एक एक बात क्यों पूछते हैं ?
@SwamiNigrahacharya क्षमा स्वामी जी। 🤐
नमस्कार
maharaj ji kya bilva ghar me laga sakte hain kyuki kate wale aur faldar vriksha ko nished milta hai??
महाराज जी बिना यज्ञोपवीत वश्य पुराणोंक्त कौनसी स्तुति आदि पाठ कर सकते हैं थोड़ा विस्तार से बताइए 🙏
महाराज जी ढोल ढपली बाजों का धंधा अब बंद हो सकता है आपकी शैली से।।
Yati Narsinghanand ji pe aapke kya vichar hai
राजनैतिक व्यक्ति है। धर्म से कोई शास्त्रीय सम्बन्ध नहीं। लड़ने भिड़ने की प्रवृत्ति है किन्तु मूल शास्त्रीय अनुशासन के विपरीत।
प्रणाम गुरुजी
मैं ब्राह्मण हु, समय पर उपनयन हुआ है, हमारे परिवार के एक ज्ञात ब्राह्मण विधिवत पिछले पीढ़ी से त्रेताग्निहोत्र कर रहे हैं।
उन्होंने बोला कि हर ब्राह्मण को अग्निहोत्र करना चाहिए क्योंकि यह नित्य कर्म है।
बोले हैं कि मैं अभ्यास के बाद अग्नि ले सकता हूं। क्या मुझे विवाह के बाद अग्न्याधान करना चाहिए या विवाह के बाद भी संध्या करना ही उचित है?
आप से परामर्श चाहिएं 🙏🏻
गुरुजी प्रणाम मुझे ऑफिस में एक दिवाल पर कुछ श्लोक प्रिंट कर के वॉल paper टाइप क्या सही रहेगा और कोई अच्छा श्लोक बताएं बिना ॐ के
Guruji kabhi sudro ke liye niyam batay wo bhi to bhakti karna chahte hai unka bhi Kalyan kijiye
पूज्य श्री मेरी एक जिज्ञासा है कि यदि कूर्म अवतार पहले हुआ और नृसिंह अवतार बाद में जैसा कि भागवत पुराण में आया है तो फिर राजा बलि समुद्र मंथन के समय कूर्म अवतार के समय कैसे उपस्थित थे क्योंकि वो तो नृसिंह अवतार के बाद के प्रहलाद के पोते थे।।
कृपया समाधान करें।।।
जय श्री राम महाराज जी एक प्रश्न था प्रभु सगोत्रीय विवाह के अनंतर जिन संतानों का जन्म होता हैं वह भविष्य में विवाह करे , तो किस के साथ ?? कृपया बताए प्रभु 🙏 ।
Apne hi Saman Swagotra Santan se
प्लीज बता दो कहां पर हो आप
आप कहां पर हैं वृंदावनमें
Swami ji kya abhi ki sri lanka hi lanka he kya??
क्या आज की श्रीलंका ही रावण की लंका है
Kya purano, upnishad aur ramayan ko bina yagyopavit ke padh sakte hai?
Upnishad nahi
क्या नाम रामायण प्रामाणिक है और अगर हाँ तो पाठ विधि क्या है
अपने भगवान श्री कृष्ण की आयु 125 वर्ष मानी है पर महाभारततात्पर्यनिर्णय(32/8,9) मे मधवाचार्य जी ने 107 वर्ष मानी है ऐसा क्यू
अपने जो राधा जी के बारे मे वेद से प्रमाण दिए क्या वह राधा जी का प्रत्यक्ष वर्णन है की राधा तत्व की बात की है
Maharaj j kya aajr ka tulsi pujan ko शास्त्र मै कही वर्णन या के केवल जबरदस्ती क्युकी होगा तो तिथि के आधार पर न की इस इंग्लिश calender के हिसाब से
tulasi pujan to nitya karne ki vastu hai
क्या नायनर और आलवर संत की परंपरा शास्त्रीय है
मैं गया था आपकी लोकेशन पर वहां कोई हरिहर मंदिर नहीं थ
Bhagavat Niwas k pass hai
हरिहर मन्दिर नहीं है भाई, हरिहर ज्योतिर्विज्ञान संस्थान है। और आप गये ही क्यों थे ? कथा तो यूट्यूब पर मिल ही रही है।
@@SwamiNigrahacharya अरे गुरु जी हम आपके दर्शन करनाचाहता था
अरे गुरुजी में गया था 3 किमी चलकर गया था वहां
आप गुरुजी वहां मिलेही नहीं
Apke kya vichar hain *Shri vidya vijayam* naam see aak youtube channel hain uske baremein keuki uska owner aksar shri vidya, matrika, mahavidya, bhairav, durga ityadi devi devtaon ki online youtube sadhna deta hain jo ki prachalit pratha ke viruddh hain aur yee dava karta hain uske dwara diya gaya gyan hii akmatra authentic hain aur baki sampradayon mein mile wala gyan galat theratha hain
सदगुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज जी ने यही कहा कि मां राधा, आदिशक्ति जगज्जननी जगदंबा का एक अंशावतार रही हैं, जैसे कि मां सीता। उन्होंने यह कहा ही नहीं कि मां राधा कुछ हैं ही नहीं।
दूसरी बात उन्होंने कहा कि मां राधिका के संपूर्ण जीवन में समाजसुधार या अनीति, अन्याय, अधर्म के नाश का वृत्तांत नहीं मिलता इसलिए वर्तमान काल-परिस्थितियों के हिसाब से मां आदिशक्ति जगदंबा के महिषासुरमर्दिनी स्वरूप को इष्ट के रूप में मानना श्रेयस्कर है।
तीसरी बात उन्होंने अपने पूरे वक्तव्य में किसी को अपशब्द नहीं कहा, जबकि भगवतानंद तुमने उनको अपशब्द कहे जिससे यह साबित होता है कि तुम साधु के रूप में कितने बड़े अधम और स्तरहीन व्यक्ति हो। अरे नालायक भगवतानंद जिस सन् में तेरा जन्म हुआ था उस सन् में सदगुरुदेव योगिराज श्री शक्तिपुत्र जो महाराज ने भगवती मानव कल्याण संगठन का गठन कर दिया था और आज जितनी तेरी उम्र है उतने साल में सदगुरुदेव जी महाराज के निर्देशन में 30 लाख से अधिक लोग नशे, मांसाहार और जातिभेद- छुआछूत से मुक्त होकर समाजसुधार के कार्य में लगे हैं। तेरी तरह गप्प मारना और परनिंदा का उनका जीवन नहीं है उन्होंने धरातल पर रहकर तप, त्याग और समाजसुधार का जीवन जिया है। इसलिए हे मेंढक, अपने बनाए कुएं से बाहर निकल, श्री शक्तिपुत्र जी महाराज तेरी सोच के दायरे से बहुत बड़े हैं।
@@saurabhdwivedi7722 सुन नराधम, तू और तेरा वह शक्तिद्रोही गुरु, दोनों ही शक्तितत्व से अनभिज्ञ हैं। देवी सीता और देवी राधा का भी शास्त्रोक्त वर्णन आदिशक्ति जगज्जननी जगदम्बा के रूप में ही है। एक ही आदिशक्ति जगज्जननी जगदम्बा समयानुसार स्वयं को दुर्गा, राधा, सीता, काली आदि के रूप में अभिव्यक्त करके ब्रह्मविलास करती हैं और किसी एक रूप से प्रधान प्रकृति बनकर अन्य रूपों को उसका अंश बनाती हैं।
@@SwamiNigrahacharyaअरे कमेंट डालते ही तुरंत रिप्लाई, दिनभर मोबाइल में बैठे रहने की जगह ध्यान में थोड़ा टाइम देते तो तुम्हारा साधुवेश शायद सार्थक हो जाता।
खैर सुन, गधाचार्य मूर्खानंद, जिस शक्तितत्व को तू पढ़के जनता है उसे मेरे गुरुदेव प्रतिपल जीते हैं। और, यह तो कहा ही नहीं जा रहा कि देवी सीता और देवी राधा आदिशक्ति जगज्जननी जगदंबा का रूप नहीं हैं।गुरुदेव जी के वक्तव्य को मस्तिष्क का उपयोग कर सुना होता या ऊपर के कमेंट को ही विचारपूर्वक पढ़ लिया होता तो बकवास नहीं करता, पर तेरी खोपड़ी में तो अहंकार का भूसा भरा है, मस्तिष्क है ही कहां।
मां राधिका का पूजन अलग बात है पर मां राधा का नाम ले लेकर तुम जैसे शक्तिद्रोही जो जनसमुदाय को केवल नाच-गाने की तरफ झोंकते जा रहे, विरोध उससे है। पर तू यह स्वीकारेगा नहीं क्योंकि तुझे बस इतना ही पता है।